शनिवार, 14 सितंबर 2019

नए विचारों के साथ धनार्जन होगा:मकर

राशिफल 


मेष-अच्छी खबर प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। हल्की हंसी-मजाक से बचें। शत्रु प्रताड़ित कर सकते हैं। आत्मसम्मान बना रहेगा। भाइयों का सहयोग मिलता रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। बड़े फैसले ले पाएंगे। लाभ होगा।


वृष-कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं। व्यापार की दृष्टि से की गई यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में सम्मान मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न लें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि लाभदायक रहेंगे। शुभ समय का लाभ लें।


मिथुन-महत्वपूर्ण निर्णय लेने की स्थिति में जल्दबाजी न करें। भावना में न बहें। कार्यकुशलता में कमी होगी। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। विवेक का प्रयोग करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। आय बनी रहेगी। जोखिम न उठाएं।


कर्क-व्यावसायिक यात्रा लंबी व सफल रहेगी। रुका हुआ पैसा मिल सकता है। नए काम मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग व प्रसन्नता प्राप्त होगी। शेयर मार्केट में जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमनत के कार्य टालें। लाभ होगा।


सिंह-आर्थिक उन्नति के लिए किए गए निर्णयों का लाभ मिलना शुरू हो सकता है। मित्रों व रिश्तेदारों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापारिक लाभ में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम न लें। शारीरिक कष्ट संभव है। प्रसन्नता बनी रहेगी। निवेश शुभ रहेगा।


कन्या-राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। रुके काम अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। किसी विवाद में अपना पक्ष मजबूती से रख पाएंगे। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। किसी अनजान व्यक्ति की बातों में न आएं। सावधान रहें।


तुला-वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में अतिरिक्त सावधानी रखें, विशेषकर गृहिणियां घर में कार्य करने वक्त लापरवाही न करें।  कारोबार अच्‍छा चलेगा। लाभ होगा।


वृश्चिक-राजकीय कार्यों में विशेष सफलता के योग हैं। किसी बड़े विवाद का हल प्राप्त होगा। विजय प्राप्त होगी। विवाह के उम्मीदवारों को वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती है।


धनु-उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नए काम मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। स्थायी संपत्ति के सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। सम्मान में कमी हो सकती है।


मकर-विवाह के उम्मीदवारों को वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपना कार्य कुशलता से कर पाएंगे। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। मन में नए विचार आएंगे। स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा पाएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनार्जन होगा।


कुंभ-दौड़धूप अधिक होने से थकान व कमजोरी रह सकती है। अतिउत्साह में कोई गलत निर्णय न लें।  यथासंभव यात्रा टालें। जोखिम न लें। आय बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।


मीन-जल्दबाजी न करें। चोट लगने की आशंका है। थोड़े प्रयास से ही काम पूरे होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में नए प्रयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। प्रमाद न करें।


अंतर्राष्ट्रीय बाजार का महत्वपूर्ण पदार्थ

वनस्पति जगत्‌ में पिप्पली कुल (Piperaceae) के मरिचपिप्पली (Piper nigrum) नामक लता सदृश बारहमासी पौधे के अधपके और सूखे फलों का नाम काली मिर्च (Pepper) है। पके हुए सूखे फलों को छिलकों से बिलगाकर सफेद गोल मिर्च बनाई जाती है जिसका व्यास लगभग 5 मिमी होता है। यह मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है।


मूल स्थान तथा उत्पादक देश
काली मिर्च के पौधे का मूल स्थान दक्षिण भारत ही माना जाता है। भारत से बाहर इंडोनेशिया, बोर्नियो, इंडोचीन, मलय, लंका और स्याम इत्यादि देशों में भी इसकी खेती की जाती है। विश्वप्रसिद्ध भारतीय गरम मसाले में, ऐतिहासिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से, काली मिर्च का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका वर्णन और उपयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। ग्रीस, रोम, पुर्तगाल इत्यादि संसार के विभिन्न देशों के सहस्रों वर्ष पुराने इतिहास में भी इसका वर्णन मिलता है। 15वीं शती में वास्को-डि-गामा द्वारा समुद्रमार्ग से भारत के सुप्रसिद्ध मलाबार के तटवर्ती इलाकों की खोज का मुख्य कारण भी काली मिर्च के व्यापार का आर्थिक महत्व ही था।


काली मिर्च का पौधा त्रावणकोर और मालाबार के जंगलों में बहुलता से उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त त्रावणकोर, कोचीन, मलाबार, मैसूर, कुर्ग, महाराष्ट्र तथा असम के सिलहट और खासी के पहाड़ी इलाकों में बहुतांश में उपजाया भी जाता है। दक्षिण भारत के बहुत से भागों में इसकी खेती घर-घर होती है। वास्तव में काली मिर्च के भारतीय क्षेत्र का विस्तार उत्तर मलाबार और कोंकण से लेकर दक्षिण में त्रावणकोर कोचीन तक समझा जाना चाहिए।


व्यापार 
आज काली मिर्च अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। संसार के कुल देशों में काली मिर्च का उत्पादन गत महायुद्ध के पूर्व के 96,525 मीटरी टनों से गिरकर लगभग 45,725 मीटरी टनों पर पहुँच गया था। इस भारी कमी का मुख्य कारण गत महायुद्ध में इंडोनेशिया की काली मिर्च की खेती का सर्वनाश ही समझना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में केवल भारत का उत्पादन ही महायुद्ध के पूर्व के 18,800 मीटरी टनों से बढ़कर 25,400 मीटरी टनों से ऊपर पहुँचा है।


 


श्राद्ध: पितृ ऋण सर्वोपरि है।

श्रद्धया इदं श्राद्धम्‌ (जो श्रदा से किया जाय, वह श्राद्ध है।) भावार्थ है प्रेत और पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अर्पित किया जाए वह श्राद्ध है।


हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई हैं। जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं जिसमे हम अपने पूर्वजों की सेवा करते हैं।आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ब्रह्माण्ड की ऊर्जा तथा उस उर्जा के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। धार्मिक ग्रंथों में मृत्यु के बाद आत्मा की स्थिति का बड़ा सुन्दर और वैज्ञानिक विवेचन भी मिलता है। मृत्यु के बाद दशगात्र और षोडशी-सपिण्डन तक मृत व्यक्ति की प्रेत संज्ञा रहती है। पुराणों के अनुसार वह सूक्ष्म शरीर जो आत्मा भौतिक शरीर छोड़ने पर धारण करती है प्रेत होती है। प्रिय के अतिरेक की अवस्था "प्रेत" है क्यों की आत्मा जो सूक्ष्म शरीर धारण करती है तब भी उसके अन्दर मोह, माया भूख और प्यास का अतिरेक होता है। सपिण्डन के बाद वह प्रेत, पित्तरों में सम्मिलित हो जाता है। पितृपक्ष भर में जो तर्पण किया जाता है उससे वह पितृप्राण स्वयं आप्यापित होता है। पुत्र या उसके नाम से उसका परिवार जो यव (जौ) तथा चावल का पिण्ड देता है, उसमें से अंश लेकर वह अम्भप्राण का ऋण चुका देता है। ठीक आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से वह चक्र उर्ध्वमुख होने लगता है। 15 दिन अपना-अपना भाग लेकर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पितर उसी ब्रह्मांडीय उर्जा के साथ वापस चले जाते हैं। इसलिए इसको पितृपक्ष कहते हैं और इसी पक्ष में श्राद्ध करने से पित्तरों को प्राप्त होता है।


पुराणों में कई कथाएँ इस उपलक्ष्य को लेकर हैं जिसमें कर्ण के पुनर्जन्म की कथा काफी प्रचलित है। एवं हिन्दू धर्म में सर्वमान्य श्री रामचरित में भी श्री राम के द्वारा श्री दशरथ और जटायु को गोदावरी नदी पर जलांजलि देने का उल्लेख है एवं भरत जी के द्वारा दशरथ हेतु दशगात्र विधान का उल्लेख भरत कीन्हि दशगात्र विधाना तुलसी रामायण में हुआ है।


भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार मनुष्य पर तीन प्रकार के ऋण प्रमुख माने गए हैं- पितृ ऋण, देव ऋण तथा ऋषि ऋण। इनमें पितृ ऋण सर्वोपरि है। पितृ ऋण में पिता के अतिरिक्त माता तथा वे सब बुजुर्ग भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने हमें अपना जीवन धारण करने तथा उसका विकास करने में सहयोग दिया। पितृपक्ष में हिन्दू लोग मन कर्म एवं वाणी से संयम का जीवन जीते हैं; पितरों को स्मरण करके जल चढाते हैं; निर्धनों एवं ब्राह्मणों को दान देते हैं। पितृपक्ष में प्रत्येक परिवार में मृत माता-पिता का श्राद्ध किया जाता है, परंतु गया श्राद्ध का विशेष महत्व है। वैसे तो इसका भी शास्त्रीय समय निश्चित है, परंतु 'गया सर्वकालेषु पिण्डं दधाद्विपक्षणं' कहकर सदैव पिंडदान करने की अनुमति दे दी गई है।


पिता-पुत्र और पौत्र की निरंतरता

श्राद


पूर्वज पूजा की प्रथा विश्व के अन्य देशों की भाँति बहुत प्राचीन है। यह प्रथा यहाँ वैदिक काल से प्रचलित रही है। विभिन्न देवी देवताओं को संबोधित वैदिक ऋचाओं में से अनेक पितरों तथा मृत्यु की प्रशस्ति में गाई गई हैं। पितरों का आह्वान किया जाता है कि वे पूजकों (वंशजों) को धन, समृद्धि एवं शक्ति प्रदान करें। पितरों को आराधना में लिखी ऋग्वेद की एक लंबी ऋचा (१०.१४.१) में यम तथा वरुण का भी उल्लेख मिलता है। पितरों का विभाजन वर, अवर और मध्यम वर्गों में किया गया है (कृ. १०.१५.१ एवं यजु. सं. १९४२)। संभवत: इस वर्गीकरण का आधार मृत्युक्रम में पितृविशेष का स्थान रहा होगा। ऋग्वेद (१०.१५) के द्वितीय छंद में स्पष्ट उल्लेख है कि सर्वप्रथम और अंतिम दिवंगत पितृ तथा अंतरिक्षवासी पितृ श्रद्धेय हैं। सायण के टीकानुसार श्रोत संस्कार संपन्न करने वाले पितर प्रथम श्रेणी में, स्मृति आदेशों का पालन करने वाले पितर द्वितीय श्रेणी में और इनसे भिन्न कर्म करने वाले पितर अंतिम श्रेणी में रखे जाने चाहिए।


ऐसे तीन विभिन्न लोकों अथवा कार्यक्षेत्रों का विवरण प्राप्त होता है जिनसे होकर मृतात्मा की यात्रा पूर्ण होती है। ऋग्वेद (१०.१६) में अग्नि से अनुनय है कि वह मृतकों को पितृलोक तक पहुँचाने में सहायक हो। अग्नि से ही प्रार्थना की जाती है कि वह वंशजों के दान पितृगणों तक पहुँचाकर मृतात्मा को भीषण रूप में भटकने से रक्षा करें। ऐतरेय ब्राह्मण में अग्नि का उल्लेख उस रज्जु के रूप में किया गया है जिसकी सहायता से मनुष्य स्वर्ग तक पहुँचता है। स्वर्ग के आवास में पितृ चिंतारहित हो परम शक्तिमान् एवं आनंदमय रूप धारण करते हैं। पृथ्वी पर उनके वंशज सुख समृद्धि की प्राप्ति के हेतु पिंडदान देते और पूजापाठ करते हैं। वेदों में पितरों के भयावह रूप की भी कल्पना की गई है। पितरों से प्रार्थना की गई है कि वे अपने वंशजों के निकट आएँ, उनका आसन ग्रहण करें, पूजा स्वीकार करें और उनके क्षुद्र अपराधों से अप्रसन्न न हों। उनका आह्वान व्योम में नक्षत्रों के रचयिता के रूप में किया गया है। उनके आशीर्वाद में दिन को जाज्वल्यमान और रजनी को अंधकारमय बताया है। परलोक में दो ही मार्ग हैं : देवयान और पितृयान। पितृगणों से यह भी प्रार्थना है कि देवयान से मर्त्यो की सहायता के लिये अग्रसर हों (वाज. सं. १९.४६)।


संहिताओं और ब्राह्मणों की बहुत सी पंक्तियों में मृत्यु के प्रति मिलता है। पहला जन्म साधारण जन्म है। पिता की मृत्यु के उपरांत पुत्र में ओर पुत्र के बाद पौत्र में जीवन की जो निरंतरता बनी रहती है उसे दूसरे प्रकार का जन्म माना गाया है। मृत्युपरांत पुनर्जन्म तीसरे प्रकार का जन्म है। कौशीतकी में ऐसे व्यक्तियों का उल्लेख है जो मृत्यु के पश्चात् चंद्रलोक में जाते हैं और अपने कार्य एवं ज्ञानानुसार वर्षा के माध्यम से पृथ्वी पर कीट पशु, पक्षी अथवा मानव रूप में जन्म लेते हैं। अन्य मृत्क देवयान द्वारा अग्निलोक में चले जाते हैं।


छांदोग्य के अनुसार ज्ञानोपार्जन करने वाले भले व्यक्ति मृत्युपरांत देवयान द्वारा सर्वोच्च ब्राह्मण पद प्राप्त करते हैं। पूजापाठ एवं जनकार्य करने वाले दूसरी श्रेणी के व्यक्ति रजनी और आकाश मार्ग से होते हुए पुन: पृथ्वी पर लौट आते हैं और इसी नक्षत्र में जन्म लेते हैं।


स्मृतियों एवं पुराणों में भी आत्मासंसरण संबंधी विश्वास पाए जाते हैं और इनमें भी पितृर्पण के हेतु श्राद्धसंस्कारों की महत्ता परिलक्षित होती है। मृत्युपरांत पितृ-कल्याण-हेतु पहले दिन दस दान और अगले दस ग्यारह दिन तक अन्य दान दिए जाने चाहिए। इन्हीं दानों की सहायता से मृतात्मा नई काया धारण करती है और अपने कर्मानुसार पुनरावृत्त होती है। पितृपूजा के समय वंशज अपने लिये भी मंगलकामना करते हैं।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (कर्तव्यवाद)

गतांक से...
उन्होंने भयंकर वनो में साक्लय एकत्रित किया। नाना प्रकार की औषधियों का मिश्रण हो गया। उससे सुगंधित पदार्थ जो पुष्पी वालों पदार्थ की वृद्धि करने वाली थी। उस औषधियो के साकल्‍य को एकत्रित किया और वह मुंजूक ऋषि के यहां एक कामधेनु गऊ रहती थी। उसके घृत को लिया, वह यज्ञ की सफलता का एक मूल है मुलक बन जाता है। तो उन्होंने यज्ञ प्रारंभ किया। मुंजुक ॠषि ने उस यज्ञ का प्रारंभ कराया और अपने शुद्ध हृदय से निर्भय बन करके उन्होंने यज्ञ का प्रारंभ किया। जब प्रारंभ हुआ तो उस वन मे भयंकर सिंहराज मृगराज भी ध्वनि को ध्वनित अपने में श्रवण करने लगे। मुझे कुछ ऐसा स्मरण है मुनिवरो, देखो वहां कहीं से भ्रमण करते हुए भारद्वाज गोत्र से विश्वतम ऋषि महाराज कहीं से भ्रमण करते हुए आ गए। मुंजुकॠषि भी विद्यमान है। उन्होंने मुनिवरो, देखो साकल्‍य की अग्नि में अर्पित करने लगे। तो उन्होंने कहा ॠषिवर उनके अंतरण को मुंजुकॠषि ने दृष्टिपात किया और मुंजुकॠषि ने कहा कि तुम्हें यह प्रतीत है कि यह जो व्रतकेतू जो याग कर रहे हैं। यह क्यों कर रहे हैं?उन्होंने कहा प्रभु मैं तो नहीं जानता। उन्होंने कहा यह सनातन शुद्धि के लिए,आत्मशुद्धि के लिए, यह वायुमंडल को पवित्र बनाएंगे। ब्रहम-जगत जब तक हमारा पवित्र नहीं होगा। हम अंतर-जगत को पवित्र नहीं बना सकते इसलिए यह ब्रहम-जगत का शोधन कर रहे हैं तो उन्हे ऐसा स्मरण है। उन्होंने कहा तो क्या मैं नहीं बना सकता। तुम्हारी विचारधारा में तमोगुण छाया हुआ है और वह तमोगुण की तरंगों का वायु मंडल अग्‍नी के ऊपर विश्राम करके वाय में प्रवेश कर गए तो यह वायुमंडल पवित्र नहीं बना सकेंगे। इसलिए तुम अपनी विचारधारा को पवित्र बना करके प्राप्त हो। उन्होंने कहा मुंजुक ॠषि से प्रभु प्राप्त यथार्थ कहते हैं। मेरा रजोगुणी विचार रहा है मैं तो सतोगुणी बनाना चाहता हूं। उन्होंने कहा जाओ तपस्या करो। तो उन्होंने देखा कि यग का प्रारंभ किया। तो राजा व्रतकेतू ने याग संपन्न किया। मुंजुकॠषि के सहयोग से वायु मंडल पवित्र हो गया। तो वायुमंडल में जो शब्दों की धारा है ध्‍वनिया है गृह में क्या ,आश्रम में क्या ,वह वायु में भ्रमण करती रहती है। अग्नि की तरंगों पर विद्यमान हो जाता है। यह ज्ञान हमारे समीप परम्‍परागतो से ऋषि मुनियों के मस्तिष्क में नृत्य करता रहा है। जो मुंजुकॠषि महाराज ने एक वर्ष तक इस प्रकार की याग प्रारंभ किया। प्रात: कालीन याग होना,मध्यकालीन अध्‍यन होना और देखो सायं काल को याग के पश्चात चिंतन करना। मनिवरो देखो उनका ह्रदय 1 वर्ष के पश्चात उनकी जो भावना रजोगुण की जो भावना यह समाप्त हो गई। हृदय में  उनका ब्रहम जगत पवित्र बन गया। साधना में परिणत हो गए।
वह साधना मे परिणत हो गये। साधना उनकी बड़ी विचित्र ता में चली गई आगे चलकर वह ब्रह्म बिता बने तो मुनिवर देखो वाक्य उच्चारण करने का अभिप्राय यह है कि हम अपने इस मानवीय जीवन को इतना महान इतना पवित्र बनाएं कि हमारा ब्राह्मण जगत, अंतर-जगत दोनों पवित्र हो जाए और हम ब्रह्मा को एक-एक, कण-कण में दृष्टिपात करने लगे तो मुनिवरो हमारा अंतर-हृदय अभिमान मुक्‍त बन सकता है और नीरअभिमानी बन करके हम वेद रूपी प्रकाश को अपना करके, स्वत: प्रकाशमान हो जाए। मेरे प्यारे देखो यह वाक मैंने अभी-अभी प्रकट किया है। अब मेरे प्यारे महानंद जी शब्द उच्चारण करेंगे।
श्रावणि गतम्‌ मना: वाचन्‍नम्‌ वृहे कृतं
 मेरे पूज्य पाद गुरुदेव मेरे भक्त ऋषि मंडल, मेरे पूज्य पाद गुरुदेव गुरुदेव वेद और दर्शन की वार्ता प्रकट कर रहे थे। क्योंकि यह जो मानवीय दर्शन है यह परंपरागतो से ही विचित्र माना गया है। जब हम पूज्‍यपाद गुरुदेव के चरणों में और ओत-प्रॊत होते हैं तो हम अपने में अपने को धन्य स्वीकार करते रहते हैं। बहुत समय हो गया है इसका अध्ययन करते हुए मुझे किसी काल में असमंजस हो जाता है। उसके बाद के हृदय में इतने ज्ञान की धाराओं की उपलब्धियां होती रहती है। कितनी महान स्मरण शक्ति है, स्मरण शक्ति के द्वारा यह वह उदगीत गाते रहते हैं और ऐसे समुद्र में चले जाते हैं जहां से नाना रत्नों को ले करके आते हैं। याग की विवेचना कर रहे हैं इनका विवेचनामयी हृदय अदम्‍यमयी ज्योति वाला जो उद्देश्य है। वह हमारे हृदय को स्पर्श करता रहता है। परंतु आज पूज्य पाद गुरुदेव को मैं तो कुछ परिचय देने चला आता हूं। मैं व्याख्या देना नहीं चाहता। पूज्‍यपाद गुरुदेव को मैंने कुछ उदगीत गाने के लिए चला आया हूं और वह क्या है कि जहां यह हमारी आकाशवाणी जा रही है। जहां हमारी यह प्रेरणादायक शब्द जा रहे हैं। उस स्थली पर एक यज्ञ का समापन हुआ है। मेरा हृदय बड़ा गदगद रहता है कि यह जो काल है बड़ा विचित्र काल चल रहा है। यहां सूरा पान माशांहार की एक गतिया मानव के हृदय में गतिशील हो रही है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 15, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-43 (साल-01)
2. शनिवार,15सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि प्रतिपदा ,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:00,सूर्यास्त 6:00
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275


शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

बुंदेलखंड के हर घर को स्वच्छ पानी:योगी

योगी का ऐलान : दो वर्ष में बुंदेलखंड के हर घर को शुद्ध पानी


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड समृद्ध परंपरा का क्षेत्र है। इसका विकास कराना हम सबका नैतिक कर्तव्य है। अगले दो वर्षों में बुंदेलखंड के हर गांव में, हर घर तक नलों से शुद्ध पेयजल पहुंचाएंगे। इसके लिए सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। अगले दो माह के अंदर बुंदेलखंड एक्सप्रेस का शिलान्यास प्रधानमंत्री से करवाकर यहां के विकास का द्वार खोलेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली से चित्रकूट का सफर मात्र पांच घंटे को हो जाएगा। शुक्रवार को झमाझम बारिश के बीच 20 मिनट देरी से पहुंचे मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने सीआईसी परिसर में 182 करोड़ रुपए की 70 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर जिले को सौगात दी। यहां मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र देकर लाभान्वित किया। यहां आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट कोरेल मार्ग, वायु व सड़क मार्ग के जरिए महानगरों से जोड़ेंगे। तरक्की के द्वार बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के अलावा प्रयागराज से इसकी कनेक्टिविटी और आसान की जाएगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की उपेक्षा अब तक की सरकारों ने हमेशा किया है। लेकिन केन्द्र व प्रदेश सरकार ने यहां के लिए खजाना खोल दिया है। देश में दो डिफेंस कारीडोर बन रहे हैं। जिसमें एक यूपी के हिस्से आया है। इसमें चित्रकूट, झांसी, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ व लखनऊ समेत छह केन्द्र है। अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में असलहों के शौक की चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें पता चला है कि यहां यह रिवाज है कि यहां किसी के घर बंदूक नहीं है, तो उसकी शादी नहीं होती। डिफेंस कारीडोर के माध्यम से अब बुंदेलखंड में बंदूक ही नहीं, अब तोप बनेगी। जिसका इस्तेमाल देश की सुरक्षा में होगा। यहां का नौजवान इससे रोजगार भी पाएगा।


 


भ्रष्टाचार में किसी चोर-उचक्के की शह जरूर

आखिर डूडा विभाग में भ्रष्टाचारियों का किसको समर्थन प्राप्त है


हैदर अली-संवाददाता


गाजियाबाद। नगर निगम गाजियाबाद में बोर्ड मीटिंग के दौरान उठा बीओटी को लेकर और पार्षदों द्वारा पवन शर्मा परियोजना अधिकारी के द्वारा दिए गए टेंडरों में भ्रष्टाचार से लिप्त होने के आरोप के बावजूद आज देश की दास्तान एक खुलासा और कर रही है। विजय नगर क्षेत्र के बागू के अंदर एक ही परिवार के 5 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर पात्र लाभार्थी घोषित किया गया। उसमें दो लोगों द्वारा लाभार्थियों से ₹50000 की रकम वसूली गई और उनको डरा धमका कर, यह पुराने सरिया से मकान बनाने पर मजबूर किया गया। अगर ऐसा ही कार्य विजय नगर के अंदर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लोगों को पैसा पूरा नहीं मिला और उन्हीं लोगों ने पुराने लोहे को लगाकर अपना मकान बनाया गया और वह मकान किसी तेज भूकंप के झटकों में धराशाई हो गया तो उनका जिम्मेदार कौन होगा? जब इस मामले की जांच पड़ताल की गई तो लाभार्थी बिरजू लाभार्थी राकेश लाभार्थी जितेंद्र से विनोद व बिना गौतम नामक लोगों ने ₹50000 तक पैसे वसूले हैं। इन लाभार्थियों के अंदर तीन मकान बने हुए और दो की तैयारी है। जिनमें जो पहले से तीन मकान बने हुए हैं उनका निकला हुआ पुराना सरिया नए बनाए जा रहे है।मकानों में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन मकानों के सरियो की हालत ऐसी है एक 12 साल का बच्चा भी उस सरिए को मोड़ सकता है। इस मामले की जांच अगर उच्च अधिकारियों द्वारा की जाए तो करोड़ों रुपए का घपला सामने आ सकता है। डूडा विभाग की हरकतें  किसी से छिपी नहीं है और भ्रष्टाचार के मामले में अगर कोई विभाग नंबर वन पर आता है तो वह गाजियाबाद का डूडा विभाग हैै।


घर बैठे लोगो पर किया हमला, दो घायल

गाजियाबाद। मुरादनगर शहर की ईदगाह कॉलोनी स्थित चौड़े खडजे पर मां बेटों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया ।पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी है। नगर की ईदगाह कॉलोनी निवासी सदाकत ने बताया की वह अपने घर पर बैठा हुआ था ।इसी बीच पड़ोस के एक युवक ने उनके घर में घुसकर अपने बेटों के साथ उन पर जानलेवा हमला कर दिया। बीच-बचाव में उनका भाई आस मोहम्मद , मां नसीमा आई तो उन्हें भी मारपीट कर घायल कर दिया ।पुलिस ने युवक के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


धरपकड़ अभियान में पकड़े गए दो चोर

रजत शर्मा


हापुड। जनपद हापुड़ के पिलखुवा पुलिस ने दो शातिर चोरों को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया। पिलखुवा पुलिस ने मुखबीर की सूचना परगालन्द चैराहे पर चेकिंग अभियान चलाकर दो चोरों को गिरफ्तार करने में पिलखुवा पुलिस कामयाबी मिली है। पुलिस अधीक्षक द्वारा शातिर चोर/लुटेरों की धरपकड हेतु चलाये जा रहे अभियान एवं  अपर पुलिस अधीक्षक  के निर्देशन में क्षेत्राधिकारी पिलखुवा के कुशल पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक योगेश बालियान द्वारा मय हमराही फोर्स के गश्त व चैकिंग के दौरान शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर थाना हाजा पर पंजीकृत मु0अ0सं0 403/19 धारा 380 भादवि का सफल अनावरण करते हुए 02 शातिर चोरों को  गिरफ्तार किया गया। चोरो के  से कब्जे/निशानदेही पर चोरी की 01 मोटर साईकिल व 04 बैटरी बरामद की गई।


 अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि  हम बैट्री चोरी कर चलते फिरते कबाडी को बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करता हैं। चोरों ने पुलिस की पूछताछ के बाद अपना नाम गुलफाम पुत्र फरमान निवासी ग्राम नाहर थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद कासिम पुत्र असलम निवासी ग्राम नाहर थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद बतलाया।गिरफ्तार करने वाली टीमः-


श्री योगेश बालियान प्रभारी निरीक्षक थाना पिलखुवा जनपद हापुड,उनि श्री संजय कुमार थाना पिलखुवा जनपद हापुड,
हैकां राजवीर सिंह थाना पिलखुवा जनपद हापुडदोनों चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर चोरी का सामान बरामद कर लिया, वहीं  दोनो चोरों को चालान कर जेल भेज दिया गया है।


कांग्रेस की बैठक से उपजे सवाल,मिले तथ्य

कांग्रेस की बैठक में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी वाला बयान ही रखा। 
बैठक के बाद दिल्ली में ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने महासचिव पांडे के साथ बैठक की। 

दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में श्रीमती गांधी ने अपने पुत्र और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी वाला ही बयान रखा। सोनिया का कहना रहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदरी लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। सोनिया ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अथवा मुख्यमंत्रियों से इस्तीफे की बात तो नहीं की, लेकिन इशारों-ही इशारों में बड़ी बात कह दी। मालूम हो कि राहुल गांधी ने भी कहा था कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी भी बड़े नेता ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की। राहुल का इशारा कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों की ओर था। हालांकि बैठक में सोनिया गांधी ने आर्थिक मंदी पर केन्द्र सरकार को घेरने के लिए आंदोलन चलाने की बात कही। सोनिया का कहना रहा कि अभी आर्थिक मंदी को लेकर देश में जो माहौल है उस पर नरेन्द्र मोदी की सरकार को घेरा जा सकता है। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी आर्थिक मंदी पर देश के हालातों के बारे में नेताओंको बताया।  बैठक में देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने का निर्णय भी हुआ। 
गहलोत, पायलट और पांडे की बैठक:
कांग्रेस की राष्ट्रीय बैठक की समाप्ति के बाद दिल्ली स्थित मुख्यालय में ही राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे के कक्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट की गुप्ता बैठक हुई। बैठक से बाहर निकलने पर गहलोत और पायलट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन माना जा रहा है कि राजस्थान में सरकार और संगठन में जो खींचतान चल रही है उसको लेकर विचार हुआ। सूत्रों की माने तो गहलोत और पायलट के साथ पांडे की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव से ही हुई है। हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने सरकार के काम काज को लेकर जो बयान दिए हैं, उनसे सोनिया गांधी खुश नहीं है। मालूम हो कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर 11 सितम्बर को ही पायलट ने प्रतिकूल टिप्पणी दी है। प्रदेश में गृहविभाग मुख्यमंत्री गहलोत के पास है। कांग्रेस संगठन और सरकार में पिछले कई दिनों से एक व्यक्ति एक पद की मांग उठ रही है। इस मांग से प्रदेशाध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट बेहद खफा बताए जाते हैं। 
एस.पी.मित्तल


अखंड भारत की अवधारणा (विविध)

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तर्ज पर आया जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का बयान। अखंड भारत की अवधारणा के साथ कश्मीर से 370 हटाने का समर्थन। पाकिस्तान तो हमारा दुश्मन है। मदरसों की हालत भी सुधरे। 

दिल्ली में देश के लाखों मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाला संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की एक बैठक हुई। इस बैठक में संस्था के देशभर के दो हजार प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में देश के ताजा हालातों को लेकर कई प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। बैठक की जानकारी देते हुए संस्था के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पाकिस्तान तो हमारा दुश्मन है। अब हम अखंंंड भारत की सोच रखते हैं, इसलिए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन कर रहे हैं। अब तक 370 की वजह से कश्मीर में आतंकवाद पनप रहा था। कश्मीर के लोगों की भलाई भारत के साथ रहने में हैं। मौलाना ने कहा कि हम सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते हैं। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के लिए जो भी कदम उठाए हैं, उनका हम स्वागत करते हैं। देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। 
एनआरसी पूरे देश में हों:
मौलाना मदनी ने कहा कि एनआरसी पूरे देश में होनी चाहिए। भारत में भारतवंशियों को ही रहने का हक है। यदि कोई विदेशी नागरिक अवैध तरीके से रह रहा है तो उसे बाहर निकाला जाना चाहिए। सरकार पूरे देश में एनआरसी करवाती है तो हमारी संस्था पूरा सहयोग करेगी। एनआरसी पर किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए। 
मदसों की हालत सुधरे:
मौलाना मदनी ने कहा कि मदरसों को मॉर्डन बनाए जाने की जरूरत है। उनकी संस्था बड़े पैमाने पर देशभर में मदरसों का संचालन करती है। हम चाहते हैं कि मदरसों में सरकार द्वारा निर्धारित शिक्षा भी दिलवाए जाए। जब मदरसों से पढ़ाई पूरी कर विद्यार्थी बाहर निकले तो उसके पास मजहबी डिग्री के साथ सरकारी शिक्षा की भी डिग्र्री हो। इसके लिए राज्यों की सरकारों से संवाद कर रहे हैं। मौलाना ने कहा कि हम मदरसों को देश की मुख्य धारा से जोडऩे के पक्ष में हैं।
पाकिस्तान परस्तों को मुंहतोड़ जवाब:
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के बाद भारत के कई राजनेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, ऐसे पाकिस्तान परस्त नेताओं को आज जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। जमीयत ने साफ कर दिया है कि अब इस देश में देशभक्त लोग ही रह सकते हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जमीयत के इस रुख के बाद पाकिस्तान परस्त नेताओं को मुंह बंद हो जाएगा। 
एस.पी.मित्तल


जन समस्या को समर्पित जन्मदिन

जन्मदिन पर किशनगढ़ विधायक सुरेश टाक ने दो लाख रुपए की सफाई मशीन अस्पताल में भेंट की।
अजमेर। किशनगढ़ क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने अपना जन्मदिन सादगी से मनाया। हालांकि देश भर में विख्यात मार्बल नगरी के नाम से माने जाने वाले किशनगढ़ में समर्थकों में जन्मदिन को लेकर उत्साह था। लेकिन बाजारों में होर्डिंग लगाने के लिए टाक ने पहले ही मना कर दिया था। टाक ने अपने समर्थकों के साथ किशनगढ़ के यज्ञ नारायण राजकीय अस्पताल में सफाई कार्य के लिए दो लाख रुपए मूल्य वाली मशीन भेंट की। टाक ने स्पष्ट किया कि यह मशीन न तो विधायक कोष से और न जनसहयोग से खरीदी है, बल्कि विधायक के तौर पर मुझे जो वेतन-भत्ते मिलते हैं उस राशि से मशीन खरीदी गई है। यानि भुगतान उन्होंने अपनी जेब से किया है। टाक ने कहा कि किशनगढ़ के लोगों ने मुझे जिस उम्मीद से वोट दिया है, उस उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा। मैंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को समर्थन भी किशनगढ़ के हित में दिया है। मैं चाहता हूं कि किशनगढ़ का चहुमुखी विकास हो। इसके लिए राज्य सरकार का सहयोग जरूरी है। मैं पंचायत स्तर पर लोगों से लगातार सम्पर्क कर रहा हूं। किशनगढ़ शहर की बिगड़ी ट्रेफिक व्यवस्था को सुधारने का भी इंतजाम किया जा रहा है। पहली बार पार्किंग स्थल नो वेंडर जोन जैसे प्रयोग किशनगढ़ में किए गए हैं। मार्बल कारोबारियों की समस्याओं के समाधान का भी प्रयास लगातार जारी है। उन्हेंने कहा कि मैं चुनाव के नजरिए से कामकाज नहीं कर रहा हूं। मैं तो किशनगढ़ के लोगों की भलई के उद्देश्य से काम कर रहा हूं। मुझे पता है कि मैं भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को हरा कर किशनगढ़ विधायक बना हूं। इस बात से कोई फर्क नहीं पढ़ता कि अगली बार विधायक बनू या नहीं, लेकिन मेरे मौजूदा पांच वर्ष के कार्यकाल को किशनगढ़ के लोग हमेशा याद रखेंगे। मोबाइल नम्बर 9414010882 पर विधायक टाक को जन्मदिन की बधाई दी जा सकती है। 
सकता है। 
एस.पी.मित्तल


गडकरी के खिलाफ भाजपा सरकार

जब गडकरी का महाराष्ट्र ही नहीं मान रहा तो फिर नया मोटर व्हीकल एक्ट संसद में मंजूर क्यों करवाया? क्या इस एक्ट को लेकर गडकरी और सरकार में मतभेद हैं?

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी कई बार ऐसे बयान देते हैं जिससे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सामने संकट खड़ा होता है। ताजा संकट नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को लेकर है। वैसे तो गडकरी सड़क मंत्री हैं, लेकिन अब गड़करी का कहना है कि नए एक्ट को लागू करने की उनकी अकेले की जिम्मेदारी नहीं है। गडकरी के इस बयन से साफ जाहिर है कि उनकी अपनी ही सरकार के प्रति नाराजगी है। सब जानते हैं कि गडकरी के मंत्रालय में प्रधानमंत्री भी हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इसका एक कारण यह भी कि खुद गडकरी बहुत मेहनत के साथ अपना काम करते हैं। पिछले पांच वर्षों में जिस तेजी से नेशनल हाइवे बने उतने साठ सालों मेेें नहीं बने। गडकरी के कामकाज की प्रधानमंत्री भी प्रशंसा कर चुके हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि को लेकर गडकरी अकेले पड़ गए हैं। कांग्रेस शासित राज्यों ने तो पहले ही एक्ट को मानने से इंकार कर दिया था, लेकिन गडकरी को तब धक्का लगा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाजपा शासित राज्य गुजरात ने भी एक्ट के जुर्माने में संशोधन कर दिया। अब गडकरी के अपने राज्य महाराष्ट्र ने भी संशोधन की बात कही है। चुनाव को देखते हुए दिल्ली से सटे हरियाणा ने भी जुर्माना राशि को ज्यादा बताया है। सवाल उठता है कि गडकरी ने नया एक्ट बनाते समय राज्यों से संवाद नहीं किया? यह माना कि संविधान के मुताबिक मोटर व्हीकल एक्ट देशभर में एक समान होता है और इसके प्रावधान राज्यों को भी लागू करने पड़ते हैं। लेकिन जुर्माना राशि को कम करने का अधिकार राज्यों को है। जबकि गडकरी का तर्क है कि दुर्घटना को रोकने के लिए जुर्माना राशि अधिक रखी गई है। अब जब राज्य अपने स्तर पर जुर्माना राशि को कम कर रहे हैंं तो फिर गडकरी के तर्क का क्या होगा? नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर विरोध के जो हालात हैं उसमें आने वाले दिनों में गडकरी कह सकते हैं कि जब राज्य अपने लोगों को ही मारना चाहते हैं तो वे क्या कर सकते हैं? सब जानते हैं कि गडकरी अपने स्वभाव की वजह से नए एक्ट पर पुनर्विचार नहीं करेंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में पता चलेगा कि नए एक्ट का क्या होता है? फिलहाल देशहित में गडकमरी का स्वस्थ रहना जरूरी है। 
एस.पी.मित्तल


खनन माफियाओं के सामने पस्‍त प्रशासन

जिले में बालू के अवैध खनन को न तो सरकार की हनक रोक पा रही है न ही जिलाधिकारी औरंगाबाद की सख्ती।


रबिश कुमार


औरंगाबाद। पुलिस व बालू माफिया की गठजोड़ से जिले में बालू का अवैध कारोबार औरंगाबाद में आराम से चल रहा है। फर्क बस इतना है कि पहले यह धंधा रात के अंधेरे में होता था अब दिन के उजाले में भी हो रहा है। खनन व राजस्व विभाग का भी आशीर्वाद होने से धंधेबाज मस्त हैं और  पब्लिक परेशान है।उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये प्रति माह सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने वाले इस अवैध धंधे के खिलाफ उठने वाली आवाज को पुलिस अपने शान में गुस्ताखी मानती है और बालू माफिया के बचाव में कोई भी कदम उठाने गुरेज नहीं कर रही है। लाइव ख़बर और बिहार टुडे के पास मौजूद वीडिओ इस बात को तस्दीक करते हैं।ग्रामीण और ड्राइवर नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि ओबरा थानाध्यक्ष दस से पंद्रह हजार रुपये मासिक लेते हैं।इस बाबत थानाध्यक्ष ने से संवाददाता ने पूछा तो अपनी कड़क आवाज़ से नकारा और कारवाई की बात कही।
मालूम रहे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में अवैध खनन को सख्ती से रोकने का आदेश भी दिया है साथ ही बिहार के नए डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय लगातार पुलिसिंग और कार्यपद्धति बदलने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।पुलिस महानिदेशक के सख्त चेतावनी के बावजूद भी ओबरा थाना पर कोई असर नही दिख रहा है।ओबरा थाना क्षेत्र से गुजर रहे सोन नदी के पास आधा दर्जन गाँवों में अवैध बालू खनन धड़ल्ले से चल रहा है।इस अवैध खनन से राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है तो दूसरी तरफ अवैध बालू लदे ट्रैक्टर अक्सर अनियंत्रित गति में चलते रहते हैं। जिससे दुर्घटना की भी व्यापक आशंका बनी हुई है। पंचायत के ग्रामीणों ने कई बार इस अवैध खनन की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से ये लोग भी चुपी साध ली। नौनेर और अधौरा के समीप नदी से खनन हो रहा है। दर्जनों ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए।क्षेत्र के ग्रामीण राधेश्याम सिंह,विनोद सिंह यादव,युगल किशोर यादव,अर्जुन यादव,नरेंद्र सिंह, विकास सिंह, अवधेश सिंह यादव, सूबेदार पासवान,मंटू सिंह, पप्पू सिंह सहित दर्जनों  ग्रामीणों ने डीहरा लख पे दाउदनगर-बारुण मुख्य पथ पर प्रशासन का विरोध किया और उनके रवैये पर प्रश्नचिन्ह उठाये।बताया कि इस क्षेत्र के ही कुछ लोगों द्वारा यह कारोबार चलाया जा रहा है। प्रत्येक दिन दो सौ से भी अधिक ट्रैक्टर नदी से अवैध बालू लेकर औरंगाबाद, रोहतास,कैमूर और बक्सर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इस कारोबार से ट्रैक्टर मालिक के साथ -साथ अवैध खनन करा रहे दबंग भी मालोमाल हो रहे हैं।इससे नुकसान तो सिर्फ सरकार का हो रहा है।इस ओर संबंधित पदाधिकारी का कोई ध्यान नहीं पहुंच रहा है।क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भी अवैध बालू खनन हो रहा है । जिसे रोकने में प्रशासन विफल है।
इससे इतर हैरान करने वाली बात यह है कि शाम तो शाम सुबह में भी बीच सड़क पर बालू लदे ट्रैक्टर और ट्रक बारुण और दाउदनगर की ओर कूच करते हैं। पुलिस वाले की मंशा अगर साफ हो तो बिना कहीं गए सभी मुख्य सड़को को सील कर चेकनाका लगा दिया जाए तो बालू माफिया पर लगाम लगाई जा सकती है। इधर लाइव ख़बर प्रतिनिधि के अनुसार थाना क्षेत्र के तकरीबन आधा दर्जन घाट पर बालू का उठाव धड़ल्ले से जारी है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रैक्टर से बालू का उठाव किया जा रहा है व सक्रिय माफियाओं द्वारा इसका व्यापक पैमाने पर संग्रह किए जाने का कार्य भी हो रहा है। 


सब से हैरान करने वाली बात यह है कि अवैध बालू के उठाव का खेल प्रशासन के नजरों के सामने हो रहा है। जानकारी के अनुसार ओबरा थाना क्षेत्र के नौनेर एवं अधौरा घाट के इलाके में सोन नदी से हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर से बालू का उठाव बदस्तूर जारी है। इस बाबत पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि पुलिस लगातार करवाई कर रही है साथ ही सूचना मिली है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। रोक के बावजूद भी अगर बालू माफियाओं द्वारा बालू का उठाव करवाया जा रहा है तो विभागीय स्तर से बालू माफियाओं को चिन्हित कर उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।


जनता से संवाद बनाए,समस्या सुने:नायडू

नई दिल्‍ली। कल भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2017 बैच के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए श्री नायडू ने सभी स्‍तरों पर जनता के हित में पारदर्शी और प्रभावी शासन प्रदान करने का आह्वान किया। उन्‍होंने अनावश्‍यक नियम और विनियमों को समाप्‍त करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया। उन्‍होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपना ज्‍यादा समय लोगों से नियमित रूप से संवाद बनाए रखने और उनकी समस्‍याएं सुनने में बिताएं। उन्‍होंने कहा कि बाहर निकलने पर ही असली चीजों का पता लगता है। उपराष्‍ट्रपति ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे स्‍वराज्‍य को सुराज्‍य में बदलने में अग्रणी भूमिका निभाएं और एक भ्रष्‍टाचार मुक्‍त, जनहित केंद्रित तथा कारोबार अनुकूल शासन सुनिश्चित करें ताकि विकास का फायदा लोगों के जीवन में सुधार  के रूप में दिख सके।


श्री नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत सरकार ने कई ऐतिहासिक प्रशासनिक सुधारों की पहल की है। उन्‍होंने अधिकारियों को इन सुधारों को प्रभावी तरीके से लागू करने का सुझाव दिया। उपराष्‍ट्रपति ने उनसे सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा इस्‍तेमाल सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों को सही तरीके तक पहुंचाने के लिए करने को कहा। उपराष्‍ट्रपति ने प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को देश के आर्थिक, धार्मिक, भाषाई और सामाजिक विभिन्‍नताओं को आपस में जोड़ने का सशक्‍त माध्‍यम बताते हुए कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा श्री सरदार पटेल के सोच की उपज थी जो सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत को समझते थे। इस बारे में उन्‍होंने सरदार पटेल को उद्धृत करते हुए कहा 'आप एक संगठित भारत की तब तक कल्‍पना नहीं कर सकते जब तक आपके पास एक ऐसी बेहतर अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा नहीं हो जो स्‍वतंत्र रूप से अपनी बात रख सके। '


उपराष्‍ट्रपति ने अधिका‍रियों से अधिक सशक्‍त उत्‍तरदायी और समावेशी और समग्र दृष्टिकोण अपनाने तथा आम लोगों की समस्‍याओं को समझने और उसका समाधान निकालने को कहा। उपराष्‍ट्रपति ने अधिकारियों से पारदर्शी और जवाबदेही को अपना सिद्धांत बनाने  तथा सभी का साथ सबका विकास और सबका विश्‍वास सिद्धांत की भावना के साथ समाज में सभी वर्गों की सेवा करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि एक समावेशी और तीव्र आर्थिक विकास देश की कई समस्‍याओं का निराकरण कर सकता है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा, उग्रवाद और माओवादी अतिवाद देश के सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रक्रिया को पटरी से न उतरने दे।


उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की स्थिति में सुधार लाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्‍होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्‍वच्‍छ भारत, बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं, फिट इंडिया और ऐसे ही अन्‍य अभियानों को जन आंदोलन का रूप दें। उन्‍होंने अधिकारियों से कृषि और ग्रणमी क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान देने को कहा। इस अवसर पर डीओपीटी के सचिव डॉ.सी चंद्रमौली , अपर सचिव श्री के.श्रीनिवास और कई अन्‍य अधिका‍री उपस्थित थे।


आर्थिक मंदी के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर आंदोलन करने जा रही है। 15 से 25 अक्टूबर तक देशभर में कांग्रेस बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करेगी।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी है कि कांग्रेंस पार्टी 28, 29 और 30 सितंबर को आर्थिक मंदी के मुद्दे पर राज्य स्तर पर कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों की बैठक भी करेगी। जिसमें प्रदर्शन पर रणनीति बनाई जाएगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी है।


गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में पार्टी के महासचिव, राज्यों के प्रभारी, कांग्रेस विधायक दल के नेता और सभी राज्यों के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों की बैठक हुई है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालाने के बाद सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह पहली बैठक है। बैठक के बाद कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर आंदोलन का ऐलान किया है। वहीं इस बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे। कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि क्योंकि ये सिर्फ पदाधिकारियों की बैठक थी। राहुल के पास फिलहाल कांग्रेस में कोई पद नहीं है। इसी वजह से राहुल को बैठक का न्योता नहीं था।बैठक के दौरान भी सोनिया गांधी ने आर्थिक स्थिति की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि स्थिति गंभीर है। वहीं सरकार प्रतिशोध की राजनीति में लगी हुई है। सोनिया ने 2007 और 2009 के बीच आर्थिक मंदी से निपटने को यूपीए शासन की उपलब्धियों बताते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आर्थिक मंदी के दौरान अर्थव्यवस्था को मंदी से निकाला था।


बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी और कई सीनियर नेता के अलावा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल रहे।


आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत: सोनिया
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था के मुश्किल हालात पर चिंता जताई और कहा कि मौजूदा समय में पार्टी को आंदोलनकारी एजेंडे की जरूरत है।उन्होंने पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह टिप्पणी की। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत है। हमारे संकल्प और संयम की परीक्षा ली जा रही है।'सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई। इस बैठक में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजनों, सदस्यता अभियान, पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर मंथन होगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा होगी। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद उनकी अगुवाई में यह पहली बैठक है।


400 रेलवे स्टेशन पर प्रयोग होगा कुल्लड़

नई दिल्‍ली। रेल यात्रियों को जल्दी ही 400 रेलवे स्टेशनों पर चाय, लस्सी और खाने- पीने का सामान मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और दूसरे बर्तनों में मिलने लगेगा।


खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि रेल मंत्रालय ने 400 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इस कदम से जहां एक तरफ स्थानीय और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगेगा वहीं दूसरी तरफ कुम्हारों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रेलवे की इस पहल से उत्साहित आयोग कुम्हारों के बीच 30,000 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण करने का फैसला किया है। साथ ही मिट्टी के बने सामानों को पुनर्चक्रमण और नष्ट करने के लिये मशीन (ग्राइंडिंग मशीन) भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि हम इस साल 30,000 इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। इससे रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ और मिट्टी के सामान बनाये जा सकते हैं। प्रक्रिया अगले 15 दिनों में शुरू हो जानी चाहिए।केवीआईसी के बयान के अनुसार केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ जैसे मिट्टी के बर्तन के उपयोग को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया था। उसके बाद केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने भी इस संदर्भ में रेल मंत्री से मुलाकात की थी।


उल्लेखनीय है कि रेलवे प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर इस साल जनवरी से मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग कर रहा था। इन दोनों स्टेशनों पर इस पहल से प्लास्टिक की समस्या से निपटने में मदद मिली है। केवीआईसी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रेलवे ने विभिन्न रेल मंडलों के सभी प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों और आईआरसीटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को पत्र लिखकर स्थानीय रूप से उत्पादित पर्यावरण अनुकूल मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और प्लेट के उपयोग करने का निर्देश दिया है। इन सामानों का उपयोग देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर किया जाएगा। खादी एवं ग्रमोद्योग आयोग कुम्हारों को सशक्त बनाने के लिये कुम्हार सशक्तिकरण योजना चला रहा है। इसके तहत 31 मार्च 2019 तक 10,620 बिजली से चलने वाले चाक उपलब्ध कराये गये हैं। केवीआईसी के अनुसार बिजली से चलने वाले चाक के कारण कुम्हारों की उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है।


एसडीएम और सीओ ने शुरू कराई कुश्ती

सीओ व एसडीएम ने हाथ मिलवा कर प्रथम कुश्ती की कराई शुरुआत


जमाने के पुराने पहलवान व कुश्ती लड़ाकू रहे है सदर सीओ
कौशांबी। पश्चिमशरीरा थाना क्षेत्र के पश्चिमशरीरा में अर्से से चले आ रहे ऐतिहासिक दंगल के इस बार साक्षी बने सदर एसडीएम सतीश चंद व सदर सीओ एसएन पाठक।पूर्व प्रधान व प्रधान पति पवन कुमार मिश्र के संरक्षण व आयोजन में संपन्न हो रहे इस ऐतिहासिक दंगल में जनपद ही नहीं बल्कि गैर जनपद व गैर प्रांत से आए हुए पहलवान जोर आजमाइश करते हैं ।पूर्व की भांति इस बार भी मेले में गैर प्रांत व गैर जनपदों के साथ ही क्षेत्रीय पहलवानो ने दंगल में भाग लिया। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो इस वर्ष प्रधान पति पवन कुमार मिश्र की अगुवाई में संपन्न हो रहे इस दंगल में कुछ विशेषताएं विशेष रूप से नजर आयी। प्रधान पति पवन कुमार मिश्र द्वारा इस बार मेले की चाक-चौबंद व्यवस्था वह सजावट करने में किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। वहीं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर हर प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मुहैया करा दी गई थी। बृहस्पतिवार को शुरू हुए इस दंगल में सदर सीओ एसएन पाठक ने प्रथम कुश्ती जोड़े के पहलवानों का हाथ मिलवा कर कुश्ती का शुभारम्भ किया।वही सदर सीओ ने मेला क्षेत्र में  घूमकर सुरक्षा का जायजा लिया।तथा मातहतों को आवश्यक निर्देश जारी किया। वही पश्चिमशरीरा थानाध्यक्ष योगेश तिवारी के नेतृत्व में पूरे मेला प्रांगण व दंगल प्रांगण में पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था देखने को मिली। थानाध्यक्ष योगेश तिवारी मय पुलिस बल के साथ मेला क्षेत्र में पसीना बहाते नजर आए ।कहीं से कोई दंगल में अप्रिय घटना ना घटे इस बात को ध्यान रखते हुए या पुलिस अधीक्षक के निर्देशों का पालन करते हुए थानाध्यक्ष पश्चिमशरीरा चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के साथ नजर गड़ाए देखे गए।
ज्ञात हो एसओ योगेश तिवारी की मेहनत व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण मोहर्रम सकुशल सम्यन्न हो पाया है।जिस पर अच्छी पुलिसिंग की क्षेत्रीय लोगों ने खूब सराहना किया था।तीन दिवसीय दंगल में भी सुरक्षा के बेहतरीन इंतजाम मुकर्रर किये गए है।


विधुत:विपक्ष और संस्थाओ ने किया विरोध

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे पहले बीटेक सिविल, एल एल बी के बाद मन्त्री जी खिसके आपातकालीन गेट से
वाराणसी। उप्र पावर कार्पोरेशन के बड़के बाबुओ की गलत नीतियो से हो रहे बड़े घाटे इंजीनियर, कर्मचारियो के उत्पीड़न और बिजली की कीमतो की बढ़ोत्तरी के साथ ही निजीकरन के विरोध मे जहाँ विपक्ष मे बैठे राजनैतिक दल विरोध मे सड़क पर उतर रहे है। वही दूसरी ओर विद्युत विभाग के सयुक्त संघर्ष समिति के नेताओ ने भी UPPCL और उ प्र सरकार से सीधे तौर पर आर पार की लड़ाई के मूड मे नजर आ रही है। इसी क्रम मे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे पूर्व घोषित संघर्स समिति की एक ओर सभा चल रही थी। दूसरी ओर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल की डिस्काम के मीटिंग हाल मे बगैर एजेण्डे वाली बैठक कर रहे थे। जैसा कि एक दिन पूर्व के लेख मे आशंका जताई थी कि 12 सितम्बर का दिन डिस्काम का माहौल को गरमा सकता है। हुआ भी ठीक वैसा ही क्योकि विगत दिनो UPPCL के बड़केबाबुओ के आगमन मे पूर्वांचल के अभियंताओ ने पहली बार अपनी मांग को ले कर प्रबन्धन से आँख में आँख मिला कर विरोध प्रदर्शन किया था। जिससे प्रबन्धन को झटका लगा था पर अफसोस पूर्वांचल की पूरी ताकत को लखनऊ मे अभियंता संघ के नेताओ ने प्रबन्धन का लालीपाप खा कर समझौता कर लिया था पर आज एक बार फिर पूर्वांचल डिस्काम मे एक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अपनी मांगों को ले कर सभा का आयोजन किया वही दूसरी ओर डिस्काम मे ऊर्जा राज्यमंत्री की बैठक फिर क्या अपनी पीड़ा से त्रस्त कर्मचारियो ने बैठक के दौरान डिस्काम परिसर मे घुस कर जम के सरकार विरोधी नारे बाजी की जो कि राज्यमन्त्री जी एवं उनकी मौजूद फ़ौज के कानो को भेदती भी रही बैठक के दौरान स्वास्थ ठीक न होने के कारण प्रबंधनिदेशक मौजूद नही रहे पर बैठक मे ऊर्जा मन्त्री के साथ जमनिया की विधायिका जी  के अलावा विभाग के सभी डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे बैठक समाप्ति के पूर्व मन्त्री जी पत्रकार प्रतिनिनिधियो से मुलाकात की और कहा कि यह एक विभागीय औपचारिक बैठक रही जिसमे उ प्र के मुख्यमंत्री जी की योजना के अनुसार गाँव को 20 घण्टे औऱ शहरी क्षेत्र को 24 घण्टे विद्युत अपूर्ति करने एवं जले ट्रासफार्मर को तत्काल बदलने जैसे कार्यो की प्रगति पर चर्चा हुई  एक वरिष्ठ पत्रकार बन्धु ने अपने सवाल मे स्मार्टमीटर से उपभोक्ताओं के अधिक विद्युत बिल की चर्चा की तो विभागीय अधिकारी पैतरा बदलते नजर आये बलिया मे अपने ही दल के विधायक द्वारा एक अधीक्षण अभियंता को धमकी और गाली देने के सवाल पर राज्यमन्त्री महोदय ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए सवालो से कन्नी काट ली पर बैठक समाप्त कर जब मन्त्री महोदय निकले तो सारे काफिले के साथ डिस्काम के प्रबंधनिदेशक के आवास पर उनके स्वास्थ का हाल लेने रवाना हुए वही रास्ते मे चल रहे सयुक्त संघर्ष समिति के नेताओ और कर्मचारियो ने मन्त्री का काफिला आते देख आक्रोशित हो कर जम कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे कुछ समय के लिये पूरे डिस्काम परिसर मे सरकार विरोधी नारो से गूँजता रहा सुरक्षा कर्मी अपनी मुस्तैदी मुद्रा मे हाफ्ते देखे गये और मौके की नजाकत को भांपते हुए ऊर्जा राज्यमन्त्री के काफिले को गेस्टहाऊस की ओर हमेशा बन्द रहने वाले दरवाजे से बाहर निकाला गया यानी मन्त्री जी घुसे बड़े गेट से और निकलना पड़ा छोटे गेट से और मजे की बात यह है कि विरोध जताने वाले वही ठेकेदार अभियन्ता और अधिकारी थेे। जिन्होंने सुबह बडे ही प्यार व सम्मान के साथ मंत्री जी को गुलदस्ते भेट किये थे और वही लोग मात्र थोडी सी देर मे इनकी गलत नीतियो के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थेे। पूर्व मे भी बीटेक सिविल यानि कि बडका बाबू आलोक कुमार और इनकी सहयोगी एलएलबी डिग्रीधारी अपर्णा यू को भी यहाँ भारी विरोध का  सामना करना पड़ा था। इस बात से यह तो सिद्ध हो रही है कि आने वाले समय मे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकार और अभियन्ता ही इस आन्दोलन की दिशा और दशा तय करेंगे। वैसे मंत्री जी ने यह बताया कि 20 घण्टे ग्रामीण और 24 घण्टे शहर मे विद्युत आपूर्ति की जायेगी क्या यह वाकई सच है। तब तो इस पर सरकार / ब्यूरोक्रेटस ने तो कोई ना कोई योजना बनाई गई होगी। परन्तु  नातो सरकार के पास कोई योजना बनाई गई थी और ना ही सरकार द्वारा तैनात ब्यूरोक्रेटस के पास ही कोई उपाय है परन्तु प्रदेश की जनता को अधेरे मे रखने की पूरी तैयारी कर ली गयी है जैसे कि LC खोलने का निर्णय जिसमें डिस्कॉमो को अग्रिम धन बैक के खाते मे जमा कराना पडता है जब घाटे मे जा रहे डिस्कॉमो के पास धन नहीं होगा तो वह उसे अग्रिम धनराशि कहाँ से जमा करायेंगे और विद्युत की आपूर्ति कैसे होगी इस यक्ष प्रश्न का उत्तर किसके पास है नेताओं के या बडका बाबू जी लोगों के? खैर।              
         अविजित आनंद


टी-20 पर मंडराये संकट के बादल

धर्मशाला टी-20 पर मंडराए संकट के बादल 


धर्मशाला। भारतीय क्रिकेट प्रेमी बड़ी शिद्दत से इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच 15 सितंबर से शुरू होने वाली टी-20 सीरीज का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए बुरी खबर आई है। दोनों टीमों के बीच सीरीज का पहला मुकाबला 15 सितंबर को धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम पर खेला जाएगा। इस मैदान की पिच तेज गेंदबाजों की मददगार मानी जाती है। ऐसे में जहां दोनों टीमें टीम संयोजन से तालमेल बैठाने में जुटी हैं, वहीं मुकाबले से पहले ही दोनों टीमों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं। दरअसल, ऐसा किसी खिलाड़ी की वजह से नहीं है, बल्कि ये चुनौती तो बदलते मौसम ने पेश की है।


दरअसल, टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज से इस घरेलू सत्र की शुरुआत करने जा रही है। मगर मौसम विभाग ने इस मुकाबले को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, धर्मशाला में मैच से दो दिन पहले ही तेज बारिश शुरू होने का अनुमान है जो तीसरे दिन भी जारी रहेगी। ऐसे में इस बात की उम्मीद कम ही मानी जा रही है कि दोनों टीमों के बीच पहला टी-20 मुकाबला बारिश की भेंट न चढ़े।


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फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...