सवाल आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के 14 हजार 800 करोड़ रुपए की वसूली का है। धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी देने से कुछ नहीं होगा।
जांच एजेंसियों ने सहकारिता क्षेत्र के सबसे महाघोटाले में आदर्श क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ 40 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। सोसायटी के कर्ताधर्ता मुकेश मोदी, भरत मोदी और वीरेन्द्र मोदी के साथ-साथ उनके पुत्र, पुत्रियों, दामाद आदि को भी पकड़ लिया है। सब जानते हैं कि मोदी परिवार ने राजस्थान सहित कई राज्यों में सोसायटी की 806 शाखाएं खोली और अधिक ब्याज का लालच देकर 14 हजार 800 करोड़ रुपए 20 लाख ग्राहकों से एकत्रित कर लिए। जमा राशि में 12 हजार करोड़ रुपए अपने रिश्तेदारों की फर्जी कंपनियों में इनवेस्ट कर दिए। अब अधिकांश राशि खुर्दबुर्द हो चुकी है। भले ही मोदी परिवार जेल में हो और कोर्ट से फांसी की सजा भी हो जाए, लेकिन ग्राहकों को जमा राशि का क्या होगा? गरीब लोगों ने बड़ी मात्रा में सोसायटी में पैसा जमा करवाया। अपनी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई से अधिक ब्याज के लालाच में मोदी परिवार को दे दी। इसे सरकार के कानून का लचीलापन ही कहा जाएगा कि सहकारिता के नियमों को ताक में रख जमा राशि खुर्दबुर्द की गई। सरकार को अब ऐसा तारीका निकालना चाहिए कि ग्राहकों को जमा राशि का भुगतान हो सके। सरकार यह अच्छी तरह समझ लें कि यदि ग्राहकों को भुगतान नहीं हुआ तो अनेक ग्राहक आत्महत्या कर लेंगे। सरकार को आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के दर्द को समझना चाहिए। 14 हजार 800 करोड़ रुपए की राशि बहुत होती है। सरकार आरोपी मोदी परिवार की सभी सम्पत्तियों को जब्त कर और ग्राहकों को पैसा लौटाए। धोखेबाज मोदी परिवार के लोगों को गिरफ्तार कर लेने से ग्राहकों का भला नहीं होने वाला। मोदी परिवार की धोखेबाजी का सबसे ज्यादा शिकार राजस्थानी हुए हैं। पाली, सिरोली, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, नागौर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई सोसायटी में जमा करवाई है। सजा तो उन अधिकारियों को भी मिलनी चाहिए, जिनकी मिलीभगत से सोसायटी की राशि फर्जी कंपनियों को दी गई। सोसायटी के ग्राहकों को राहत दिलवाने की जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी है। गहलोत को केन्द्र सरकार से संवाद कर ग्राहकों का पैसा वापस करवाना चाहिए। जांच में यह भी पता लगाया जाए कि मुकेश मोदी जैसे धोखेबाज को किन किन राजनेताओं का संरक्षण था। राजनेताओं के संरक्षण के बगैर मोदी परिवार इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकता है।
एस.पी.मित्तल
बुधवार, 11 सितंबर 2019
धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी क्यों
ओला-उबर के कारण बिक्री घटी,बेतुक
ओला-उबर के कारण कारों की बिक्री घटी, यह बेतूका तर्क है।
मोदी सरकार के मंत्री जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं दें।
बाजार में मंदी का दौर।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार माने या नहीं, लेकिन बाजार में लगातार मंदी का दौर चल रहा है। छोटे दुकानदारों को अपने खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा है। जिन लोगों ने किराए का परिसर लेकर कारोबार शुरू किया है ऐसे लोग किराया तक नहीं चुका पा रहे हैं। बैंकों की किश्त समय पर नहीं चुकाई जा रही है। यदि अक्टूबर में दीपावली पर बाजारों में अच्छी खरीददारी नहीं हुई तो हालात और बिगड़ेंगे। रियल स्टेट पहले ही मरा पड़ा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के सस्ते मकान और फ्लेट भी नहीं बिक रहे हैं। कर्मचारियों को तो प्रतिमाह मोटी तनख्वाह मिल जाती है। लेकिन व्यापारी वर्ग श्रमिक वर्ग आदि मंदी की वजह से परेशान है। इतनी परेशानी के बाद भी तीन माह पहले देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी को ही दोबारा से प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट दिया। वोट देने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार के मंत्रियों को लोगों के जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं देने चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि ओला-उबर ऑन लाइन टैक्सी सेवा के कारण लोग अब कार नहीं खरीद रहे हैं। इसलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है। वित्त मंत्री का यह बेतूका तर्क है। जिस व्यक्ति को कार खरीदनी है वो खरीदेगा ही । ऐसे तो मकान किराए पर भी मिलते हैं तथा लोग अपना घर खरीदना बंद कर देंगे। घर खरीदना और कार खरीदना लोगों का सपना होता है। अपने सपने को ओला उबर के कारण कोई भी व्यक्ति अधूरा नहीं छोड़ेगा। जिन लोगों के पास कार है वो ही कई बार विशेष परिस्थितियों में ऑन लाइन टैक्सी सेवा का उपयोग करते हैं। यह हो सकता है कि धनाढ्य लोग पहले दो तीन साल में पुरानी कार बेच कर नई खरीदते थे, वो लोग अब ऐसा नहीं कर रहे। यानि पुरानी कार से काम चलाया जा रहा है। इसकी वजह से आर्थिक मंदी ही है। यदि कारोबार अच्छा होता तो दो तीन साल नई कार खरीद ली जाती। यह भी सही है कि बेईमानी करने वालों पर अंकुश लगा है, इसलिए बाजार में पैसा नहीं आ रहा। जमीनों की खरीद फरोख्त भी नहीं हो रही है। पहले एग्रीमेंट पर ही लाखों रुपया कमाया जा रहा था। अब ऐसे काम बंद हो गए हैं। मंदी के लिए सरकार के मंत्री ठोस तर्क भी दे सकते हैं। लेकिन यदि ऐसे ही बेतूके तर्क दिए जाएंगे तो फिर सरकार की छवि खराब होगी। एक ओर जब ईधन बचाने के लिए सरकार खुद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर बल दे रही है तब मंदी के लिए ओला उबर को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है।
एस.पी.मित्तल
अवैध औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध अभियान
गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित कारखानों की वजह से जल और वायु प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जिससे स्थानीय निवासी बहुत बड़ी तादाद में इसका दंश झेल रहे हैं। एनजीटी इसके प्रति बहुत सतर्क और सख्त है। इसके बावजूद भी लोनी क्षेत्र में हजारों की संख्या में डाई केमिकल्स और प्रदूषण फैलाने वाली हजारों औद्योगिक इकाइयां बेरोक टोक संचालित की जा रही है। हो सकता है इसमें किसी ना किसी प्रकार का राजनीतिक संरक्षण हो। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस प्रकार के संरक्षण को दरकिनार कर देना चाहिए। हालांकि उपजिला अधिकारी के द्वारा जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, निरंतर इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र अंतर्गत अमित बिहार में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर,लगभग दो दर्जन प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को ध्वस्त किया गया। तहसीलदार प्रकाश सिंह ने बताया कि यह कार्यवाही प्रतिदिन जारी रहेगी। लोनी उपजिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। मौके पर तहसीलदार, प्रदूषण विभाग, नगर पालिका, विद्युत विभाग की टीम मौजूद रही।
प्रमोद गर्ग
जेब में एटीएम, उड़ाए 10 हजार रूपये
गाजियाबाद। मुरादनगर के एक युवक के खाते से 10 हजार रुपए निकालने का मामला प्रकाश में आया हैl पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी lथाना क्षेत्र के गांव सुठारी निवासी अनिल ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उसका एटीएम उसकी जेब में रखा हुआ था lवह एटीएम बूथ पर पैसे निकालने गया थाl लेकिन रुपए नहीं निकले तो वह वापस घर आ गयाl थोड़ी देर बाद मैसेज आया कि उसके खाते से 10 हजार रुपए निकल गए हैं l पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस व बैंक अधिकारी को दी है lपुलिस मामले की जांच कर रही है।
आइसलैंड-भारत की कई विषयों पर चर्चा
आइसलैंड। भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की अपनी यात्रा के पहले चरण में 9 सितंबर को आइसलैंड के रेकजाविक पहुंचे। यह 2005 में डॉ. कलाम की यात्रा के बाद किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पहला आइसलैंड दौरा है। वही, मंगलवार यानी 10 सितम्बर को राष्ट्रपति ने बेस्सतादिर राष्ट्रपति निवास की यात्रा के साथ अपने दिन की शुरुआत की, जहां आइसलैंड के राष्ट्रपति श्री गुदनी जोहान्सन ने उनकी अगवानी और स्वागत किया।
राष्ट्रपति जोहान्सन के साथ मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने शानदार स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और महासागरों को बचाने के प्रबंधन करने में आइसलैंड के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों में भारत द्वारा हमेशा समर्थन देने का आश्वासन दिया। राष्ट्रपति ने आईसलैंड के मई 2019 में आर्कटिक काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक पर्यवेक्षक के रूप में भारत सक्रिय रूप से भाग लेगा और विचार-विमर्श में योगदान देगा। इसके बाद राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया।
दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर खतरा है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। राष्ट्रपति कोविंद ने भारत की गंभीर चिंताओं को समझने के लिए राष्ट्रपति जोहानसन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत कई दशकों से सीमापार आतंकवाद का शिकार रहा है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि आतंकवाद बुनियादी मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा है और यह जिस भी रूप में हो, इससे दृढ़ता से निपटने की जरूरत है।
आर्थिक दृष्टिकोण में, आइसलैंड- भारत में साझेदारी को मजबूत करने की पूरी क्षमता है। दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोगों के तरीकों और साधनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कैसे भारत के 2025 तक पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने के साथ, भारत की परिवर्तनकारी वृद्धि और आइसलैंड की तकनीक से एक-दूसरे के अपार मूल्यों को जोड़ा जा सकता है।
भारत ने जलवायु परिवर्तन, समुद्री कचरे और पर्यावरण संबंधी अन्य मुद्दों पर आइसलैंड के साथ पूर्ण रूप से सहयोग करने पर सहमत जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपनी आर्थिक प्रगति को स्वच्छ तकनीक के साथ जोड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत सतत मत्स्य, समुद्री अर्थव्यवस्था, जहाजरानी, हरित विकास, ऊर्जा, निर्माण और कृषि क्षेत्रों में आइसलैंड की क्षमता का लाभ उठाने का इच्छुक है। वहीं भारतीय कंपनियां फार्मा, हाई-एंड आईटी सर्विसेज, बायोटेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, इनोवेशन और स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आइसलैंड को अवसर प्रदान कर सकती हैं।
भारत और आइसलैंड ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए मत्स्य पालन सहयोग, सांस्कृतिक सहयोग और वीजा माफी के क्षेत्र में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए और आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति कोविंद ने घोषणा की कि जल्द ही आइसलैंड विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू होगी और इसके लिए कि आइसलैंड विश्वविद्यालय में भारत समर्थित हिंदी चेयर की स्थापना की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
बच्चों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराएं: डीएम
मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत बुधवार को स्कूली बच्चों को जिला अधिकारी कार्यालय पर बुलाकर उनके साथ एक बैठक की गई। बैठक में सभी छात्र-छात्राओं को जिला अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने सुपोषण संबधी जानकारी दी और स्वच्छ एवं स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, बच्चे देश का भविष्य होते हैं, इसलिए सभी बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। सभी के सहयोग से देश से कुपोषण संबंधी समस्या को जड़ से खत्म करना जरूरी है। इस दौरान स्कूली बच्चों ने कुपोषण संबंधी जागकरूता रैली निकाली और लोगों को कुपोषण से बचने के लिए शपथ दिलाई।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा, स्वस्थ शरीर के लिए पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की कल्पना तभी साकार होगी, जब देश का हर व्यक्ति स्वस्थ होगा। यदि हमारे देश के बच्चे ही कुपोषित होंगे तो देश की नींव ही कमजोर हो जाएगी। शरीर में पोषक तत्व नहीं होंगे तो हम कुपोषण के शिकार ही होंगे। शरीर को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए पानी भी सबसे अच्छा पोषक तत्व है। इसलिए पौष्टिक आहार बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने देश में कुपोषित बच्चों, किशोरियों व गर्भवती माताओं को ध्यान में रखकर पोषण अभियान चलाया हैं। जो एक माह तक देश भर में चलेगा। उन्होंने कहा, इस अभियान के दौरान हर गांव में जाकर कुपोषण से संबंधित प्रभात फेरी, साईकिल रैली, जागरूकता कैंप के अलावा घर-घर जाकर लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा। देश में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत 2022 तक कुपोषण को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। गर्भावस्था के समय से ही गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण का ध्यान रखा जाना चाहिए। बच्चों में समय से कुपोषण की पहचान कर उसका प्रभावी ढंग से निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा, अभियान में स्वास्थ्य, बाल विकास एवं पुष्टाहार, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद और शिक्षा विभाग के अधिकारी समन्वित रूप से बच्चों एवं महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करें।
रखें साफ-सफाई- बीमारियों को दूर भगाएं
गंदगी के कारण कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। बच्चों में एनीमिया की बीमारी का बड़ा कारण भी गंदगी है। इसकी वजह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होती है। डॉक्टरों का कहना है, यदि गंदगी पर काबू पा लिया जाए तो कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। मौजूदा समय में मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू व मलेरिया ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग प्रभावित होते हैं। इसका कारण भी साफ-सफाई की कमी है। मलेरिया के मच्छर गंदगी के कारण पनपते हैं। इसके अलावा गंदगी से हैजा, कालरा, निमोनिया, पीलिया, हेपेटाइटिस आदि बीमारियां होती हैं।
मेरठ में बनेगा लावारिस नवजात शिशु केंद्र
मेरठ। अब लावारिस नवजात शिशुओं के पालन-पोषण के लिए जिले के अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में नवजात शिशु केन्द्र बनाए जाएंगे। इललीगल चाइल्ड कार्यक्रम 'पालना' कार्यक्रम के तहत यहां पर तीन माह तक नवजात शिशुओं का लालन पालन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें बालगृह भेज दिया जाएगा। इसके बाद बच्चों को गोद लेने को इच्छुक दंपति जरूरी कागजी कार्यवाही कर इन शिशुओं को अपना सकेंगे।
जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. मनीषा वर्मा ने बताया, इसके लिए शासन की ओर से पत्र आ चुका है। योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया, इन केन्द्रों को ऐसे स्थानों पर बनाया जाएगा, जहां पर कोई भी पुरूष व महिला या दंपति जो अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहता है, वह नवजात को पालना में सुरक्षित रख कर लौट सके। इसके लिये जमीन की तलाश की जा रही है।
24 घंटे लगायी जाएगी ड्यूटी
नवजात शिशु केन्द्र पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की 8-8 घंटे की ड्यूटी लगायी जाएगी, जिससे नवजात के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी होगी, उनके मोबाइल नम्बर व नाम डिस्प्ले बोर्ड पर लिखे जाएंगे।
अस्पताल महफूज जगह
महिला अस्पताल व जिला अस्पताल 24 घंटे खुले रहते हैं। यहां पर हर समय चहल पहल रहती है। यहां सुनसान सुरक्षित जगह पर पालना लगाया जाएगा, ताकि लावारिस नवजात को पालने में रखने में आसानी हो। पालने के अंदर एक घंटी लगायी जाएगी। नवजात बच्चे को रखने के बाद वह दो मिनट बाद अपने आप बजने लगेगी। घंटी की आवाज सुनकर कर्मचारी तुरंत बच्चे को वहां से उठा लेंगे। शहर में आये दिन नवजात बच्चों के मिलने की खबर आती रहती हैं। कोई लोक लाज के कारण तो कोई घरेलू विवाद के कारण नवजात को अज्ञात स्थान पर छोड़ जाता है। ऐसे में ये पालने बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।
'शासन की योजना के तहत पालना केन्द्र पर कार्य चल रहा है। इसके लिए स्थान का चुनाव किया जा रहा है। सरकार का यह अच्छा प्रयास है। इससे लावारिस नवजात को बचाया जा सकेगा।'
लश्कर-ए-तैयबा का टाॅप कमांडर किया ढेर
सोपोर। जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी। सोपोर में आज सुरक्षाबलों ने लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडर को ढेर कर दिया। जम्मू कश्मीर पुलिस सूत्रों के मुताबिक मारे गए आतंकी का नाम आसिफ है और वह जम्मू कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। मारे गए आतंकी पर सेब व्यापारी पर हमले का शक था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले सोपोर में एक सेब व्यापारी पर हमले में आसिफ शामिल था। इस हमले में एक परिवार को 3 लोग घायल हुए थे। घायलों में एक छोटी बच्ची आसमा जान भी शामिल थी। आतंकी आसिफ सोपोर में ही एक अन्य हमले में भी शामिल रहा है। वह यहां एक प्रवासी श्रमिक शफी आलम पर हमला के मामले में शामिल था।
जेल प्रहरी ने किया सहकर्मी से दुष्कर्म
जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा में एक जेल प्रहरी ने अपनी सहकर्मी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में दो महिला कर्मचारियों के भी नाम सामने आए हैं।
महिला कर्मचारी की ओर से मंगलवार शाम जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश करने के बाद यह मामला सामने आया है। परिवाद के अनुसार, गत आठ सितंबर को जेल में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद पीड़िता जेल परिसर में स्थित अपने क्वार्टर पर चली गई थी। क्वार्टर में उसके साथ रहने वाली दो अन्य सहयोगी उस समय वहां नहीं थी। रात करीब 11:00 बजे जेल प्रहरी पीछे के दरवाजे से उसके कमरे में पहुंच गया और चाकू की नोक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच, दोनों ही महिला कर्मचारी वहां पहुंची, लेकिन उन्होंने सहायता करने के बजाए उसके कमरे को बाहर से बंद कर दिया। अगले दिन ड्यूटी के बाद वह क्वार्टर पर पहुंची और वहां से पैदल ही रोडवेज बस स्टैंड निकल गई। तभी रास्ते में आरोपित बाइक लेकर पहुंच गया और रास्ता रोक कर उसने फिर धमकाया। वह अपने एक परिचित की मदद से प्रतापगढ़ स्थित अपने घर पहुंची और परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया। पुलिस अधीक्षक ने परिवाद को जांच के लिए भेजा है।
वृद्ध-विधवा की जमीन पर भूमाफिया की नजर
वृद्ध विधवा की जमीन पर लगी भूमाफियाओं की नजर
जिलाधिकारी से लगायी न्याय की गुहार
मीरजापुर। कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते भूमाफियाओं की नजर करीब अस्सी वर्षीया विधवा की जमीन पर लगीं हैं। देहात कोतवाली क्षेत्र के इटवां में स्थित जमीन बचाने की गुहार थाना से लेकर जिलाधिकारी तक से लगाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई दबंगों के खिलाफ नहीं किए जाने से लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वृद्धा ने जिलाधिकारी को सौंपे गये पत्रक के माध्यम से न्याय की मांग की है।
बथुआ मोहल्ला निवासिनी स्वर्गीय अमर सिंह की पत्नी कमला देवी ने गुहार लगाते हुए कहा है कि 15 वर्ष पूर्व इटवां में नगरपालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीपचंद जैन की जमीन क्रय किया गया था। उस जमीन पर तीन तरफ से बाउंड्री वॉल बनी है। उस जमीन पर जब निर्माण कार्य के लिए पत्थर का बोल्डर गिरवाया गया तो दबंग भू माफिया निर्माण कार्य में अवरोध पैदा करते हुए जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वह निर्माण कार्य कराने से पहले दो लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। जिनके खिलाफ बलात्कार, फिरौती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दबंगों ने मेरी ज़मीन पर रखा बोल्डर भी ट्रैक्टर में भरकर गायब कर दिया। विधवा महिला के वृद्ध होने का नाजायज फायदा उठाते हुए दबंग माफिया उसकी जमीन पर जबरन कब्जा करने की फिराक में हैं । अपनी जमीन पर ही निर्माण कार्य कराए जाने से रुक जाने पर वृद्धा ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप कर भू माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। ताकि लोगों का कानून और न्याय पर विश्वास कायम रहे।
विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा
चंद्रयान-2: इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर नहीं बल्कि 335 मीटर पर टूटा था। इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स से जारी तस्वीर से इस बात का खुलासा हुआ है।
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के एक ग्राफ में दिखाई दे रही तीन रेखाओं के बीच में स्थित लाल रेखा पर चल रहा था। लाल रेखा इसरो द्वारा निर्धारित विक्रम का पूर्व निर्धारिक पथ था। विक्रम लैंडर के आगे बढ़ने के साथ ही लाल रंग की रेखा के उपर हरे रंग की रेखा स्पष्ट दिखाई दे रही थी। चंद्रमा की सतह से 4.2 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी विक्रम लैंडर अपने पूर्व निर्धारित पथ से थोड़ा भटका लेकिन जल्द ही उसे सही कर दिया गया। इसके बाद जब विक्रम चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा तो वह अपने पथ से भटक कर दूसरे रास्ते पर चलने लगा। जिस समय विक्रम ने अपना निर्धारित पथ छोड़ा उस समय उसकी गति 59 मीटर प्रति सेकंड थी। पथ भटकने के बावजूद सतह से 400 मीटर की ऊंचाई पर विक्रम लैंडर की गति लगभग उस स्तर पर पहुंच चुकी थी जिस पर उसे सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स की स्क्रीन पर दिखाई दे रहे ग्राफ में लैंडिग के लिए पूर्व निर्धारित 15 मिनट के 13वें मिनट में स्क्रीन पर एक हरे धब्बे के साथ सब कुछ रुक गया। उस समय विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 335 मीटर की ऊंचाई पर था।
गोकशी के विरुद्ध असफल रही पुलिस
पुलिस की संरक्षण में पहले से होता चला आ रहा है गौकसी का गोरखधंधा
संजीव बाजपाई
गोला गोकरननाथ(खीरी)। थाना मैलानी की पुलिस चौकी व वृहद ग्राम कुकरा में सुबह गौकसी की हुई घटना के चलते ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश बना हुआ है खबर पाकर पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला आर. के. वर्मा ने मौका मुआयना कर स्थानीय पुलिस को मुकदमा दर्ज कर गौ मांस के अवशेषों को चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजने के निर्देश दिए है।
गौकसी का सिलसिला वर्तमान थानाध्यक्ष मैलानी के कार्यभार संभालने के बाद से जोरशोर के साथ चालू हो गया था जिसमें पहले भी इसी जगह पर गाय का कत्ल कर उसके मांस को बेचने का मामला प्रकाश में आया था पर पुलिस चूंकि गाय के हत्यारों से मिली हुई है इस लिए गाय मालिक को जैसे तैसे मिलाकर उसकी तहरीर बदलवा कर चोरी का मुकदमा लिखकर मामला दबाने मे कामयाब रहा था।
इसके बाद गौहत्यारों ने पुलिस चौकी कुकरा में जीप चालक पर कातिलाना हमला किया वह भी पुलिस हजम कर गई। इससे पहले कुकरा का ही एक युवक ने गाय के हत्यारों व इस गोरखधंधा से जुडे कुरैशियों और काटने वाले स्थान तथा पुलिस का गौहत्यारों का मिला हुआ है संरक्षण उनकी सरपरस्ती में होता गाय, बैल बछडा का कत्ल का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चला पर नौटों की थैली पर सब दब कर रह गया था। फिलहाल गौकशी का सिलसिला जारी है और ग्रामीणों में गुस्सा है जो किसी समय गुल खिला सकती है तब प्रशासन को भी लेने के देने पड सकते है।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी 'ओणम' की बधाई
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को केरल में फसल तैयार होने के अवसर पर मनाए जाने वाले त्योहार ओणम की बधाई दी। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा, “ओणम पर, भारत और विदेशों में रह रहे केरल के हमारे भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं एवं बधाइयां। फसल तैयार होने के अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार हम सभी के लिए असीम खुशियां और समृद्धि लेकर आता है।” पीएम मोदी ने कहा, “ओणम के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूं कि यह त्योहार हमारे समाज में खुशी, कल्याण और समृद्धि की भावना को आगे बढ़ाये।” ओणम राजा महाबली के स्वागत में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिन तक चलता है।
सरकार की चिंता की शिकन बड़ रही हैं
नई दिल्ली। पिछले महीना जिस तरह से आईएएस अफसरों ने इस्तीफे दिए हैं, उसे देखते हुए सरकार के भीतर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरशाहों के इस्तीफा को देखते हुए मोदी सरकार इस सम्बन्ध में कड़े कदम उठाने जा रही है। माना जा रहा है कि इस्तीफे को देखते हुए नियम अब और कड़े किये जा सकते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेनिंग इस मामले को लेकर आगामी सप्ताह एक बड़ी बैठक करने जा रही है, जिसमे अफसरों की समस्या और इस्तीफे को लेकर विस्तार से चर्चा होगी।
वर्तमान नियम के मुताबिक, यदि कोई नौकरशाह इस्तीफा देता है तो सरकार द्वारा उसकी विदेशों में ट्रेनिंग पर किये गए खर्च को चुकता करना पड़ता है, प्रोबेशन पीरियड में भी सर्विस छोड़ता है तो खर्च का वहन उससे अपेक्षित होता है।वैसे देखा जाए तो भारत में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की संख्या काफी अधिक संख्या में रिक्त है। फिर भी सरकार नियम कायदों को अधिक मजबूत बनाने की सोच रही है। भारत सरकार नौकरशाहों की ट्रेनिंग में बहुत अधिक खर्च करती है, फिर ये नौकरी छोड़ देते हैं तो सरकार को काफी घाटा होता है।
बता दे कि पिछले 3 महीनों में 4 आईएएस अफसरों ने इस्तीफा दिया है। दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर शशिकांत सेंथिल ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने निजी वजहों से इस्तीफा देने का स्टेटमेंट जारी किया है। सेंथिल ने लिखा है कि मौजूदा दौर में जब हमारे विविधतापूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूतपूर्व तरीके से समझौता कर रहे हैं, ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक होगा। सेंथिल ने आगे लिखा है कि आने वाला वक्त हमारे देश के मूल स्वभाव के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है, इसलिए ये बेहतर होगा कि वो आईएएस सेवा से बाहर रखकर लोगों के जीवन में भलाई लाने वाला काम करें।
इसके पहले 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भी अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, कनन्न गोपीनाथ ने कश्मीर में जनता के मौलिक अधिकारों के हनन का सवाल उठाते हुए नौकरी छोड़ी थी। उनका मानना था कि सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर कश्मीर की जनता के साथ अन्याय किया है। गोपीनाथन और सेंथिल दोनों ही काबिल आईएएस अधिकारी थे, कन्नन गोपीनाथन 2018 में केरल में आई बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए सामने आकर चर्चा में आए थे। वहीं 2009 बैच के आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल यूपीएससी एग्जाम में तमिलनाडु से टॉपर रहे थे। इन्हीं दोनों की तरह इस साल जनवरी में शाह फैसल ने कश्मीर में हो रही हिंसा के विरोध में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। शाह फैसल भी आईएएस टॉपर रहे हैं।
'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर हुआ रिलीज
नई दिल्ली। प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर और जायरा वसीम स्टारर फिल्म 'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। सोनाली बोस के निर्देशन में बनी फिल्म से प्रियंका चोपड़ा करीब 3 साल बाद बॉलीवुड में कमबैक करने जा रही हैं. ट्रेलर में रोमांस, इमोशंस और फैमिली लव को दिखाया गया है। द स्काई इज पिंक मोटिवेशनल स्पीकर आयशा चौधरी की जिंदगी पर आधारित है, जो कि पल्मनरी फाइबरोसिस से ग्रसित थीं। प्रियंका फिल्म में अदिति चौधरी और फरहान अख्तर निरेन चौधरी के रोल में दिखेंगे। दोनों पति-पत्नी बने हैं, जायरा उनकी बेटी के रोल में नजर आएंगी।
ट्रेलर की शुरुआत जायरा वसीम की आवाज से होती है जो अपने माता-पिता (प्रियंका चोपड़ा-फरहान अख्तर) की ट्रैजिक लव स्टोरी के बारे में बताती है। दोनों की लव लाइफ में यूटर्न उनकी बेटी जायरा के जन्म के बाद आता है। जायरा को गंभीर बीमारी है। बेटी को बचाने की जद्दोजहद है, जिसकी वजह से प्रियंका-फरहान में खूब भी होती है। फिल्म एक रोलर कोस्टर राइड है जो कि फैमिली लव और इमोशन से भरपूर है। बता दें कि 'द स्काई इज पिंक' सिनेमाघरों में 11 अक्टूबर को रिलीज होगी।
गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)
गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)
देश की आर्थिक स्थिति ने देशवासियों को विषयवस्तु पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए जरा विवश कर दिया है। देश के विकास की गति का पहिया कहीं अटक गया है। सरकार पर विपक्ष के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं और छींटाकशी की जा रही है। सरकार भी इस संकट से उबरने का प्रयास कर रही है। देश की आर्थिक विकास दर घटने से देश का पिछड़ना लाजमी हो जाता है। रोजगार और मझले व्यापार को प्राथमिकता में न रखना सरकार को अब खल रहा होगा। मध्यवर्ग का व्यापार और उससे उत्पन्न होने वाले रोजगार के प्रभावित होने के कारण देश की आर्थिक विकास दर निरंतर घटती जा रही है। जिसको रोकने के लिए मोदी सरकार असफल सिद्ध हो रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन देश की घटती विकास दर को यदि बढ़ाना संभव नहीं है तो स्थिरता इसका एक सामान्य समाधान हो सकता है। हो सकता है सरकार इस विषय पर विभिन्न आयामों और दृष्टिकोणो से कार्य भी कर रही हो। यह भी हो सकता है कि सरकार उपाय अनुरूप जल्द ही समस्या से उभर जाए। किंतु इस स्थिति से देश की जनता में जो संदेश गया है। मांग और निर्माण की असमानता से व्यापार वर्ग को काफी क्षति पहुंची है। सरकार विभिन्न प्रकार के उपयोग और उधम कर रही है। इसके पीछे एकमात्र राष्ट्र निर्माण ही उद्देश्य है। परंतु नेता और ज्यादातर अधिकारियों पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है। क्यों न मोदी-टू सरकार को आर्थिक वृद्धि अनुपात कानून बनाकर लागू कर देना चाहिए। देश की राजनीति लंबे समय से गाय, गरीबी और गांधी तक ही सीमित रह जाती है। इसका थोड़ा दायरा तो बढ़ना ही चाहिए। मोदी सरकार सच में भ्रष्टाचार विरोधी है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है? क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार पर कुछ खास नहीं कर पा रही है। इसके विपरीत भ्रष्टाचार के कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं। उनके विरुद्ध भी सरकार की मंशा अनुरूप कुछ विशेष नही हो पा रहा है।
राधेश्याम 'निर्भय पुत्र'
चुनाव को लेकर अधिकारियों की मीटिंग
चंडीगढ। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आज चुनाव आयोग की एक हाईलेवल मीटिंग चंडीगढ़ के होटल ताज में जारी है। हरियाणा चुनाव आयोग के सीनियर डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर संदीप सक्सेना की मौजूदगी में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक जारी है। बैठक में मुख्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों और हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलों के डीसी और एसपी भी मौजूद है।
बता दें बैठक तीन चरणों में होनी है। पहले चरण में हरियाणा निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हो रही है वहीं दूसरे चरण में जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों की तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट देंगे। तीसरे व अंतिम चरण की बैठक देर शाम को होगी। इसमे हरियाणा की मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृहसचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनावों को लेकर मंथन होगा।
हरियाणा में बीछेगी दो नई रेलवे लाइन
चंडीगढ़। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने करनाल-यमुनानगर (61 किलोमीटर) और जींद-हांसी (50 किलोमीटर) दो नई रेल लाइनों के निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार ने इन दोनों रेल लाइन परियोजनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण का कार्य और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पूरी कर ली है। इन दो नई रेल लाइनों के निर्माण से लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।
हरियाणा राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इन दोनों परियोजनाओं की फ़ाइल रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। इन परियोजनाओं की लागत राज्य सरकार और रेल मंत्रालय दोनों मिलकर उठायेंगे। इन दो रेल लाइन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 2096 करोड़ रुपये है। योजना की जानकारी देते हुए रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर लाइन, दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर स्थित भैणी-खुर्द स्टेशन और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर स्थित जगाधरी वर्कशॉप स्टेशन से जोड़ी जाएगी। इस लाइन पर कुल पांच नए रेलवे स्टेशन रंभा, इंद्री, लाडवा, रादौर और दामला प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इस लाइन के निर्माण से करनाल और यमुनानगर के बीच सीधी और तेज कनेक्टिविटी शुरू हो जाएंगी, वही इससे यात्रा की दूरी भी 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
जलती चिता पर पुलिस ने डलवाया पानी
संदिग्ध परिस्थिति में एक युवक की मौत के बाद जलती चिता पर पुलिस ने डलवाया पानी
कोरबा,पाली। जिले में एक ऐसी घटना घटी जिसमे ग्रामीण युवक की जलती हुई चिता में पानी डालकर पुलिस को बुझाना पड़ा।बलराम नाम का एक युवक ने मारपीट व ग्रामीणों की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।लेकिन गांव के सरपंच द्वारा इसकी सूचना पुलिस को देने के बजाय परिजनों को धमकाते हुए मृतक युवक की लाश को आनन-फानन में जला दिया गया।पाली पुलिस को जब इस बात की भनक लगी तो पुलिस की एक टीम आनन् फानन में गांव पहुंची।लेकिन तब तक चिता में लाश 80 फ़ीसदी जल चुकी थी।और तब पुलिस ने तत्काल जलती चिता में पानी डलवा कर किसी तरह आग को बुझाया गया तथा मृतक के अवशेष को जप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह अजीबोगरीब मामला पाली थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदपानी का है जहाँ कुछ दिन पूर्व एक युवक ने अपनी पत्नी के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में ग्रामीणों के साथ मिलकर बलराम की जमकर पिटाई कर दी थी और भरी सभा में उसे बेइज्जत भी किया गया था।जिसके बाद प्रताड़ना व आत्मग्लानि से तंग आकर बलराम में कल फांसी लगा ली।जब ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने पुलिस के चंगुल से बचने के लिए बलराम के परिजनों को धमकाते हुए उसके शव को जलाने की हिदायद दी थी।जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों के दबाव में आकर शव को जला दिया।पाली पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।सूत्रों के अनुसार इस मामले में 2 दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं।जिन्हें पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है फिलहाल पुलिस इस मामले में बयान दर्ज कर रही है।
कर्बला भगदड़ में 31 की मौत 100 घायल
बगदाद। इराकी शहर कर्बला में मुहर्रम (अशुरा) के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है, जबकि इस घटना में 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
इराक के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता की ओर से बताया गया है कि भगदड़ में 100 अन्य लोग घायल भी हुए हैं। मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को शिया समुदाय के लोग काफी संख्या में जुटे थे। तभी एक व्यक्ति को ठोकर लग गई, जिससे वहां भगदड़ मच गई और भीड़ बेकाबू हो गई। कहा जा रहा है कि यह हादसा तब हुआ जब लोग इमाम हुसैन के मकबरे की ओर आगे बढ़ रहे थे, जिस जगह यह हादसा हुआ है, वह बगदाद से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विदित हो कि साल 2005 में भी इराक की राजधानी बग़दाद में फ़रात नदी के पुल पर भगदड़ में 965 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा आत्मघाती हमलावर की मौजूदगी की अफ़वाह के बाद भगदड़ मचने से हुआ था।
ट्रेन पर चढ़ बोला चंद्रयान फेल क्यों हुआ
सागर। मध्य प्रदेश में सागर जिले के नरयावली रेलवे
स्टेशन पर एक सरफिरे युवक ने ट्रेन की छत पर चढ़कर खूब हंगामा किया। कटनी-बीना पैसेंजर ट्रेन के डीजल इंजन की छत पर चढ़े इस युवक ने करीब आधे घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। यह युवक बार-बार चंद्रयान 2 फेल होने से नाराजगी जता रहा था। जब भी उसे कोई नीचे उतारने का प्रयास करता तो वह गाली देकर उससे पूछता की चंद्रयान 2 फेल क्यों हुआ? युवक इस वजह से आधा घंटा तक हंगामा करता रहा। वहीं इस युवक को नीचे उतारने के लिए किसी भी हादसे से बचने के लिए हाईटेंशन ओवरहेड लाइन की पावर सप्लाई बंद करना पड़ी जिसके बाद रेलकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से युवक को ट्रेन की छत से नीचे उतारा और फिर उसे आरपीएफ को सौंप दिया।
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