कानपुर। कानपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवराजपुर में सिजेरियन प्रसव के लिए गर्भवती से 5 हजार रुपये की वसूली का मामला सामने आया है। पैसा न होने पर गर्भवती को कान से सोने के टॉप्स उतार कर गिरवी रखना पड़ गया। मामला सामने आने के बाद कानपुर के सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुज दीक्षित को छानबीन के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, गौरन निवादा की रहने वाली रश्मि को दो दिन पूर्व प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उन्हें शिवराजपुर सीएचसी लेकर पहुंचे। रश्मि की मां कलावती के अनुसार, स्टाफ नर्स और दूसरे कर्मचारियों ने कहा कि इंतजार करो, सामान्य डिलीवरी हो जाएगी। उनका आरोप है कि शनिवार को अचानक अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि 15 मिनट के अंदर सीजेरियन करना होगा, नहीं तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा है।
सोने का कुंडल रखकर सूदखोर ने दिए रुपये
डॉक्टरों ने तत्काल पांच हजार रुपए की व्यवस्था करने को कहा. कलावती ने बताया, 'मेरे पास पैसे नहीं थे। मैंने कहा कि मुझे कहीं और से रुपयों का इंतजाम करना होगा। इस पर अस्पताल के कर्मचारियों ने तुरंत इंतजाम करने को कहा। उन्होंने कहा कि जो गहने पहने हो, उसे गिरवी रख दो। बेटी ने कुंडल पहन रखे थे। कर्मचारी ने साहूकार को अस्पताल में ही बुलवा लिया। साहूकार ने कुंडल निकलवा लिए और 5 हजार रुपए देकर चला गया। रुपए देने के बाद बेटी का सीजेरियन किया गया।
सीएमओ ने दिए जांच के निर्देश
सरकार अस्पताल में इस तरह का मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य महकमा जागा। कानपुर के सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने बताया कि चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुज दीक्षित को जांच के आदेश दिए गए हैं। सीएमओ के मुताबिक, अगर महिला कुंडल गिरवी कराने वाले कर्मचारी की पहचान कर लेती है, उसे पूरी कीमत देनी होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले की पड़ताल एसीएमओ डॉ. एके सिंह अलग से करेंगे। वहीं, केंद्र अधीक्षक ने अधिकारियों को बताया कि सफाईकर्मी ने 200 रुपये मांगे थे, जो वापस करा दिए गए हैं।