मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

पूर्व सांसद ने थामा सपा का हाथ

राम केवल यादव


अमेठी। पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत पैठ रखने वाले लोगो के चहेते पूर्व सांसद का सपा में शामिल होते ही जिले के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। जिनका जिले के सपा कार्यकर्ताओं व सांसद समर्थकों द्वारा जगह जगह जोरदार ढंग से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। सपा जिलाध्यक्ष छोटेलाल यादव की अगुवाई में जगदीशपुर कस्बे में जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वारिसगंज में मुन्ना यादव, सूबेदार यादव अधिवक्ता की अगुवानी में सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ स्वागत किया। मुसाफिरखाना काफिला पहुँचते ही सपा के वरिष्ठ नेता राम उदित यादव ने भी सांसद को फूल मालाओं से लाद दिया। इसके बाद सांसद का कारवां अमेठी बार्डर के करथुनी के पास पहुँचा जहाँ पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमा शंकर यादव मझना के नेतृत्त्व में काफी संख्या में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधानगण आदि ने जोरदार ढंग से स्वागत किया। पूर्व सांसद ने मौजूद लोगों को पार्टी के लिए निरन्तर काम करने का आह्वान किया। पूर्व सरकार द्वारा कार्यो की समीक्षा लोगो से करके मौजूदा सरकार के क्रिया कलाप को बताये जिससे उन्हें इस सरकार के काम का सही आकलन हो जाय। उन्होंने कहाकि वो आजीवन पार्टी के लिये अखिलेश के नेतृत्त्व में काम करेंगे। पार्टी का कार्यकर्ता हमे कभी भी सुख दुख में याद करेगा उसके साथ मिलेंगे। हमारे घर के दरवाजे सदा उनके लिये खुला मिलेगा। इस मौके उन्होंने जनसमूह को दशहरा पावन पर्व की बधाई दी। कि सदा ही बुराई पर सच्चाई की जीत होती है। इस अवसर पर सत्य नारायण यादव दाढ़ी प्रधान, रमा शंकर यादव जिला पंचायत सदस्य, डॉ सी पी यादव प्रधान सराय भागमनी, शिव बरन यादव पूर्व प्रधान राघीपुर, श्रीराम यादव पूर्व प्रधान यादव, अरविंद कुमार आदि लोग मौजूद रहे।


तनिष्ठा चटर्जी को एशियन स्टार अवॉर्ड

अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी को प्रतिष्ठित बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के 24वें संस्करण में एशियन स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके निर्देशन में बनने वाली पहली फिल्म रोम रोम में के लिए मिला। तनिष्ठा इस उपलब्धि को अपनी टीम के लिए एक बहुत बड़ा गौरव मानती हैं। टीम ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की।


तनिष्ठा ने कहा, एक निर्देशक के तौर पर मेरी इस डेब्यू फिल्म का सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में से एक में आधिकारिक चयन होना ही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है और इससे भी बड़ी बात एशिया स्टार अवार्ड जीतना है। इससे ज्यादा अच्छा मेरे लिए कुछ और नहीं हो सकता।
फिल्म की कास्ट और क्रू की उपस्थिति में इस अवार्ड को मैरी क्लेयर और बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया।
तनिष्ठा की इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुख्य भूमिका में हैं और उनके साथ वैलेंटिना कोर्टी, ईशा तलवार, फ्रांसेस्को एपोलीनी, उरबानो बार्बेरिनी, पामेला विलेरोसी और एंड्रिया स्कार्डुजियो जैसे कलाकार भी हैं। यह एक बहुभाषी फिल्म है जो हिंदी, अंग्रेजी और इतालवी में बनी है।


अंधाधुन ने इंडस्ट्री में स्थापित किया

मुबंई। नैशनल अवॉर्ड विनिंग ऐक्टर आयुष्मान खुराना के लिए अंधाधुन एक ऐसी फिल्म है, जो हमेशा उनके दिल के बेहद करीब रहेगी। फिल्म न केवल हिट हुई बल्कि इसने उन्हें बेस्ट ऐक्टर का पहला नैशनल अवॉर्ड भी दिलाया। इस फिल्म के रिलीज की पहली ऐनिवर्सरी पर आयुष्मान ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली इस फिल्म ने और एक बेहतर ऐक्टर बनाया है। 
एक के बाद एक लगातार 6 ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले इस आयुष्मान ने कहा, एक कलाकार के रूप में मैं लगातार अभिनय की बारिकियां सीखने वाले एक छात्र की तरह हूं। मैं हमेशा उन फिल्मों की तलाश में रहता हूं जो मुझे बेहतर बनाती हैं, जो मेरी सोच, मेरे विश्वासों को चुनौती देती हैं और नई चीजों को प्राप्त करने के लिए मुझे प्रेरित करती हैं। अंधाधुन वास्तव में एक ऐसी फिल्म रही है, जिसने मुझे आज एक अभिनेता के रूप में आकार दिया है।
आयुष्मान को आज कॉन्टेंट सिनेमा का पोस्टर बॉय कहा जाता है और उन्हें बॉलिवुड की सबसे अच्छी स्क्रिप्ट चुनने वाला माना जाता है। अंधाधुन एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी जिसमें आयुष्मान ने एक ऐसे पियानो बजाने वाले की भूमिका निभाई थी जो अंधे होने का नाटक करता है।
आयुष्मान को लगता है कि इस फिल्म का उन पर बहुत प्रभाव है। उन्होंने कहा, इसने (अंधाधुन ने) मुझे अपनी बाधाओं को चुनौती देना सिखाने के साथ ही मेरी कला को अलग तरह से दिखाया, जिसने न सिर्फ मुझे बल्कि दर्शकों के लिए भी यह फिल्म खास है। मैं डायरेक्टर श्रीराम राघवन का आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। उन्होंने यह भी कहा कि अंधाधुन ने उन्हें इतनी खूबसूरत यादें दी हैं कि वह इस फिल्म में अपने किरदार के ऊपर पूरी किताब लिख सकते हैं।


दीपिका का रणवीर को करारा जवाब

मुबंई। दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह बॉलिवुड के सबसे चहेते कपल्स में से एक हैं। ऑनस्क्रीन हो या ऑफस्क्रीन, फैन्स को इनको साथ देखना हमेशा अच्छा लगता है। सिर्फ कैमरे पर ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी दोनों अकसर मस्ती करते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर दीपिका और रणवीर एक-दूसरे की टांग खींचने से बाज नहीं आते। एक बार फिर दोनों की ऐसी ही मस्ती देखने को मिली है। 
दीपिका पादुकोण ने इंस्टाग्राम पर अपने स्कूल रिपोर्ट्स की कुछ तस्वीरें शेयर कीं। इनमें से एक पर लिखा था कि दीपिका को निर्देश का पालन करना सीखना चाहिए।
इसपर रणवीर सिंह ने कॉमेन्ट किया कि वह टीचर से सहमत हैं। पति के ऐसे कॉमेन्ट के बाद दीपिका का वही रिऐक्शन था जो किसी भी बीवी का होता। रणवीर के इस कॉमेन्ट पर रिप्लाई करते हुए दीपिका ने लिखा, आज रात को तुम्हें खाना नहीं मिलेगा।
बता दें कि रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण फिल्म 83 में साथ नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने के सफर पर बेस्ड है।


शस्त्र पूजा से कांप उठेगा दुश्मन

पेरिस। इस बार दशहरा पर होने वाली शस्‍त्र पूजा पूरे भारत के लिए बेहद खास होने वाली है। यह इतनी खास है कि इसने हर भारतीय को अपना सीना गर्व से चौड़ा करने का हक भी दिया है। दशहरा पर शस्‍त्र पूजा का चलन यूं तो काफी पुराना है, लेकिन उत्‍तर भारत में इसकी रंंगत देखते ही बनती है।


 संघ हर वर्ष दशहरा वाले दिन शस्‍त्र पूजा करता है।दशहरा पर इस बार शस्‍त्र पूजा की गूंज भारत की सरहद को लांघ कर फ्रांस तक सुनाई देगी। ऐसा इसलिए क्‍योंकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वहां पर राफेल फाइटर जेट की पूजा करेंगे।


आपको बता दें कि 8 अक्‍टूबर को ही फ्रांस आधिकारिक तौर पर भारत को राफेल विमान सौंपेगा। इसी वजह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस गए हैं। यहां पर वह राफेल विमान में उड़ान भी भरेंगे। इसके साथ ही वह इस विमान में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षा मंत्री भी बन जाएंगे। राजनाथ की शस्‍त्र पूजा के साथ ही दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में गिना जाने वाला राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल भी हो जाएगा। राफेल की बात करें तो यह ऐसे शुभ मौके पर भारतीय वायुसेना को मिल रहा है जब बुराई पर अच्‍छाई की जीत का जश्‍न पूरे भारत में दशहरा के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अलावा यह इत्‍तफाक ही है कि इसी दिन भारतीय वायु सेना दिवस भी है। राफेल विमान मीटियोर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होंगे। इनकी मारक क्षमता इतनी बेजोड़ है कि इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में भारत का दबदबा पहले से कहीं अधिक बढ़ जाएगा। 


जबरदस्त मारक क्षमता की मिसाइल 
वहीं स्‍काल्‍प मिसाईल की मारक रेंज काफी अधिक है। यह मिसाइल किसी भी मौसम में लक्ष्‍य को भेद सकती है। फिलहाल यह मिसाइल फ्रांस के अलावा ब्रिटेन के पास भी है।गल्‍फवार के दौरान इसका इस्‍तेमाल हो चुका है। भारत के लिए ये दोनों मिसाइलें गेमचंजर साबित होंगी। जो नई पीढ़ी की क्‍लोज रेंज वाली मिसाइल है। इसको लेकर कंपनी ने भारत डायनामिक्‍स लिमिटेड से एक समझौता भी किया है। बड़े ठिकानों को तबाह करने में यह मिसाइल बेहद खास है। इस लिहाज से यह शस्‍त्र पूजा भारत की भविष्‍य की मजबूती के लिए बेहद खास है।


वायुसेना का अपाचे हेलीकॉप्‍टर 
वायुसेना की मजबूती की ही बात करें तो दशहरा पर होने वाले वायुसेना दिवस समारोह में चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्‍टर भी दिखाई देने वाले हैं। भारत की रक्षा के लिए ये दोनों ही हेलीकॉप्‍टर बेहद खास हैं। अपाचे की ही बात करें तो डबल पायलट वाला ये हेलीकॉप्‍टर 18 फीट ऊंचा और इतना ही चौड़ा भी है। इसकी रफ्तार के आगे दूसरे हेलीकॉप्‍टर काफी बौने दिखाई देते हैं। इसकी रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा है।भारत को 22 अपाचे मिलने हैं। फिलहाल भारत को आठ अपाचे मिलें है और अन्‍य 14 मार्च 2020 तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे। इसकी कई खूबियों से एक इसका दुश्‍मन के राडार की पकड़ में न आना भी है। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल लग सकती हैं जो दुश्‍मन पर कहर बरपा सकती हैं। इसके अलावा इसमें लगने वाली 30MM की 1,200 गोलियां एक बार में लोड की जा सकती हैं। इतना ही नहीं ये हेलीकॉप्‍टर एक बार में करीब पौने तीन घंटे या करीब 550 किमी तक उड़ सकता है। इस खास हेलीकॉप्‍टर के लिए ट्रेनिंग भी बेहद खास है। इसके हर पायलट पर सरकार को लाखों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे।


अब बात चिनूक की भी कर लेते हैं। ये हेलीकॉप्‍टर कुछ ही समय में सेना के जवानों को किसी भी दुर्गम इलाके में ले जाने में सक्षम है। यह किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। यह हेलीकॉप्‍टर 11 टन तक का भार उठा सकता है।किसी तरह की आपदा आने पर भी यह हेलीकॉप्‍टर राहत कार्य में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। वर्ष 2015 में बोइंग से हुए करार के मुताबिक भारत को कुल 15 हेलीकॉप्‍टर मिलने हैं, जिनमें से चार को सौंप भी दिया गया है। अन्‍य हेलीकॉप्‍टर अगले वर्ष तक भारत को मिल जाएंगे। भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूती देने के लिए किया गया यह पूरा सौदा 8048 करोड़ रुपये का है। दुनिया के 18 देशों की सेनाएं इस हेलीकॉप्‍टर का इस्‍तेमाल करती हैं।


द्वारका की रामलीला में शामिल राष्ट्रपति-पीएम

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को दशहरा पर्व को लेकर रामलीला कमेटियों की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार लालकिला की जगह द्वारका श्रीरामलीला कमेटी के मंच पर मौजूद रहेंगे। लालकिला स्थित माधव दास पार्क में धार्मिक रामलीला में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित रहेंगी। वीवीआईपी गतिविधियों के चलते सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इन स्थलों पर सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं। लालकिला मैदान और द्वारका की रामलीला कमेटियों के साथ आसपास के इलाके का राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सोमवार को जायजा लिया। दशहरे को लेकर रामलीलाओं में कहीं 60 तो कहीं 80 फीट तक के रावण के पुतले तैयार किए गए हैं। रोहिणी के जपानी पार्क में करीब 60 तो इंद्रप्रस्थ रामलीला में 80 फीट के रावण का दहन किया जाएगा। यहां कुंभकरण की 70 और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई करीब 65 फीट है।


जल्दबाजी में कोई कार्य न करें: कुंभ

राशिफल


मेंष-व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिलेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


वृष-पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। आर्थिक‍ स्थिति बिगड़ सकती है। कुसंगति से हानि होगी। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। धैर्यशीलता में कमी होगी। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। धनार्जन होगा।


मिथुन-स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बुरी सूचना मिल सकती है। प्रसन्नता में कमी रहेगी। शत्रुता में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबारी लाभ में वृद्धि के योग हैं। प्रमाद न करें।


कर्क-शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। सुख के साधन जुटेंगे। अच्‍छे समाचार मिल सकते हैं। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। आय बढ़ेगी।


सिंह-शत्रु परास्त होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोर्ट व कचहरी, सरकारी दफ्तरों में रुका कार्य पूर्ण अनुकूल होगा। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेंगे। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। साधु-संत का आशीर्वाद मिल सकता है। व्यापार ठीक चलेगा।


कन्या-कुसंगति से हानि होगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। किसी व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है। शांति बनाए रखें। पारिवारिक चिंता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय में जल्दबाजी न करें।


तुला-किसी प्रभावशाली प्रबुद्ध व्यक्ति से मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। धनलाभ के अवसर बार-बार प्राप्त होंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार ठीक चलेगा।


वृश्चिक-शत्रुओं का पराभव होगा। सुख के साधन जुटेंगे। स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। कोई कारोबारी बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उन्नति होगी। लाभ में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी बिलकुल न करें।


धनु-दांपत्य जीवन में खुशहाली रहेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग को पठन-पाठन व लेखन इत्या‍दि के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी।


मकर-चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि संभव है। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। दु:खद समाचार मिल सकता है। नए संबंध बनाने से पहले वि‍चार कर लें। मन में काम के प्रति दुविधा रहेगी। गलतफहमी के कारण विवाद संभव है। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।


कुंभ-जल्दबाजी में कोई कार्य न करें। विवाद संभव है। नौकरी में नई जिम्मेदारी प्राप्त हो सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मान-सम्मान प्राप्त होगा। ऐश्वर्य के साधनों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा।


मीन-दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। अतिथियों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। राजमान व यश में वृद्धि संभव है। व्यापार ठीक चलेगा।


दुनिया की दूसरी बड़ी 'थल-सेना'

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये।


भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं।


भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।


गर्म वातावरण का निवासी तोता

तोता पक्षियों के सिटैसिफ़ॉर्मीस (Psittaci) गण के सिटैसिडी (Psittacidae) कुल का पक्षी है, जो गरम देशों का निवासी है। यह बहुत सुंदर पक्षी है और मनुष्यों की बोली की नकल बखूबी कर लेता है। यह सिलीबीज द्वीप से सालोमन द्वीप तक के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी कई जातियाँ हैं। लेकिन इनमें हरा तोता (Ring Necked Parakett), जो अफ्रीका में गैंबिया के मुहाने (mouth of Gambia) से लेकर, लाल सागर होता हुआ भारत, बरमा और टेनासरिम (Tenasserim) तक फैला हुआ है, सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह हरे रंग का 10-12 इंच लंबा पक्षी है, जिसके गले पर लाल कंठा होता है। तोते को मनुष्यों ने संभवत: सबसे पहले पालतू किया और आज तक ये शौक के साधन बने हुए हैं। तोते के मुख्य निवास स्थान आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड हैं, जहाँ के अनेक प्रकार के रंगीन तोते प्रति वर्ष पकड़कर विदेशों में भेजे जाते हैं। इनमें काकातुआ और मैकॉ (Macaw) आदि बड़े कद के सुंदर तथा रंगीन एवं बजरीका, रोज़ेला और काकाटील छोटे कद के होते हैं।


काकातुआ सफेद और मैकॉ नीले रंग का होता है। बजरीका नीले, पीले, हरे सभी रंग के चित्तीदार होते हैं, जो देखने में बहुत सुंदर लगते हैं। रोज़ेला भी कम सुंदर नहीं होता। इसका सिर लाल, सीना पीला और डैना तथा दुम नीली रहती है। काकाटील का शरीर ऊदा और सफेद तथा सिर पीला रहता है। हमारे देश में भी तोतों की परबत्ता, ढ़ेलहरा, टुइयाँ, मदनगोर आदि कई जातियाँ हैं, लेकिन ये सब प्राय: हरे रंग की होती हैं।


तोते झुंड में रहनेवाले पक्षी हैं, जिनके नर मादा एक जैसे होते हैं। इनकी उड़ान नीची और लहरदार, लेकिन तेज होती है। इनका मुख्य भोजन फल और तरकारी है, जिसे ये अपने पंजों से पकड़कर खाते रहते हैं। यह पक्षियों के लिये अनोखी बात है।तोते की बोली कड़ी और कर्कश होती है, लेकिन इनमें से कुछ सिखाए जाने पर मनुष्यों की बोली की हूबहू नकल कर लेते हैं। इसके लिये अफ्रीका का स्लेटी तोता (Psittorcu erithacus) सबसे प्रसिद्ध है।


तोता एकपत्नीव्रती पक्षी है। इसकी मादा पेड़ के कोटर या तनों में सुराख काटकर 1 से 12 तक सफेद अंडे देती है।


तोते की आवाज़:-यद्यपि तोता अत्यधिक लोकप्रिय पक्षी है, परंतु यह प्रसिद्धि है कि तोता आपने पालने वाले के प्रति भी बेवफा होता है। कहा जाता है कि तोता चाहे कितने दिनों का पालतू क्यों न हो, पर जब एक बार पिंजरे के बाहर निकल जाता है, तब वह फिर अपने पिंजरे या मालिक की तरफ देखता तक नहीं। इसी आधार पर यह मुहावरा बना है 'तोते की तरह आँखें फेरना या बदलना' अर्थात् बहुत बेमुरौवत होना। हालाँकि स्वाभाविक रूप से यह तोते की अत्यधिक स्वतंत्रताप्रियता का प्रमाण ही है। पूर्वोक्त अर्थ में ही 'तोता-चश्म' पद भी प्रचलित है, अर्थात् जिसकी आँखों में तोते की तरह लिहाज या संकोच का पूर्ण अभाव हो; बेवफा, बेमुरौवत।


सोयाबीन, दलहन नहीं तिलहन

सोयाबीन एक फसल है। यह दलहन के बजाय तिलहन की फसल मानी जाती है। सोयाबीन दलहन की फसल है शाकाहारी मनुष्यों के लिए इसको मांस भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत अधिक प्रोटीन होता है। इसका वानस्पतिक नाम गलीसईन मैक्स है।स्थ्य के लिए एक बहुउपयोगी खाद्य पदार्थ है। सोयाबीन एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है। इसके मुख्य घटक प्रोटीन, कार्बोहाइडेंट और वसा होते है। सोयाबीन में 38-40 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत तेल, 21 प्रतिशत कार्बोहाइडेंट, 12 प्रतिशत नमी तथा 5 प्रतिशत भस्म होती है।


सोयाप्रोटीन के एमीगेमिनो अम्ल की संरचना पशु प्रोटीन के समकक्ष होती हैं। अतः मनुष्य के पोषण के लिए सोयाबीन उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं। कार्बोहाइडेंट के रूप में आहार रेशा, शर्करा, रैफीनोस एवं स्टाकियोज होता है जो कि पेट में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों के लिए लाभप्रद होता हैं। सोयाबीन तेल में लिनोलिक अम्ल एवं लिनालेनिक अम्ल प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये अम्ल शरीर के लिए आवश्यक वसा अम्ल होते हैं। इसके अलावा सोयाबीन में आइसोफ्लावोन, लेसिथिन और फाइटोस्टेरॉल रूप में कुछ अन्य स्वास्थवर्धक उपयोगी घटक होते हैं।


सोयाबीन न केवल प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्त्रौत है बल्कि कई शारीरिक क्रियाओं को भी प्रभावित करता है। विभिन्न शोधकर्ताओं द्वारा सोया प्रोटीन का प्लाज्मा लिपिड एवं कोलेस्टेरॉल की मात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया है और यह पाया गया है कि सोया प्रोटीन मानव रक्त में कोलेस्टेरॉल की मात्रा कम करने में सहायक होता है। निर्दिष्ट स्वास्थ्य उपयोग के लिए सोया प्रोटीन संभवतः पहला सोयाबीन घटक है।


विश्व का 60% सोयाबीन अमेरिका में पैदा होता है। भारत मे सबसे अधिक सोयाबीन का उत्पादन मध्यप्रदेश करता है। मध्यप्रदेश में इंदौर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर है।


सोयाबीन घटकों के निर्दिष्ट स्वास्थ्य कार्य
घटक निर्दिष्ट स्वास्थ्य कार्य,प्रोटीन कोलेस्ट्राल को कम करना, मोटापा कम करना, उम्र बढ़ने से रोकना, कैंसर रोधी,प्रोटीन हाइडोंलाइजेट षोषक, मोटापा कम करना, उच्च रक्त चाप से बचव,लेक्टिन प्रतिरक्षा क्रिया,टिंप्सिन इन्हीबिटर कैंसर रोधी
आहार फाइबर वसा को कम करना, पेट कैंसर रोधी
ऑलिगो-सैकराइड आंतों में पाए जाने वाले बिफीडो बैक्टीरिया के लिए लाभदायक,लिनोलिक एसिड आवश्यक फैटी एसिड, कोलेस्ट्राल को कम करना,लिनोलेनिक एसिड कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक, एलर्जी रोधक,लेसिथिन वसा को कम करना, स्मृति में सहायक,स्टेरोल वसा को कम करना,टोकोफेरोल कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक,एंटीऑक्सीडेंट गुण,विटामिन के थक्का रोधी, ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, कैंसर रोधी,विटामिन बी बेरीबेरी रोग रोधीी,फाईटेट कैंसर रोधी,
सैपोनिन वसा को कम करना, एंटीऑक्सीडेंट गुण
आइसोफ्लावॉन ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, कैंसर रोधीी।


संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 मेरे प्यारे, इस प्रकार का विचार हमारे प्रऻय: वैदिक साहित्य में आता रहा है। वैदिक साहित्य में भिन्न-भिन्न प्रकार की विवेचनाऐ, भिन्न-भिन्न के क्रियाकलाप उनके (पुरोहित के) मुखारविंद से उत्पन्न हो रहे हैं। वह पुरोहिताम भूवरणस्‍तये ,वेदाचार्य कहता है कि हमारे जीवन में यदि कोई उन्नति दे सकता है तो वह पुरोहित कहलाता है। भगवान मनु ने यही कहा कि राजा के राष्ट्र में पुरोहित होना चाहिए। उसका अपने में बड़ा महत्व माना गया है। देखो पुरोहितानाम भूतम ब्राह्मण लोकाम व्रणहे:, वह पुरोहित कहलाता है जो अपने राष्ट्र और समाज को उन्नत बनाता है। त्रेता के काल में मेरे पुत्रों महात्मा ब्रहमणेश मनु मानो, वस्तुम्‌ ब्रहे कृतम्, रघुकुल में रघुवंश मे पुरोहित की आवश्यकता रहती है और प्रत्येक राष्ट्र में पुरोहित की आवश्यकता रहती है। रघुकुल के जो पुरोहित थे, वशिष्ठ मुनि महाराज बेटा, पुरोहिताम ब्राह्मण ब्रहम: राजा को पराविद्या की शिक्षा देते हैं और राजा उसे अपने में ग्रहण कर लेता है। मेरे प्यारे, मुझे स्मारण आता रहता है त्रेता के काल में जब राम ने लंका को विजय करने के पश्चात अपने गृह में प्रवेश किया। तब उन्होंने वास किया और वास करने के पश्चात अपनी स्थली पर विद्यमान हो गए। विद्यमान होकर के नाना ऋषि-मुनियों को निमंत्रित किया गया और निमंत्रित करने के पश्चात भरत अपना राष्ट्र का अधिकार अपना कर्तव्य जान करके राम को प्रदान करना चाहते थे। उस राष्ट्रीय धरोहर को राम को प्रदान करना चाहते थे। बेटा राम से प्रार्थना की प्रभु आइए अपने राष्ट्र को अपनाइए। मानो इस राष्ट्र का मुझे कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि मैं इसका अधिकारी नहीं हूं। राम बोले अमृताम ब्राह्म: इसको तुम ही भोगो मुझे नहीं चाहिए। उन्होंने कहा नहीं मैं नहीं चाहता हूं। प्रभु मैं आपको समर्पित करना चाहता हूं। राष्ट्र स्थली को अपनाइए। हे राम। भरत से कहा सब को निमंत्रित किया जाए। राष्ट्र में जितने अधिकारी है और ऋषि-मुनियों का सब का आगमन होना चाहिए। बेटा सब को निमंत्रित किया और निमंत्रित करने के पश्चात उस राज्यसभा में नाना ॠषिवर नाना विज्ञानवेता मानव सर्वत्र राष्ट्र निमंत्रण के कथन अनुसार अयोध्या में उनका आगमन हुआ और बेटा अगले दिवस प्रातकाल सब आसनों पर विराजमान हो गए। राम ने उपस्थित होकर कहा, ऋषि-मुनियों आज मुझे अपना राष्ट्र देना चाहते हैं परंतु मैं इस राष्ट्र को अपनाना नहीं चाहता। उन्होंने कहा क्यों नहीं चाहते? उन्होंने कहा मैं तपस्या करने जाऊंगा। उस समय महाराजा शिव ने कहा कि है राम आप तपस्या करके आप अपनी क्रियाओं से निवृत्त होने के लिए भी तपस्या आपकी ज्‍यौं की त्‍यौं है। राम ने कहा, प्रभु तुम्हारा वाक्य यथार्थ है। महाराजा शिव के बहुत प्रार्थना करने के पश्चात,  जब महात्मा पुरोहितों से यह कह रहा है। पुरोहित जनों देखो मैं राष्ट्र को नहीं चाहता। तप में जाना चाहता हूं। महात्मा वशिष्ठ मुनि महाराज ने ब्रह्मा से कहा, हे राम, तुम्हें राष्ट्र तो भोगना ही है परंतु त्याग पूर्वक इस राष्ट्र को भोगने वाले बनो। राम ने कहा कि प्रभु मैं इस राष्ट्र को नहीं चाहता जब तक अपने रजोगुण और तमोगुण हमारे शरीर में व्याप्त है। उसे नष्ट करना चाहता हूं। मैं तपस्या में परिणत होना चाहता हूं। उस समय विशेषकर राजा और महात्मा, जन, मानव मौन हो गए और मौन होकर के यह विचार में लगे कि इसको कैसे कार्य रोक दिया जाए। जो राम राजा बने और भरत तपस्वी बन जाए। देखो राष्ट्र का पालन चलता रहे और दोनों तपस्या में परिणत हो जाए।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 09, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-66 (साल-01)
2. बुधवार, 09 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,शुक्‍लपक्ष,तिथि- एकादशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:16,सूर्यास्त 06:05
5. न्‍यूनतम तापमान -22 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी,नमी बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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सोमवार, 7 अक्तूबर 2019

संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 आज मैं भगवान मनु जी के विचारों में जाना चाहता हूं। भगवान मनु ने जिस समय इन पद्धतियों का निर्माण किया तो उन्होंने बड़े विशुद्ध रूप से इसका विश्लेषण किया और यह कहा कि पुरोहितानाम भवितम ब्रह्मा: विष्णु देव:।। भगवान मनु ने यह कहा कि पुरोहित जो परमपिता परमात्मा के नामों से वर्णित किया जाता है और वह जो पराविद्या को देने वाला है। वही तो पुरोहित है ।जो पराविद्या को अपने में धारण करने वाला है। जब भगवान उन्होंने इस राष्ट्र की पद्धतियों का निर्माण किया और उन्होंने राष्ट्रीयता में इस मानवीय समाज को परिणत करना चाहा तो भगवान मनु ने कालेश्वर ऋषि के यहां यह कहा। हे प्रभु, मैं क्या करूं, पुरोहिताम्‌ भूत ब्रव्‍हे,  कि राष्ट्र का जब निर्माण होता है तो पुरोहित की आवश्यकता होती है। ऋषि-मुनियों ने कहा कि वास्तव में पुरोहितों की आवश्यकता है। पुरोहित की आवश्यकता तो जब भी रहती है। जब कोई वस्तु हमारे समीप नहीं होती है एक केवल पुरोहित होता है और पुरोहित हमें विद्या को देने वाला है। ब्रह्मचारी और हमें मानो यदि उसने कर्तव्य के रूप में ही हमें परिणत कर दिया तो हमारा सौभाग्य होगा। मुझे कुछ ऐसा स्‍मरण आ रहा है कि भगवान मनु ने यह कहा कि हमें पुरोहित की आवश्यकता रहती है। देखो वहां पुरोहिताम भवितम, वह पुरोहित बना करके अपने राष्ट्र को उन्नत बनाना चाहते हैं। राजा के राष्ट्र में वास्तव में पुरोहित होने चाहिए और पुरोहित उन्हें कहा जाता है जो परा विद्या को देने वाले हैं। पवित्र पराविधा हमें परिणत करा देते हैं। तो वह पुरोहित कहलाते हैं। मेरे प्यारे, देखो हमारे यहां दो प्रकार की विद्या  प्राय: परंपरागतो से वर्णन किया गया है। एक विद्या भौतिकवाद में हमें परिणत कर देती है और दूसरी विधा कहलाती है जो आध्यात्मिक विज्ञान में हमें परिणत कर देती है। भौतिक विज्ञान की कल्पना करते हुए ब्राह्मणहे: व्रर्तम देवात्मम्‌ ब्रहम:, कि भगवान यह पुरोहित का राष्ट्र में अपना क्या महत्व माना गया है । तो महात्मा कालेश्वर ने कहा कि हे भगवान, हे मनु, संसार में पुरोहित होता है जो भी कुछ होता है वह पराविद्या के देने वाला है। जैसे यज्ञिक यज्ञ करता है अपनी यज्ञशाला में तो यज्ञशाला में एक पुरोहित भी होता है और मैं पुरोहित इसलिए होता है। जो पराविद्या के देने वाला है और पराविधा प्रदान करता है। मानव वही पुरोहित कहा जाता है हमारे यहां परमपिता परमात्मा को पुरोहितों के नाम से व्रणित किया है। क्योंकि वह वास्तव में पराविधा देने वाला है। भगवान से कालेश्वर ऋषि कहते हैं कि हे राजन, पुरोहित किसे कहते हैं। उन्होंने कहा पुरोहित परमपिता परमात्मा को कहा जाता है जो परमपिता परमात्मा सर्वत्र विद्यमान है। वह पुरोहित कहलाते हैं वह पुरोहिताम भवितम्‌ ब्रहम:,जब ऋषि ने इस प्रकार कहा तो उन्हें यह प्रश्न किया गया कि महाराजा पुरोहित कौन है? उन्होंने कहा देने पुरोहित पराविधा देने वाला है।
 हमारे यहां वैदिक साहित्य में तीन प्रकार की विधा का वर्णन होता है। एक वह जो वर्णन ब्रह्मा कृतम देवा:, देखो वह अवर्णनीय आभा में नहीं रहने वाले हैं। उन्होंने कहा पुरोहित उन्हें कहा जाता है जो पराविद्या को धारण करने वाले ज्ञान और विज्ञान में रत रहते हैं। वह पुरोहित कहलाते हैं भगवान मनु ने कहा कि राजा के राष्ट्र में एक पुरोहित होना चाहिए। जो परा विद्या को समय-समय पर प्रदान करता है। पुरोहिताम भवितम ब्रह्म:, मेरे प्यारे पुरोहित वह कहलाता है जो भगवान मनु ने वर्णन किया है। भगवान मनु ने यह कहा है कि पुरोहित उसे कहा जाता है। जो परा विद्या के देने वाला है परा विद्या में परिणत करा देता है। वही देखो परा विद्या है जो उसे अधिकार प्राप्त हो जाता है तो विचार आता है कि पुरोहित कौन है जो प्रत्येक ग्रह में पुरोहित रहने चाहिए। परंतु पुरोहितम भवितम, बेटा पुत्र का नाम भी पुरोहित कहलाता है। जहां पुरोहितों की चर्चा आती है वहां परमपिता परमात्मा को पुरोहित कहते हैं। मेरे प्‍यारे,देखो पुरोहित पराविद्या को प्रदान करता है जो मानव को विवेक की उपलब्धि करा देता है। वही तो मानो पुरोहित कहलाता है। जो सर्वत्र राष्‍ट्र का स्वामित्व अथवा निर्माण करने वाला है। और उसे निर्माण में परिणित करते हुए अपने महानता को जन्म देता है। जो हमारे यहां पुरोहितों को इस प्रकार की विवेचना आती रहती है। हमारे यहां पुरोहित भी होने चाहिए जिससे राष्ट्र बनता है और जन समाज बनता है। प्रत्येक ग्रह में माता के आंगन में पुत्र-पुत्री विधमान होती है। पुरोहित अपने अधिकार का उपयोग करना चाहता है और वह उपयोग को अपने में पान कर रहा है। देखो वही उपयोगाम भुवरणस्‍तये,वही तो अपने में धारण कर रहा है वह पुरोहित कहलाता है। जो ग्रह को बनाता है जो ग्रह में महानता को जन्म देता है।


लोकतांत्रिक स्वतंत्रता ?

टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की दुर्गा पूजा पर ऐतराज क्यों?
कोलकाता में तो सर्वधर्म दुर्गा पांडाल भी बना है। 

हिन्दू उद्योगपति से विवाह करने वाली फिल्म अभिनेत्री और टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की धार्मिक गतिविधियों को लेकर अब देवबंद के कुछ उलेमाओं ने ऐतराज जताया है। 7 अक्टूबर को आए बयानों में उलेमाओं की ओर से कहा गया कि नुसरत जहां इस्लाम धर्म के विरुद्ध आचरण कर रही हैं। यदि नुसरत जहां इस्लाम धर्म के विरुद्ध काम कर रही हैं तो उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए। जिस काम के लिए इस्लाम धर्म इजाजत नहीं देता उसे नुसरत जहां को नहीं करना चाहिए। नुसरत अपने इस कृत्य से इस्लाम को बदनाम कर रही हैं। इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी की भी पूजा नहीं की जा सकती। इस्लाम के अनुरूप आचरण करने वाला ही मुसलमान हो सकता है। उलेमाओं का यह बयान नवरात्र में नुसरत जहां द्वारा कोलकाता में अपने पति के साथ नृत्य करने और ढोल बजाने को लेकर आया है। नुसरत जहां हिन्दू संस्कृति के अनुरूप मांग में सिंदूर भरकर गले में मंगलसूत्र भी पहनती हैं। बंगाली संस्कृति के अनुरूप ही नवरात्र में नुसरत जहां ने दुर्गा पूजा भी की। अब नुसरत की इस धार्मिक प्रवृत्ति पर ही उलेमाओं को ऐतराज है। यह बात अलग है कि कोलकाता में ऐसे दुर्गा पांडाल भी बने हैं, जिसमें सर्वधर्म के चिन्ह अंकित किए गए हैं। एक पांडाल के निकट ही नमाज भी अदा की जा रही है। इस पांडाल में दुर्गा प्रतिमा के सामने सभी धार्मिक गतिविधियां हो रही हैं। सभी धर्मों के लोग इस पांडाल में अपने अपने धर्म के अनुरूप काम कर रहे है। हलांाकि अब इसको लेकर राजनीति गरमा गई है। जहां तक टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की धार्मिक गतिविधियों के विरोध का सवाल है तो नुसरत जहां पूर्व में भी ऐसी धार्मिक गतिविधियां करती रही हैं। उन्होंने पहले भी कहा है कि उन्हें किसी के ऐतराज का डर नहीं है क्योंकि वे एक अच्छे इंसान के तौर पर काम कर रही हैं। उलेमाओं के ताजा ऐतराज पर भी नुसरत ने कहा कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूँ। 
एस.पी.मित्तल


गाजियाबाद मंडल अध्यक्ष के लिए 13 अक्टूबर

13 अक्टूबर को होगा मंडल अध्यक्ष हेतु नामांकन ।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भाजपा जिला कार्यकारणी के मंडल चुनावों को लेकर भाजपा जिला कार्यालय पर समीक्षा बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी ने की। मुख्य अतिथि जिला चुनाव अधिकारी पूर्व मंत्री आदरणीय हरद्वार दुबे एवं जिला सह चुनाव अधिकारी क्षेत्रीय  कोषाध्यक्ष बिजेंद्र अग्रवाल मौजूद रहे । जिला चुनाव अधिकारी हरद्वार दुबे ने बताया की चुनाव जिले की लोनी विधानसभा, मोदीनगर विधानसभा एवं धौलाना विधानसभा के डासना, जलालाबाद मंडल का चुनाव  13 अक्टूबर  को 11.00 बजे से 02.00 बजे तक आवेदनकर्ता आवेदन करेगे एवं नामांकन वापस लेने का फार्म साथ ही भरा जाएगा। एवं 02 बजे से 03 बजे तक नाम वापसी लिए जायगे । उसके बाद सभी 11 मंडलो के आवेदन प्रदेश भेज दिए जायगे। जिसकी घोषणा क्षेत्र व  प्रदेश द्वारा होगी। साथ ही जिलाध्यक्ष बसंत त्यागी जी ने बताया की मण्डल चुनाव के लिए प्रदेश द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं जो कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष बनना चाहता है उसे दो बार पार्टी का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है एवं कोटेदार पट्टेदार व ठेकेदार किसी को भी अध्यक्ष पद के योग्य नहीं माना जाएगा उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंशा है कि अध्यक्ष की उम्र न्यूनतम 40 वर्ष होनी चाहिए । जिला सह चुनाव अधिकारी ने बताया की मंडल अध्यक्ष आवेदन हेतु दो बूथ अध्यक्ष प्रस्तावक होंगे। जो भी सक्रिय सदस्य कार्यकर्ता  मंडल अध्यक्ष के लिए आवेदन करेगा सभी का आवेदन स्वीकार किया जएगा। बैठक में मुख्य रूप से जिला चुनाव सहयोगी जिला महामंत्री दिनेश सिंघल , जिला महामंत्री अनूप बैसला, अमित चौधरी ,मंडल अध्यक्ष रूपेंद्र चौधरी प्रशांत कुमार, अशोक त्यागी, सुदेश भारद्वाज, नवीन जायसवाल, सुभाष तोमर, अरुण त्यागी, महामंत्री संजय चौधरी मंडल चुनाव अधिकारी हर्ष चतुर्वेदी,सुनील शर्मा, चंदगीराम यादव, शिप्रा रस्तोगी जिला सह चुनाव अधिकारी सतपाल शर्मा जी, डॉक्टर कुमुदी चौधरी,आशीष चौधरी, सुनील चौधरी,अनुज त्यागी,राघवेन्द्र बैसला,जितेन्द्र चितोड़ा आदि मौजूद रहे।


सर्वोच्च- न्यायालय (विवेचना)

सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई के आरे क्षेत्र में पेड़ काटने पर रोक लगाई। 
इसे कहते हैं सांप निकलने के बाद जमीन पीटना।
सरकार बड़ी या कोर्ट। शिवसेना का विरोध भी दिखावा। 

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुम्बई के बहुचर्चित आरे क्षेत्र में पेड़ काटने पर रोक लगा दी है। यानि अब महाराष्ट्र की सरकार पुलिस के दम पर आरे क्षेत्र में एक भी पेड़ नहीं काट सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे पर्यावरणविद खुश हो सकते हैं जो पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहे थे। लेकिन महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों की माने तो अब आरे क्षेत्र में पेड़ काटने की जरुरत ही नहीं है, क्योंकि जिस 33 हेक्टयेर भूमि पर मेट्रो का स्टेशन और लाइन के लिए खम्बे खड़े होने हैं, वहां के पेड़ 6 अक्टूबर की रात तक काटे जा चुके हैं। चूंकि कोर्ट ने मेट्रो के निर्माण कार्य पर कोई रोक नहीं लगाई है, इसलिए कटे हुए पेड़ों को हटा कर मेट्रो का स्टेशन बनाने आदि के कार्य जारी रहेंगे। असल में सरकार को भी पता था कि मुम्बई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी, इसलिए हाईकोर्ट का फैसला आते ही पेड़ कटाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया। 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जो रोक लगाई है, उसका असर सरकार की जिद पर नहीं पड़ेगा। पर्यावरणविद् कुछ भी तर्क दें, लेकिन सरकार का कहना है कि मुम्बई की बढ़ती आबादी के लिए मेट्रो का विस्तार करना जरूरी है। जहां तक पेड़ों को काटने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का सवाल है तो एक पेड़ की एवज में पांच से दस पेड़ लगाएं जाएंगे। यानि आरे क्षेत्र के पेड़ों की संख्या बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला वैसा ही है जैसा सांप निकलने जाने के बाद कोई व्यक्ति लकड़ी से जमीन को पीटता है। 
शिवसेना का विरोध सिर्फ दिखावा :
आरे क्षेत्र से पेड़ न कटे इसको लेकर शिवसेना ने भी विरोधी तेवर दिखाए। शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने तो यहां तक कहा कि हमारी सरकार बनने पर पेड़ काटने के आदेश देने वाले अधिकारियों को पीओके में तैनात किया जाएगा। सवाल उठता है कि महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडऩवीस के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार आखिर किसके समर्थन में चल रही है? चूंकि शिवसेना ने समर्थन दे रखा है इसलिए महाराष्ट्र में शिवसेना की ही सरकार है। सब जानते हैं कि मुम्बई महानगर में भाजपा से ज्यादा शिवसेना का प्रभाव है, इसलिए 21 अक्टूबर में शिवसेना के उम्मीदवार ज्यादा है। चुनाव में कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़े, इसलिए शिवसेना ने दिखाने के लिए पेड़ काटने का विरोध किया। यदि शिव सैनिक हकीकत में विरोध करते तो सरकार एक भी पेड़ नहीं काट सकती थी। 
एस.पी.मित्तल


नाथ जी ने कन्याओं के पैर धोकर,पूजा की

राम नवमीं पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप कन्याओं के पैर धोकर पूजा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी करते हैं नवरात्र में उपवास। 

गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ योगी ने गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर में कन्याओं के पैर धोकर पूजा की। 7 अक्टूबर को नवरात्र के समापन के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप कन्याओं का पूजन किया। योगी आदित्यनाथ भले ही देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हों, लेकिन उन्होंने अपने धर्म के अनुरूप व्यवहार कर सबको सीख दी है। नवरात्र की नवमीं को सिद्धिदात्री मां का स्वरूप माना जाता है। इसलिए सनातन संस्कृति में कन्या पूजन की परंपरा हैं। जब समाज में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, जब हमारी सनातन संस्कृति कन्याओं को देवी का अवतार मानने की सीख देती है। दुनिया में हमारी संस्कृति ही है जो समाज की अनेक बुराइयों से बचाने की सीख देती है। सीएम आदित्य नाथ ने कन्या पूजन कर सराहनीय कार्य किया है। महिलाएं चाहे किसी भी धर्म की हों, लेकिन उनका सम्मान होना चाहिए। कोई भी धर्म महिलाओं खासकर बच्चियों को परेशन करने की सीख नहीं देता है। सिद्धिदात्री देवी मां तो मंशा, समृद्धि, धन, बल आदि देने वाली दुर्गा माता है। राक्षस प्रवृत्ति वाले लोगों का नाश भी मां दुर्गा द्वारा ही किया जाता है। सनातन संस्कृति में नवरात्र का खास महत्व है, इसलिए घर घर में कन्या पूजन के कार्यक्रम होते हैं। करोड़ों श्रद्धालु नवरात्र के दिनों में उपवास कर मां दुर्गा की साधना करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नवरात्र में 9 दिनों तक उपवास रखते हैं और मां दुर्गा पूजा अर्चना करते हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक नवरात्र के बाद नरेन्द्र मोदी हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाएं करेंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के जन्म भूमि विवाद को लेकर बहस अंतिम चरण में हैं। सीजेआई रंजन गोगोई के अनुसार 17 अक्टूबर तक सभी पक्ष अपनी बहस पूरी कर लेंगे। चूंकि जस्टिस गोगोई 17 नवम्बर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए वे 17 नवम्बर से पहले पहले रामजन्म भूमि विवाद पर फैसला दे देंगे। जस्टिस गोगोई पहले ही कह चुके हैं कि फैसला लिखने में कम से कम एक माह का समय लगेगा। 
एस.पी.मित्तल


अगवा कर, नाबालिग से किया दुष्कर्म

बच्ची की अगवा कर दुष्कर्म
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिधौरी थाना के ग्राम नवापारा में एक 11 साल की बच्ची को अगवा किया फिर उसके साथ दुष्कर्म कर बेहोशी की हालत में फेंक कर आरोपी फरार हो गए थे। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मासूम को घर से अपहरण कर ले जाया गया था। आरोपियों ने चलते ट्रक में मासूम के साथ बलात्कार किया था। पुलिस इस मामले में लगातार ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ में जुटी है। पुलिस को मिले अहम सुराग के तहत दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछताछ जारी है।बलौदाबाजार एसडीओपी राजेश जोशी ने बताया कि पुलिस अलग-अलग दिशाओं में जांच कर रही है। आसपास के सीसीटीवी भी खंगाला जा रहा है। बहुत जल्द ही असल आरोपी पुलिस गिरफ्त में होगें।


स्विसबैंक ने सौंपी खाता धारकों की लिस्ट

नई दिल्ली। विदेशी धरती से काले धन की जानकारी मिलने के मामले में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड की सरकार ने भारत सरकार को बैंक खातों से जुड़ी पहली जानकारी सौंप दी है। स्विट्जरलैंड की ओर से स्विस बैंक में खुले भारतीय खातों की जानकारी सरकार को सौंपी है। भारत कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जिन्हें ये जानकारी मिल रही है। स्विट्जरलैंड के टैक्स विभाग के अनुसार, इसके बाद भारत सरकार को अगली जानकारी 2020 को सौंपी जाएगी। जानकारी के अनुसार, स्विट्जरलैंड में दुनिया के 75 देशों के करीब 31 लाख खाते हैं जो रडार पर हैं इनमें भारत के कई खाते भी शामिल हैं।


स्विट्जरलैंड की सरकार से जानकारी मिलने के सरकार के सूत्रों का कहना है कि जो जानकारी मिली है उसमें सभी खाते गैरकानूनी नहीं हैं। सरकारी एजेंसियां अब इस मामले में जांच शुरू करेंगी, जिसमें खाताधारकों के नाम, उनके खाते की जानकारी को बटोरा जाएगा और कानून के हिसाब से एक्शन लिया जाएगा।


जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य:जावडेकर

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है और वहां लोग खुशी-खुशी रह रहे हैं क्योंकि अब उनके पास भी देश के अन्य नागरिकों के बराबर सम्मान है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य है और वहां के लोग अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने पर खुश हैं क्योंकि उन्हें अब देश के बाकी नागरिकों के बराबर लाभ और अधिकार प्राप्त होंगे। पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं है और घाटी में सभी समाचार पत्रों को बिना किसी कठिनाई के प्रकाशित किया जा रहा है। मंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की वापसी का इस्तेमाल कर रही थी। उन्होंने कहा कि केवल वे लोग इस ऐतिहासिक कदम के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें लगता था कि इसे हटाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ने लोगों की भावना के साथ जुड़ गया है। देश भर में लोग इसका स्वागत कर रहे हैं। तो आप क्या कर सकते हैं, समाज के सभी वर्गों ने इसका स्वागत किया है। धारा 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद कश्मीर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्थिति अच्छी है और यह सामान्य है। घाटी के लोग सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, वे इस कदम का स्वागत कर रहे है।


अल्पसंख्यक मंत्रालय देगा,3 लाख छात्रवृत्ति

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष में तीन लाख स्कूली बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुनी है। पिछले वित्तवर्ष में अल्पसंख्यक समुदायों की करीब दो लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी। मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन(एमएईएफ) ने स्कूली लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली अपनी बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के कुल बजट में बढ़ोतरी की है। हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई एमएईएफ की जनरल बॉडी की बैठक में इस छात्रवृत्ति योजना के प्रचार-प्रसार को तेज करने पर सहमति बनी। एमएईएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि बेगम हजरत महल योजना के तहत इस बार हमने तीन लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अभी भी इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। हम इस बार कोशिश कर रहे हैं कि जागरूकता फैलाने के अलग अलग माध्यमों से आक्रामक प्रचार अभियान चलाया जाए। वित्त वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत करीब दो लाख लड़कियों को छात्रवृत्ति दी गई थी। इसके लिए 100 करोड़ करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित था।


राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...