सोमवार, 2 सितंबर 2019

अड़चनें खत्म,स्थिति अनुकूल रहेगी:कर्क

राशिफल


मेष-एकाएक स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है, लापरवाही न करें। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यर्थ दौड़धूप होगी। विवाद से स्वाभिमान को चोट पहूंच सकती है। काम में मन नहीं लगेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।


वृष-प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। लाभ देगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें। लाभ होगा।


मिथुन-फिजूलखर्ची ज्यादा होगी। शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए काम करने का मन बनेगा। दूर यात्रा की योजना बनेगी। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में चैन रहेगा। जोखिम न लें।


कर्क-कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश सोच-समझकर करें। नौकरी में चैन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा।


सिंह-नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्‍य संबंधी चिंता बनी रहेगी। आशंका व कुशंका रहेगी। कार्य में बाधा संभव है। उत्साह बना रहेगा।


कन्या-विवेक का प्रयोग करें। समस्याएं कम होंगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


तुला-नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। धनहानि हो सकती है। सावधानी आवश्यक है। थकान महसूस होगी।


वृश्चिक-स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों से कहासुनी हो सकती है। भागदौड़ होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। लाभ के लिए प्रयास करें।


धनु-घर के छोटे सदस्यों संबंधी चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।


मकर-वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी जानकार व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


कुंभ-अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ने के योग हैं। कोई बड़ी समस्या का अंत हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लेन-देन में सावधानी रखें।


मीन-कोई बड़ा खर्च एकाएक सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। किसी व्यक्ति के काम की जवाबदारी न लें। स्वयं के काम पर ध्यान दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा। कार्यकुशलता कम होगी।


मनोदशा की आकृति-चिंता

चिन्ता "एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिये इच्छुक या तैयार होता है”जो कि यह सुझाव देता है कि भविष्य बनाम उपस्थित खतरों के बीच एक अंतर है जो भय और चिन्ता को विभाजित करता है। चिंता को तनाव की एक सामान्य प्रतिक्रिया माना जाता है। यह किसी व्यक्ति कि किसी मुश्किल स्थिति, काम पर या स्कूल में किसी को इससे निपटने के लिए उत्साहित करने पर, से निपटने में मदद कर सकती है। अधिक चिंता करने पर, व्यक्ति दुष्चिन्ता विकार का शिकार हो सकता है।


चिंता के शारीरिक प्रभाव में दिल का पल्पिटेशन, मांसपेशियों में कमजोरी, तनाव, थकान, मिचली, सीने में दर्द, सांस की कमी, पेट में दर्द या सिर दर्द शामिल हो सकते हैं जब शरीर खतरों से निपटने के लिए होता है: तब रक्तचाप और दिल की गति की दर बढ़ जाती है, पसीना बढ़ जाता है, प्रमुख मांसपेशी समूहों के लिए रक्त का बहाव बढ़ जाता है और प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र प्रणालीयां में रुकावट आ जाती है (लड़ो या भागो का प्रतिक्रिया)। पीली त्वचा, पसीना, कांप और पपीलअरी फैलाव चिंता के बाहरी लक्षणाँ में शामिल हो सकते हैं। कोई, जिसे चिंता है इसे भय या आतंक का भाव के रूप में अनुभव कर सकता है। हालांकि हर व्यक्ति जिसे चिंता आतंक के दौरे अनुभव नहीं करता, ये एक आम लक्षण है। आतंक के दौरे आम तौर पर बिना चेतावनी के आते हैं और यद्यपि आम तौर पर डर तर्कहीन है, परंतु खतरे की धारणा बहुत वास्तविक है। एक व्यक्ति जो आतंक के दौरे का अनुभव कर रहा हो, अक्सर ऐसा मह्सूस करता है जैसे वह मरने या गुज़रनेवाला,गुज़रनेवाली है।


चिंता केवल भौतिक प्रभाव ही नहीं रखती बल्कि इसमें कई भावनात्मक प्रभाव भी शामिल हैं करती है। इसमें “आशंका या भय की भावनाओं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, तनाव या उछाल की भावना, निकृष्ट्तम का अनुमान, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, खतरे या घटना के संकेतों (और घटित होने) को देखना (और इंतजार करना) शामिल हैं और महसूस करना जैसे कि तुम्हारा मस्तिष्क शून्य हो गया हो”और साथ ही साथ ”दुस्वप्न, बुरे सपने, उत्तेजना के बारे में दुराग्रह, मस्तिष्क की भावनाओं इन एक फन्दा, देजा-वू और भावना की सब कुछ डरावना लग रहा है।


चिंता के संज्ञानात्मक प्रभाव में, आशंकित खतरों के विचार, जैसे मृत्यु का डर भी शामिल हो सकता है। "तुम डर सकते हो कि सीने में दर्द 'चिंता के शारीरिक लक्षण हैं' घातक दिल का दौरा है या सिर में शूटिंग दर्द 'चिंता का एक और शारीरिक लक्षण' ट्यूमर या धमनीविस्फार का परिणाम हैं। आप गहन भय का भाव अनुभव करते हैं जब आप मरने की सोंचते हैं या आप इस के विषय में सामान्य से अक्सर अधिक सोंचते हैं या इसे अपने मस्तिष्क से बाहर नहीं कर सकते हैं।


कर्तव्यवाद:यम नचिकेता वार्ता

कर्तव्यवाद
 मुनिवरो, पूर्व की भांति आपके समक्ष कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। तुम्हें यह भी प्रतीत हो गया होगा कि आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया है । हमारे यहां परंपरागत ही उस मनोहर वेदवाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में मेरे देव परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा महान विज्ञान में रत रहने वाला है। जितना भी यह जगत मानवीय दृष्टिपात आ रहा है। उस सर्वत्र ब्राह्मण की आभा में वह परमपिता परमात्मा निहित हो रहे हैं। उसी में जिसके ऊपर मानव परंपरागत उसमे ही अनुसंधानकर्ता आ रहा है। विचार-विनिमय करता रहा है कि हम परमपिता परमात्मा के समीप जाना चाहते हैं। प्रत्येक मानव इसी विडंबना में नाना प्रकार की आभा में भ्रमण करता रहता है और कहीं न कहीं अपनी आभा में नियुक्त होता रहता है कि मैं उस परमपिता परमात्मा की आभा हूं। जिस प्रकार में घूमे विद्युत वास करती है  दृष्टिपात होने के बाद उसी में ओझल हो जाती है। उसी प्रकार उसमें अपने को ले जाओ उसमे ओझल हो जाओ। इसी प्रकार प्रत्येक मानव प्रकृति के आवेश में और प्रकृति के गर्भ में ओझल हो जाता है। परमपिता परमात्मा की आभा हम जानना चाहते है। परंतु जब संसार के नाना प्रकार के रूपों में रत होता है तो परमपिता परमात्मा के समीप में जाकर के वह प्रकृति के गर्भ में ही रमण करने लगता है। हमारा वेद मंत्र यह कहता है। हे मानव, यदि तू परमपिता परमात्मा को जानना चाहता है और उसके समीप जाना चाहता है। तुझे नाना प्रकार के इस प्रकृति के आवेशों को त्यागना होगा। प्रकृति को वह मानव त्‍याग आता है। जान लेता है यह इसकी जडवत प्रवृत्ति है। उस प्रवृत्ति को जो नहीं जान पाता है। वह प्रकृति को नहीं जान सकता। प्रकृति के आवावेशो को नहीं जान सकता। इसलिए हमारे ऋषि मुनि परंपरागत उसे ही इसके ऊपर विचार विनिमय करते रहें। विचारते रहे हैं कि हम प्रकृति के उन आवेशों को त्यागना चाहते हैं। जिन आवेशों में मानव अपने को जडवत बना लेता है। ज्ञान और चेतना के स्थान में वह जडवत बन जाता है। जडवत को त्यागना है और चेतना को अपनाना है। जो चेतना लाने का प्रयास करता है। और जडवत को त्याग देता है ।वहीं मानव संसार में महान बनता है। इसलिए हमारे आचार्यों ने अनुसंधानवेताओं ने राष्ट्रवेताओं ने अपने राष्ट्र को त्‍याग करके भयंकर वनों में अपनी चेतना में सदैव तत्पर रहें, रत रहे हैं। मुझे आज  कुछ वाक्य स्‍मरण आ रहे हैं जिन वाक्यों को मैंने पुरातन काल में तुम्हारे सम्मुख प्रकट किया है। एक समय बेटा महॠषि साक्लय मुनि परमपिता परमात्मा के हृदय मन हो रहे थे। अन्वेषण करते हुए महर्षि साक्‍लय मुनि के समीप एक वाक्य आया कि मैं तपस्वी कैसे बनूंगा। भयंकर वनों में यह विचार कर रहे थे और मन को कह रहे थे। हेमन तपस्वी कैसे बनेगा? नाना प्रकार की प्रवृत्ति वाला जो मन है। उसको अपने में धारण करने के लिए मैं ऋषि साक्‍लय मुनि महाराज के मन मे एक निष्ठा बनी और तपस्या करने लगे। हमारे यहां तप के नाना प्रकार के प्रयायवाची माने गए हैं। परंतु वेद कुछ और कहता है। वेद का मंत्र कहता है। तप:तपश्‍चयम्‌ ब्रह्मावाचोः तप किसे कहते हैं प्रत्येक मानव तप की विवेचना जानना चाहता है। 'तपस्या ब्रह्मा' कहलाता है। जिसके द्वारा मानव इंद्रियों का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मानव परंपरागत नाना प्रकार के अनुष्ठान करता रहता है। अनुष्ठानों में केवल वायु का सेवन करने लगता है। नाना प्रकार की वनस्पतियों को पान करता है और अपान बना रहता है। नाना प्रकार के रूपों में एक ही मंत्र में मन को पवित्र बनाना है। क्योंकि मन को पवित्र बनाने के लिए मानव कहीं वायु का सेवन करता है। कहीं सत्यवादी बना रहता है और मुनिवर कहीं मन के शोधन के लिए अलग वारी बन जाता है। नौदा में भक्त बन जाता है कहीं पित्र भक्ति करने लगता है। कहीं आचार्य अनुष्ठान में लग जाता है। नाना प्रकार के भाव में रत हो जाता है। परंतु मंतव्य सब का एक ही है कि मेरा मन पवित्र हो जाए। मेरे पुत्रों, मन को पवित्र बनाने के लिए ऋषि-मुनियों ने एक मार्ग बड़ा सा एकत्रित किया हैं । उन्होंने अपने वाक्यों में वेद के कुछ मंत्रों को लाने का प्रयास किया। वाक्य इस प्रकार आए हैं।अन्‍न ब्रह्म वाचप्रहे वक्तव्य लोका: वेद का वाक्य कहता है कि अन्‍न ब्रह्म के समीप ले जाता है। वेद का मंत्र कहता है अन ब्रह्म के समीप ले जाता है तो बेटा याद कैसा वेद का शब्द है इसके ऊपर जब अन्वेषण करते हैं ऋषि मुनि तो बेटा विचार आया कि मना: वाचो व्रतम ब्रह्मा वाचा: वेद का वाक्य कहता है कि उनके पवित्र होने पर मन में पवित्रता आती है। इसलिए 'अन्न ब्रह्मा' कहा गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-31 (साल-01)
2. मंगलवार,03सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष गणेश चतुर्थी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:54
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रविवार, 1 सितंबर 2019

अभाव मे महिला ने दम तोडा:सरकार

विजाग। आंध्र प्रदेश के विज़ाग से एक खबर आई है। यहां 28 साल की एक प्रेगनेंट औरत ने इसलिए दम तोड़ दिया क्योंकि उसे 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
लक्ष्मी नाम की ये महिला अपने गांव जामदांगी से गई थी।डॉक्टर को दिखाने। मदुगुला मंडल  के रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिश्नर के पास। ये जगह उसके गांव से 20 किलोमीटर दूर है।वहां तक जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं बनी हुई। इस वजह से वहां यातायात के साधन नहीं हैं, ऐसा खबरें बताती हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ औरत डॉक्टर को दिखा कर लौट रही थी। तभी रास्ते में उसे ब्लीडिंग शुरू हो गई। बाकी के रास्ते महिला को फिर बल्लियों पर कपड़ा बांध उसमें टांग कर लाया गया। लेकिन तब तक खून बहुत बह चुका था। वो औरत और उसका बच्चा, दोनों ही बच नहीं सके। ये पहला मामला नहीं है जहां इस तरह की परेशानी से गुज़रना पड़ा है लोगों को।इसी साल जुलाई में खबर आई।आंध्र प्रदेश से ही कोठवालसा नाम के गांव में रहने वाली जनपारेड्डी देवी के पास एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। क्योंकि बारिश की वजह से कच्चा रास्ता बर्बाद हो गया था। फिर जनपारेड्डी को भी बल्ल्लियों पर कपड़ा बांध कर उसमें टांग कर हॉस्पिटल लााा गया।


मदुगुला मंडल में ही ये गांव भी आता था। वहां के कई छोटे-छोटे गांवों में कनेक्टिविटी नहीं है। ऐसा वहां के लोकल लोगों ने मीडिया को बताया। इसको लेकर पदेरू शहर की विधायक के. भाग्यलक्ष्मी ने कहा था कि इन पर काम किया जाएगा ताकि आगे इस तरह की दिक्कतें न हों। लेकिन फिर भी लक्ष्मी और जनपारेड्डी जैसे मामले सामने आते रहते हैं।इस आदिवासी इलाके के पदेरू शहर में जो डेटा है, उसके हिसाब से वहां की नई मांओं की मृत्यु दर काफी ज्यादा है। जहां पूरे देश में प्रति एक लाख जन्म देने वाली महिलाओं में से 130 की मौत होती है, वहीं पदेरू में ये संख्या 204 को पहुंच जाती है।इसको लेकर अभी भी कोई ख़ास कदम उठाया गया हो, इसकी खबर नहीं है।


मिट्टी का गणेश (अध्यात्मिक)

मिट्टी के गणेश बनाए और घर में ही विसर्जित करें। यह अच्छी बात है। लेकिन ऐसी ज्ञानवर्धक, पर्यावरण बचाने वाली सलाहें सिर्फ हिन्दू त्यौंहार पर ही क्यों?

दो सितम्बर से देशभर में गणेश उत्सव की धूम शुरू हो जाएगी। घरों से लेकर सार्वजनिक स्थलों एवं मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना कर अगले एक सप्ताह तक उत्सव मनाया जाएगा। गणेश उत्सव को ध्यान में रखते हुए पेशेवर मीडिया घराने, सामाजिक संस्थाएं और स्वयं को पर्यावरण का हितैषी मानने वाले पर्यावरणविद् सलाह दे रहे हैं कि इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य किसी पदार्थ से गणेश मूर्तियां बनाने के बजाए मिट्टी से बनाई जाए। और मिट्टी से बनी प्रतिमा को घर में ही विसर्जित किया जावे। ऐसी सलाह को लेकर अखबरों में प्रथम पृष्ठ पर खबरें भी छप रही हैं। जो अखबार मालिक पांच सेंटीमीटर सिंगल कॉलम के विज्ञापन के पांच हजार रुपए तक वसूलता है, वह मिट्टी वाले गणेश की सलाह के पांच सौ सेंटीमीटर में खबर प्रकाशित कर रहा है। पीओपी की जगह मिट्टी के गणेशजी बने और घरों में ही विसॢजत हों, यह अच्छी सलाह और इस पर अमल भी होना चाहिए। जब प्रदूषण विकराल रूप ले रहा है, तब समाज में ऐसे उपाय होने ही चाहिए। लेकिन सवाल उठता है कि पर्यावरण की चिंता सिर्फ हिन्दू समुदाय के त्यौंहारों पर ही क्यों होती है? जब हमारा देश धर्म निरपेक्ष है तो फिर सभी धर्मों के अनुयायियों को पर्यावरण बचाने की चिंता होनी चाहिए। मूर्ति पूजा के घोर विरोधी बुद्धिजीवी भी मिट्टी के गणेश बनाने की सलाह देते हैं, लेकिन ऐसे बुद्धिजीवी अन्य समुदाय के परंपराओं और मान्यताओं को बदलने पर एक शब्द भी बोलने की हिम्मत नहीं दिखाते। जबकि अन्य धर्मों में ऐसी परंपराओं से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। कई बार हिन्दू धर्म की अच्छाइयां को लेकर सवाल उठते हैं। हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी अच्छाई यही है कि आलोचनाओं का भी स्वागत किया जाता है। और ऐसी सलाह को स्वीकार भी किया जा रहा है। यदि हम किसी दोषपूर्ण परंपरा में बदलाव करते हैं तो यह उस धर्म की महानता ही है। हिदू धर्म विशाल हृदयवाला है जिसमें विपरित विचार धारा वाला व्यक्ति भी समा सकता है। हिन्दू धर्म की परंपराएं और मान्यताएं भी ऐसी है जिससे हर कोई व्यक्ति सहर्ष स्वीकार कर लेता है। जैन धर्म में शरीर से बाहर निकलने वाले सांस सेे भी जीव हत्या होना माना जाता है। इसलिए अनेक जैन सधु संत अपने मुंह पर कपड़ा बांधते हैं। इन जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व भी चल रहे हैं। महिलाएं भी एक दो चम्मच पानी पीकर एक पखवाड़े तक का उपवास कर रही है। 
एस.पी.मित्तल


मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे 'कल्याण'

तो अब भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे राजस्थान के राज्यपाल कल्‍याण सिंह। 
कलराज मिश्र को नया राज्यपाल नियुक्त किया। 

केन्द्र सरकार ने जिन पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है उसमें राजस्थान में कलराज मिश्र का नाम भी शामिल है। मिश्र अब तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे, लेकिन अब उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मिश्र राज्यपाल बनने से पहले भाजपा के दिग्गज नेता रहे। मिश्र की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रही। गत लोकसभा चुनाव से पहले तक मिश्र देवरिया से भाजपा के सांसद थे। 22 जुलाई 2019 को मिश्र को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राजस्थान के मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिंह का कार्यकाल 3 सितम्बर को समाप्त हो रहा है। सरकार ने कल्याण सिंह के कार्यकाल में न तो वृद्धि की है और न ही उन्हें किसी अन्य राज का राज्यपाल नियुक्त किया है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है। 3 सितम्बर के बाद कल्याण सिंह अपना शेष जीवन उत्तर प्रदेश में ही व्यतीत करेंगे। हालंकि राजनीति में कब कुछ क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। लेकिन कल्याण सिंह लम्बेे अर्से से अस्वस्थ चल रहे हैं। कल्याण सिंह के अस्वस्था से कई बार सरकारी कार्यक्रम भी निरस्त हुए हैं। माना जा रहा है कि अब कल्याण सिंह की भूमिका भाजपा के मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य की होगी। मार्ग दर्शक मंडल में पहले ही लाल कृष्ण आडवानी और मूरली मनोहर जोशी से वरष्ठि नेता विराजमान है। कल्याण का राजनीतिक पद भी बहुत बड़ा रहा है। कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तभी अयोध्या में बावरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था। हालांकि तब कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय कल्याण सिंह भाजपा में सबसे बड़े नेता रहे। कल्याण सिंह की पार्टी में भूमिका को ध्यान में रखते हुए ही नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। चूंकि अब कल्याण सिंह का राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसलिए यह माना जा रहा है कि कल्याण सिंह की सियायत से विदाई हो रही है।
एस.पी.मित्तल


मोबाइल उपभोक्ता परेशान (विविध)

टाटा पावर की दादागिरी से अजमेर के मोबाइल उपभोक्ता भी परेशान। 
पुलिस और प्रशासन से भी नहीं डरते कंपनी के अफसर।
डिस्कॉम तो लाचार है। 

टाटा पावर कंपनी के विद्युत वितरण की व्यवस्था संभालने के बाद अजमेर शहर के बिजली उपभोक्ता पहले से ही परेशान थे और मोबाइल उपभोक्ताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे टाटा पावर की दादागिरी ही कहा जाएगा कि जियो ने जो ऑप्टिल फाइबर केबल बिजली के खंबों पर डाली थी, उसे टाटा पावन ने काट कर खंबों से उतार दिया। इससे शहर के जियो मोबाइल उपभोक्ता परेशान है। टाटा पावर ने केबल काटने से पहले उपभोक्ताओं के हितों का कोई ख्याल नहीं रखा। टाटा पावर के सीईओ गजानन काले का कहना है कि बिजली के खंबों के उपयोग का शुल्क जियो नहीं दे रहा है। चूंकि खंबों का रख रखाव अब टाटा पावर कर रहा है, इसलिए शुल्क हम वसूलेंगे। खंबों से केबल हटाने के कृत्य को काले ने जायज बताया। वहीं जियो का कहना है कि खंबों के उपयोग से पहले दो करोड़ 68 लाख रुपए की राशि अजमेर विद्युत वितरण निगम में जमा कवाई गई थी। खंबों के उपयोग से पहले निगम के साथ अनुबंध भी हुआ। ऐसे में निगम की फे्रंचाइजी टाटा पावर को केबल काटने का कोई अधिकार नहीं है। जियो की ओर से इस संबंध में पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। 
टाटा पावर का अपराधी कृत्य:
अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक बीएस भाटी ने जियो की केबल काटने को टाटा पावर का अपराधी कृत्य माना है। भाटी का कहना है कि निगम ने टाटा पावर को अपना सिस्टम उपयोग करने के लिए दिया है। निगम की सम्पत्तियों पर टाटा पावर मालिकाना हक नहीं जता सकता। जब जियो ने निगम में शुल्क जमा करा दिया है तो टाटा पावर को केबल काटने या उतारने का कोई अधिकारी नहीं है। यदि टाटा पावर को अपने हितों के लिए कोई शिकायत थी तो उसे निगम से संवाद करना चाहिए। टाटा पावर के कृत्य को लेकर उच्च स्तरीय विचर विमर्श हो रहा है। आवश्यकता होने पर कंपनी के खिलाफ जुर्माना निर्धारित किया जाएगा। भाटी ने माना कि टाटा पावर को मनमर्जी करने की छूट नहीं दी जा सकती है। 
प्रशासन और पुलिस से भी नहीं डरते:
चूंकि टाटा पावर निजी क्षेत्र की कंपनी है इसलिए उसे प्रशासनिक अधिकारियों को खुश करने के तौर तरीके आते हैं। कंपनी के एक अधिकारी को जिला एवं पुलिस प्रशासन के अफसरों के दफ्तरों तथा घर पर मिजाजपुर्सी करते देखा गया है। चूंकि बड़े अफसर खुश हैं, इसलिए टाटा पावर अजमेर शहर में दादागिरी पर उतर आई है। हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि आपराधिक कृत्य करने से भी डर नहीं लगता है। चूंकि टाटा पावर के अधिकारी अब जिला स्तरीय स्तर पर सम्मानित भी होने लगे हैं। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी जेब में समझते हैं। सवाल उठता है कि जो कंपनी पैसा वसूल कर बिजली दे रही है उसके अधिकारी कौन सी समाज सेवा कर रहे हैं? जब जियो जैसे संस्था की केबल काटी जा रही है तो आम बिजली उपभोक्ता के साथ सलूक का अंदाजा लगाया जा सकता है। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण नहीं हो रहा है। ओवर बिलिंग से आम उपभोक्ता परेशान है। 
एस.पी.मित्तल


गैस सिलेंडर के दाम में ₹51 की बढ़ोतरी

 बिलासपुर। गैस कंपिनयों ने इस माह दोनों वर्ग के गैस सिलेंडरों के दाम में इजाफा किया है। घरेलू गैस सिलेंडर में 16 रुपए और व्यावसायिक गैस सिलेंडर के दाम में 51 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। नया रेट एक सितंबर से लागू हो गया है। गैस कंपनियां हर माह की एक तारीख को गैस सिलेंडर के दाम घोषित करती है। यह नया रेट आधी रात से लागू किया जाता है।


एक सितंबर को गैस कंपनियों ने नया दाम घोषित किया है। इसमें दोनों वर्ग के गैस सिलेंडर के मूल्य में वृद्धि की गई है। घरेलू सिलेंडर 679 रुपए हो गया गैस कंपनियों ने इस माह घरेलू प्रति गैस सिलेंडर का मूल्य 679 रुपए निर्धारित किया गया है। 14 किलोग्राम के इस सिलेंडर का पिछले माह मूल्य 663 रुपए था। इसमें प्रति सिलेंडर 16 रुपए दाम बढ़ाए गए है। 1235 रुपए हुआ व्यावसायिक गैस के प्रति सिलेंडर का दाम 1235 रुपए 50 पैसे किया गया है। अगस्त माह में इस वर्ग के प्रति सिलेंडर की कीमत 1184 रुपए 50 पैसे था। व्यावसायिक वर्ग के प्रति सिलेंडर का वजन 19 किलोग्राम का रहता है। शहर में 4 ,जिले में 10 लाख उपभोक्ता शहर और जिले में तीन गैस कंपनियां, भारत गैस , एचपी एवं इंडेन के उपभोक्ता है। तीनों कंपनियों के शहर में लगभग चार लाख गैस उपभोक्ता है।


जिले में इन उपभोक्ता की संख्या लगभग दस लाख है। इस तरह से जिले में लगभग 14 लाख घरेलू व व्यावसायिक गैस के उपभोक्ता है। दोनों वर्ग के सिलेंडर के दाम बढ़े गैस सिलेंडर का नया रेट रविवार से लागू हो गया है। घरेलू गैस के प्रति सिलेंडर के दाम में 16 और व्यावसायिक वर्ग के सिलेंडर के मूल्य में 51 रुपए की वृद्धि की गई है। घरेलू गैस सिलेंडर का इस माह का मूल्य 679 रुपए एवं व्यावसायिक गैस सिलेंडर का दाम 1235.50 रुपए हो गया है।


शौच गई नाबालिग की हत्या,रेप की आशंका

जालौन। जालौन से लापता नाबालिग का शव रविवार सुबह गांव से कुछ दूरी पर झाडिय़ों में पड़ा मिला। इसकी सूचना से सनसनी फैल गई। नाबालिग की दोनों आंखें फोड़ कर नृशंसता से उसकी हत्या कर दी गई। शरीर पर कपड़े न होने से रेप की भी आशंका जताई जा रही है। रविवार को मुख्यमंत्री के आगमन के चलते घटना को लेकर पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई है। सूचना मिलने पर डीआईजी (झांसी रेंज) सुभाष बघेल और एसपी डॉ सतीश कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल की है। पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया है। घटना आटा थाना क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक 15 वर्षीया किशोरी शनिवार रात शौच के लिए गई थी। इसके बाद काफी देर तक घर न लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। नाबालिग के न मिलने पर परिजनों ने आटा थाने में भी सूचना दी। रात में पुलिस ने भी तलाश की लेकिन किशोरी का पता नहीं चला। रविवार की सुबह गांव से दूर झाडिय़ों में किशोरी का शव  मिलने से हड़कंप मच गया। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे और चाकू से आंखें फोड़ दी गई थीं। हत्या की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। बताया जा रहा है कि दुष्कर्म के बाद किशोरी के ही दुपट्टे से गला घोटकर हत्या की गई और चाकू से आंखें फोड़ दी गईं। वारदात की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर स्थानीय पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम ने भी जांच की। फिलहाल पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है।


मैं उनकी बात सुनूंगी,उनका धन्यवाद:निर्मला

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई जवाब नहीं दिया। चेन्नई में रविवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने वित्त मंत्री से पूछा कि मनमोहन सिंह के आरोपों पर उनका क्या कहना है। इसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'उन्होंने जो कहा, उस पर मेरा कोई विचार नहीं है। उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है।


निर्मला सीतारमण ने कहा, 'क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि 'राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने के बजाय उन्हें चुप्पी साधे लोगों से सलाह लेनी चाहिए? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी।यही मेरा जवाब है।


मुस्लिम वर्ग ने की राम मंदिर के लिए पूजा

अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई रोजाना चल रही है। इसी क्रम में रविवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तपस्वी छावनी के स्वामी परमहंस दास की अगुवाई में एक हवन आयोजित किया गया। इसमें मुस्लिम मंच की महिलाओं ने हाजी सईद व बब्लू खान के साथ सवा सौ करोड़ राम नाम का जप किया। स्वामी परमहंस ने कहा कि सवा सौ करोड़ राम नाम की आहुति आज दी गई ताकि राम मंदिर में आ रही बाधा दूर हो जाए और सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में फैसला दे दे। उन्होंने बताया कि मुस्लिम महिलाएं भी चाह रही हैं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने। मुस्लिमों ने कहा कि राम हमारे भी पूर्वज हैं। अयोध्या राम की जन्मभूमि है इसलिए अयोध्या में ही राम मंदिर बने।


गुर्जर-दिवस,सम्राट मिहिर भोज जयंती मनायी

एसएल कश्यप। 
सहारनपुर। दिल्ली रोड स्थित गुर्जर भवन में अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा की ओर से 10वां अन्र्तराष्ट्रीय गुर्जर दिवस व गुर्जर सम्राट मिहिर भोज जयंती हर्षाेल्लास से मनाई गई। इस मौके पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल गुर्जर व राष्ट्रीय महामंत्री नीरज चैधरी ने कहा कि सम्राट मिहिर ने 49 वर्षाें तक शासन किया। वह गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी राजा थे। गुर्जर प्रतिहार वंश ने 300 वर्षाें तक विदेशी आक्रमणकारियों को भारत में घुसने नहीं दिया। उनके द्वारा मध्य प्रदेश में 200 मंदिरों का निर्माण कराया गया। राज सिंह माजरा ने कहा कि सम्राट मिहिर के रहते देश की सीमाएं सुरक्षित रही। महापौर संजीव वालिया ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज की वजह से ही हम आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं। राजकुमार ने युवाओं से नशाखोरी आदि बुराईयों का त्यागने तथा रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य चैधरी विरेंद्र सिंह गुर्जर ने उपस्थित लोगों से सम्राट मिहिर भोज के दिखाये मार्ग पर चलने का आह्वन किया। इस दौरान पवन सिंह राठौर, अमित गुर्जर, संदीप, विपिन खटाना, ओम प्रकाश सांपला, अक्षय गुर्जर, अंकुर बटार, सक्षम सांपली, संदीप चैधरी, सुशील छापर, पंकज चैधरी आदि मौजूद रहे।


शिवसेना ने लगाए नारे 'हम दो हमारे दो'

एसएल कश्यप। 
सहारनपुर। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हकीकतनगर धरनास्थल पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हम दो हमारे दो के नारे लगाये। जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने को डीएम के माध्यम से एक ज्ञापन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय को प्रेषित किया। ज्ञापन के माध्यम से कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए तबाही का कारण बन सकती है। बढ़ती जनसंख्या बेरोजगारी और बेकारी को बढ़ावा दे रही है। एक विशेष वर्ग पर तेजी से आबादी बढ़ाने का आरोप लगाया। कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इस दौरान नीरज रोहिला, प्रदीप सैनी, अक्षय कुमार, अजय आर्य, अरविंद सैनी, ओम प्रकाश, अनुज कष्यप, अमित कश्यप, रोहित कश्यप, राजकुमार, सागर सैनी, अमित कुमार, संजय कुमार, अमित बाल्मीकि आदि शिव सैनिक मौजूद रहे।


पाक ने सीमा पर की फिर नापाक हरकत

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने रविवार को एक बार फिर नापाक हरकत की, जिसका भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ तोड़ जवाब दिया है। बार-बार मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सीमा पर भारतीय सेना दुश्मनों की हर चाल को नाकाम कर दे रही है। जम्मू और कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान ने रविवार संघर्ष विराम उल्लंघन किया। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की गई। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने भी जमकर फायरिंग की। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने कई बार पुंछ में गोलीबारी की थी। बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले दिनों अपने स्पेशल फोर्स के 100 कमांडो को एलओसी के पास भेजा है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना पाकिस्तान की तरफ से किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर एसएसजी कमांडो की तैनाती के बाद भारतीय सेना भी अलर्ट पर है।


कुप्रबंधन से अर्थव्यवस्था में मंदी:मनमोहन

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही जीडीपी केवल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी , जो इस ओर इशारा करती है कि हम एक लंबी मंदी के दौर में हैं। भारत में ज्यादा तेजी से वृद्धि करने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी छा गई है।


चिंताजनक बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर केवल 0.6 प्रतिशत है। इससे साफ हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी के ग़लत फ़ैसले और जल्दबाज़ी में लागू किए गए जीएसटी की नुक़सान से उबर नहीं पाई है। घरेलू मांग में काफी गिरावट है और वस्तुओं के उपयोग की दर 18 महीने में सबसे निचले स्तर पर है। नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है। टैक्स राजस्व में बहुत कमी आई है। टैक्स ब्युओएंसी, यानि जीडीपी की तुलना में टैक्स की वृद्धि काल्पनिक रहनेवाली है क्योंकि छोटे व बड़े सभी व्यवसायियों के साथ ज़बरदस्ती हो रही है है और टैक्स आतंकवाद बेरोकटोक चल रह है। निवेशकों में उदासी का माहौल हैं। ये अर्थव्यवस्था में सुधार के आधार नहीं हैं।


मोदी सरकार की नीतियों के चलते भारी संख्या में नौकरियां खत्म हो गई हैं। अकेले ऑटोमोबाईल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को नौकरियों से निकाल दिया गया है। असंगठित क्षेत्र में भी इसी प्रकार बड़े स्तर पर नौकरियां कम होंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था में सबसे कमजोर कामगारों को रोज़ी-रोटी से हाथ धोना पड़ेगा। ग्रामीण भारत की स्थिति बहुत गंभीर है। किसानों को उनकी फसल के उचित मूल्य नहीं मिल रहे और गांवों की आय गिर गई है। कम महंगाई दर, जिसका मोदी सरकार प्रदर्शन करना पसंद करती है, वह हमारे किसानों की आय कम करके हासिल की गई है, जिससे देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या पर चोट मारी गयी है।


संस्थानों पर हमले हो रहे हैं और उनकी स्वायत्ता खत्म की जा रही है। सरकार को 1.76 लाख करोड़ रु. देने के बाद आरबीआई की आर्थिक कुप्रबंधन को वहन कर सकने की क्षमता का टेस्ट होगा, और वहीं सरकार इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल करने की फ़िलहाल कोई योजना न होने की बात करती है।इसके अलावा इस सरकार के कार्यकाल में भारत के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर भी  प्रश्नचिन्ह लगा है। बजट घोषणाओं एवं रोलबैक्स ने अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के विश्वास को झटका दिया है। भारत, भौगोलिक-राजनीतिक गठजोड़ों के कारण वैश्विक व्यापार में उत्पन्न हुए अवसरों का लाभ उठाते हुए अपना निर्यात भी नहीं बढ़ा पाया। मोदी सरकार के कार्यकाल में आर्थिक प्रबंधन का ऐसा बुरा हाल हो चुका है।


हमारे युवा, किसान और खेत मजदूर, उद्यमी एवं सुविधाहीन व गरीब वर्गों को इससे बेहतर स्थिति के हक़दार हैं। भारत इस स्थिति में ज्यादा समय नहीं रह सकता। इसलिए मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि वो बदले की राजनीति छोड़े और सभी बुद्धिजीवियों एवं विचारकों का सहयोग लेकर हमारी अर्थव्यवस्था को इस मानव-निर्मित संकट से बाहर निकाले।


पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना जारी

शामली। रविवार को भी कलेक्ट्रेट कार्यालय पर शामली में  पुलिस द्वारा आए दिन हो रहे, पत्रकारों पर शोषण को लेकर शुक्रवार से पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है।


तीसरे दिन पत्रकारों के अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में समर्थन  देने पहुंचे, शामली पूर्व विधायक पंकज मलिक व काग्रेस के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश तीसरे दिन भी पत्रकारों की मांगे ना पूरी होने पर पंकज मलिक बोले यह अपराधी नहीं है यह पत्रकार अगर  पत्रकार गलत है तो जेल भेज दीजिए अगर जनपद शामली की पुलिस गलत है तो एसपी शामली उन पर कार्यवाही करें। पंकज मलिक पूर्व विधायक शामली ने कांग्रेस पार्टी वह अपना संपूर्ण रूप से पत्रकारों के अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को समर्थन किया है। जनपद शामली के पत्रकारों के


अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता महराब चौधरी अध्यक्ष प्रेस क्लब कैराना (रज़ि0) ने की तथा मंच का कुशल संचालन रवि जागरण द्वारा किया गया। इस मौके पर
एम इकबाल हसन पत्रकार कैराना (रजि0), गुलवेज सिद्दीकी सचिन प्रेस क्लब कैराना (रजि0) के लावा पंकज मलिक, सागर कोशिक, विजय शर्मा, सचिन शर्मा, नीरज सैनी, संजय वर्मा, सरफराज अली, सालिम रहमानी, अजय बाबरा, अमित मोहन गुप्ता, बिजेंद्र गौतम, दीपक शर्मा, राजेश राठौड़, नदीम चौहान, अनुराग शर्मा, इरशाद राना, अतुल सिंह, पप्पू राणा सहित सैकड़ों पत्रकार मौजूद रहे।


गुलवेज सिद्दीकी


फिल्म 'साहो' ने तोड़े कमाई के रिकॉर्ड

मुंबई।  प्रभास और श्रद्धा स्टारर फिल्म 'साहो' शुक्रवार को रिलीज हो गई है। फिल्म को भले ही मिक्स रिस्पॉन्स मिल रहा हो, लेकिन कमाई के मामले में फिल्म ने कमाल ही कर दिया है। पहले दिन फिल्म ने जहां 24 करोड़ की कमाई की, वहीं दूसरे दिन रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ने 23 करोड़ की कमाई की है। तो इस हिसाब से फिल्म ने 47 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। वैसे अभी रविवार की छुट्टी का भी फिल्म को फायदा मिलेगा और फिल्म 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर देगी।


वहीं एक और रिपोर्ट की मानें तो बाल्‍कि भाषाओं को मिलाकर इस फिल्म ने लगभग 100 करोड़ की कमाई की है। मुंबई और गुजरात में इस फिल्म का कलेक्शन बेहद शानदार रहा।


कांग्रेस की 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा'

नई दिल्ली। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में दलित मतदाताओं को लामबंद करने के मकसद से कांग्रेस विधानसभा स्तर पर अनुसूचित जाति के समन्वयकों की नियुक्ति करेगी और 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा' निकालेगी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की थी जिसमें उन्हें दलितों के बीच पार्टी के आधार को मजबूत बनाने के लिए तेजी से काम करने का निर्देश दिया गया था। कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख नितिन राउत के मुताबिक सोनिया गांधी के कहे मुताबिक उनका संगठन दलित समाज को लामबंद करने के लिए कई स्तरों पर काम करने जा रहा है जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र में समन्वयक की नियुक्ति और 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा' निकालना प्रमुख है। राउत ने बताया कि हम सितंबर के पहले सप्ताह तक महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में अपने विभाग के समन्वयकों की नियुक्ति कर देंगे। ये समन्वयक पार्टी के स्थानीय संगठन के साथ मिलकर दलित समाज के इलाकों एवं बस्तियों में सभाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम विधानसभा क्षेत्रों में 'संविधान से स्वाभिमान यात्रा' निकालेंगे। इस यात्रा में मुख्य रूप से आरक्षित सीटों को कवर किया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं तो दलित मतदाताओं की संख्या करीब 13 फीसदी है। दूसरी तरफ  हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 17 सीटें आरक्षित हैं। राज्य में दलित मतदाताओं की कुल संख्या तकरीबन 21 फीसदी है जो किसी भी पार्टी की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।


ईद पर रिलीज नहीं होगी किक 2

मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सलमान खान पिछले दिनों से ही खूब सुर्खियों में हैं। हाल ही में इंशाअल्लाह को लेकर एक बड़ी खबर आई है। खबर ये है कि इंशाअल्लाह अब पोस्टपोन हो गई है। फिल्म अगले साल ईद पर रिलीज होनी थी लेकिन अफसोस खुद सलमान और भंसाली ने ये कहकर चौंका दिया कि फिल्म अगले साल ईद पर आ ही नहीं रही है। हालांकि सलमान ये जरूर कहा है कि वो ईद पर अगले साल आएंगे जरूर। कहा गया था कि ईद पर अगले सलमान किक 2 को लेकर आएंगे। अब लीजिए खबर है कि ईद पर अगले किक 2 आ ही नहीं रही है। रिपोर्ट में हाल ही में खुलासा किया गया है कि, ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। किक 2 को डायरेक्ट और प्रोड्यूस करने वाले साजिद नाडियाडवाला ने खुद इस बारे में खुलासा किया है। हाल ही में एक इवेंट में खुद साजिद ने बताया है कि फिल्म अगले साल ईद पर नहीं आ रही है। इवेंट में जब साजिद आए तो उनसे यही सवाल किया गया कि क्या अगले साल ईद पर किक 2 आ रही है. इसी को लेकर वो कहते हैं कि, मैं उनके घर गया था जहां उन्होंने पूछा कि फिल्म शुरू करने के लिए आप कितने तैयार हैं तो मैंने कहा कि मैंने स्क्रिप्ट का ड्राफ्ट लिख लिया है और इसे दोबारा लिखने के लिए मुझे 3-6 महीने चाहिए। इसलिए ईद तक स्क्रिप्ट तैयार हो जाएगी। अब ऐसे में साफ है कि शायद ही अगले साल ईद पर किक 2 आए। बता दें कि बीते दिनों ही इंशाअल्लाह के टलने के बाद सलमान ने एक ट्वीट कर कहा था कि, इतना मत सोचना मेरे बारे में, दिल में आता हूं और ईद पे भी। बस फिर क्या सलमान का ये ट्वीट करना था कि लोग मानने लगे कि भले ही अगले साल ईद पर इंशाअल्लाह ना आए लेकिन सलमान फैंस के लिए हर बार की तरह इस दिन कोई ना कोई फिल्म जरुर रिलीज करेंगे। कहा गया था कि शायद वो किक 2 को लेकर आएं। लेकिन अब साजिद ने साफ है कि फिल्म पर अभी काम चल रहा है।


आयोग का मतदाता सत्यापन कार्यक्रम

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम अनुसार विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता तिथि एक जनवरी 2020 के तहत मतदाता सत्यापन कार्यक्रम (ईवीपी) चलाया जाना है। जिले में रविवार सुबह 11 बजे जिला निर्वाचन कार्यालय सहित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय और जिले के सभी मतदान केन्द्रों में बूथ लेवल अधिकारियों के माध्यम से मतदाता सत्यापन के लिए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। साथ ही हेल्पडेस्क 07722-232129 एवं 1950 की स्थापना भी जिले में की गई है। गौरतलब है कि यह कार्यक्रम 15 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इस दौरान मतदाता सूची का निर्माण आम मतदाता स्वयं करेंगे, जिसके तहत् वे नाम में संशोधन, परिवर्धन एवं विलोपन की कार्रवाई कर सकते हैं।


अक्टूबर से दिसंबर तक शादी समारोहों पर रोक

अक्टूबर से दिसंबर तक शादी समारोहों पर रोक  अखिलेश पांडेय  लाहौर। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने स्मॉग पर नियंत्रण के लिए एक नई नीति ...