कोरोना के कहर चलते लॉकडाउन जारी मकनपुर: कोटेदार की मनमानी चलते दाने दाने को मोहताज राशन कार्ड धारक
अमित तंवर
गाजियाबाद। सम्पूर्ण विश्व में कोरोना वायरस ने महामारी बनकर कोहराम मचा रखा है। ऐसा मुश्किल ही कोई देश होगा जो कोरोना वायरस के चंगुल से बच सका होगा। कोरोना वायरस के कहर के चलते भारत में मोदी ने 22 मार्च को पहला लॉक डाउन किया था और उसके बाद से निरंतर ही लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष खाने-पीने का संकट गहरा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के चलते राशन कार्ड धारकों को माह में एक बार मुफ्त में राशन दिया जा रहा है तथा दूसरी बार कोटे की राशन कोटे के दाम पर मिल रही है। साथ ही योगी सरकार ने यह भी फैसला किया है कि यदि किसी राशन कार्डधारक का कार्ड किन्हीं कारणों से बंद हो गया हो तो उसे उसी कार्ड पर उक्त नियमों अनुसार माह में दो बार राशन मिलेगी। साथ ही यदि किसी ने राशन कार्ड के लिए आवेदन भी किया हुआ हो उसे भी आवेदित फार्म की कॉपी दिखाये जाने पर राशन दिये जाने के आदेश प्रशासन को दिये गये है। जिससे गरीबों के सामने से भोजन का संकट हटते नज़र तो आ गया। किन्तु कुछ कोटेदार अपने धूर्तपने से बाज नहीं आ रहे है।
गाजियाबाद के वार्ड नंबर 57 मकनपुर गांव में ऐसा ही कुछ कोटेदार राशन कार्ड धारकों के साथ कर रहे है। वे राशन कार्ड धारकों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन तो मिल रहा है। मगर गांव के कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड है पर उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। जब गांव के गरीब अपना राशन कार्ड लेकर राशन कोटेदार के यहां पहुंचता है कोटेदार द्वारा यह कहकर उसे भगा दिया जाता है कि तुम्हारा राशन कार्ड बंद है पहले राशन कार्ड चालू कराओ तभी राशन मिलेगा। ऐसे में तो जिन लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है उन्हें तो कोटेदार द्वारा राशन मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
वहीं सूत्रों की माने तो कोटेदार राशन कार्ड चालू कराने व नये बनवाने के लिए रूपये 300 लगेंगे की बात कर रहे हैं और यह भी जानकारी मिली कि वह अपने जान-पहचान व रिश्तेदार वालों को बिना राशन कार्ड के ही राशन वितरित करा रहा हैं। ऐसे में गरीब मजदूर कहां जाए एक तो खाने को राशन नहीं दूसरा कि वह 300 रूपये कहां से लाए। गांव के गरीब लोगो का क्या होगा कोटेदार जो अपनी मनमानी चला रहे हैं। इन राशन कोटेदारों का भी कुछ करेगी सरकार जहां मोदी योगी सरकार का कड़ा उल्लंघन हो रहा है कुछ लोगों ने तो कहा कि इससे अच्छा तो राशन कोटेदार किसी और को होना चाहिए था।
गांव के गरीबों के इस बार की पूर्ण जानकारी हमारे संवाददाता को दी और समाचार पत्र के माध्यम से कोटेदार की शिकायत और सरकार से विन्रम अपील की है कि उक्त मामले पर अतिशीघ्र कार्यवाही करते हुए उन्हें राशन मुहैया कराने का कष्ट करें।