नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग के बीच देश में पर्सनल प्रॉटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट की बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ कारोबारियों ने खादी इंडिया के नाम पर नकली किट बेचने का काम शुरू कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि खादी इंडिया ब्रैंड नाम की सत्वाधिकारी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने अभी तक इस तरह के किट को बाजार में उतारा ही नहीं है। अब जबकि खादी के नाम पर किट बेचे जा रहे हैं तो केवीआईसी ने ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया है।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय, जिसके तहत केवीआईसी काम करता है, के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाजार में खादी इंडिया के ब्रैंड नाम से नकली पीपीई किट बिकने की सूचना मिली है। वे मैन मेड फाइबर से बने कपड़ों से पीपीई किट बना रहे हैं। यह पूरी तरह से नकली है, क्योंकि खादी इंडिया के पीपीई किट डबल-ट्विस्टेड हैंड-स्पन, हाथ से बुने हुए खादी कपड़े का उपयोग पीपीई किट बनाने में करता है। इसलिए, पॉलिस्टर और पॉलीप्रोपाइलीन जैसे गैर-बुनी सामग्री से बने किट न तो खादी उत्पाद हैं और न ही केवीआईसी उत्पाद।
होगी कानूनी कार्रवाई
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि केवीआईसी ने खादी कपड़े से बने अपने स्वयं के पीपीई किट का विकास किया है, जो परीक्षण के विभिन्न स्तरों पर है। अभी तक केवीआईसी ने खादी पीपीई किट को बाजार में नहीं उतारा है। पीपीई किट को ‘खादी इंडिया’ के नाम पर धोखे से बेचना अवैध है। साथ ही, वे हमारे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं, जो कोरोना बीमारी के मामलों से नियमित रूप से निपट रहे हैं। सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
दिल्ली की कंपनी बना रही नकली किट
केवीआईसी के डिप्टी सीईओ सत्य नारायण के संज्ञान में आया कि दिल्ली की कोई निचिया कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी इस तरह का नकली किट बनाकर बाजार में बेच रही है। उनका कहना है कि अभी तक केवीआईसी ने कोई भी पीपीई किट बाजार में नहीं उतारा है और न ही इसे किसी निजी एजेंसी को आउटसोर्स किया है।
इस समय सिर्फ फेस मास्क
मंत्रालय का कहना है कि इस समय केवीआईसी सिर्फ विशेष रूप से डिजाइन किए गए खादी फेस मास्क का उत्पादन और वितरण कर रहा है, जो उच्चतम सुरक्षा मानकों के अनुरूप है। इन मास्क के निर्माण के लिए डबल-ट्विस्टेड खादी कपड़े का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि यह 70% नमी सामग्री को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, ये मास्क हाथ से बने हुए और हाथ से बुने हुए खादी के कपड़े से बने होते हैं, जो सांस लेने योग्य, धोने योग्य और बायोडिग्रेडेबल होते हैं।