शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

घोटाले में पूर्व पाक प्रधानमंत्री गिरफ्तार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने चौधरी शुगर मिल घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।डॉन न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एनएबी के अध्यक्ष ने मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया और लाहौर ब्यूरो की एक टीम शुक्रवार को कोट लखपत जेल में उनसे मिलेगी और उनकी फिजिकल रिमांड के लिए उन्हें जवाबदेही अदालत में ले जाएगी।


शरीफ अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल जेल की सजा काट रहे हैं। एनएबी ने पहले से ही चौधरी शुगर मिल मामले में उनकी बेटी मरियम नवाज और भतीजे यूसुफ अब्बास को गिरफ्तार कर लिया है।
ये दोनों 23 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर हैं। एनएबी ने मुख्य रूप से मरियम पर चीनी मिलों के शेयरों की बिक्री/खरीद की आड़ में मनी लॉ्ड्रिरंग में शामिल होने का आरोप लगाया है।इसने कहा कि वह 2008 में मिलों की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गईं, जिनके पास 1.2 करोड़ से अधिक के शेयर थे और उनकी संपत्ति उनकी आय से अधिक नहीं पाई गई थी।


भारत के अमीर लोगों की नई सूची

मुंबई। भारत के सबसे अमीर लोगों की नई सूची सामने आ गई है। फोर्ब्स ने भारत के टॉप 100 सबसे अमीर लोगों की सूची जारी कर दी है, जिसमें पिछले कुछ सालों की तरह इस साल भी टॉप पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी बरकरार हैं। लगातार 12वें साल मुकेश अंबानी फोर्ब्स इंडिया की सबसे अमीर भारतीय टॉप 100 की सूची में टॉप पर काबिज हैं। करीब 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी के साथ मुकेश अंबानी 51.4 बिलियन की कुल संपत्ति के साथ टॉप पर बरकरार हैं। वहीं गौतम अडानी ने 8 अंकों की बड़ी छलांग लगाई है और इस सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके अलावा उदय कोटक ने पहली बार टॉप 5 में जगह बनाई है। इस्पात निर्माता कंपनी आर्सेलर के मालिक लक्ष्मी मित्तल फोर्ब्स की इस लिस्ट में काफी नीचे आ गए हैं। पिछले साल इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहने वाले लक्ष्मी मित्तल 6 पायदान खिसकर 9वें नंबर पर आ गए हैं। फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक, स्टील की मांग और उसकी कीमतों में गिरावट की वजह से ऐसा हुआ है। वहीं टॉप टेन में इस बार अजीम प्रेमजी भी नहीं हैं। तो चलिए देखते हैं सबसे अमीर 100 लोगों की पूरी लिस्ट।


भारत के 10 सबसे अमीर शख्स


teligram
मुकेश अंबानी:      51.4 बिलियन
गौतम अडानी:     15 .7 बिलयन
हिन्दुजा ब्रदर्स:    15.6 बिलियन
पी मिस्त्री:         15 बिलियन
उदय कोटक:    14.8 बिलियन
शिव नाडर:       14.4 बिलियन
राधाकृष्णन दमानी:   14.3 बिलियन
गोदरेज फैमिली:   12 बिलियन
लक्ष्मी मित्तल:   10.5 बिलियन
कुमार बिरला:   9.6 बिलियन


विवादित जमीन सौंप देनी चाहिए

नई दिल्ली। आयोध्या मामले में चल रहे विवाद और सुनवाई के बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) जमीर उद्दीन शाह का बड़ा बयान आया है। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) जमीर उद्दीन शाह ने गुरुवार को कहा कि मुस्लिमों को अयोध्या में विवादित जमीन राम मंदिर के लिए हिन्दू भाइयों को सौंप देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए अयोध्या में विवादित भूमि को 'सद्भावना संकेत' के रूप में राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए। जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि अगर मुस्लिमों के पक्ष में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता भी है तो देश में शांति कामय करने के लिए मुसलमानों को हिंदू भाइयों को जमीन सौंपनी चाहिए। इसका एक समाधान होना चाहिए नहीं तो हम लड़ते रह जाएंगे। मैं अदालत के बाहर निपटारे का पुरजोर समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट फैसला देना चाहिए। इसे पंचायती नहीं होना चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट मुस्लिमों के पक्ष में फैसला दे भी देता है तो क्या मस्जिद बनाना संभव होगा? मैं मानता हूं कि यह कतई मुमकीन नहीं होगा।


शाह गुरुवार को लखनऊ में एक सत्र में शामिल हुए थे, इंडियन मुस्लिम फॉर पीस' नाम के एक संगठन ने गुरुवार को गोमतीनगर स्थित एक होटल में बैठक की थी। इसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को देखते हुए विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। बैठक में कुल चार प्रस्ताव पारित हुए, जिन्हें बाबरी मस्जिद के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के जरिए सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता कमेटी को भेजा जाएगा। यह बैठक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ले.जनरल जमीरुद्दीन शाह की अध्यक्षता में हुई। बाद में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमान सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत भी गए तो वहां पर मस्जिद नहीं बना पाएंगे। क्योंकि अदालतें लोगों के जज्बात से बड़ी नहीं होती हैं। वतन में भाईचारा बनाए रखने और अमन के लिए जमीन उपहार के तौर पर हिन्दू भाइयों को दे देनी चाहिए।


करोड़ों दिलों पर राज करते है अमिताभ

मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का आज 77वां जन्मदिन मना रहे है। महानायक का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश ) में हुआ था। अमिताभ बच्चन कई दशकों से पर्दे पर अपने दमदार अभिनय से अमिताभ करोड़ों लोगों के दिल में बसे हुए हैं। पर्दे पर अलग-अलग किरदार को जीवंत बना देने वाले अमिताभ के असल जीवन की कहानी भी किसी सुपरहिट फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन बीते 5 दशकों से फिल्म इंडस्ट्री में अपना दबदबा बनाए हुआ हैं। साल 1969 में फिल्म 'सात हिन्दुस्तानी' से अपने करियर की शुरुआत की। हालांकि ऐसा नहीं है कि अमिताभ बच्चन ने अपनी पहली ही फिल्म से कोई ऐसा कमाल कर दिया हो। अपने शुरुआती दौर में उन्हें एक या दो नहीं बल्कि 12 फ्लॉप फिल्मों का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद जब अमिताभ की हिट फिल्मों का सिलसिला शुरू हुआ तो उन्होंने एक अलग ही रिकॉर्ड बना दिया। अमिताभ बच्चन के बाद इस इंडस्ट्री में कई सुपरस्टार आए और गए। बॉक्स ऑफिस पर एक के बाद के न जाने कितने ही रिकॉर्ड बने और टूटे लेकिन अमिताभ बच्चन की फिल्मों ने जो रिकॉर्ड बनाए वो कोई भी स्टार नहीं तोड़ पाया।


शुरुआती करियर में कई फ्लॉप फिल्में देने के बाद 1973 में 'जंजीर' फिल्म की सफलता ने अमिताभ बच्चन की ही नहीं हिंदी सिनेमा की भी तस्वीर बदल दी। उसके बाद तो करीब अगले 4 सालों में ही 1977 तक अमिताभ बच्चन ने 'अभिमान', 'नमक हराम', 'कसौटी', 'मजबूर', 'दीवार', 'शोले', 'चुपके-चुपके', 'मिली', 'कभी-कभी', 'दो अनजाने', 'हेरा-फेरी', 'अदालत', 'खून पसीना', 'परवरिश' और 'अमर अकबर एंथनी' जैसी 15 शानदार फ़िल्में देकर सफलता और लोकप्रियता का नया इतिहास लिख दिया।


इसके बाद 1978 में एक वह दौर आया जब अमिताभ बच्चन ने एक महीने में ही लगातार चार सुपरहिट फिल्में दीं। अमिताभ ने इस वक्त एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो अभी तक कोई भी दूसरा हीरो नहीं बना पाया है। ये 4 हफ्ते थे 21 अप्रैल से 12 मई 1978 तक के इस दौरान मुंबई में पहले 21 अप्रैल को अमिताभ बच्चन की 'कसमे वादे' रिलीज हुई. उसके अगले हफ्ते 28 अप्रैल को 'बेशर्म' रिलीज हुई। फिर 5 मई को 'त्रिशूल' लगी तो उसके बाद 12 मई को 'डॉन' रिलीज़ हुई. सबसे बड़ी बात ये है कि ये चारों फिल्में हिट रहीं।


रक्षा मंत्री के पक्ष में आया पाकिस्तान

नई दिल्ली। एक तरफ जहां पकिस्तान के प्रधानमंत्री धारा 370 हटने के बाद से बौखलाए हुए और सभी देशो से मदद मांगने की कोशिश कर रहे है तो वहीं पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने गुरुवार को 'राफेल शस्त्र पूजा' को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि 'राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह धर्म के अनुसार है।' गौरतलब है कि दशहरे के दिन जब फ्रांस में रक्षा मंत्री को राफेल लड़ाकू विमान सौंपा जा रहा था, उस समय राजनाथ सिंह ने उसकी पूजा की थी। क्योंकि दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। जिसके बाद से ही विपक्ष ने उनपर निशाना साध रहा है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने गुरुवार को ट्वीट किया कि 'राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं हैं क्योंकि यह धर्म के अनुसार है। कृपया, याद रखें यह अकेली मशीन नहीं जो मायने रखती है असल में उस मशीन को संभालने वाले व्यक्ति की क्षमता, जुनून और संकल्प मायने रखता है। हमें हमारे पीएएफ शहीदों पर गर्व हैं।'


पाकिस्तान की तरफ से यह बयान उस समय आया है जब दोनों दक्षिण एशियाई मुल्कों के बीच तनाव अपने चरम पर हैं। भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे पर की गई कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में रोष का माहौल है। राजनाथ सिंह ने आठ अक्तूबर को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोर्डोक्स में 36 फ्रांसीसी निर्मित राफेल लड़ाकू जेट में से पहला राफेल लड़ाकू जेट प्राप्त किया था और विजयादशमी के शुभ अवसर पर 'शस्त्र पूजा' की। उन्होंने राफेल विमान को 'ओम' से अलंकृत किया और उसपर फूलों, नारियल और नींबू को बुरी नजर से बचाने के लिए रख दिया। इस आयोजन के बाद, सिंह ने पूजा को लेकर सोशल मीडिया पर और कांग्रेस पार्टी से भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनाथ सिंह की शस्त्र पूजा को 'तमाशा' बताया था। कांग्रेस नेता उदित राज ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत में 'अंधविश्वास' जिस दिन समाप्त हो जाएगा, देश अपने खुदके फाइटर जेट बनाना शुरू कर देगा।


भाजपा विधायक को सुनाई सजा

नई दिल्ली। किसी नेता और विधायक के खिलाफ अगर कहीं मुकदमा चल रह हो तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर किसी नेता या विधायक सजा मिल जाये तो ये बड़ी बात हो सकती है। हम बात कर रहे गुजरात के भाजपा विधायक शशिकांत पांड्या की जिनको 21 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। भाजपा विधायक को बनासकांठा जिले की एक अदालत ने तीन माह जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। विधायक को यह सजा 21 साल पहले सरकारी कामकाज में बाधा डालने के मामले में सुनाई गई है। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। पांड्या के खिलाफ साल 1998 में डीसा नगरपालिका के कर्मचारियों को उनके कामकाज में अवरोध पैदा करने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि कोर्ट ने सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए उन्हें तीन मामलों में बरी कर दिया।


वैष्णो देवी से लौट रहे 7 की मौत

नई दिल्ली। नरोरा में गांधी घाट पर श्मशान घाट के रास्ते के किनारे सो रही चार महिलाओं और तीन बच्चियों की एक यात्री बस की चपेट में आने से मौत हो गई। सभी लोग वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे थे। रात्रि में करीब ढाई बजे बस गांधी घाट पर आकर रुकी। सुबह गंगास्नान कर वापस लौटने के इरादे से सभी यात्री इधर-उधर सो गए जबकि मृतक सभी सातों श्मशान घाट के रास्ते के किनारे सड़क पर चटाई डाल कर लेट गए थे। एसडीएम संजय कुमार, सीओ विक्रम सिंह व नरोरा आसपास थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। मृतकों में सभी रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।


भाजपा मंडल अध्यक्ष का चुनाव नियत

आकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी जिला गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी एवं जिला महामंत्री दिनेश सिंघल द्वारा संयुक्त बयान जारी कर आप सभी को सार्वजनिक सूचना के अनुसार अवगत कराया जाता है कि जिला गाजियाबाद में मोदीनगर विधानसभा के सभी मंडलों, लोनी विधानसभा के सभी मंडलों एवं डासना व जलालाबाद मंडल में आगामी 13 अक्टूबर को पार्टी के संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। जिसमें पार्टी द्वारा आगामी कार्यकाल के लिए सभी मंडलों के मंडल अध्यक्ष चुने जाएंगे। 


इस चुनावी प्रक्रिया में प्रातः 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक नामांकन पत्र जमा होंगे तथा 2:00 बजे से 3:00 बजे तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा। 
सभी मंडलों के मंडल चुनाव अधिकारी व मंडल सहचुनाव अधिकारी अपने-अपने मंडलों के नियत स्थान पर इस चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराएंगे।


लाभ की संभावनाएं बन रही है:मिथुन

राशिफल


मेष-राशि के जातकों के लिए शुक्रवार का दिन शानदार रहेगा। भावनात्मक रिश्तों से जुड़ें मामलों में शुभ समाचार मिलने की उम्मीद है। आप जो भी फैसला करेंगे आज पूरे होंगे और साझेदारी के कार्य निर्बाध संपन्न होंगे।


वृषभ-राशि के जातकों के लिए आज का दिन थकान भरा रहेगा। जल्दबाजी में किसी भी फैसले से बचें। प्रियजनों के लिए समय निकालने की कोशिश करेंगे।


मिथुन-राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। कारोबार के सिलसिले में की गई यात्रा लाभदायक रहेगी। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। धन लाभ की संभावनाएं भी बन रही हैं।


कर्क-राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा, खासतौर पर छात्रों के लिए दिन शानदार रहेगा। परीक्षा के परिणाम आशा के अनुरूप आएंगे। पारिवारिक जीवन सुचारु रहेगा। नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर सम्मान मिलेगा।


सिंह-राशि के जातकों के लिए आज दिन सामान्य रहेगा। नौकरी में हालात सुधरेंगे। किसी पुराने दोस्त से मुलाकात हो सकती है। इसके साथ ही धन लाख की संभावनाएं भी है।


कन्या-राशि के जातकों का दिन परेशानी भरा रहेगा। काम पूरे करने में विफल मिलेगी। कारोबार में किसी तरह की हानि हो सकती है। वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।


तुला-राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। कार्यस्थल पर बड़े अधिकारी से प्रोत्साहन मिलेगा। सहकर्मी और सहयोगी आपकी बातों को आसानी से समझेंगे। पुराने धन की प्राप्ती के योग बन रहे हैं।


मकर-राशि के जातकों के लिए आज का दिन भागदौड़ वाला रहेगा। सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। पैसे कमाने के नए जरिए बनेंगे। कारोबार में लाभ होने की संभावना है।


धनु-राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के बीच प्रसिद्ध होंगे। जीवनसाथी की सेहत प्रभावित हो सकती है। कारोबार में स्थिति मजबूत होगी।


मकर- राशि के जातकों के लिए का दिन सामान्य रहेगा। आज आपके किए गए सभी कार्य आसानी से पूरे हो जाएंगे। बुरे कार्यों का परिणाम अच्छा नहीं मिलेगा। धन का व्यय अधिक होगा।


कुंभ-कुंभ राशि के जातकों के लिए दिन शुभ रहेगा।आत्मविश्वास को फिर हासिल करेंगे। आर्थिक मामले सुधार होगा। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।


मीन-मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा। समाज में मान-सम्मान में इजाफा होगा। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा. धन प्राप्ती के योग बन रहे हैं।


'मानद नागरिकता' की प्रक्रिया

कुछ देश उन लोगों को "मानद नागरिकता" प्रदान करते हैं, जिन्हें विशेष रूप से सराहनीय या प्रशंसनीय माना जाता है।


राष्ट्रपति की मंजूरी और संयुक्त राज्य कांग्रेस अधिनियम के द्वारा, मानद नागरिकता केवल सात व्यक्तियों को दी गयी है।


कनाडा की मानद नागरिकता के लिए संसद के सर्वसम्मति से अनुमोदन की आवश्यकता होती है। गिने चुने लोग जिन्हें कनाडा की मानद नागरिकता दी गयी है, वे हैं 1985 में राउल वालेन्बर्ग पोस्थुमोसली, 2001 में नेल्सन मंडेला, 14 वें दलाई लामा, 2006 में तेनजिन ग्यात्सो, 2007 में ऑंग सेन सू क्यी और 2009 में प्रिंस करीम आगा खान।


2002 में दक्षिण कोरिया ने डच फुटबॉल (सॉकर) कोच गूस हिडिंक को मानद नागरिकता दी जिन्होंने सफलतापूर्वक और अप्रत्याशित रूप से राष्ट्रीय टीम को 2002 फीफा विश्व कप में पहुंचा दिया. 2006 में एक ब्लैक कोरियन अमेरिकी फुटबॉल खिलाडी हिनेस वार्ड को भी मानद नागरिकता से सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने हाफ-कोरियंस के खिलाफ कोरिया में भेदभाव को कम करने का प्रयास किया था।


अमेरिकी अभिनेत्री एंजेलिना जोली को 2005 में उनके मानवतावादी प्रयासों के लिए कम्बोडिया की मानद नागरिकता से सम्मानित किया गया।


क्रिकेटर मैथ्यू हेडन और हर्शल गिब्स को 2007 क्रिकेट विश्व कप में उनकी रिकॉर्ड तोड़ पारी के लिए 2007 में सेंट किट्स और नेविस की मानद नागरिकता से सम्मानित किया गया।


जर्मनी में मानद नागरिकता शहरों, कस्बों और कभी कभी संघीय राज्यों के द्वारा प्रदान की जाती है। मानद नागरिकता व्यक्ति की मृत्यु के साथ समाप्त हो जाती है, या असाधारण मामलों में, इसे शहर, कस्बे या राज्य की संसद या परिषद के द्वारा वापस ले लिया जाता है। युद्ध के अपराधियों के मामले में, ऐसे सभी सम्मान 12 अक्टूबर 1946 को "जर्मनी की मित्र नियंत्रण परिषद के अनुच्छेद VIII, खंड II, अक्षर i" के द्वारा ले लिए गए। कुछ मामलों में, मानद नागरिकता को 1989/90 को GDR के पतन के बाद पूर्व GDR सदस्यों जैसे एरिच होनेकर से ले लिया गया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]


आयरलैंड में, "मानद नागरिकता" वास्तव में एक पूर्ण क़ानूनी नागरिकता है जिसमें आयरलैंड में रहने और मतदान करने का अधिकार शामिल होता है।


क्यूबा के संविधान के अध्याय II अनुच्छेद 29 पैराग्राफ 'e) के अनुसार जन्म से क्यूबा के वे नागरिक विदेशी हैं, जिन्होंने अपने असाधारण गुणों के से क्यूबा के संघर्ष में जीत हासिल की, उन्हें जनस के द्वारा क्यूबा के नागरिक माना जाता है।चे ग्वेरा को क्यूबा क्रांति में भाग लेने के लिए फिदेल कास्त्रो के द्वारा क्यूबा के मानद नागरिक का सम्मान दिया गया, बाद में ग्वेरा ने उन्हें प्रख्यात विदाई भी दी।


ऐतिहासिक दृष्टि से अधिकांश राज्य नागरिकता को अपनी आबादी तक ही सीमित रकहते हैं, इसके द्वारा वे नागरिक वर्ग को राजनैतिक अधिकार देते हैं, जिन्हें आबादी के अन्य वर्गों से बेहतर माना जाता है, लेकिन वे एक दूसरे के सामान होते हैं। सीमित नागरिकता का एक उदाहरण एथेंस है जहां गुलाम, महिलाएं और आवासी विदेशियों (जो मेटिक कहलाते हैं) को राजनैतिक अधिकारों से वंचित रखा जाता है। रोमन गणराज्य एक अन्य उदाहरण प्रस्तुत करता है (देखें रोमन नागरिकता) और हाल ही में, पोलिश-लिथुनियन राष्ट्रमंडल के अभिजात वर्ग में कुछ ऐसी ही विशेषताएं पायी गयी।


हाथीपांव में पैर सूजना जरूरी नहीं

श्लीपद या फीलपाँव या 'हाथीपाँव' (Elephantiasis) के रोगी के पाँव फूलकर हाथी के पाँव के समान मोटे हो जाते हैं। परंतु यह आवश्यक नहीं कि पाँव ही सदा फूले; कभी हाथ, कभी अंडकोष, कभी स्तन आदि विभिन्न अवयव भी फूल जाते हैं। रोग के बहुत से मामलों में कोई लक्षण होता तथापि, कुछ मामलों में हाथों, पैरों या गुप्‍तांगों में काफी अधिक सूजन हो जाती है। त्‍वचा भी मोटी हो सकती है और दर्द हो सकता है। शरीर में परिवर्तनों के कारण प्रभावित व्‍यक्त्‍िा को सामाजिक और आर्थिक समस्‍याएं हो सकती हैं।


फीलपाँव का रोगी जिसका अण्डकोष फूल गया है।
कारण और निदान:-संक्रमित मच्‍छर के काटने से इसके कीड़े फैलते है। जब मनुष्‍य बच्‍चा होता है तो आम तौर पर संक्रमण आरंभ हो जाता है। तीन प्रकार के कीड़े होते है जिनके कारण बीमारी फैलती है: Wuchereria bancrofti, Brugia malayi, और Brugia timori. Wuchereria bancrofti यह सबसे सामान्‍य है। यह कीड़ा lymphatic system को नुकसान पहुंचाता है। रात के समय एकत्रित किए गए खून को, एक प्रकार के सूक्ष्‍मदर्शी के द्वारा देखने पर इस बीमारी का पता चलता है। खून को thick smear के रूप में और Giemsa के साथ दाग के रूप में होना चाहिए।. बीमारी के विरूद्ध एंटीबाडियों हेतु खून की जांच भी की जा सकती है। यह शोथ न्यूनाधिक होता रहता है, परंतु जब ये कृमि अंदर ही अंदर मर जाते हैं, तब लसीकावाहिनियों का मार्ग सदा के लिए बंद हो जाता है और उस स्थान की त्वचा मोटी तथा कड़ी हो जाती है। लसीका वाहिनियों के मार्ग बंद हो जाने से यदि अंग फूल जाएँ, तो कोई भी औषध ऐसी नहीं है जो अवरुद्ध लसीकामार्ग को खोल सके। कभी कभी किसी किसी रोगी में शल्यकर्म द्वारा लसीकावाहिनी का नया मार्ग बनाया जा सकता है। इस रोग के समस्त लक्षण फाइलेरिया के उग्र प्रकोप के समान होते हैं।


रोकथाम और उपचार:-जिस समूह में यह बीमारी हो, उस संपूर्ण समूह की उपचार के द्वारा वार्षिक आधार पर रोकथाम करके बीमारी से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें लगभग छ: वर्ष लग लगते है। प्रयोग की गई दवाओं में albendazole के साथ ivermectin या albendazole के साथ diethylcarbamazine शामिल है।. दवाईयां बड़े कीड़ों को नहीं मारती परंतु कीड़ों के स्‍वयं मर जाने तक बीमारी को आगे फैलने से रोकती है। मच्छरों के काटने से बचाव के प्रयासों के साथ साथ मच्‍छरों की संख्‍या को कम करने और बेडनेट के प्रयोग की सिफारिश भी की जाती है।


मिरिस्टिका देता है जायफल-जावित्री

मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टका की अनेक जातियाँ हैं परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रैग्रैंस से ही प्राप्त होता है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग ८० जातियाँ हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशंत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध हैं। यह पृथग्लिंगी (डायोशियस, dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे, गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (एक्सिलरी, axillary) होते हैं।


मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढँका रहता है। यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का १ इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदा होता है। परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके काष्ठवत् खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिये मुख्यत: पूर्वी ईस्ट इंडीज से प्राप्त होता हैं।


जायफल का वृक्ष समुद्रतट से ४००-५०० फुट तक की ऊँचाई पर उष्णकटिबंध की गरम तथा नम घाटियों में पैदा होता है। इसकी सफलता के लिये जल-निकास-युक्त गहरी तथा उर्वरा दूमट मिट्टी उपयुक्त है। इसके वृक्ष ६-७ वर्ष की आयु प्राप्त होने पर फूलते-फलते हैं। फूल लगने के पहले नर या मादा वृक्ष का पहचाना कठिन होता है। ग्रैनाडा (वेस्ट इंडीज) में साधारणत: नर तथा मादावृक्ष ३ : १ के अनुपात में पाए जाते हैं जमैका के वनस्पति उद्यान में जायफल के छोटे पौधों पर मादावृक्ष की टहनी कलम करके मादा वृक्ष की संख्यावृद्धि में सफलता प्राप्त की गई है।


रेडियोएक्टिव पोलोनियम

पोलोनियम की खोज


पोलोनियम को शुरुआत में 'रेडियम एफ' नाम दिया गया था और इसकी खोज मशहूर वैज्ञानिक और नोबल पुरस्कार विजेता दंपति मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने सन् 1898 में की थी। मैरी क्यूरी मूलतः पोलैंड की निवासी थीं और जब पोलोनियम की खोज हुई थी तो उस समय पोलैंड, रूस, पुरुशियाई, और आस्ट्रिया के कब्ज़े में था। इसलिए मैरी क्यूरी ने सोचा कि अगर इस तत्व का नाम उनके देश पोलैंड के नाम पर रख दिया जाएगा तो शायद दुनिया का ध्यान पोलैंड की गुलामी की ओर जाएगा। इस कारण इस नए खोजे गए तत्व का नाम 'रेडियम एफ' से बदलकर पोलैंड के सम्मान में 'पोलोनियम' रखा और प्रथम विश्व युद्ध के बाद सन् 1918 में पोलैंड एक आजाद देश बन गया। 


इस तत्व की खोज तब हुई, जब क्यूरी दंपति पिचब्लेंड (खोदने पर मिली पथरीली सामग्री) की रेडियोएक्टिविटी (रेडियोधर्मिता) पर शोध कर रहे थे। उन्होंने पाया कि पिचब्लेंड में से दोनों रेडियोएक्टिव पदार्थ यानी यूरेनियम और थोरियम, अलग करने के बावजूद भी पिचब्लेंड, यूरेनियम और थोरियम से ज्यादा रेडियोएक्टिव था। इस नतीजे ने क्यूरी दंपति को और रेडियोएक्टिव तत्वों की खोज करने के लिए प्रेरित किया और इन्होंने पिचब्लेंड से पहले पोलोनियम और इसके कुछ वर्ष बाद रेडियम पृथक किया।


अल्फा एवं बीटा विकिरण


अल्फा विकिरण एक उच्च आयनीकृत कणों का विकिरण होता है, जिसकी भेदने की क्षमता सबसे कम होती है। अल्फा कणों में दो प्रोटोन और दो न्यूट्रॉन होते हैं, जो हीलियम के नाभिक जैसे कण में आपस में जुड़े होते हैं, इसलिए इन्हें He2+ लिखा जाता है। परमाणु की परमाणविक संख्या 2 के अनुसार कम हो जाती है क्योंकि परमाणु से 2 प्रोटोन निकल जाते हैं और नए तत्व का निर्माण होता है, उदाहरण के लिए अल्फा विघटन के कारण रेडियम, रोडोन गैस बन जाता है। अल्फा कणों की गति ज्यादा नहीं होती बल्कि सभी सामान्य प्रकार के विकरण में सबसे कम होती है क्योंकि इनका द्रव्यमान ज्यादा होता है यानी ज्यादा ऊर्जा अपने चार्ज (आवेश) और बड़े द्रव्यमान के कारण इन्हें एक पतला टिशू पेपर या फिर मानव शरीर की बाह्य त्वचा भी आसानी से अवशोषित कर सकते हैं। इसीलिए अल्फा उत्सर्जकों का फेफड़ों या शरीर में अवशोषित होना या खाने के साथ शरीर में जाना काफी खतरनाक होता है। बीटा विकिरण में इलेक्ट्रॉन होते हैं, जो एल्यूमीनियम प्लेट से रोके जा सकते हैं। गामा विकिरण और अंदर तक भेद सकते हैं। बीटा कण, पोटैशियम-40 जैसे कुछ रेडियोएक्टिव नाभिक से उत्सर्जित होते हैं जो उच्च ऊर्जा, उच्च गति वाले इलेक्ट्रॉन या पोजीट्रॉन होते हैं। 


कितना है पोलोनियम?


पोलोनियम प्रकृति में पाया जाने वाला एक दुर्लभ एवं अत्यधिक रेडियोएक्टिव (रेडियोधर्मी) रासायनिक तत्व है जो Po के चिन्ह द्वारा दर्शाया जाता है और इसकी परमाणु संख्या 34 है। पोलोनियम की विरलता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि यूरेनियम अयस्क के प्रति मीट्रिक टन में इसकी मात्रा करीब 100 ग्राम होती है। प्रकृति में जितनी रेडियम की मात्रा होती है, उसकी लगभग 0.2 प्रतिशत मात्रा पोलोनियम की होती है। 


किसी भी ज्ञात तत्व में सर्वाधिक आइसोटोप यानी समस्थानिक, पोलोनियम के हैं और पोलोनियम के सभी आइसोटोप रेडियोएक्टिव हैं। पोलोनियम के 25 ज्ञात आइसोटोप हैं। इनमें 210Po यानी पोलोनियम 210, सबसे ज्यादा उपलब्ध है। 


पोलोनियम 210 की हाफ लाइफ यानी अर्ध आयु (वह अवधि, जिसमें तत्व अपनी रेडियोधर्मिता की आधी क्षमता खो देता है), लगभग 138 दिनों की होती है। इसी तरह, पोलोनियम 209 (209Po) की अर्ध आयु 103 वर्ष तथा पोलोनियम 208 (208Po) की अर्ध आयु 2.9 वर्षों की होती है। पोलोनियम 209 और 208 को सीसे (Pb) या बिस्मथ (Bi) पर अल्फा, प्रोटॉन या ड्यूट्रॉन की साइक्लोट्रॉन में बारिश द्वारा भी बनाया जा सकता है। साइक्लोट्रॉन एक ऐसा उपकरण है जो परमाणविक कणों की गति बढ़ा सकता है यानी साइक्लोट्रॉन के उपयोग द्वारा बिस्मथ पर प्रोटॉन की बारिश करवा कर ज्यादा आयु वाले पोलोनियम के आइसोटोप बनाए जा सकते हैं। 


1934 में अमेरिका में किए गए एक प्रयोग से यह सामने आया कि जब प्राकृतिक बिस्मथ (209Bi) पर न्यूट्रॉन की बारिश की जाती है तो 210Bi यानी बिस्मथ 210 बन जाता है, जो बीटा क्षय के कारण 210Po यानी पोलोनियम 210 में परिवर्तित हो जाता है। इस विधि द्वारा भी 'न्यूक्लियर रिएक्टरों' में पाए जाने वाले न्यूट्रॉन प्रवाह से भी कुछ मि.ग्रा. मात्रा में ही पोलोनियम तैयार किया जाने लगा है। हर वर्ष करीब 100 ग्राम पोलोनियम का उत्पादन किया जाता है, जिस कारण बहुत ही दुर्लभ तत्वों में इसकी गिनती होती है।


सबसे पुरानी भित्तिचित्र कला

भित्तिचित्र कला (Mural) सबसे पुरानी चित्रकला है। प्रागैतिहासिक युग के ऐतिहासिक रिकॉर्ड में पहले मिट्टी के बर्तन बनाये जाते थे, लेकिन कुछ समय बाद लोगों ने मिट्टी का प्रयोग दीवरों पर चित्र बनाने के लिये करने लगे। भित्तिचित्र कला में दीवारों पर ज्यामितिक आकार, कलापूर्ण अभिप्राय, पारंपरिक आकल्पन, सहज बनावट और अनुकरणमूलक सरल आकृतियों में निहित स्वच्छंद आकल्पन, उन्मुक्त आवेग और रेखिक ऊर्जा, अनूठी ताजगी और चाक्षुष सौंदर्य सृष्टि करती है।


परिचय:-भित्तिचित्रण ज्यादातर अब छत्तीसगढ़ के जिलों में देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए सरगुजा, तहसील अंबिकापुर के अंतर्गत आने वाले गांव पुहपुटरा, लखनपुर, केनापारा आदि में लोक एवं आदिवासी जातियों द्वारा अभ्यास की जाने वाली ऐसी लोक कला है जो गांव की औरतों के द्वारा वहां की कच्ची मिट्टी से बनी झोपड़ियों की दीवारों पर गोबर, चाक मिट्टी, गोबर आदि को मिलाकर की जाती है। घर की दीवारें मूर्तियों, जालियों, विविध आकल्पनों और भिति के कलात्मक रूप से सुसज्जित की जाती है। जातिय विश्वासों के अनुरुप उनके सृजनलोक में प्रकृति, पशु पक्षी, मनुष्य और देवी देवताओं की सहजत अनोपचारिक उपस्थिति और समरस भागीदार होते है। दीवारों पर बनाई इन कलाकृतियों में पास पड़ोस का अति परिचित ससांर अपने सामाजिक विश्वासों की ओर बद्धमूल संस्कारों की अकुंठित, सरल और आडम्बरहीन अभिव्यक्ति है। सुदूर आदिवासीय क्षेत्रों में जहाँ कि सजावट आदि के साधन अपर्याप्त होते थे, लोग वहाँ प्रचलित विभिन्न त्योहारों व धार्मिक अवसरों के समय अपने घरों की सज्जा हेतु दीवारों में कच्ची मिट्टी द्चारा पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों आदि के आकृतियां बनाकर व उनमें बहुत ही मनोरम रंगों से रंगकर अपने घरों को सजाते हैं।


संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 मेरे प्यारे, राम ने जब इस प्रकार उपदेश दिया अथवा राष्ट्र के ऊपर यह कहां की, कर्मवेताओं तुम राष्ट्र कृतियों को मुझे प्रदान कर रहे हो! मेरा अंतरात्मा यह कहता है कि राजा के राष्ट्र में विवेक की और वेद को जानने वाले पुरुष होने चाहिए! निवेदक कहते हैं जिस राजा के राष्ट्र में वेदों का उद् गीत गाया जाता है और वेदों का उच्चारण करने वाले पक्षी गण भी होते हैं! उस राजा का राष्ट्र होता है जिस राज्य के राष्ट्र में हिंसा नाम की कोई वस्तु नहीं होती! क्योंकि हिंसा होती है या स्वार्थपरता होती है या स्वार्थ नहीं हुआ करता! वहां हिंसा भी नहीं होती तो ऐसा में मानव जाता है! अहिंसा में राजा है अहिंसा में पड़ जाए अहिंसा में विद्यालय है! स्वतंत्र होकर के ब्रह्मचारी को मन करता रहता है मेरे प्यारे विचार विनिमय आता रहता है मैं व्याख्याता नहीं हूं! देखो राम ने जो कर्म वेताओं को उपदेश दिया कर्मवेता उसे कहा जाता‌ है कर्मवेताओअपने राष्ट्र को उन्नत बनाने के लिए सदैव तत्पर हो जाओ। जिससे मैं अपनी आभा में रत हो जाऊं। राम उपदेश देकर मोन हो गए और यह काल की वैदिक कर्मकांड पर की एक ग्रह में सुगंधी आना। क्योंकि राजा का राष्ट्र जब बनता है। जब प्रत्येक प्रकार को सुगँधी आने लगती है। मेरे प्यारे जैसे यजमान यज्ञशाला में विद्यमान हो करके हूत कर रहा है। वह अग्निवेश वादे रहा है और ग्रह में वायुमंडल पवित्र बन रहा है और ग्रह पवित्रता को धारण कर रहा है। यजमान कहता है। हे प्रभु, मेरा राष्ट्र का में परिणत होना चाहिए। मेरे यहां सुगंधी होनी चाहिए। सुगंधी में परिणत हो रहा है मेरे प्यारे यह सुगंधी भी दो प्रकार की होती है। जो मैंने पुरातन काल में भी यह सुना कि एक वह जो सा कल्य से आती है। अग्नि को विभाजन कर रही है। अब नहीं मानो देवता कहलाती है और द्वित याग्निक है। जो ग्रह में सुगंध आती है मानो अग्नि प्रदीप्त हुई और सुगंध आने लगी बेटा प्रातः कालीन प्रत्येक मेरी प्यारी माता और पुत्र जयंत ब्रह्मचारी जन द्वारा प्रत्येक ग्रह में जब वेद का उद् गीत गाया जाता है और वेद के उस गीत गाने के पश्चात प्रत्येक ग्रह से मानो ध्वनि आ रही है। प्रातः कालीन यज्ञ हो रहा है वेद मंत्रों का प्राण की आहुति दी जा रही है। मानव पवमान की ओर से दी गई और वही हूत बनकर के हमारे अंतरण को पवित्र बना रही है। मानव राष्ट्र को उन्नत बना रही है देखो ब्रह्मा जगत की सुगंधित होना चाहिए। चाहे राष्ट्रवाद की वेदी हो चाहे यह आंतरिक वेद मंत्रों की प्रतिभा और उसे राजा का राष्ट्र सुगंधित हो जाए। मेरे प्यारे देखो, भगवान राम ने यही कहा कि मेरा राष्ट्र जो अयोध्या है यह विष्णु राष्ट्र की स्थापना करें और प्रत्येक ग्रह में सुगंधी होनी चाहिए। बेटा सुगंधी जब साले की होती है तो प्रत्येक मानव के हृदय में सुगंधी विचारों की भी होती है। जब मानवीय जगत में विचार पवित्र हो जाते हैं तो वहीं विचार ध्वनित हो करके एक दूसरे प्राणी को स्पर्श करते रहते हैं। बेटा देखो मैंने तुम्हें कहीं काल में वर्णन करते हुए कहा था कि जब मानव के विचारों की सुगंधित यह प्राणी मात्र हो जाता है। तो विचारों में परिणत हो करके हम परमपिता परमात्मा की भक्ति में खो जाते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 12, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-69 (साल-01)
2. शनिवार,12 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,शुक्‍लपक्ष,तिथि- चतुर्दशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:16,सूर्यास्त 06:05
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


गुरुवार, 10 अक्तूबर 2019

फूट डालने के अलावा कुछ नहीं किया

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़l कुमारी शैलजा कांग्रेस के संकल्प पत्र में समाज के सभी वर्गों के बीच भाईचारा कायम करने को प्राथमिकता दी जाएगी। क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने हरियाणा के लोगों में फूट डालने के अलावा कुछ किया ही नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ये बातें गुरुग्राम के पास बादशाहपुर में कांग्रेस प्रत्याशी कमलवीर सिंह और फिरोज गांधी कॉलोनी के ग्रेट जाटव चौपाल में गुरुग्राम से कांग्रेस प्रत्याशी सुखबीर कटारिया के समर्थन में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शुक्रवार 11 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी चंडीगढ़ में अपना घोषणापत्र जारी करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को निशाने पर लेते हुए कहा कि पांच साल में जिस तरह से सरकार चली है, उससे प्रदेश के लोग बेहद नाराज हैं। समाजिक फूट डालने, प्रदेश को बर्बादी की दिशा में मोड़ने, लोगों को आपस में लड़वाने, उद्योग धंधों को बंदी के कगार पर पहुंचाने, युवाओं से रोजगार छीनने, बुजुर्गों- महिलाओं का अपमान करने, सरकारी कर्मचारियों से वादाखिलाफी करने के अलावा हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने कुछ किया ही नहीं है। कांग्रेस की सरकार आते ही बेरोजगारों को वजीफे का प्रावधान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने संकल्प पत्र के जरिए प्रदेश के लोगों की हर उम्मीद को पूरा करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वचन निभाने का रिकार्ड शानदार रहा है। हरियाणा के लोगों से पहले भी जो वादा किया जाता रहा, उसे सरकार बनने पर प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाता रहा है। कांग्रेस और भाजपा में सबसे बड़ा अंतर यही है। भाजपा ने सरकार बनाने से पहले घोषणापत्र में किए एक भी वायदे को पूरा करने का काम नहीं किया है। वादाखिलाफी की यही बात मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किए है। लोग भाजपा के लिए वोट मांगने वाले से पहले रिपोर्ट पेश करने की मांग करने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र समाज के सभी तबकों के लोगों से गहन परामर्श के बाद तैयार किया गया है। इसमें कांग्रेस की सरकार आने के साथ ही सबकी उम्मीद पूरी होने की बात है। रविवार दोपहर को चंडीगढ़ के सेक्टर नौ स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संकल्प पत्र जारी करने के अलावा कालका विधानसभा क्षेत्र के पिंजौर स्थित चौना चौक पर औऱ पंचकुला के वीर गागर और सेक्टर 16 में जनसभाओं को संबोधित करेंगी।


राजस्थान के मालपुरा ने बिगाड़े हालात

 कश्मीर घाटी से भी सख्त हैं टोंक के मालपुरा का कफ्र्यू। 
मासूम बच्चों को दूध तक नसीब नहीं। 
पुलिस के डंडे ने अखबार भी नहीं बटने दिया। 
सांसद जौनपुरिया का अहम सवाल।


राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में लगातार दूसरे दिन भी सख्त और अमानवीय कफ्र्यू लगा रहा। 8 अक्टूबर को राम बारात पर पथराव की घटना के बाद से ही मालपुरा के हालात बिगड़ गए। प्रशासन ने तत्काल कफ्र्यू लगा दिया। कफ्र्यू भी ऐसा कि गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चो को दूध तक नहीं मिल रहा है। कफ्र्यू की सख्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दैनिक समाचार पत्रों का वितरण तक नहीं हो रहा है। 8 अक्टूबर की रात से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। लोगों को घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा है। बीमार व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल भी नहीं पहुंच रहा है। स्कूल-कॉलेज, सरकारी दफ्तर बैंक  आदि सब बंद हैं। कफ्र्यू की इतनी सख्ती से आम आदमी बुरी तरह परेशान हैं। आरोप यह है कि राम बारात पर पत्थर फेंकने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी नहीं हो रही है। कफ्र्यू में कब ढील दी जाएगी अभी कहा नहीं जा सकता। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा, आईजी संजीव नर्जरी, टोंक कलेक्टर केेके शर्मा, एसपी आदर्श सिद्धू आदि बड़े अधिकारी  मालपुरा में कैम्प कर हालात को सुधारने में लगे हुए हैं। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के साथ प्रशासन संवाद कर रहा है। 
कश्मीर घाटी से भी सख्त है कफ्र्यू :
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और टोंक से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट विधायक हैं। गुलाम नबी आजाद से लेकर कांग्रेस के सभी बड़े नेता कश्मीर घाटी में लगी पाबंदियों को कफ्र्यू बता रहे हैं। आरोप है कि सख्त कफ्र्यू से कश्मीरी परेशान हैं। जबकि हकीकत यह है कि श्रीनगर से सभी दैनिक समाचार पत्र छप रहे हैं तथा घाटी में सभी नागरिकों को खाने पीने से लेकर चिकित्सा सुविधा तक उपलब्ध करवाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध भी मिल रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद पांच अगस्त से धारा 144 के अंतर्गत पाबंदियां लगाई गई थीं। जम्मू से लेकर लद्दाख तक के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र से सभी पाबंदियां हटा ली गई। लेकिन घाटी के पांच छह जिलों में अभी कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं। ऐसी पाबंदियों को ही कांग्रेस के नेता अमानवीय कफ्र्यू बता रहे हैं। 
भाजपा सांसद का सवाल :
टोंक के भाजपा सांसद सुखवीर जौनपुरिया ने मालपुरा की घटना पर सवाल उठाया कि जब मुस्लिम समुदाय के सभी धार्मिक आयोजन बगैर किसी बाधा के सम्पन्न होते हैं तब हिन्दुओं के धार्मिक आयोजनों पर पथराव क्यों होता है? उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन हिन्दू समुदाय को भी अपने तीज त्यौहार मानने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन को गंभीरता दिखाते हुए मालपुरा के लोगों को जल्द से जल्द कफ्र्यू से राहत देनी चाहिए। कफ्र्यू की वजह से मालपुरा के लोग बेहद परेशान है। 
एस.पी.मित्तल


स्कूल की पानी की टंकी में जहर मिलाया

चूरू के प्राइवेट स्कूल की पानी की टंकी में जहर मिलाया। 
45 बच्चे अस्पताल में भर्ती। यह तो बहुत ही अमानवीय वारदात है। 

चूरू! राजस्थान के चूरू के भालेर क्षेत्र के ड्रीमलैंड सीनियर सैकंडरी स्कूल की पानी की टंकी और मटकों में किसी अज्ञात व्यक्ति ने जहर (कीटनाशक पदार्थ) जहार मिला दिया। फलस्वरूप 10 अक्टूबर को पानी का सेवन करने वाले 45 बच्चों को डीबी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। 11 बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। इस घटना से चूरू क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई है। अस्पताल के चिकित्सक बच्चों को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जानकारों की माने तो किसी अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर पीने के पानी की टंकी और मटकों में विषाक्त पदार्थ मिलाया है। यह निजी स्कूलों की प्रतिद्वंद्विता भी हो सकती है। लेकिन यह कृत्य बहुत ही अमानवीय है। जिन बच्चों ने कोई गलत नहीं की उन्हें सजा दी गई है। सवाल उठता है कि जहर मिलाने वाले व्यक्ति ने यह क्यों नहीं सोचा की उसके कृत्य से सैकड़ों मासूम बच्चों की जान भी जा सकती है। अभिभावक अपने बच्चों को सुयोग्य नागरिक बनाने के लिए स्कूल भेजते हैं। चूंकि प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था और पढ़ाई होती है, इसलिए सरकारी स्कूलों के मुकाबले में प्राइवेट स्कूलों को तरजीह दी जाती है। अनेक अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी बच्चों के भविष्य के लिए महंगे प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलवाया जाता है। चूरू के जिस प्राइवेट स्कूल में यह अमानवीय वारदात हुई उसका नाम ड्रीमलैंड स्कूल है। जब अभिभावक अपने बच्चों के सपने पूरे करने के लिए इस स्कूल में प्रवेश दिलवा रहे हैं, तब बच्चों को जहर पीने को मिले तो यह बहुत ही शर्मनाक बात है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल और सख्त कार्यवाही करते हुए जहर मिलाने वाले व्यक्ति का पता लगा कर सजा दिलवानी चाहिए। यदि यह घटना प्राइवेट स्कूलों की आपसी प्रतिद्वंद्वीता की वजह से हुई है तो सरकार को और ज्यादा सख्त रुख अपनाने की जरूरत है। इस घटना को मामूली घटना मानकर टाला नहीं जा सकता है। इस मामले में स्कूल के संचालकों से भी सख्त पूछताछ होनी चाहिए, क्योंकि स्कूल की पानी की टंकी और मटकों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संचालकों की है। 
एस.पी.मित्तल


उपचुनाव जीतेगी कांग्रेस:सचिन पायलट

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा-खींवसर और मंडावा उपचुनाव जीतेंगे। 
पर मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा-मैं चुनाव हरवा भी सकता हूं। 
मंत्रियों का अपना-अपना अंदाज। 

जयपुर! राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि 21 अक्टूबर को नागौर के खींवसर और झुंझनंू के मंडावा के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत होगी। वहीं मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहेंगे तो मैं मंडावा की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी को चुनाव जीतवा दूंगा नहीं तो हरवा भी सकता हंू। बड़बोले मंत्री ने एक सार्वजनिक सभा में दावा किया कि एससी वर्ग के मतदाता उन्हीं के इशारे पर वोट डालते हैं। मंत्री मेघवाल ने यह भी कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोन आया था। गहलोत ने आग्रह किया कि मंडावा में चुनाव प्रचार किया जाए ताकि कांग्रेस की जीत हो सके, लेकिन मैंने दो टूक शब्दों में मुख्यमंत्री को कह दिया कि मैं 12 अक्टूबर से पहले मंडावा नहीं जा सकता हंू। मेरे कार्यक्रम पहले से ही तय हैं। इसलिए मुख्यमंत्री कहेंगे तो 12 अक्टूबर के बाद चुनाव प्रचार करने मंडावा चला जाऊंगा। मैं मंडावा में कांग्रेस प्रत्याशी को हरवा भी सकता हंू। मंत्री मेघवाल का यह वीडियो अब टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है। मेघवाल के इस बयान से साफ प्रतीत होता है कि उपचुनावों को लेकर सरकार के मंत्रियों का अंदाज अलग अलग है। एक ओर डिप्टी सीएम पायलट जीत का दावा कर रहे हैं तो वहीं मंत्री मेघवाल कांग्रेस को ही हराने की बात कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने मंडावा से रीटा चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। जबकि खींवसर से पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा का कांग्रेस के उम्मीदवार है। 
भाजपा मंडल अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल :
10 अक्टूबर को नागौर के खींवसर में भाजपा को तब झटका लगा जब खींवसर मंडल अध्यक्ष शंकर लाल 21 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। मालूम हो कि भाजपा ने खींवसर की सीट आरएलपी को समझौते में दी है। नागौर के सांसद और आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया है। देखना होगा कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को कितना फायदा होता है। भाजपा मंडल अध्यक्ष के कांग्रेस में शामिल होने के समय पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा, नागौर के कांग्रेस अध्यक्ष जाकिर हुसैन, वरिष्ठ नेता डॉ. सहदेव चौधरी आदि उपस्थित रहे। 
एस.पी.मित्तल


कांग्रेस शासन में हिंदू भयभीत

कांग्रेस के शासन में हिन्दुओं में भय का माहौल। 
टोंक के मालपुरा में गहलोत सरकार का तंत्र विफल। 
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का सरकार पर हमला। 
भाजपा की नई टीम दिसम्बर में।


जयपुर! प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया से मोबाइल पर मेरा संवाद हुआ। पूनिया ने बताया कि मेरे द्वारा प्रतिदिन लिखे जाने वाले ब्लॉग को पढ़ते हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र आमेर की पानी की समस्या पर पूर्व में लिखे ब्लॉग को पूनिया ने स्वयं के लिए मददगार बताया। 10 अक्टूबर को पूनिया से प्रदेश के ताजा हालातों पर लम्बी चर्चा हुई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गृह जिले टोंक के मालपुरा में लगे कफ्र्यू के ताजा हालातों पर पूनिया ने कहा कि मालपुरा में षडय़ंत्र के तहत दशहरे वाले दिन 8 अक्टूबर को राम बारात पर पथराव किया गया। पथराव के दृश्य कैमरे में कैद न हो, इसलिए पहले ही तार काट दिए गए। यानि कुछ लोग षडय़ंत्र करते रहे और प्रशासन को खबर तक नहीं लगी। मालपुरा में कफ्र्यू लगाकर सरकार और प्रशासन अपनी नाकामियों को छिपा रहा है। इससे ज्यादा अमानवीय बात और क्या हो सकती है कि डेयरियों पर दूध का वितरण नहीं हुआ तथा हॉकरों को अखबार नहीं बांटने दिए गए। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मालपुरा में यह दूसरा अवसर है जब ऐसी वारदात हुई है। पिछले दस माह में जयपुर में छह बार साम्प्रदायिक तनाव हुआ है। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में भी ऐसी घटाएं हो रही हैं। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के शासन में हिन्दुओं में भय का माहौल हो जाता है। कुछ लोगों को लगता है कि कांग्रेस के शासन में उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। पूनिया ने कहा कि हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में वारदात करने वालों को ही सरकार का संरक्षण मिलता है। इसलिए प्रदेश भर में हालात बिगड़ रहे हैं। सरकार को हिन्दुओं में डर की भावना को दूर करना चाहिए। कानून व्यवस्था का भी बुरा हाल है। आए दिन नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म हो रहे हैं। बच्चियों का घर से अकेले निकलना मुश्किल हो रहा है। बालात्कार ही नहीं, बल्कि सामूहिक बालात्कार और हत्या जैसे अपराध बढ़ रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस के दस माह के शासन में सरकार विरोधी माहौल बन गया है। आमतौर पर किसी सरकार की कार्यकुशलता को तीन चार तक आंका जाता है, लेकिन अब दस माह में ही प्रदेश की जनता कांग्रेस से पीछा छुड़ाना चाहती है। अब यूपी जैसे प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधर रही है, जबकि राजस्थान में हालात बेहद खराब हैं। सरकार के डिप्टी सीएम सचिन पायलट स्वयं भी कानून व्यवस्था पर चिंता जता चुके हैं। 
बुनियादी विकास और 370 हटाने का असर:
21 अक्टूबर को होने वाले खींवसर और मंडावा के उपचुनाव नवम्बर में 52 स्थानीय निकायों तथा फिर पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के संबंध में पूनिया ने कहा कि जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में भाजपा की एक तरफा जीत हुई, उसी प्रकार आने वाले चुनाव के परिणाम भी रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में घर घर शौचालय से लेकर नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए। आयुष्मान भारत योजना में पांच करोड़ परिवारों को पांच लाख तक की चिकित्सा सुविधा, प्रत्येक किसान को छह हजार रुपए प्रति वर्ष का नकद भुगतान जैसे योजनाओं के जरिए बुनियादी विकास हुआ। इसका लाभ शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिला। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का ऐतिहासिक फैसला हुआ। अब देश की जनता को लगता है कि मोदी कार्यकाल में ही देश का विकास और सुरक्षा संभव है। 370 को निष्प्रभावी कर आतंकवाद का सफाया किया गया है। 
दिसम्बर में नई टीम:
एक सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा कि नवम्बर में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव के बाद प्रदेश भाजपा के नए पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी। एक व्यक्ति एक पद का नियम सांसद और विधायकों पर लागू नहीं होगा। नई टीम में कर्मठ कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाएगी। 
एस.पी.मित्तल


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...