नई दिल्ली। कोरोना के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा दुनियाभर में फंसे भारतीयों को लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। गुरुवार को विदेश से आ रहे सैकड़ों भारतीयों के लिए देश के हवाई अड्डे और बंदरगाह पूरी तरह तैयार हैं। गुरुवार से शुरू हो रहे अब तक के इस सबसे बड़े अभियान की तैयारियों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कई बैठकें कीं। साथ ही हवाई अड्डों को भी इसके लिए तैयार किया गया क्योंकि गुरुवार को एयर इंडिया की ऐसी ही एक फ्लाइट 200 नागरिकों के साथ अबूधाबी से भारत आ रही है।
सूत्रों ने बताया कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ‘वंदे भारत मिशन’ नामक इस अभियान की सफलता के लिए जारी प्रयासों के तहत कई राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। योजना के अनुसार सरकार, गुरुवार से विभिन्न देशों में उड़ानें भेजना शुरू करेगी। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मिशन के क्रियान्वयन पर खुद ही नजर रख रहे हैं और उन्होंने इस विषय पर कई बैठकें की जिनमें गृह मंत्रालय,नागर विमानन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे। विदेश मंत्रालय ने इस काम के सिलसिले में अधिकतर राज्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।
एयरपोर्ट्स पर तैयारियां पूरी
इस बीच देश में हवाई अड्डों पर कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों के आगमन के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। विमान और समुद्री मार्ग से चलने वाले इस अभियान की शुरुआत गुरुवार को अबूधाबी से कोच्चि के लिए एयर इंडिया की उड़ान के रवाना होने के साथ होगी। एअर इंडिया की गैर अधिसूचित वाणिज्यिक उड़ान गुरुवार को 200 यात्रियों को लेकर अबूधाबी से रवाना होगी और सुबह पौने दस बजे केरल के कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचेगी।
इस अभियान के मद्देनजर तिरुवनंतपुरम, दिल्ली और मुंबई समेत कई हवाई अड्डों पर साजो-सामान संबंधी प्रबंध और स्वास्थ्य नियमों के अनुपालन संबंधी इंतजाम कर लिए गए हैं। अबू धाबी से पहली उड़ान से आ रहे यात्रियों में शामिल जिष्णु नामक एक व्यक्ति ने बुधवार को एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘टिकट मिलने से मैं बहुत खुश हूं। मुझे कल बताया गया कि मैं यात्रा कर सकता हूं।’
15000 भारतीयों को वापस लाने की तैयारी
‘वंदे भारत मिशन’ नामक इस अभियान में खाड़ी देशों से लेकर मलेशिया तक, ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक विभिन्न देशों में फंसे भारतीय वापस लाए जाएंगे जिसके लिए एयर इंडिया 12 देशों से करीब 15000 भारतीयों को लाने के लिए पहले चरण में 13 मई तक 64 उड़ानें परिचालित करेगी। 13 मई के बाद निजी भारतीय एयरलाइनें भी भारतीयों को वापस लाने के इस काम में जुड़ सकती हैं। पहले दिन विदेश में विभिन्न स्थानों से 10 उड़ानों को परिचालित करने की योजना है। गुरुवार को कोच्चि के अलावा कोझिकोड़, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर विदेशों से उड़ानें पहुंचेंगी। केवल उन यात्रियों को सवार होने दिया जाएगा जिनमें लक्षण सामने नहीं आए हैं।
एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने बताया कि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और बंदरगाह पर वापस आ रहे इन भारतीयों के आगमन के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं। यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए हवाई अड्डे पर थर्मल स्क्रीनर लगाए गए हैं और उनके आइसोलेश का इंतजाम किया गया है। कोच्चि के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने चार पायलट समेत 12 चालक दल के सदस्यों को अभियान की शुरुआत से पहले प्रशिक्षण दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) सही तरीके से पहनने और उतारने की जानकारी दी गई और उड़ान के दौरान विमान के अंदर वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहनने और उतारने की जानकारी देने के लिए पायलटों और चालक दल के सदस्यों को प्रशिक्षण किट भी मुहैया करायी गई।
केरल के सीएम ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि बिना कोविड-19 परीक्षण के प्रवासी केरलवासियों को लाना खतरनाक है क्योंकि इससे संक्रमण फैलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में राज्य की चिंता से उन्हें अवगत कराया। उनकी इच्छा है कि विमान में सवार होने पहले उनका परीक्षण हो। दिल्ली सरकार ने स्वदेश वापसी की उड़ानों से विदेश से लौट कर शहर के हवाई अड्डे पहुंचने वाले लोगों की जांच और प्रबंधन करने के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए। एक आदेश में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह विदेश मंत्रालय द्वारा अन्य देशों में स्थित भारतीय मिशनों के समन्वय से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से स्वदेश वापस लाने की योजना के मद्देनजर किया गया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार की आशंका को कम करने के लिए, स्वदेश वापसी के बाद शहर के हवाई अड्डे पर उतरने वाले ऐसे यात्रियों की जांच और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कुल 1000 लोग नौसेना के जहाज आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर से से पहली यात्रा में वापस लाये जाने हैं। अभियान के तहत 64उड़ानों से संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपीन, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से फंसे हुए भारतीय लाए जाएंगे।