डॉक्टर को चिकित्सकीय लापरवाही के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने अनोखी सजा
नई दिल्ली। राजधानी के मूलचंद मेडसिटी में कार्यरत एक डॉक्टर को चिकित्सकीय लापरवाही के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने अनोखी सजा सुनाई है। मरीज के इलाज में लापरवाह मानते हुए, उन्हें 15 घंटों के लिए कार्डियोवैस्कुलर और वक्ष से संबंधित सर्जरी की सीएमई (कन्टिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) में शामिल होने के आदेश दिए हैं। केवल इतना ही नहीं 15 दिनों के लिए दोषी डॉक्टर का नाम डीएमसी के रजिस्टर से हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सकीय लापरवाही साबित होने के बाद किसी चिकित्सक को दी गई इस तरह की सजा अपने आप में अनोखी है। कार्रवाई देवली एक्सटेंशन निवासी रमेश चंद्र शर्मा की शिकायत पर की गई। शर्मा ने अस्पताल के डॉक्टर शैलेश जैन पर उपचार में लापरवाही के कारण मरीज की मौत का अरोप लगाया था।
यह था मामला : शिकायतकर्ता ने अपनी मां लीलावती को सीने में दर्द की शिकायत के साथ 16 अगस्त 2012 को लाजपतनगर स्थित मूलचंद मेडसिटी में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उन्हें बाइपास सर्जरी कराने की सलाह दी थी। जिसके बाद 25 अगस्त को उनकी सर्जरी की गई लेकिन 27 अगस्त को उनकी तबियत बिगडऩे लगी। उनके शरीर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी। नतीजतन, उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया गया। बाद में 31 अगस्त को मरीज की मौत हो गई। रमेश चंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी मां के उपचार में लापरवाही बरती गई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता ने मामले की शिकायत पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय से की थी। जिसे आगे की कार्रवाई के लिए डीएमसी को भेज दिया गया।