मुबंई। चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के बावजूद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल की घोषणा नहीं हो सका है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में द्वंद की स्थिति लगातार बना हुआ है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आधे दर्जन सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिवसेना का कहना है कि 126 सीटों से कम पर समझौता नामुमकिन है, तो भारतीय जनता पार्टी 120 सीटों से ज्यादा देने को राजी नहीं है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा ने गठबंधन के घटक दलों के बीच अधिकांश सीटों पर सहमति बन चुकी है।भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जितनी चिंता गठबंधन के लिए आप (मीडिया) को है, उससे कम मुझे नहीं है। गठबंधन के घटक दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे को समय से घोषणा किया जाएगा।
उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को भारत पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर बताया है। उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों का बंटवारे को भारत-पाकिस्तान के बटवारा से भी भयंकर है।उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दोनों दलों कार्यकर्ता गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। मुंबई में पिछले दिनों आयोजित भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की रैली पर गौर फरमाते हुए संजय राउत ने कहा कि जब भाजपा को गठबंधन की जरूरत नहीं है, तो स्थिति स्पष्ट करें। शिवसेना चुनाव के मैदान में अकेले उतरने को तैयार है।
गौरतलब है कि साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा शिवसेना इसी दौर से गुजर रहा था। तभी भारतीय जनता पार्टी ने सहमति नहीं बनने की स्थिति में गठबंधन से अलग होने का घोषणा कर दिया था। जिसके बाद संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और 123 सीटों पर कब्जा जमाते हुए सत्ता के दावेदारी मजबूत किया था। वही शिवसेना 63 पर ही सिमट गई थी।