मंगलवार, 24 मार्च 2020

यूपीः बैंकों में 2 बजे तक होगा काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लॉकडाउन वाले 16 शहरों में बैंकिंग काम सुबह 10 बजे से दो बजे होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तर प्रदेश ने यह निर्देश प्रदेश के 16 शहरों के जिला स्तरीय बैंकर्स समिति को भेज दिया है।


इंडियन बैंक एसोसिएशन के निर्देश पर सोमवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उप्र. के कन्वेनर डॉ. रामजस यादव ने बताया कि यह व्यवस्था उन शहरों में लागू होगी, जहां पर सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है। इनमें आगरा, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, अलीगढ़ और सहारनपुर शामिल हैं। यह व्यवस्था 25 मार्च तक ही अमल में लाई जाएगी। साथ ही एटीएम की सुविधा जारी रहेगी। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि बैंक में एक साथ पांच से ज्यादा लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी होगी। यही नहीं जिन खातों को एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है उन खातों से नगदी निकासी एटीएम से ही करानी होगी।


बुखारः युवती पर बना जांंच का दबाव

रामबहादुर निषाद 


जहानाबाद। फतेहपुर में नोएडा से मजदूरी कर लौटी युवतियों को ग्रामीणों ने जांच कराने का बनाया दबाव।
मिली जानकारी के अनुसार थाना जहानाबाद क्षेत्र के मोहल्ला पोजेपुर निवासी रामकिशोर की पुत्री नोएडा में रहकर नौकरी कर रही थी। बीते दिनों जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च नोएडा छोड़कर अपने गृह निवास आई तो मोहल्ले वासियों को  उन पर बुखार की सूचना मिलते ही जांच का दबाव बनाने लगे। कोविड कोरोना वायरस के भय का आतंक दिनों इस कदर हावी है कि लोग बाहर से आए हुए लोगों को शक भरी निगाह से निहारने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते नोएडा से जैसे ही वापस आयी युवतियां अपने घर पहुंची तो मोहल्ले वालों को जानकारी हुई कि उपरोक्त युवतियों को बुखार के लक्षण दिख रहे हैं। जिस पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों में जांच की गुहार लगाई। जिस पर डिप्टी सीएमओ नोडल अधिकारी के.के. श्रीवास्तव ने बताया दोनों युवतियों को सावधानी बरतने को कहा गया है। उन पर कोरोना जैसा कोई मर्ज नहीं हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने बताया जैसे ही उन्हें जानकारी मिली तो  उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देकर उपचार की बात कहीं। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त युवतियों में कोरोना जैसे किसी भी प्रकार के लक्षणों से इनकार किया गया।


'लॉकडाउन' के पीछे का सच

लोक डाउन के पीछे की सच्चाई


 अकाशुं उपाध्याय/इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद। वैश्विक महामारी कोविड-19 मानव जीवन से मौत का खेल, खेल रहा है। मानव समाज इस महामारी से बचने के लिए पर्यत्नशील है। वायरस का संक्रमण नियंत्रित करने के सरकार के प्रयास पर्याप्त हो सकते हैं। लेकिन जनता के एक तबके को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जनपद गाजियाबाद में लोोककडाउन से मजदूर वर्ग खासी मुसीबतों का सामना कर रहा है। आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं जो प्रतिनिधि चुनाव में वोट के लिए उसी मजदूर वर्ग का क्या-क्या पकड़ता नजर आता है? आज उसके लिए उसकी सुध लेना कितना जरूरी है? सामान्यतः मजदूर एक इंसान हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि शायद कुछ और है। प्रदेश केे सर्वाधिक घनी आबादी वाले क्षेत्र में लोक डाउन का कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है? मजदूर वर्ग के लिए कोई भी आगे आने वाला नहीं है। आज विषम परिस्थितियों में मजदूर वर्ग को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।
 सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट हो गई है। संकट के समय जो शासक जनता को समर्पित रहता है, उसका भारी अकाल पड़ गया है। जनपद स्थित लोनी नगर पालिका के 55 वार्डों में स्थित किसी भी सभासद के पास ऐसा कोई आंकड़ा या जानकारी नहीं है कि उनके वार्ड में ऐसे कितने मजदूर हैं। जो अति आवश्यक सामग्री के अभाव से ग्रसित है। इनमें ज्यादातर हस्तचालित रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, बेलदारी-पल्लाधारी करने वाले आदि मजदूर और उनके परिवारों के सामने भयानक संकट उत्पन्न हो गया है। अफसोस की बात तो यह है। ज्यादातर जनप्रतिनिधियों के पास समस्या से जूझने की कोई भी योजना नहीं है। विशेष बात तो यह है कि जनप्रतिनिधियों के घर-कार्यालय पर सामान्य उपयोग में सैनिटाइजर आदि उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मजदूर वर्ग का 'राम रखवाली' है। ज्यादातर मजदूर गैर पंजीकृत है। उनके प्रति सरकार का कोई दायित्व नहीं है? 


1.जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेयः- जिला अधिकारी के द्वारा सीधा संदेश दिया गया है। भुखमरी, तंगहाली के लिए विशेष तौर पर टीम गठित की गई है, जो ऐसे उपेक्षित वर्ग को चिन्हित कर रही है। खदान्न सहित सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द ही प्रदान किया जाएगा।
2.उप-जिलाधिकारी खालिद अंजुम खान:- शासनादेश के दिशा अनुरूप कार्य किया जा रहा है। यदि कोई अन्य सर्कुलर जारी होगा तो कठोरता से नियम अनुसार पालन किया जाएगा। क्षेत्र में 11000 से अधिक श्रमिक कार्यरत है। जिनका आवश्यक विवरण श्रम-विभाग को भेज दिया गया है। 600 से अधिक कार्डधारक, श्रमिक चिन्हित किए गए हैं। गैर पंजीकृत श्रमिकों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा हैं। सभी को जल्द से जल्द खदान्न आदि की पूर्ति का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। यदि बावजूद इसके भी कोई अपेक्षित रहेगा तो मानवीय आधार पर हम हर संभव सहयोग करेंगे।
3. नंदकिशोर गुर्जर विधायक:- स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर समस्या है। इस पर अभी होमवर्क नहीं किया गया है। जल्द ही हम इस समस्या के विरुद्ध कोई निर्णय लेंगे।
4.रंजीता धामा अध्यक्ष:- नगर पालिका अध्यक्ष से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। संभवतः ऐसे संकट के समय उनका अपना बचाव अधिक आवश्यक है। जनता के प्रति उनके दायित्व का कोई मूल्य नहीं है।


डगमगाया इमान, बढ़ गई कालाबाजारी

रुद्रपुर। तीन दिन तक टोटल लॉक डाउन की सूचना पर महानगर के व्यापारियों का ईमान डगमगा गया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के जिला प्रशासन को दिए आश्वासन के बाद भी आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी धड़ल्ले से की गई, मगर व्यापार मंडल के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अफसर इन कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश नहीं लगा सके। राष्ट्रीय आपदा के वक्त लोगों की सामान खरीदने की मजबूरी का फायदा उठाया गया। यह हाल महानगर का मंगलवार की सुबह दिखाई दिया।


यूं तो जिला प्रशासन ने सुबह सात बजे से दस बजे तक का वक्त आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए मुकर्रर किया था, लेकिन सुबह छह बजे ही किराने की दुकानें खुल गई थी। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। राष्ट्रीय आपदा में भी व्यापारियों ने अपना ईमान डिगा दिया। दालें, सोयाबीन की बरी, आटा, चावल तक के दामों पर बढ़ोत्तरी कर दी गई। यह हाल उस थोक व्यापारी ने किया जो खुद को भाजपा के साथ ही व्यापारी नेता भी कहलाते हैं। जब थोक वस्तुओं के दाम बढ़े तो रिटेल वस्तुओं के भी दाम बढ़ गए। बाजार से लेकर गली मोहल्लों तक में किराने की दुकानों पर खरीदारों की अभूतपूर्व भीड़ थी। दरअसल प्रशासन ने आगामी तीन दिन के लिए पूरी तरह लॉक डाउन का ऐलान किया है। लोगों को यह महसूस होने लगा है कि जिला प्रशासन के अधिकारी इस लॉक डाउन को आगे भी बढ़ा सकते हैं।


कर्नाटक में 31 मार्च तक लॉकडाउन

बेंगलुरु। कोविड-19 पॉजिटिव परीक्षणों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पूरे कर्नाटक को लॉक डाउन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने मंगलवार को इसकी घोषणा की, जो 31 मार्च तक लागू रहेगी।


येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, “कोविड-19 संकट के कारण बनी हुई स्थिति को देखते हुए हमने न केवल 9 जिलों बल्कि पूरे कर्नाटक राज्य को लॉकडाउन करने का निर्देश दिया है। यह लॉकडाउन मंगलवार से 31 मार्च तक के लिए किया गया है। मेरा सभी नागरिकों से अनुरोध है कि सहयोग करें और घरों में रहें।” इससे पहले उन जिलों में ही लॉकडाउन किया गया था, जहां कोविड-19 के केस आए थे। डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने घर से येदियुरप्पा ने कहा कि सभी लोग आने वाले उगाडी त्यौहार को अपने घरों में साधारण तरीके से मनाएं। इस घातक वायरस के डर से कर्नाटक सरकार ने करगा उत्सव भी रद्द कर दिया है। येदियुरप्पा ने खाद्य और भोजन सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति का आश्वासन दिया है। येदियुरप्पा ने कहा, “ज्यादा मात्रा में खरीददारी करने और डरने की जरूरत नहीं है। खाद्य और भोजन सामग्री की दुकानें खुली रहेंगी। आप सभी के सहयोग से हम इस स्थिति से लड़ सकते हैं।” वहीं लॉकडाउन के दौरान उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच, मंगलवार का शहर के केआर मार्केट में लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर घूमते हुए नजर आए। ऐसे लोगों को पुलिस ने जबरदस्ती घर भेजा और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने ट्वीट किया, “नागरिकों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ‘घर के अंदर रहें का नियम’ लागू है। कानून का कोई खतरा नहीं है। बतौर नागरिक अपनी भूमिका अदा करें। हमारे जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। कृपया अपने लिए घर में ही रहें।


केंद्र शासित राज्यों में कंप्लीट लॉकडाउन

नई दिल्ली। देश के 32 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 560 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया। इसी बीच, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों ऐसे हैं, जहां धाराएं ही लगाई गई हैं। तीनों राज्यों में कुल 58 जिले बंद हैं।


वहीं लक्षद्वीप में आंशिक लॉकडाउन किया गया है। यात्री जहाजों को द्वीप में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है। भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या अब 500 पर पहुंच चुकी है, जिसमें नौ मौतें भी शामिल हैं।


गरीब-मजदूरों की मदद करेंः कपिल

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में बेरोजगार गरीबों की आर्थिक मदद करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 10 हजार रुपये दिए जाने चाहिए।


सिब्बल ने कहा, “युद्ध में हों तो प्रतिक्रिया भी युद्ध स्तर पर करें।” कांग्रेस सांसद ने सरकार से आग्रह किया कि वह तेजी से इस बाबत कार्य करे और दरवाजे तक मुसीबत आने का इंतजार न करे। हालांकि, उन्होंने शटडाउन को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि ढेर सारे लोग बेरोजगार हो गए हैं, जैसे प्रवासी, असंगठित क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले, कृषि श्रमिक, बेरोजगार और दिहाड़ी मजदूर। इन सभी को संकट से उबारने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रत्येक को 10 हजार रुपये प्रदान किए जाने चाहिए। कांग्रेस ने पहले ही गरीबों के लिए वित्तीय पैकेज की मांग की है। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए कथित तौर पर तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बताया कि उन्हें क्या करना चाहिए, लेकिन यह नहीं बताया कि बीमारी को रोकने के लिए सरकार क्या करेगी।कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने ट्वीट किया, “हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री एक वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकते हैं, और हमें उम्मीद है कि यह उनके पूंजीवादी दोस्तों के लिए नहीं होगा बल्कि गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए होगा, जो बेरोजगार हो गए हैं।


उमर की नजरबंदी का आदेश निरस्त

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत चल रही नजरबंदी के आदेश को रद्द कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पीएसए नजरबंदी आदेश को निरस्त कर दिया गया है।


सूत्रों ने कहा कि उमर अब्दुल्ला अब श्रीनगर में हरि निवास जलवायु को छोड़ देंगे। अब्दुल्ला वहां 5 अगस्त, 2019 से नजरबंदी में रह रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने कहा, “वह शीघ्र ही गुपकर रोड स्थित अपने निवास पर पहुंचेंगे, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए, किसी को भी उमर साहब से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” ऐसे हालातों में उमर के अपनी रिहाई के बाद मीडिया को संबोधित करने की भी संभावना नहीं है। बता दें कि उमर की रिहाई से कुछ दिन पहले ही उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की भी रिहाई हुई थी। उमर की बहन सारा पायलट द्वारा दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे जल्द ही उमर अब्दुल्ला को रिहा करने का इरादा रखते हैं या नहीं। अब केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। सूत्रों ने बताया कि इस सप्ताह के अंत तक उनकी भी रिहाई की संभावना है।


शिवराज के सामने अब ज्यादा चुनौती

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इस बार ज्यादा हैं चुनोतियाँ


शेख़ नसीम 


भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सत्ता से बेदखल करके प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान के सामने पहले के मुकाबले इस बार ज्यादा चुनोतियाँ हैं सबसे पहले कोरोना वायरस से निपटने की चुनोती इसके बाद कांग्रेस से बगावत करके कांग्रेस की सरकार को गिराने वाले और अब भाजपा में शामिल हुए बागी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर और 25 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में उनको भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़वाना एवं भाजपा के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं से आपसी तालमेल बिठाना ये वो चुनोतियाँ हैं जिससे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निपटना हैं।


कांग्रेस के बागी विधायकों में से 10 विधायको का मंत्री बनने तय हैं जिसमे से कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 6 पूर्व मंत्री शामिल हैं लेकिन भाजपा सरकार में मंत्री रहे उन विधायको को शिवराजसिंह चौहान कैसे डील करते हैं और किस- किसको मंत्री बनाते हैं ये देखने वाली बात हैं शिवराज सरकार में पहले जो मंत्री थे उनमें से अगर किसी एक को भी मंत्री नही बनाया गया तो ये शिवराज सरकार के लिए घातक होगा। दूसरी और आगामी 25 सीटों पर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में 22 कांग्रेस के विधायक जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं उनको उन्ही के क्षेत्र से टिकट देना भाजपा के स्थानीय दावेदारों को नाराज़ करने वाला फैसला होगा और हो सकता हैं उस दौरान भाजपा के टिकट के दावेदार बगावत पर उतर जाए बहरहाल शिवराज सिंह चौहान के सामने अबकी बार ज्यादा चुनोतियाँ हैं और शिवराजसिंह इन चुनोतियो से कैसे निपटते हैं ये तो आने वाला समय ही बताएगा।


भारत का सफल प्रयासः डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर भारत में किए जा रहे अलर्ट और इससे निपटने की गई तैयारियों को लेकर भारत की तारिफ की है। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामले के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए भारत को अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखनी चाहिए। भारत में कोरोना के 499 मामले सामने आए हैं और इसके प्रसार को रोकने के लिए 548 जिलों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।


सजा 7 वर्ष से कम तो मिलेगी पैरोल


सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जेल में बंद कैदियों को 6 सप्ताह के लिए दी जाएगी पैरोल

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के मध्य सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। फैसले के मुताबिक देश में मौजूद सभी जेलों में सजा काट रहे वे कैदी जिनकी सजा 7 वर्ष से कम है उन्हें पैरोल दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को 6 सप्ताह के लिए पैरोल देने को कहा है। इस फैसले से जेलों में मौजूद हजारों कैदियों को पैरोल मिलने का रास्ता साफ हो गया है।


ज्ञातव्य है कि कोरोना का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। अब तक देश में 418 मामले सामने आ चुके हैं, यहीं नहीं 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि राज्य सरकारें हाई पॉवर कमेटी का गठन करें। इस समिति में लॉ सेकेट्ररी, राज्य लीगल सर्विस ऑथोरिटी के चैयरमैन, जेल के डीजी को शामिल किया जाए। कमेटी तय करे कि 7 वर्ष की सज़ा वाले मामलो में किन सजायाफ्ता दोषियो और अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल या अन्तरिम ज़मानत पर छोड़ा जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।


राज्यसभा चुनाव किये गये स्थगित

नई दिल्ली। कोरोना वाइरस के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है।इलैक्शन कमीशन ने राज्यसभा चुनाव स्थगित कर दिया है।26 मार्च को होने वाला था चुनाव।जैसा कि मालूम है कि राज्यसभा की 55 सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सभा र चुनाव की प्रक्रिया 6 मार्च को शुरू हुई और 26 मार्च को मतदान होने वाला था। जिन राज्यों में राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव हो रहे थे, उनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सात, तमिलनाडु में छह, पश्चिम बंगाल में 5 सीटें सीटों के लिए चुनाव हो रहे थे।इसी तरह पश्चिम बंगाल में पांच आंध्र प्रदेश में चार, तेलंगाना में दो, असम में 3, बिहार में पांच ,छत्तीसगढ़ में दो ,गुजरात में चार, हरियाणा में दो, हिमाचल प्रदेश में एक, झारखंड में दो ,मध्यप्रदेश में तीन, मणिपुर में एक ,राजस्थान में तीन और मेघालय में एक सीट के चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी।


मंत्रीपरिषद की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक

रायपुर। कोरोना वायरस के चलते छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज 24 मार्च को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के चलते राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय ने छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के निवास और मुख्यमंत्री निवास को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोडऩे के लिए सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।


संक्रमणः अंतिम-संस्कार पर उपजा विवाद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में विलंब से किया गया क्योंकि लोगों ने यह कहते हुए नाकेबंदी कर दी कि क्रिया-कर्म से वायरस फैल सकता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोलकाता पुलिस केंद्रीय प्रभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने उन्हें बताया कि मृतक के शव को लपेटने के दौरान, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। डरने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्य अस्पताल नहीं आए। इसके अलावा, शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था। अधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में फिलहाल भर्ती, मृतक की पत्नी ने स्वीकृति दी जिसके बाद विभाग को शव सौंपा गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, ''सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शव पर रसायनों का लेप लगाया गया और फिर उसे निर्दिष्ट तरीके से लपेटा गया। हमने किसी तरह एक शव वाहन का इंतजाम किया और बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया। 
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इस व्यक्ति को 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 फरवरी को इस व्यक्ति की हालत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था। नॉर्थ 24 परगना के दम दम निवासी इस व्यक्ति ने सोमवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया।
देश में कोरोना मरीजों की संख्‍या 500 पहुंची-
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है। मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हो गए हैं जिनमें से 446 लोगों का अभी इलाज चल रहा है।


जरूरी सामान की कमी, मूल्य दर बढ़ी

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर अब लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों में आम जरूरत की चीजों के साथ खाद्य वस्तुओं के भी दाम बढ़े हैं। खुद सरकार के आंकड़े बताते है कि खाने पीने की चीजो के दाम में पिछले एक सप्ताह और रविवार को जनता कर्फ्यू के बाद बढ़े हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह के दौरान दाल, सब्जी और खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि दर्ज हुई है। खुदरा बाजार में यह इजाफा और ज्यादा है। बाजार से जुड़े जानकर मानते हैं।  दिल्ली में 31 मार्च तक बाजार बंद होने से दूसरे प्रदेशों में आपूर्ति और मांग का संतुलन बिगड़ सकता है। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम और बढ़ सकते हैं। सरकार के मूल्य निगरानी प्रभाग के मुताबिक दालों की कीमतों में अरहर की दाल में पांच से छह रुपये किलो तक वृद्धि हुई है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रति किलो तक है। आंकड़े बताते है कि पिछले साल के मुकाबले अरहर या तूर की दाल की कीमत बीस रुपये से अधिक बढ़ी है। सोमवार (23 मार्च) को अरहर की कीमत श्रीनगर और हरिद्वार में 95 रुपये किलो तक पहुंच गई। इसी तरह उड़द और मूंग की दाल की कीमतों में भी काफी इजाफा हुआ है।
खाद्य तेल में जबरदस्त वृद्धि का रुझान
खाद्य तेल की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि का रुझान है। सरसों और वनस्पति की कीमत पांच रुपये प्रतिकिलो तक सरकारी आंकड़ों में बढ़े है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रतिकिलो तक है। शिमला में सरसों का तेल 130 रुपये पर पहुंच गया, जबकि एक सप्ताह पहले तेल की कीमत 117 रुपये प्रति किलो थी। गेंहू के आटा और चावल की कीमत भी बढ़ी है। दूसरी तरफ आवाजाही कम या लगभग बंद होने से स्थानीय स्तर पर दाम कम हुए है।


 


लक्षणः गंद-स्वाद का एहसास ना होना

आकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को लेकर एक और खौफनाक दावा सामने आया है। डॉक्टरों का कहना है कि गंध और स्वाद का अहसास न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। डॉक्टरों ने इस समस्या का सामना करने वाले लोगों को भी सेल्फ आइसोलेट करने की सख्त जरूरत है। 
डॉक्टरों का मानना है कि संक्रमण के संभावित मरीजों की पहचान के लिए यह भी एक सुराग हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वाद और गंध नहीं समझ पाने या अहसास खो देने वाले लोगों को खुद को तत्काल प्रभाव से अलग-थलग कर लेना चाहिए। उन्हें जांच भी करवानी चाहिए भले ही उनमें पास कोई अन्य लक्षण न हों।
मरीजों ने बताए एनोस्मिया के अनुभव : दक्षिण कोरिया में 30 प्रतिशत यानी 2,000 रोगियों ने ऐसे अनुभव बताए हैं। ऐसे लोगों में वायरस के संचरण की एक उच्च दर चीन, इटली और ईरान में भी रिपोर्ट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप वहां कई मौतें हुई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक मां जो कोरोना वायरस से संक्रमित थी उसे बच्चों के डायपर की गंध नहीं आ रही थी। वहीं, एक रसोइया जो आमतौर पर हर डिश में से मसाले को पहचान सकते हैं, वह कढ़ी या लहसुन और भोजन का स्वाद नहीं महसूस कर पा रहा था। कुछ का कहना है कि वे शैंपू की खुशबू या कूड़े की दुर्गंध आदि महसूस नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर इसको एनोस्मिया कहते हैं। अन्य देशों की रिपोर्टों में भी कोरोनो वायरस रोगियों की बड़ी संख्या ने एनोस्मिया का अनुभव किया।  
ब्रिटेन में शुरू हुआ विस्तृत अध्ययन : ब्रिटिश राइनोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर क्लेयर हॉपकिंस ने बताया कि शुक्रवार को, ब्रिटिश कान, नाक और गले के डॉक्टरों ने दुनियाभर के सहयोगियों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए इस पर विस्तृत अध्ययन शुरू कर दिया है। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उन वयस्कों को सात दिनों के आइसोलेशन के लिए बुलाया, जो अपनी इंद्रियों से गंध और स्वाद को खो चुके हैं, भले ही उनमें संक्रमण के कोई अन्य लक्षण न हों। हालांकि, अभी इसकी प्रमाणिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हो लेकिन डॉक्टर संक्रमण के फैलाव को लेकर चिंतित हैं। साथ ही प्रसार को धीमा करने के लिए आइसोलेशन कर क्वारंटाइन के लिए चेतावनी दे रहे हैं।
अमेरिका में भी देखे गए ऐसे लक्षण : अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलर्यनोलोजी (ईएनटी विज्ञान) ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि संकेत मिलता है कि गंध की कमी या स्वाद की कमी संक्रमण से जुड़े अहम लक्षण हैं और यह उन रोगियों में देखे गए हैं जिनमें कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाए गए हैं। उस दौरान उनमें अन्य लक्षण नहीं थे। 
इटली में इसी से बढ़े मामले : इटली में वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला है कि स्वाद और गंध का अहसास खोना एक संकेत है जो एक स्वस्थ व्यक्ति को वास्तव में वायरस के संक्रमण की और ले जा रहा है और इसे दूसरों तक फैला सकता है। वहीं, ब्रसेशिया के मुख्य अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर मार्को मेट्रा ने कहा, अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग हर व्यक्ति की यही कहानी है। 
ब्रिटेन के संक्रमित ईएनटी डॉक्टरों की हालात गंभीर : 
प्रोफेसर हॉपकिंस ने कहा कि ब्रिटेन में दो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ जो कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए थे, वे गंभीर स्थिति में हैं। हॉपकिंस ने कहा कि चीन के वुहान की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कान, नाक और गले के विशेषज्ञ के साथ-साथ नेत्र चिकित्सक भी संक्रमित थे और बड़ी संख्या में मर रहे थे। 
स्वास्थ्य कर्मियों से सावधानी की अपील : ईएनटी, यूके के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि ब्रिटेन में कान, नाक और गले के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने एक संयुक्त बयान जारी कर ईएनटी स्वास्थ्य कर्मियों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने का आग्रह किया है। विशेष तौर पर जब वे किसी भी ऐसे मरीज का इलाज करते हैं, जो गंध और स्वाद के अहसास को खो चुके हैं।


देवी चंडिका का मेला स्थगित किया

महोबा। नोवल कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के महोबा में नवरात्रि के पर्व पर ऐतिहासिक बड़ी चंडिका शक्तिपीठ में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेले को स्थगित कर दिया गया है। जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने मंगलवार को बताया कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों से कोरोना वायरस के संक्रमण में विस्तार होने की चिकित्सको की चेतावनी को गम्भीरता से लेते हुए जिले में सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत कार्यक्रमो पर अग्रिम आदेशो तक के लिए रोक लगाई गई है। 
इसके तहत नवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी चंद्रिका पीठ में आयोजित होने वाले धार्मिक मेले को भी स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा लोगो से अपील की गई है कि वे नवरात्रि पर देवी पूजन के लिए मंदिर न जाये तथा अपने घरों में ही रहकर पूजन व अनुष्ठान के धार्मिक कार्य सम्पादित करे। इसी क्रम में मेले को लेकर मंदिर परिसर में लगाई गई दुकानो को हटाकर स्थल को रिक्त करा दिया है तथा मेले में दुकानें लेकर आये बाहरी दुकानदारों को भी घर वापस लौट जाने को कहा गया है।        
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के महोबा में स्थित आठवी शताब्दी के चंदेल कालीन बड़ी चंद्रिका देवी शक्तिपीठ की श्रद्धालुओ में विशेष आस्था एवम मान्यता है। वीर शिरोमणि अजर अमर आल्हा की कुलदेवी के इस मंदिर में यहां हर रोज स्थानीय भक्तों के अलावा दूरदराज से श्रद्धालु देवी के दर्शन पूजन व अनुष्ठान के लिए पहुंचते है। चैत्र में वर्ष प्रतिपदा तथा  क्वांर माह में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर यहां नौ दिवसीय विशाल मेले का आयोजन होता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगो की भारी भीड़ उमड़ती है।


 


इटलीः लॉकडाउन के बाद 5000 मौत

रोम। कोरोना वायरस महामारी के चलते इटली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है, लेकिन फिर भी यहां कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के नवीनतम जारी आंकड़ों के अनुसार, इटली में रविवार तक कोरोनावायरस संक्रमण के 59,138 मामलों की पुष्टि हुई और इस वैश्विक महामारी के चलते यहां 5,746 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के प्रमुख एंजेलो बोरेल्ली के हवाले से कहा कि उत्तरी इटली में 21 फरवरी को पहली बार महामारी फैलने के बाद से वर्तमान में अभी तक 46,638 लोग संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि कोविड-19 संक्रमण के चलते 5,746 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित 23,789 लोग अपने घरों में आइसोलेशन में हैं। 19,846 लोग अस्पताल में, जबकि 3,009 लोग आईसीयू में भर्ती हैं। 
कोरोना वायरस इमरजेंसी के नेशनल कमिश्नर इंचार्ज एंजेलो ने आगे कहा कि अभी तक कुल 7,024 मरीजों को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने सिविल प्रोटेक्शन स्टाफ के 12 सदस्यों के भी कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है। वहीं, स्पेन में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 462 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद देश में घातक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,182 पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (23 मार्च) को यह जानकारी दी। एक दिन पहले जारी आंकड़ों की तुलना में मृत्यु दर में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्पेन में कोविड-19 के मामलों की संख्या 33,089 हो गई है। यह देश चीन और इटली के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित है।
देशभर में 14 मार्च को लॉकडाउन लागू करने के बावजूद स्पेन में मौत और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि देश ने संक्रमण की जांच करने की अपनी क्षमता में इज़ाफा किया है। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि लॉकडाउन को पहले दो हफ्तों के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसे अब 11 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-226 (साल-01)
2. बुधवार, मार्च 25, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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सोमवार, 23 मार्च 2020

वायरसः महामारी का बढ़ता प्रभाव

नई दिल्ली/लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद यूपी में सख्ती बरतीं जाएगी, विश्व में व्याप्त भयंकर रोग से ग्रस्त संपूर्ण पृथ्वी वासी भय से त्रस्त है। ऐसी स्थिति में सभी सरकार विवेक अनुरूप अपने राज्य अथवा क्षेत्रों के अनुसार नियंत्रण स्थिति बनाने के लिए अध्ययन कर रहे है। कई राज्यों में कई जन कल्याण कल्याण आर्थ कई योजनाएं नई लागू कर दी गई है कहीं राज्यों में अभी बैठक चल रही है।


कोरोना वायरस को लेकर यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। लॉक डाउन पर सरकार करेगी पूरी सख्ती और एडवाइजरी को कड़ाई से लागू करेगी।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...