मंगलवार, 12 मई 2020

युवक ने घर में फांसी लगा की आत्महत्या

घरेलू कलह के चलते युवक ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या का किया प्रयास


परिजनों पड़ोसियों को जानकारी हुई तो फांसी के फंदे से बाहर निकाला


सुनील पुरी


फतेहपुर। घरेलू कला के चलते युवक ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया परिजनों और पड़ोसियों को जानकारी हुई तो तुरंत फांसी के फंदे से बाहर निकाला हालत गंभीर होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया हालांकि काफी देर चली उपचार के बाद युवक की हालत में सुधार हुआ तो फिर वापस घर ले गए।


जानकारी के अनुसार जाफर गंज थाना क्षेत्र के समसपुर गांव में घरेलू कलह के चलते बसंता निषाद उम्र 22 वर्ष पुत्र स्वर्गीय गेंदा प्रसाद निषाद ने घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया परिजनों तथा पड़ोसियों को आहट मिली तो दौड़कर फांसी के फंदे से बाहर निकाला हालत गंभीर होने पर निजी वाहन से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया काफी देर चले उपचार के बाद युवक की हालत में सुधार हुआ तो परिजन वापस घर ले गए इस बीच परिजनों में हड़कंप मचा रहा लोग दहशत में रहे।


दुनिया में मृतको की संख्या- 287332

दुनियाभर में तबाही मचाने वाली महामारी प्‍लेग ने कई सत्‍ताओं की जमीन हिला दी थी। कई नेता अपनी साख तक नहीं बचा पाए थे। वहीं, कोरोना वायरस का सत्‍ता और सत्‍ताधीशों की साख पर ठीक उलटा असर होता दिखाई दे रहा है। दुनियाभर के ज्‍यादातर नेताओं की लोकप्रियता में वैश्विक महामारी के बीच इजाफा ही हुआ है, जबकि कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2,87,332 लोगों की मौत हो चुकी है।


अमेरिका समेत कई देशों की सरकारें इस वैश्विक महामारी के आगे घुटने टेक चुकी हैं और कई देश लॉकडाउन की अवधि में वृद्धि करने से आगे कुछ सोच भी नहीं पा रहे हैं। अमेरिका की रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्‍ट ने पाया कि वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएचओ के 11 मार्च को कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद से दुनिया के 10 नेताओं की लोकप्रियता में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। इनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ऊपर हैं। भारत के अलावा ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी के शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता में इजाफा दर्ज किया गया है।


नेताओं की लोकप्रियता में दर्ज 'इजाफा'

इन शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता में दर्ज हुआ है इजाफा


अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली।  मॉर्निंग कंसल्‍ट के मुताबिक, लोगों ने उन नेताओं के पक्ष में वोट किया, जिन्‍होंने कोविड-19 को काफी गंभीरता से लेते हुए इसे फैलने से रोकने के लिए सख्‍त से सख्‍त कदम उठाए। लोकप्रियता के मामले में सबसे ज्‍यादा उछाल हासिल करने वाले नेताओं में ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी शामिल हैं।इन देशों में अन्‍य पश्चिमी देशों के मुकाबले मृत्‍यु दर काफी नियंत्रण में रही है। फ्रांस में हालात काफी खराब होने के बाद भी इमैनुअल मैक्रां की लोकप्रियता बढ़ी है। वहीं, ब्रिटेन के लोग अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पीछे खड़े नजर आ रहे हैं. लोगों में ये डर बना हुआ है कि लॉकडाउन में मामूली छूट भी हजारों लोगों की जान ले सकती है। वहीं, पीएम मोदी की लोकप्रियता में कुछ अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है।


शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं की लोकप्रियता घटी

जापान और ब्राजील के शीर्ष नेताओं की लेाकप्रियता घटी


टोक्यो/ ब्रासिलिया। कुछ देशों के शीर्ष नेताओं पर वैश्विक महामारी को लेकर नासमझी के आरोप भी लग रहे हैं। जापान ने ज्‍यादातर देशों के मुकाबले कोरोना वायरस को लेकर अच्‍छे कदम उठाए, लेकिन उस पर अन्‍य एशियाई देशों की तुलना में कम बेहतर निर्णय लेने का आरोप लग रहा है। इसलिए जापान के शीर्ष नेता शिंजो आबे की लोकप्रियता गिरी है। वहीं अमेरिका, मेक्सिको और ब्राजील के राष्‍ट्रपतियों ने कहा कि


कोविड-19 को लेकर लोग बेवजह डरे हुए हैं। इस वजह से मेक्सिको के राष्‍ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज ऑब्राडोर और अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की लोकप्रियता में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं, ब्राजील के राष्‍ट्रपति जैर बोल्‍सोनारो की लोकप्रियता 9 प्‍वाइंट्स घट गई है।


82 फीसदी भरोसा, पीएम का 'सही काम'

82 फीसदी को भरोसा, पीएम मोदी कर रहे सही काम


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में रिसर्च डेटा में अप्रूवल रैकिंग के लिहाज से 82 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है कि पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से अच्‍छे से मुकाबला कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पीएम मोदी ने समय रहते देश में लॉकडाउन का ऐलान किया और जब जरूरत पड़ी तो राज्यों के सीएम व विपक्ष के नेताओं से चर्चा कर इसे बढ़ाने का भी फैसला किया।


भारत के इस फैसले की तारीफ डब्‍ल्‍यूएचओ भी कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट के दौरान काम रहे, स्वास्थकर्मियों, पुलिसकर्मियों और दूसरे लोगों को 'कोरोना वॉरियर्स' की संज्ञा दी ताकि उनका मनोबल ऊंचा रहे। सिर्फ देश में ही नहीं पीएम मोदी ने भारत के मित्र देशों की मदद भी की। अमेरिका और दूसरे देशों को कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजी। इसके लिए ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ भी की। वहीं, राज्‍यों में फंसे मजदूरों के लिए गृहराज्‍य लौटने के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।


अप्रूवल रेटिंग में 'पीएम' निकले आगे

अप्रूवल रेटिंग में पीएम मोदी निकल गए सबसे आगे


नई दिल्ली/ सिडनी। अप्रूवल रेटिंग के लिहाज से ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन की लोकप्रियता 64 फीसदी रही है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जेम्‍स ट्रूडो की लोकप्रियता 61 फीसदी, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की 58 फीसदी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन 61 फीसदी, फ्रांस के राष्‍ट्रपति मैक्रों 34 फीसदी, मेक्सिको के अम्‍लो 64 फीसदी और ट्रंप की लोकप्रियता 44 फीसदी रही है। जापान के आबे पर सिर्फ 28 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है, जबकि ब्राजील के बोल्‍सोनारो पर 47 फीसदी लोगों को कोरोना से निपट पाने का भरोसा है। लेकिन बोल्‍सोनारो की लोकप्रियता पहले के मुकाबले घट गई है।


भरपेट रोटी नहीं दे पा रही सरकार

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 तक सबको घर देने का वादा करने वाले सत्ताधारी आज बेघर भटकते भूखे-प्यासे लोगों को एक वक्त की रोटी तक नहीं दे पा रहे हैं। इतिहास गवाह रहा है, सड़कों पर उतरी जनता ने सर्वशक्तिमान होने का दंभ रखने वाले बड़े-बड़ों को पैदल कर दिया है।


सरकार केवल आत्मप्रशंसा में मगन है। उसके ढुलमुल फैसलों की वजह से व्यवस्था असफल हो रही है, जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है। यदि सरकार रोजगार और खाने का प्रबंध कर दे तो कोरोना को सरकार नहीं जनता हरा देगी।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि लाख दावों के बावजूद झांसी, ललितपुर, मथुरा समेत कई सीमावर्ती क्षेत्रों से मजदूर अभी भी फंसे हैं। प्रदेश में मजदूरों की सुरक्षा भगवान के भरोसे है। वहीं, जो ट्रेनें भाजपाराज में चलने जा रही है, सब एसी कोच हैं। किराया भी राजधानी के बराबर है। इन ट्रेनों में जनरल या स्लीपर के डिब्बे नहीं होंगे। इन सुविधाओं का लाभ संपन्न वर्ग ही ले सकेगा। गरीब तो इनके नजदीक भी नहीं जा पाएगा। भाजपा को गरीब की जान की वैसे भी कहां परवाह है?अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी संकीर्ण मानसिकता के चलते विपक्ष के नेताओं के प्रति बदले की भावना से काम कर रही है। सीतापुर की जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा व बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। तजीन शनिवार को फिसलकर चोटिल हो गईं। अस्वस्थ होने के बावजूद उनका ठीक से इलाज तक नहीं हो पा रहा है। आजम खां भी अस्वस्थ हैं। भाजपा सरकार उनको जेल में रखकर प्रताड़ित कर रही है और उनकी छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने में लगी है।


यमुना में नहाने गए छह युवक डूबे

बागपत। बदरखा गांव के पास यमुना नदी में नहाने गए छह युवक डूब गए। चार को सकुशल बचा लिया गया जबकि एक की मौत हो गई। एक डूबे युवक की तलाश जारी है।थाना दोघट क्षेत्र के बामनौली गांव से पुष्पेंद्र, सनोज, सुखसोहन, रोहित, बॉबी उर्फ बंटी व रोहित उर्फ तूफान बदरखा गांव में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण में मजदूरी करने आए हुए थे। सोमवार दोपहर लगभग तीन बजे सभी युवक यमुना नदी में नहाने के लिए बदरखा गांव के सामने स्थित मंदिर वाले घाट पर पहुंच गए। नहाते समय सभी डूब गए। उन्हें डूबते देख आसपास के लोगों ने शोर मचाया तो वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने पुष्पेंद्र, सनोज, रोहित व सुखसोहन को सकुशल बाहर निकाल लिया लेकिन 19 वर्षीय रोहित उर्फ तूफान पुत्र गजे सिंह तथा 22 वर्षीय बॉबी उर्फ बंटी पुत्र धर्मेंद्र का कोई पता नहीं चला।शाम चार बजे बदरखा गांव में शिव मंदिर से बचाव का एलान होने के बाद काफी लोग यमुना किनारे पहुंच गए। एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह, नायब तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार भी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। सीओ ने बताया कि छह युवक नहाते समय यमुना नदी में डूब गए थे। चार को बचा लिया गया। बॉबी उर्फ बंटी का शव ग्रामीणों ने नदी से ढूंढ निकाला। रोहित उर्फ तूफान की तलाश जारी है।छह युवकों के डूबने की जानकारी जैसे ही बामनौली गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। युवकों के स्वजन बदरखा पहुंच गए। किसी ने इस बीच पुलिस को सूचना दे दी जिसके बाद मौके से पुलिस गोताखोरों के साथ पहुंचकर सर्च अभियान शूरू कर दिया। अभी एक युवक का पता नहीं चल पाया है तलाश जारी है।


 


जिले में तीसरा संक्रमित, खौफजदा लोग

महाराजगंज। जनपद में तीसरी बार मिला कोरोना संक्रमित युवक क्षेत्र में दहशत का माहौल बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद स्थित बरगदवा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा पिपरा निवासी 22 वर्षीय युवक दिल्ली से घर आया हुआ था रविवार को महाराजगंज महिला अस्पताल से इस युवक का सैंपल जांच में भेजा गया था जो सोमवार शाम रिपोर्ट आया तो क्षेत्र में दहशत का माहौल हो गया


रिपोर्ट में युवक का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है प्राप्त जानकारी के अनुसार महराजगंज में सोमवार की शाम एक युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। यह युवक दिल्ली से आया था और लक्षण के आधार पर इसे समेकित विद्यालय में क्वारंटीन किया गया था। डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार ने इसकी पुष्टि की। रविवार को महराजगंज महिला अस्पताल से इस युवक का सैंपल लेकर बीआरडी में जांच के लिए भेजा गया था। सोमवार की देर शाम आई इस 22 वर्षीय युवक में संक्रमण की रिपोर्ट मिली। यह युवक बरगदवा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव का रहने वाला है।


तबाही बना वरदान 'स्वाध्याय'

हर तबाही नेताओं के लिए वरदान ही साबित नहीं हुई है


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए कोरोनावायरस कोविड-19 से होने वाली तबाई से क्या परिणाम सिद्ध होंगे? अमेरिका की सत्ता दोबारा ट्रंप के हाथ में आएगी या नहीं? लेकिन वायरस से होने वाली तबाही ने अमेरिका से काफी कुछ छीन लिया है। जिसकी भरपाई में काफी समय लगने वाला है। ऐसी स्थिति में राजनीतिक परिवर्तन भी संभव है।


विशेषज्ञ इस पैटर्न को 'रैली-राउंड-द-फ्लैग' प्रभाव कहते हैं। इसने समय-समय पर अंतरराष्‍ट्रीय संकटों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपतियों को काफी फायदा पहुंचाया है। अध्ययन में पाया गया है कि बढ़ती देशभक्ति और उदार विपक्ष दोनों का इन शीर्ष नेताओं की लेाकप्रियता में इजाफा करने में योगदान है। हालांकि, अभी तक सभी तबाही नेताओं के लिए वरदान साबित नहीं हुई हैं। अमेरिका में 2005 में तूफान कैटरीना के दौरान तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (George W. Bush) की रेटिंग खराब हो गई थी।
वहीं, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्‍लेयर (Tony Blair) की लोकप्रियता 2005 में हुए लंदन ब्‍लास्‍ट के बाद काफी गिर गई थी। इसके अलावा फ्रांस के पूर्व राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद (François Hollande) की लेाकप्रियता 2015 में पेरिस हमलों के बाद घट गई थी। शायद मतदाताओं को लगा कि वो आतंकवाद से अच्छी तरह से निपटने में नाकाम रहे हैं। वहीं, अमेरिका के लोगों ने 2001 में हुए हमलों को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखा था।


पालूराम


महामारी के परिणामों की पुनरावृत्ति

नई दिल्ली। दुनियाभर में तबाही मचाने वाली महामारी प्‍लेग (Plague) ने कई सत्‍ताओं की जमीन हिला दी थी। कई नेता अपनी साख तक नहीं बचा पाए थे। वहीं, कोरोना वायरस का सत्‍ता और सत्‍ताधीशों की साख पर ठीक उलटा असर होता दिखाई दे रहा है। दुनियाभर के ज्‍यादातर नेताओं की लोकप्रियता में वैश्विक महामारी (Pandemic) के बीच इजाफा ही हुआ है, जबकि कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2,87,332 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका (US) समेत कई देशों की सरकारें इस वैश्विक महामारी के आगे घुटने टेक चुकी हैं और कई देश लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में वृद्धि करने से आगे कुछ सोच भी नहीं पा रहे हैं। अमेरिका की रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्‍ट ने पाया कि वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के 11 मार्च को कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद से दुनिया के 10 नेताओं की लोकप्रियता में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। इनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सबसे ऊपर हैं। भारत के अलावा ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी के शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता में इजाफा दर्ज किया गया है।


गाँव सील, अधिकारियों ने किया दौरा

सील हुआ गांव, अधिकारियों ने किया दौरा


मुंबई। वहीं डीएम रवीश गुप्त व एसपी ब्रजेश सिंह रात में करीब साढ़े दस बजे इस गांव में पहुंचे। इस व्यक्ति के अलावा इनके परिवार के चार सदस्य तथा इनके साथ आए सात अन्य कुल 12 लोगों को गांव से उठा लिया गया। पूछताछ करने पर महाराष्ट्र के ठाणे प्रशासन से सोमवार की देर रात इनके कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एके सिन्हा को मिली। इस पर जिला प्रशासन ने 32 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) खलीलाबाद में बने कोरोना एल वन वार्ड में भर्ती करवा दिया गया। वहीं शेष 11 लोगों को जिला संयुक्त चिकित्सालय(डीसीएच)स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा दिया गया। डीएम ने कहा कि इस गांव को सील कर दिया गया है। मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस कर्मी निगरानी कर रहे हैं।


पासवान ने सीएम नीतीश को पत्र लिखा

पटना। लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र में चिराग पासवान ने सीएम नीतीश को कई सलाह दिए हैं। चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि जिस तरीके से यूपी की योगी सरकार ने अपने लोगों को सड़क मार्ग के माध्यम से वापस लायी है वैसे हीं बिहार सरकार भी काम करे और मजदूरों को वापस लाए।


चिराग पासवान ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में लोक जनशक्ति पार्टी कार्यकर्ता फंसे बिहारी मजदूरों को खाने की सामग्री पहुंचाने गए तो उन्होंने पाया कि वहां रह रहे मजदूर अत्यंत दयनीय स्थिति में है। कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आई है जहां एक छोटे कमरे में बड़ी संख्या में मजदूर रहने को विवश हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि जिन राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां के मुख्यमंत्रियों से सीधा संवाद करें। उनसे यह सुनिश्चित कराएं कि वहां रह रहे बिहारी मजदूरों को जब तक वापस नहीं लाया जाता तब तक उनके रहने व खाने की उचित व्यवस्था हो।


चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से दूसरा आग्रह किया है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को बिहार वापस लाने को लेकर एक बड़ा इश्यू है। वापस आने वाले मजदूरों के पंजीकरण में कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं। पंजीकरण के लिए जो हेल्पलाइन नंबर सरकार ने जारी किए हैं उसमें से अधिकांश नंबरों पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। पंजीकरण की दूसरी प्रक्रिया में मजदूरों को ऑनलाइन फॉर्म भरना है लेकिन कई लाख ऐसे मजदूर हैं जिनके पास न तो स्मार्टफोन है और ना ही वह इतने शिक्षित हैं। तीसरी प्रक्रिया पंजीकरण स्थानीय नोडल ऑफिसर या पुलिस थाने से करवाया जा सकता है उसमें भी प्रवासी मजदूरों को उनकी वजह से वहां जाने की इजाजत नहीं मिलती है। पंजीकरण न होने के कारण कई मजदूरों का नाम वापस लौट रहे रेल यात्रियों की सूची में नहीं है। चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से आग्रह किया है कि जिन लोगों का पंजीकरण इन समस्याओं के बावजूद हो गया है उन्हें जांच कर वापस ट्रेन या बस के माध्यम से ले आएं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केंद्र के साथ विभिन्न राज्य में फंसे हुए मजदूरों की सूची साझा करें ताकि अधिक से अधिक ट्रेन की व्यवस्था की जा सके।


लोजपा सुप्रीमो ने जो तीसरा आग्रह किया है वह यह कि बिहार आने के बाद यह सुनिश्चित करना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है कि वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की सघन जांच हो, और उन्हें निश्चित अवधि के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाए।ऐसा न करने से प्रदेश में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ सकता है। चिराग पासवान ने कहा है कि  मजदूरों को बिहार लाने की जिम्मेदारी  राज्य सरकार की है वहीं मजदूरों का ख्याल रखने का कर्तव्य भी सरकार की है। सोशल मीडिया पर बिहार के मजदूरों ने कई ऐसे वीडियो साझा किए हैं जिससे उनकी बदहाल स्थिति को देख दिल भावुक हो उठा है। चिराग पासवान ने आगे कहा है कि बड़ी संख्या में मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा कर अपने घर लौटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चाहे जैसे भी हो रेलमार्ग से या फिर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने लोगों को वापस लेकर आई है वैसे ही बिहार सरकार भी मजदूरों को वापस लाने की हर संभव कोशिश करे।


हाथरस में 4 बच्चों सहित 10 संक्रमित

हाथरस में एक ही परिवार में चार बच्चों सहित दस पॉजिटिव


हाथरस। हाथरस में कोरोना वायरस के संक्रमण का संकट गहरा गया है। लगातार इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां एक परिवार के दस लोग संक्रमण की चपेट में हैं। इनमें बच्चे भी हैं। इस परिवार के बुजुर्ग नोएडा से इलाज कराकर वापस लौटे थे, जिसके बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद इस परिवार के 27 लोगों को क्वारंटाइन किया था। अब 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें चार बच्चे भी हैं। हाथरस में पॉजिटिव लोगों की संख्या नौ से बढ़कर 19 हो गई है, जिसमें चार लोग तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बृजेश राठौर ने बताया कि पीडि़त नोएडा से अपनी कीमोथेरेपी करा कर आए थे। घर के सभी मेंबर को क्वारंटाइन किया गया था। परिवार के दस लोग पॉजिटिव हैं।


'पॉजिटिव रिपोर्ट' से प्रशासन में हड़कंप

अंबेडकर नगर। अंबेडकरनगर में कोरोना ने दस्तक दे दी है। दिल्ली से आए दो युवकाें में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। रिपोर्ट आने के साथ ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। रामनगर विकास खंड के धनुकारा गांव के निवासी दोनों युवक अलग-अलग साधनों से गत सात मई को जिले में पहुंचे थे। एकलव्य स्टेडियम में इसी दिन उनकी स्क्रीनिंग की गई और संदिग्ध मानकर उन दोनों का नमूना जांच के लिए लखनऊ भेजा गया। साथ ही इसी दिन उन्हें होम क्वारंटाइन के लिए आवश्यक हिदायत के साथ भेज दिया गया।सोमवार को जब इनकी रिपोर्ट आई तो पॉजिटिव निकली। इससे प्रशासनिक अमला सकते में आ गया। सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है।


झांसी में एक और वायरस पॉजिटिव

झांसी में मिला एक और संक्रमित


झांसी। झांसी में सोमवार को एक और कोरोना पॉजिटव सामने आया है। यह कोतवाली क्षेत्र के बिसातखाना में मिले कोरोना पोजिटिव का भाई है। इसे मेडिकल कॉलिज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। आज यहां 119 में से एक पॉजिटिव मिला है। इसके साथ जिले में अब 26 पॉजिटिव हैं। यहां पर दो लोगों की कोरोना के कहर से मौत भी हो गई है।


लखनऊ को राहत नहींः बीते सप्ताह में तीन बार राहत के बाद कल लखनऊ के कैसरबाग सब्जी मंडी इलाके में पांच और कोरोना के मरीज पाए गए। इससे इलाके में एक बार फिर दहशत मच गई है। इनमें चार पुरुष और एक महिला शामिल है। सभी को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऐसे में राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों की संख्या 262 हो गई है। अब तक 210 लोग कोरोना के प्रकोप से बाहर आ चुके हैं।


क्वॉरेंटाइन सेंटर में युवक की मौत

सिकंदराबाद के क्वारंटीन सेंटर में युवक की मौत


बुलंदशहर। सिकंदराबाद क्षेत्र के क्वारंटीन सेंटर में युवक की मौत का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार युवक हरदोई जिले के गजाधरपुर, टडियावा का रहने वाला था। वह अपने परिवार के साथ गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्राम देवला में मजदूरी करता था। रविवार को सिकंदराबाद टोल से उसे क्वारंटीन सेंटर में भेजा गया था। उसे टीबी की बीमारी थी। ज़िला प्रशासन ने बताया की उसके पिता ने तथ्य छिपाया, बीमारी की जानकारी पूछने पर भी नहीं दी। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। शव परिजनों को सौंप दिया गया है।


अलीगढ़ में मिले दो और संक्रमित केस

अलीगढ़ में दो कोरोना पॉजिटिव केस मिले


अलीगढ़। अलीगढ़ में आज दो कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसी फफाला के दवा कारोबारी को प्रशासन ने पॉजिटिव घोषित किया है। फिलहाल वह दिल्ली के एक हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर है। उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। वहीं सासनी गेट क्षेत्र के मोहल्ला अनारकली की महिला संक्रमित पाई गई है। वह आगरा रोड के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार करा रही थी। इस तरह जनपद में अब कोरोना वायरस से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़कर 59 तक पहुंच गई है। इसमें से तीन मरीजों की पहले मौत हो चुकी है।


4 नए वायरस पॉजिटिव, 43 क्वॉरेंटाइन

गाजियाबाद में चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाजियाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार को चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। क्षेत्र में सघन निरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। संभावनाएं हैं संक्रमण बढ़ ना जाए। इनमें तीन पुरुष और एक महिला है। दो मरीज इंदिरापुरम क्षेत्र के हैं, जबकि एक मरीज प्रताप विहार और एक साहिबाबाद क्षेत्र का है जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा स्थिति का जायजा लिया गया एवं 43 संदिग्धों को क्वॉरेंटाइन किया गया।


दूसरे राज्यों से आने वाले कई कामगार मिल रहे पॉजिटिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले कई कामगार कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गांव निगरानी समिति और शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति का गठन किया गया है, ताकि मामलों पर नजर रखी जा सके।


दुश्मन से निपटने को तैयारः राजनाथ

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय सीमा पर नजर आने वाले दुश्मन के साथ ही कोरोना वायरस जैसे अदृश्य दुश्मन से निपटने के लिए तैयार है।


राजनाथ ने कहा-  भारत को सैन्य उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आयोजितः ऑनलाइन समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को सैन्य उपकरणों के निर्माण में निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहिए और सरकार इसके लिए एक नीतिगत ढांचा बनाकर घरेलू रक्षा उद्योग को समर्थन दे रही है। भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था, उसी दिन को याद करने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है, स्वदेशी प्रौद्योगिकी हासिल करने का प्रतीक भी है।


राजनाथ सिंह ने कहा- रक्षा मंत्रालय देश के सभी दुश्मनों को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध। राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं अपने देश के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि रक्षा मंत्रालय देश के सभी दुश्मनों को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहें वो शत्रु सीमा पर नजर आने वाले हों या कोरोना वायरस जैसे नजर नहीं आने वाले दुश्मन हों।'


डीआरडीओ ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में 50 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए। उन्होंने आगे कहा, 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में पिछले तीन-चार महीने में बायो-सूट, सैनिटाइजर डिस्पेंसर, पीपीई किट्स इत्यादि समेत 50 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए हैं।' उन्होंने कहा कि हमारे रक्षा उद्योग की अदम्य भावना के चलते रिकॉर्ड समय में इन उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को बड़े पैमाने उत्पादन का संभव हो सका है। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने नीतिगत ढांचा तैयार किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पाद के नए लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे हासिल करने के लिए 'सही' नीतिगत ढांचा तैयार किया है। हमारा हमेशा यह मानना है कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी और स्वदेशी उत्पाद का कोई विकल्प नहीं है। हम सही मायने में तभी पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन पाएंगे, जब भारत प्रौद्योगिकी के आयातक देश से निर्यातक देश बन जाएगा।


चंदौली छोड़ 74 जिलों में वायरस पहुंचा

चंदौली छोड़कर प्रदेश के 74 जिलों में पहुंचा कोरोना


चंदौली। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण सोमवार को 74 जिलों तक पहुंच गया। अब सिर्फ चंदौली ही ऐसा जिला बचा है जहां अभी तक कोई भी कोविड-19 मरीज नहीं है। सोमवार को बलिया व आंबेडकर नगर नए जिले के रूप में सामने आए, जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं। अब कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 3573 हो गई है। प्रदेश में सोमवार को 109 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, जबकि 105 को डिस्चार्ज किया गया है। डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की कुल संख्या 1758 पहुंच गई है। वहीं प्रदेश में अब 1735 एक्टिव मरीज बचे हैं। अब तक 80 मरीजों की मौत हो चुकी है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-347, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. बुधवार, अक्टूबर 02, 2024 3. शक-1945, आश्विन, कृष्ण-पक्ष,...