नई दिल्ली। केंद्र सरकार से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। वह चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंच चुकी हैं। प्रस्तावित बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह ऐसे समय में हो रही है, जब तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पोंजी घोटाला मामले में सीबीआई जांच के घेरे में हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की कट्टर आलोचक ममता लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल में 18 सीट जीतने से पहले ही नाराज थीं। भाजपा द्वारा टीएमसी में सेंध लगाने से ममता बनर्जी की नाराजगी और बढ़ गई है। दोनों नेताओं के बीच हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि पिछले कई महीनों से न तो ममता और न ही उनके कोई मंत्री केंद्र सरकार की किसी बैठक में पहुंच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता पश्चिम बंगाल में प्रशासनिक मामलों पर चर्चा करेंगे। बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक के लिए पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा था। पिछली बार दोनों नेता 25 मई, 2018 को शांति निकेतन में दीक्षांत समारोह में मिले थे।
बुधवार, 18 सितंबर 2019
विक्रम से संपर्क का सपना गुम हो जाएगा
नई दिल्ली। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अब काली अंधेरी रात होने वाली है। इसके साथ ही इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क करने का सपना भी इसी अंधेरे में गुम हो जाएगा। क्योंकि, सिर्फ तीन घंटे बाद विक्रम लैंडर उस अंधेरे में खो जाएगा, जहां से उससे संपर्क करना तो दूर, उसकी तस्वीर भी नहीं ली जा सकेगी।इसरो ही नहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत दुनिया की कोई भी स्पेस एजेंसी विक्रम लैंडर की तस्वीर तक नहीं ले पाएगा। यही नहीं, 14 दिनों की इस खतरनाक रात में विक्रम लैंडर का सही सलामत रहना बेहद मुश्किल होगा।
अब विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद खत्म, चांद पर हो रही है शाम!
चांद के उस हिस्से में सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी, जहां विक्रम लैंडर है। तापमान घटकर माइनस 183 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस तापमान में विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खुद को जीवित नहीं रख पाएंगे। अगर, विक्रम लैंडर में रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट लगा होता तो वह खुद को बचा सकता था। क्योंकि, इस यूनिट के जरिए इसे रेडियोएक्टिविटी और ठंड से बचाया जा सकता था। यानी, अब विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की सारी उम्मीदें खत्म होती दिख रही है।
7 सितंबर को तड़के 1.50 बजे के आसपास विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर गिरा था। जिस समय चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद पर गिरा, उस समय वहां सुबह थी। यानी सूरज की रोशनी चांद पर पड़नी शुरू हुई थी। चांद का पूरा दिन यानी सूरज की रोशनी वाला पूरा समय पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। यानी 20 या 21 सितंबर को चांद पर रात हो जाएगी। 14 दिन काम करने का मिशन लेकर गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के मिशन का टाइम पूरा हो जाएगा। आज 18 सितंबर है, यानी चांद पर 20-21 सितंबर को होने वाली रात से करीब 3 घंटे पहले का वक्त। यानी, चांद पर शाम हो चुकी है। हमारे कैलेंडर में जब 20 और 21 सितंबर की तारीख होगी, तब चांद पर रात का अंधेरा छा चुका होगा।
8 लाख के इनामी नक्सली का आत्मसमर्पण
बीजापुर। जिले सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। यहा 8 लाख के इनामी माओवादी सुधीर कोरसा ने आत्मसमर्पण किया। सुधीर कोरसा पीएलजीए बटालियन नंबर 1 की कंपनी नंबर 2 का प्लाटून कमांडर था। उक्त नक्सली सुकमा, बीजापुर और आडिसा के 9 बड़ी वारदातों शामिल में था। माओवादी सुधीर कोरसा ने एसपी दिव्यांग पटेल और सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
पीओके छोड़े,नहीं तो खंड-खंड होगा पाक
नई दिल्ली। दुनिया भर के सामने जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को भारत ने बड़ा झटका दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को भारत का रुख साफ कर दिया और कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है और एक दिन ये भौगोलिक रूप से भी भारत में होगा। सिर्फ भारत ही नहीं अब पाकिस्तान में इस तरह की आवाज़ें उठने लगी हैं जो पाकिस्तान के लिए ही खतरा हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता ने खोला मोर्चा
पाकिस्तान लगातार बलूचिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए जा रहे अत्याचारों को लेकर घिर रहा है। पाकिस्तानी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट आरिफ अजाकिया का कहना है कि गिलगित-बालटिस्तान, पीओके जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। ऐसे में नरेंद्र मोदी को उस गलती को सुधारना चाहिए जो बरसों पहले हो गई थी। आरिफ अजाकिया लगातार पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं, सोशल मीडिया पर उनके वीडियो लगातार वायरल होते हैं।
विदेश मंत्री ने क्या कहा था?
दरअसल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर सवाल हुआ तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और एक दिन भौगोलिक रूप से भी यह भारत में शामिल होगा। इसी के बाद से ही एक नई बहस छिड़ गई है।पाकिस्तान के मसलों पर उन्होंने कहा कि हमारे एक पड़ोसी के साथ कुछ मुद्दे हैं, इसमें सबसे अहम क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म है। जब तक इस मुद्दे का हल नहीं होता और वह (पाकिस्तान) एक सामान्य पड़ोसी की तरह बर्ताव नहीं करता तो ये आगे नहीं बढ़ सकता है।
पाकिस्तान को मिल चुकी कई चेतावनी
सिर्फ विदेश मंत्री ही नहीं बल्कि मोदी सरकार की ओर से कई बड़े नेताओं ने पाकिस्तान को चेताया हुआ है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ही मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को पीओके भारत को सौंप देना चाहिए। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पाकिस्तान को चेता चुके हैं। राजनाथ ने कहा था कि पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो वह खंड-खंड हो जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर विवाद कर रहा है और इसे संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन बता रहा है। हालांकि, दुनिया के हर बड़े मंच पर भारत की ओर से दो टूक कहा जा चुका है कि ये भारत का आंतरिक मामला है।
अप्रिय दुर्घटना से हानि की आशंका:धनु
राशिफल
मेष-दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है, धैर्य रखें। किसी व्यक्ति से विवाद की आशंका है। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भागदौड़ रहेगी। अपेक्षित कार्यों में विलंब से तनाव रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम न लें।
वृष-स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा। शत्रु पस्त होंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद से बचें।
मिथुन-भूले-बिसरे साथियों व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता बनी रहेगी।
कर्क-अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। विवाद से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। भाग्य का साथ बना रहेगा।
सिंह-कुसंगति से हानि होगी, बचें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है।
कन्या-अपना काम प्रसन्नता व उत्साह से कर पाएंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। पारिवारिक चिंता में वृद्धि संभव है।
तुला-आर्थिक नीति में सुधार होगा। नई कार्यप्रणाली पर कार्य होगा। भविष्य में लाभ होगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नए काम मिलेंगे। कोई व्यापारिक समस्या उठ सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।
वृश्चिक-धर्म-कर्म व पूजा-पाठ में रुचि बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। पारिवारिक जवाबदारी में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। अपेक्षाकृत सभी कार्य समय पर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा।
धनु-चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका है। कार्य करते हुए कोई लापरवाही न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। धनार्जन होगा।
मकर-जीवनसाथी के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों प्रयोग से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कुंभ-भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी। विवाद से बचें। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। प्रतिद्वंद्वी अपना रास्ता छोड़ेंगे।
मीन-किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपना कार्य उत्साह व लगन से कर पाएंगे। संगीत में रुचि जागृत हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी।
विश्व में गेहूं उत्पादन (कृषि)
अच्छी फसल लेने के लिए गेहूं की किस्मों का सही चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न अनुकूल क्षेत्रों में समय पर, तथा प्रतिकूल जलवायु, व भूमि की परिस्थितियों में, पक कर तैयार होने वाली, अधिक उपज देने वाली व प्रकाश प्रभावहीन किस्में उपलब्ध हैं। उनमें से अनेक रतुआरोधी हैं। यद्यपि `कल्याण सोना' लगातार रोग ग्रहणशील बनता चला जा रहा है, लेकिन तब भी समय पर बुआई और सूखे वाले क्षेत्रों में जहां कि रतुआ नहीं लगता, अच्छी प्रकार उगाया जाता है। अब `सोनालिका' आमतौर पर रतुआ से मुक्त है और उन सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी है, जहां किसान अल्पकालिक (अगेती) किस्म उगाना पसन्द करते हैं। द्विगुणी बौनी किस्म `अर्जुन' सभी रतुओं की रोधी है और मध्यम उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में समय पर बुआई के लिए अत्यन्त उपयोगी है, परन्तु करनल बंटा की बीमारी को शीघ्र ग्रहण करने के कारण इसकी खेती, पहाड़ी पट्टियों पर नहीं की जा सकती। `जनक' ब्राऊन रतुआ रोधी किस्म है। इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी उगाने की सिफारिश की गई है। `प्रताप' पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वर्षा वाले क्षेत्रों में मध्यम उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में अच्छी प्रकार उगाया जाता है। `शेरा' ने मध्य भारत व कोटा और राजस्थान के उदयपुर मंडल में पिछेती, अधिक उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों में, उपज का अच्छा प्रदर्शन किया है।
`राज ९११' मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में सामान्य बुआई व सिंचित और अच्छी उपजाऊ भूमि की परिस्थिति में उगाना उचित है। `मालविका बसन्ती' बौनी किस्म महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश की अच्छी सिंचाई व उपजाऊ भूमि की परिस्थितियों के लिए अच्छी है। `यू पी २१५' महाराष्ट्र और दिल्ली में उगाई जा रही है। `मोती' भी लगातार प्रचलन में आ रही है। यद्यपि दूसरे स्थानों पर इसको भुलाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से `डबल्यू जी-३५७' ने बहुत बड़े क्षेत्र में कल्याण सोना व पी वी-१८ का स्थान ले लिया है। भिन्न-भिन्न राज्यों में अपनी महत्वपूर्ण स्थानीय किस्में भी उपलब्ध हैं। अच्छी किस्मों की अब कमी नहीं हैं। किसान अपने अनुभव के आधार पर, स्थानीय प्रसार कार्यकर्ता की सहायता से, अच्छी व अधिक पैदावार वाली किस्में चुन लेता है। अच्छी पैदावार के लिए अच्छे बीज की आवश्यकता होती है और इस बारे में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।
भूमि का चुनाव: गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए मटियार दुमट भूमि सबसे अच्छी रहती है, किन्तु यदि पौधों को सन्तुलित मात्रा में खुराक देने वाली पर्याप्त खाद दी जाए व सिंचाई आदि की व्यवस्था अच्छी हो तो हलकी भूमि से भी पैदावार ली जा सकती है। क्षारीय एवं खारी भूमि गेहूं की खेती के लिए अच्छी नहीं होती है। जिस भूमि में पानी भर जाता हो, वहां भी गेहूं की खेती नहीं करनी चाहिए।
भूमि की तैयारी
खेत की मिट्टी को बारीक और भुरभुरी करने के लिए गहरी जुताई करनी चाहिए। बुआई से पहले की जाने वाली परेट (सिंचाई) से पूर्व तवेदार हल (डिस्क हैरो) से जोतकर पटेला चला कर, मिट्टी को समतल कर लेना चाहिए। बुआई से पहले २५ कि। ग्रा। प्रति हेक्टेयर के हिसाब से १० प्रतिशत बी। एच। सी। मिला देने से फसल को दीमक और गुझई के आक्रमण से बचाया जा सकता है। यदि बुआई से पहले खेत में नमी नहीं है तो एक समान अंकुरण के लिए सिंचाई आवश्यक है।
यमाचार्य नचिकेता वार्ता (कर्तव्यवाद)
गतांक से...
मेरे प्यारों, गुरुदेव ने बहुत कुछ वाक्य उच्चारण किया है। परंतु देखो इस संसार में यदि कोई राष्ट्र हुआ है और उसमें कोई राजा हुआ है तो भगवान मन हुआ है। उन्होंने जिस नगरी का निर्माण किया, उस नगरी का नाम अयोध्या है। क्योंकि अयोध्या अष्टचक्र और नौ द्वार वाली एकमात्र नगरी है। उसमें मनु महाराज के वंशजों के द्वारा लगभग 1,75,552 वंशजों ने राष्ट्र का पालन किया है। पालन इसी आधार पर किया गया है कि समाज को कर्तव्यवाद में स्थापित करना है। इससे माता का वियोग नहीं दृष्टिपात किया जाता, पिता का वियोग दृष्टिपात नहीं किया जाता। यह वियोग जब नहीं होगा तब मानव सार्थक बनेगा, पवित्र बनेगा। माता अपने कर्तव्य का पालन करेगी। राजा अपने कर्तव्य का पालन करें। समाज कर्तव्य का पालन करके राजा और प्रजा को कर्तव्यवाद में लाता रहे और वह प्रजा का सेवक स्वीकार करें तो राष्ट्रीयता कुछ नहीं रह पाती। राष्ट्रीय तो देखो आधुनिक काल का जो राष्ट्रवाद चल रहा है। यह कैसा राष्ट्रवाद है? वह समाज को, संपदा को अपना-अपना करके अपने में राजा बनना चाहते हैं। परंतु हे राजन, राष्ट्रीय वाद का निवारण करना होगा। तुम मुझे वैसा कर्तव्य करना होगा। जिससे समाज महान बन जाए, जिससे एक दूसरा प्राणी के रक्त का पीपासी न बन जाए। पिपासी अज्ञानता में बनता है। इसलिए तेरे द्वारा ज्ञान होना चाहिए कि पिपासी स्वार्थ में होता है कर्तव्य वाद का पालन करे तो मुनिवर यह राष्ट्रीयवाद का निवारण हो जाएगा। नाना प्रकार की संपदा में रमने वाला समाज कदापि महान नहीं बन सकता है। मैंने बहुत पुरातन काल से इस समाज को दृष्टिपात किया है। महाभारत काल के पश्चात स्वार्थवाद आया था और स्वार्थवाद क्या था? महाराजा शांतनु ने सबसे प्रथम स्वार्थवाद की भावनाएं ग्रहण की।उसने क्या स्वार्थवाद कििया, अपने पुत्र को कहा कि तू ब्रह्मचारी रहे और मेरा संस्कार होो। पुत्र ने ब्रह्मचर्य के वश में प्रतिज्ञा की और पिता का संस्कार हुआ। उसका परिणाम यह हुआ कि महाभारत काल में स्वार्थवाद आया और स्वार्थवाद में विधाता, विधाता रक्त के पीपासे ही बन गए। अज्ञानता में यदि शांतनु के हृदय में स्वार्थ की भावना ना होती तो यह अनुचित क्रियाकलाप नहीं होता है। तो यह समाज नष्ट नहीं हो सकता था। विद्वानों का ह्रास नहीं हो सकता था। परंतु देखो भाव प्रबल है जब मैं यह उदगीत गाता हूं तो यह मानवता का ह्रास हुआ। उसका परिणाम यहां मेरी पुत्रियों के सिंगार को हनन किया गया उसके पश्चात नाना प्रकार की अज्ञानता में संप्रदायों में संप्रदायिकता का जन्म हुआ वह संप्रदाय आधुनिक काल में जितनी पनप रही है राष्ट्र की है क्योंकि राजा इसलिए नहीं होता है एक ईश्वर बाद में कुछ कह रहा है एक धर्म की विवेचना कुछ कर रहा है धर्म केवल मानव इंद्रियों में समाहित रहता है वह इंद्र देखो इंद्रियों वाले धर्म को लाकर के राजा को उसकी व्याख्या करनी चाहिए जब राजा किसी भी मत से मटकी पूजा में जाता है वहां उस धर्म की प्रशंसा करने लगता है वह मार्ग में जाता है वहां वहां मार्ग की प्रशंसा करता है गुरु में जाता है वहां गुरुओं की प्रशंसा करता है यह राजा निर्णय हो जाता है ऐसे राजा नाना धर्म की जो चर्चा कर रहा है अरे धर्म तो ले प्राणी व्याकरण की दृष्टि से एक ही धर्म धर्म धर्म क्या है मानव का पूजन होगा। मुनिवरो, देखो नेत्र,दृष्टि बात करेंगे तो मानव का पूजन होगा और वह जो दृष्टिपात करेगा तो उसकी अंतरात्मा उसे निकालने लगती हैै। वह नेत्रों में धर्म समाहित रहता है वाणी सदैव सत्य उच्चारण करती है। तो उसका धर्म है। अशुद्ध उच्चारण करती है तो उसका धर्म बन जाता है। वाणी का धर्म सत्य ही उच्चारण करना है। सुगंधी में मानव प्रसन्न रहता है सुगंधी में अपने अंतर हृदय को रखता है। अरे, सुगंधी ही उसका जीवन है। देखो इसी प्रकार प्रथा है उसको प्रेम में मग्न होकर के ज्ञान के द्वारा स्पर्श करता है। मैं उसका धर्म है मेरे प्यारे स्रोतों में शब्द आते हैं। आज का हमारा विचार क्या कह रहा है कि हमें इस समाज को ऊंचा बनाना हैै। मानवता की रक्षा करनी है। मानव दर्शन को अग्रणी बनाना है और राष्ट्र के निवारण के लिए चर्चा की है कि प्रत्येक जो रूढ़िवादी आचार्य है। वह एकत्रित होकर के राजा के संविधान में मैं अपने-अपने विचारों की व्याख्या करें और जो विचार विज्ञान से मानवता से स्थिर हो जाए। वह विचार ,वही रहना चाहिए। आज का विचार यह कह रहा है। मैं अपने पूज्य पाद गुरुदेव को वर्णन करा रहा था। क्योंकि पूजा-पाठ गुरुदेव का वह विचार है। जब इस संसार में कोई भी रूढ़िवाद नहीं था। मानवता के यज्ञ की चर्चा करते हैं विज्ञान की चर्चा कर रहे हैं। आज का विज्ञान भी रूढ़िवादी बना हुआ हैै। परंतु उच्चारण करने के लिए तो बहुत कुछ है। परंतु अब मेरा विचार समाप्त होने वाला है। आज का विचार मैं उच्चारण कर रहा हूं कि पूज्यपाद गुरुदेव को परिचय करा रहा हूं कि काल एक वाम मार्ग का है जहाां राजा भी वाममार्गी है और मत-मतांतर भी वाममार्गी हुए हैं। देखो कोई आचार्य गुरु जी कहे जाते हैं उनके मानने वाले रक्त को अपने में भक्षण कर जाते हैं। उससे अपने शरीर को बना रहे हैं। शरीरों का निर्माण केवल इसलिए कि जीवन स्तर बना रहे। यही मेरा कर्तव्य नहीं है। हे मााता, मुझे तो संसार को महान बनाना है। क्योंकि यह प्रभु की सृष्टि है और प्रभु की सृष्टि को महान बनाना हमारा कर्तव्य है। आज का विचार क्या है,तेरे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे। मेरा हृदय गदगद होता है जब यजमान देखो यह अद्भुत यज्ञ का आयोजन होता है। अहिंसा से रहित होता है और धर्म का सदुपयोग किया जाता है। जब प्रत्येक ग्रह में यज्ञ के द्वारा निर्माण का सदुपयोग होता है। वहां पर क्यों ह्रास हो जाता है? यह आज का वाक्य हमारा समाप्त होने जा रहा है। मैं अपने पूज्य पाद गुरुदेव से आज्ञा पाऊंगा। मेरे प्यारे महानंद जी ने बहुत अच्छे से अपने वाक्य प्रकट किए। वाक्य में बड़ी सार्थकता मुझे प्रतिपादित हो रही हैै। परंतु यह उनकी जो वेदना है जो विडंबना है वह बड़ी विडंबित मेरे हृदय में समाहित हैै। इसलिए जब प्रभु की अनुपमता होगी तो प्राय ऐसे राजा भी होंगेे। ऐसा कोई वाक्य नहीं है परंतु संसार में अपने शब्दों में रत करते रहना चाहिए। अपने विचारों को महानता देनी चाहिए। वायुमंडल में जो विचार भ्रमण करते रहे। किसी न किसी काल में वह महान विचार मानवता के अंतरण को छूकर के पवित्र बना सकते हैं। यह आज का विचार अब समाप्त होने जा रहा है। अब वेदों का पठन-पाठन होगा।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 19, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-47 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार,19 सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्विन, कृष्णपक्ष,तिथि पंचमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 6:10,सूर्यास्त 6:10
5.न्यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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मंगलवार, 17 सितंबर 2019
अफगान में ब्लास्ट 24 की मौत 32 घायल
काबुल। अफगानिस्तान के परवान प्रांत में मंगलवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी की रैली में हुए आत्मघाती बम धमाके में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए। धमाके के समय गनी वहीं पर मौजूद थे। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। परवान अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अब्दुल कासिम संगिन ने कहा कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और रैली स्थल के नजदीक पुलिस चौकी में बम लगाकर धमाका कर दिया। हालांकि गनी को कोई चोट नहीं आई। किसी भी समूह ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल क्यों
मायावती बताएं कि आखिर हर बार बसपा के विधायक ही कांग्रेस में क्यों शामिल होते हैं? बसपा विधायक राजेन्द्र गुढा ने आरोप लगाया था कि मायावती पैसे लेकर टिकट देंती हैं। मायावती में दम हो तो एमपी में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लें। ट्वीट करने से क्या होता है। मायावती अपनी सोच बदलें-सीएम गहलोत।
जयपुर। राजस्थान में यह दूसरा मौका है, जब बहुजन समाज पार्टी के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2009 में भी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को मजबूती देने के लिए बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब बसपा सुप्रीमो मायावती को बताना चाहिए कि आखिर हर बार उन्हीं की पार्टी के विधायक कांग्रेस में शामिल क्यों होते हैं? एक राजनीतिक पार्टी के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती कि सभी विधायक रातों रात पाला बदल लें। मायावती का दावा रहता है कि उनकी पार्टी दलितों की पार्टी है और पार्टी की एक विचारधारा है। हालांकि राजस्थान में बसपा के विधायक राजेन्द्र गुढा का तो आरोप है कि मायावती और उनके समर्थक पैसा लेकर टिकिट देते हैं। गुढा ने यह बयान कोई एक माह पहले दिया था, लेकिन मायावती ने न तो कोई जवाब दिया और न ही गुढा के खिलाफ कोई कार्यवाही की। क्या बसपा ऐसी ही विचारधारा वाली पार्टी है? क्या मायावती को राजस्थान में ऐसे उम्मीदवार नहीं मिलते तो पार्टी के प्रति वफादार रहें? या फिर राजेन्द्र गुढा के आरोप सही हैं। जब पैसे देकर टिकिट लिया जाएगा, तब विधायक बनने के बाद पैसों की वसूली तो की जाएगी? क्या पैसों के आगे विचारधारा गौण हैं? जो मतदाता मायावती की पार्टी को दलितोंकी पार्टी मान कर वोट देते हैं, उन्हें बसपा विधायकों के पाला बदलने की घटना से सबक लेना चाहिए। बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक राजेन्द्र गुढा, जोङ्क्षगदर अवाना, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव और वाजिब अली को मतदाताओं ने कांग्रेस के खिलाफ वोट देकर जिताया था। अब ये सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। क्या यह मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी नहीं हैं?
एमपी में समर्थन वापसी क्यों नहीं:
राजस्थान की घटना पर मायातवी ने ट्वीट पर कड़ी टिप्पणी की। माया ने कांग्रेस को गैर जिम्मेदार धोखेबाज और दलित विरोधी पार्टी बताया है। सवाल उठता है कि जब मायावती को कांग्रेस से इतनी नाराजगी है तो फिर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन क्यों दे रखा है? मायावती के समर्थन की वजह से ही एमपी में कमलनाथ की सरकार टिकी हुई है। यदि बसपा विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी। एमपी में बहुमत के लिए 115 विधायक चाहिए। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, लेकिन 2 बसपा, 1 सपा ने समर्थन दे रखा है। अब यदि मायावती दो विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। लेकिन मायावती को भी पता है कि जब राजस्थान में 6 विधायक पाला बदल सकते हैं, तब एमपी में दो विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मायावती अपने विधायकों को अच्छी तरह जानती है।
गहलोत की दो टूक:
बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने और बसपा प्रमुख मायावती के बयान का जवाब देते हुए 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब मायावती को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए। बसपा की विधायक शुरू से ही मेरी सरकार को समर्थन दे रहे थे। अब इन विधायकों ने अपने स्तर पर यह महसूस किया कि उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। गहलोत ने कहा कि एक समय उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने बसपा को बिना शर्त समर्थन दिया था। मैं आज भी इस पक्ष में हंू कि बसपा जैसे राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ मिल कर काम करें। उन्होंने कहा कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का असर नवम्बर में होने वाले तीन राज्यों पर कितना पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा। मैं इतना कह सकता हंू कि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर कोई सौदेबाजी नहीं हुई, जबकि भाजपा तो मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपए का प्रस्ताव कर रही है। भाजपा को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कोई सवाल करने का अधिकार नहीं क्योंकि कई राज्यों में भाजपा ने अल्पमत में होने के बावजूद भी सरकार का गठन किया है। सब जानते हैं कि इन राज्यों में भाजपा ने किस तरह सरकार बनाई है।
एस.पी.मित्तल
आने वाले दिन कांग्रेस में मचाएंगे खलबली
#6013
अब सचिन पायलट से भी लिया जा सकता है राजस्थान प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष का पद। बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस संगठन पर ज्यादा असर।
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16 सितम्बर की रात को राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। 200 में अब कांग्रेस के विधायकों की संख्या 106 हो गई है। इससे अशोक गहलोत की सरकार तो मजबूत होगी, लेकिन ज्यादा असर कांग्रेस संगठन पर पड़ेगा। हो सकता है कि अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद वापस ले लिया जाए। बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाने में प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से पायलट की कोई भूमिका नहीं रही। राजनीतिक दृष्टि से यह बड़ी घटना है, लेकिन इसमें प्रदेशाध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं होने से साफ जाहिर है कि राजस्थान में सत्ता और संगठन एक पटरी पर नहीं है। पायलट पहले ही अपनी सरकार के कामकाज को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो राजस्थान में सता और संगठन में जो कुछ भी हो रहा है उसकी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को है। सोनिया गांधी चाहती हैं कि जानवरी में होने वाले पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिले। लेकिन यह तभी संभव है, जब उम्मीदवारों का चयन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से हो। पायलट प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहते ऐसा संभव नहीं है। असल में मौजूदा परिस्थितियों में पायलट को हटाना जोखिम भरा था, इसलिए पहले सरकार की मजबूती सुनिश्चित की गई। अब जब सरकार पूर्ण रूप से मजबूत हो गई है तो पायलट को हटाने वाला बड़ा फैसला भी किया जा सकता है। 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन गहलोत के पास है। ऐसे में गहलोत को 200 में से 118 विधायकों का समर्थन है। आरएलडी के सुभाष गर्ग पहले से ही गहलोत के साथ हैं। यानि अब अशोक गहलोत संगठन में कोई भी जोखिम ले सकते हैं। जागरुक पाठकों को याद होगा कि विधानसभा चुनाव के अवसर पर गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की हैसियत से बयान दिया था कि राजस्थान में सहयोगी दलों के साथ गठबंधन किया जा सकता है, तब गहलोत ने बसपा की ओर इशारा भी किया था, लेकिन तब प्रदेशाध्यक्ष की हैसियत से पायलट ने गठबंधन को नकार दिया। गहलोत के समर्थक माने जाने वाले सुभाष गर्ग का टिकिट भी भरतपुर से काट दिया गया था, लेकिन गहलोत ने गर्ग को आरएलडी का उम्मीदवार बनवा दिया। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन में खलबली मचाएंगे। देखना होगा कि इन सब हालातों पर पायलट की क्या प्रतिक्रिया होती है।
एस.पी.मित्तल
जन्मदिन: बुजुर्गों के प्रति सम्मान
मां का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर।
गांधी नगर जाकर मां हीरा बा के साथ भोजन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 69वें जन्मदिन पर मां का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी है। ऐसा नहीं कि लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते। लेकिन समाज में उपभोक्तावादी संस्कृति और एकल परिवार की प्रवृत्ति बढऩे से माता-पिता स्वयं को उपेक्षित समझ रहे हैं। जन्मदिन के मौके पर अनेक परिवार किसी रिसोर्ट या होटल में लंच डिनर करने जाते हैं, कुछ लोग अपने माता-पिता को भी साथ ले जाते हैं, लेकिन महानगरों में नौकरी करने वाले बेटे-बहू तो अपने हाल में ही मस्त रहते हैं। कुछ समझदार बहुएं कोरियर से सास-ससुर को गिफ्ट भिजवा देती हैं, ताकि माल के बंटवारे का ख्याल बना रहे। हम सब जानते हैं कि परिवार में बुजुर्गों की स्थिति कैसी है? लेकिन वो लोग भाग्यशाली है जो अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे लोगों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल है। आज हर क्षेत्र में मोदी को सफलता मिल रही है। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने का काम कोई छोटा नहीं है। एक समय था, तब चर्चा करने मात्र से आग के गोले भड़क उठते थे, लेकिन मोदी ने 370 को हटा दिया और आज जम्मू-कश्मीर में शांति भी है। ऐसी सफलताओं के पीछे मां हीरा बा का आशीर्वाद भी है। जो लोग अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं उन्हें नरेन्द्र मोदी की तरह अपनी मां का सम्मान करना चाहिए। एक मां के लिए इससे ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है कि जन्मदिन के मौके पर बेटा साथ खाना खा रहा है। ऐसे खुशी के माहौल में मां के दिल से जो आशीष निकलेगा उससे और सफलता मिलेगी। जो लोग जन्मदिन के मौके पर सोशल मीडिया में फोटो पोस्ट करते हैं उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा भी लेनी चाहिए। मोदी ने मां के साथ खाना खाते हुए फोटो जारी किया है। यह फोटो अपने आप में बुजुर्गों के प्रति सम्मान करने की प्रेरणा देता है।
एस.पी.मित्तल
नमो सेना का निशुल्क स्वास्थ्य शिविर
नमो सेना इंडिया का निशुल्क स्वास्थ्य शिविर
मोहित श्रीवास्तव
गाजियाबाद,लोनी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश में विभिन्न संगठन और संस्थाओं के द्वारा विभिन्न तरीके से जन्मदिन मनाया गया। जिसके अंतर्गत नमो सेना इंडिया के द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। दिल्ली-सहारनपुर रोड स्थित लोनी इंटर कॉलेज के पास संगठन के द्वारा कैंप लगाकर सैकड़ों लोगों की निशुल्क जांच की। संगठन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष एडवोकेट धर्मेंद्र बैसोया ने बताया नमो सेना इंडिया का उद्देश्य स्वास्थ्य, जनसंख्या नियंत्रण, प्रदूषण आदि विषयों पर जागरूकता फैलाना है। डॉ विजय बैसोया एवं सहयोगियों के द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण की। इस अवसर पर क्षेत्र क्षेत्रीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कैंप में पहुंचकर संगठन एवं डॉक्टरों की टीम का उत्साह वर्धन किया। इस अवसर पर कुलदीप सिंह, सचिन बसोया, पिंटू नंबरदार, सुमी बसोया आदि उपस्थित लोगों के द्वारा केक काटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन की एक दूसरे को बधाई देते हुए इस आयोजन को सफल बनाया।
दुखी जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज संविदा पर कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने भेंटकर अपनी परेशानियां बताई। आउटसोर्सिंग कम्पनी अवनी परिधि के माध्यम से कई जनपदों में सीएमओ एवं सीएमएस के अधीन कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को सितम्बर 2018 से अब तक कार्य करते हुए 11 महीने से अधिक समय बीच चुका है। इनको अभी तक कोई मानदेय नहीं मिला है। इनको अब सेवा समाप्ति आदेश दे दिया गया है और सिर्फ जून तक उन्हें मानदेय देने की बात की जा रही है। पीड़ित नर्सों ने बताया कि उन सभी ने माह अगस्त 2019 तक कार्य किया है। कोई सुनवाई नहीं होने से वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने सरकार से सेवा बहाली की मांग करते हुए एक ज्ञापन अखिलेश को भी सौंपा। उन्होंने यह भी कहा कि वे दो-दो वर्ष तक सेवारत रही है और अब भुखमरी की शिकार है। अखिलेश यादव ने नर्सिंग स्टाफ के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि समाजवादी सरकार में पर्याप्त बजट था। भाजपा सरकार में सभी कर्मचारी दुःखी हैं। श्री यादव ने कहा कि बेरोजगारी में लगातार वृद्धि से स्थिति विस्फोटक हो गई है। भाजपा सरकार की यह संवेदनहीनता की पराकष्ठा है। दुःखी और परेशान जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी।
बृजेश केसरवानी
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव की तलाश पूर्ण
नई दिल्ली। काफी दिनों से चल रही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नए प्रेस सचिव की तलाश अब पूरी हो गई है। इस पद पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार सिंह को नियुक्त किया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजय कुमार सिंह (55) की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति एक साल के लिए या अगले आदेश तक अनुबंध के आधार पर की गई है।
अजय कुमार सिंह को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने का करीब 30 साल का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1985 में 'टाइम्स ऑफ इंडिया' (लखनऊ) से की थी। बाद में उन्होंने दिल्ली में 'द पॉयनियर' जॉइन कर लिया था। पूर्व में वह 'बिजनेस स्टैंडर्ड' 'स्टार न्यूज' (अब एबीपी न्यूज) और 'न्यूज एक्स' में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
'फर्स्टपोस्ट' में एग्जिक्यूटिव एडिटर की भूमिका निभाने से पहले वह 'गवर्नमेंस नाउ' मैगजीन में एडिटर के रूप में काम कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने दोबारा 'गवर्नमेंस नाउ' में डायरेक्टर (एडिटोरियल) के पद पर वापसी की थी और इस साल की शुरुआत में इस मैगजीन का प्रिंट एडिशन बंद होने तक इसी पद पर काम कर रहे थे। यहां वह मैगजीन के अंग्रेजी और मराठी एडिशन की कमान संभाल रहे थे। फिलहाल वे 'फर्स्टपोस्ट' से कंट्रीब्यूटर के तौर पर जुड़े हुए हैं।
योगी का प्लास्टिक के विरुद्ध सख्त रुख
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्लास्टिक बैन को लेकर अब सख्त रूख अपना रही है। इसके तहत अधिकारी भी इसका सख्ती से पालन कर रहे हैं। इश क्रम में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलायुक्तों एंव जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यूपी के सभी सरकारी कार्यालयों अौर बैठकों में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोगा कतई नहीं होना चाहिए। यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में और अधिक पारदर्शिता के साथ काम करें।
दिए जरूरी निर्देश-मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ प्रशासन को प्राथमिकता देकर अधिकारी अपने शासकीय दायित्वों का पारदर्शिता के साथ निर्वहन करें। 'स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत बेहतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
पालन न करने पर होगी कड़ी कार्रवाई-उन्होंने कहा कि शासकीय धन का दुरुपयोग होने पर पारदर्शिता के साथ जांच कराकर दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी या सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। तिवारी ने निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन योजना (शहरी) के तहत जारी 428 करोड़ रुपये की धनराशि का पारदर्शिता के साथ उपयोग कराने के लिए जनपद स्तर पर गठित कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाए। साथ ही आवश्यक उपकरणों की खरीद की जाए।
बैलगाड़ी का चालान,नया कीर्तिमान स्थापित
नई दिल्ली। सरकार ने नया मोटर व्हीकल एक्ट क्या पास किया लोगों की जान को आफत खड़ी हो गई। पुलिस ने इस कानून का इस्तेमाल लोगों में खौफ पैदा करने के लिए कर दिया।
यूपी के बिजनौर में ट्रैफिक पुलिस ने एक बैलगाड़ी का चालान कर नया कीर्तिमान बना डाला। बिजनौर के सहसपुर गांव में एक किसान अपनी बैलगाड़ी लेकर खेतों पर गया और खेत के पास बैलगाड़ी खड़ी कर दी। उसी दौरान वहां से गुजर रही पुलिस टीम ने बैलगाड़ी का चालान काट कर किसान को दे दिया।एक हजार के चालान कटने से हैरान परेशान किसान ने अपनी व्यथा लोगों से बताई। जब इलाके के लोगों ने पुलिस को बताया कि बैलगाड़ी का चालान कैसे कर दिया तो पुलिस ने चालान कैंसिल कर दिया।
सिंधिया के चेहरे पर हार की शिकन दिखी
जयपुर। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया हार के वाद पहली वार मुंगावली पहुँचे। उन्होंने विधानसभा के करीब आधा दर्जन से अधिक गांवो में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से खराब हुई फसलों का निरीक्षण किया। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद यह पहला मौक़ा है जब सिंधिया अपने क्षेत्र के लोगों के बीच पहुंचे थे।
इस दौरान सिंधिया के चेहरे पर हार की शिकन दिखी और दर्द भी छलका अधिक वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे सिंधिया ने प्रशासन द्वारा किए गए प्राथमिक सर्वे को नाकामी बताते हुए। नए सिरे से खराब फसलों का आकलन करने एवं शासन से अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने की मांग की।
फिर झलका हार का दर्द झलका
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुंचे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर हार की शिकन साफ देखने को मिली। लोगों से बातचीत करते समय उन्होंने लगातार इस बात का उल्लेख किया, कि 17 साल तक लोगों की सेवा करते रहे। फिर भी शायद उनमें कोई कमी हुई होगी । जिसके कारण यह परिणाम आए। पत्रकारों के सवालो के जवाब में उन्होंने कहा कि नये सांसद क्षेत्र में आते है या नही इससे उनको कोई मतलब नही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता से मेरा पारिवारिक संबंध है। उनके सुख के समय भले ही ना पाऊं ,मगर दुख में मैं जरूर उनके साथ होता हूं । आगे इस क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखेंगे या नहीं इसका जवाब देते समय सिंधिया भावुक हो गए और कहा कि यह तो आगे वाला समय बताएगा।
मेरे परिवार के लोग परेशान हैं, इसलिए आया हूँ
मुंगावली में सिंधिया ने कहा जब कोई व्यापारी लेन देन करता है और उसमें कोई हानि हो जाये तो चोट नही लगती। क्योकि वो हानि पैसों की हानि होती है। पर मेरा और आपका रिश्ता एक सदैव मैंने तो माना था कि ह्र्दय का रिश्ता है विकास प्रगति का रिश्ता है। मैने तो जरूर माना था की एक एक जन जन के ह्रदय के अंदर मेरा रिश्ता है। सत्रह साल आपकी सेवा करने का सौभाग्य मुझको मिला। और जो सम्भव हो सका मैंने कोशिश की, सादगी के साथ, भ्र्ष्टाचार न पनपे, विकास हो प्रगति हो जन जन के साथ रिश्ता हो लेकिन कहीं न कहीं शायद उसी में मेरी कमी रह गई होगी। पिछले तीन महीने से में कई कारण बस व्यस्त रहा। दिल में पीड़ा भी है मैं और मेरा कोई राजनीतिक जिम्मेदारी भी बाकी नही रही थी। लेकिन जब मैंने सुना कि क्षेत्र में बाढ़ आई है। मेरी जनता नही परिवार के लोग परेशान है। सुख के समय में मैं आपके साथ रहूं न रहूं एक सामान्य नागरिक के रूप में क्योकि वही मरी आज हैसियत है लेकिन कोई आये न आये सिंधिया परिवार का मुखिया आपके साथ सदैव खड़ा रहेगा।
सूअर का दिल बनेगा इंसान की धड़कन
इंसान के शरीर में धड़क सकता है सूअर का दिल
मेडिकल साइंस अंग प्रत्यर्पण के लिए पूरी तरह से अंगदाताओं पर निर्भर करता है। एक जर्मन सर्जन ने सूअर के दिल को लंगूर में सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर जल्द ही सुअरों का दिल इंसानों में धड़काने की संभावना भी जगा दी है।जर्मन सर्जन ब्रूनो राइषार्ट ने लंगूर के शरीर में सूअर के दिल का सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण किया है। अब यह उम्मीद जतायी जा रही है कि ऐसा प्रयोग इंसान के साथ भी आजमाया जाएगा। इंसान के शरीर में सूअर का दिल धड़कने की कितनी संभावना है, इस पर जर्मन चिकित्सक राइषार्ट से डॉयचे वेले की खास बातचीत के अंश. डॉयचे वेले: पहली बार लंगूर के शरीर में सूअर के दिल का प्रत्यर्पण उम्मीद जगाता है कि यह इंसान के साथ भी संभव हो सकेगा। सवाल है कि जानवरों में सूअर को ही डोनर के रूप में क्यों चुना गया? ब्रूनो राइषार्ट: यहां नैतिकता अहम है। हम सुअरों को लंबे समय से खा रहे हैं। इन्हें मारने को लेकर समाज में स्वीकार्यता भी है। एक सूअर हर चार महीने में बच्चे पैदा करने की स्थिति में होता है। इतना ही नहीं जन्म के छह महीने बाद ही सूअर प्रजनन के लिए पूरी तरह तैयार हो जाते हैं।वहीं सूअर का दिल इंसान के दिल से काफी मिलता-जुलता है। वैसे भी पिछले 40 सालों से इंसानों के शरीर में सूअर के हृदय के वॉल्व का इस्तेमाल तो हो ही रहा है।
इस प्रक्रिया अंग लेने वाले के रूप में लंगूर को ही क्यों चुना गया? ये प्रशासन की मांग थी। उनका कहना था कि प्रत्यर्पण सूअर या कुत्ते के शरीर में नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय किसी ऐसे को चुना जाना चाहिए जो जैविक रूप से इंसानों के करीब हो ताकि यह समझा जा सके कि इस तरह की प्रक्रिया इंसानों के साथ कितनी सफल होगी।
क्या इस प्रक्रिया में किसी भी साधारण सूअर को बतौर डोनर चुना जा सकता है? सूअर का दिल इंसान स्वीकार करें, इसके लिए पहले डोनर के अंग को इसके अनुकूल बनाना होगा। यही कारण है कि प्रत्यर्पण से पहले सूअर के दिल में अनुवांशिक रूप से बदलाव किया जाता है। इस तरह के प्रत्यर्पण से क्या फायदा होगा?सबसे बड़ी बात तो यह है कि इससे अंगदाताओं की भारी कमी की समस्या में लाभ मिलेगा। क्या इसे सफलता का क्षण कहा जा सकता है? कुछ और भी सफलताएं मिलनी चाहिए. मुझे डर भी है।दरअसल अब हमें पैसा चाहिए, क्योंकि इस तरह के प्रयोग महंगे हैं. हमें निवेशक चाहिए, और यूरोप में निवेशक खोज पाना बहुत मुश्किल है। जर्मन रिसर्च फाउंडेशन ने अब तक काफी वित्तीय सहायता दी है। लेकिन आगे की पायलट स्टडी के लिए हमें अतिरिक्त धन, साधन के साथ-साथ अस्पताल भी चाहिए।आपको कैसे इतना भरोसा है कि यह काम करेगा? आपको हमेशा खुद को अज्ञात चीजों की ओर ले जाना होता है. ऐसी आशंकाएं कम हैं कि यह काम नहीं करेगा। ब्रूनो राइषार्ट जर्मनी के जाने-माने ह्दय प्रत्यर्पण विशेषज्ञों में से एक हैं।
विराट रेटिंग में दूसरे स्थान पर बरकरार
भारतीय कप्तान विराट कोहली सोमवार को जारी आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजों की नवीनतम रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ के बाद दूसरे स्थान बरकरार हैं। कोहली के नाम 903 रेटिंग अंक हैं जबकि स्मिथ उनसे 34 अंक आगे 937 अंक के साथ शीर्ष पर हैं। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्मिथ के अलावा टीम के उनके साथी तेज गेंदबाज पैट कमिंस भी आईसीसी टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर कायम हैं। स्मिथ और कमिंस के शानदार प्रदर्शन के दम पर आस्ट्रेलिया एशेज खिताब को अपने पास रखने में सफल रहा। इंग्लैंड ने रविवार को पांचवां और अंतिम मुकाबला जीताकर श्रृंखला को 2-2 से बराबर किया लेकिन ट्राफी को आस्ट्रेलिया के पास जाने से नहीं रोक सके।
इस मैच में स्मिथ ने 80 और 23 रन की पारी खेली जिससे वह अपने 937 रेटिंग अंक को बरकरार रखने में सफल रहे। इस श्रृंखला के शुरू होने से पहले उनके नाम 857 रेटिंग अंक थे जिससे वह चौथे पायदान पर थे। उन्होंने श्रृंखला के चार मैचों में 774 रन बनाये। कमिंस भी दूसरे पायदान पर काबिज कागिसो रबाडा पर 57 अंक की बड़ी बढ़त कायम किये हुए हैं। वह एशेज श्रृंखला में 29 विकेट के साथ सबसे सफल गेंदबाज रहे। भारत के जसप्रीत बुमराह रैंकिंग में तीसरे पायदान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू वेड और मिशेल मार्श भी रैंकिंग में सुधार करने वाले खिलाड़ियों में शामिल रहे। वेड ने रविवार को अपना चौथा टेस्ट शतक लगाया जिससे वह 32 स्थान के सुधार के साथ 78वें पायदान पर पहुंच गये। पहली बार पांच विकेट लेने वाले मिशेल मार्श भी 20 स्थानों के सुधार के साथ 54वें स्थान पर पहुंच गये। मार्च 2017 के बाद यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।
डेविड वार्नर को सात स्थानों का नुकसान हुआ है जो अब 24वें पायदान पर हैं। वार्नर ने पांच मैचों की 10 परियों में कुल 95 रन बनाये जिससे श्रृंखला के दौरान उनकी रैंकिंग में 19 स्थानों की गिरावट आयी। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पहली बार शीर्ष 40 में जगह बनाने में सफल रहे। उन्होंने पांचवें टेस्ट में छह विकेट लिये थे। सैम कुरेन ने भी छह स्थानों का सुधार किया और 65वें पायदान पर पहुंच गये। मैच में 70 और 47 रन की दमदार पारी खेलने वाले जोस बटलर इस साल जनवरी के बाद पहली बार शीर्ष 30 में पहुंचने में सफल रहे। टेस्ट में करियर की सर्वश्रेष्ठ 94 रन की पारी खेलने वाले जो डेनली करियर के सर्वश्रेष्ठ 57वें पायदान पर पहुंच गये। रोरी बर्न्स भी पांच स्थानों के सुधार के साथ 56वें पायदान पर काबिज हैं।
ऑस्ट्रेलिया को हरा इंग्लैंड में जीती सीरीज
एशेज सीरीज के पांचवें और आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज कर सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया। हालांकि इस जीत के बावजूद आईसीसी की ताजा टेस्ट रैंकिंग में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का दबदबा ही देखने को मिला। ताजा रैंकिंग में स्टीव स्मिथ सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज और पैट कमिंस सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज है।'कुलदीप और लेेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की अनदेखी जल्दबाजी होगी'ओवल टेस्ट की पहली पारी में स्मिथ ने 80 रन का योगदान दिया। हालांकि दूसरी पारी में वो 23 रन ही बना पाए। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने विंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद से कोई नया मुकाबला नहीं खेला है। दूसरे स्थान पर मौजूद भारतीय कप्तान से स्टीव स्मिथ 34 प्वाइंट आगे हैं।
बांग्लादेश ने बल्लेबाज सौम्य सरकार को टीम से किया बाहर
पैट कमिंस भी गेंदबाजों की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर मौजूद दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज कगीसो रबाडा से 57 प्वाइंट आगे हैं।ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जड़ने वाले मैथ्यू वेड 32 पायदान की छलांग लगाते हुए अब 78वें स्थान पर आ गए हैं। पांच विकेट हॉल लेने वाले मिशेल मार्श 20 स्थान ऊपर आते हुए अब गेंदबाजों की रैंकिंग में 54वें स्थान पर पहुंच गए हैं। साल 2017 के बाद से यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।रिकी पोंटिंग बोले- एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड पर पड़ी भारी।पहली पारी में छह विकेट लेने वाले इंग्लिश गेंदबाज जोफ्रा आर्चर टॉप 40 टेस्ट गेंदबाजों में जगह बनाने में कामयाब रहे। इसी तरह पहली पारी में 70 और दूसरी पारी में 47 रन बनाने वाले जोस बटलर टॉप 30 टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार हो गए हैं।
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