शुक्रवार, 20 मार्च 2020

शिल्पकारी के हुनर को नया आयाम

सरकार की नई पहल : पत्थर शिल्पकारों के हुनर को मिलेगा नया आयाम
रुपेश टंडन
रायपुर। हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा राज्य सरकार की मंशानुरूप और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में पत्थर शिल्पकारों के हुनर को नया आयाम प्रदान किया जा रहा है। ग्रामोद्योग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा बस्तर वनांचल क्षेत्र के बस्तर विकासखंड के अंतर्गत परचनपाल, भोण्ड, लामकेर, भाटपाल आदि ग्रामों में निवासरत पत्थर शिल्प के शिल्पकारों का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है तथा शिल्पकला में आने वाली विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों को जानने और समझने के लिए भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से सर्वे भी किया जा रहा है।


कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय, नई दिल्ली की स्वीकृति से हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा इसके लिए स्वीकृत 5 अनुबंधित कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा कुल 4 माह में संबंधित क्षेत्र के पत्थर शिल्पकारों का जमीनी स्तर पर और वर्तमान में उनके रहन-सहन एवं सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति के साथ-साथ शिल्पकला तैयार करने में आने वाली कठिनाइयां जैसे कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पादित सामग्री का विक्रय और सामग्रियों के लिए बाजार की व्यवस्था आदि में होने वाली परेशानियों के संबंध में सर्वेक्षण किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के उपरांत संबंधित शिल्पकारों की समस्याओं का नियमानुसार निराकरण बोर्ड और राज्य शासन के स्तर पर करने का प्रयास किया जाएगा।


प्रचार हेतु 'यूनिसेफ' की एडवाइजरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनिसेफ ने साबुन से हाथ धोने के प्रभावी तरीकों के बारे में एडवाइजरी जारी की है। राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने और साबुन से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों के कलेक्टर-सह-अध्यक्ष, प्रबंधन समिति, जिला स्वच्छ भारत मिशन और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी-सह-सदस्य सचिव, जिला स्वच्छ भारत मिशन को परिपत्र जारी किया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक धर्मेश साहू ने हर गांव में सक्रिय स्वच्छाग्राहियों के माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने लोगों को साबुन से हाथ धुलाई के लिए प्रेरित करने के साथ ही मीडिया के जरिए एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा है।


यूनिसेफ द्वारा जारी मार्गदर्शिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण पूरी दुनिया इस समय स्वास्थ्य आपातकाल का सामना कर रहा है। बलगम, खांसी या छींक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से वायरस के आंख, नाक या गले के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से यह श्वास संबंधी वायरस मानव शरीर को संक्रमित करता है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह संक्रमण अधिकांशतः हाथों के द्वारा फैलता है। इस वैश्विक महामारी को रोकने का सबसे आसान, सस्ता और प्रभावी तरीका साबुन व पानी से बार-बार हाथ धोना है।


हाथ कब धोना चाहिए ?


हाथों की अच्छी सफाई के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। शौच के और शिशु का मल साफ करने के बाद, भोजन करने, खाना बनाने, परोसने, शिशु को खाना खिलाने और स्तनपान के पहले हाथ धोना चाहिए। पशुओं व पालतू जानवरों को छूने और साफ-सफाई के काम के बाद तथा यदि हाथ गंदे दिखाई दें, तो हाथ जरूर साफ करना चाहिए।  कोरोना वायरस से बचाव के लिए नाक बहने, खांसने, छींकने, सार्वजनिक स्थलों जैसे बाजार व पूजास्थल से लौटने या सार्वजनिक यातायात के साधनों के उपयोग के बाद हाथ धोना चाहिए। घर के बाहर कोई भी वस्तु, रूपया या सतह को छूने के बाद तथा किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल के पहले, देखभाल के दौरान और देखभाल के बाद अच्छे से हाथ जरूर धोना चाहिए।


हाथ कैसे धोएं ?


साबुन और पानी से 20 से 30 सेकंड तक हाथ अच्छे से साफ करना चाहिए। प्रभावी सफाई के लिए पहले हाथों को पानी से गीला करें और फिर पर्याप्त मात्रा में साबुन लगाएं। हथेलियों की भीतरी व ऊपरी दोनों सतहों को रगड़ें। सभी उंगलियों के जोड़ों और नाखूनों को भी रगड़ें। उंगलियों को नमस्ते की अवस्था में रखते हुए कलाईयों को रगड़ें। हाथ को साफ पानी से धोएं। अंत में हाथों को हवा में सुखाएं या साफ सूखे तौलिए से पोंछे। कीटाणु गीली त्वचा में आसानी से फैलते हैं। इसलिए हाथों को पूरी तरह से सुखाना बहुत महत्वपूर्ण है। हाथों को हवा में, टिशु पेपर या साफ कपड़े का उपयोग कर सुखाना चाहिए। 


थाना अध्यक्ष से लिपटकर रोए लोग

थानाध्यक्ष के काम की मुरीद थी जनता, हुआ तबादला तो लिपट कर रो पड़े लोग


नागेश त्रिपाठी फतेहपुर


सम्मान के साथ दी गयी विदाई, एसओ अर्जुन सिंह की कार को लोगों ने खुद धक्का लगाया


फतेहपुर। पुलिस की कार्यशैली से लोगों में नाराजगी रहती है लेकिन कुछ पुलिसकर्मी ऐसे होते हैं, जो अपने काम से लोगों के दिल में जगह बनाने में सफल रहते हैं। ऐसे पुलिस ऑफिसर का जब तबादला होता है तो पता चलता है कि उन्हें लोग कितना पसंद करते हैं। पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने कई थानेदार को इधर से उधर किया है उसी में धाता एसओ रहे अर्जुन सिंह का तबादला इंस्पेक्टर एसओजी प्रभारी  प्रथम में हुआ है। बृहस्पतिवार को जब थानेदार अर्जुन सिंह अपना थाना छोड़ कर जाने लगे तो क्षेत्रीय जनता की भारी भीड़ जमा हो गयी। लोग उनसे लिपट कर रोने लगे। जाते समय लोगों ने खुद कार का धक्का लगा कर सम्मान के साथ विदाई दी आपको बता दें अर्जुन सिंह अपने मधुर व्यवहार व लोगों से अच्छे बर्ताव के लिए जाने जाते हैं। धाता थाने में लगभग दो साल तक एसओ रहने के दौरान उन्होंने अपराध में भारी अंकुश लगायासाथ ही पीडि़तों की हर संभव मदद की थी जिसके चलते ही स्थानीय लोगों से लेकर थाने के पुलिसकर्मियों में उन्हें बहुत पसंद करने लगे थे। धाता एसओ बनने के बाद उन्होंने अपराध रोकने की गुड़ वर्क करने की बहुत शौक रहती थी सभी को थाना में आधारभूत सुविधाए दिलायी थी। बहुचर्चित खड़सेडवा हत्याकांड  का 20 दिन के अंदर ही खुलासा करने में सफलता पायी थी जिससे जनता भी बहुत खुश हुए थे। एसओ रहे अर्जुन सिंह उस समय भी चर्चा में आये थे जब एसपी के आदेश पर सदर कोतवाली अंतर गत भारी मात्रा में गांजा आदि पकड़ा था जनपद में हर दम गुड़ वर्क की  सुर्खियों में छाए रहते थे गुरुवार को ट्रांसफर के बाद स्थानीय लोगों ने सम्मान के साथ अर्जुन  को थाने से विदाई दी है। पहले उन्हें माला पहनाया गया था और फिर मिठाई खिलायी गयी। इसके बाद लोग गले मिल कर रो पड़े थे। अंत में जब वह थाने से जाने लगे से लोगों ने सम्मान जताते हुए उनकी कार को धक्का भी दिया।



कानून व्यवस्था और प्रणाली ?

देश को दहला देने वाले निर्भया मामले के सभी चार दोषीयो को सुबह ५.३० पर वे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। भारत में न्याय और निर्णय की यह घड़ी आठ साल बाद बमुश्किल आई है। न्याय में देर के कारण इस घृणित अपराध का विकल्प हैदराबाद का एक ऐसे ही मामले का पुलिस एनकाउंटर भी समाज में दिखा। भारतीय समाज को यह दोनों मामले कुछ सीख देंगे क्या ?
भारत की राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में १६  दिसंबर, २०१२ की रात २३  साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। घटना के बाद उसे बचाने की हर संभव कोशिश हुई, पर उसकी मौत हो गयी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बस चालक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनमें एक नाबालिग भी था, जिसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया। जबकि एक आरोपी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सितंबर, २०१३ में इस मामले में चार आरोपियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनायी| मार्च, २०१४ में हाइकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा। मई, २०१७ में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले पर मुहर लगा दी। मई, २०१७  में ही  देश की सर्वोच्च अदालत ने जिस फैसले की पुष्टि कर दी, उसके गुनहगारों को कल तक सजा नहीं मिली, आज वो दिन बमुश्किल आया। वैसे फांसी की तारीख २२ जनवरी तय हुई थी, पर न्यायिक दांव-पेच के कारण यह टल गयी और आज जैसे-तैसे मामला अंतिम अंजाम तक पहुंचा है। कई बार निर्भया की मां अदालत में फूट-फूट कर रोई, उन्होंने कोर्ट से कहा था कि मेरे अधिकारों का क्या? मैं भी इंसान हूं, मुझे सात साल हो गये, मैं हाथ जोड़ कर न्याय की गुहार लगा रही हूं। सब जानते हैं यह वह घटना है, जो महीनों तक देशभर के मीडिया की सुर्खियों में रही। इसे लेकर कई शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। जन आक्रोश को देखते हुए तत्काल जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति बनायी गयी थी और ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए रेप कानूनों में बदलाव कर कड़ा किया गया था। दुष्कर्म के मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किये जाने की व्यवस्था हुई थी।
मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला, सजा भी सुनाई गयी, लेकिन गुनहगारों को सजा नहीं मिल पायी। जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चारों दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक कि वे दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं आजमा लेता। लिहाजा, सभी दोषी एक-एक कर अपने विकल्पों का इस्तेमाल कर व्यवस्था की कमजोरी का फायदा उठाते रहे।
 इससे आम आदमी के जहन में पूरी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गये। यह स्थिति किसी भी भी तरह समाज के लिए अच्छी नहीं है। परिणाम, हैदराबाद के बहुचर्चित रेप कांड में पकड़े गये चारों अभियुक्तों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। इस एनकाउंटर के ‘तत्काल न्याय’ से पूरी न्याय प्रणाली पर देशव्यापी बहस छेड़ दी। मुठभेड़ की खबर लगते ही लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कुछेक लोग पुलिस पर फूल बरसाते भी नजर आये। दोनों ही प्रणाली समाज के सामने आज प्रश्न चिन्ह हैं ? ऐसी घटनाओं से हमारी पूरी न्याय व्यवस्था पर संकट उत्पन्न होने का खतरा है, लेकिन इस सवाल का जवाब भी देना जरूरी है कि क्या दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध की शिकार बेटी को तुरंत न्याय पाने का अधिकार नहीं है?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार २०१४ में अदालतों ने दुष्कर्म के २७.४ प्रतिशत मामलों में फैसले सुनाये थे।२०१७ में ऐसे मामलों में फैसला सुनाने में गति में मामूली तेज हुई और ३१.८ प्रतिशत   हो गयी, लेकिन अपराधी सबूत मिटाने की गरज से दुष्कर्म पीड़िता को जला देते हैं। ऐसे मामले बड़े। देश में इस भांति के कुल ५७४  मामलों में से 90 प्रतिशत अब भी अदालतों में लंबित हैं।
बड़ी संख्या में लोगों का हैदराबाद प्रणाली के पक्ष में झुकाव देखने को मिला यह सामाजिक व्यवस्था की विफलता का भी संकेत है। पूरे देश और समाज को यह चिंतन करना होगा कि न्याय प्रणाली को दुरुस्त कैसे किया जाए? खासकर ऐसे मामलों में।


राकेश दुबे


20 राज्यों में संक्रमण, 5 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से देश में पांचवीं मौत हो गई है। राजस्थान में इतालवी नागरिक की मौत हुई है। वह कोरोना से संक्रमित था। शुक्रवार सुबह तक पीड़ितों की संख्या 200 को पार कर गई है। इसमें से 20 ठीक हो चुके हैं। शुक्रवार को लखनऊ में चार नए मरीज मिले। लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में अब 9 मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना अब 20 राज्यों में पाव पसार चुका है और सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित है।


अगर राज्यवार कोरोना वायरस के केसों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में 3, दिल्ली में 12, हरियाणा में 17, कर्नाटक में 15, केरल में 28, महाराष्ट्र में 49, पंजाब में एक, राजस्थान में 9, तमिलनाडु में 3, तेलंगाना में 16, जम्मू-कश्मीर में 4, लद्दाख में 8, उत्तर प्रदेश में 23, उत्तराखंड में 3, ओडिशा में 2, गुजरात में 2, पश्चिम बंगाल में 2, चंडीगढ़ में एक, पुदुचेरी में एक और छत्तीसगढ़ में एक मरीज सामने आए हैं।


अब तक 5 की मौत


कोरोना की चपेट में आकर अभी तक चार लोग जान गंवा चुके हैं। पहली मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई थी। उसके बाद दूसरी मौत दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई। तीसरी मौत मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में हुई और चौथी मौत कल यानी गुरुवार को पंजाब में हुई है। खास बात है कि जिन चारों की मौत हुई है, उनकी उम्र 60 साल से अधिक थी। इसके अलावा शुक्रवार यानी आज राजस्थान में एक इतालवी नागरिक की मौत हो गई है। उसका कई दिनों से इलाज चल रहा था।


खींचतानः भाजपा में सीएम के 5 दावेदार

भोपाल । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मप्र विधानसभा में आज कमल नाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देने के बाद भाजपा में नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सरकार बनने की स्थिति में बतौर मुख्यमंत्री उसका नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर खींचतान शुरू हो गई है। फिलहाल सारे मोर्चो पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन अगला सीएम कौन होगा, इसे लेकर भाजपा नेतृत्व ने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि नेतृत्व का फैसला हाईकमान ही करेगा।


संभावित भाजपा सरकार में मंत्री पद के लिए भी दावेदारों के बीच जोर-आजमाइश शुरू हो जाएगी। सिंधिया गुट के जिन 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं, उनमें से भी कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि उन्हें छह माह में विधानसभा उपचुनाव जीतना होगा, तभी मंत्री पद कायम रह सकेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद ये तय माना जा रहा है कि अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।


तोमर, मिश्रा, सिंह भी रेस में


भाजपा की तरफ से अभी मुख्यमंत्री पद के चार दावेदार सक्रिय हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तो सीएम पद का दावेदार माना ही जा रहा है। 13 साल तक प्रदेश की बागडोर संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। साथ में ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से नरेंद्र सिंह तोमर को भी भेजा जा सकता है। वहीं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी सीएम की दौड़ में शामिल हैं।


नंबर एक पर शिवराज


माना जा रहा है कि जिस तरह से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पार्टी ने अब तक सभी मोर्चो में आगे किया हुआ है, उसी तरह सरकार बनने पर प्रदेश की कमान भी उन्हें सौंपी जा सकती है। ऐसा हुआ तो चौहान प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले राजनेता होंगे। चौहान को सीएम की दावेदारी में पहले स्थान पर रखने वालों का दावा है कि प्रदेश में बड़ी तादाद में उपचुनाव होना है, ऐसी परिस्थितियों में चौहान ही उपचुनाव में विजय दिलवा सकते हैं।


तोमर इसलिए रेस में


मोदी सरकार में लंबे समय से केंद्रीय मंत्री पद संभाल रहे नरेंद्र सिंह तोमर को भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। तोमर पहले भी प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वे दो बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं। कार्यकर्ताओं और विधायकों से भी तोमर का गहरा नाता है। जहां आगे उपचुनाव होना हैं, उनमें से अधिकांश सीटें ग्वालियर-चंबल अंचल की हैं। तोमर भी इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए पार्टी उन पर भी दांव लगा सकती है।


राकेश सिंह रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष


भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। वे लगभग पौने दो साल तक प्रदेश भाजपा की कमान संभाल चुके हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि हाईकमान उन्हें संगठन में ही रखना चाहता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नई टीम में सिंह को स्थान मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। यदि विपरीत हालात बने तो उन्हें भी मप्र भेजा जा सकता है।


नरोत्तम की भूमिका भी अहम


भाजपा सरकार के दौरान लंबे समय तक संकटमोचक की जिम्मेदारी निभाने वाले पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। मिश्रा पहले भी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल रहे हैं। कुछ समय पहले तक नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान के बीच गहरे मतभेद रहे हैं, लेकिन सरकार के लिए जोड़-तोड़ के दौरान दोनों नेताओं के बीच अघोषित समझौता हो गया। सूत्रों के मुताबिक चुनाव के बाद भी शिवराज ने नरोत्तम के नाम का विरोध किया था और इसी वजह से नेता प्रतिपक्ष का पद गोपाल भार्गव को दिया गया। मिश्रा का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी प्रस्तावित था, लेकिन आरएसएस के करीबी माने जाने वाले वीडी शर्मा को जिम्मेदारी मिली।


दे दिया इस्तीफा, लगाए गंभीर आरोप

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट के पहले इस्तीफा दे दिया है। वे 1 बजे राज्यपाल से मिलने जायेंगे। वहां राज्यपाल को इस्तीफा सौपेंगे। प्रेस को संबोधित करते हुए मुख्यमंंत्री कमलनाथ ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए। सीएम ने कहा कि


“मेरा प्रयास था प्रदेश की तस्वीर बदले। मेरे 45 सलाल के राजनितिक करियर पर विकास पर विशवास किया । मुझे जनता ने 5 साल का मौका दिया था, भारतीय जनता पार्टी जो 15 साल तक थी। मुझे 15 महीने मिले, इन 15 महीनो में किये जनहितैषी कार्य बीजेपी को रास नहीं आया.. फिर भी हमने अपना कार्य किया। बीजेपी ने 22 विधायकों को बंधक बनाने का काम किया।


महाराज और उनसे जुड़े लोगो ने लोकतंत्र की हत्या की। इन्हे प्रदेश की जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। बीते 15 महीनो में हमने कई बार बहुमत साबित की… मेरी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई ये विश्वासघात प्रदेश की जनता से किया गया। हमने किसानो का कर्जा माफ़ किया, किसानो के हक़ में कई फैसले लिए। बीजेपी ने किसानो के साथ षडयंत्र किया, हमने माफिया मुक्त किया जिसके विरोध में भाजपा आई। बीजेपी ने लोकतान्त्रिक मूल्यों की हत्या की। ना हम डरेंगे आ झुकेंगे…प्रदेश की जनता हमारे साथ है। आज के बाद कल भी होता है ये सभी को ध्यान रखना चाहिए।”


5 बजे दोषियों को फांसी, पीएम को भेजा

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने समय अनुसार सुबह 5:00 बजे इन सभी दोषियों को फांसी के फंदे से लटका दिया । फांसी से चंद घंटे पहले आधी रात तक भी इन दोषियों की फांसी के ऊपर बहस होती रही। लेकिन आखिर में इंसाफ की जीत हुई। कोर्ट ने साफ कह दिया कि इनकी फांसी रोकी नहीं जा सकती और पहले ही तीन डेथ वारंट रद्द हो चुके हैं। अब यह चौथा टेस्ट वारट है अब कोई फरियाद इन दोषियों की नहीं चलेगी। क्योंकि अगर यह चौथा डेथ वारंट रद्द होता है तो हर भारतीय का इंसाफ से विश्वास हट जाएगा, जो कि कोर्ट नहीं चाहता । ताजा जानकारी मिली है कि इन दोषियों को फांसी के बाद अब तिहाड़ जेल से डीडीयू अस्पताल ले जाया जाएगा। जहां इनका पोस्टमार्टम किया जाएगा और इस पोस्टमार्टम की खास बात यह रहेगी कि इस पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। ताकि इन दोषियों के सब ऊपर भी कोई उंगली ना उठा सके ।


सलाम है निर्भया की मां को जो अपनी बेटी के लिए लड़ी, देश की बेटियों के लिए लड़ी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि हम पिछले सात साल में निर्भया से अलग नहीं हुए हैं, हर पल हमने उसके दुख को महसूस किया। निर्भया का दुख ही हमारा संघर्ष बना और इंसाफ के लिए हमने लड़ाई लड़ी। आशा देवी ने कहा कि 20 मार्च को निर्भया दिवस और महिला सुरक्षा के रूप में मनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज का ये दिन देश की बेटियों के नाम है। एक- एक चुनोतियों का सामना कर आज यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि कहते हैं देर आये दुरुस्त आये। 7 साल के बाद आखिर इंसाफ मिला है, देश के लोगों ने निर्भया के लिए लड़ाई लड़ी है। 


बता दें कि वर्ष 2012 में दिल्ली में दंरिदों की हैवानियत का शिकार हुई निर्भया को आज इंसाफ मिला है। तमाम कोशिशों और पैंतरों के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी टालने की कोशिशों में कामयाबी नहीं मिली। मामले में गुरुवार रात से शुक्रवार अलसुबह 4 बजे तक हुई सुनवाई में न्याय मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की याचिका को खारिज किया। गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सर्वोच्च अदालत में रात को ढाई बजे सुनवाई हुई और करीब 3.30 बजे याचिका को खारिज कर दिया गया। दोषियों को बचाने की सारी दलीलों को खारिज करते हुए फैसला सुनाया। इससे पहले निर्भया के दोषियों की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज किया। करीब 2 घण्टे चली सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने याचिका खारिज कर दी। दोषियों ने फांसी से बचने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनोती देने एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन बचाव पक्ष के कोई तर्क काम नहीं आए।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 21, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-222 (साल-01)
2. शनिवार, मार्च 21, 2020
3. शक-1942,चैैत्र - कृष्ण पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-29+ डी.सै., भारी बारिश की संभावना रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


गुरुवार, 19 मार्च 2020

पीएम संबोधनः बचाव ही उत्तम उपाय

कविता उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश की जनता को संबोधित किया। वैश्विक महामारी को केंद्रित करते हुए कहा कि देश की जनता को विचलित और भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। जिसके लिए हमें सूझबूझ और समझदारी से काम लेना होगा। किसी भी नागरिक को यह समझने की आवश्यकता नहीं है कि वह खुलेआम भीड़भाड़ वाले स्थानों पर घूम सकता है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से परहेज किया जाए क्योंकि भीड़ से ही कोरोना बीमारी का संक्रमण फैलता है। और आपका जीवन आपके परिजनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं प्रत्येक नागरिक से यह अपील करता हूं कि वह इस लाइलाज बीमारी से बचने का जतन करें। देश में खदान की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। अन्य किसी प्रकार की चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। गवर्नमेंट प्रत्येक व्यक्ति के प्रति चिंतित और जिम्मेदार है। सभी देश वासियों से अनुरोध है कि वह भीड़ से बचे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। समाज को सार्वजनिक समारोह से बचना चाहिए। वृद्ध, दिव्यांग और बच्चे  घर पर ही रहे तो बेहतर होगा।
हमें कुछ नहीं होगा, अत्याधिक आत्मविश्वास वाली सोच से बचें। जितना सम्भव हो सके दफ्तर का काम अपने घर से करें। 22 मार्च रविवार को सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील।कोई भी नागरिक इस दौरान घरों से बाहर ना निकले।घर मे रहने की सलाह। जनता कर्फ्यू के माध्यम से आने वाली चुनोतियों से निपटने में सक्षम होंगे। भारत की सभी राज्य सरकारों से जनता कर्फ्यू लागू करवाने का अनुरोध।


निश्चित समय पर आरोपियों को फांसी

नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जाएगी। चार आरोपियों में से एक पवन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज कर दिया गया है। पवन ने खुद को नाबालिग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी। लेकिन उसने कोर्ट ने खारिज कर दिया।


निर्भया के गुनहगार अब तक कानूनी हथकंडों का इस्तेमाल कर खुद को फांसी से बचाते रहे हैं। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक को यह खेल समझ में आ गया है। कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील के रवैया पर बुधवार को आपत्ति भी जताई थी। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने गुरुवार की रात 12 बजे तक तिहाड़ जेल के अधिकारियों और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी और कहा है कि अंतिम समय तक अदालत का रुख किया जाना बिल्कुल हैरत भरा है। निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए नए डेथ वारंट जारी हुआ है। निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले 22 जनवरी,1 फरवरी और 3 मार्च डेथ वारंट तय हुआ था, लेकिन दोषियों को फांसी नहीं हो पाई।


भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट लैंडिंग पर रोक

नई दिल्ली। इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है दिल्ली से जहां भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट्स की लैंडिंग पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई है। भारत में 22 मार्च से एक हफ्ते के लिए इंटरनेशन फ्लाइट्स की लैंडिंग पर रोक लगा दी गई है।


देश में कोरोना वायरस से अब तक कुल चार मौतें हो चुकी हैं। आखिरी मौत पंजाब में हुई है। वहीं, भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 180 तक पहुंच गई है। 5 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। यानी अभी कोरोना वायरस के एक्टिव केस 167 हैं। कोरोना से महाराष्ट्र में पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर 49 हो गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 2, दिल्ली में 10, हरियाणा में 17, कर्नाटक में 14 ,केरल में 27, पंजाब में 2, राजस्थान में 7, तमिलनाडु में एक, तेलंगाना में 13, जम्मू-कश्मीर में 4, लद्दाख में 8, उत्तर प्रदेश में 19, उत्तराखंड में एक, ओडिशा में एक, छत्तीसगढ़ में एक और पश्चिम बंगाल में एक केस सामने आए हैं। महाराष्ट्र देश के सबसे बड़े कोरोना प्रभावित राज्य में शुमार हो गया है। यहां कोरोना के सबसे ज्यादा 47 केस सामने आए हैं। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। लेकिन पिछले चौबीस घंटे के भीतर कोरोना के सात मामले महाराष्ट्र में सामने आ चुके हैं।इसके अलावा टिफिन सप्लाई करने वाले एशिया के सबसे बड़े समूह डब्बावाला की सेवा भी लोगों को नहीं मिलेंगी।मुंबई डब्बावाला के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने कहा कि एहतियातन हमारी सेवा शुक्रवार से 31 मार्च तक बंद रहेंगी।


स्कूल के विरुद्ध एसडीएम को ज्ञापन

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन


सचिन विशौरिया
गाजियाबाद। लोनी लालबाग स्थित बी ब्लॉक में ब्लूमिंग पब्लिक स्कूल प्रबंधक ने वन-विभाग की भूमि पर कब्जा कर कांटे सैकड़ों पेड़। आवासीय कॉलोनी मे स्कूल चलाने व
बहुत अधिक ऐडमिशन फीस लेकर ऐडमिशन और अवैध रूप से  वन विभाग की जमीन पर कब्जा करना। स्कूलों द्वारा लेट फीस के नाम पर अवैध उगाई के सम्बंध मे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पंडित सचिन शर्मा उप जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि ब्लूमिंग पब्लिक स्कूल पर मुकदमा दर्ज कर, मान्यता रद्द की जाए। जबकि गवर्नमेंट ने ऐडमिशन पर एक्स्ट्रा फीस एवं डोनेशन पर रोक लगा रखी है फिर भी प्राइवेट स्कूल कर्मी सरकार के आदेश की अवहेलना कर कार्य कर रहे हैं ऐसे में गरीब व मीडियम वर्क का व्यक्ति अपने बच्चों को अपने पास में अच्छी शिक्षा कैसे दिलवा सकता है  इस दौरान सचिन शर्मा ने बताया कि प्राइवेट स्कूल मैं 1 महीने से ज्यादा फीस लेट होने पर पलेंटी लगाई जाती है  अगर आप जांच करेंगे तो इनके स्कूलों में एक भी गरीब बच्चा शिक्षा नहीं प्राप्त करता है इन लोगों ने सरकार के नियम कायदे ताक पर रख शिक्षा को भी व्यापार बना दिया है 
 लोनी क्षेत्र की अधिसंख्य जनता आज भी अपना जीवन यापन मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे है केंद्रीय शिक्षा विभाग के मानकों के अनुरूप 25 %कोटा गरीब असहाय,या शहीद परिवार के लिए होता है जिसका कोई भी स्कूल पालन नही कर रहा।
गरीब मीडियम वर्ग के व्यक्तियों के बच्चों को  इन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही।


चीन का दावा, वैक्सीन परीक्षण जारी

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के कहर के बीच चीन ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस का टीका तैयार कर लिया है और इसका इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है।


यह चीन की पहली वैक्‍सीन है जिसे ‘टर्मिनेटर ऑफ इबोला’ कही जाने वाली देश के शीर्ष सैन्‍य जैव-युद्ध विशेषज्ञ ने तैयार किया है। वुहान से कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद चीन अभी तक इस बीमारी से जूझ रहा है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमण का दूसरा दौर शुरू हो सकता है। चीन की घोषणा उस वक्त आई है जब दुनिया के देश कोरोनावायरस का टीका खोजने में लगे हैं। इससे कई देशों में गंभीर संकट खड़ा हो गया है। कई देशों में स्थिति बेहद भयानक है। ऐसे में चीन का दावा कितना सही और कारगर है ये तो वक्त ही बताएगा।


रेलवे के 60 परसेंट टिकट कैंसिल

नई दिल्ली। कोरोना ने रेलवे को दिया बड़ा झटका दिया है। कोरोना के डर से यात्री यात्रा करने से बच रहे हैं। जिसके कारण देश में 60 फीसदी टिकट कैंसिल हो गया है। रेलवे के तैयारियों पर लोगों को भरोसा कम हो रहा है। इसलिए यात्रा कम कर रहे हैं। संसदीय समिति ने चेयरमैन को लगाई फटकार: कोरोना को लेकर की गई। तैयारियों को लेकर संसदीय समिति नाराज है। इसमें बड़ी लापरवाही को देखते समिति ने बोर्ड के चेयरमैन को को फटकार लगाई है। संक्रमण के मद्देनजर तैयारियों और इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव की आलोचना की। बैठक में संसदीय समिति के 20 सदस्य मौजूद थे।


चेयरमैन को हर बात पर घेरा: चेयरमैन ने कहा कि यात्रियों को जागरूक करने के लिए पम्पलेट तैयार किए हैं, जिसमें कोरोनावायरस के प्रति सजगता बरतने के निर्देश हैं। इसको हर यात्रियों को दिए जा रहे हैं। इसके बाद समिति ने चेयरमैन से पूछा कि जो यात्री पढ़ा लिखा नहीं है उसको कैसे जागरूक करेंगे। इस पर वह कुछ नहीं बोल पाए। समिति ने कहा कि वायरस संक्रमण से निपटने न तो आप तैयार हैं और न ही रेलवे। जिसका खामियाजा यात्री को सेहत और रेलवे को आर्थिक नुकसान को लेकर उठाना पड़ रहा है।


सावधान अजमेर, मोटिवेशनल वायरस

मधुकर कहिन


सावधान अजमेर!! इसे कहते हैं मोटिवेशनल वायरस


नरेश राघानी


इन दिनों इंटरनेट के माध्यम से छाए हुए मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा बड़ी चर्चाओं में हैं। वैसे तो डॉ बिंद्रा एक प्रेरणादायक वक्ता है। जिसे अंग्रेजी में मोटिवेशनल स्पीकर बोलते हैं। परंतु इनकी वेबसाइट बड़ा बिजनेस डॉट कॉम इससे भी आगे कई और चीजें करने का दावा करती है। जिसमें यह मोटिवेशन स्पीच के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने हेतु फीस लेते हैं। लोग इन्हें सुन भी रहे हैं और फीस भी दे रहे हैं।  विवेक बिंद्रा ने कंपनी भी खोल रखी है। जिसकी  कुल मिलाकर कागजों पर कैपिटल 10 लाख मात्र है। ऐसी तीन कंपनियां रेजिस्टर है। यानी कि कुल मिलाकर 30 लाख ।
                            कंपनी का काम काज देखकर आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगेगा कि यह एक ही सेमिनार या एक कोर्स फ्रैंचाइज़ के 15 लाख ले लेती है। परंतु यहां बात जब पैसे की है तो डॉ बिंद्रा से यह पूछना बहुत आवश्यक हो जाता है कि अगर इसे एक कोर्स कह रहे हैं जो कि किसी पाठ्यक्रम की तरह सुनाई दे रहा है। तो ऐसा पाठ्यक्रम की मान्यता किस यूनिवर्सिटी अथवा कौंसिल से है ? क्या उनके पास इस तरह से बिना किस उपयुक्त मान्यता के शिक्षा को इस तरह से बेचने का कोई वैधानिक अधिकार सरकार द्वारा है या नहीं है ? क्या उनकी कंपनी ने मानव संसाधन मंत्रालय , एआईसीटीई , या किसी भी सरकारी अकादमिक परिषद से इस की अनुमति या मान्यता ली है अथवा नहीं ? क्या उन्हें यह मालूम है कि उनके प्रतिनिधि जिन्हें वह फ्रैंचाइज़ के नाम पर धन लेकर व्यावसायिक अधिकार दे रहे हैं , वह आम लोगों से इसका कितना पैसा ले रहे हैं ? और किस रूप में ले रहे हैं ? पैसे की रसीद भी देते हैं या नहीं ? क्या इंटरनेट पर चल रहे उनके यूट्यूब चैनल को भारतीय प्रसार नियमों के तहत अनुज्ञा प्राप्त है या नहीं ? क्या लोगों से ली गयी राशि पर जीएसटी लिया जा रहा है या नहीं ? क्या सर्विस टैक्स नियमों की पालना हो रही है या नहीं ? फिर जिस मोटिवेशन कोर्स का आपके सहयोगी पैसा ले रहे हैं , वह वीडिओज़ क्या वैसे ही आपके यूट्यूब पर उपलब्ध है या नहीं ?


वगैराह ... वगैराह 


खैर !!!! सुनाई यह दिया है कि अजमेर में 15 से 20 हज़ार की फीस लेकर इस तरह का कोर्स offline बेचा जा रहा है।


देश में आयोजित ऐसे हर एक सेमिनार में सैकड़ों लोग होते हैं। जो फीस देकर डॉ बिंद्रा को सुनते हैं। और ऐसे एक सेमिनार की कमाई लगभग 15000 प्रति श्रोता के हिसाब से ली जा रही है। अब आप यदि 15 हज़ार को सेमिनार में बैठे श्रोताओं की संख्या से गुना करतेहैं तो यह आंकड़ा लाखों पार कर जाता है । यानी कि एक सेमिनार से लगभग 15 लाख रुपये मिलते हैं। और बिंद्रा इस तरह के सैकड़ों सेमिनार कर चुके हैं।  जबकि सरकारी रिकॉर्ड में शायद डॉ बिंद्रा की एक कंपनी की टोटल पेड अप कैपिटल 1 लाख मात्र दिखाई दे रही है । ऐसी और भी कंपनियां सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है परंतु कोई भी कंपनी अब तक डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी नहीं हैं। शायद हर साल नई कंपनी बना कर यह किया जाता होगा !!!!


फिर भी जो व्यवसाय कागज पर मात्र 10 लाख का है। वह एक ही फ्रैंचाइज़ शो में 15 लाख छाप रहा है ???  वह भी बिना किसी रसीद के ?? कैसे ???


          और सरकारी महकमों को अब तक आखिर भनक भी क्यूँ नहीं लगी है ? इन सब बातों पर क्या सरकारी जांच की आवश्यकता महसूस नहीं होती ? हमारे सिस्टम की प्रॉब्लम यह है कि यह सिस्टम खुद लोगों को बढ़ावा देता है , और खुद ही कुछ बहुत बड़ा हो जाने के बाद इन्हें रास्ता भी दे देता है बच के निकलने का ...
           मेरे इस कथन का बिल्कुल यह मतलब नहीं है कि डॉ बिंद्रा कोई बहुत गलत काम करने जा रहे हैं। हां यह मतलब अवश्य है की यह पूरा सही दिखाई नहीं दे रहा है। और जितना गलत है उतना पूछने का अधिकार इस देश में हर किसी को है ? वक्त पर हमारे जैसे कुछ सनकी गला फाड़कर लोग चिल्ला लेते हैं। तो कुछ हो जाता है। नहीं तो जो जैसे चल रहा है , बस वैसे ही काम चल जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि मैं यह सब बातें यहां अजमेर में बैठे लोगों को क्यों बता रहा हूँ ??? तो साहब सतर्क हो जाइए और वो इसलिए क्योंकि


 इस कंपनी का अगला निशाना अब अजमेर है । 


अजमेर की कुछ घरेलू महिलाओं का क्लब अब इसका शिकार होने जा रहा है । जिस का संचालन अजमेर के एक राजनीतिक परिवार की ग्रहणी करने जा रही है। जो कि शायद इन सब बातों से खुद भी अनजान है । परंतु जाने या अनजाने यदि कोई नुकसान हुआ तो वह अजमेर वासियों के ही होगा। एक ज़िम्मेदार नागरिक को इस तरह का कोई भी कदम सोच समझ कर पारिवारिक और सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए ही उठाना ज़रूरी होता है। जयपुर में बैठे इस कंपनी के कुशल कारीगरों का इतिहास एमएलएम कंपनियों से जुड़ा है। जो कि अक्सर अपने ही चेंनल पार्टनरों से लेनदेन को लेकर विवाद में उलझे रहने हेतु मशहूर होते है।परंतु इन्हें यह मालूम नहीं है कि ये अजमेर है बाबू।
 अब अजमेर तो !!!! सदा ही मशहूर रहा है क्योंकि अजमेर ने कभी भी आधी सही या पूरी गलत चीज को स्वीकार नहीं किया है। चाहे वह प्रवीण तोगड़िया का त्रिशूल दीक्षा के बहाने त्रिशूल बाँटनां हो या फिर कोई भी छोटे से छोटा घोटाला । किसी भी तरह की कोई थोड़ी सी भी बेवाजिब बात जब जब भी अजमेर की धरा पर हुई है। अजमेर के लोगों ने उछल कर बाउंस बैक किया है।और बड़े से बड़े धुरंधरों को धूल चटाई है। जिन का विजय रथ शायद पूरे हिंदुस्तान में कहीं भी नहीं रुकता था। उनके विजय रथ के परखच्चे अजमेर की धरा पर पढ़ते ही उड़ गए हैं। इसका इतिहास गवाह है।
             प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की गतिविधियों और ऐसे आसमानी आयोजन करने वाले बाहरी व्यावसायिक समूहों की हरकतों पर नज़र रखे , ताकि अजमेर की भोली भाली जनता किसी आर्थिक हानि का शिकार न बने।
      मेरा यह मानना है कि पत्रकार को इंसाफ के झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए। पत्रकार का काम आवाज उठाना रहा है। सो अपन ने आवाज उठा दी भैया !!! जिस किसी का जमीर आवाज़ सुनकर जागेगा वह अपने आप अपना काम करेगा।
              अपना काम तो हो गया भैया !!! और हां जिस किसी को मेरी यह बातें मनगढ़ंत अफसाना लग रही हो। वह सादर आमंत्रित है मेरे गरीब खाने पर। मैं उसे सब कुछ उपलब्ध करवाने में सक्षम महसूस करता हूँ।


सीएससीए, सीबीएम सहित कई चुनाव टाले

कोविद-19 प्रकोप : बार एसोसिएशन व सीएससीए के बाद व्यापार मंडल के चुनाव भी स्थगित 
•चण्डीगढ़ प्रेस क्लब के चुनाव स्थगित करने के लिए अमित शाह को पत्र लिखा  


चण्डीगढ़। जानलेवा कोविड-19 के प्रकोप के कारण पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व चण्डीगढ़ सीनियर सिटिज़न्स एसोसिएशन ( सीएससीए ) के चुनाव स्थगित होने के बाद अब चण्डीगढ़ व्यापार मंडल ( सीबीएम ) के चुनाव भी टल गए हैं। बार एसोसिएशन के चुनाव 3 अप्रैल को व सीएससीए के चुनाव 21 मार्च को होने निर्धारित किये गए थे परन्तु गत दिनों नगर प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ये चुनाव स्थगित कर दिए गए थे जबकि सीबीएम के वर्तमान प्रधान अनिल वोहरा का दो वर्षीय कार्यकाल इसी माह पूरा होने जा रहा है जिसके मद्धेनज़र नए प्रधान के चयन हेतु चुनाव की तिथि निर्धारित करने के लिए आगामी 24 मार्च को जनरल हाऊस की बैठक बुलाई गई थी। संस्था के चेयरमैन चिरंजीव सिंह के मुताबिक प्रशासन के निर्देशों पर अमल करते हुए ये बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है व नई तारीख तय करने का निर्णय 5 अप्रैल के बाद किया जाएगा।


शहर की तीन बड़ी संस्थाओं के चुनाव स्थगित होने के बाद अब सबकी नजर चण्डीगढ़ प्रेस क्लब के चुनावों पर टिक गई है। क्लब के वार्षिक चुनाव 29 मार्च को होने तय किए गए है परन्तु क्लब के एक वरिष्ठ सदस्य सुरिंदर अवस्थी ने इन चुनावों के स्थगन हेतु केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि नगर प्रशासन ने शहर के सभी शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों व मॉल्स आदि को बंद करवा दिया है तो क्लब के चुनाव भी फिलहाल रोक देने चाहिए। अवस्थी ने इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री से दखल देने की मांग की है।


चंडीगढ़ में संक्रमण, प्रशासन हुआ सचेत

चंडीगढ़ में कोरोना का मामला सामने आने पर प्रशासन हुआ सचेत : हस्पतालों में गायनी,पीडियाट्रिक एवं ट्रॉमा सेवाओं के अतिरिक्त सभी विभागों का ओ पी डी का काम 31मार्च तक स्थगित


अमित शर्मा


चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने चंडीगढ़ में कोरोना का पहला मामला आने की पुष्टि की है। आज यहां प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि सेक्टर 21 की फिज़ा रविवार को इंग्लैंड से लौटी। सूचना मिलने पर उसके टेस्ट किये जो पॉज़िटिव आया। उसे तुरंत आइसोलेशन में ले लिया गया। उन्होंने बताया इस बीच उसके संपर्क में जो आये उनको भी सकैनिंग में ले लिया गया है। 
उन्होंने बताया इस मामले के बाद प्रशासन चौकस हो गया। इसके लिए सकैंनिग टीम गठित की गई है कोई भी सूचना


मिलने पर टीम उस घर जाकर संदिग्ध व्यक्ति की जांच की जाएगी। उन्होने बताया कोरोना को देखते हुए हॉस्पिटल में ग्यानी, पेडिएट्रिक और ट्रॉमा की सेवाएं जारी रहेगी। अन्य की ओ पी डी 31 मार्च तक स्थगित रहेगी। शहर के सभी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बंद कर दिए है। शहर में अपनी मंडी लगेगी। सब्ज़ी एवं ग्रेन मंडी के भीड़ न हो इसके लिए इंतजाम किए जा रहे है। चंडीगढ़ की मार्किट की सेनिटेशन ले लिए नगर निगम ने तैयारी कर ली है। सरकारी कार्यालयों में भीड़ न हो इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। प्राइवेट आफिस को कहा गया है कि कर्मचारियों को घर से काम करवाया जाए।
उन्होंने बताया कि मार्किट में मास्क एवं सेनेटाइजर की कोई कमी नही है। यदि कोई इसकी ब्लैक मार्किटिंग करता है तो उस पर कार्यवाही होगी।


हापुड़ में अवैध खनन पर शिकंजा कसा

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
खनन विभाग की कार्यवाही।
हापुड़। खनन विभाग लगातार अवैध खनन/परिवहन करने वालो पर कार्यवाही कर रहा है।इसी क्रम में आज तहसील हापुड़ में जांच की गई। जांच के दौरान उत्तराखंड राज्यों से बालू ला रहे 2 वाहन रोके गए, जिनसे परिवहन से संबंधित पेपर मांगे गए, उनके द्वारा दूसरे राज्य से मिनरल लाने वाला आई. एस. टी. पी. परमिट नहीं दिखाया गया जिसपर उन्हें पकड़कर कोतवाली हापुड़ की सुपुर्दगी में दिया गया। इसी तरह कारवाही जारी रहेगी और दूसरे राज्यों से आ रहे मिनरल को बिना आई. एस. टी. पी. के परिवहन करने नही दिया जाएगा।


आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
प्रवीण कुमार रिपोर्टर


राज्य वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रिविधिक शिक्षा/ प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने यूपी सरकार तीन वर्ष पुरे होने पर



हापुुड़। यूपी में योगी सरकार के 3 वर्ष पुरे होने पर जनपद हापुड़ में राज्य वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रिविधिक शिक्षा/ प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने कोरोना वायरस के पीड़ितों हेतु बनाये गए आइसोलेसन बेड का निरिक्षण किया और फिर विकास भवन में प्रेस वार्ता कर यूपी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। प्रभारी मंत्री संदीप सिंह ने हापुड़ में हुए विकास कार्यो के साथ साथ यूपी में हुए विकास कार्यो की भी जानकारी दी। प्रभारी मंत्री ने ये भी बताया की इन 3 वर्षो में यूपी में कोई भी दंगा नहीं हुआ है और गरीबो तक सभी योजनाओ का लाभ पहुंचाया जा रहा है।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...