परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान अब भारत से द्विपक्षीय वार्ता को तैयार।
तो क्या इमरान खान पीओके देने को तैयार हैं?
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं। 25 दिनों में पांच बार ऐसी धमकी दी जा चुकी है। इमरान के एक मंत्री ने तो अक्टूबर-नवम्बर में भारत पर हमले की बात भी कही। लेकिन 31 अगस्त को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी का बयान सामने आया है। कुरैशी का कहना है कि पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता को तैयार है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी भारत के साथ वार्ता से इंकार नहीं किया है। अभी यह पता नहीं चला कि कुरैशी कश्मीर मुद्दे पर अब भारत के साथ किन बिन्दुओं पर वार्ता करेंगे। लेकिन विगत दिनों इमरान खान ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद भारत के साथ वार्ता करने का कोई मतलब नहीं रहा है। इसके जवाब में भारत की ओर से कहा गया कि जब कभी पाकिस्तान के साथ वार्ता होगी तो पाक के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद को वापस लेने की होगी। सवाल उठता है कि अब जब पाकिस्तान द्विपक्षीय वार्ता को तैयार है तो क्या इमरान खान पीओके को वापस भारत को देने के लिए तैयार हैं? 1947 में विभाजन के समय जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राजा हरि सिंह ने सम्पूर्ण राज्य का विलय भारत में किया था। लेकिन धोखाधड़ी कर पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मुजफ्फाराबाद पर कब्जा कर लिया। हालांकि विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को आजाद करने का हिमायती रहा है। भारत में बनने वाली सरकारों ने भी पाकिस्तान के दबाव में अनुच्छेद 370 के प्रावधान लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस अनुच्छेद के प्रावधानों की वजह से ही जम्मू कश्मीर में भारत के कानून लागू नहीं हो सके। अब जब अनुच्छेद 370 का प्रभाव खत्म हो गया है तो जम्मू कश्मीर में भी भारत के कानून लागू हो रहे हैं। अब लद्दाख को अलग राज्य बनाकर जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। यही वजह हेै कि पांच अगस्त के बाद से कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों को एक बार भी गोली नहीं चलानी पड़ी है। हालांकि घाटी में अभी भी अनेक पाबंदियां लगी हुई, लेकिन हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं। पहले पाकिस्तान को घाटी में हिंसक घटनाओं का इंतजार था, लेकिन अब जब 25 दिन गुजर गए हैं, तो पाकिस्तान को भी अहसास हो गया है कि अब कश्मीर घाटी में भी भारत सरकार का पूरी तरह नियंत्रण हो गया है। यही वजह है कि अब पाकिस्तान की ओर से द्विपक्षीय वार्ता की बात कही जा रही है।
एस.पी.मित्तल