अनंतनाग। अनुच्छेद-370 हटाए जाने के ठीक 2 महीने बाद आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को फिर से अंजाम दिया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया है। ये हमला अनंतनाग के डीसी ऑफिस के बाहर गेट पर हुआ जिसमें 10 लोग घायल हो गए। इस हमले में एक पत्रकार समेत 10 लोग घायल हुए हैं। वहीं घायलों में 12 साल का एक बच्चा भी शामिल है। घायलों में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी शामिल है। हमले के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई। आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
आपको बता दें कि आज जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 2 महीने पूरे हो गए हैं। आतंकियों के जरिए लगातार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं LoC से भी पिछले कई दिनों से आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते J&K में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच दो जगहों पर मुठभेड़ हुई थी जिसमें 6 आतंकी मारे गए थे और जिनमें तीन पाकिस्तानी थे। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हुआ था जबकि 2 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
शनिवार, 5 अक्तूबर 2019
आतंकियों का ग्रेनेड से हमला,10 घायल
आजम, बेटे, पत्नी के गैर जमानती वारंट
लखनऊ। उत्तरप्रदेश समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर लोकसभा सीट से सांसद आज़म खान लगातार परेशानियों सभी घिर रहे हैं। रामपुर की ADJ-6 न्यायालय से आज़म खान, उनकी पत्नी तजीन फातमा और विधायक बेटे अब्दुल्ला आज़म के नाम जमानती वांरट जारी हो गया है। आज आज़म खान को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वो कोर्ट नहीं पहुंँचे जिसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।
गौरतलब है कि आज़म खान और उनकी पत्नी फातमा पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ रामपुर के थाना गंज में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराया था। मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिये 29 अक्टूबर की तारीख तय की है। अगर अगली तारीख पर भी आजम खान कोर्ट नहीं पहुंँचे तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होगा।
दिल्ली-यूपी में सस्ती हुई पीएनजी
मुंबई के बाद अब दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी सस्ती हुई पीएनजी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पाइप लाइनों से घरों में सप्लाई होने वाली रसोई गैस पीएनजी के दाम घट गए हैं। आईजीएल ने पीएनजी के दाम घटाने का फैसला लिया है। दिल्ली में फिलहाल पीएनजी की कीमत 90 पैसे प्रति यूनिट घटी है।अब दाम 30.10 रुपये प्रति एससीएम होंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश में पीएनजी के दामों में 40 पैसे प्रति यूनिट पैसे कम किए गए हैं। अब यहां भी गैस के नए दाम 30.10 रुपये प्रति एससीएम होगें हैं। नई कीमतों को 1 अक्टूबर से प्रभावी माना जाएगा।
बता दें कि इससे पहले मुंबई में सीएनजी और पीएनजी के दाम घटे थे। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी महानगर गैस लि। ने सीएनजी और पीएमजी की कीमतों में कटौती की है। यह कटौती गुरुवार (3 अक्टूबर) की रात से लागू हुई है।। घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतों में भारी कमी के बाद एमजीएल ने यह कदम उठाया है।
बैंक खाते के आधार पर देंगे लोन
SBI बिना दस्तावेजों के त्यौहारों पर दे रहा है लोन, जानें कैसे कर सकते हैं अप्लाई
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक जयपुर (एसबीआई) मण्डल द्वारा आयोजित लोन मेले में दो दिन में 250 करोड़ रुपये के ॠण आवेदन प्राप्त हुए हैं। बैंक के मुख्य महाप्रबंधक रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि बैंक की ओर से ऑनलाइन लोन आवेदन की व्यवस्था की है, इसके तहत लोन लेने के इच्छुकों को किसी तरह के दस्तावेज पेश करने की जरूरत नहीं है। उनका समस्त विवरण भी उनके बैंक खाते में दर्शाये विवरण से हासिल कर लिया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत मौके पर ही ॠण स्वीकृत किये जा रहे हैं। इससे लोन प्रक्रिया का समय, कागजी खर्च एवं ग्राहक को होने वाली असुविधा से बचा जा रहा है।
इसमें ग्राहक को एक ही जगह होम लाने, कार लोन, एमएसई, मुद्रा आदि की सुविधाएं प्राप्त हो रहीं हैं तथा एक ही छत के नीचे सभी बैंक एवं वित्तीय संस्थानों का विकल्प ग्राहक के पास उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सभी ऋणों की स्वीकृति ऑनलाइन वैरिफिकेशन के द्वारा ग्राहक को मोबाइल पर ही भेजी जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि त्योहारी सीजन में बाज़ार एवं अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिये भारत सरकार के वित्तीय सेवाएं विभाग के अभियान 'ग्राहक संपर्क -पहल' के तहत आयोजित किया। उन्होंने बताया कि इस ऋण मेले में एक छत के नीचे सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, निजी बैंक और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों ने भाग लिया। इस आयोजन का सारा प्रबंधन एसबीआई द्वारा ही संभाला जा रहा है।
कैश वैन से एक करोड 57 लाखे लूटे
बेमेतरा। बेमेतरा में कैश वैन से 1 करोड़ 57 लाख रूपए की लूट को अंजाम दिया गया है। झाल गांव के पास 4 युवकों ने कैश वैन में लूट की वारदात की है। पुलिस सरगर्मी से आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
बताया जा रहा है गांव के पास कैश वैन की टायर पंचर हो गई थी। सड़क किनारे खड़ी वैन पर 4 युवकों ने धावा बोलकर वैन से 1 करोड़ 57 लाख रूपए लूटकर फरार हो गए। शिकायत पर पुलिस आरोपियों के बताए हुलिए के आधार पर सर्चिंग तेज कर दी है। पुलिस की माने तो आरोपी जल्द पकड़े जाएंगे।
स्थाई संपत्ति में वृद्धि के योग:वृष
राशिफल
मेष-कोर्ट-कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में अटके काम पूरे हो सकते हैं तथा स्थिति सुधरेगी। आय में वृद्धि होगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। घर में व्यय होगा। किसी दुविधा से निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें।
वृष-स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। कोई कारोबारी बड़ा सौदा हो सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। किसी लंबे कारोबारी प्रवास की योजना बन सकती है। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रसन्नता रहेगी।
मिथुन-विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता हासिल करेगा। अध्ययन आदि में एकाग्रता रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
कर्क-जोखिम व जमानत के कार्य टालें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते काम बिगड़ सकते हैं। दौड़धूप अधिक होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कारोबार में लाभ होगा। आय होगी। धैर्य रखें।
सिंह-प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश शुभ फल देंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जल्दबाजी न करें।
कन्या-दूर से उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। उत्साह से काम कर पाएंगे।
तुला-रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं। कारोबार अच्छा चलेगा। उत्साह बना रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
वृश्चिक-फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। कारोबार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
धनु-व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। काम में मन लगेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जीवन सु्खमय रहेगा।
मकर-कार्यकारी नए काम मिल सकते हैं। योजना फलीभूत होगी। प्रभावशाली लोगों का सहयोग प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कुंभ-अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में चैन रहेगा। विवाद से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेकार बातों पर ध्यान न दें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। प्रमाद न करें।
मीन-क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नकारात्मकता रहेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।
ज्वार अन्न नहीं,चारे के लिए
ज्वार (Sorghum vulgare ; संस्कृत : यवनाल, यवाकार या जूर्ण) एक प्रमुख फसल है। ज्वार कम वर्षा वाले क्षेत्र में अनाज तथा चारा दोनों के लिए बोई जाती हैं। ज्वार जानवरों का महत्वपूर्ण एवं पौष्टिक चारा हैं। भारत में यह फसल लगभग सवा चार करोड़ एकड़ भूमि में बोई जाती है। यह खरीफ की मुख्य फसलों में है। यह एक प्रकार की घास है जिसकी बाली के दाने मोटे अनाजों में गिने जाते हैं।
परिचय:-सिंचाई करके वर्षा से पहले एवं वर्षा आरंभ होते ही इसकी बोवाई की जाती है। यदि बरसात से पहले सिंचाई करके यह बो दी जाए, तो फसल और जल्दी तैयार हो जाती है, परंतु बरसात जब अच्छी तरह हो जाए तभी इसका चारा पशुओं को खिलाना चाहिए। गरमी में इसकी फसल में कुछ विष पैदा हो जाता है, इसलिए बरसात से पहले खिलाने से पशुओं पर विष का बड़ा बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह विष बरसात में नहीं रह जाता है। चारे के लिये अधिक बीज लगभग 12 से 15 सेर प्रति एकड़ बोया जाता है। इसे घना बोने से हरा चारा पतला एवं नरम रहता है और उसे काटकर गाय तथा बैलों को खिलाया जाता है। जो फसल दाने के लिये बोई जाती है, उसमें केवल आठ सेर बीज प्रति एकड़ डाला जाता है। दाना अक्टूबर के अंत तक पक जाता है भुट्टे लगने के बाद एक महीने तक इसकी चिड़ियों से बड़ी रखवाली करनी पड़ती है। जब दाने पक जाते हैं तब भुट्टे अलग काटकर दाने निकाल लिए जाते हैं। इसकी औसत पैदावार छह से आठ मन प्रति एकड़ हो जाती है। अच्छी फसल में 15 से 20 मन प्रति एकड़ दाने की पैदावार होती है। दाना निकाल लेने के बाद लगभग 100 मन प्रति एकड़ सूखा पौष्टिक चारा भी पैदा होता है, जो बारीक काटकर जानवरों को खिलाया जाता है। सूखे चारों में गेहूँ के भूसे के बाद ज्वार का डंठल तथा पत्ते ही सबसे उत्तम चारा माना जाता है।
यह अनाज संसार के बहुत से भागों में होता है। भारत, चीन, अरब, अफ्रीका, अमेरिका आदि में इसकी खेती होती है। ज्वार सूखे स्थानों में अधिक होती है, सीड़ लिए हुए स्थानों में उतनी नहीं हो सकती। भारत में राजस्थान, पंजाब आदि में इसका ब्यवहार बहुत अधिक होता है। बंगाल, मद्रास, बरमा आदि में ज्वार बहुत कम बोई जाती है। यदि बोई भी जाती है तो दाने अच्छे नहीं पडते। इसका पौधा नरकट की तरह एक डंठल के रूप में सीधा ५-६ हाथ ऊँचा जाता है। डंठल में सात सात आठ आठ अंगुल पर गाँठें होती हैं जिनसे हाथ डेढ़ हाथ लंबे तलवार के आकार के पत्ते दोनों ओर निकलते हैं। इसके सिरे पर फूल के जीरे और सफेद दानों के गुच्छे लगते हैं। ये दाने छोटे छोटे होते हैं और गेहूँ की तरह खाने के काम में आते हैं।
ज्वार कई प्रकार की होती है जिनके पौधों में कोई विशेष भेद नहीं दिखाई पड़ता। ज्वार की फसल दो प्रकार की होती है, एक रबी, दूसरी खरीफ। मक्का भी इसी का एक भेद है। इसी से कहीं कहीं मक्का भी ज्वार ही कहलता है। ज्वार को जोन्हरी, जुंडी आदि भी कहते हैं। इसके डंठल और पौधे को चारे के काम में लाते हैं और 'चरी' कहते हैं। इस अन्न के उत्पत्तिस्थान के संबंध में मतभेद है। कोई कोई इसे अरब आदि पश्चिमी देशों से आया हुआ मानते हैं और 'ज्वार' शब्द को अरबी 'दूरा' से बना हुआ मानते हैं, पर यह मत ठीक नहीं जान पड़ता। ज्वार की खेती भारत में बहुत प्राचीन काल से होती आई है। पर यह चारे के लिये बोई जाती थी, अन्न के लिये नहीं।
उल्लू के साथ जुड़ी है कई विशेषताएं
उल्लू एक ऐसा पक्षी है जिसे दिन कि अपेक्षा रात में अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इसके कान बेहद संवेदनशील होते हैं। रात में जब इसका कोई शिकार (जानवर) थोड़ी सी भी हरकत करता है तो इसे पता चल जाता है और यह उसे दबोच लेता हैl इसके पैरों में टेढ़े नाखूनों-वाली चार-चार अंगुलियां होती हैं जिससे इसे शिकार को दबोचने में विशेष सुविधा मिलती हैl चूहे इसका विशेष भोजन हैंl उल्लू लगभग संसार के सभी भागों में पाया जाता हैl
जिन पक्षियों को रात में अधिक दिखाई देता है, उन्हें रात का पक्षी (Nocturnal Birds) कहते हैं। बड़ी आंखें बुद्धिमान व्यक्ति की निशानी होती है और इसलिए उल्लू को बुद्धिमान माना जाता है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है पर ऐसा विश्वास है। यह विश्वास इस कारण है, क्योंकि कुछ देशों में प्रचलित पौराणिक कहानियों में उल्लू को बुद्धिमान माना गया है। प्राचीन यूनानियों में बुद्धि की देवी, एथेन के बारे में कहा जाता है कि वह उल्लू का रूप धारकर पृथ्वी पर आई हैं। भारतीय पौराणिक कहानियों में भी यह उल्लेख मिलता है कि उल्लू धन की देवी लक्ष्मी का वाहन है और इसलिए वह मूर्ख नहीं हो सकता है। हिन्दू संस्कृति में माना जाता है कि उल्लू समृद्धि और धन लाता है।
लीची की खेती एवं उपजाति
लीची का मध्यम ऊंचाई का सदाबहार पेड़ होता है, जो कि 15-20 मीटर तक होता है, ऑल्टर्नेट पाइनेट पत्तियां, लगभग 15-25 सें.मी. लम्बी होती हैं। नव पल्लव उजले ताम्रवर्णी होते हैं और पूरे आकार तक आते हुए हरे होते जाते हैं। पुष्प छोटे हरित-श्वेत या पीत-श्वेत वर्ण के होते हैं, जो कि 30 सें.मी. लम्बी पैनिकल पर लगते हैं। इसका फल ड्रूप प्रकार का होता है, 3-4 से.मी. और 3 से.मी व्यास का। इसका छिलका गुलाबी-लाल से मैरून तक दाने दार होता है, जो कि अखाद्य और सरलता से हट जाता है। इसके अंदर एक मीठे, दूधिया श्वेत गूदे वाली, विटामिन- सी बहुल, कुछ-कुछ छिले अंगूर सी, मोटी पर्त इसके एकल, भूरे, चिकने मेवा जैसे बीज को ढंके होती है। यह बीज 2X1.5 नाप का ओवल आकार का होता है और अखाद्य होता है। इसके फल [[जुलाई ]] से अक्टूबर में फ़ूल के लगभग तीन मास बाद पकते हैं। इसकी दो उप-जातियां हैं:-लीची चिनेन्सिस, उपजाति:chinensis, : चीन, इंडोनेशिया, लाओस, कम्बोडिया में। पत्तियां 4-8|
लीची चिनेन्सिस, उपजाति: फिलीपिनेन्सिस: फिलीपींस, इंडोनेशिया, पत्तियां 2-4|
खेती और प्रयोग:-दक्षिण चीन में यह बहुतायत में उगायीं जातीं हैं, इसके साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया खासकर थाईलैंड, लाऔस, कम्बोडिय वियतनाम बांग्लादेश, पाकिस्तान, भारत, दक्षिणी जापान, ताईवान में। और अब तो यह कैलिफ़ोर्निया, हवाई और फ्लोरिडा में भी उगायी जाने लगी है। देहरादून में कुछ बहुत से स्वादिष्ट फलों की खेती होती है। इनमें प्रमुख है- लीची। लीची की खेती देहरादून में १८९० से ही प्रचलित है। हालांकि शुरुआत में लीची की खेती यहां के लोगों में उतनी लोकप्रिय नहीं थी। पर १९४० के बाद इसकी लोकप्रियता जोर पकड़ने लगी। इसके बाद तो देहरादून के हर बगीचे में कम से कम दर्जन भर लीची के पेड़ तो होते ही थे। १९७० के करीब देहरादून लीची का प्रमुख उत्पादक बन गया। देहरादून के विकास नगर, नारायणपुर, वसंत विहार, रायपुर, कालूगढ़, राजपुर रोड और डालनवाला क्षेत्र में लगभग ६५०० हेक्टेयर भूमि पर इस स्वादिष्ट फल की खेती होती है। लेकिन अब लीची की खेती में भारी कमी आई है। अब लीची की खेती सिर्फ ३०७० हेक्टेयर भमि पर ही होती है
लीची वियतनाम, चीनी और दक्षिण एशियाई बाजारों में ताज़ी बिकतीं हैं और विश्व भर के सुपरमार्किटों में भी। इसके प्रशीतन में रखने पर भी इसका स्वाद नहीं बदलता है, हां रंग कुछ भूरेपन पर आ जाता है।
संकल्पमयी संसार की संरचना
गतांक से...
हे मानव, तू अपने जीवन में महानता के लिए सदैव गमन करता रहता है। इसी से तेरे जीवन की प्रतिभा बनकर के रहे। विचार-विनिमय क्या है? 'रामम् ब्रह्म कीर्तम्' माता कौशल्या के गर्भ से पुत्र का जन्म हुआ और जन्म होते ही उन्होंने अपने में ओम का उद्गीत गाया। बालक जब जन्म लेता है, माता के गर्भ से तो है स्वरों में देव भाषा और देव का रुदन करना, वह आरंभ करता है। मानव देखो अपने में वर्णह संभवे, बालक का जन्म हुआ है। आज अपने विचारों को विराम देता हूं मैं बहुत दूर चला गया हूं। विचार यह दे रहा था कि वेद का मंत्र हमें यह कहता है कि हे मानव तू संकल्पवादी बन करके उस प्रभु की रचना को विचारने वाला बन। प्रभु का यह ब्रह्मांड रचा हुआ है। जब सृष्टि का प्रारंभ होता है तो परमपिता परमात्मा की उग्र क्रिया से, क्योंकि उग्र क्रिया का नाम तप कहलाता है। उग्र क्रिया ही मानव्य तप कहलाता है। परमपिता परमात्मा ने जब सृष्टि की रचना की तो प्रभु का संकल्प मात्र ही एक उग्र क्रिया बनी और वह उग्र क्रिया बनी तो प्राण सत्ता गतिमान हो गया। जब रेत्तस: अपने में गतिमान हुआ, तो प्राण ने उसका पिंड बना दिया और पिंड के रूप में यह लोख लोकांतार दृष्टिपात आते रहते हैं। मेरे प्यारे, मैं विशेष चर्चा करने नहीं आया हूं। विचार यह देने के लिए आया हूं कि हम अपने में महान बनने का प्रयास करते रहे। संकल्प में, जगत संकल्पों को अपने में धारण करें। महान बनने का प्रयास करें। विचार आता रहता है वेद का मंत्र कहता है कि जितना भी यह जड़ जगत और चेतन्य जगत हमें दृष्टिपात आ रहा है। उस सर्वत्र ब्रह्मांड के मूल में मेरा वह प्रभु दृष्टिपात आता रहता है। वह पुरोहित है ,वह धन्य कहलाता है वह महान है और पवित्रता मेरठ रहने वाला है। उस परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाते हुए अपनी महानता में गमन करते रहे। आज का वाक्य यहीं पर स्थिर होता है। अब समय मिलेगा तो मैं तुम्हें शेष चर्चाएं कल प्रकट करूंगा। अब वेद का पठन-पाठन होगा। इसके पश्चात यह वार्ता समाप्त हो जाएगी।
ओम देवाहा अभ्याम रुद्राहा षा मामृहि तमत्वा वाचन नम:।
ओ देवम भद्रा: वायु रथम ओपाहा।
ओम संजनहा वायु गतम अपाहा ऋषि:।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
October 06, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-63 (साल-01)
2. रविवार, 06 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्विन,शुक्लपक्ष,तिथि-अष्ठमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:09
5. न्यूनतम तापमान -22 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, आद्रता बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता
माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं |
कालरात्रि-सिद्धियां
कालरात्रि- नवदुर्गाओं में सप्तम्
देवनागरी-कालरात्रि
संबंध-हिन्दू देवी
अस्त्र-तलवार
जीवनसाथी-शिव
सवारी-गधा
यह ध्यान रखना जरूरी है कि नाम, काली और कालरात्रि का उपयोग एक दूसरे के परिपूरक है, हालांकि इन दो देवीओं को कुछ लोगों द्वारा अलग-अलग सत्ताओं के रूप में माना गया है। डेविड किन्स्ले के मुताबिक, काली का उल्लेख हिंदू धर्म में लगभग ६०० ईसा के आसपास एक अलग देवी के रूप में किया गया है। कालानुक्रमिक रूप से, कालरात्रि महाभारत में वर्णित, ३०० ईसा पूर्व - ३०० ईसा के बीच वर्णित है जो कि वर्त्तमान काली का ही वर्णन है |
माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं |सिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य (सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन) का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है और अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है।
श्लोक:-एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता | लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी || वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा | वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ||
महिमा:-माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है।
माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए। वे शुभंकारी देवी हैं। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करना चाहिए।
प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर गिरी गाज
प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर गाज
अविनाश श्रीवास्तव
गाजियाबाद,लोनी। क्षेत्र में हजारों अनधिकृत औद्योगिक इकाइयां जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ती जा रही है। मानकों के विरुद्ध संचालित औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध प्रशासन सख्त नजर आ रहा है।
क्षेत्र में रूप नगर, आर्य नगर, बुध नगर आदि स्थानों पर अनधिकृत रूप में फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार संचालित अधिकतर फैक्ट्रियां निर्धारित मानकों के विरुद्ध संचालित की जा रही हैं। संचालित अधिकतर फैक्ट्रियां वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। कई औद्योगिक इकाइयां रिहायशी क्षेत्रों में भी संचालित की जा रही है। माना जा रहा था कि अधिकारियों और नेताओं की सांठगांठ से यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है। जनता के स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मकता का अभाव प्रतीत किया जा रहा था।
परंतु वास्तविकता कुछ और ही है, उपजिलाधिकारी और तहसीलदार के द्वारा मामले की गंभीरता पर संज्ञान लेते हुए अवैध फैक्ट्रियों के विरुद्ध कार्यवाही का बिगुल बजा दिया है। जनता के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का बहुत बुरा असर पड़ रहा है। प्रदूषण को नियंत्रित करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। इसे बढ़ाना जनता के स्वास्थ्य से स्पष्ट खिलवाड़ हैै। प्रदूषण के विरुद्ध इस प्रकार की निरंतर कार्यवाही की जरूरत है।
नियम से हज जाएंगे भारतीय मुसलमान
नई दिल्ली।आज हज 2020 की घोषणा की। 10 अक्टूबर से हज के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जो 10 नवम्बर, 2019 तक चलेगी। इस बार हज प्रक्रिया शत प्रतिशत ऑनलाइन/डिजिटल होगी। सभी हज यात्रियों को ई-वीजा की सुविधा दी गयी है। मोबाइल ऐप के जरिये भी हज के लिए आवेदन किया जा सकता है। हज 2019 के पूरा होने एवं अगले हज के संदर्भ में तैयारियों हेतु समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश, अतिरिक्त सचिव श्री एस के देव बर्मन, संयुक्त सचिव-हज श्री जान-ए-आलम, सऊदी अरब में भारत के राजदूत श्री औसफ सईद बैठक में शामिल हुए। हज कमिटी ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन श्री शेख जिन्ना नबी, हज कमिटी के सीईओ श्री एम ए खान, जेद्दाह में भारत के कौंसल जनरल मोहम्मद नूर रहमान शेख, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (गल्फ) श्री टी.वी नागेंद्र प्रसाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री एस. के. मिश्रा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। हज ग्रुप ऑर्गनाइजर (एचजीओ) के लिए पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया 1 नवम्बर से शुरु होगी जो 1 दिसंबर तक चलेगी। हज प्रक्रिया जल्द शुरू करने से भारत एवं सऊदी अरब में हज के इंतजाम बेहतर तरह से हो सकेंगे। जहाँ पिछले वर्ष देश भर में 21 इम्बार्केशन पॉइंट्स थे, वहीँ हज 2020 के लिए 1 नया इम्बार्केशन पॉइंट्- विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) शुरू किया जायेगा। इस प्रकार हज 2020 के लिए देश भर के 22 इम्बार्केशन पॉइंट्स के जरिये भारतीय मुसलमान हज यात्रा पर जायेंगे। हज 2019 कई मायनों में ऐतिहासिक एवं पिछले कई वर्षों में अब तक का सबसे सफल हज रहा। भारत के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड 2 लाख भारतीय मुसलमानों ने 2019 में बिना किसी सब्सिडी के हज यात्रा की।
आदित्य ने किया नामांकन, शक्ति-प्रदर्शन
(फडणवीस ने फोन कर दिया आशीर्वाद)
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के परिवार के किसी सदस्य द्वारा चुनाव न लड़ने की परंपरा को तोड़ते हुए उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने आज गुरुवार को नामांकन पत्र भरा। मुंबई की वर्ली सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन से पहले आदित्य ठाकरे ने रोड शो किया। रोड शो के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता काफी जोश में दिखे। जगह-जगह फूल बरसाकर आदित्य ठाकरे का स्वागत किया गया। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सुबह फोन कर आदित्य ठाकरे को आशीर्वाद दिया। उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आदित्य ठाकरे को समर्थन के लिए जनता का शुक्रिया किया। उन्होंने कहा, 'जनता की सेवा करने हमारे परिवार की परंपरा है। नई पीढ़ी, नई सोच के साथ आई है और मैं जनता के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं वचन देता हूं कि जनता जब भी बुलाएगी तब आदित्य हाजिर होंगे।' हालांकि इस दौरान एक सवाल के जवाब में उद्धव ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।
ज्ञात हो कि दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा 1966 में शिवसेना की स्थापना किए जाने के बाद से ठाकरे परिवार से किसी भी सदस्य ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है या वे किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं रहे है। उद्धव के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने 2014 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जताई थी। हालांकि उन्होंने बाद में अपना मन बदल लिया था। ऐसे में ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले आदित्य पहले सदस्य बन गए हैं।
शिवसेना के मौजूदा विधायक सुनील शिंदे आदित्य ठाकरे के लिए वर्ली सीट छोड़ेंगे। आदित्य ने कहा, मैं सिर्फ वर्ली नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए काम करूंगा, मुझे जीत का भरोसा है क्योंकि आप सभी का आशीर्वाद मेरे साथ है। आदित्य ठाकरे ने कहा, 'राजनीति से बहुत से लोगों का भला किया जा सकता है। पूरे महाराष्ट्र को घूमकर मैंने समझा है कि आगे कैसा काम करना है। जिनकी आवाज हम तक नहीं पहुंच पा रही है, उनकी आवाज जनता हम तक पहुंचाए।' इससे पहले शिवसेना की यूथ विंग 'युवा सेना' के चीफ आदित्य ने कहा था कि सक्रिय राजनीति में आने का फैसला बहुत बड़ा है लेकिन मुझे भरोसा है कि आप लोग मुझे संभाल लेंगे। मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर आदित्य ने कहा कि वह आम आदमी हैं और जनता आगे जो फैसला करेगी, वह वही करेंगे।
मालूम हो कि सीटों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद 2014 का विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा था। भाजपा ने 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से उसे 122 सीटों पर जीत मिली थी जबकि शिवसेना ने 282 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 63 सीटें मिली थी।
हिंदुओं का कट्टरवाद भी खतरनाक:सिंह
इंदौर। इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुस्लिमों की कट्टरता खतरनाक है, उसी तरह हिंदुओं की भी कट्टरता खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अगर बहुसंख्यक आबादी का संप्रदायीकरण होता है तो देश के लिए बड़ी मुश्किल होगी।
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामोफोबिया और कट्टरता पर बात की। जिस तरह से मुस्लिमों की कट्टरता खतरनाक है उसी तरह हिंदुओं की भी कट्टरता खतरनाक है। भारत में यदि बड़े पैमाने पर सांप्रदायीकरण बढ़ता है तो इससे देश को बचा पाना आसान नहीं होगा।'
दिग्विजय ने पीएम मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, 'जब नारा लगता था हर हर मोदी, घर घर मोदी तब वाकई में नफरत की आग नरेंद्र मोदी और उस विचारधारा ने घर-घर तक पहुंचा दी है। और आज मैं इस बात को मानता हूं कि सांप्रदायिकता का भूत जबतक बोतल में बंद है, तबतक बंद है, एकबार निकल गया तो इसको वापस बोतल में डालना आसान नहीं है।'
सोनिया ने किया बीजेपी पर हमला
उधर, दिल्ली में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा, 'गांधीजी का नाम लेकर भारत को उन्हीं के रास्ते से हटाकर अपनी दिशा में ले जाने की कोशिश करने वाले पहले भी कम नहीं थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तो वे साम-दाम-दंड-भेद का खुला कारोबार करके खुद को बहुत ताकतवर समझते हैं।'
'आरएसएस को प्रतीक बनाने की कोशिश'
सोनिया गांधी ने कहा, 'भारत और गांधीजी एक दूसरे के पर्याय हैं, यह अलग बात है आजकल कुछ लोगों ने इसे उल्टा करने की जिद पकड़ ली है। वे चाहते हैं कि गांधीजी नहीं बल्कि आरएसएस भारत का प्रतीक बन जाए।'
खेल अनुशासन और भावना से खेलें
ऋषिकेश। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश के दो दिवसीय नगर क्षेत्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन दिवस पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने खेल को जीवन का अहम हिस्सा बताते हुए खिलाड़ियों से खेल को खेल की भावना व अनुशासन के साथ खेलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है उन्हें तलाशने और सही मार्गदर्शन देने की।
दो दिवसीय नगर क्षेत्रीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में भरत मंदिर इंटर कॉलेज,राजकीय बालिका इंटर कॉलेज,हरीश चंद्र गुप्ता इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कॉलेज ऋषिकेश द्वारा की गई।दो दिवसीय खेल प्रतियोगिताओं के दौरान दौड़,थ्रो,ऊंची कूद,लंबी कूद एवं अन्य खेल प्रतियोगिताओं कराई गई। इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर पुरस्कृत किया गया।
दो दिवसीय खेल प्रतियोगिताओं के समापन दिवस का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष ने विधिवत रूप से किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व प्रधानाचार्य को सॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इंटरनेट एवं मोबाइल के इस युग में हमारा आज का भविष्य खेलकूद एवं अन्य प्रतिस्पर्धा से दूर हो रहा है जो की चिंता का विषय है।अग्रवाल ने इस दौरान सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अध्यापक गणों से आह्वान किया कि स्कूलों में इस प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का निरंतर आयोजन किया जाना चाहिए जिससे कि बच्चे खेल प्रतिभाओं में प्रतिभाग करें एवं स्वस्थ रहें।
इस अवसर पर भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत, पंजाब सिंध इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ललित किशोर शर्मा,वरुण कुमार, चंद्रप्रकाश,श्रीमती नीलम रावत,बृजेश शर्मा,प्रतिभा सकलानी, हेमलता मेहर,पूर्व प्रधानाचार्य पंजाब सिंद इंटर कॉलेज सुरेश चंद शर्मा, अजय शेखर, देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी,हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पूनम शर्मा, बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रचना अग्रवाल, यमुना प्रसाद त्रिपाठी सहित स्कूल की छात्र छात्राएं एवं अध्यापक गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पंकज शर्मा एवं सुनील थपलियाल ही द्वारा किया गया।
छात्रों संग मनाया वन्य जीव संरक्षण सप्ताह
कटघोरा वनमंडल के केंदई वनपरिक्षेत्र में स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों के साथ मिलकर वन्यजीव संरक्षण सप्ताह मनाया गया
कोरबा। मोरगा वनमण्डल कटघोरा अंतर्गत केंदई वनपरिक्षेत्र के मोरगा हाईस्कूल में 02 अक्टूबर को वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह मनाया गया।जिसमे वन अधिकारियों एवं कर्मचारियो द्वारा प्राथमिक शाला के बच्चों के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण नारों के साथ जागरूकता रैली निकाली गई।
ज्ञात हो कि 02 से 08 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।जिसके तहत 02 अक्टूबर को केंदई वनपरिक्षेत्र के मोरगा हाईस्कूल में छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों की उपस्थिति में पुरे उत्साह के साथ इस अभियान का शुभारंभ किया गया।इस दौरान वनपरिक्षेत्राधिकारी अश्वनी चौबे ने स्वयं शपथ लिया और वन्य जीवों के संवर्धन के लिए स्कूली बच्चों तथा ग्रामीणों को शपथ दिला कर प्राथमिक शाला के बच्चों के माध्यम से रैली निकाल कार्यक्रम का विस्तार किया गया।इस दौरान रेंजर चौबे ने मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के नाम संदेश का वाचन करते हुए कहा कि शुद्ध जल एवं वायु दोनों ही वनों के उत्पाद है।इसके बिना मानव जीवन संभव नही है।जीवन की रक्षा वनों की सुरक्षा से ही निहित है।जहाँ वन्यप्राणी वनों के गहने है।वन एवं वनों में रहने वाले प्राणियों की रक्षा अकेले वनविभाग का दायित्व नही है और विभाग इस दायित्व को अकेले पूरा नही कर सकता।इसलिए जनभागीता भी आवश्यक है।जनसहभागिता से वनों की सुरक्षा के प्रयास तो जरूर किये जा रहे है किंतु जनमानस में वन्यप्राणियों के प्रति जागरूकता,जानकारी एवं संवेदनशीलता पैदा करने व बढ़ाने के लिए प्रयासों की आवश्यकता है।और इन्ही प्रयासों की कड़ी में शासन के निर्देशानुसार वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया गया है।ताकि जन-जन में वन्यप्राणियों के प्रति सहआस्तित्व की भावना जागृत की जा सके और सामान्य रूप से मानव-वन्यप्राणी द्वंद तथा विशेष रूप से मानव-हाथी द्वंद को कम किया जा सके।रेंजर चौबे द्वारा इसी कड़ी में आगे कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया माननीय भूपेश बघेल द्वारा इस वर्ष के बीते अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर हाथियों की सुरक्षा संवर्धन बढ़ाने तथा मानव-हाथी द्वंद कम करने लेमरू हाथी रिजर्व के गठन की घोषणा की गई है।जिसे केबिनेट द्वारा भी मंजूरी दे दी गई है।1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले लेमरू हाथी रिजर्व की गठन एक जनहिताय एवं क्रांतिकारी कदम है।इस कार्यक्रम के दौरान वन कर्मचारियों,वन प्रबंधन समितियों के साथ बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
गाजियाबाद:अवैध निर्माण के विरुद्ध सीलिंग
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। महानगर में जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा के निर्देशों पर जॉन 6 इंदिरापुरम में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत न्याय खंड 1 भूखंड संख्या 651और शक्ति खंड 2 के 85 नंबर भूखंड के अतिरिक्त अवैध निर्माणों को सील करने की कार्रवाई की गई। इसके अलावा आदित्य मॉल के पास रॉन्ग साइड पर अतिक्रमण कर रहे दुकानदारों को हटाया गया और पॉलिथीन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को जप्त करने का अभियान चलाया गया। कार्रवाई के दौरान जॉन 6 के प्रवर्तन दस्ते के साथ प्राधिकरण का सचल दस्ता और अवर अभियंता समेत सुपरवाइजर भी मौजूद थे।
औचक निरीक्षण में मिली कई कमियां
आकांक्षा उपाध्याय
गाजियाबाद। महानगर में मोहननगर से गुजरते हुए महापौर आशा शर्मा ने दोपहर को साई उपवन का निरीक्षण किया। उस दौरान साई उपवन में कार्यरत हेड माली एव 13 माली जिनकी ड्यूटी हमेशा मंदिर परिसर में रहती है वह सब साई उपवन में गायब मिले, महापौर आशा शर्मा ने मंदिर में अन्य बाहरी लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने भी यही बताया कि लगभग 1 2 घंटे से कोई नही है ।जब महापौर ने मंदिर परिसर में बने कार्यालय में देखा तो वह भी ताला लगा था। जिसको देख कर महापौर ने संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की,तो यह मामला उनकी जानकारी में भी नही था, साई उपवन मंदिर में बाहरी लोगों के अलावा नगर निगम से कोई जिम्मेदार व्यक्ति/कर्मचारियों नही था,और न ही मंदिर की कोई देख रेख कर रहा था, साई उपवन मंदिर में इस लापरवाही की वजह से कुछ भी हो सकता है।महापौर आशा शर्मा ने सम्बंधित अधिकारी को हेड माली जय सिंह एवं मालियों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
नहीं निकाला रामदल, नहीं जलेगी लाइट
प्रयागराज।“नही निकलेगा 300 साल पुराना रामदल व्यापारी नही जलायेगे लाइट। आज “ दुख एंव विषाद का दिन सिविल लाईनस के लिये , एवं सिविल लाइंस व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री सुशील खरबंदा पदाधिकारियों के बीच एक बैठक हुई और बैठक में सरदार पटेल मार्ग पर व्यापारियों की समस्याओं एवं ख़त्म होते हुए व्यापार को देखते हुए 300 साल पुरानपुरानी हिंदू परंपरा के नाम पर“राम दल “को न मनाने का भारी मन से निर्णय लिया। साथ ही चार अक्टूबर को नहीं दौरान दल वाले दिन संपूर्ण सिविल लाइंस के व्यापार को शटर बंद करके और लाइटें बंद करके सिविल लाइंस ने काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। अपनी दुख और पीड़ा को सरकार वहन प्रशासन के सामने सिविल लाइंस के व्यापारी रखेंगे। शायद उनसे उनकी तंद्रा टूटे और सिविल लाइंस में व्यापार करने की स्थिति बनी रहे। जब व्यापारी को हो परेशानी तो कैसे निकलेगी की सवारी।
बृजेश केसरवानी
राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...