सोमवार, 23 मार्च 2020

धार्मिक स्थान पर जा छिपे लोग

पटना। बिहार की राजधानी से बड़ा मामला सामने आया है। यहां पटना में एक धार्मिक स्थल में कुछ विदेशियों को छिपाकर रखने की खबर मिल रही है। मामला पटना के भीड़भाड़ वाले कुर्जी इलाके का है। सोमवार सुबह पुलिस ने घटना की सूचना पर पहुंचकर छापा मारा है। जिसके बाद यहां गेट नंबर 74 के पास स्थित एक धार्मिक स्थल से 12 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है मामले में पूछताछ जारी है।


बताया जा रहा है कि पटना के बिहटा थाना क्षेत्र के एक धार्मिक स्थल में छिपे हुए 12 विदेशी नागरिकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में से दस लोग किर्गिस्तान के रहने वाले  हैं और बाकी दो लोग गाइड बताए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जब देखा तो हंगामा किया जिसके बाद पुलिस ने आकर सभी विदेशी नागरिकों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। लोगों ने संदिग्ध बताते हुए धार्मक स्थल को बंद करने की मांग की है।


पूछताछ में सामने आया है कि ये लोग जनवरी में पटना आए थे। इनके पास जो वीजा पासपोर्ट मिला है, वो पूरी तरह से सही है। इनको केवल मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है।मेडिकल जांच के बाद पुलिस उन्हें छोड़ देगी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इनलोगों ने अपना मेडिकल जांच नहीं करवाया है। आसपास के मोहल्ले वालों ने इसका विरोध किया। हंगामा के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने अपने साथ 12 विदेशियों को अपने साथ ले गई।


 


 


जमीर से अच्छा, जिस्म का सौदा

अनिल अनूप


आपने सोचा है कि ऐसा भी हो सकता है कि कोई लड़की इस धंधे में किसी ज़ोर, ज़बरदस्ती से नहीं ना ही किसी मज़बूरी से बल्कि अपने महंगे मंहगे शौक पूरे करने के लिए आती है?
आज आपको ऐसी ही एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल से हुई बातचीत के आधार पर बताते है कि आज वेश्यावृत्ति किस तरह आसानी से पैसा कमाने वाला एक ऐसा धंधा बन गया है जिसमे बहुत सी खुले विचारों की लड़कियां अपनी मर्ज़ी से आती है.
जहां इंटरव्यू होना था वह एक आलीशान कमरा था। फर्श पर बेहतरीन कार्पेट, दीवारों पर नायाब पेटिंग्स, छत पर टंगा भव्य झाड़फानूस और अनेक खूबसूरत लाइटें; साथ में भव्य सोफे और देवदार की कांच लगी नक्काशीदार दर्शनीय मेज। दीवार पर बनी लकड़ी की अल्मारियों में किताबें, शोपीस और खूबसूरत मूर्तियां।
जब अनीता जी इंटरव्यू के लिए आकर बैठी तो लगा कोई महारानी बैठी है। मैरून रंग की बेशकीमती सिल्क की साड़ी, मैचिंग स्लीवलेस ब्लाउज, गले में छोटा सा लेकिन रत्नजडि़त हार और एक हाथ में राडो की घड़ी तो दूसरे हाथ में सिर्फ एक हीरे का कंगन। तीखे नाक-नक्श और संतुलित मेकअप, करीने से कटे कंधों पर बिखरे घने बाल, व्यायाम से साधा हुआ सुगठित शरीर और साथ में इतनी गहरी मुस्कान कि पता लगाना मुश्किल, बनावटी है या असली।
देखिए जरा समय के पाबंद रहिए और समय से अपना इंटरव्यू खत्म कीजिए। मैं समय की भारतीय अवधारणा में विश्वास नहीं रखती, मेरे लिए एक-एक मिनट कीमती है। – अनीता जी ने घड़ी देखते हुए कहा। मुस्कराहट के साथ स्वर में ऐसी सख्ती दुर्लभ होती है।
मैंने पैड संभाला और मोबाइल का रिकाॅर्डर आॅन करके मेज पर रख दिया। मेज पर रखा काॅफी का कप उठा कर एक सिप लिया और पहला सवाल पूछा।
जी बिलकुल! तो मेरा पहला सवाल है कि आप इस प्रोफेशन में कैसे आयीं?
देखिए मेरा इस प्रोफेशन में आना कोई बड़ी घटना नहीं है। जब दुनिया मुद्रा, आई मीन करेंसी, के चारों ओर घूम रही है तो हर इंसान की ये मजबूरी है कि वह कोई ऐसा काम करे जिसके बदले में उसे पैसे मिलें वर्ना वो चाहे आईन्स्टीन हो या मोजार्ट उसे धकिया कर हाशिए पर फैंक दिया जाएगा। मुद्रा एक प्रतीक थी, सुविधा के लिए बनायी गयी थी। लेकिन प्रतीक की जगह वह खुद ही सब कुछ बन बैठी, जैसे आप अपने पिता की मूर्ति बना लें और उसे ही अपने बाप समझें। और पैसे मिलने का एक ही तरीका है कि हम अपना कुछ बेचें। जब हम बाजार में बेचने निकलते हैं तो ज्यादातर दुकानें कबाडि़यों की नजर आती है जो ’क्राइम एंड पनिशमेंट’ और ‘रंगीली रातों’ को एक ही भाव खरीदते हैं। ऐसे में फिर आपके पास यही रास्ता बचता है कि आप धूर्त हो जाएं और वो बेचें जो आपके पास है ही नहीं या किसी और का छीनें। इसलिए मुझे लगा अपना जमीर बेचने से अच्छा है कि हम अपना जिस्म बेचें। कम से कम अपने खुद के सामने तो नजर उठा कर बात कर सकेंगे। मैंने इस प्रोफेशन में आने का डिसीजन लिया और मुझे इस पर गर्व है।
आपको गर्व है?? आपको किसी तरह का शर्म का अहसास नहीं होता?
क्या बकवास कर रहे हैं आप? इसमें शर्म की क्या बात है? शर्म की बात तो तब होती जब मैं किसी सरकारी नौकरी में जाकर देश की बर्बादी में हाथ बंटाती या लुटेरे कारपोरेट के समूह में शामिल हो जाती। मल्टी नैशनल कंपनी में अपना दिमाग बेचकर जिंदगी होम करने वाले हाइली पेड बंधुआ मजदूरों से मैं लाख गुना बेहतर हूं। अपनी मर्जी से काम करती हूं, अपनी शर्तों पर काम करती हूं। किसी को धोखा नहीं देती। मैं एक एन्ट्रप्रेन्योर हूं, इसमें शर्म की नहीं गर्व की बात है। कानूनी काम करती हूं और पूरा टैक्स भरती हूं।
कानूनी?
जी हां कानूनी! अगर आपकों कानूनों की जानकारी नहीं है तो पहले थोड़ा पढ़ कर आएं फिर इस पर बात करेंगे।
अच्छा ये बताइए आपकी धर्म और ईश्वर के बारे में क्या धारणा है? आप किसे मानती हैं?
निहायत वाहियात सवाल है। इससे बेहतर सवाल होता कि आप ये पूछते कि मैं कौन-सा सेनेटरी नैपकिन या किस कंपनी की हेयर रिमूविंग क्रीम इस्तेमाल करती हूं। देखिए, धर्म एक नितांत व्यक्तिगत चीज है और उसका कोई छोटे-से-छोटा भाग भी प्रकट हो रहा है तो वह अश्लीलता है।
आपने कभी शादी, परिवार के बारे में सोचा है?
जी हां कई बार सोचा है लेकिन हर बार मन नकारात्मक भावों से भर गया है। देखिए जिस ढंग से हमारे यहां शादियां होती हैं वो बड़ा घिनौना है। जाति, धर्म, लालच और अन्याय उसमें इस तरह भरा है कि किसी जागरुक व्यक्ति के लिए शादी करना आसान नहीं है। सामाजिक मान्यता प्राप्त और थोड़ी-बहुत सामाजिक सुरक्षा और पेंशन वगैरह की सुविधा प्राप्त वेश्याओं को पत्नी कहा जाता है। लेकिन उनके पास काॅल गल्र्स जैसे अधिकार नहीं होते। रही परिवार की बात, तो मेरा परिवार बहुत बड़ा है और उसमें ज्यादातर सदस्य जैनेटिक रूप से नहीं जुड़े हैं। जैनेटिक परिवार तो मजबूरी और स्वार्थ की डोर से बंधे होते हैं।
देश के हालात पर आपकी राय?
देखिए इस सवाल की इतनी बेइज्जती हो चुकी है कि मैं इसका जवाब नहीं देना चाहूंगी। हर आदमी चाहे वो कितना ही जाहिल और निकम्मा क्यों न हो इस सवाल का जवाब एक्सपर्ट की तरह देता है।
समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी के बारे में कुछ कहना चाहेंगी आप?
हमारे समाज के ऊपर दो सबसे बड़े घाव हैं – मौत और सेक्स। इन्हीं दो से भागता है और इन्हीं दोनों के फोबिया और मेनिया के बीच पेंडुलम की तरह झूलता रहता है। पूरी जिंदगी इन दो पाटों के बीच पिस कर रह गयी है। जो इलाज किए गए वो बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक निकले। लोगों को नियंत्रित करने के लिए धर्म ने सेक्स का सहारा लिया और खाने, पीने, सोने जैसी साधारण और सहज चीज को टैबू करके उसे असाधारण ताकत दे दी और ‘फ्रैंकस्टीन’ बना दिया। नतीजा ये हुआ कि हमारी गालियों से लेकर विज्ञापनों या फिल्मों तक, मंदिरों से लेकर घरों तक हर चीज सेक्स से सन गयी। हमारी पूरी पीढ़ी ही इन्टरनेट के सामने बैठ गयी दूसरों को सेक्स करता हुआ देखने के लिए। उससे भी तृप्ति नहीं मिली तो आज वीभत्स से वीभत्स तरीके खोज रही है सेक्स के। इन्टरनेट के लिए सैक्स कर रही है! मौत के लिए तो मैं कुछ नहीं कर सकती लेकिन सेक्स को लेकर बने इस कैंसर के लिए मैं कुछ सकारात्मक करने की कोशिश करती हूं। एक हीलर की तरह काम करती हूं। कई लोगों को मैंने ठीक किया है। सीनियर सिटीजन्स और डिफरेन्टली एबल्ड लोगों के साथ भी मैंने कई बार बिना किसी फीस के काम किया है।
बलात्कार के मामलों पर आपका क्या कहना है?
ये सवाल भी अपनी गरिमा खो चुका है। सब के सब या तो बलात्कार कर रहे हैं या बलात्कार पर अपनी राय दे रहे हैं। एक बीमार समाज का सबसे खास लक्षण बलात्कार होता है। जब बीमारी है तो लक्षण भी रहेंगे। फिलहाल बीमारी को दूर करने की मंशा मुझे तो कहीं दिखती नहीं।
अच्छा इंटरव्यू के लिए आपका धन्यवाद। मेरा किसी से एपाॅइन्टमैंट है, मुझे अब जाना होगा। आप काॅफी और लेंगे? – अनीता जी घड़ी देखते हुए बोलीं।
नहीं काॅफी तो नहीं! लेकिन मैडम कुछ सवाल रह गए हैं।


झारखंड में बर्ड फ्लू ने दी दस्तक

विवेक चौबे


रांची। काेराेना वायरस के खतराें के बीच झारखंड में बर्ड फ्लू (एच5 एन1) ने भी दस्तक दे दी है। बर्ड फ्लू से ओरमांझी जू में पक्षियाें की माैत के बाद पशुपालन विभाग ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलाें काे बर्ड फ्लू पर निगरानी रखने, मुर्गियाें के आवागमन व बिक्री पर नजर रखने काे कहा है।


इसके लिए टीम भी बना दी है। जू के निदेशक वेंकटेश्वर ने बताया कि 23 फरवरी काे जू में दाे गरुड़, तीन उल्लू व दाे सफेद आइबीस पक्षी की माैत हाे गई थी। काेलकाता व भाेपाल भेजे गए सैंपल से हुई पुष्टि हुईः काेराेना व बर्ड फ्लू के सिर्फ लक्षण एक जैसेे, और काेई समानता नहीं। रिम्स के डाॅ. जेके मित्रा ने बताया कि बुखार, कफ, नाक बहना, सिर में दर्द, गले में सूजन, मांसपेशियाें में दर्द, उल्टी लगना, शरीर के निचले हिस्से में दर्द अाैर सांस में परेशानी बर्ड फ्लू के लक्षण हैं। बर्ड फ्लू अाैर काेराेना वायरस के लक्षण मिलते-जुलते हैं, लेकिन और काेई बायाेलाॅजिकल समानता नहीं है। रांची में इलाज उपलब्ध, दवा का पर्याप्त स्टॉकस्टॉकः के मुताबिक यहां बर्ड फ्लू के इलाज की व्यवस्था है। अस्पताल-दुकानों में दवा एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) व जानामिविर (रेलेएंजा) का पर्याप्त स्टॉक है।सावधानियां जरूरीः मरे हुए पक्षियों से दूर रहें,बर्ड फ्लू वाले क्षेत्र में नॉनवेज ना खाएं,जहां से नॉनवेज खरीदें, वहां सफाई का ध्यान रखें,कोशिश करें कि मास्क पहनकर बाहर निकलें,आसपास किसी पक्षी की मौत होती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें।


आपात स्थिति मे छोड़े घरः सीएम

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब वासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ जुड़े सभी कदम उठाने और खास तौर पर समय-समय पर हाथ धोने और आपात कार्य न होने की सूरत में अपना घर न छोड़ने की अपील की है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने लोगों को अपील करते हुए कहा, ‘घरों से बाहर न निकल कर इस वायरस के आगे फैलने को रोकने में मदद करें। उन्होंने कहा, बंद के समय के दौरान खाद्य, किराना और दवा आदि जैसी जरूरी वस्तु की दुकान को छोड़कर बाकी सभी कारोबार और दुकान बंद रहेंगी। इसी तरह जल सप्लाई, सेनिटेशन और बिजली जैसी सभी जरूरी सेवाएं भी बनी रहेंगी। सार्वजनिक यातायात पर लगाए हुए प्रतिबंध भी 31 मार्च तक जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जो नागरिक हाल ही में विदेश में आए हैं, उनको घर में अलग रहने की जरूरत है और यदि इस वायरस से किसी किस्म का लक्षण दिखाई दे तो तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में रिपोर्ट किया जाए।


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा के राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका हैं। इसी तरह सभी जिला मुख्यालायों में भी एसे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। किसी किस्म की जरूरत के लिए अपेक्षित और तत्काल कदम उठाने का भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग 181 और 104 हैल्पलाइन नंबरों के द्वारा सरकार तक पहुंच कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कारोबारियों को भी अपील की कि न केवल जरूरी वस्तुओं की उचित सप्लाई को यकीनी बनाया जाए बल्कि किसी किस्म की कालाबजारी और मुनाफाखोरी का भी त्याग किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसी को भी अपने निजी लाभ के लिए मौके का लाभ लेने की इजाजत नहीं देगी।


मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जगह पर 10 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक होगी। डिप्टी कमीश्नरों को सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सख्ती के साथ पालन को यकीनी बनाने के लिए हिदायतें दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी व्यक्तियों को अपने घरों में रहना चाहिए और वह जरूरी सेवाओं/वस्तुओं या रोजगार/ड्युूटी के लिए अपना घर छोड़ सकते हैं।


देश हित में खत्म किया धरना-प्रदर्शन

घंटाघर की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देश हित मे स्थगित किया धरना प्रदर्शन…


लखनऊ। सीएए एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ जहां पूरे देश में लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन चल रहा था वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐतिहासिक घंटाघर पर पिछले 66 दिनों से उक्त कानून के खिलाफ लगातार महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी था, मगर दुनिया में फैले कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी का अपने देश भारत में भी पैर पसारने के चलते 66 दिनों से प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने देश हित में और कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए आज 67 वें दिन यानी 23 मार्च 2020 में धरने को स्थगित कर दिया है।


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून एनपीआर और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में लगातार प्रदर्शन जारी थे और शाहीन बाग में महिलाओं ने ऐसे बिल और कानून के खिलाफ जंग छेड़ी थी, वही लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर भी महिलाओं ने उक्त कानून का पुरजोर विरोध किया जिसमें उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, कभी पानी, खाना, दवाई जैसी कई तरह की सुविधाओं के भाव में भी धरने को लगातार जारी रखा और पुलिस प्रशासन की सख्ती को भी झेलना पड़ा। मगर अपने इरादों से मजबूत महिलाओं ने किसी भी तरह की परेशानियों से हार ना मानते हुए 66 दिनों तक लगातार प्रदर्शन जारी रखा, पुलिस ने कई बार बल का प्रयोग भी किया और कई तरह से धरने को खत्म करने की कोशिश में कई बार कड़े कदम उठाए और उक्त प्रदर्शन में पुलिस की बर्बरता भी सामने आई, फिर भी महिलाएं निडर और जान की परवाह किए बगैर धरने पर बैठी रही।


इस प्रदर्शन के बीच महिलाओं और उनके घर वालों झेलनी पड़ीं सैकड़ो परेशानियां…


लखनऊ का ऐतिहासिक घंटाघर भी महिलाओं के प्रदर्शन से एक बार फिर इतिहास में अपनी जगह बना गया। कड़कड़ाती ठंड, जबरदस्त बारिश और ओलावृष्टि के साथ ही भयंकर गर्मी की मार झेलने के बाद भी महिलाओं के हौसले नहीं टूटे थे, परंतु एक तरह की राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस के रूप में भारत में प्रवेश कर गई जिसके चलते महिलाओं ने समझदारी और देशभक्ति का परिचय देते हुए लंबे समय से चल रहे इस धरना प्रदर्शन को स्थगित कर देशभक्ति का सबूत तो दिया ही साथ ही पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर देश हित मे धरना स्थगित करने की बात कही और पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र के ज़रिए सरकार से यह भी कहा कि हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस भयानक बीमारी से लड़ने और देश को इस आपदा से बचाने के लिए साथ खड़े हैं।


 


सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती था प्रदर्शन, मुकदमें और गिरफ्तारियां कर पुलिस ने निकाली थी खुन्नस…


यह धरना प्रदर्शन जहां एक तरफ सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था वही न जाने कितने बेकसूर लोगों के खिलाफ अनगिनत मुकदमे भी दर्ज हुए कितने लोगों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा और इस धरने में 3 मासूम जाने भी गई जिसमें दो वृद्ध महिलाएं और एक जवान युवती ने अपने प्राणों की आहुति देकर यानि शहादत में अपना नाम लिखवा कर देश के भविष्य के लिए कुर्बानी दे दी। मगर सरकार का रवैया नहीं बदला और आखिर एक ऐसी आपदा पूरी दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत में भी प्रवेश कर गई जिससे भयानक महामारी तक संभावित है, इसी के मद्देनजर महिलाओं ने धरने को समाप्त करने या स्थगित करने का देश हित में फैसला लिया और अपने अपने घर वापस लौट गई।


 


प्रदर्शन स्थगित होने पर सरकार और पुलिस प्रशासन ने ली राहत की सांस…


वही धरना खत्म होने पर पुलिस प्रशासन और सरकार ने राहत की सांस ली और पुलिस प्रशासन ने महिलाओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया महिलाओं का कहना था की हम पहले भी देश के आने वाले भविष्य के लिए इस आंदोलन के जरिए लड़ रहे थे और अब कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी और आपदा से लड़ने के लिए तैयार हैं और हर कदम पर सरकार के साथ हैं इस वक्त किसी भी तरह के कानून से ज्यादा जरूरी है कोरोना वायरस जैसे बीमारी से लड़ने की इसलिए हम अपनी स्वेच्छा से देश हित में इस धरने को स्थगित करते हैं। अगर सरकार ने CAA, NPR और NRC को वापस नहीं लिया तो हम इस कानून और सरकार के खिलाफ फिर से बड़ा आंदोलन और धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।


जुनैद खान “पठान” की रिपोर्ट…


संकट की इस घड़ी में हम सब साथ

संकट की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं!

कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के अंदर जब जब भी वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे तब तब उन्होंने राज्य के एक जिम्मेदार व्यक्ति का जो फर्ज होना चाहिए। वह फर्ज मुस्तैदी के साथ निभाया, चाहे वह प्राकृतिक आपदा से लड़ते हुए समस्या का समाधान करने का मामला हो या फिर कोरोना जेसी घातक बीमारी से प्रदेश की जनता को बचाने का मामला हो। अशोक गहलोत ने हमेशा संवेदन शीलता दिखाई है, गहलोत सरकार कोरोना को लेकर पहले दिन से ही इस समस्या के समाधान के लिए एक्टिव हो गई थी,  वैसे भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के अंदर बीमारी और बीमार मरीजों के लिए हमेशा संवेदनशील रहे हैं उनकी प्रदेशवासियों को " मुफ्त इलाज" की योजना देश और विदेश में चर्चित रही है आज भी प्रदेश की जनता उसका लाभ उठा रही है!
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने अपना 1 दिन का वेतन कोरोना बीमारी से निपटने के लिए राज्य सरकार को देने की घोषणा की है राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का यह कदम सराहनीय है!
क्या राजस्थान के 200 विधायक अपने विधायक कोष के पैसों मैं से एक बड़ी रकम अपने विधानसभा क्षेत्रों के अस्पतालों पर खर्च करेंगे करना चाहिए क्योंकि वैसे भी ज्यादातर विधायक विधायक कोष का पैसा पूरी तरह से खर्च नहीं कर नहीं कर पाते हैं यह अवसर है विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों मैं कोरोना से लड़ने के लिए उपकरण और अन्य सामग्री पहुंचाएं एक कदम जनता बढ़ा रही है दूसरा कदम सरकार एक कदम विधायक भी बढ़ाएं!
                   देवेंद्र यादव


शिवराज चौथी बार एमपी के सीएम

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चौथे सीएम होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। शिवराज सिंह आज शाम 7 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है। इसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन उन्हें राजभवन में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।


गौरतलब है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत आ गई। इसके बाद कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।बाद में ये सभी बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। 6 महीने में कराना होगा उपचुनावः विधायकों की इस्तीफे के बाद सदन में कांग्रेस विधायकों संख्या घटकर 92 हो गई हैं। वहीं, बीजेपी के पास कुल 106 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा और दो विधायकों की मौत के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई हैं।  इन सीटों पर 6 महीने में चुनाव होने हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है। इसलिए भाजपा ने शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है।सभी विधायकों को अकेले पार्टी दफ्तर आने के लिए कहा गया है। पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से संवाद करेंगे। उसके बाद ही नए नेता के नाम का ऐलान होगा। तीन नामों की थी चर्चाः शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम का कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आलाकमान ने शिवराज सिंह का नाम तय किया। सिंधिया को 6 महीने तक बंगला अलॉट नहीं हुआ थाः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया का भाजपा में शामिल होना मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी। इसी बीच सिंधिया के करीबी पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ‘छोटी-छोटी बातों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी की जाती थी। उन्हें 6 महीने तक बंगला तक अलॉट नहीं किया गया।


वायरसः बलिया में मिला एक संदिग्ध

बलिया। विश्व भर में फैली व्यापक महामारी कोरोनावायरस ने अपना संक्रमण हर जगह फैला रखा है। जिसके अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दी है। उसी क्रम में शासन प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है। बलिया जिला अस्पताल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कहने पर रिहलसह के लिए कोरोना पीड़ित संदिग्ध व्यक्ति व्यक्ति को हॉस्पिटल लाया गया। जिसे ईलाज के लिए भेजा गया है|


जरूरतमंदों तक पहुंचाएं भोजन सामग्री

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन वाले राज्यों में लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए पहल की है। संघ ने अपने स्वयंसेवकों को जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री पहुंचाने की अपील की है। संघ ने स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की भी अपील की है।


आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने स्वयंसेवकों से अपील करते हुए कहा, “सभी स्वयंसेवक समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर छोटे-छोटे गुटों में संवाद करने की योजना करें तथा जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था करें।”


सुरेश भैय्याजी जोशी ने आगे कहा, “सभी स्वयंसेवक स्थानीय प्रशासन, जन प्रतिनिधियों से सम्पर्क करते हुए अपेक्षायें समझकर सहयोग करें तथा शासन द्वारा लिए गए निर्णयों के पालन में पूर्ण सहयोग करें।” आरएसएस का मानना है कि लॉकडाउन वाले स्थानों पर कमजोर तबके के लोगों को राशन आदि की दिक्कत हो सकती है।


ऐसे में मानवता का तकाजा है कि ऐसे जरूरतमंदों तक दैनिक जरूरत की वस्तुएं पहुंचाई जाएं। जिससे लॉकडाउन की स्थिति में भी भोजन सामग्री के अभाव में कोई भूखा न रहने पाए।


लाकडाउन को गंभीरता से ले लोग

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाॅकडाउन को गंभीरता से नहीं लिये जाने पर चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्य सरकारों से नियमों और कानूनों को सुनिश्चित कराने का सोमवार को अनुरोध किया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आपको बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं।”


गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए विभिन्न राज्यों के 75 जिलों और शहरों को लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोराेना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को रोकने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में सोमवार से 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहेंगी।


मोदी ने जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने वाले लोगों की सराहना करते हुए उन्हें इस चुनौती के खिलाफ लड़ने के लिए लामबंद होने को कहा है। मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से रविवार को जनता कर्फ्यू में शामिल होने तथा इस वायरस से जंग लड़ रहे लोगों के प्रति धन्यवाद अदा करने के लिए शाम पांच बजे ताली या थाली बजाने (शंखनाद) का आह्वान किया था।


उन्होंने लोगों द्वारा जनता कर्फ्यू और शंखनाद में बडे पैमाने पर शामिल होने और इसका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “ कोरोना वायरस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देश ने एक मन होकर धन्यवाद अर्पित किया। देशवासियों का बहुत-बहुत आभार।”


उन्होंने कहा, “ये धन्यवाद का नाद है, लेकिन साथ ही एक लंबी लड़ाई में विजय की शुरुआत का भी नाद है। आइए, इसी संकल्प के साथ, इसी संयम के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए अपने आप को बंधनों सोशल डिस्टेन्सिंग में बांध लें। ” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “आज का जनता कर्फ्यू भले ही रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सेलिब्रेशन शुरू कर दें। इसको सफलता न मानें। यह एक लम्बी लड़ाई की शुरुआत है। आज देशवासियों ने बता दिया कि हम सक्षम हैं, निर्णय कर लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एक होकर हरा सकते हैं।”


उन्होंने लोगों से कहा कि वे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें। जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है, वहां घरों से बिल्कुल बाहर न निकलें। इसके अलावा बाकी हिस्सों में भी जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें। ” उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 390 लोग संक्रमित हुए हैं।


यात्री ने छीका, पायलट खिड़की से कूदा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। इसकी दहशत का अंदाजा इस कदर लगाया जा सकता है कि एक प्लेन में पैसेंजर को छींक आ गई और हुआ ये कि उसका पायलट कॉकपिट के इमरजेंसी गेट यानी खिड़की से बाहर कूद गया।


दरअसल, यह घटना एयर एशिया इंडिया की पुणे-दिल्ली फ्लाइट  I5-732 की है, शुक्रवार को प्लेन के अंदर तब अफरातफरी मच गई जब पता चला कि फ्लाइट में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज यात्री कर रहा है। क्योंकि एक यात्री को छींक आ गई और उसने छींक दिया। इसकी खबर मिलते ही जैसे ही लैंडिंग हुई पायलट-इन-कमांड ने कॉकपिट के इमरजेंसी एक्जिट से छलांग लगा दी। आम तौर पर पायलट प्लेन के सामने वाले गेट का ही उपयोग करते हैं लेकिन जब उसे पता चला कि पहले ही पंक्ति में बैठे यात्री ने छींका है तो वह घबरा गया और छलांग लगा दी। इसके बाद सभी यात्रियों में अफरातफरी मच गई। हालांकि सभी यात्रियों को पिछले दरवाजे से सुरक्षित बाहर निकाला गया।


जिस यात्री को छींक आई थी, उसे आगे वाले गेट से बाहर निकाला गया। सभी यात्रियों की बाद में जांच की गई और सभी का टेस्ट नेगेटिव आया। सुरक्षा उपाय के रूप में लैंडिंग के बाद विमान को अलग खड़ा किया गया था। घटना के बाद एयर एशिया इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि विमान की पूरी तरह से एंटी इन्फेक्शन से गहरी सफाई की गई। हमारे चालक दल ऐसी घटनाओं के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस विषम परिस्थिति में भी धैर्य से काम लिया, ये बहुत तारीफ की बात है।


घर को संक्रमण रहित करें

कोरोना वायरस से बचने के लिहाज से लोगों के लिए अपने-अपने घरों को संक्रमण से मुक्त रखना जरूरी है। हालांकि सफाई के दौरान ग्लव्स पहनना ना भूलें। अमेरिका स्थित नेशनल सेंटर फॉर इम्युनाइजेशन एंड रेस्पाइटरी डिजीज (एनसीआईएआरडी) ने सफाई के कुछ ये तरीके सुझाए हैं, जिससे आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। 
1- फर्श, टेबल, खिड़की को साबुन-पानी से धोएं 
घर में बार-बार संपर्क में आने वाली सतहों जैसे-फर्श, दरवाजे की कुंडी,टेबल,बिजली का स्विच,फोन, हैंडल, की-बोर्ड, टॉयलेट और सिंक को बार-बार साबुन-पानी से साफ करें।
2- ब्लीच और एल्कोहल का इस्तेमाल 
ब्लीच सल्यूशन से घर की साफ-सफाई करें। किसी संक्रमणरोधी चीज का इस्तेमाल करने से पहले निर्देशानुसार उसमें पानी मिलाएं, लेकिन सफाई करने वाले दो तरह के पदार्थों को मिलाने से बचें। एल्कोहल की 70 फीसदी से अधिक मात्रा वाले लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
3- कालीन-पर्दे की सफाई 
घर की मुलायम सतहों जैसे कालीन, पर्दे आदि की सफाई भी साबुन-पानी या अन्य प्रभावी चीज से करें। धुलाई में गर्म पानी का इस्तेमाल करने के बाद इसे अच्छी तरह सुखा लें। 
4- बार-बार हाथ धुलें 
साबुन-पानी से बार-बार 20 सेकंड तक हाथ धुलें। किसी बीमार के संपर्क में आने और ग्लव्स हटाने के बाद भी हाथ धुलें। यदि साबुन-पानी ना हो तो हाथ धुलने के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें जिसमें कम से कम 60 फीसदी एल्कोहल हो।
5- कूड़ा उठाने में सावधानी 
बीमार व्यक्ति द्वारा किए गए कूड़े को उठाने में सावधानी बरतना जरूरी। कूड़े की थैली हटाते समय ग्लव्स को जरूर पहनें और इसके बाद हाथ अच्छी तरह साफ करें।


मोबाइल प्रयोग बढ़ाएं, सुरक्षित रहें

दैनिक दिनचर्या में हम कई ऐसी चीजें इस्तेमाल करते हैं, जिनमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जाए तो बीमारी को न्योता दिया जा सकता है। इन वस्तुओं में कई तरह के घातक बैक्टीरिया होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, बैक्टीरिया गले, फेफड़ों, त्वचा और आंत समेत कई अंगों को नुकसान पहुंचे हैं। तो आइए जानते हैं रोजमर्रा में उपयोग आने वाले ऐसी चीजों के बारे में, जिन्हें सप्ताह में एक बार जरूर सेनिटाइजर से साफ करना चाहिए।
मोबाइल
आज हम हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल देखते हैं। आपको जानकार इस बात की हैरानी होगी कि हमारे मोबाइल फोन पर टॉयलेट से भी ज्यादा बैक्टीरिया हो सकते हैं। मोबाइल फोन पर बैक्टीरिया नजर भले ही ना आएं, लेकिन यह बेहद ही सूक्ष्म होते हैं, जो हमारे हाथों पर लग जाते हैं, जिस वजह से डायरिया और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मोबाइल का उपयोग करने के बाद सीधे खाना नहीं खाना चाहिए। हाथ जरूर साफ करने चाहिए। इसके अलावा मोबाइल को भी सप्ताह में एक बार जरूर साफ करना चाहिए।
टीवी का रिमोट
हर घर में आजकल टीवी रिमोट उपयोग किया जाता है और घरों के सभी सदस्य इसे छूते रहते हैं, जिससे रिमोट पर कई सारे बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। रिमोट को अधिक बार छूने और बिना हाथ धोए खाना खाने से यह बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे बीमार होने की आशंका होती है।
ऑनलाइन पेमेंट कर संक्रमण से बचे
दिनभर एक ही नोट का कई लोग इस्तेमाल करते हैं। एक ही नोट एक दिन में कई लोगों के पास जाता है और कई लोगों के हाथों के ढेर सारे हानिकारक बैक्टीरिया इस पर चिपक जाते हैं। एक शोध में पाया गया है कि नोट पर लगभग 3000 तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इसलिए नोटों का उपयोग करने के बाद हाथ जरूर धोना चाहिए। वैसे आजकल ऑनलाइन पेमेंट का जमाना है और मार्केट मे कई ऐसे ऐप हैं, जिससे आप नोटों का इस्तेमाल किए बिना तत्काल पेमेंट कर सकते हैं।
एटीएम का इस्तेमाल
एटीएम का इस्तेमाल दिनभर में कई बार किया जाता है। रोज कई लोग एटीएम मशीन के बटन पर हाथ लगाते हैं, जिसके कारण उस पर अनगिनत बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और यही बैक्टेरिया हमारे हाथों में आसानी से लग जाते हैं।
कीबोर्ड का उपयोग
कंप्यूटर या लैपटॉप के कीबोर्ड को भी ऑफिस में कई लोग उपयोग करते हैं इस वजह से इसमें बैक्टीरिया आसानी से लग जाते हैं, इसलिए कीबोर्ड का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर होना चाहिए।
टूथ ब्रश का इस्तेमाल
ज्यादातर लोग अपना टूथब्रथ वॉशरूम में ही रखते हैं और कई घरों में तो अटैच लेट-बॉथ होते हैं। इस कारण खुले में रखे हुए टूथब्रश पर कई हानिकारक बैक्टिरिया जमा हो जाते हैं। इसके अलावा हम यह भी देखते हैं कि परिवार के सभी सदस्यों के टूथब्रश एक साथ रख दिए जाते हैं, जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। टूथब्रश रखते समय यह सावधानी रखना चाहिए कि सभी के टूथब्रश अलग-अलग रखे हों और ब्रश वाला हिस्सा ढंका हुआ हो ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके। आजकल बाजार में टूथब्रश के सुरक्षित तरह से रखने के लिए भी कई तरह के कैप उपलब्ध हैं।
बर्तन साफ करने का स्पंज
बर्तन साफ करने का स्पंज बर्तनों की गंदगी को साफ करता है। कई बार लोग बर्तनों को साफ करके स्पंज को बिना धोए ही रख देते हैं, जिससे इसमें ढेर सारे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो हमारे लिए हानिकारक हो सकते हैं।


75 जिलों में लॉकडाउन, सख्ती से पालन

नई दिल्ली /लखनऊ। केंद्र और राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र के 75 जिलों को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का फैसला लिया। ऐसे में केंद्र ने अब राज्यों से लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पूरी दिल्ली में 31 मार्च तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है और कहा है कि प्रदर्शन और लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। दिल्ली सरकार ने जनता कर्फ्यू के बाद भी लोगों को घरों में रहने की अपील की।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में बीते दो दिन के भीतर 137 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 415 पर पहुंच गई। वहीं, मरने वालों की भी संख्या चार से बढ़कर सात हो गई है।  संक्रमित लोगों में से कुल 41 विदेशी नागरिक हैं और सात लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का नया मामला महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात से सामने आया है। महाराष्ट्र में मृतकों की संख्या दो हो गई है। अब तक दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 24 अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे गई है। उधर स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, केवल महाराष्ट्र में 24 घंटे में 14 और संक्रमण के मामले बढ़े हैं। यहां अब तक 89 मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद केरल में 52 मामले में हैं जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल हैं। दिल्ली में 27 लोग संक्रमित पाए गए हैं जिनमें एक विदेशी शामिल है जबकि उत्तर प्रदेश में एक विदेशी समेत 25 मामले सामने आए।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के तीन लाख से ज्यादा मामले
दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच चुकी है। इटली से लेकर भारत और अमेरिका तक की सरकारों ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रविवार को करीब एक अरब लोग घरों में बंद रहे। वहीं, घातक संक्रमण से मरने वालों की तादाद बढ़कर 13,000 के पार पहुंच गई है। इस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित इटली में कारखाने बंद कर दिए गए हैं। दुनियाभर के 170 देशों में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 308,130 है।


मौत का तांडव देख थर्राया इटली

रोम। यूरोपीय देश इटली और स्पेन में कोरोना वायरस से रिकार्ड मौतों का सिलसिला जारी है। इस महामारी से दोनों देशों में हाहाकार मचा हुआ है। पिछले 24 घंटे में इटली में 793 और स्पेन में 324 लोगों की मौत से यूरोपीय देशों की हेल्थ सेवाएं चरमराने लगी हैं। इटली के प्रधानमंत्री गुउसेपे कोंटे ने शनिवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् यह सबसे बड़ा आघात है। अब उनके पास इस संक्रामक रोग से मुकाबला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इतना कहकर गुउसेपे कोंटे फफक पड़े। जिसके बाद पीएम स्टाफ ने उन्हें सम्हाला। स्पेन में गत शुक्रवार को पांच हजार नए संक्रमित मामले सामने आए। इसके बावजूद शनिवार को इटली के नागरिकों ने अपने घरों की बालकनी से बाहर निकल कर अस्पतालों और फार्मा आदि सेवाओं में काम करने वालों के सम्मान में गीत गुनगुनाया। वहीं स्पेन में मेड्रिड और बार्सिलोना आदि शहरों के लोगों ने तालियां और घंटे बजाकर चिकित्सकों और सुरक्षा में लगे सुरक्षकर्मी-पुलिस के प्रति कृतज्ञता दर्शाई।


विश्व में 12,944 मौत, तीन लाख संक्रमित


अमेरिकी जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की डाटा टीम के अनुसार कोरोना वायरस से दुनिया भर में संक्रामक रोग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार शाम तक 12,944 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि इस रोग से तीन लाख (3,03,001) संक्रमित मामले सामने आए हैं। इस संक्रामक रोग के कहर से दुनिया भर में अर्थव्यवस्था पर भी ब्रेक लगा है, जिससे मंदी के आसार बनते जा रहे हैं। राष्ट्रपति के प्रमुख आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि इकॉनमी को उबारने और उसे नई संजीवनी देने के लिए दो खरब डॉलर की जरूरत पड़ सकती है, जो अमेरिकी जीडीपी (21.4 खरब डालर) का दस प्रतिशत है।


अमेरिका में 302 मौतें, न्यूयार्क में स्थिति बदतर


न्यूयार्क, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, इलिनोईस तथा मैसाचुटेस समेत कई राज्यों में कोरोना वायरस से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। देश के उत्तर पश्चमी राज्य वाशिंगटन की किंग काउंटी के वृद्धाश्रम (नर्सिंग होम) में मौत के तांडव के बाद इन दिनों न्यूयॉर्क में सैकड़ों नए संक्रमित मामलों में वृद्धि से गवर्नर एंड्रयू कोम की नींद उड़ी हुई है। कूमो ने बीते शुक्रवार को ही पूरे राज्य में लॉक-डाउन घोषित कर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। न्यूयार्क में 10,356 संक्रमित मामले सामने आए हैं, जो अमेरिका के आधे से अधिक मामले हैं। अमेरिका में शनिवार की दोपहर तक 302 लोगों की मौत हो चुकी है।


सन्यास के बाद टीम सेलेक्टर बनेंगे

ढाका। अपनी क्रिकेट टीम को अगले स्तर पर पहुंचाने के लिए बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड लगातार कई बड़े फैसले ले रही है। अब खबर आई है कि बीसीबी ने अपने दिग्गज क्रिकेटर को संन्यास लेने के लिए कहा है ताकि उसे टीम का सेलेक्टर बनाया जा सके। बांग्लादेश के बाएं हाथ के स्पिनर अब्दुर रज्जाक (Abdur Razzak) को सेलेक्टर बनने का प्रस्ताव दिया गया है. 37 साल के रज्जाक अभी भी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और बीसीबी चाहती है कि चयन समिति में खाली हुआ एक पद रज्जाक को दिया जाए।


बांग्लादेश क्रिकेट का बड़ा नाम हैं रज्जाक


बता दें रज्जाक बांग्लादेश क्रिकेट के बड़े नामों में से एक हैं। यही वजह है कि क्रिकेट ऑपरेशंस के चेयरमैन अकरम खान रज्जाक को चयन समिति में जगह देना चाहते हैं। अकरम खान ने बांग्लादेश के एक अखबार को बताया कि उन्होंने रज्जाक को बंगबंधु ढाका प्रीमियर डिविजन क्रिकेट लीग के दौरान ही चयनकर्ता बनने का ऑफर दिया था जिसे उन्होंने अबतक स्वीकार नहीं किया है। अब कोरोना वायरस की वजह से लीग स्थगित हो गई है तो मुमकिन है कि रज्जाक संन्यास लेकर बांग्लादेशी टीम के चयनकर्ता बन जाएं। खुद रज्जाक ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी है। रज्जाक ने कहा, ‘हां उन्होंने मुझसे संपर्क साधा था और मैंने फैसला लेने के लिए थोड़ा समय मांगा था। मैंने कहा था कि लीग खत्म होने के बाद मैं अपना फैसला सुनाऊंगा लेकिन अब लीग ही टल गई है और ऐसे में अब मैं इस बारे में सोच सकता हूं।’ रज्जाक का ये भी कहना है कि मुझे सेलेक्टर की जॉब के लिए क्रिकेट छोड़ना पड़ेगा जो कि उनके लिए आसान फैसला नहीं होगा।


सर्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 से बचाव ही सुरक्षा है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 24, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-225 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 24, 2020
3. शक-1942,चैैत्र- कृष्ण पक्ष, तिथि- अमावस्या, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275
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रविवार, 22 मार्च 2020

31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनें रद्द

नई दिल्ली। भारतीय रेल (Indian Railway) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे और यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। इस दौरान खाली माल गाड़ी चलाने का फैसला रेलवे ने लिया है। देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों से लेकर प्लेटफॉर्मों तक कम से कम लोग घरों से बाहर निकले इसके लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। स्कूल, कॉलेज, स्मारकों और इमारतों समेत भीड़-भाड़ वाली सभी जगहों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी कड़ी में ट्रेनें भी कैंसिल की जा रही हैं।


रेल मंत्रालय की ओर से सभी महाप्रबंधकोंको जारी निर्देश के अनुसार 31 मार्च की उक्त अवधि के दौरान कोई भी जोन अपने यहां से कोई ट्रेन नहीं चलाएगा। इसका मतलब हुआ कि देश भर में रोजाना चलने वाली 2400 पैसेंजर ट्रेने तथा 1300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेने नहीं चलेंगी। रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च तक मालगाड़ियां चलेंगी। कोरोना के संक्रमण से आम जनता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। ट्रेनों में सामान्‍य रूप से अक्‍सर भीड़ होती है. सारे कोच खचाखच भरे रहते हैं। ऐसे में संक्रमण बहुत घातक रूप ले सकता है।


देश में 341 संक्रमित, 6 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस अब लगभग पूरे देश में पैर पसार चुका है। अब बिहार में भी कोरोना वायरस की दस्तक हो गई है। रविवार सुबह राज्य में दो मरीजों में कोरोना की पुष्टी हुई जिसमें एक मरीज की मौत हो गई है। मामले की पुष्टी पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (RMRI) की और से की गई है। जिसके साथ ही देश में अब कोरोना के 341 संक्रमित मरीज है तो वहीं छः लोगों की मौत हो गई है।


बता दें कि  स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में किडनी का इलाज करा रहा था। वह मुंगेर जिला का रहने वाला था। मृतक की पहचान सैफ अली (38) के रूप में हुई है। प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की। दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है। महाराष्ट्र में कोरोना से एक और मरीज की मौत गई है। 63 साल के एक मरीज ने बीती रात बीमारी के चलते दम तोड़ दिया।


पटना के आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं। उन्‍होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी, जिनमें शाम तक सौ सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी। उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला। लेकिन देर रात क शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। उन्‍होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्‍ली में भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गई है।


वायरस से लड़ने का इंतजाम ?

रवीश कुमार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के इलाज में वेंटिलेटर का बहुत अहम रोल है। जब सांस लेने में तक़लीफ़ होती है तब वेंटिलेटर का ही सहारा होता है। पूरी दुनिया इस वक्त वेंटिलेटर के इंतज़ाम में लगी है। आप इंटरनेट में सिम्पल वेंटिलेटर टाइप कीजिए। यूरोप के कई देश वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों को आर्डर कर रहे हैं। नई कंपनियों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे वेंटिलेटर बनाएं। इसके लिए तुरंत बनने वाले नए मॉडल पर भी बात हो रही है।


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने वहां की कई इंजीनियरिंग कंपनियों से टेलिफोन पर बात की है। उनसे पूछा है कि क्या दो हफ्ते में 15 से 20 हज़ार वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है? मीडिया में अलग-अलग आंकड़े हैं। अगले महीने तक 30,000 वेंटिलेटर के प्रबंध कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनियों के पास इस वक्त वेंटिलेटर बनाने की इतनी क्षमता नहीं है क्योंकि यूरोप के अन्य देश भी वेंटिलेटर बनाने का आर्डर दे रहे हैं और सभी को जल्दी चाहिए। दुनिया में मूल रूप से वेंटिलेटर बनाने वाली चार पांच बड़ी कंपनियां हैं। मगर इनके पास इतने आर्डर आ गए हैं कि इस वक्त की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं।



इस बारे में ब्रिटेन की बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी स्मिथ ने बड़ा फैसला किया है। यह कंपनी वेंटिलेटर के अपने पेटेंट मॉडल को दूसरी कंपनियों के साथ साझा करने के लिए तैयार हो गई है ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर का उत्पादन हो सके। संकट की इस घड़ी में गला काट प्रतियोगिता वाली कंपनियां इतनी बड़ी कुर्बानी दे रही हैं। वे अपने प्रोडक्ट से एकाधिकार छोड़ रही हैं। स्मिथ का लक्ष्य है कि दो हफ्ते के भीतर 5000 वेंटिलेटर बना कर दे देना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के पास 5000 वेंटिलेटर ही हैं। दुनिया में ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को श्रेष्ठतम मेडिकल सुविधाओं में से एक माना जाता है। क्या भारत में इस सवाल को लेकर आपने हेडलाइन देखी है?


भारत के पत्रकार तीन दिन से प्रधानमंत्री के बेसिक भाषण को महान बनाने के लिए उसमें सौम्यता के कण ढूंढ रहे हैं। प्रधानमंत्री का भाषण ज़रूरी है, लेकिन वह इतना बेसिक है कि उन्हें दिन में चार बार देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हों और सजह हों। लेकिन उनके भाषण में कहीं से भी वायरस से लड़ने की तैयारियों का इंतज़ाम नहीं दिखता है। आप प्लीज़ उनके भाषण को एक और बार के लिए सुनें।



जर्मनी ने 10,000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली ने 5000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली और जर्मनी आई सी यू और वेंटिलेटर की क्षमता डबल कर रहे हैं। हैमिल्टन नाम की कंपनी साल में 15,000 वेंटिलेटर बनाती है। अब उसने अपना उत्पादन 30-40 प्रतिशत बढ़ा दिया है। फिर भी इन कंपनियों के लिए आर्डर को पूरा करना संभव नहीं है।


इसलिए मैं बार बार इस बात पर ज़ोर दे रहा हूं कि कोरोना से लड़ने के लिए नेताओं के भाषण की प्रेरणा उतनी ज़रूरी नहीं है। यह भी काम आता है। लेकिन इसी को मुख्य नहीं मान लेना चाहिए। आप उनके भाषण में यह जानने का प्रयास कीजिए कि मेडिकल तैयारियां क्या हैं, भारत भर में कितने बेड तैयार हो गए हैं, आवश्यकता पड़ने पर कितने दिनों में और कितने बेड बनाए जा सकते हैं, भारत भर में कितने वेंटिलेटर हैं, भारत ने और वेंटिलेटर हासिल करने के लिए क्या किया है, यही नहीं आपने टीवी में देखा होगा, कोरोना वायरस के मरीज़ के करीब जाने वाले हेल्थ वर्कर चांदी रंग के सूट पहने होते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसे सूट भारत में कितने उपलब्ध हैं, दिल्ली में कितने हैं और बंगाल से लेकर बिहार में कितने हैं?


भारत की राज्य सरकारें आम जन को आर्थिक मोर्चे पर मदद के लिए कई अच्छी घोषणाएं कर चुकी हैं लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर जो आंकड़े दिए जा रहे वो बहुत आश्वस्त करने वाले नहीं हैं। यूपी की आबादी 20 करोड़ हैं, वहां पर 2000 से कम बिस्तर क्यों तैयार हैं? दिल्ली में कितने वेंटिलेटर हैं, प्राइवेट और सरकारी, इन सभी का डेटाबैंक क्यों नहीं तैयार है, आस पास के ज़िलों से कितने वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है, ज़िलों में क्यों नहीं पर्याप्त है? ज़िलों के वेंटिलेटर की हालत क्या है? इस वक्त ये सभी सवाल ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।


भारत में अभी तक बहुत कम सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। इससे अंदाज़ा मिलता है कि भारत के पास टेस्ट किट कम हैं और 30 जनवरी को पहला केस आने के बाद भी अभी भी भारत हर दिन 3000 सैंपल भी टेस्ट करने की स्थिति में नहीं है। जब मैं यह बात कहता हूं तो कुछ लोगों का सवाल आता है कि दक्षिण कोरिया की आबादी देखिए। इसका संबंध आबादी से नहीं है। दक्षिण कोरिया ने 7 फरवरी से ही टेस्ट किट बनाने शुरू कर दिए थे। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ बैठकें शुरू हो गई थीं। यही कारण है कि दक्षिण कोरिया एक दिन में 20,000 सैंपल टेस्ट कर रहा है।


सभी मानते हैं कि इसका एक ही उपाय है। टेस्ट करो। पता करो कौन संक्रमित है और उसे अलग करो। घर में बंद रहने की जागरूकता लोगों तक पहुंच चुकी है। और पहुंचाने की ज़रूरत है। बार बार पहुंचाने की ज़रूरत है। अब हमें जानने की ज़रूरत यह है कि हमारी मेडिकल तैयारी कितनी है? क्या आप जानते हैं? क्या आप नहीं जानना चाहेंगे? आप यह सवाल पूछें। कितने वेंटिलेटर हैं, कितने बिस्तर हैं, और कितने टेस्ट किट हैं?


याद रखिएगा, हम सभी ज़िंदगी और मौत की एक नाव पर सवार हैं।
(लेखक मशहूर पत्रकार व न्यूज़ एंकर हैं, आर्टिकल उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...