मंगलवार, 3 सितंबर 2019

सरकार ने यातायात नियमों को किया सख्‍त

सरकार ने यातायात के नियमों को किया सख्त, तोड़ा यातायात का नियम तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना


तस्लीम बेनकाब


मुजफ्फरनगर। सरकार ने कानून में बदलाव करते हुए नशे की हालत में गाड़ी चलाने बिना हेलमेट ड्राइविंग, सीट बेल्ट का उपयोग न करने, बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने, अनियंत्रित रफ्तार, सिग्नल की अनदेखी समेत हर गलती के लिए जुर्माने और सजा को सख्त बना दिया है। न्यू ट्रैफिक रूल्स ई-चालान मोटर वाइकल २०१९ देश में लापरवाही से ड्राइविंग करने के चलते हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से सड़क दुर्घटनाओं के खौफनाक वीडियो सामने आते हैं। इनमें हर साल हजारों लोग असमय मौत के शिकार हो जाते हैं। हादसों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने यातायात के नियमों को और सख्त करने का फैसला लिया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधन), २०१९ पेश किया था, जिसे संसद की मंजूरी मिल चुकी है। इस संशोधन प्रस्ताव को २०१७ में भी पेश किया गया था,लेकिन तब पास नहीं हो पाया। नए नियम रविवार से लागू हो गए हैं। हर गलती पर पहले से कई गुना जुर्मानाः सरकार ने कानून में बदलाव करते हुए नशे की हालत में गाड़ी चलाने ड्रंकीन ड्राइविंग, बिना हेलमेट ड्राइविंग, सीट बेल्ट का उपयोग न करने, बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने, अनियंत्रित रफ्तार, सिग्नल की अनदेखी समेत हर गलती के लिए जुर्माने और सजा को सख्त बना दिया है।जानिए किस गलती के लिए अब कितना जुर्मानाः मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक बदलाव के बाद पकड़े जाने पर कार्रवाई में इस प्रकार बदलाव हुआ। मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के हिसाब से जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है। ये हैं कुछ अहम बदलाव,बिना लाइसेंस ड्राइविंग एक हजार रुपए से बढ़ाकर पांच हजार रुपए,बिना टिकट यात्रा   दो सौ रुपए से बढ़ाकर पांच सौ रुपए,शराब पीकर चलाना  दो हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपए,ओवर स्पीड या रेस लगाना पर पांच सौ से बढ़ाकर पांच हजार रुपए, बिना परमिट का वाहन पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपए,सीट बेल्ट सौ से बढ़ाकर एक हजार रुपए। बिना इंश्योरेंस ड्राइविंग एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपए कर दी। वहीं केंद्र सरकार ने पुराने कानून को सख्त बनाने के साथ-साथ इसमें कुछ नए नियम भी जोड़े हैं। ओवर साइज व्हीकल पांच हजार रुपए, इमरजेंसी वाहनों को जगह न देना दस हजार रुपए,नाबालिगों के अपराध पच्चीस हजार रुपए के साथ तीन साल की सजा।


लापरवाही के कारण जीना हुआ मुहाल

प्रधान की करतूतों की खुल रही है पोल।


बिजनौर। कोतवाली देहात ग्राम बनवारीपुर याकूब कालोनी नई बस्ती की हालत अपने आप पर आँसू बहा रही है।मुख्यमंत्री के आदेशो को पलीता लगाते हुए ग्राम प्रधान की करतूतो को ग्रामवासी उजागर करते हुए। जिला अधिकारी इस ओर तत्काल ध्यान आकर्षित करे। क्योकि गांव वालों को रास्ते पर चलना भी हुआ दुश्वार हो गया है। इस गन्दगी के कारण लोगो में गंभीर बीमारी फेल रही है । इस गंभीर बीमारी के लोग हो रहे है शिकार। वक्त रहते होती साफ-सफाई और नालों का सही निर्माण, तो नहीं होती ये गांव की ये हालत। इस प्रकरण में लिप्त प्रधान पर शख्त से शख्त कार्यवाही होनी चाहिए। ताकि इस तरह की परिस्तिथी से किसी भी गांव वालो को न गुजरना पड़े।


आवास विकास पर भ्रष्टाचार का आरोप

गाजियाबाद। लोनी स्थित उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद मंडोला विहार आवास योजना की उदारता के कारण कई किसान बिना वजह परेशान किए जा रहे हैं। इसके पीछे  अधिकारियों का निजीस्वार्थ जिम्मेदार है। साथ में कहीं ना कहीं परिषद में भ्रष्टाचार बहुत अधिक बढ़ रहा है। जिसके चलते 75 वर्षीय वृद्ध किसान रामपाल सिंह त्यागी ग्राम नानू ने अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि पिछले 10 साल से रिश्वत ना देने के कारण आवास विकास परिषद के अधिकारियों के द्वारा परेशान किया जा रहा है। उनकी जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। रोज-रोज अधिकारियों के चक्कर काटने से तंग आकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शारीरिक,मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाने की सिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई  पोर्टल पर दर्ज कराई है। 


अभिव्यक्ति साहित्य सम्मान दिया गया

देश मे धारा 370 ओर जनंसख्या नियंत्रण समेत अनेक गम्भीर मुद्दों के जागरण का कार्य रास्ट्रवादी जनप्रतिनिधियों और राष्ट्रवादी कवियों द्वारा किया गया।                              गौतमबुध नगर। ग्रेटर नोयडा स्‍थित काली मंदिर में अभिव्यक्ति मैगजीन के उदघाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा नेता और सहयोग द हेल्पिंग हैंड के राष्ट्रीय अध्य्क्ष विजेन्द्र त्यागी को देश में सैनिको के लिए विशेष तौर पर कार्यरत रहने पर अभिव्यक्ति साहित्य सम्मान 2019 संस्था की अध्यक्ष डॉ संगम वर्मा , कोएडिटर डालिया मुख़र्जी ,प्लस पंजा ने देकर  सम्मानित किया इस अवसर पर विजेन्द्र त्यागी ने बोलते हुये बताया कि राजनीतिक जीवन मे सम्मान तो कई बार मिले हैं। लेकिन साहित्यक संस्था द्वारा सम्मान मिलना गौरव की बात हैं । देश मे धारा 370 के समापन समेत अनेक गम्भीर विषयो  के जागरण की मांग राष्ट्रवादी जनप्रतिनिधियों के साथ साथ कवियों और लेखको का योगदान महत्वपूर्ण रहा।


चेयरमैन ने गणपति मूर्ति की स्थापित

गाजियाबाद। लोनी स्‍थित विकास कुंज मे स्थानीय लोगों के दुारा गणपति महाराज की मूर्ति को स्थापित किया गया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित रही। कालोनिवासियों ने माला पहनाकर रंजीता धामा का स्वागत किया। वैदिक-मंत्रोंच्चार के साथ गणपति जी की मूर्ति को स्थापित किया गया। इस अवसर पर लोनी नगर पालिका अध्यक्ष ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि गणपति विसर्जन के लिये लोनी क्षेत्र मे जगह-जगह पर गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की जा रही है। लोग बेहद ही श्रद्धा व तन्मयता के साथ गणेश भगवान जी की पूजा अर्चना करेंगे तथा सभी लोग अपनी श्रदानुसार गणेशजी को घर मे लायेंगे तथा गणपति विसर्जन के दिन मूर्तियों का विसर्जन कर दिया जायेगा ।
ये त्यौहार ही है जो हम सभी के बीच रिश्तों को मजबूत बनाते है। लोगों मे मिलने-जुलने का भाव बढता है बच्चो में सेवा का भाव जाग्रत होता है। मै आप सभी को शुभकामनाएं देती हूँ कि गणपति महाराज आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें। आप लोग भी शान्तिपूर्वक सभी त्यौहार मनाये तथा अपनों के साथ मधुर संबंध बनाये रखे। इस अवसर पर सभासद अमित तोमर, संजीव मिश्रा, अरूण कुमार, जयशंकर कुमार, विभो मिश्रा, विजय मिश्रा, मनोज सिंह, मंजू देवी, रेणु देवी, अंजलि देवी, गीता देवी सहित सैकड़ों की संख्या मे कालोनी के सम्मानित लोग उपस्थित रहे।


संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचे:योगी

राजनीतिक संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचें : योगी


लखनऊ। पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भरोसा पहले भी कंपनियों को दिया जा सकता था। राजनीतिक संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचें, तभी यह हो सकता है। सीएम ने कहा कि हमने पुलिस बजट 18 हजार करोड़ से बढ़ाकर 24 हजार 500 करोड़ रुपये कर दिया। अब हमारा प्रयास है कि उप्र पुलिस अकादमी लखनऊ में बने। प्रशिक्षण केंद्र और फोरेंसिक के संस्थान खुलें। भर्ती प्रक्रिया इस वर्ष के अंत तक पूरी करने का प्रयास होगा। उन्होंने अपराधियों का डेटाबेस तैयार करने के भी निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के पहले मुझे डराया गया कि इसके तुरंत बाद लोकसभा चुनाव हैं। कोई दुर्घटना हो गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। लेकिन, मुझे अपनी टीम पर भरोसा था। कुंभ सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्था का दुनिया में मानक बना।


बढ़ गई हमारी जिम्मेदारी-पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि ढाई साल में इस बिल्डिंग के लिए तेजी से सरकार ने पैसा दिया, इसलिए यह बनकर तैयार हुई। पुलिस बजट भी बढ़ा दिया। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल्द ही इमारत पर हैलीपैड भी बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में बेहतर सहयोग के लिए अपर महानिदेशक रेलवे संजय सिंघल और एडीजी सुजीत पांडेय को सम्मानित किया गया।


पंचायतों में भुगतान का नया तरीका

पंचायतों में नई भुगतान व्यवस्था 15 तक लागू हो


लखनऊ। पंचायतों में भुगतान की नई व्यवस्था लोक प्रबंधन तंत्र(पीएफएमएस)लागू न होने से विकास कार्य ठप हैं। जिला पंचायत अध्यक्षों ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र उन्हें सौंपा। इस बीच प्रमुख सचिव ने नई व्यवस्था 15 सितंबर तक लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।


जिला पंचायत अध्यक्षों का कहना था कि नई व्यवस्था लागू होने में विलंब से गांवों का विकास कार्य ठप है। पुराने भुगतान न होने से नये कार्यो की स्वीकृति कराने में भी बाधाएं आ रही है। प्रिया साफ्ट पर योजना व निर्माण कायरे को अपलोड कराने में देरी संसाधनों की कमी के कारण ही हो रही है। इसका नुकसान विकास कायरे पर नहीं हो पाए, ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए। उन्होंने कई स्थानों पर सीडीओ और अपर मुख्य अधिकारी में कार्य वितरण को लेकर आ रही व्यावहारिक मुश्किलों को दूर करने की मांग की। अधिकारियों से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में मेरठ के कुल¨वदर सिंह, बिजनौर के सोकेंद्र प्रताप सिंह, हापुड की अमृता कुमार, मुजफ्फरनगर से अजरुन तोमर, अमरोहा में भूपेंद्र सिंह, शामली से प्रसन्न चौधरी व राजेंद्र कुमार शामिल थे। प्रमुख सचिव ने कहा कि इससे संबंधित कार्यवाही 15 सितंबर तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कर ली जाए।


दो दिन बाद मिला युवक का शव

संवाददाता-उसहैत


बदायूँ। इंस्पेक्टर अम्रतलाल ने दूसरे दिन गँगा मे डूबे नेत्रपाल के शव को ढूंढ निकाला परिजनों मे मचा कोहराम पीएम को भेजने की तैयारी। दो दिन पूर्व शनिवार को अटेना गँगा घाट पर अन्तेष्टि मे आये दो युवक डूब गये थे। डूबे युवक दोनो सिकंदर पुर थाना कँपिल जिला फरुखाबाद के रहने वाले थे। एक नेत्रपाल पुत्र पातीराम(22) व दूसरे आकाश पुत्र पप्पू कश्यप अटेना गँगा घाट पर अन्तिम सँस्कार मे शामिल होने आये थे। बताया जा रहा है अन्तिम सँस्कार के बाद दोनोँ युवक अन्य लोगों के साथ गँगा स्नान करने जल मे घुसकर नहाने लगे। वहीं दोनो तेज धार मे जाकर डूब गये। अन्य लोगो की चीख पुकार परकिसी युवक ने पुलिस को सूचना दे दी। वहीं सूचना पर इँस्पेक्टर अम्रतलाल  कटरा चौकी ईँचार्ज राजेश कुमार व हमराही अजय कुमार व अन्य पुलिस जवानों के साथ पहुंच गये और गोताखोरों की मदद से गँगा मे डूबे एक युवक आकाश पुत्र पप्पू कश्यप को जीवित निकाल लिया। वहीं दूसरे डूबे युवक नेत्रपाल पुत्र पातीरामको तमाम प्रयास के बाद थाना पुलिस को सफलता देर रात तक नहीं मिल सकी थी। उपजिलाधिकारी कुँवर बहादुर सिंह व इँस्पेक्टर अम्रत लाल व नायव तहसीलदार चौकी पुलिस नेत्रपाल के शव की निगरानी मे लगे थे। वहीं इँस्पेक्टर ने गँगा मे जाल डलवा दिया वही नेत्रपाल के शव को ढूंढने के लिये स्टीमरों को गँगा मे छुडवाये। वहीं दर्जन भर गोताखोर भी शव की निगरानी मे लगाये थे। परिजन व रिश्तेदार भी पहुंच गये थे बताया जाता है। इँसपेक्टर अम्रतलाल कटरा सहादतगँज चौकी पुलिस व नौली चौकी ईँचार्ज अजीत कुमार सिंह ने बुलाये गोताखोरों की मदद से दूसरे दिन मृतक नरेन्द्र के शव को देर रात सोमवार को निकाला जा सका है। वहीं परिजनों द्बारा शिनाख्त के बाद पीएम भेजने की तैयारी की जा रही है।


रामपुर में बीडी कारखानों पर छापेमारी

तुषार सक्सेना- ब्यूरो चीफ रामपुर
रामपुर जनपद में वाणिज्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर तीन बीड़ी बनाने के कारखाने पर की छापेमारी 


रामपुर। तहसील टांडा के उपजिलाधिकारी ने बीड़ी के तीन कारखाने में की छापेमारी। बीड़ी के तंबाकू व पत्तों के सैंपल भी लिए गयेे। घनी आबादी में चल रहे तीनों कारखाना  संचालक करा रहे थे नाबालिक किशोर से काम।अधिकारियो द्वारा जीएसटी का बिल नहीं दिखाने पर नोटिस जारी किया गया। इस दौरान क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा। उत्तर-प्रदेश के रामपुर तहसील टांडा में उस वक्त खलबली मच गई। जब अचानक एसडीएम टांडा और वाणिज्य विभाग की टीम ने तीन कारखाने में छापेमारी की। इन कारखाने में बीड़ी के तंबाकू और बीड़ी पत्ते के सैंपल भरे गए। वही से वाणिज्य विभाग की टीम ने पॉलिथीन और बीड़ी बनाने के उपकरण भी बरामद किए। बीड़ी बनाने की कारखाने से एक नाबालिक किशोर को कार्य करते हुए वाणिज्य विभाग की टीम ने पकड़ा है। इस मामले में तीनों कारखाने  स्वामियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। बरामद प्रतिबंध पॉलिथीन के इस्तेमाल करने पर विभाग की टीम ने कार्यवाही करते हुए ₹27000हजार रुपये का जुर्माना दंड के रूप में भी लगाया।संचालक युसूफ नजाकत अली, अतीक अहमद तीनों के खिलाफ कई धाराओं में कार्यवाही की जा रही है। तीनों थाना टांडा तहसील के रहने वाले बताए जा रहे हैं। ऋचा कक्कड टीम की महिला अधिकारी ने बताया टांडा विधानसभा में 3 बीड़ी के कारखानों में छापेमारी की गई है। तंबाकू और बीड़ी के पत्ते को सैंपल के लिए भेज दिए गए हैं।


मनमोहन की भविष्यवाणी सच हुई

नई दिल्ली। लोग कह रहे है कि मनमोहन ने पहले ही बता दिया था कि नोट बन्दी से अर्थ व्यवस्था में 2%तक गिरावट आएगी।
आप जानते हो की अर्थ व्यवस्था में गिरावट का असली कारण है। नकली मुद्रा का चलन से बाहर हो जाना। नोट बन्दी के समय देश में आधिकारिक तौर पर करीब 15लाख करोड़ की मुद्रा रिजर्व बैंक द्वारा जारी थी जो वर्तमान में 21लाख करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। उसके बाद भी महंगाई दूर दूर तक नहीं सोचिए क्यों? हकीकत है कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने पैरलल यानी समानांतर मुद्रा चलाकर चिदम्बरम और वाड्रा जैसों को नया रिजर्व बैंक बना रखा था। जिसका परिणाम महंगाई और अर्थव्यवस्था की कृत्रिम तेजी थीं। चूंकि मनमोहन सिंह उस सरकार के सरगना थे इसलिए उन्हें ज्ञात था कि लगभग कितनी समानांतर मुद्रा इस देश में चलाई गई है और नोट बन्दी से कितनी मुद्रा चलन से बाहर होने वाली है इसीलिए उनका आंकलन लगभग सटीक बैठा है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। वरना कोई अन्य कारण नहीं कि देश की अर्थ व्यवस्था में सुस्ती आय जबकि सरकार लगभग 2लाख करोड़ की अतिरिक्त मुद्रा प्रतिवर्ष बाजार में जारी कर रही हो। एक मोटे अनुमान के अनुसार नोट बन्दी से पहले आधिकारिक से अधिक अनाधिकृत मुद्रा चलन में थी। मतलब आप समझिए की आपके हाथों में नोट नहीं बल्कि चिदम्बरम और वाड्रा के दिए कागज थे। जिनका मूल्य शून्य था।


अगस्त ने बढ़ाई सरकार की मुश्किल

नई दिल्ली। मोदी सरकार को एक के बाद एक आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबरों का सामना करना पड़ रहा है। अब उसको जीएसटी की तरफ से बुरी खबर सुननी पड़ रही है। अगस्त महीने में जीएसटी के कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई। देश का कुल जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ से नीचे पहुंचकर 98,202 करोड़ हो गया। इससे सरकार के लिए एक औऱ चिंता खड़ी हो गई। राजस्व विभाग ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि जीएसटी कलेक्शन जुलाई में 1.02 लाख करोड़ रुपये था। जो कि अगस्त में 98,202 करोड़ घटकर पहुंच गयाा।


आज का दिन मुश्किल भरा रहेगा:धनु

राशिफल


मेष-राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से शुभ रहेगा. कारोबार में प्रगति करेंगे! नए लोगों से मुलाकात होगी जिसका फायदा निकट भविष्य में मिलेगा! पूरे दिन लाभ के योग बने रहेंगे! घर-परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी!जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता आएगी! सेहत का ख्याल रखें!


वृषभ-राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा! अपने दुष्मनों को अपने कौशल से पराजित करेंगे! कार्यक्षेत्र पर नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे! आर्थिक लाभ के पूरे योग हैं। व्यापार की स्थिति सुधरेगी! पारिवारिक जीवन खुशहाल रहे!


मिथुन-राशि वालों को आज सफलता हाथ लगेगी! नौकरीपेशा वाले लोगों को आज अपने काम की तारीफ मिलेगी! व्यापार में नए निवेश की योजना बनेगी! प्रभावशाली लोगों से मुलाकात होगी! सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी!लोगों के बीच पहचान बढ़ेगी! पारिवारिक जीवन यथावत रहेगा! जीवनसाथी से अनबन हो सकती है!


कर्क-राशि के लोगों के लिए आज का दिन लाभकारी है! व्यापार को नए मुकाम पर ले जाएंगे! साझेदारी व्यवसाय में प्रवेश के लिए अच्छा वक्त है! आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा! पारिवारिक संबंधों में खटास आएगी! किसी रिश्तेदार से अनबन हो सकती है!जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा!


सिंह-राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से शुभ है! कानूनी मामलों में आज सफलता मिलेगी. पुराना अटका धन प्राप्त होगा! सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी! यात्रा की योजना बन सकती है! पूरे दिन व्यस्त रहने के चलते थकान महसूस करेंगे! घर-परिवार की स्थिति ठीक रहेगी! वैवाहिक संबंधों में सुधार आएगा!


कन्या-राशि वाले लोग आज परेशान रहेंगे! काम की व्यस्तता के चलते परिवार और खुद के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे! व्यापार की स्थिति कुछ खास नहीं रहेगी! आर्थिक मोर्चे पर असफल रहने पर चिंतित रहेंगे! प्रेम संबंधों के लिए अभी अच्छा समय है! खर्च में बढ़ोतरी आपकी चिंता बढ़ा सकती है!


तुला-राशि वाले आज भाग्यशाली रहेंगे! कार्यक्षेत्र पर सफलता के कई मौके मिलेंगे! व्यापार को एक नए मुकाम पर ले जाएंगे! नए निवेश की योजना बनेगी! नए लोगों से मुलाकात होगी! आमदनी में बढ़ोतरी होगी! पारिवारिक जीवन यथावत बना रहेगा! यात्रा पर निकल सकते हैं!


वृश्चिक-राशि के लोगों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा! कार्यक्षेत्र पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा! निरंतर मिलती असफलता से चिंतित रहेंगे! कारोबार की स्थिति सामान्य रहेगी! पूरे दिन लाभ के योग बने रहेंगे! पुराना अटका धन प्राप्त हो सकता है! पारिवारिक संबंधों में खटास आ सकती है!


धनु-राशि वालों के लिए आज का दिन मुश्किलों भरा रहेगा!व्यापार में नए निवेश के बारे में अभी न सोचें! साझेदार से धोखा मिल सकता है! कार्यक्षेत्र पर कार्य को सिद्ध करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी! मानसिक परेशानी बढ़ेगी!खर्च में कमी लाएं! जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा!


मकर-राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा बितेगा! कारोबार की स्थिति सामान्य रहेगी! लाभकारी सौदे होंगे! सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. परिवार के साथ समय बिताएंगे! पुराने दोस्तों-रिश्तेदारों से मुलाकात होगी! सेहत का ख्याल रखें!


कुंभ-राशि वालों के लिए आज का दिन परेशानियों से भरा रहेगा। खर्च में बढ़ोतरी आपको चिंतित करेगी। आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर असफलता मिलने से निराशा होगी।रोजगार के क्षेत्र में प्रयासरत लोगों को आज खुशखबरी मिल सकती है। पारिवारिक संबंधों में मधुरता आएगी। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।


मीन-राशि के लोगों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी पी़ड़ा से परेशान रहेंगे। पुराना अटका धन प्राप्त होगा। व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी। नए निवेश की ओर कदम न बढ़ाएं, भविष्य में हानि हो सकती है।जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा।


पवित्र नारियल की विशेषता

नारियल की तासीर ठंडी होती है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, अग्निप्रदीपक, वीर्यवर्धक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।


सूखे नारियल से तेल निकाला जाता है। इस तेल की मालिश त्वचा तथा बालों के लिए बहुत अच्छी होती है। नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क भी ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।
बुखार के कारण बार-बार लगने वाली प्यास के इलाज के लिए नारियल की जटा को जलाकर गर्म पानी में डालकर रख दें। जब यह पानी ठंडा हो जाए तो छानकर इसे रोगी को पीने दें। इससे प्यास मिटती है।
आँतों में कृमि की समस्या से निपटने के लिए हरा नारियल पीसकर उसकी एक-एक चम्मच मात्रा का सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। नारियल के पानी की दो-दो बूँद सुबह-शाम कुछ दिनों तक नाक में टपकाने से आधा सीसी के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
सभी प्रकार की चोट-मोच की पीड़ा तथा सूजन दूर करने के लिए नारियल का बुरादा बनाकर उसमें हल्दी मिलाकर प्रभावित स्थान पर पट्टी बाँधें और सेंकें। विभिन्न त्वचा रोगों जैसे खाज-खुजली में नारियल के तेल में नीबू का रस और कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।
हृदय के विकारो के जोखिम कम करने के लिए सूखा नारियल का सेवन करना चाहिए। सूखा नारियल में अधिक फाइबर होता है। जो हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।
सूखे नारियल का सेवन करने से पाचन सम्बंधित सभी समस्याओं से बचने में मदद करता है।


पित्तजन्य विकारों के निदान में नारियल विशेष रूप से लाभकारी है। इसके लिए कच्चे नारियल की गिरी, रस तथा सफेद चंदन का बुरादा मिला लें। इस मिश्रण की 10 ग्राम मात्रा को रात को पानी में भिगो दें। सुबह छानकर इसे खाली पेट पिएँ।
स्वस्थ सुंदर संतान प्राप्ति के लिए गर्भवती महिला को 3-4 टुकड़े नारियल प्रतिदिन चबा-चबाकर खाने चाहिए। इसके साथ एक चम्मच मक्खन, मिसरी तथा थोड़ी सी पिसी कालीमिर्च मिलाकर चाटें। बाद में थोड़ी सी सौंफ चबाएँ। इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। पुराने सूजाक और मूत्रकृच्छ में भी इससे आश्चर्यजनक लाभ होता है।
नारियल क्रोहन्स डिजीज के इलाज के लिए एक रामबाण औषधि है। इस बीमारी में रोगी की आँतों में जलन, डायरिया, मल में रक्त आना, वजन कम होना आदि लक्षण होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार क्रोहन्स डिजीज के उपचार में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेराइड्स के समकक्ष नारियल में फाइटोस्टेराल्स नामक समूह तत्व होता है जो क्रोहन्स डिजीज में मुकाबला करता है।
नारियल हमें मोटापे से भी बचाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के भोजन में प्रतिदिन 15 मिग्रा जिंक होना जरूरी है जिससे मोटापे से बचा जा सके। ताजा नारियल में जिंक भरपूर मात्रा में होता है।
हैजे में यदि उल्टियाँ बंद न हो पा रही हों तो रोगी को तुरंत नारियल पानी पिलाना चाहिए। इससे उल्टियाँ बंद हो जाती हैं।


ई-शिक्षा कार्मिक विकास की राह पर

ई-शिक्षा सेवाओं का विकास उस समय हुआ जब पहली बार शिक्षा में कंप्यूटरों का इस्तेमाल किया गया। मिश्रित शिक्षा सेवाओं की तरफ बढ़ने की एक प्रवृत्ति होती है। जहां कंप्यूटर-आधारित गतिविधियों को व्यावहारिक या कक्षा-आधारित परिस्थितियों के साथ एकीकृत किया जाता है।


बेट्स एवं पूल (2003) और ओईसीडी (2005) का सुझाव है कि विभिन्न प्रकार या रूप के ई-शिक्षा को कोई ई-शिक्षा नहीं, अर्थात् अध्यापन एवं शिक्षा के लिए कंप्यूटर और या इंटरनेट का कोई उपयोग नहीं, से लेकर कक्षा सहायता, जैसे - एक पाठ्यक्रम या शिक्षा प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से छात्रों के लिए कक्षा व्याख्यान के पॉवरपॉइंट स्लाइड को उपलब्ध कराना, से होते हुए लैपटॉप प्रोग्राम, जहां छात्रों को कक्षा में लैपटॉप लाने और उन्हें आमने-सामने कक्षा के भाग के रूप में इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है और संकर शिक्षा, जहां कक्षा के समय को कम किया जाता है न कि इसे ख़त्म किया जाता है और साथ में सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा के लिए अधिक समय समर्पित किया जाता है। जो दूरस्थ शिक्षा का ही एक रूप है, तक एक सातत्यक माना जा सकता है। यह वर्गीकरण कुछ हद तक ई-शिक्षा की स्थिति पर आधारित स्लोन कमीशन की रिपोर्ट के वर्गीकरण की तरह ही है, जो प्रौद्योगिकी के उपयोग की बढ़ती तीव्रता को दर्शाने के लिए वेब वर्धित, वेब पूरक और वेब आधारित शिक्षा को संदर्भित करता है। बेट्स एवं पूल के सातत्यक में, 'मिश्रित शिक्षा' में कक्षा सहायता, लैपटॉप एवं संकर शिक्षा समाहित हो सकता है। जबकि 'वितरित शिक्षा' में या तो संकर या सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा शामिल हो सकता है।


तो यह देखा जा सकता है कि ई-शिक्षा अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला का वर्णन कर सकता है और यह सहकर्मी की समीक्षा वाले शोध प्रकाशनों में भी बिलकुल स्पष्ट नहीं है कि किस तरह की ई-शिक्षा पर चर्चा की जा रही है। हालांकि, बेट्स एवं पूल का तर्क है कि जब अनुदेशक यह कहते हैं कि वे ई-शिक्षा का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह अक्सर ज्यादातर कक्षा सहायता के रूप में प्रौद्योगिकी के उपयोग को ही संदर्भित करता है। हालांकि समय के साथ सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा में एक क्रमिक वृद्धि भी हुई है।


यमआचार्य नचिकेता वार्ता 'कर्तव्यवाद'

गतांक से ...


यमआचार्य नचिकेता वार्ता कर्त्तव्यवाद


मुनिवर, पत्र और पुष्पों को लेकर उनका रस बनाकर के सेवन करते रहे हैं। उनको तपा-तपा करके उनका सेवन करना। और 'आनंद ब्रह्म' मन को पवित्र बनाना, अपने आप में रमण करना। विशुद्ध पवित्रता कहलाती है। परमात्मा के समीप जाने की एक पगडंडी है। तो पगडंडी क्या है? अन्‍न को पवित्र बनाना है। मन की उत्पत्ति उसी के द्वार से होती है। साकल्य मुनि महाराज ने 12 वर्ष के पांच अनुष्ठान किए और अनुष्ठान करने से उन्होंने यह यज्ञ में प्रतिक्रियाओं में लगे रहने से अग्नि के मुख में कुछ ना कुछ आहुति देना है। वह 'अग्नि ब्रह्मा' मुनिवर, देखो दो प्रकार की होती है। एक जो ब्रह्म जगत में प्रदीप्त हो रही है। उसका शोधन करना भी अनिवार्य है। एक अग्नि हमारे अंतर ह्रदय में प्रदीप्‍त हो रही है। उसे भी आहुती देना है। उसको आहुति वह पत्र और उसको को पान कराना है। जिससे मानव का ह्रदय पवित्रता की वेदी पर मानो रत हो जाए। महर्षि साक्‍लय मुनि महाराज प्रातः कालीन खेचरीमुद्रा में प्रणायाम करते थे। उससे उनकी अन्न की पूर्ति हो जाती थी। मध्यकालीन आता तो वह नाना वृक्षों के पुष्पों को ले करके उनको अग्नि में तपा करके रस बनाकर के पान करते थे। सायंकाल को सूर्य प्रणायाम ,सूर्य प्रणायाम में संकल्प, प्रणायाम की पुट लगा कर के, उसमें शीतली प्राणायाम करके, उस रस को सेवन करते थे ।जो वायु में परमाणुओं के रूप में बह रहा है। इस प्रकार का उन्होंने 12 वर्षों का अनुष्ठान किया। इससे उनका मन पवित्र बन गया। उनका मन महान बन गया। उन्होंने मोक्ष की पगडंडी प्राप्त कर ली। मोक्ष के निकट चले गए। क्या मानव के अंतकरण में, क्या चित के मंडल में जो ब्रह्मा संस्कारों की उदबुदता हो रही है। महानता हो रही है वह एक बार एकांत स्थली में विद्यमान थे। कहीं से विहीतं नामक एक दैत्य मांसाहार करने के लिए एक हिरनी के पीछे गति करने लगा। वह पूर्ण रूपेण गर्भवती थी। तो जैसे उसने अस्त्रों का प्रहार किया तो साकल्‍य मुनि ने आश्रम में आभाष किया हिरणी और 'प्रो' मानव है। गर्भाशय से विहीन हो गई। शावक को जन्म देकर हिरनी आगे चली गई। वह जलाईदी सावक साक्‍लय मुनि के आश्रम में रह गया। हिरनी तो आगे चली गई, दैत्य ब्रह्मा भी आगे गति करता रहा, तो ऐसा मुझे स्मरण है। साक्‍लय मुनि महाराज ने उस हिरनी के शावक को दृष्टिपात किया। अरे, इसमें तो कोई गति हो रही है और सांस की प्राण की गतियां हो रही है। तो साक्‍लय मुनि ने अपने कमंडल में से जल् उसके मुखारविंद में परिणित किया। उसकी सांसों की गति कुछ माध्यम बनी। अपनी स्थलीयो पर आ गई, सावक ने जल का और उपयोग किया तो है जीवित हो गया। साकलय मुनि ने उसे आलिंगन कर लिया तो उसकी पालना में, पोषण में लग गए। जब उसकी पालन-पोषण में लग गए। मेरे प्यारे, नाना प्रकार की भोज्‍य उसे प्राप्त कराआते रहते। समय पर जल प्रदान करते, समय पर उसे दुग्ध प्रदान करते हैं।मुनि वेचूक नामक राज्य के समीप पहुंचे और वेतकेतू राजा के द्वार पर जा करके उन्होंने कहा 'संभव लोकाम, मुनि को जब राजा ने दृष्टिपात किया तो वेतकेतू राजा ने उनसे कहा यहां मुनि का आगमन ,मैं दृष्टिपात कर रहा हूं। मेरा बड़ा अहोभाग्य, उन्होंने राज स्‍थल को त्याग दिया और यह कहा, आइए राजस्थान पर खडे हो गए और विधमान हो कर के राजा ने चरणों को स्पर्श करके कहा, कि भगवान कैसे आगमन हुआ? उन्होंने कहा, मुझे गौ की इच्छा है। मुझे दूध देने वाली गौ प्रदान कीजिए। महाप्रभु यह तो आप मुझे सूचना दे देते, मैं गौ आपके आश्रम में पहुंचा देता। प्रभु आपने कष्ट क्यों किया है? उन्होंने कहा कि भ्रमण करता हुआ मैं आ गया हूं कोई बात नहीं है। राजा ने ऋषि का स्वागत किया और अपने सेवको से कहा जाओ देखो ऋषि आश्रम में एक गौ को ले जाओ जो दूध देने वाली होनी चाहिए। मेरे प्यारे गौ आश्रम में पहुंच गई। ऋषि ने वहां से गमन किया। राजा ने कहा प्रभु और कुछ देख लीजिए। साक्‍लय मुनि ने कहा राजन तुम्हारी राष्ट्र में महानता होनी चाहिए। क्योंकि तुम्हारा राष्ट्र चरित्र में उत्पन्न होना चाहिए। तुम्हारे राष्ट्र में विद्या का मध्यम पवित्र होना चाहिए। तुम्हारा राष्ट्र विज्ञानवेता होना चाहिए। राजा को यह उपदेश देकर के वहां से आज्ञा पाकर के उन्होंने गमन किया। वह भ्रमण करते हुए अपने आश्रम में पहुंचे तो उन्हें वहां एक गाय प्राप्त हो गई। उसके दुग्ध को उस हिरनी के शावक को दुग्ध का आहार कराते हुए। दूध का पान कराते रहते थे। ऋषि ममता और मोह ऐसी विचित्र होती है। बेटा क्या मानो, जिन्होंने अपने शरीर का मोह नहीं किया। देखो हिरणी के बालक से कितना मोह हुआ? उसको कंठ से आलिंगन,उसका चुंबन करते रहते। उसको पुत्र की भांति पालन पोषण करते रहते हैं। मेरे प्यारे देखो, हिरनी के बालक को भिन्न-भिन्न प्रकार की शिक्षा देते रहते हैं। साक्‍लय मुनि महाराज श्वेतकेतु मुनि महाराज के पुत्र कहलाते थे और श्वेतकेतु मुनि महाराज की आयु बड़ी  दीर्घ थी। देखो उनकी जो माता थी सोमवती वाचन उनकी जो माता थी। वह वरुणा वाचन  नामकरण था। श्‍वेधा अपनी लोरियों का पान करा करके उसे यही शिक्षा देती है। बालक निर्वस्त्र बन जाए परंतु तू किसी से इच्छा प्रगट मत कर। माता की यह शिक्षा रही । श्वेतकेतु यही कहते रहे है,ब्रह्मचारी,राजा के राष्ट्र में अपने विचार के पान को प्रकट करो। अपने स्वार्थ के लिए स्वार्थपरता में नहीं आना चाहिए। पिता की भी यही शिक्षा, आचार्यों की भी यही शिक्षा रही, परंतु अपने जीवन काल में आकर मुनि महाराज ने पांच अनुष्ठान किए। 12 वर्षों के पांच अनुष्ठान, जिसमें दो अनुष्ठान उन्होंने याज्ञिक होने के लिए किए। देखो उनकी लगभग 400 वर्ष की आयु में किसी से कोई इच्छा अपने लिए प्रगट नहीं की। कितना त्याग और तपस्या में उनका जीवन रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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september 04, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-32 (साल-01)
2. बुधवार,04सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष षष्‍ठी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:55,सूर्यास्त 6:45
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सोमवार, 2 सितंबर 2019

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी गणेश चतुर्थी की बधाई

नई दिल्ली।गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने इस पर्व को लेकर देशवासियों को बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति ने कामना की है कि सभी लोगों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को पावन पर्व गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं। बप्पा के दर्शन के लिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में सुबह से ही भक्तो का तांता लगा हुआ है। सिद्धिविनायक मंदिर को 100 तरह के फूलों से सजाया गया है। लोगों में जश्न का माहौल है। लोग अपने-अपने घरों में भी गणपति की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।


बधाई संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ”गणपति बप्पा मौर्या! गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने बधाई संदेश में कहा, ”विनायक चतुर्थी के पावन अवसर पर देशवासियों के जीवन में शुभता, समृद्धि,स्वास्थ्य और संतोष की कामना करता हूं। लोकमान्य तिलक ने इस पर्व को राष्ट्रीयता और सामाजिक एकता के सांस्कृतिक पर्व के रूप में स्थापित किया था। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।


विनायक चतुर्थी के पावन अवसर पर देशवासियों के जीवन में शुभता, समृद्धि,स्वास्थ्य और संतोष की कामना करता हूं। लोकमान्य तिलक ने इस पर्व को राष्ट्रीयता और सामाजिक एकता के सांस्कृतिक पर्व के रूप में स्थापित किया था। उस आदर्श के प्रति सत्यनिष्ठ रहें।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ”सभी देशवासियों को पावन पर्व गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं, गणपति बाप्पा मोरया। गणेश चतुर्थी के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा, ”गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की शुभकामनाएं भगवान गणेश सभी का मंगल करें और सबों के घरों में सुख शांति लाए यही श्री चरणों में प्रार्थना है। इस मौके पर बप्पा के दर्शन के लिए मंदिरों में भीड़ उमड़ रही है, लोग अपने हाथों में फूल-मालाएं और आरती की थाल लेकर मंदिर की ओर दर्शन के लिए जा रहे हैं। इस मौके पर मुंबई की छटा देखते बन रही है।


भागवत ने की मदनी से सामान्‍य मुलाकात

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जमीयत उलेमा ए हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात की और दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में हिंदू और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करने और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बैठक शुक्रवार को यहां संघ के यहां स्थित कार्यालय केशव कुंज में हुई और इसका आयोजन भाजपा के पूर्व महासचिव (संगठन) रामलाल ने किया था जो वापस आरएसएस में चले गए हैं।


मदनी ने कहा, ''बैठक 90 मिनट से अधिक समय तक चली और इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। भागवत इस बैठक के लिए हवाई मार्ग से नागपुर से यहां आये थे। यह बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।'' उन्होंने कहा कि संघ और जमीयत संभवत: देश में सबसे बड़े गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन हैं और वे देश के हित में काम करना चाहते हैं जो उन्हें बातचीत की एक मेज पर ले आया। मदनी ने कहा, ''हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करना, भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने और राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) पर चर्चा हुई।'' दोनों नेताओं के बीच यह बैठक असम में एनआरसी की अंतिम सूची सार्वजनिक किये जाने से एक दिन पहले हुई।
मदनी ने बैठक में यह भी कहा कि जमीयत वीडी सावरकर और एमएस गोलवलकर के विचारों से सहमत नहीं है। सम्पर्क किये जाने पर संघ के प्रचार विभाग के पदाधिकारी राजीव तुली ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि संघ प्रमुख होने के नाते भागवत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करते हैं। तुली ने कहा, ''ऐसी ही एक बैठक के तहत भागवत शुक्रवार को मदनी से मिले। संघ देश में एकता और शांति के लिए काम करता है और जो भी इस प्रयास में शामिल होना चाहता है उसका स्वागत है।'' संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक इस वर्ष के शुरू में होनी थी लेकिन इसे लोकसभा चुनाव के बाद के लिए टाल दिया गया ताकि बैठक का कोई राजनीतिक अर्थ न निकाला जाए।


पायलट की जद मे नही अध्यक्ष का पद

तो क्या अब अशोक गहलोत को कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने की साजिश हो रही है? डिप्टी सीएम सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छीनने से जुड़ा है मामला। 
जयपुर। राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र भास्कर और पत्रिका में अलग अलग स्टोरी प्रकाशित हुई। दोनों स्टोरी से प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत को कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने की राजनीतिक साजिश हो रही है। भास्कर की स्टोरी में बताया है कि गत आठ माह में सरकार ने 85 बड़े फैसले किए, लेकिन मात्र 29 फैसले ही केबिनेट की बैठक में हुए। यानि 56 फैसले मंत्रिमंडल की बैठक के बगैर ही सर्कूलेशन पद्धति से हुए। सर्कूलेशन पद्धति में मुख्यमंत्री और एक अन्य मंत्री की मंजूरी के बाद ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मान ली जाती है। कोई भी सरकार सर्कूलेशन पद्धति को तब अपनाती है, जब मंत्रिमंडल की बैठक संभव नहीं हो। यानि आपात स्थिति में राजस्थान में तो इन दिनों कोई आपात स्थिति नहीं है तो फिर सरकार के अधिकांश फैसले सर्र्कूलेशन पद्धति से क्यों मंजूर हो रहे हैं? क्या अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने में भी समर्थ नहीं है? दूसरी खबर पत्रिका की है। इस खबर में बताया गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी मंत्रियों को अपने प्रचार वाले जिलों में दौरान करने के निर्देश दिए थे। लेकिन 23 में से 16 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के आदेश  की परवाह नहीं की। यानि 16 मंत्री अपने प्रचार वाले जिलों में नहीं गए। इस खबर से भी प्रतीत होता है कि गहलोत की अपने मंत्रियों पर पकड़ नहीं है। राजनीति में सब जानते हैं कि ऐसी खबरें कब और किस उद्देश्य से प्लांट की जाती है। 30 अगस्त को राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद छीनने की खबरें चल रही थी। खुद पांडे ने भी माना कि प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर श्रीमती गांधी से बात हुई है। पायलट सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं, ऐसे एक व्यक्ति एक पद की मांग उठाई गई। अब जब सचिन पायलट पर एक व्यक्ति एक पद का नियम लागू किया जाएगा तो मीडिया में अशोक गहलोत कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने वाली खबरें तो आएंगी ही। पायलट के समर्थक तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर लगाए बैठे हैं। यह तो अच्छी बात है कि पायलट ने गहलोत की सरकार में डिप्टी सीएम बनना स्वीकार कर लिया, नहीं तो राजस्थान में गहलोत का तीसरी बार सीएम बनना संभव नहीं था। सब जानते हैं कि सचिन पायलट के दखल की वजह से ही सरकार के फैसले सर्कूलेशन पद्धति से करवाए जा रहे हैं। यदि प्रस्तावों पर विचार हो तो केबिनेट की बैठक में विवाद हो सकता है। विवाद को टालने के लिए ही सीएम गहलोत सर्कूलेशन का सहारा ले रहे हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी मंत्री यदि जिलों का दौरा नहीं कर रहे हैं तो इसका जवाब पायलट ही दे सकते हैं। गहलोत और पायलट सार्वजनिक मंचों से भले ही एकता दिखाएं, लेकिन दोनों के बीच मन मुटाव अब जगजाहिर है। खींचतान के चलते ही राजनीति नियुक्तियां भी नहीं हो रही है। 
एस.पी.मित्तल


कानून का दोगलापन (संपादकीय)

तो क्या आम आदमी को भी सुप्रीम कोर्ट से चिंदबरम की तरह राहत मिलेगी?


कानून का दोगलापन।
करोड़ों के घोटाले का आरोप है पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए तिहाड़ जेल ले जाने पर पांच सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिल्ली की सीबीआई कोर्ट का निर्णय से पहले दिया है। संभवत: देश के न्यायिक इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब इस तरह सुप्रीम कोर्ट का रुख सामने आया है। आमतौर पर किसी आरोपी की रिमांड अवधि खत्म होने तथा निचली अदालत से जमानत न मिलने पर आरोपी को जेल भेज दिया जाता है। बाद में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेने की कार्यवाही की जाती है। लेकिन 2 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सीबीआई अदालत से अंतरित जमानत न मिलने पर भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक जेल नहीं भेजा जाए। यानि अब चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में ही रहेंगे। सुनवाई से पहले चिदंबरम के वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में आग्रह किया था कि चिदंबरम के राजनीतिक महत्व को देखते हुए जेल भेजने पर रोक लगाई जाए। चिदंबरम को सीबीआई ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था।  दिल्ली की सीबीआई अदालत दो बार चिदंबरम के रिमांड की अवधि बढ़ा चुकी है। 2 सितम्बर को रिमांड की अवधि समाप्त हो रही थी। ऐसे में चिदंबरम को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजे जाने की संभावना थी, लेकिन सीबीआई कोर्ट अपना निर्णय देती इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेजने पर अंतरिम रोक लगा दी। अब पांच सितम्बर को पता चलेगा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी रोक को आगे बढ़ाता है, या फिर चिदंबरम को तिहाड़ जेल जाना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितम्बर को जो निर्णय दिया, उससे सवाल उठता है कि क्या ऐसी राहत आम आदमी को भी मिल सकती है? आमतौर पर आम आदमी को तो रिमांड की अवधि समाप्त होने पर जेल जाना ही पड़ता है। मालूम हो कि चिदंबरम ने यूपीए सरकार में केन्द्रीय वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया और अन्य संस्थानों के पक्ष में विदेशी निवेश को लेकर जो निर्णय दिए उसकी एवज में लाभ प्राप्त करने वाली कंपनियों ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों में करोड़ों रुपया जमा करवाया है। सीबीआई अब इसी घोटाले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ईडी की कार्यवाही पर भी रोक लग गई है। अब ईडी के अधिकारी भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं। 
एस.पी.मित्तल


जाधव से अकेले में मिले भारतीय कमिश्नर

कुलभूषण जाधव से भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर आहलूवालिया ने अकेले में मुलाकात की। पाकिस्तान के मंसूबों को समझना होगा। 

इस्लामाबाद। भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव आहलूवालिया ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से अकेले में मुलाकात की। भारत का आरोप है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को ईरान से जबरन पकड़ा गया। 2017 में गिरफ्तारी के 2 सितम्बर को पहला मौका रहा, जब जाधव को अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी है। जाधव को आतंकी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दे रखी है। हालांकि भारत की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में फांसी की सजा पर रोक लगा दी। अब न्यायालय के आदेशों के अनुरूप ही जाधव को कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी गई है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद जो पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले की धमकी दे रहा था, वह अचानक जाधव के मुद्दे पर इतना नरम क्यों पड़ गया है, इसे भारत को समझना होगा। गत वर्ष तो पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी को भी अकेले में नहीं मिलने दिया था। चूंकि जाधव पाक सेना के कब्जे में है, इसलिए जाधव से कुछ भी बयान दिलवाया जा सकता है। पाकिस्तान ने कभी भारत के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है। हमेशा भारत को नुकसान करने वाले कार्य ही किए हैं। एक ओर जब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लगातार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है जब जाधव को कांसुलर एक्सेस देना मायने रखता है। भारत को पाकिस्तान के इन मंसूबों को समझना होगा। यह माना कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनियाभर में कोई समर्थन नहीं मिल रहा हैं। यहां तक एक भी मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ नहीं है, लेकिन फिर पाकिस्तान की बदली हुई नियत को समझना होगा। हमारी सफलता तभी है, जब जाधव सकुशल भारत लौटे। इसके लिए अभी पाकिस्तान में न्यायिक प्रक्रिया का भी सामना करना होगा। प्रधानमंत्री इमरान खान में इतना दम नहीं है कि वह अपनी सेना से जाधव को छीन कर भारत को सौंप दें। वैसे ही इन दिनों पाकिस्तान में इमरान खान को बहुत कमजोर प्रधानमंत्री माना जा रहा है। पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाने, धर्म परिवर्तन करवाने आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं। 
एस.पी.मित्तल


कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...