मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

नमाज रोकने पर पथराव, 27 घायल

औरंगाबाद । महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मस्जिद में नमाज पढ़ने को रोकने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया गया। जिले के ग्रामीण इलाके में सोमवार रात 8 बजे हुई इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में पुलिस ने अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं।


बताया जा रहा है कि संभाजी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में करीब 100 लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। पुलिस ने पहले उन्हें रोका और लॉकडाउन का हवाला देकर अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की। इस दौरान कुछ लोग भड़क गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव की खबर पाकर मौके पर मौके पर भारी संख्या में फोर्स पहुंच गई और लोगों को हटाया। साथ ही घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में पुलिस अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।


सावधानी से खरीदे 'टेस्टिंग उपकरण'

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र सरकार से जांच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों को मंगाने में सावधानी बरतने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई किसी भी प्रकार से कमजोर नही पड़नी चाहिए। मायावती ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को कोरोना जांच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों को मंगाने में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि कोरोना महामारी से लड़ाई में किसी प्रकार कमजोर न पड़े।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में विदेशो से मंगाये सामाने में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। गरीब दलतों के कल्याण का पैसा डाइवर्ट करके अनुचित तौर पर खर्च कर दिया था। बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा“ जैसा कि विदित है कि केन्द्र में कांग्रेस के राज में हुये दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स की तैयारी में खासकर विदेशों से मंगाये गये सामान में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ था साथ ही गरीब दलितों के कल्याण हेतु स्पेशल कम्पोनेट प्लान का भी पैसा डाइवर्ट करके इसी पर अनुचित तौर पर खच्र कर दिया गया था।”


उन्होंने कहा “अतः केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार को भी उससे सबक सीखकर कोरोना बीमारी की विशेषकर जाँच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों आदि को विदेशों से मंगाते समय जरूर पूरी-पूरी सावधानी बरतनी चाहिये ताकि कोरोना प्रकोप से लड़ाई किसी भी प्रकार कमजोर न पड़े। बी.एस.पी. की यह माँग व अपील भी है।”


 


आईटी के कर्मचारी करें वर्क फ्रॉम होम

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं। खासकर आईटी सेक्टर के ज्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं। इसको लेकर अब नई एचआर पॉलिसी बनाई जा सकती है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम का कान्सेप्ट एक बड़े वर्ग के कर्मचारियों के लिए आगे बढ़ने वाला है।


हालांकि, वर्क फ्रॉम होम की वजह से संचार व्यवस्था में काफी बदलाव देखा जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारी और मैनेटमेंट के बीच संबंध भी पहले जैसे नहीं रहेंगे और काम करने के समय में भी बदलाव हो सकता है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए एक नई एचआर पॉलिसी बनाए जाने की जरूरत हो सकती है। 


घरों से किया जा सकता है काम


कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया था। जिसकी वजह से सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों को दफ्तर की बजाय घरों से काम करना पड़ रहा है। ऐसे में घरों से काम न कर पाने की धारणा भी टूट गई और कर्मचारियों ने भी बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया। एक तरफ तो कर्मचारियों की दफ्तर जाने की आदत छूट गई। जबकि दूसरी तरफ घर से काम करने की आदत भी बन गई। ऐसे में आने वाले समय में घरों से काम करने के लिए एक नई पॉलिसी की आवश्यकता होगी। क्योंकि अभी तक कोई भी ऐसी पॉलिसी नहीं है जो घरों से काम करने के नियम कायदे बताती हो। 


10 लाख कर्मचारी करेंगे WFH 


आईटी उद्योग की जानी मानी शख्सियत सेनापति गोपालकृष्णन ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य होने पर भी 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घर से ही काम करने की संभवना है। उन्होंने कहा कि अब मुझे बताया गया है कि कई बड़े (आईटी) संगठनों में 90 से 95 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं। और वह बदलाव बेहद सहज रूप से और बहुत तेजी से किया गया। मुझे लगता है कि ये अब कारोबार का लगातार चलते वाला हिस्सा बन जाएगा। 


विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कम्पनियां वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा बढ़ावा देंगी। ताकि आने वाले समय में वे किराये की लागत में काफी बचत कर सकें। इतना ही नहीं राष्ट्रीय आपदा अधिनियम लागू होने के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे प्रगतिशील संगठनों ने अपने कार्यालय-आधारित कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का प्लेटफॉर्म देने का निर्णय लिया है। ऐसे में जल्द ही नई पॉलिसी सामने आ सकती है जो पुरानी पॉलिसी से बेहद अलग होगी।


अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव टालने से मना

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में तीन नवंबर को होने वाले रष्ट्रपति चुनाव को कोरोना वायरस संकट के कारण टाले जाने की किसी भी संभावना से इनकार किया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने चुनाव की तारीख टालने के बारे में कभी नहीं सोचा। मैं ऐसा क्यों करुंगा? तीन नवंबर अच्छी तारीख है।’’राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से ट्रंप के संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन ने पिछले सप्ताह कहा था कि ट्रंप तारीख बदलने पर विचार कर रहे हैं।


बाइडेन ने ऑनलादन चंदा इकट्ठा करने वाले एक कार्यक्रम में कहा था,‘‘मेरी बात याद रखना, मेरा मानना है कि वह किसी भी तरह चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे, कोई ठोस कारण लाएंगे कि चुनाव क्यों नहीं कराया जा सकता।’’ट्रंप ने इस पर कहा,‘‘नहीं, मैं उस चुनाव का इंतजार कर रहा हूं और यह दुष्प्रचार वह नहीं बल्कि और लोग कर रहे हैं जो कुछ लिखने का काम करते हैं। मैं देखता हूं कि आप हर बार जो बात करते हैंवो जो बाइडेन का नाम ले कर करते हैं।’’ ट्रंप ने कहा,‘‘उन्होंने वो बयान नहीं दिए, किसी और ने दिए हैं और उनका नाम लगा दिया है। उन्हें बता दूं कि मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं सोच रहा हूं।


 


3 मई के बाद भी बंद रहेंगे संस्थान

नई दिल्ली/लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन पार्ट-2 की अवधि 3 मई को समाप्त होने जा रही है। ऐसे में सभी को ये जानने की जिज्ञासा है कि लॉकडाउन पार्ट-3 होगा या 3 मई को लॉक डाउन खुल जाएगा। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सरकार 3 मई के बाद लॉकडाउन में भारी रियायत दे सकती है। लेकिन 3 मई तक लागू लॉकडाउन के बाद भी शिक्षण संस्थान, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) के पहले की तरह ही बंद रहने की पूरी संभावना है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। इस बात का संकेत सोमवार को पीएम मोदी (PM Modi) की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की गयी बैठक में भी सुनने को मिला है।


निजी वाहनों को अनुमति लेकिन रेल और हवाई सेवा पर प्रतिबंध
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ग्रीन जोन (Green zone) के जिलों में सीमित संख्या में निजी वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जा सकती है। जिसमें भी लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्याना रखना होगा। लेकिन रेलगाड़ियों और हवाई सेवाओं की बहाली की हाल फिलहाल कोई संभावना नहीं है।


3 को होगा लॉकडाउन पर अंतिम फैंसला
कोरोना वायरस की महमारी (Pandemic) के खिलाफ जारी लॉकडाउन आगे बढाया जाएगा अथवा नही इस रणनीति पर सोमवार को हुई बैठक के बाद कोई फैंसला फिलहाल नही लिया गया है। हालांकि ज्यादातर राज्यों ने लाॅकडाउन को बढाने की ही सिफारिश की है. लेकिन इस पर अंतिम फैंसला 3 मई को ही लिया जाएगा।


राजस्थान में नहीं रुक रहा संक्रमण

जयपुर/नई दिल्ली। देश में 3 मई तक लॉक डाउन होने बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नहीं ले रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 29 हजार के पार पहुंच गई है। राजस्थान में भी (कोविड-19) का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में मंगलवार को 66 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 2328 हो गई है।राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आज यानि मंगलवार को राज्य में 66 नए मामले सामने आए हैं। जोधपुर में 13, अजमेर में 11, जयपुर में 17 और कोटा में 19 मामलों की पुष्टि हो गई है। राज्य में मरीजों की संख्या 2328 हो गई है। इनमें से 51 लोगों की मौत भी हो गई है।


यूपी में साधुओं की हत्या, मचा बवाल

लखनऊ। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की हत्या पर मचा बवाल ठंडा भी नहीं हुआ था कि यूपी के बुलंदशहर जिले में दो साधुओं की हत्या से बवाल मच गया है।
बुलंदशहर के अनूपशहर इलाके में दो साधुओं की हत्या कर दी गई। ये साधु मंदिर परिसर में सो रहे थे जब धारदार हथियार से हमलाकर इनकी हत्या कर दी गई। घटना की खबर लगते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और शक के आधार पर लोगों ने एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना अनूपशहर कोतवाली के पगौना गांव की है। दोनों साधु स्थानीय शिव मंदिर  की देखरेख का काम करते थे। लोगों को सुबह मंदिर में साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले। इसे देखकर कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मंदिर पर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। घटना की जानकारी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत कड़ी कार्रवाई करने के आदेश एसपी को दिये। जिसके बाद जिले के सभी आला अफसर मौके पर पहुंच गए और दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस जुट गई है।


एक साथ नहीं खुलेगा 'लॉक डाउन'

नई दिल्ली। सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से संवाद के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। सरकार की ओर से मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा दिल्ली में केंद्र सरकार से लेकर जम्मू-कश्मीर से केरल तक राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं। शुरुआती चर्चाओं में जो चीजें निष्कर्ष के रूप में सामने आ रही हैं, उनमें मूल बात यही है कि केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है।


इस लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार उन इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो कि कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन गए हैं। दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर अब भी पाबंदियों में ही रखे जा सकते हैं।


रियायतों के साथ जारी रहेगा लॉकडाउन?
सोमवार को पीएम से चर्चा के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है। पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी यह माना है कि पूरी तरह से लॉकडाउन हटाने का फैसला सही नहीं होगा।


‘रेड जोन को ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करें राज्य’
वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों से रेड जोन हुए हिस्सों में और अधिक ध्यान देकर इन्हें ऑरेन्ज जोन और ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों बातचीत के दौरान यह स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के कारण देश के कई हिस्सों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। हालांकि पीएम ने इस बात की ओर भी संकेत किए कि कई विशेषज्ञों ने इस बात को माना है कि कोरोना का असर आने वाले कुछ महीनों में और भी अधिक हो सकता है। पीएम ने राज्यों से विमर्श के बाद अब केंद्र को लॉकडाउन पर फैसला लेने की सभी स्थितियों पर मंथन करने के लिए कहा है।


सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कई नियम रहेंगे बरकरार
माना जा रहा है कि 3 मई के बाद सरकार उन इलाकों में थोड़ी रियायत दे सकती है जो कि कोरोना के हॉटस्पॉट नहीं हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और शहरी क्षेत्रों के बाजारों पर से आंशिक रूप से प्रतिबंध भी हटाया जा सकता है। इसके लेकर गृहमंत्रालय खुद एक विस्तृत गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि अगर सरकार बाजार खोलने के आदेश देती भी है तो यहां सोशल डिस्टेंसिंग और अलग-अलग समय के निर्धारण पर दुकानों के खुलने के नियम लागू किए जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े महानगरों में हर रोज आ रहे केसों को देखते हुए यहां कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-262 (साल-01)
2. बुधवार, अप्रैल 29, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्ठी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कालाबाजारी में यूपी गवर्नमेंट नंबर-1

आकांक्षा उपाध्याय


लखनऊ/अयोध्या। "जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का" की तर्ज पर हल्का पुलिस के संरक्षण में दारू विक्रेताओं ने शराब की जमकर कालाबाजारी किया। सही मायने में उत्तर प्रदेश की सरकार कालाबाजारी में नंबर वन पर है। पूरे प्रदेश में कालाबाजारी के झंडे गाड़ दिए गए हैं। जिसके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्य दिशा निश्चित नहीं है।100 रूपये की शराब 300 से 500 रूपये में बेंचकर अनुज्ञापी मालामाल हो गये। कालाबाजारी की जानकारी जनता के बींच से उठकर आलाधिकारियों तक पहुंची तो प्रशासन की टीम ने शराब की दूकानों पर जब छापेमारी शुरू की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आये। कहीं स्टाक रजिस्टर में दर्ज बोतलों से कम माला मिला तो कहीं पूरी दूकान ही बोतलों से खाली मिली। यही नहीं कई दूकानदार तो भाग खडे हुए।
नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि जनता के बींच से यह जानकारी आयी थी की चोरी छिपे लॉकडाउन के दौरान अंग्रेजी शराब के अनुज्ञापियों द्वारा चोरी छिपे शराब की बोतलें पियक्कड़ों को उपलब्ध करायी जा रही हैं। जानकारी को संज्ञान में लेते हुए शनिवार की रात से दूकानों पर छापेमारी शुरू की गयी पहला छापा रिकाबगंज अल्काटावर के सामने स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान पर डाला गया। स्टाक रजिस्टर से जब मिलान किया गया तो पता चला कि लगभग 28 बोतलें नदारद हैं उन्होंने बताया कि सीओ सिटी अरविन्द चौरसिया की मौजूदगी में हुई छापेमारी के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। रविवार को छुट्टी के बावजूद सुबह से ही छापेमारी शुरू कर दी गयी। गंन्दा नाला सुभाष नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान जब अनुज्ञापी द्वारा खुलवायी गयी तो वहां एक भी बोतल शराब है ही नहीं। शराब की बोतलें कहां गयीं इसकी जानकारी में अनुज्ञापी छापामार दल को नहीं दे पाया। नाका स्थित बियर की दूकान पर जब छापा डाला गया तो पता चला कि स्टाक में दर्ज माल से कम शराब व बियर की बोतले हैं। अनियमित्ता पाये जाने के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। इसी भांति गुदड़ी बाजार मोड़ पर स्थित शराब की दूकान के अनुज्ञापी को जब अधिकारियों ने बुलवाया तो उसने बताया कि दूकान की चाभी नहीं मिल रही है। छापामार दल जिसमें आबकारी इंस्पेक्टर नीरजा सिंह भी शामिल थीं उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि रविवार की रात में भी अंग्रेजी शराब की दूकानों पर छापे मारे जायेंगे। नतीजों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी उनके निर्देश के बाद ही दोषी अनुज्ञापियों के विरूद्ध सम्बन्धित थानों में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। पुलिस, आबकारी व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी से शराब विक्रेताओं के होश उड़ गये हैं और लॉकडाउन के दौरान मालामाल होने का सपना पाले लोगों के सिर पर कानून की तलवार लटकती दिखायी पड़ने लगी है जिससे उनकी नींद हराम हो गयी है।


 


दुनिया के अनुभव ने काफी कुछ सिखाया

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से एक बार फिर से मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन को लेकर चर्चा की। इसस दौरान हिमाचल और मेघालय को छोड़कर सभी राज्यों ने लॉकडाउन को खत्म करने की सलाह दी। संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हुई है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो।


देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।  बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना वायरस पर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। वहीं, इस चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे गए। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं। चर्चा के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।कोरोना वायरस को लेकर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से  कहा कि केरल ने अपने सुझाव लिखित में दिए हैं। उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। पीएम के हस्तक्षेप से हम जल्द ही अपने उद्योग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर पाएंगे। सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, व्यापार और व्यापार गतिविधियां चरण-वार तरीके से शुरू होनी चाहिए। हमें धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने के लिए लोगों के जीवन को आसान बनाना होगा। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बात की कि लॉकडाउन के बाद केंद्र के निर्देशों का किस तरह पालन होगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्य के स्वास्थ्य संबंधी योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और कोविद -19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वह लॉकडाउन जारी रखने के पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जाए। पटनायक ने कहा, “मैं केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि हम अर्थव्यवस्था के उपायों को शुरू करें क्योंकि हम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शाम जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर 26917 हो गई है। इस बीच 5914 लोगों को अस्पताल से छुटी दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने के प्रतिशत में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है तथा यह बढ़कर 21.90 फीसदी तक पहुंच गया है। बाकी 20177 लोगों का देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उधर, कैबिनेट सचिव ने भी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में ज्यादा मामले हैं, वे लॉकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं तथा चिकित्सा सेवाओं को मजबूत बनाएं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया और कोरोना को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा। कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप ढल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ सीखा रहा है, इसलिए हमें  अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।


886 लोगों की मौतें, संक्रमित 28380

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और एनसीडीसी ने संयुक्त संवाददाता में कोरोना वायरस को लेकर कई तथ्य सामने रखे। गृह मंत्रालय ने बताया कि छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमटीसी) के गठन के अलावा आज चार और आईएमटीसी का गठन किया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि मरीजों का रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। प्रेस कांफ्रेंस में कोविड एंपावर्ड ग्रुप अधिकारी भी मौजूद थे।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कल से आज तक 491 लोग ठीक हुए हैं, ठीक होने वालों की कुल संख्या 4748 हुई। पिछले 24 घंटे में 1684 नए मामले सामने आए हैं। अबतक संक्रमितों की कुल संख्या 28380 है। 4748 लोग अभी तक सही हुए हैं, हमारा रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। पिछले 28 दिन से 15 जिलों में कोई नया केस सामने नहीं आया है। अभीतक 80 जिलों में पिछले 14 दिन से नया मामला सामने नहीं आया है। कोरोना से अबतक 886 लोगों की मौत हुई है। कोई भी शिकायत मिलने पर हमारी रैपिड एक्शन टीम तुरंत हरकत में आ जाती है। ये हाउस टू हाउस सर्च करती है, और इसका डाटा रिकॉर्ड किया जाता है। मरीजों का उपचार होने तक उसकी निगरानी चलती रहती है, 28 दिनों तक निगाह रखी जाती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमित इस आधार पर दी गई है कि लॉकडाउन नियमों, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो।   कुछ ऐसी व्याख्या की जा रही थी कि किसी फैक्टरी में कोविड मरीज पाए जाने पर सीईओ को सजा हो सकती है, या फैक्टरी को तीन महीने के लिए सील किया जा सकता है, इसलिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के गठन के अलावा गृह मंत्रालय ने आज चार और आईएमटीसी का गठन किया है। इन टीमों को एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी देख रहे हैं। मुंबई की टीम ने कहा है कि सर्विलांस की और जरूरत है। इंदौर टीम ने 171 कंटेनमेंट जोन के बारे में बताया है। हेल्थ प्रोटोकॉल का मजबूती से पालन किया जाए।


विश्व में उम्मीद की नई आशा जगी

अकाशुं उपाध्याय


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन (बंद) में यूरोपीय देशों द्वारा चरणबद्ध एवं व्यस्थित तरीके से ढील दिए जाने की कोशिशों के तहत स्पेन ने छह सप्ताह के बंद के बाद पहली बार बच्चों को बाहर जाकर खेलने की अनुमति दी। इस बीच, अमेरिकी गवर्नर अपने-अपने राज्यों में अपने-अपने तरीके से बंद में ढील देने के लिए कदम उठा रहे हैं।
     
चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का केंद्र रहे वुहान के अस्पतालों में कोविड-19 का अब कोई मरीज नहीं है। वुहान में इस संक्रमण से करीब 3,900 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद सोमवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में काम पर लौट आए हैं। अमेरिका में संक्रमण के बुरी तरह प्रभावित न्यूयॉर्क और मिशिगन के गर्वनरों ने कम से कम मई के मध्य तक बंद लागू रखने का फैसला किया है। जॉर्जिया, ओकलाहोमा और अलास्का ने कुछ कारोबार फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। अमेरिका स्थित 'जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी' के अनुसार संक्रमण से दुनिया भर में दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। इटली, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस में बीस-बीस हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 55,000 है। इटली में मौत की संख्या में कमी आने के बीच प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते ने सामान्य स्थिति पर लौटने के लिए एक समय-सारिणी तैयार की है जिसके तहत फैक्ट्रियों, निर्माण कार्यों और थोक आपूर्ति कारोबारों को संक्रमण को काबू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की शर्त पर काम पुन: आरंभ करने की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि चार मई से पार्क खोल दिए जाएंगे, अंतिम संस्कार की अनुमति दी जाएगी, एथलीट प्रशिक्षण आरंभ कर सकेंगे और एक ही क्षेत्र में रहने वाले अपने संबंधियों से मिल सकेंगे। यदि सब सही रहा, तो 18 मई को स्टोर और संग्रहालय खोल दिए जाएंगे और एक जून से कैफे एवं सलून खोले जाएंगे। लेकिन उन्होंने लोगों को इस दौरान मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की हिदायत दी। दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस संक्रमण के केवल 10 नए मामले सामने आए हैं। यह लगातार 26वां दिन हैं जब नए मामलों की संख्या 100 से नीचे है। देश में इस वायरस से कुल 10,738 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 243 की मौत हो गई है। दक्षिण कोरिया ने वृहद स्तर पर जांच करके और मरीजों को पृथक-वास में रख कर इस संक्रमण को काबू किया है। देश में आर्थिक गतिविधियों या अन्य गतिविधियों पर बंद लागू नहीं किया गया था लेकिन स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिन्हें खोले जाने पर विचार किया जा रहा है।


सभी से लॉक डाउन पालन की अपील

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को किस तरह आया बढ़ाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली इस बैठक में गृह मंत्री अमित ने शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार ने सावधानीपूर्वक ट्रेड और इंडस्ट्री को कुछ छूट दी है। पीएम मोदी के ‘जान भी जहान भी’ के मार्गदर्शन पर सब आगे बढे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लड़ाई लंबी है धैर्य के साथ लड़नी पड़ेगी।


कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने बैठक में कहा, ‘ये हमारा चौथा संवाद है। बीच-बीच में सभी मुख्यमंत्रियों से मेरी व्यक्तिगत बात होती रहती है। हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर दिख रहा है। लॉकडाऊन का प्रभाव पड़ा है और हमें उसका फायदा मिल रहा है।


बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आए तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा था, ‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं।आपको अपने अति-उत्साह में ये नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा. कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।


सेवानिवृत्ति में नहीं किया कोई बदलाव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने की कोई योजना नहीं है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मीडिया के एक हिस्से में आई उन रिपोर्टों का खंडन किया कि कर्मचारियों को जल्द सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्तमान में 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर उन रिपोर्टों को गलत बताया कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 50 वर्ष तक कम करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है।


मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने के किसी प्रस्ताव पर और सरकार के किसी स्तर पर चर्चा नहीं की गई है। सिंह ने कहा, कुछ प्रेरित तत्व हैं, जो पिछले कुछ दिनों में मीडिया के एक वर्ग में इस तरह की गलत जानकारी फैला रहे हैं। वे ऐसी खबरों के लिए सरकारी सूत्रों या कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हैं। इससे जुड़े पक्षों के मन में उत्पन्न भ्रम दूर करने के लिए हर बार एक त्वरित खंडन करने की मांग की जाती है। सिंह ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस समय देश कोरोना वायरस संकट से गुजर रहा है, कुछ तत्व और निहित स्वार्थी लोग मीडिया की कहानी गढ़कर सरकार के अच्छे कामों का महत्व कम करने की कोशिश करते हैं। इसके विपरीत कोरोना वायरस की चुनौती की शुरुआत से ही सरकार और कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित निर्णय लिया है।


उड़ी एलओसी पर गोलाबारी जारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सोमवार को भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच भारी गोलीबारी और गोलाबारी शुरू हो गई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि हाजीपीर इलाके में दोनों पक्षों के बीच बड़े पैमाने पर गोलीबारी हुई। 
पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी शुरू कर दी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल कर करारा जवाब दिया। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया कि क्या पाकिस्तान की गोलाबारी का मकसद घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ कराना था। आखिरी रिपोर्ट आने तक, क्षेत्र में अभी भी छिटपुट गोलाबारी का दौर चल रहा था।


उन्नाव की महिला पत्रकार हुई संक्रमित

महिला पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित
उन्‍नाव। जिला के गंगाघाट थानाक्षेत्र में शुक्लागंज की आनंद नगर मोहल्ला निवासी एक महिला पत्रकार के कोरोना वायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद उन्हें पृथक-वास में रखा गया है। संक्रामक रोग प्रभारी डा. आर एस मिश्रा ने सोमवार को बताया कि रविवार देर रात कानपुर से सूचना मिली कि जनपद के शुक्लागंज नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इसके बाद कानपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला पत्रकार को लेकर कानपुर चली गयी जबकि उनके परिवार के तीन अन्‍य सदस्‍यों को उन्‍नाव जिला अस्‍पताल में आइसोलेट किया गया है। तीनों का सैम्‍पल लेकर जांच के लिए भेजा जायेगा।


मिश्रा ने बताया कि महिला पत्रकार का सैम्‍पल कानपुर में लिया गया था। इसलिए कानपुर में ही उन्‍हें पृथक-वास में रखा गया है। जिले में कोरोना संक्रमित यह दूसरा मरीज है। इससे पहले एक मरीज उन्‍नाव शहर कोतवाली अंतर्गत किला क्षेत्र में मिला था। सूचना के साथ ही उन्‍नाव जिला प्रशासन हरकत में आ गया और घर के आसपास के एक किलोमीटर इलाके को सील कर दिया।


मिश्रा ने बताया कि नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर पूरे एरिया को सैनिटाइज करने का कार्य शुरू कराया है। दो दिन पहले अचानक तेज बुखार से पीडित हुए सीएमओ के रसोइया के बारे में मिश्रा ने बताया कि उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है । सीएमओ उन्नाव ने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है । रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्‍त होगी, आगे की कार्रवाई की जायेगी।


प्रवासियों को वापस लेने की अपील

महाराष्ट्र ने 6 राज्यों से की अपने 3.5 लाख प्रवासियों को वापस ले जाने की अपील, कहा- राज्यों की सीमा तक हम छोड़ेंगे


मुंबई। लॉकडाउन के दौरान नांदेड़ में ऐतिहासिक गुरुद्वारा हुजूर साहिब में फंसे 100 सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे के पंजाब हरियाणा और नई दिल्ली वापस पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता ने अन्य राज्यों के प्रमुखों से अपने प्रदेश के लोगों को वापस ले जाने की अपील की है। महाराष्ट्र में फिलहाल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 3.5 लाख प्रवासी फंसे हुए हैं। मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्यों के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार है।


शनिवार को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने कश्मीरी कामगारों और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपने राज्यों में वापस भेजा है। पंजाब, हरियाण और दिल्ली के कुल 3800 श्रद्धालु लॉकडाउन घोषित होने से एक दिन पहले 23 मार्च को नांदेड़ आए हुए थे और फिर वहीं फंस गए।


3300 किमी का फासला तय करेंगी बसें


पहला जत्था शुक्रवार को रवाना किए जाने के बाद पंजाब सरकार ने शनिवार को 80 और बसें भेजीं जिसके आज पहुंचने की संभावना है। ये बसें बाकी श्रद्धालुओं को वापस लेकर आएंगी। ये बसें 3,300 किमी दूरी का फासला तय कर लौटेंगी जिसमें तीन ड्राइवर, एक कंडक्टर और एक पुलिसकर्मी मौजूद होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहता ने अन्य राज्यों के अपने समकक्षों से कहा कि अगर वह राजी हो जाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को अपने राज्य से उनके राज्यों की सीमा तक छोड़ेगी। वैसे ही जहां महाराष्ट्र के कामगार फंसे हैं उन्हें भी अन्य सरकारें राज्य की सीमा तक छोड़ें। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय मेहता ने ये मुद्दा केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बैठक में उठाया।


केंद्र के सामने उठाया गया है मुद्दा
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे ने यह मुद्दा केंद्र सरकार और राज्य का दौरा करने पहुंची केंद्रीय टीम के सामने भी उठाया है, लेकिन दोनों ही तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें 15 अप्रैल को करीब 1500 प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। मजदूरों को ये जानकारी मिली थी कि इस दिन उनके लिए लंबी दूरी वाली ट्रेन शुरू कर दी जाएंगी। गौरतलब है कि तख्त श्री हजूर साहिब सिख धर्म का एक पवित्र स्थान माना जाता है। देश भर में लॉकडाउन बढ़ने के बाद फंसे हुए श्रद्धालु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में थे जिन्होंने सीएम ठाकरे से बातचीत की।


पंजाब के सीएम ने ली थी इजाज़त
ठाकरे ने सिंह ने कहा कि उन्हें श्रद्धालुओं को भेजने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके बाद पंजाब के सीएम ने ये मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा जिन्होंने इसे विशेष मामला मानते हुए श्रद्धालुओं को ले जाने की अनुमति दी। पंजाब और महाराष्ट्र के बीच प्रमुख सचिव स्तर की वार्ता होने के बाद इसे मंजूरी मिल गई और नादेड़ के कलेक्टर को सिखों को यात्रा पास देने के निर्देश दिए गए।


अधिकारी ने कहा कि हमने श्रद्धालुओं को बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए। बसों में 52 यात्रियों की क्षमता के बावजूद सिर्फ 35 यात्रियों को भेजा गया. बाकी श्रद्धालुओं को भेजने के लिए 100 बसों की जरूरत होगी। श्रद्धालुओं के शुक्रवार को बस में चढ़ने से पहले उनकी मेडिकल जांच की गई। टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि वापस पहुंच के लिए बाद ये सभी लोग 14 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे।


14 मार्च के बाद मौतों में भारी कमी

रोम। इटली में कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौतों का 14 मार्च के बाद सबसे कम आंकड़ा दर्ज किया गया है।नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने एक दिन में 260 मौतों का आंकड़ा दर्ज किया है। बता दें, अमरीका के बाद इटली में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इटली में 26,644 लोगों की मौत हुई है। इटली में लगातार तीसरे दिन मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई है। शनिवार को इटली में 415 मौतें हुई थीं।


वहीं इटली जहां लॉकडाउन से निकलने की तैयारी कर रहा है, वहीं यह स्पष्ट है कि लोम्बार्डी में कुछ गड़बड़ियां हुईं, जो कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। इटली यूरोप में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और अमेरिका के बाद सबसे अधिक इसी देश में 26 हजार लोगों की इस घातक वायरस से मौत हुई है। इटली में सबसे पहले यह मामला 21 फरवरी को सामने आया और उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर जोर दे रहा था कि वायरस पर ‘नियंत्रण किया जा सकता है। हालांकि इस बात के भी साक्ष्य हैं कि जनसांख्यिकी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों के साथ ही राजनीतिक एवं व्यावसायिक हितों के कारण लोम्बार्डी की एक करोड़ आबादी प्रभावित हुई और सबसे ज्यादा दुखद स्थिति नर्सिंग होम में देखी गई।


स्पेन में मृतकों की संख्या में कमी

 मेड्रिड। कोरोना वायरस महामारी से स्पेन में रोज मरने वालों की संख्या में कमी आई है और रविवार (26 अप्रैल) को यह संख्या 288 रही जो 20 मार्च के बाद से सबसे कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। देश में पिछले छह हफ्तों में पहली बार लॉकडाउन में ढील देते हुए बच्चों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रोज मरने वालों की संख्या में कमी आयी है और यह शनिवार (25 अप्रैल) के 378 के आंकड़े से घटकर रविवार को 288 दर्ज किया गया। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से देश में अबतक 23 हजार 190 लोगों की मौत हो चुकी है जो दुनिया में अमेरिका और इटली के बाद सर्वाधिक है। स्पेन की सरकार द्वारा बच्चों को घर से बाहर निकलने देने की सख्त मनाही के आदेशों को हटाए जाने के कारण करीब छह हफ्ते बाद सड़कें बच्चों के खेलने-कूदने से गुलजार दिखीं। करीब 44 दिनों तक बच्चों के घरों में रहने के बाद स्पेन की सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रविवार सुबह पहली बार घर से बाहर आने की इजाजत दी। वे अब अपने माता-पिता में से किसी एक के साथ घर के एक किलोमीटर तक के दायरे में एक घंटे तक सैर कर सकेंगे। फेस मास्क लगाकर घूम रहे तीन साल की उम्र के जुड़वां लड़कों की मां सुसाना ने कहा, “यह शानदार है। मैं विश्वास नहीं कर सकती छह हफ्ते हो गए। मेरे लड़के बहुत सक्रिय हैं। आज जब उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा खुला देखा और मैंने उन्हें उनकी साइकिल दी तो वे बेहद रोमांचित नजर आए।” बच्चे अपने साथ अपना एक खिलौना रख सकते हैं लेकिन उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें कम से कम एक मीटर की दूरी बरकरार रखनी होगी। पार्क भी बंद रखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि माता-पिता और बच्चे बाहर घूमकर आने के बाद साबुन से अच्छी तरह अपने हाथ धोएं।


प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत'

प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत'  डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। आपने कभी सोचा है कि आपका चाय-समोसा ख...