नई दिल्ली। सस्ते मकान का सपना अब जल्द पूरा हो जायेगा। मोदी सरकार ने रियल सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है, कि 10 हजार करोड़ का फंड उन प्रोजेक्ट को दिया जायेगा, जिनका काम 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रोजेक्ट नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए न हो। इसके अलावा उन प्रोजेक्ट्स को भी यह फंड नहीं मिलेगा। जिनका मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इससे 3.5 लाख घरों को फायदा मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, 'अगर आप होम बायर हैं तो बिल्डर से पूछ सकते हैं कि आप NPA या फिर NCLT में हो या नहीं। अगर नहीं हो तो आप जाकर इस स्कीम का फायदा उठाओ जिससे आपको घर जल्द मिल सके। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नयी योजना (आरओडीटीईपी) की शनिवार को घोषणा की। निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है।अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी। इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है। उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी। इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी। मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।