सोमवार, 9 सितंबर 2019

जल्द होंगे 'उत्तर-प्रदेश' के तीन टुकड़े

विजय आनंद वर्मा


लखनऊ। उत्तर प्रदेश' बहुत जल्द ही कुल 20 जिलों का ही राज्य रह जायेगा, पर इसकी राजधानी लखनऊ ही रहेगी। उ.प्र. तीन हिस्सों (उ.प्र., पूर्वांचल एवं बुंदेलखण्ड) में बंट जायेगा, एक की राजधानी गोरखपुर होगी जबकि तीसरे राज्य की राजधानी प्रयागराज (इलाहाबाद) होगी ? उत्तर प्रदेश को विभाजित कर पूर्वांचल एवं बुंदेलखण्ड राज्य बनाये जाने की चली आ रही काफी पुरानी मांग को देखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार शीघ्र ही इस बारे में निर्णय लेने जा रही है ? ऐसा सूत्रों का कहना है। सूत्रों की माने तो नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में जल्द ही ये बड़ा फैलसा लेने की तैयारी कर रही है।


पूर्वांचल एवं बुंदेलखण्ड के नाम से दो नये राज्यों का होगा गठन


अगर ऐसा होता है तो यूपी और दिल्ली सहित कई राज्यों की समस्याओं पर एक साथ काबू पाया जा सकेगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि यूपी के तीन हिस्से करने के साथ ही दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा भी देने की कवायद शुरू हो गयी है। दिल्ली का लुटियन जोन केन्द्र सरकार अपने पास रखने की घोषणा कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने हाई लेवल पर इस तरह का एक रोडमैप तैयार कर लिया है जिमसें दिल्ली के लिए हरियाणा से सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरूग्राम, रिवाड़ी, नूह (मेवात), पलवल और फरीदाबाद, यूपी से मेरठ मंडल से बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर और मेरठ शामिल किए जा सकते हैं दिल्ली प्रदेश में। वहीं सहारनपुर मंडल के सभी तीनों जनपद हो सकते हैं हरियाणा में शामिल जबकि मुरादाबाद मंडल हो सकता है उत्तराखंड में शामिल पूर्वांचल के नाम से बनने वाले नये राज्य की संभावित राजधानी गोरखपुर होगी। इसमें गोरखपुर मंडल से गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज तथा आजमगढ़ मंडल से आजमगढ़, बलिया और मऊ, बस्ती मंडल से बस्ती, संतकरीबनगर एवं सिद्धार्थनगर, देवीपाटन मंडल से गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती तथा अयोध्या संभाग से अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी और बाराबंकी के अलावा वाराणसी मंडल से वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर सहित कुल 23 जनपद का नया राज्य होगा। उत्तर प्रदेश का तीसरा भाग जो बुंदेलखण्ड राज्य कहलाएगा उसकी संभावित राजधानी प्रयागराज (इलाहाबाद) होगी। इसमें प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ तथा चित्रकूट संभाग से चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर एवं महोबा व झांसी संभाग से झांसी, जालौन तथा ललितपुर एवं मिर्जापुर संभाग से मिर्जापुर, संत रविदास नगर और सोनभद्र के अलावा कानपुर मंडल से जनपद कानपुर, कानपुर देहात तथा औरैया को मिलाकर कुल 17 जनपदों का हो सकता है बुंदेलखण्ड राज्य। शेष भाग पूर्ववतः राजधानी लखनऊ के नाम के साथ ही 'उत्तर प्रदेश' ही बना रहेगा, इसमें लखनऊ मंडल से लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर-खीरी, रायबरेली, सीतापुर और उन्नाव एवं आगरा मंडल से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी व मथुरा तथा अलीगढ़ मंडल से अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज के अलावा बरेली मंडल से बंदायू, बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर तथा कानपुर संभाग से फरूर्खाबाद व कन्नौज को इसी में मिलाकर कुल बीस जनपदों का राज्य रह जाएगा उत्तर प्रदेश।


मंत्री का चालान नहीं,पुलिसकर्मी निलंबित

पटना। वाहन चेकिंग के दौरान रविवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की कार को बिना कार्रवाई के छोड़े जाने पर एसआई समेत तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जबकि कुछ ही समय बाद सांसद रामकृपाल यादव की कार में काली फिल्म लगी पाई तो यातायात पुलिस ने एक हजार रुपए जुर्माना लगाया। दोनों नेताओं की गाड़ी में उनके बेटे और परिवार के सदस्य थे।
बिहार म्यूजियम के पास सुबह 11 से शाम 5 बजे तक विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। यहां दोपहर एक बजे पुलिस ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की गाड़ी को रोका। आगे की सीट पर उनका बेटा और बहू बिना सीट बेल्ट बांधे बैठे थे, जबकि पिछली सीट पर उनकी पत्नी बैठी थीं। मंत्री के बेटे ने गाड़ी को बिहार म्यूजियम के गेट से 100 मीटर आगे रोका। पुलिस ने कार्रवाई की जगह गाड़ी को आधा घंटे तक रोके रखा।
मंत्री परिवार पुलिस कार्रवाई का इंतजार करता रहा


कुछ देर तक पुलिस की कार्रवाई का इंतजार करने के बाद मंत्री का बेटा गाड़ी लेकर चला गया। इसकी जानकारी प्रमंडलीय आयुक्त को हुई तो उन्होंने मौके पर मौजूद एसआई देवपाल पासवान, बीएमपी-2 के सिपाही पप्पू कुमार और जिला पुलिस के सिपाही दिलीप चंद्र सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया।


स्विस बैंक ने साझा की कालेधन की सूची

नई दिल्‍ली। स्विस बैंकों में पैसे रखने वाले भारतीयों के खातों से जुड़ी जानकारियां भारत को मिलनी शुरू हो गई हैं। स्विट्जरलैंड ने स्वचालित व्यवस्था के तहत इस महीने पहली बार कुछ सूचनाएं भारत को उपलब्ध कराई हैं। इन सूचनाओं के विश्लेषण की तैयारी चल रही है और इनमें खाताधारकों की पहचान तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध होने का अनुमान है। बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के अधिकारियों ने बताया कि ये सूचनाएं मुख्यत:उन खातों से जुड़ी हैं,जिन्हें लोगों ने कार्रवाई के डर से पहले ही बंद करा दिया है। बैंक अधिकारियों ने कहा कि स्विट्जरलैंड की सरकार के निर्देश पर वहां के बैंकों ने डेटा इकट्ठा कर भारत को सौंपा। इसमें हर उस खाते में लेन-देन का पूरा विवरण दिया गया है,जो 2018 में एक भी दिन सक्रिय रहे हों। उन्होंने कहा कि यह डेटा इन खातों में अघोषित संपत्ति रखने वालों के खिलाफ ठोस मुकदमा तैयार करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है। इसमें जमा, हस्तांतरण तथा प्रतिभूतियों एवं अन्य संपत्ति श्रेणियों में निवेश से प्राप्त आय की पूरी जानकारी दी गई है।
एनआरआई बिजनसमैन से जुडे़ खाते 
कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्यत:कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन,कुछ अफ्रीकी देशों तथा द. अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों सहित व्यवसायियों से संबंधित हैं। बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन खातों से भारी स्तर पर पैसे निकाले गए और कई खाते बंद हो गए। हालांकि, साझा की गई जानकारियों में उन खातों की भी सूचनाएं शामिल हैं, जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया। 100 बंद खातों का भी ब्योरा दिया। इसके अलावा, भारतीय लोगों के कम से कम 100 वे पुराने खाते भी हैं, जिन्हें 2018 से पहले ही बंद करा दिया गया। स्विट्जरलैंड इन खातों की जानकारियों को भी यथा शीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है। ये खाते वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं। नियामकीय अधिकारियों ने कहा कि स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है,जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं।


भाकियू ने बताई किसान सगंठन की ताकत

फिरोज खान


मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अमबावता) के पदाधिकारियों का फूल मालाओं से जोर दार स्वागत किया। भारतीय किसान यूनियन अमबावता की एक सभा बघरा ब्लाक स्‍थित गांव जसोई में आज जिला अध्यक्ष मौ शाह आलम के नेतृत्व में हुई। जिसकी अध्यक्षता  बिरज दास जी ने की और संचालन  जाबिर पटवारी ने किया किसानों ने भाकियु अमबावता के पदाधिकारियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिसपर किसानों को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मौ शाह आलम ने सभी किसान भाईयों को संगठन की ताकत से अवगत कराया। वह सभी समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया। सभा के बाद जिला अध्यक्ष मौ शाह आलम ने जनेश कुमार को बघरा ब्लाक अध्यक्ष और प्रदीप कुमार को ब्लाक उपाध्यक्ष की कमान सोपी इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव यौगिंदर राठी जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुलजार अहमद जिला अध्यक्ष मौ शाह आलम यूवा जिला अध्यक्ष अंकूल राठी पूरकाजी ब्लाक अध्यक्ष परवेज सोनू पूरकाजी ब्लाक उपाध्यक्ष सालिम तियागी सोरव वसीम आदि सैकड़ो की संख्या में किसान मौजूद रहे।


कांग्रेस की प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत

रायपुर। अंतागढ़ टेपकांड मामले में कांग्रेसी प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। विधायक विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, महापौर प्रमोद दुबे सहित अन्य नेता यह मांग लेकर ईडी के ऑफिस पहुंचे। विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि अंतागढ़ में भ्रष्टाचार के पैसों के इस्तेमाल पर प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत करने आए हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि मंतूराम के बयान के अनुसार 7.5 करोड़ रुपए कहां से आए। विधायक विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, किरणमयी नायक और प्रमोद दुबे अभी ईडी के कार्यालय में मौजूद हैं। विकास उपाध्याय ने कहा कि ईडी के अफसर शिकायत लेने में आनाकानी कर रहे हैं। हमारे प्रतिनिधिमण्डल की अधिकारियों से बहस भी हुई लेकिन वे शिकायत लेने में आनाकानी कर रहे हैं।


पूरा भारत घुसपैठिया मुक्त करेंगे: शाह

गुवाहाटी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुवाहाटी में नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। जमीनी स्तर पर इस भावना को फैलाने के लिए पूर्वोत्तर को 'कांग्रेस मुक्त' बनाना महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग कर दिया था। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर में बांटो और राज करो की नीति का अनुसरण किया। आज, मुझे खुशी है कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य एनईडीए के साथ हैं। शाह ने कहा कि आजादी के बाद से 2014 तक कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट में भाषा, जाति, संस्कृति, क्षेत्र विशेष के आधार पर झगड़े पैदा किए। इससे पूरा नॉर्थ ईस्ट अशांति का गढ़ बन गया। यहां विकास की जगह भ्रष्टाचार को अहम जगह देने का काम कांग्रेस ने किया। नॉर्थ ईस्ट में आतंकवाद की समस्या को सुलझाने के बजाए कांग्रेस ने इसे और फैलाया और अपना राज बना रहे ऐसी नीति पर चलते रहे।


नूपुर ने अमेरिका में बिखेरी अपनी प्रतिभा

योगेश गौड़


हापुड। अग्नि फाउंडेशन के द्वारा अमेरिका की आउसटिन सिटी के दक्षिण हिस्से में निवास कर रहे एशिया के लोगों के बीच से प्रतिभाओं की खोज करने के लिए उत्सव एक रात के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मंच का संचालन हापुड़ निवासी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक शर्मा बंदूक वालो की पुत्री नूपुर शर्मा ने बड़ी ही कुशलता से किया। अशोक शर्मा ने बताया कि उनकी पुत्री नूपुर शर्मा अमेरिका के आउसटिन शहर में रहती है, शर्मा ने बताया कि उनकी पुत्री नूपुर बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। उन्होंने बताया कि नूपुर स्कूल कॉलेज में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी, इन कार्यक्रमों में नूपुर शर्मा को कई पदक और ट्रॉफीया भी प्रदान की गई थी। अशोक शर्मा के अनुसार उनकी पुत्री आउसटिन अमेरिका में एशियाई लोगों का विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिनिधित्व करती रहती है, इसी कड़ी में गत दिनों नूपुर ने वहां आयोजित एक फैशन शो में रैंप पर कैटवॉक कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रकाश मोहनदास प्रियंका सिंह का विशेष योगदान रहा कार्यक्रम के प्रत्यय प्रतिभागियों का मेकअप और सात सज्जा रितु गडकरी ने की।


भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त

भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण भोपाल सहित 30 जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है।
राज्य आपदा मोचन बल के जवान पानी में फंसे हुए लोगों के बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रशासन ने भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, मंडला, उज्जैन और नरसिंहपुर जिलों में 12 वीं तक के स्कूलों में 9 सितंबर को अवकाश घोषित कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, खंडवा, खरगोन, रासयेन, सीहोर में भारी बारिश हो सकती है। राजधानी भोपाल में रविवार को 9 घंटे में 6 सेमी। पानी गिरा। इससे सड़कों और निचली बस्तियों में पानी भर गया। भारी बारिश के कारण हरदा जिला जेल के दो बैरकों को खाली कराया गया है। जेल प्रशासन ने इसमें रहने वाले कैदियों को दूसरे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है।
 
बारिश की वजह से सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि भगवान भी बाढ़ का कहर झेल रहे हैं। लगातार भारी वर्षा से नदियों का पानी खतरनाक स्तर तक पहुंचने लगा है। खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा नदी के सभी किनारे और घाट डूब गए हैं। घाट पर बने शिवलिंग जलमग्न हैं। मुख्य घाट पर हनुमान की प्रतिमा का आधा हिस्सा भी बाढ़ में डूबा हुआ है। प्रशासन ने नर्मदा का जलस्तर बढ़ते देख श्रद्धालुओं, पर्यटकों और साधु-संतों से अपील की है कि वे नदी से दूर रहें।


रामपुर में रात्रि विश्राम करेंगे अखिलेश यादव

लखनऊ। 80 मुकदमों में घिरे आजम खान के समर्थन में समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतरने जा रही है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को रामपुर कूच करेंगे। प्लान के मुताबिक अखिलेश यादव रामपुर में रात्रि विश्राम करेंगे।


 
साथ ही आजम खान और उनके परिवार से मुलाकात भी करेंगे। अखिलेश के रामपुर कूच को सफल बनाने के लिए आस-पास के जिलों के कार्यकर्ताओं को भी एक्टिव किया जा रहा है। बता दें आजम खान पर लगातार दर्ज हो रहे मुकदमों के बावजूद समाजवादी पार्टी कोई एक्शन नहीं ले रही थी। इसके बाद आजम की पत्नी ताजिम फातिमा ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद 3 सितंबर को मुलायम ने प्रेस कांफ्रेंस कर आजम खान के लिए आंदोलन का आह्वान किया था। मुलायम के इस निर्देश के बाद अखिलेश ने सोमवार को रामपुर कूच करने का फैसला लिया हैं ।


अतीक का करीबी कर रहा अवैध प्लाटिंग

प्रयागराज। कभी अतीक अहमद गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा कमरूल हसन उर्फ कम्मू अवैध प्लाटिंग कर रहा है। बड़ी बात यह है कि उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट भी जारी है। शिकायत पर कैंट पुलिस ने कम्मू, उसके भाई व 10-15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखकर जांच शुरू कर दी है।
 रिपोर्ट बेली गांव निवासी मो. इसराइल ने लिखाई है। उसने बताया कि बेली गांव निवासी सायमा बेगम ने 1996 में उसे नसीबपुर बख्तियारी स्थित जमीन को बुवाई व जोताई के लिए दिया था। क्योंकि वह अपनी जमीन पर काश्तकारी करने में असमर्थ थीं।
 तब से वह ही इस जमीन पर काबिल है और फसल इसके मालिक को देता आ रहा है। आरोप है कि तब से कम्मू और उसका भाई फकरूल हसन उर्फ फक्कू निवासी बेलीगांव इस जमीन पर कब्जे के प्रयास में जुटे हैं


वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन में आई खराबी

दो घंटे से ज्यादा देर तक खड़ी रही ट्रेन, जंक्शन पर यात्री हुए परेशान
प्रयागराज। वाराणसी से नई दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन में रविवार को खराबी आ गई। इस वजह से ट्रेन इलाहाबाद जंक्शन 3.41 घंटे की देरी से रात 8.15 बजे पहुंची।
फरवरी माह से शुरू हुई वंदे भारत का यह पहला मौका रहा कि जब ट्रेन यहां इतनी लेट आई। बताया जा रहा है कि इंजन के पेंटों में आई खराबी की वजह से ही ट्रेन रविवार को मंडुवाडीह-हरदत्तपुर रेलवे स्टेशन के बीच दो घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी रही। चर्चा इस बात की है वहां ओएचई में भी गड़बड़ी हुई । इसे लेकर यात्रियों ने भी खूब हो हल्ला किया। जंक्शन पर भी ट्रेन को इंतजार कर रहे यात्रियों को परेशानी हुई। ज्यादा लेट होती देख जंक्शन पर कुछ यात्रियों ने अपने टिकट भी निरस्त करवा दिए।


वकीलों के आंदोलन पर हो सकता है फैसला

प्रयागराज। राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर लगातार जारी वकीलों के आंदोलन को लेकर सोमवार को बड़ा फैसला हो सकता है। इस मुद्दे पर सुबह नौ बजे से आम सभा की बैठक बुलाई गई है।
 
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एक्शन कमेटी ने वकीलों से हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने की अपील करने का निर्णय लिया है। उम्मीद है कि अधिवक्ता इस पर राजी हो जाएंगे। अधिकरण को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर भी सोमवार को सुनवाई होनी है। मुख्य न्यायाधीश ने गोविंद माथुर ने भी वकीलों से हड़ताल समाप्त कर याचिका पर बहस करने की अपील की है। सरकार से मिले संकेत के मद्देनजर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक्शन कमेटी सोमवार सुबह आमसभा की बैठक में वकीलों से काम पर लौटने की अपील करेगी और वकील तैयार हुए तो न्यायिक कार्य शुरू हो जाएगा।


खाई में गिरी कार 4 लोगों के शव बरामद

 नई दिल्‍ली। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में सोमवार की सुबह हुए सड़क हादसे के बाद एक कार नाले में जा गिरी। मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के दौरान कार में 5 लोग मौजूद थे, जिनमें से 4 लोगों का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि एक युवक का अभी भी पता नहीं चल सका है। लापता युवक को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन कई घंटों बाद भी युवक का कोई पता नहीं चल सका है. घटना सीहोर के जता खेड़ा गांव के पास की है, जहां दुर्घटना के बाद कार अनियंत्रित होकर नाले में जा गिरी और चार लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।


घटना की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि चारों युवक भोपाल के ही रहने वाले थे और आशिमा मॉल के सामने स्थित एक कार शोरूम में काम करते थे। ये युवक एक मीटिंग में शामिल होने के लिए इंदौर गए थे, जहां से लौटते वक्त यह हादसा हो गया और चार युवकों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद बचाव दल के साथ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जहां चार युवकों के शव बरामद कर लिए गए, जबकि एक की तलाश अभी जारी है। पुलिस ने शव के तेज बहाव के साथ बह जाने की आशंका जाहिर की है।


जम्मू-कश्मीर, हिमाचल में भूकंप के झटके

नई दिल्ली । देश के दो उत्‍तरी राज्‍य जम्‍मू कश्‍मीर और हिमाचल प्रदेश आज भूकंप के झटकों से हिल गए। आज दोपहर करीब 12.30 बजे ये भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्‍टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.0 आंकी गई है। हिमाचल प्रदेश के चंबा इलाके में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यहां रविवार को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं सोमवार को एकबार फिर यहां धरती भूकंप के झटकों से हिल गई।


आज का दिन सामान्य रहेगा:मीन

राशिफल


वृषभ-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। कार्यों में रुकावट आ सकती हैं। कार्यस्थल पर किसी के भरोसे न रहें, खुद अपना काम करें। जरूरी कामों में कोई बाधा आ सकती है।


मिथुन-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। आज यात्रा का योग बन सकता है। रिश्तेदारों से संपत्ति को लेकर विरोध हो सकता है. सेहत ठीक रहेगी।


कर्क-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। आज कुछ लोग आपके काम की तारीफ करेंगे। मन में उत्साह भरपूर रहेगा। कार्य की गति बढ़ेगी। खर्चों में कमी करें।


सिंह-राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा। आज आपकी दिनचर्या में बदलाव होगा। भागीदारी के काम में लिए गए निर्णयों से लाभ मिलेगा। नई योजनाओं में निवेश संभव है।


कन्या-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। परिवार में तनाव से चिंता बढ़ेगी। जीवनसाथी की सेहत की चिंता रह सकती है। परोपकार में आपकी रुचि बढ़ेगी। धर्म कर्म में समय बीतेगा।


तुला-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। संतान की आजीविका संबंधी परेशानी दूर होगी। किसी शुभ चितंक से मेल-मुलाकात होगी. लापरवाही से काम न करें।


वृश्चिक-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। मेहनत से कारोबार में लाभ मिलेगा। पारिवारिक कष्ट और समस्याओं का अंत होगा। इनकम से ज्यादा खर्च न करें।


धनु-राशि के लोगों का दिन लाभदायक रहेगा। करीबियों की प्रगति मन को खुश करेगी। विदेश जाने का योग बन सकता है।


मकर-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ेगी। संतान का व्यवहार समाज में सम्मान दिलाएगा।


कुंभ-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। आज मेहनत के अनुरूप सफलता मिलेगी। दूसरों के विवादों में न पडे।


मीन-राशि के लोगों का दिन सामान्य रहेगा। मेहनत के अनुरूप सफलता मिलेगी। रुके हुए काम बनेंगे, सफलता मिलेगी। धन लाभ होने की संभावनाएं हैं।


समीक्षा के दृष्टिकोण से राष्ट्रवाद

राष्ट्रवाद लोगों के किसी समूह की उस आस्था का नाम है जिसके तहत वे ख़ुद को साझा इतिहास, परम्परा, भाषा, जातीयता और संस्कृति के आधार पर एकजुट मानते हैं। इन्हीं बन्धनों के कारण वे इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि उन्हें आत्म-निर्णय के आधार पर अपने सम्प्रभु राजनीतिक समुदाय अर्थात् 'राष्ट्र' की स्थापना करने का आधार है। हालाँकि दुनिया में ऐसा कोई राष्ट्र नहीं है जो इन कसौटियों पर पूरी तरह से फिट बैठता हो, इसके बावजूद अगर विश्व की एटलस उठा कर देखी जाए तो धरती की एक-एक इंच ज़मीन राष्ट्रों की सीमाओं के बीच बँटी हुई मिलेगी। राष्ट्रवाद के आधार पर बना राष्ट्र उस समय तक कल्पनाओं में ही रहता है जब तक उसे एक राष्ट्र-राज्य का रूप नहीं दे दिया जाता।


राष्ट्रवाद की परिभाषा और अर्थ को लेकर व्यापक चर्चाएँ होती रही हैं। राष्ट्रवाद की सुस्पष्ट और सर्वमान्य परिभाषा करना आसान नहीं है। प्रो. स्नाइडर तो मानते हैं कि राष्ट्रवाद को परिभाषित करना अत्यन्त कठिन कार्य है। लेकिन फिर भी इस विषय में उन्होनें जो परिभाषा दी है वह राष्ट्रवाद को समझने में उपयोगी है। उनके मतानुसार, 'इतिहास के एक विशेष चरण पर राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व बौद्धिक कारणों का एक उत्पाद - राष्ट्रवाद एक सु-परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र में निवास करनेवाले ऐसे व्यक्तियों के समूह की एक मनःस्थिति, अनुभव या भावना है जो समान भाषा बोलते हैं, जिनके पास एक ऐसा साहित्य है जिसमें राष्ट्र की अभिलाषाएँ अभिव्यक्त हो चुकी हैं, जो समान परम्पराओं व समान रीति रिवाजों से सम्बद्ध है, जो अपने वीरपुरूषों की पूजा करते हैं और कुछ स्थितियों में समान धर्म वाले हैं।


यह एक आधुनिक संकल्पना है जिसका विकास पुनर्जागरण के बाद यूरोप में राष्ट्र राज्यों के रूप में हुआ। राष्ट्रवाद का उदय अट्ठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के युरोप में हुआ था, लेकिन अपने केवल दो-ढाई सौ साल पुराने ज्ञात इतिहास के बाद भी यह विचार बेहद शक्तिशाली और टिकाऊ साबित हुआ है। राष्ट्रवाद के प्रतिपादक जॉन गॉटफ्रेड हर्डर थे, जिन्होंने 18वीं सदी में पहली बार इस शब्द का प्रयोग करके जर्मन राष्ट्रवाद की नींव डाली। उस समय यह सिद्धान्त दिया गया कि राष्ट्र केवल समान भाषा, नस्ल, धर्म या क्षेत्र से बनता है। किन्तु, जब भी इस आधार पर समरूपता स्थापित करने की कोशिश की गई तो तनाव एवं उग्रता को बल मिला। जब राष्ट्रवाद की सांस्कृतिक अवधारणा को ज़ोर-ज़बरदस्ती से लागू करवाया जाता है तो यह 'अतिराष्ट्रवाद' या 'अन्धराष्ट्रवाद' कहलाता है। इसका अर्थ हुआ कि राष्ट्रवाद जब चरम मूल्य बन जाता है तो सांस्कृतिक विविधता के नष्ट होने का संकट उठ खड़ा होता है। समीक्षा के दृष्टिकोण से राष्ट्रवाद


सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण

क्षमता से अधिक सामान का होना -: भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी मुख्य कारण हैं की वाहन के अंदर उसकी क्षमता से दो गुना तीन गुना चार-चार गुना अधिक सामान लाद दिया जाता हैं जिसके कारण उन मालवाहक वाहनों के टायर फट जाते हैं और दुर्घटनाये हो जाती हैं जिससे सामान और ब्यक्ति यानी की जन और धन दोनों का ही नुकशान होता हैं, अब सवाल यह उठता हैं की जब हर किसी को पता हैं तो लोग ऐसा क्यू करते हैं, क्यू मोटर मालिक या फिर ड्राइवर अपनी जान और माल दोनों का नुकशान उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं, इसके मुख्य कारण निम्न हैं १) पुलिस- हमारे देश की पुलिस यहाँ पर उत्तरदायी इसलिए हैं क्यू की यह ज्यादातर मामलों रक्षक (हीरो) नहीं बल्कि भक्षक(गुंडों) की तरह काम करती हैं,आप अपनी गाडी को लेकर जिस सड़क जिस शहर से गुजरेंगे हर मोड़, हर टोल नाके या फिर कही भी जहाँ भी पुलिस आपको मिल जायेगी आपको कुछ न कुछ देना ही पड़ेगा नहीं तो बिना मतलब के भी पुलिस आपको कुछ न कुछ देर के लिए परेशान करेगी, इस से बचने के लिए लोग पुलिस को पैसा देते हैं और ओवर लोडिंग में गाडी चलाते हैं उस पैसे की बराबरी करने के लिए, यहाँ भी जिम्मेदार प्रशासन ही हैं ड्राइवर की तनख्वाह का कम होना – पहले ही दिन से जब से मैंने इस ड्राइवरों और मोटर की दुनिया को समझने की कोशिस की हैं तब से मैंने केवल एक बात देखी हैं की मोटर मालिकों को एक बात लगती हैं की ड्राइवर के पास एक्स्ट्रा इनकम होती हैं इसलिए इन्हे तनख्वाह कम दी जाए, मालिक यह सोचकर तनख्वाह कम देते हैं और ड्राइवर इसकी भरपाई के लिए फिर एक्स्ट्रा माल गाड़ी में लोड करवाते हैं जिसे बेचकर वोह अपना पैसा बराबर करते हैं, जिसकी वजह से भी दुर्घटनाओं का जन्म होता हैं। लचीली कानून ब्यवस्था -: हमारे देश का संविधान भले ही लिखित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा और आदर्श संविधान हैं लेकिन वास्तव में यह बहुत ही लचीला या फिर यूँ कहें तो जर्जर कानून हैं, हमारे यहाँ हर किसी को पता हैं की अगर हमारे पास लाइसेंस हैं और गाडी का बीमा हैं तो किसी को भी ठोक दो भले ही वोह भारत का राष्ट्रपति ही क्यू न हो कोई फर्क नहीं पड़ेगा 7 दिन के अंदर आपको जमानत मिल जाएगी और फिर लड़ते रहो मुकदमा आजीवन और जो बाकी का नुकशान हैं वोह बीमा कंपनी भरेगी ही, तो कही भी ड्राइवर या फिर मोटर मालिक को कोई फर्क ही नहीं पड़ता दुर्घटनाओं से वोह आराम से रहते हैं और अपने प्रतिदिन की ही तरह जीवन चलता हैं उनका फर्क केवल किसी को पड़ता हैं तो उसमें उस पार्टी को जिसे क्षति पहुचती हैं, इसके अलावा इस पूरे मामले में हमारी दूसरी पार्टी भी जिम्मेदार कही न कही होती हैं क्यू की दुर्घटना होने के बाद यह दंड के तौर पर काफी मामलों में पैसा लेकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं और बाद में कहते हैं की जिसको जाना था वोह तो चला गया अब और क्या कर सकते हैं कम से कम पैसा मिल रहा हैं यही ठीक हैं और अंततः जिसने गलती की हैं वोह बरी, आज़ाद हो जाता हैं और जिन्दा मौत बन कर सड़क पर फिर से घूमने लगता हैं।


खराब सड़कें – हमारे देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी अहम कारण हैं की हमारे यहाँ की सड़कें हद से ज्यादा ख़राब हैं, सड़क ख़राब होने से मेरा मतलब केवल सड़क पर गड्ढे होने से नहीं हैं सड़क का डिजाइन भी सड़क ख़राब होने में अहम भूमिका निभाता हैं और सड़क ख़राब होने का मुख्य कारण हैं ठेकेदारी प्रथा, हमारे देश में ज्यादातर सड़कें या फिर यूँ कहे तो हर सड़क सरकार नहीं बल्कि रसूक दार लोग या फिर इस विभाग से जुडी हुई प्राइवेट कंपनिया बनाती हैं, वोह अपना डिजाइन तैयार करके भारत सरकार से अप्रूवल ले लेते हैं या फिर उन्हें डिजाइन मिल जाता हैं और सड़क बनाने का ठेका मिल जाता हैं और फिर उसके बाद वोह अपना काम शुरु कर देते हैं, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता की वोह सड़क दस दिन चलेगी या फिर पंद्रह दिन कोई मतलब नहीं होता उनका उनका काम केवल तब तक का होता हैं जब तक की उनको पैसा नहीं मिल जाता, सबसे घटिया सामान प्रयोग किया जाता हैं और सड़क का पैसा पास करवाने के लिए विभाग के मंत्री से लेकर चपरासी तक को ठेकेदार लोग पैसा खिलाते हैं, उसके बाद हम उस सड़क पर चलते हैं तो सड़क तो खराब होगी ही, क्यू की हमारे देश में सड़क लोगों के आवागमन और ब्यापार के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए बनाई जाती हैं।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...


परंतु उन्हीं को ब्रह्मा जगत में अद्न्याधान करता हूं  3 समिधा लेकर के, तीन ही क्यों मानी जाती है? क्योंकि त्रहवाद को मुझे जागरूक बनाना है। मेरे हृदय में जो तीनों गुण है ।रजोगुण, तमोगुण, सतोगुण यह 3 समिधा को लेकर के मैं अगर ध्यान करता हूं । इसलिए कर रहा हूं कि ब्रह्म जगत भी मेरा यह लोक-परलोक यह धीरु वर्धन तिरुपति में मेरा यह संसार पवित्र बन जाए। मैं राष्ट्र को तीन विभाग में विभक्त करना चाहता हूं। ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र एक सुदूर को नहीं ले रहा हूं तीनों विभागों में मैं अपने राष्ट्र का मैं अपनी प्रजा को एक सूत्र में लाना चाहता हूं। इस प्रकार का विचार जब मुनिवर देखो राजा ने महाराज जानवी को दिया तो ब्राह्मण वेताओं को ,वेद जिज्ञासु को प्रतीत हो गया कि राजा तो ब्रह्म वेता है और ब्राह्मण है। मुनि व उनके समीप विद्वान एकत्र हो गए और यह कहा कि महाराज हम आपसे यह जानना चाहते हैं कि यजमान तीन आपने प्रथम कैसे कहा था कि मैं ज्ञान, कर्म और उपासना के द्वारा यज्ञ कर रहा हूं। ज्ञान, कर्म और उपासना में क्या-क्या अंतर्द्वंद माना गया है? राजा कहते हैं कि ज्ञान कहते हैं इस संसार के प्रत्येक पदार्थ का ज्ञान हो जाना और प्रत्येक पदार्थ को जान लेना। उसका मुझे एक समिधा बनानी है। संमिधा का अभिप्राय है यह जो अग्‍न्‍यधान हो करके अग्नि में भस्म हो जाती है। वह जो मेरा विचार है मेरा जो संवाद है वह व्यापक बन कर के ज्ञान में परिणित हो जाए। ज्ञान में आधारित हो जाए। ज्ञान और विज्ञान होगा तो मैं कर्मकांड की पगडंडी को जान सकता हूं। कर्मकांड में मेरी निष्ठा हो कर्मकांड में निहित हो जाऊं। मेरी उज्जवल समीधा है ज्ञान, कर्म और उपासना उसके पश्चात परमात्मा को अपने को संभवत समर्पित कर सकता हूं। परमात्मा को समर्पित करना बहुत अनिवार्य है। जिस प्रकार माता अपने बालक को गर्भ स्थल में धारण करती हुई बालक में स्वयं को रत कर देती है। इसी प्रकार देखो मैं अपने को रत करना चाहता हूं। वह 3 संमिधा का अभिप्राय यह है कि मेरी अंतिम जो संमिधा है। मेरे शरीर और विचारों की संमिधा बनकर के वह अग्‍न्‍यधान जब परमात्मा ब्रह्म को प्राप्त होती चली जाए। भ्रम में निश्चित हो जाऊं ऐसा विचार वह दे रहा था। परंतु आगे ब्राह्मणों ने कहा कि प्रभु, तीन प्रकार की संविदा कौन सी है, जिनसे राष्ट्र बनता है, राष्ट्र को भव्य बनाना बनाया जाता है। उस समय राजा ने कहा कि तीन प्रकार की संमिधा वह कहलाती है जो राष्ट्र को ऊंचा बनाती है। सबसे प्रथम जिसमें चकाचक होती है जिसमें चरणीन्‍त होता हैं । उसका अभिप्राय है कि मेरे राष्ट्र में बुद्धिमान विशेष हो और बुद्धिमान के द्वारा यह राष्ट्र समाज ऊंचा बनता है। जब बुद्धिमान जिस काल में भी होते हैं वह जिस ग्रह में बुद्धिमान पुरुष होते हैं। उस राष्ट्र का पवित्र होना निश्चित है। परंतु इसी प्रकार मेरी वाइफ प्रारंभ की जो संमिधा है उससे मैं अपने राष्ट्र में ब्राह्मणों को ओजस्वी बनाता हूं। मुनिवर, देखो राजा जानवी कहते हैं मेरे यहां एक समय ब्रह्म वेता स्वर्ण केतु ऋषि महाराज आए और स्वर्ण केतु ऋषि महाराज ने ने कहा महाराज मेरे जो आचार्य है मेरे जो पित्र है आचार्य  मै उनके कुल में अध्ययन कर रहा हूं। परंतु उनके कुल में बुद्धिमान तो बहुत है परंतु वहां भगवान देखो द्रव्य की हीनता हो गई है। मैं तब चाहता हूं तो मुनि, देखो महाराज जानवी कहते हैं ब्रह्म बेताओं से मैंने दर्द को प्रदान किया और यह कहा जाओं ब्रह्मचारी ले जाओ क्योंकि विद्यालय पवित्र होने चाहिए। विद्यालय में बुद्धिमता होनी चाहिए। इससे मेरा राष्ट्र पवित्र बन जाए। महाराज जानवी ने कहा कि मेरी सबसे प्रथम संविदा ब्राह्मण मेरे राष्ट्र में हो द्वितीय मेरे यहां क्षत्रिय हो जिन क्षत्रियों से मेरा राष्ट्रीय बलिष्ठ होता है पवित्र बनता है। और उनमें धर्म पिरोया हुआ रहता है। इसी प्रकार जो संमिधा है वह  होनी चाहिए। वैश्य अपने धर्म को, कृषक कृषि करने वाला हो कृषक से जुड़ जाता है और भी नाना प्रकार का व्यापार बना होता है। जिससे राष्ट्र की आभा बनती है पवित्र बनती है। आज वह मेरे यहां ऊंचे होने चाहिए सुचरित्र होने चाहिए उनकी किसी प्रकार की हिंसा ने हो। तो मेरा राष्ट्र पुत्र होगा परंतु देखो उस समय उन्होंने कहा प्रभु आप जिन यज्ञ से अग्नि दान करते हो वह संमिधा कौन सी है। उन्होंने कहा वह समीधा मेरे यहां जिससे मैं प्रातः कालीन यज्ञ करता हूं और मेरी पत्नी जो यज्ञ करते हैं। सबसे प्रथम हम ब्रह्म चिंतन करते हैं ब्रह्म यज्ञ करते हैं और ब्रह्म यज्ञ के के पश्चात हम देव पूजा करते हैं। शिव पूजा के पश्चात हम अतिथि की सेवा करते हैं यह तीन यंज्ञ हमारे राष्ट्र में तीन प्रकार की है ये संमिधा कहलाती है। सबसे प्रथम ब्रह्मा का चिंतन होता है। ब्रहम के चिंतन का अभिप्राय यह है कि ब्रह्मा की आभा में रमण करते रहते हैं। यह ब्रह्म क्या है हमारे यहां प्रथम नियम माना है। पवित्र व की पति पत्नी अपने-अपने स्थान पर विद्यमान होकर के प्रातः काल अपने आसन को साफ करके ब्रह्म का चिंतन करते हैं और चिंतन करते हैं। हे ब्राह्मणों मेरे राष्ट्रीय में कोई ऐसा ग्रह नहीं है जिस ग्रह में ब्रह्म का चिंतन में हो पति पत्नी ब्रह्मा का चिंतन न करते हो। एक आसन पर विद्यमान हो करके धर्म क्या है धर्म किसे कहते हैं यह ब्रह्म क्या है इस ब्रहम में इस संसार को पिरोया हुआ है। जिसमें हम अपने उस मानवीय भाव को पिरोने वाले हैं तो वह ब्रह्म का चिंतन प्रत्येक राजा के प्रत्येक समाज में गृह में होता रहता है। जिससे कि हमें सात्विकता आ जाए ।मानवता आ जाए और मानवता आकर के शिष्टाचार आ जाए सदाचार आ जाए। क्योंकि ब्रह्मा के चिंतन से नाना लाभ होते हैं। ब्रह्मा का चिंतन करने वाले पति पत्नियों के गृह में संतान बुद्धिमान होती है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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september 09, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-38 (साल-01)
2.रविवार,10सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष एकादशी 


,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:57,सूर्यास्त 6:43
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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रविवार, 8 सितंबर 2019

लोकतंत्र-लोकतंत्र का चौथा स्‍तंभ खतरे मे

पत्रकारों पर हमले के लिए सजा देने में फिसड्डी है भारत


लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरे मे


हम शुरू करते हैं भारत की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश और शुजात बुखारी  की इनके अलावा कई इनके जैसे पत्रकारों की हत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि इसमें एक और नाम जुड़ गया। दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में डीडी न्यूज के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई।
क्या भारत पत्रकारों के लिए असुरक्षित देश बन गया है? जिस तरह से पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं ऐसा ही लगता है। आंकड़े भी यही बताते लगते हैं। पत्रकार संगठन कमिटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने ग्लोबल इम्प्यूनिटी इंडेक्स जारी किया है, जिसमें उन देशों को शामिल किया जाता है जहां पत्रकारों की हमलों के लिए अपराधियों को सजा नहीं मिलती। इस सूची में भारत 14वें नंबर पर है। यह सूची ऐसे समय में आई है जब सऊदी अरब के कंसुलेट में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर बवाल मचा है और अमेरिकी चैनल सीएनएन में पाइप बम भेजे जाने से सनसनी फैली हुई है।


सूचकांक बनाने के लिए सीपीजे ने सितंबर 2008 से अगस्त 2018 के बीच दुनिया भर में पत्रकारों की हत्या के मामलों का अध्ययन किया। भारत की बात करें तो इस एक दशक में पत्रकारों की हत्या के 18 मामले ऐसे हैं, जो सुलझ नहीं पाए हैं। सबसे बुरी हालत सोमालिया में है। इसके बाद नंबर सीरिया, इराक, पाकिस्तान और बांग्लादेश का आता है।
सीपीजे के मुताबिक, ''अध्ययन से मालूम चला है कि पत्रकारों के काम की वजह से उन पर जानबूझकर हमले किए गए.'' सीपीजे की 11वीं रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में दुनिया भर के कम से कम 324 पत्रकारों की आवाज दबाने के लिए उनकी हत्या कर दी गई और इनमें से करीब 85 प्रतिशत मामलों में अपराधियों को सजा नहीं दी गई है। 
भारत की हालत दयनीय  
सीपीजे की सूची में भारत 11 बार आ चुका है. 2017 में भारत का 12वां स्थान था। 2017 की रिपोर्ट में सीपीजे ने लिखा था कि 90 के शुरुआती दशक से भारत में 27 पत्रकारों को मार डाला गया। यही नहीं, तत्कालीन रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने यूनेस्को के जवाबदेही तंत्र में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया, जो मारे गए पत्रकारों के मामलों की जांच की स्थिति पर जानकारी मांगता है। हालत यह है कि पिछले दो वर्षों में भारत की गिनती उन देशों में होने लगी है, जहां पत्रकारों की सबसे ज्यादा हत्या हुई है। 2016 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट ने पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देशों में भारत को आठवें नंबर पर रखा था।
इस मुद्दे पर आजतक ऑनलाइन के संपादक पाणिनि आनंद ने डॉयचे वेले से कहा, ''भारत में पत्रकारों की हत्या के लिए मीडिया संस्थानों की ट्रेनिंग में कमी भी जिम्मेदार है। हम संवेदनशील इलाकों में रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों को शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार नहीं करते हैं। ऐसा अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में नहीं होता है और अगर हमला या हत्या होती है तो उसे जोरशोर से उठाया जाता है। भारतीय मीडिया संस्थानों में ऐसा नहीं है।


इन पत्रकारों की हुई हत्या    
2018 में भारत में कई पत्रकारों की हत्या हुई जिसमें 'राइजिंग कश्मीर' अखबार के संपादक और डॉयचे वेले से लंबे समय तक जुड़े रहे शुजात बुखारी का नाम शामिल है। जून 2018 में जब बुखारी अपने श्रीनगर स्थित दफ्तर से निकले तो उन पर अज्ञात लोगों ने हमला किया। वहीं मार्च में तीन पत्रकारों को सड़क दुर्घटनाओं में मारने का आरोप लगा। इनमें रेत माफियाओं पर रिपोर्टिंग कर रहे मध्य प्रदेश के संदीप शर्मा का नाम शामिल है। इसी तरह बिहार में नवीन निश्चल और विजय सिंह की भी हत्या कर दी गई।
2017 में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या ने मीडिया जगत को हिला कर रख दिया था। एक कन्नड़ अखबार की संपादक और हिंदू चरमपंथियों के खिलाफ मुखर लंकेश को उनके घर के बाहर ही गोलियां मारी गईं। ऐसा ही रेप के दोषी बाबाओं गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां और आसाराम के खिलाफ रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के साथ हुआ। पाणिनी आनंद के मुताबिक, ''स्थानीय अखबारों में पत्रकारों की स्थिति दयनीय है। वे अगर चरमपंथियों या प्रभावशाली लोगों के खिलाफ रिपोर्टिंग करें तो उन्हें यातना दी जाती है और कई बार तो मार दिया जाता है। ऐसे में पत्रकार तो हमेशा डरा रहेगा।    
मौत पर चुप्पी खतरनाक
पत्रकारों की हत्या पर चुप्पी खतरनाक है। भारत के संदर्भ में पाणिनी आनंद कहते हैं, ''कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों को छोड़कर पत्रकारों पर हमले या उनकी हत्या का मुद्दा वैसे नहीं उठाया जाता, जैसा होना चाहिए। कई बार अखबार इसे सिंगल कॉलम में समेटकर रख देते हैं और बात आई-गई हो जाती है. भारत में पत्रकारों को खुद जागरूक होने की जरूरत है''।
पाकिस्तान में भी पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं और वहां भी भारत की तरह पिछले एक दशक में पत्रकारों की हत्या के 18 ऐसे मामले सामने हैं, जिन्हें सुलझाया नहीं जा सका है। सीपीजे की सूची में पाकिस्तान का नौवां नंबर है।


विवादित चेहरों की जो आवाज बना

गुनाहों का देवता: वो वकील जो विवादित मामलों और चेहरों की आवाज़ बना


●जेठमलानी ने की कई हाई प्रोफाइल केसों में पैरवी
●राम जेठमलानी ने 2017 में लिया था वकालत से संन्यास
●लालू यादव, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी से जुड़े केस लड़े


भारतीय कानून के इतिहास में जब भी प्रमुख वकीलों का नाम लिया जाएगा राम जेठमलानी के बिना यह चर्चा अधूरी रहेगी. लंबी बीमारी के बाद 95 साल की उम्र में रविवार को उनका निधन हो गया। जेठमलानी ने 17 साल में लॉ की पढ़ाई पूरी कर ली थी और 18 साल की उम्र से वकालत शुरू कर दी थी। वकालत के प्रति उनका जो जुनून था वह उन्हें ऊंचाइयों पर ले गया। उन्हें विवादित मुद्दों को हाथ में लेने में मजा आता था। जब देश कुछ और सोच रहा हो उसके खिलाफ जाना जेठमलानी के बस की ही बात थी। उन्होंने कई ऐसे लोगों को फांसी के फंदे से बचा लिया जिन्हें आरोपी माना गया था।


राम जेठमलानी ने राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। जेठमलानी इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी केहर सिंह और सतवंत सिंह और राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी मुरुगन के बचाव में कोर्ट में पेश हुए थे।


दरअसल, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद जब कोई भी वकील हत्‍यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने के लिए तैयार नहीं था। तब राम जेठमलानी ने हिम्‍मत दिखाते हुए उनका केस लड़ने का फैसला लिया था।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट को चुनौती


पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के वकील के तौर पर पेश हुए जेठमलानी ने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टीडी डोगरा द्वारा दी गई मेडिकल रिपोर्ट को भी चैलेंज किया था. इस केस को लड़ने की वजह से जेठमलानी की आलोचना भी हुई थी।


वहीं संसद पर हमले के आरोपी कश्मीरी आतंकी अफजल गुरु के मामले में भी जेठमलानी ने पैरवी की थी। हालांकि अदालत ने फांसी की सजा को बरकरार रखा और 9 फरवरी 2013 को दिल्‍ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। दिल्ली के बेहद चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड मामले में वह अभियुक्त मनु शर्मा के वकील थे। हालांकि इस केस में उन्हें सफलता नहीं मिली और साल 2010 में कोर्ट ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।


अमित शाह के वकील रहे


इसके अलावा जेठमलानी ने यूपीए सरकार के सबसे चर्चित घोटाले 2 जी स्कैम में आरोपी और डीएमके नेता करूणानिधि की बेटी कनिमोझी के बचाव में पैरवी की थी। वहीं सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में उन्होंने अमित शाह की तरफ से केस लड़ा था। जेठमलानी ने माफिया डॉन हाजी मस्तान पर तस्करी से जुड़े मामले में पैरवी की थी। वहीं उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से भी पेश हुए थे।जून 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में जेठमलानी कोर्ट में पेश हुए थे।


जयललिता और आडवाणी भी क्लाइंट


कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे। वाईएस जगनमोहन रेड्डी के लिए मनी लांड्रिंग के मामले में भी पैरवी की थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में वो तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के वकील थे तो वहीं हवाला कांड में राम जेठमलानी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील थे।


जेठमलानी ने जो प्रमुख केस लड़े उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस, 2 जी स्कैम, आय से अधिक संपत्ति के मामले, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर, चारा घोटाला जैसे बड़े केस शामिल हैं। बता दें कि जेठमलानी ने लंबे करियर के बाद 2017 में संन्यास लेने का फैसला किया था। उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।


कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...