रविवार, 18 अगस्त 2019

उत्पीड़न,ब्लैकमेल के कारण डीसीपी ने दी जान

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़ । डीसीपी विक्रम कपूर को एक विडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसमें वह एक महिला के साथ थे। ब्लैकमेलिंग का आरोप एसएचओ अब्दुल शहीद पर है। कहा गया है कि वह 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे।डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि कपूर को हनी ट्रैप में फंसाया गया था, जिससे वह परेशान थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें एक विडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसमें वह एक महिला के साथ थे। ब्लैकमेलिंग का आरोप एसएचओ अब्दुल शहीद पर है। कहा गया है कि वह 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे।आरोपी एसएचओ शहीद को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। शुक्रवार को उन्हें सस्पेंड कर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। सूत्रों से जानकारी मिली है कि एसएचओ शहीद ने एक महिला की सहायता से कपूर को फंसाया। दोनों की एक विडियो भी कथित रूप से एसएचओ के पास थी, जिससे वह कपूर को ब्लैकमेल कर रहे थे।


डीसीपी खुदकुशी: फोन कॉल डीटेल पर टिकी जांच


सूत्र ने कहा, 'शहीद ने इसमें अपनी महिला दोस्त की मदद ली थी। विडियो बनाकर डीसीपी से 2 करोड़ रुपये की मांग की गई। कपूर इस टेंशन में थे कि वह इतने रुपयों का इंतजाम कैसे करें? कपूर ने गुजारिश के लिए शहीद को फोन किया, लेकिन वह कपूर को गालियां देने लगे।'
ज्यादा प्रेशर के लिए पत्रकार का सहारा


कपूर पर ज्यादा प्रेशर बनाने के लिए शहीद ने एक लोकल पत्रकार (सतीश मलिक) की भी मदद ली थी। इस बीच वह पत्रकार कपूर के खिलाफ खबरें करने लगा था। मलिक मजदूर मोर्चा नाम का एक अखबार चलाता है। इस अखबार में वह सीनियर पुलिस अफसर, नेताओं और जजों के खिलाफ ही स्टोरीज किया करता था। 2003 में मलिक को मर्डर के केस मे पकड़ा गया था। उसपर धोखाधड़ी का भी केस था।हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी यह नहीं बताया गया है कि कपूर को ब्लैकमेल क्यों किया जा रहा था। उन्होंने बस इतना बताया कि मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है।


एसएचओ का रेकॉर्ड साफ नहीं


शहीद के बारे में पता चला है कि वह 20 साल पहले पुलिस में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। उसके पिता आईपीएस अफसर के घर काम करते थे। उनके कहने पर ही शहीद को नौकरी मिलने में आसानी हुई थी। अपनी नौकरी के दौरान उनका रेकॉर्ड भी साफ नहीं है। सिपाही से एसएचओ तक के सफर पर भी काफी सवाल उठ रहे हैं।


रैली से नहीं हुआ,हुड्डा की राजनीति का निर्णय

फरिदाबाद। पिछले दिनों हरियाणा के कई इलाकों में इस गुट द्वारा बड़ी बड़ी रैलियों का आयोजन भी किया गया था l इस गुट की पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुँच होने के कारण वहां केंद्रीय नेतृत्व को फीड बैक भी इसी गुट द्वारा दी जाती है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है जो फीड बैक इस गुट द्वारा दी जाती है। वह निश्चित तौर पर हरियाणा की राजनीती में कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को लड़वाने और खुद का वर्चस्व बढ़ने के लिए कारगर होती है। यह भी माना जा रहा है कई पर्दे के पीछे से राजनीति के मोहरे चलने वाले इस गुट पर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पूरा भरोसा करता है और राहुल गाँधी के साथ श्रीमती सोनिया गाँधी का भी उसे पूरा आशीर्वाद प्राप्त है। 
बतादें कि एक दौर में सोनिया गांधी ने हरियाणा के दिग्गज नेता भजनलाल को दरकिनार कर हुड्डा को तरजीह दी थी। सोनिया से रिश्ते में खटास तब आई थी, जब 2016 में हुड्डा ने कांग्रेस के राज्यसभा कैंडिडेट आरके आनंद का सपॉर्ट करने से मना कर दिया था। इसका नतीजा रहा कि आरके आनंद हार गए और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुभाष चंद्रा जीतकर राज्यसभा पहुंच गए। हाई कमान का करीबी इस गुट के नेता इसी बात को लेकर हुड्डा के खिलाफ कांग्रेस आला कमान को भड़काता रहता है।


प्रगति,समृद्धि और सुरक्षा आधारित समझौता

भूटान। ऐतिहासिक सिमटोखा जोंग स्थल पर अपने भूटानी समकक्ष के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं दूसरे कार्यकाल के आरंभ में भूटान आकर बहुत खुश हूं। दोनों देशों ने अंतरिक्ष अनुसंधान, विमानन, आईटी, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में 10 सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। भूटान को भारत का ''विशेष मित्र'' करार देते हुए मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के बीच संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति, समृद्धि और सुरक्षा के साझा हितों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आज हमने मांगदेछू परियोजना के शुभारंभ के साथ इस यात्रा का एक और मील का पत्थर हासिल किया है। दोनों देशों के सहयोग से भूटान में पनबिजली उत्पादन की क्षमता 2000 मेगावाट को पार कर गयी है। मैं आश्वस्त हूं कि हम बहुत तेजी से अन्य परियोजनाओं को भी आगे ले जाएंगे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के अपने समकक्ष लोतै शेरिंग से शनिवार को विभिन्न विषयों पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय भागीदारी को और प्रगाढ बनाने के कदमों पर चर्चा की। दोनों देशों ने अपने संबंधों में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए 10 सहमति करार पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'हमने गहन चर्चा की, जिसमें हमने भारत और भूटान के बीच संबंधों पर विचार-विमर्श किया। हमारे राष्ट्रों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और बेहतर बनाने की बहुत गुंजाइश है।' मोदी दूसरी बार भूटान आए हैं और इस साल मई में फिर से निर्वाचित होने के बाद उनकी यह पहली यात्रा है। उन्होंने 740 मेगावाट के मांगदेछू पनबिजली ऊर्जा संयंत्र का शुभारंभ किया तथा भारत-भूटान पनबिजली सहयोग के पांच दशक पूरे होने के उपलक्ष्य में टिकट भी जारी किए।


दोनों नेताओं ने भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क और भूटान के ड्रूक रिसर्च एंड एजुकेशन नेटवर्क के बीच अंतर-सम्पर्क की ई-पट्टिका का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि भूटान की प्रगति में बड़ा सहयोगी बनना भारत के लिए गौरव की बात है। भूटान की पंचवर्षीय योजना में भारत का सहयोग जारी रहेगा। दोनों नेताओं ने भूटान में दक्षिण एशिया उपग्रह के इस्तेमाल के लिए इसरो के सहयोग के साथ विकसित सैटकॉम नेटवर्क और ग्राउंड अर्थ स्टेशन का भी संयुक्त तौर पर शुभारंभ किया। मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए भूटान के विकास को बढावा देने के प्रति कटिबद्ध है। भारत भूटान में संचार, लोक प्रसार और आपदा प्रबंधन कवरेज को बढ़ाएगा। उन्होंने भूटान के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से रसोई गैस एलपीजी की आपूर्ति हर महीने 700 एमटी से बढ़ाकर 1000 एमटी करने की घोषणा की।


मोदी ने शब्दरूंग नामग्याल द्वारा 1629 में निर्मित सिमटोखा जोंग में खरीदारी कर रूपे कार्ड की भी शुरुआत की। सिमटोखा जोंग भूटान में सबसे पुराने स्थलों में एक है और यह मठ और प्रशासनिक मामलों का केंद्र है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, हमने भूटान में रूपे कार्ड की शुरूआत की है। इससे डिजिटल भुगतान और व्यापार तथा पर्यटन में हमारे संबंध और आगे बढ़ेंगे। हमारी साझा आध्यात्मिक धरोहर और लोगों के बीच मजबूत आपसी संपर्क हमारे संबंधों की कुंजी हैं। दक्षेस मुद्रा स्वैप प्रारूप के तहत भूटान के लिए मुद्रा स्वैप सीमा बढाने पर मोदी ने कहा कि भारत का रूख 'सकारात्मक' है। विदेशी विनिमय जरूरत पूरा करने के लिए वैकल्पिक स्वैप व्यवस्था के तहत भूटान को अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर उपलब्ध होगा।


पिता ने की रेप की कोशिश, फिर हत्या

गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 19 साल की बेटी के साथ रेप की कोशिश और फिर उसकी हत्या कर देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी सुनील कुमार गुप्‍ता ने बताया कि लड़की की डेड बॉडी बरामद कर ली गई है जो काफी बुरी हालत में थी।


पुलिस ने पिता के खिलाफ धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया है। पिता को जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने कड़ी पूछताछ के बाद अपना जुर्म कबूल कर लिया।पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर ही अलग-अलग जगहों से लड़की की डेड बॉडी के हिस्से बरामद किए। लड़की की बॉडी का ऊपरी हिस्सा खेत में था, जबकि निचला हिस्सा एक नाले से बरामद किया गया। पिता पर आरोप है कि उसने धारदार हथियार से गला काटकर बेटी की हत्या कर दी थी। पिछले करीब 20 दिन से वह रिश्तेदारों और अन्य लोगों को गुमराह कर रहा था।ये मामला गोरखपुर के गोला इलाके का है। पुलिस का कहना है कि जय प्रकाश गुप्‍ता नाम के व्यक्ति ने 26-27 जुलाई की रात घटना को अंजाम दिया। उसने डेड बॉडी के हिस्से को बोरे में भरकर नाला में फेंक‍ दिया।


शादी समारोह में धमाका 63 मौत,182 घायल

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक शादी समारोह में हुए धमाके से कम से कम 63 लोगों के मरने की खबर है। इस धमाके में 182 से अधिक घायल हुए हैं। यह धमाका शनिवार की रात में हुआ। खबरों के मुताबिक धमाका उस वक्त हुआ जब शादी समारोह का हॉल मेहमानों से खचाखच भरा हुआ था। इस धमाके के बाद वहां अफरातफरी और चीख पुकार मच गई। सभी इधर-उधर भागने लगे। धमाके के बाद से दहशत का माहौल है। हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस धमाके को लेकर कुछ सूत्रों का कहना है कि यह सुसाइड बम धमाका था। कहा जा रहा है कि इस समारोह में करीब एक हजार लोगों को बुलाया गया था। इससे 10 दिन पहले भी काबुल में बम धमाका हुआ था, जिसमें 95 लोग घायल हो गए थे।


अधिकारियों की धुलाई करा दूंगा:गडकरी

नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक कार्यक्रम में दिया बयान सुर्खियों में है। उन्होंने अफसरों को हिदायत देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने आठ दिनों में यह काम पूरा नहीं किया तो वे लोगों से कहेंगे कि कानून व्ववस्था हाथ में लेकर धुलाई कर दो। ये बातें नितिन गडकरी ने लघु उद्योग भारती के नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। वह दरअसल लालफीताशाही पर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुडे़ संगठन लघु उद्योग भारती के कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने हाल में कुछ अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर कुछ मामले नहीं सुलझते हैं तो वह लोगों से कहेंगे कि धुलाई कर दो। नितिन गडकरी ने कहा, 'हमारे पास यह लालफीताशाही क्यों है। ये सब इंस्पेक्टर क्यों आते हैं, वे रिश्वत लेते हैं। मैं उनके मुंह पर कहता हूं कि आप सरकारी नौकर हैं। मैं जनता के द्वारा चुना गया हूं। मैं लोगों के प्रति जवाबदेह हूं। यदि आप चोरी करते हैं, तो मैं कहूंगा कि आप एक चोर हैं।


नितिन गडकरी ने इस दौरान कहा, 'आज मैंने आरटीओ कार्यालय में एक बैठक की, जिसमें निदेशक और परिवहन आयुक्त ने भाग लिया। मैंने उनसे कहा कि आप आठ दिनों के भीतर इस समस्या को हल करें, अन्यथा मैं लोगों को कानून हाथ में लेकर धुलाई करने को कहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि उनके शिक्षकों ने यह सिखाया है कि उस सिस्टम को बाहर फेंक दो जो न्याय नहीं देती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अधिवेशन में भाग लेने आए उद्यमियों से निडर होकर अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी व्यापारियों को परेशान नहीं कर सकते।


डूबी हुई रकम वापस हो सकती है:कुंभ

राशिफल


मेष- किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा। विरोध होगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।


वृष- स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा।


मिथुन- घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संतान पक्ष से खुशियां प्राप्त होंगी।


कर्क- लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी।


सिंह- रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


कन्या- बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। धैर्य रखें, समय सुधरेगा।


तुला- सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।


वृश्चिक- उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।


धनु- यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। आय बनी रहेगी। हर कार्य बेहतर होगा।


मकर- अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। सेहत को प्रा‍थमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा।


कुंभ- मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। व्यस्तता के चलते स्वास्‍थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।


मीन- घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।


पत्रकारिता की सार्थकता एवं दृष्टिकोण

सामाजिक सरोकारों तथा सार्वजनिक हित से जुड़कर ही पत्रकारिता सार्थक बनती है। सामाजिक सरोकारों को व्यवस्था की दहलीज तक पहुँचाने और प्रशासन की जनहितकारी नीतियों तथा योजनाओं को समाज के सबसे निचले तबके तक ले जाने के दायित्व का निर्वाह ही सार्थक पत्रकारिता है।


पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा पाया (स्तम्भ) भी कहा जाता है। पत्रकारिता ने लोकतंत्र में यह महत्त्वपूर्ण स्थान अपने आप नहीं हासिल किया है। बल्कि सामाजिक सरोकारों के प्रति पत्रकारिता के दायित्वों के महत्त्व को देखते हुए समाज ने ही दर्जा दिया है। कोई भी लोकतंत्र तभी सशक्त है। जब पत्रकारिता सामाजिक सरोकारों के प्रति अपनी सार्थक भूमिका निभाती रहे। सार्थक पत्रकारिता का उद्देश्य ही यह होना चाहिए कि वह प्रशासन और समाज के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी की भूमिका अपनाये।


पत्रकारिता के इतिहास पर नजर डाले तो स्वतंत्रता के पूर्व पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता प्राप्ति का लक्ष्य था। स्वतंत्रता के लिए चले आंदोलन और स्वाधीनता संग्राम में पत्रकारिता ने अहम और सार्थक भूमिका निभाई। उस दौर में पत्रकारिता ने पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने के साथ-साथ पूरे समाज को स्वाधीनता की प्राप्ति के लक्ष्य से जोड़े रखा।


इंटरनेट और सूचना के आधिकार ने आज की पत्रकारिता को बहुआयामी और अनंत बना दिया है। आज कोई भी जानकारी पलक झपकते उपलब्ध की और कराई जा सकती है। मीडिया आज काफी सशक्त, स्वतंत्र और प्रभावकारी हो गया है। पत्रकारिता की पहुँच और आभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का व्यापक इस्तेमाल आमतौर पर सामाजिक सरोकारों और भलाई से ही जुड़ा है, किंतु कभी कभार इसका दुरपयोग भी होने लगा है।


संचार क्रांति तथा सूचना के आधिकार के अलावा आर्थिक उदारीकरण ने पत्रकारिता के चेहरे को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। विज्ञापनों से होनेवाली अथाह कमाई ने पत्रकारिता को काफी हद्द तक व्यावसायिक बना दिया है। मीडिया का लक्ष्य आज आधिक से आधिक कमाई का हो चला है। मीडिया के इसी व्यावसायिक दृष्टिकोण का नतीजा है कि उसका ध्यान सामाजिक सरोकारों से कहीं भटक गया है। मुद्दों पर आधारित पत्रकारिता के बजाय आज इन्फोटेमेंट ही मीडिया की सुर्खियों में रहता है।


इंटरनेट की व्यापकता और उस तक सार्वजनिक पहुँच के कारण उसका दुष्प्रयोग भी होने लगा है। इंटरनेट के उपयोगकर्ता निजी भड़ास निकालने और अतंर्गत तथा आपत्तिजनक प्रलाप करने के लिए इस उपयोगी साधन का गलत इस्तेमाल करने लगे हैं। यही कारण है कि यदा-कदा मीडिया के इन बहुपयोगी साधनों पर अंकुश लगाने की बहस भी छिड़ जाती है। गनीमत है कि यह बहस सुझावों और शिकायतों तक ही सीमित रहती है। उस पर अमल की नौबत नहीं आने पाती। लोकतंत्र के हित में यही है कि जहाँ तक हो सके पत्रकारिता को स्वतंत्र और निर्बाध रहने दिया जाए, और पत्रकारिता का अपना हित इसमें है कि वह आभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग समाज और सामाजिक सरोकारों के प्रति अपने दायित्वों के ईमानदार निवर्हन के लिए करती रहे।


जनसंख्या नियंत्रण संरचना, प्रभाव

 जन्‍म दर को कम करके जनसंख्या वृद्धि में कटौती करने को ही आम तौर पर जनसँख्या नियंत्रण माना जाता है। प्राचीन ग्रीस दस्तावेजों में मिले उत्तरजीविता के रिकॉर्ड जनसँख्या नियंत्रण के अभ्यास एवं प्रयोग के सबसे पहले उदाहरण हैं। इसमें शामिल है उपनिवेशन आन्दोलन, जिसमे भूमध्य और काला सागर के इर्द-गिर्द यूनानी चौकियों का निर्माण किया गया। ताकि अलग- अलग राज्यों की अधिक जनसँख्या को बसने के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराई जा सके। कुछ यूनानी नगर राज्यों में जनसँख्या कम करने के लिए शिशु हत्या और गर्भपात को प्रोत्साहन दिया गया। 


अनिवार्य जनसंख्या नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना, की एक ही बच्चे की नीति जिसमें एक से ज्यादा बच्चे होना बहुत बुरा माना जाता है। इस नीति के परिणाम स्वरुप जबरन गर्भपात, जबरन नसबंदी और जबरन शिशु हत्या जैसे आरोपों को बढ़ावा मिला। देश के लिंग अनुपात में ११४ लड़कों की तुलना में सिर्फ १०० लड़कियों का जन्म ये प्रदर्शित करता है कि शिशु हत्या प्रायः लिंग के चुनाव के अनुसार की जाती है।


यह बात उपयोगी होगी अगर प्रजनन नियंत्रण करने को व्यक्ति के व्यक्तिगत निर्णय के रूप में और जनसंख्या नियंत्रण को सरकारी या राज्य स्तर की जनसंख्या वृद्धि की विनियमन नीति के रूप में देखा जाए। प्रजनन नियंत्रण की संभावना तब हो सकती है जब कोई व्यक्ति या दम्पति या परिवार अपने बच्चे पैदा करने के समय को घटाने या उसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम उठाये। अन्सले कोले द्वारा दिए गए संरूपण में, प्रजनन में लगातार कमी करने के लिए तीन पूर्वप्रतिबंध दिए गए हैं: (१) प्रजनन के मान्य तत्व के रूप में परिकलित चुनाव को स्वीकृति (भाग्य या अवसर या दैवीय इच्छा की तुलना में), (२) कम किये गए प्रजनन से ज्ञात लाभ और (३) नियंत्रण के प्रभावी तरीकों का ज्ञान और उनका प्रयोग करने का कुशल अभ्यास। प्राकृतिक प्रजनन पर विश्वास करने वाले समाज के विपरीत वो समाज जो कि प्रजनन को सीमित करने की इच्छा रखते हैं और ऐसा करने के लिए उनके पास संसाधन भी उपलब्ध हैं। वो इन संसाधनों का प्रयोग बच्चों के जन्म में विलम्ब, बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने, या उनके जन्म को रोकने के लिए कर सकते हैं। संभोग (या शादी) में देरी, या गर्भनिरोध करने के प्राकृतिक या कृत्रिम तरीके को अपनाना ज्यादा मामलों में व्यक्तिगत या पारिवारिक निर्णय होता है। इसका राज्य नीति या सामाजिक तौर पर होने वाले अनुमोदनों से कोई सरोकार नहीं होता है। दूसरी ओर, वो व्यक्ति, जो प्रजनन के मामले में खुद पर नियंत्रण रख सकते हैं। ऐसे लोग बच्चे पैदा करने की प्रक्रिया को ज्यादा योजनाबद्ध बनाने या उसे सफल बनाने की प्रक्रिया को और तेज़ कर सकते हैं।


सामाजिक स्तर पर, प्रजनन में गिरावट होना महिलाओं की बढती हुई धर्मनिरपेक्ष शिक्षा का एक अनिवार्य परिणाम है। हालाँकि, यह ज़रूरी नहीं है कि मध्यम से उच्च स्तर तक के प्रजनन नियंत्रण में प्रजनन दर को कम करना शामिल हो। यहां तक कि जब ऐसे अलग अलग समाज की तुलना हो जो प्रजनन नियंत्रण को अच्छी खासी तरह अपना चुके है, तो बराबर प्रजनन नियंत्रण योग्यता रखने वाले समाज भी काफी अलग अलग प्रजनन स्तर (जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या के सन्दर्भ में) दे सकते हैं। जो कि इस बात से जुड़ा होता है कि छोटे या बड़े परिवार के लिए या बच्चों की संख्या के लिए व्यक्तिगत और सांस्कृतिक पसंद क्या है।


प्रजनन क्षमता पर नियंत्रण के विपरीत, जो मुख्य रूप से एक व्यक्तिगत स्तर का निर्णय है। सरकार जनसँख्या नियंत्रण करने के कई प्रयास कर सकती है। जैसे गर्भनिरोधक साधनों तक लोगों की पहुँच बढ़ाकर या अन्य जनसंख्या नीतियों और कार्यक्रमों के द्वारा। जैसा की ऊपर परिभाषित है, सरकार या सामाजिक स्तर पर 'जनसंख्या नियंत्रण' को लागू करने में "प्रजनन नियंत्रण" शामिल नहीं है, क्योंकि एक राज्य समाज की जनसंख्या को तब भी नियंत्रित कर सकता है जबकि समाज में प्रजनन नियंत्रण का प्रयोग बहुत कम किया जाता हो। जनसंख्या नियंत्रण के एक पहलू के रूप में आबादी बढाने वाली नीतियों को अंगीकृत करना भी ज़रूरी है और ज़रूरी है कि ये समझा जाए की सरकार जनसँख्या नियंत्रण के रूप में सिर्फ जनसख्या वृद्धि को रोकना नहीं चाहती| जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार न केवल अप्रवास का समर्थन कर सकती है बल्कि जन्म समर्थक नीतियों जैसे कि कर लाभ, वित्तीय पुरस्कार, छुट्टियों के दौरान वेतन देना जारी रखने और बच्चों कि देख रेख में मदद करने द्वारा भी लोगों को अतिरिक्त बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। उदाहरण के लिए हाल के सालों में इस तरह की नीतियों फ्रांस और स्वीडन में अपनाई गयीं। जनसंख्या वृद्धि बढ़ने के इसी लक्ष्य के साथ, कई बार सरकार ने गर्भपात और जन्म नियंत्रण के आधुनिक साधनों के प्रयोग को भी नियंत्रित करने की कोशिश की है। इसका एक उदाहरण है मांग किये जाने पर गर्भनिरोधक साधनों और गर्भपात के लिए वर्ष 1966 में रोमानिया में लगा प्रतिबन्ध।


पारिस्थितिकी में, कई बार जनसंख्या नियंत्रण पूरी तरह सिर्फ परभक्षण, बीमारी, परजीवी और पर्यावरण संबंधी कारकों द्वारा किया जाता है। एक निरंतर वातावरण में, जनसंख्या नियंत्रण भोजन, पानी और सुरक्षा की उपलब्धता द्वारा ही नियंत्रित होता है। एक निश्चित क्षेत्र अधिकतम कुल कितनी प्रजातियों या कुल कितने जीवित सदस्यों को सहारा दे सकता है उसे उस जगह की धारण क्षमता कहते हैं। कई बार इसमें पौधों और पशुओं पर मानव प्रभाव भी इसमें शामिल होता है। किसी विशेष ऋतू में भोजन और आश्रय की ज्यादा उपलब्धता वाले क्षेत्र की ओर पशुओं का पलायन जनसंख्या नियंत्रण के एक प्राकृतिक तरीके के रूप में देखा जा सकता है। जिस क्षेत्र से पलायन होता है वो अगली बार के लिए पशुओं के बड़े समूह हेतु भोजन आपूर्ति जुटाने या पैदा करने के लिए छोड़ दिया जाता है।


भारत एक और ऐसा उदाहरण है जहाँ सरकार ने देश की आबादी कम करने के लिए कई उपाय किये हैं। तेज़ी से बढती जनसँख्या आर्थिक वृद्धि और जीवन स्तर पर दुष्प्रभाव डालेगी, इस बात की चिंता के चलते 1950 के दशक के आखिर मे और 1960 के दशक के शुरू में भारत ने एक आधिकारिक परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू किया। विश्व में ऐसा करने वाला ये पहला देश था।


शनिवार, 17 अगस्त 2019

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
2019-8-18 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-14 (साल-01)
2.रविवार,18 अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादपद्र कृष्‍णपक्ष तीज,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:47,सूर्यास्त 7:07
5.न्‍यूनतम तापमान 27 डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., हवा में आद्रता रहेगी!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजिटल संस्करण )प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार लोनी गाजियाबाद 201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी गाजियाबाद 201102
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सीमा पर जवान शहीद,दिया मुँह तोड जवाब

सीजफायर उल्लंघन में भारतीय जवान हुआ शहीद,
भारतीय सेना ने दिया मुह तोड़ जवाब


श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंधन का भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है। इस दौरान भारतीय सेना ने एलओसी के उस पार स्थित एक पाकिस्तानी पोस्ट को निशाना बनाया है। पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बाद भी दोनों ओर से भारी गोलाबारी की जा रही है। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।


जम्मू-कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान शनिवार सुबह से संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हो गया है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार राजौरी के नौशेरा सेक्टर में शनिवार सुबह 6:30 बजे पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस गोलीबारी में भारतीय सेना के लांस नायक संदीप थापा शहीद हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से फायरिंग जारी है जिसका भारतीय सेना डटकर मुकाबला कर रही है।


हस्तक्षेप व्यर्थ है (संपादकीय)

370 में बदलाव पर यूएन में भी पाकिस्तान को समर्थन नहीं
यह मोदी सरकार की कूटनीति की जीत है।



जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद बिलबिलाए पाकिस्तान ने 16 अगस्त  की रात से ही चीन की मदद से मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) में उठाया। यूएन की एक बैठक में पांच स्थायी और 10 अस्थायी देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। लेकिन पाकिस्तान को सिर्फ चीन का ही समर्थन मिला। यानि पांच में से चार स्थायी तथा 10 अस्थायी देशों का समर्थन नहीं मिला। रूस, फ्रांस जैसे स्थायी देशों के प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है। इसमें यूएन की कोई भूमिका नहीं है। चूंकि बैठक में समर्थन नहीं मिला, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की बुरी हार हुई है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन की वजह  से कुछ देशों का समर्थन मिलेगा, लेकिन चीन के दबाव के बाद पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला। यानि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को प्रभावहीन करने के फैसले को यूएन ने भारत का अंदरूनी मामला माना है। मालूम हो कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह कुरैशी पहले ही कह चुके थे कि पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्रों का समर्थन भी नहीं मिल रहा है। भारत में जो राजनीतिक दल 370 के पक्ष में है उन्हें यूएन की ताजा कार्यवाही से सबक लेना चाहिए। सवाल उठता है कि जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ही भारत के पक्ष में खड़ा है, तब कांग्रेस, वामपंथी, टीएमसी दलों के नेता 370 को हटाए जाने का विरोध क्यों कर रहे हैं? जबकि सब जानते है कि 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पनपा है। पाकिस्तान को घुसपैठ करने का मौका मिला। अब जब जड़ से ही समस्या का समाधान कर दिया गया है तो फिर विरोध किस बात का। इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान को समर्थन न मिलना, केन्द्र की मोदी सरकार की कूटनीति की जीत है। आज भारत का इतना दबदबा हो गया है कि कोई भी देश भारत के मुकाबले पाकिस्तान के साथ खड़ा नहीं होना चाहता। भारत के विरोधी दलों को चाहिए कि वे कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए मोदी सरकार का समर्थन करें। यदि विपक्षी दलों के नेताओं की बयानबाजी से कश्मीर के हालात बिगड़ते हैं तो देश के लिए घातक होगा। वैसे 17 अगस्त को जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि जम्मू में इंटरनेट सेवाएं शुरू की जा रही है तथा कश्मीर में लैंडलाइन फोन की सेवाओं को बहाल किया जा रहा है। जैसे जैसे हालात सामान्य होंगे वैसे वैसे कश्मीर घाटी में भी स्कूल कॉलेज खोल दिए जाएंगे। पाबंदियों में लगातार छूट दी जा रही है। 
एस.पी.मित्तल


एनएचएम भर्ती प्रकरण में सरकार की किरकिरी

एनएचएम भर्ती प्रकरण में अब चुप क्यों हैं राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा?
ढाई हजार युवा नौकरी से वंचित। केन्द्र सरकार भी लगाएगी जुर्माना। 
आईएएस समित शर्मा अपनी प्रक्रिया पर आज भी कायम। 
नीट 2019 को लेकर भी सरकार की छवि खराब।

नई दिल्ली । नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत कम्युनिटी हेल्थ वर्कर के ढाई हजार पदों पर भर्ती के लिए राजस्थान में गत 22 जून को लिखित परीक्षा होनी थी, लेकिन प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के विरोध के चलते परीक्षा को 20 जून को ही रद्द कर दिया गया। तब रघु ने और स्वास्थ्य सचिव समित शर्मा ने परीक्षा के लिए राज्य सरकार से कोई अनुमति नहीं ली। रघु का यह भी आरोप रहा कि परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी नहीं है। रघु ने न केवल परीक्षा को रद्द करवाया, बल्कि जांच कमेटी भी गठित कर दी। इतना ही नहीं एनएचएम के एमडी समित शर्मा का तबादला भी करवा दिया। अब दो माह गुजर गए हैं, लेकिन रघु शर्मा ने चुप्पी साध रखी है। सवाल उठता है कि जब आरोप लगाए थे, तो अब साबित क्यों नहीं करते? असल में कुछ दिनों में रघु शर्मा के आरोपों की पोल खुल गई थी। रघु का यह बयान भी झूठा निकला कि उन्हें परीक्षा की जानकारी नहीं थी। परीक्षा को लेकर रघु ने चिकित्सा मंत्री की हैसियत से ट्वीटर पर टिप्पणी। इतना ही नहीं परीक्षा से पूर्व चिकित्सा कर्मियों के जो ज्ञापन प्राप्त हुए उन्हें रघु ने एनएचएम के एमडी समित शर्मा के नाम मार्क किया। झूठ बोल कर चिकित्सा मंत्री ने परीक्षा क्यों रद्द कर करवाई, यह तो वे ही जाने, लेकिन प्रदेश के ढाई हजार युवाओं को नौरी से वंचित करने के साथ-साथ केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि भी रुकवा दी। ढाई हजार युवाओं का वेतन भी केन्द्र सरकार द्वारा देय था। हेल्थ वर्करों को ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा का कार्य करना था। यानि चिकित्सामंत्री की वजह से प्रदेश के ग्रामीण भी चिकित्सा सुविधाओं से वंचित हो गए। नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत जो राज्य सरकार अच्छा कार्य करती है उसे केन्द्र की ओर से प्रोहत्सान राशि भी मिलती है, लेकिन जो राज्य योजना के अनुरूप कार्य नहीं करते, उन पर जुर्माना यानि निर्धारित राशि में से 20 प्रतिशत तक की कटौती की जाती है। चूंकि राजस्थान में ढाई हजार हेल्थ वर्करों की भर्ती नहीं हो सकी है, इसलिए जुर्माना भी लगेगा। राजस्थान के लोगों को अच्छी सेवा का वायदा कर कांग्रेस सत्ता में आई है, लेकिन चिकित्सा विभाग में उल्टा हो रहा है। 
प्रक्रिया पर आज भी कायम है समित शर्मा:
चिकित्सा महकमे से तबादले के बाद आईएएस समित शर्मा ने प्रदेश के श्रम आयुक्त का पद संभाल लिया है और वे पूरे मनोयोग से प्रदेश के श्रमिकों से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में लग गए हैं, लेकिन शर्मा को इस बात का मलाल है कि जो कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शीता के साथ किया उस पर अंगुली उठाई गई। प्रदेश के ढाई हजार युवाओं को नौकरी मिल जाए, इसके लिए चुनाव आयोग तक से अनुमति ली गई। और कोई वेतन भोगी आईएएस होता तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का बहाना कर परीक्षा स्थगित करवा लेता। रघु शर्मा चिकित्सा मंत्री की हैसियत से चाहे जो आरोप लगाएं, लेकिन राज्य सरकार के प्रस्ताव पर ही 31 जनवरी 2019 को भारत सरकार ने 2500 हेल्थ वर्करों की भर्ती की स्वीकृति दी थी।  इसको लेकर दिल्ली में 15 जनवरी को नेशनल हेल्थ मिशन की जो बैठक हुई उसमें राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार भी मौजूद थे। इसके बाद रोहित कुमार की अध्यक्षता में ही एनएचएम की कार्यकारी कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित की गई। ऑन लाइन आवेदन मांगने के बाद ही 22 जून को परीक्षा निर्धारित की गई। यदि परीक्षा गुपचुप तरीके से करवाई जाती तो दैनिक भास्कर राजस्थान पत्रिका जैसे बड़े अखबारों में विज्ञापन नहीं दिया जाता। भर्ती का विज्ञापन देकर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए। इतना जरूर है कि प्रक्रिया में किसी दबाव और सिफारिश को नहीं माना गया। सरकार के जो नियम थे उसी के मुताबिक प्रक्रिया को अपनाया गया। इतनी मेहनत, ईमानदारी और पारदर्शिता दिखाने के बाद भी मुझे अकेले को ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया। 
मुख्यमंत्री कर चुके हैं प्रशंसा:
आईएएस समित शर्मा के बारे में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कुछ भी राय रखते हों, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समित शर्मा की ईमानदार और मेहनत के कायल हैं। विधानसभा के बजट सत्र के समापन पर गहलोत ने प्रदेश में नि:शुल्क दवा योजना के संदर्भ में कहा कि समित शर्मा उन आईएएस में से हैं जो होली दीवाली मिठाई का डिब्बा भी किसी से नहीं लेते हैं। मुख्यमंत्री के इस कथन के बाद समित शर्मा को किसी अन्य से ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेने की जरुरत नहीं है। 
नीट 2019 को लेकर भी विवाद:
रघु शर्मा के अधीन वाले चिकित्सा महकमे द्वारा आयोजित नीट 2019 की प्रवेश परीक्षा के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई उस पर 16 अगस्त को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। एमबीबीएस में एडमिशन के मामले में मेडिकल कॉलेजों में 17 व 18 अगस्त को मॉपअप राउंड की काउंसलिंग होनी थी, लेकिन अब काउंसलिंग पर रोक लग गई है। सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों में 705 सीटे खाली रह गई है। आरोप है कि प्रक्रिया में मंत्री का दखल रहा, इसलिए नियमों में बदलाव किए गए। इससे परेशान अभ्यर्थियों ने अदालत की शरण ली और काउंसलिंग पर रोक लगवा दी। सवाल उठता है कि चिकित्सा विभाग में सभी गड़बडिय़ां मंत्री स्तर पर क्यों हो रही है, जाहिर है कि मंत्री अपना दखल चाहते हैं। चिकित्सा विभाग में इन दिनों जो घटनाएं घट रही है, उससे कांग्रेस सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 
एस.पी.मित्तल


बीसलपुर बांध बुझाएगा कई वर्षों तक प्यास

बीलसुपर बांध पूरा भरने की ओर। सरकार के दो सौ करोड़ रुपए बच गए। 
अजमेर, जयपुर, टोंक व दौसा के लिए तीन वर्ष का पानी।
पुष्कर सरोवर के जल स्तर 32 फीट के पार। 
14 फीट के जल स्तर पर आनासागर के दो गेट खोले। 
दरगाह सम्पर्क सड़क जाम। परकोटे की दीवार भी गिरी।

जयपुर । अजमेर, जयपुर, टोंक और दौसा जिले के करीब एक करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में भराव क्षमता के अनुरूप 315.50 मीटर पानी हो रहा है। 17 अगस्त को दोपहर तीन बजे बांध का जल स्तर 314.35 मीटर मापा गया। चूंकि बांध के भराव क्षेत्र चित्तौड़ और भीलवाड़ा में वर्षा का दौर जारी है इसलिए उम्मीद है कि देर रात या फिर 18 अगस्त तक बांध पूरा भर जाएगा। बांध के भरने से जहां चारों जिलों के लोगों को आगामी तीन वर्ष तक पेयजल उपलब्ध होता रहेगा, वहीं राज्य सरकार के दो सौ करोड़ रुपए बच गए हैं। इस बार मानसून में देर होने की वजह से बांध में पानी की आवक पर संकट आ गया था। अजमेर में तीन दिन में सप्लाई हो रही थी। जबकि जयपुर की सप्लाई में भी कटौती की गई। अफसरों ने बीसलपुर बांध में ट्यूबवेल खोदने और भीलवाड़ा से चम्बल का पानी लाने आदि की 200 करोड़ रुपए की योजना तैयार कर ली थी। सरकार ने बांध में ट्यूबवेल खोदने के निर्देश भी दे दिए थे। लेकिन योजना पर अमल होता इससे पहले ही बांध में बरसात के पानी की आवक हो गई। हालांकि जुलाई माह में पानी की आवक बहुत कम रही, लेकिन अगस्त के पहले सप्ताह में जो अवक शुरू हुई उसके बाद अब बांध पूरा भरने की कगार पर पहुंच गया है। बांध के भरने पर चैनल गेट खोलने पड़ेंगे इसलिए बीसलपुर गांव के आगे बनास नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। टोंक का प्रशासन बांध के जल स्तर पर लगातार निगरानी कर रहा है। बीसलपुर बांध के जल स्तर पर नजर रखने वाले सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि 16 अगस्त के मुकाबले में 17 अगस्त को पानी की आवक धीमी रही है। त्रिवेणी पर 16 अगस्त को जहां सात मीटर का गेज था, वहीं 17 अगस्त को यह 4 मीटर का रह गया। 
पुष्कर में 32 फीट पानी:
हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र पुष्कर सरोवर में 17 अगस्त को जल स्तर 32 फीट के पार हो गया। सरोवर की भराव क्षमता 35 फीट मानी जाती है। 35-36 फीट का जल स्तर होने पर गऊ घाट पर स्थित कल्याण जी के मंदिर तक पानी आ जाएगा। सरोवर के बीचों बीच बनी गुमटी 75 प्रतिशत डूब गई है। एक माह पहले तक पानी के अभाव में श्रद्धालुओं को घाटों के किनारे बने कुंडों में पूजा अर्चना करनी होती थी, लेकिन अब किसी भी घाट पर खड़े होकर पूजा अर्चना की जा सकती है। 17 अगस्त को पुष्कर के विधायक सुरेश रावत और पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने सरोवर और उसके भराव क्षेत्र का दौरा कर हालातों का जायजा लिया। पिछले चालीस वर्ष में यह पहला अवसर है जब सरोवर का जल स्तर 32 फीट पहुंचा है। 
आना सागर के दो गेट खोले:
अजमेर के आनासागर में 17 अगस्त को जब जल स्तर 14 फीट हुआ तो प्रशासन ने दो गेट खोल दिए ताकि आनासागर के भराव क्षेत्र में बनी आवासीय कॉलोनियों में पानी न भरे। कोई दस दिन पहले जब गेट खोलने में विलम्ब किया गया तो आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया था। तब जल स्तर 16 फीट होने पर गेट खोलने गए, लेकिन इस बार 14 फीट के जल स्तर पर ही दो गेट खोल दिए गए हैं। आनासागर की भराव क्षमता 13 फीट है। आनासागर से पानी की निकासी होने पर शहर के बीच से गुजर रही एस्केप चैनल में पानी की आवक हो गई है। एस्केप चैनल के जरिए खानापुरा के तालाब में पानी जाता है। लेकिन तालाब के आसपास मरम्मत मजबूत नहीं होने की वजह से क्षेत्रवासियों को परेशानी हो रही है। 
जर्जर भवन गिरे, दरगाह सम्पर्क सड़क जाम:
अजमेर शहर में 15 अगस्त से ही लगातार वर्षा हो रही है पिछले 24 घंटे से लगातार वर्षा जारी है। ऐसे में जर्जर मकान लगातार गिर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार नागफणी क्षेत्र में बनी दरगाह सम्पर्क सड़क पर पहाड़ का मलबा आ जाने से यातायात बाधित हो गया है। इससे दरगाह जाने वाले जायरीन को परेशानी हो रही है। इसी प्रकार पट्टीकटला क्षेत्र में परकोटे की दीवार भी धराशायी हो गई है। 
एस.पी.मित्तल


समर्पित जन-स्वास्थ्य मेरी प्राथमिकता:चंद्रवंशी

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा । सूबे के स्वास्थ्य मंत्री व क्षेत्रीय विधायक-रामचंद्र चंद्रवंशी ने शनिवार को कांडी प्रखंड में नवनिर्मित पांच अस्पतालो का उदघाटन फीता काटकर व नारियल तोड़कर किया।जिसकी लागत राशि लगभग 3.88 करोड़ थी।हेल्थ एन्ड वेलनेश सेन्टर कोरगाईं,सरकोनी,कुशहा,पिपरडीह व लमारि कला शामिल है।उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री-रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि बहुत जल्द ही सोहगाड़ा से चटनियां तक गवर्नर रोड का भी निर्माण होगा।टेढ़ा नदी से सरकोनी होते करमा गांव तक 2.7 करोड़ की लागत राशि से तीन किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण होगा ।उन्होंने कहा की सभी वेलनेस सेंटर केंद्र से जुड़ा हुआ संस्था है ।सभी वेलनेस सेंटर पर एक - एक योग शिक्षक भी रहेगा।सभी सेंटर पर एक सीएचओ व एक-एक नर्स को भी पदस्थापित किया गया है।साथ ही उन्होंने कहा की सप्ताह में एक दिन डॉक्टर भी आएंगे।16 अगस्त से 23 सितम्बर तक आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है।इससे बंचित रह गए लोगों को जरूर बनवाने को कहा। 2022 तक सभी को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करा  दिया जाएगा ।किसानों को भी केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।केंद्र की भाजपा सरकार ने स्वर्ण वर्ग को भी दस प्रतिशत आरक्षण देने का कार्य किया है ।सरकोनी में 6 बिस्तर का अस्पताल बनेगा।कुशहा हेल्थ सेंटर में दो डॉक्टर पदास्थापित किये जायेंगे।उज्ज्वला योजना के तहत एक गैस सिलिंडर मिला है, उन्हें 23 अगस्त के बाद एक- एक और गैस सिलिंडर दिया जायेगा।मंत्री ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी बेटा से अधिक बेटी को प्यार दें।भ्रूण हत्या करना बंद करें।लड़कियों को शादी व शिक्षा देने की जिम्मेवारी सरकार ने उठा रखी है।वहीँ झुरवाजरही टोला के लोगों ने नदी में पुल व बिजली देने की मांग किया।कार्यक्रम में लोगों को सीएस-डॉ नन्द किशोर रजक व प्रखंड चिकित्सा प्रभारी- डॉ कमलेश कुमार ने भी स्वास्थ्य से जुड़े  विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी ।मौके पर- डॉ प्रदीप मरांडी,लिपिक-धीरज पाठक,एमपीडब्ल्यू-अशोक प्रसाद, मिथलेश प्रसाद,अजय सिंह,गुड्डू सिंह,प्रेमानंद त्रिपाठी, राम लाला दुबे,रामलखन चंद्रवंशी, हसन रजवार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।


संस्‍था ने एसएसपी को सम्मानित किया

सामाजिक संगठन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का किया सम्मान


तस्लीम बेनकाब


मुज़फ्फरनगर! हाल ही में जनपद में महा कावड़ यात्रा में जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव के निर्देश में तमाम थाना पुलिस की सक्रियता के चलते सकुशल सम्पन्न हुई ओर उसके बाद सभी त्योहारों को भी आपसी सौहार्द के साथ मनाया गया इस दौरान मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव द्वारा 24 घंटे सक्रिय रहने और शानदार कार्यशैली व क्षेत्र में उत्कृष्ट दायित्वों का निर्वहन करने पर जनपद की अग्रणी सामाजिक संस्था आधारशिला ग्रामोत्थान सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने भी उनको एक अभिनंदन पत्र देकर सम्मान किया । इस मौके पर संस्था के संरक्षक सत्येंद्र पाल आर्य व मशहूर शायर व नाजिम- ए-मुशायरा जनाब रियाज सागर और संस्था के अध्यक्ष वसीम अहमद ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


सांसद ने विद्यालय में किया पौधारोपण

देवरिया सांसद ने महाविद्यालय में किया वृक्षारोपण


विद्यावती देवी महाविद्यालय का जायजा लेने के बाद व्यवस्था की सराहना की


पूर्व राज्यमंत्री डा. पीके राय के साथ पहुंचे सांसद


कुशीनगर-तमकुही। क्षेत्र के हाइवे के किनारे वैष्णवी नगर में स्थित विद्यावती देवी महाविद्यालय में सांसद व पूर्व राज्यमंत्री ने वृक्षारोपण कर पठन पाठन व व्यवस्था देख विद्यालय परिवार के कार्यों की सराहना की।
शनिवार की दोपहर में देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी व पूर्व राज्यमंत्री डा. पीके राय, पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय राय के साथ तमकुहीराज में आयोजित कार्यकर्ता कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद महाविद्यालय पर पहुंचे और परिसर में वृक्षारोपण कर लोगों से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की अपील की। वही विद्यालय में लैब, कमरो व शिक्षण कार्य का जायजा लेने के उपरांत प्रबन्धक बबलू राय के कार्यों की सराहना की और कहा कि यह विद्यालय इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। इसके स्थापित होने से क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नही जाना पड़ रहा है। निश्चित ही इस विद्यालय में जिस प्रकार की व्यवस्था व पठन पाठन है।इससे इस क्षेत्र के बालक व बालिकाओं के साथ ही क्षेत्र का साक्षरता दर बढ़ेगी।
इस दौरान प्राचार्या श्रीमती साधना सिंह, उपाध्यक्ष प्रबन्ध तंत्र रमेशचंद्र यादव, चमन यादव,  राधेश्याम पांडेय, शैलेंद्र पांडेय, राणा प्रताप सिंह, अवधेश राय, कृष्ण बिहारी मिश्रा, राणा प्रताप मिश्रा, सुधीर सिंह, गुड्डू राय, पवन पटेल, महेंद्र कुमार, पवन गिरी, मार्कण्डेय सिंह, संदीप कुशवाहा, सत्येंद्र साहनी सहित भाजपा कार्यकर्ता व विद्यालय के समस्त शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे।


अपराधियों का हौसला-दुस्साहस चिंताजनक

अपराधियों के बढ़ते हौसले एवं दुस्साहस चिंताजनक


कुशीनगर । रामकोला थाने से 800 मीटर पर माला बाबा के पोखरे के पास सड़क पर हुई दमोदरी निवासी सत्तन पटेल की हत्या बेहद गंभीर एवं चिंताजनक है पिछले पांच वर्षों से कुशीनगर की हालत बेहद खराब होती जा रही है। किसके साथ कब क्या घटना घटित हो जाए कहा नहीं जा सकता है। अपराधी बेखौफ एवं दुस्साहसी होते जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों से बैंकों से पैसा निकाल कर आने जाने वाले आसान शिकार बन रहे हैं दर्जनों लोग तो केवल रामकोला नगर के आसपास शिकार हुए हैं। मोटरसाइकिल एवं चारपहिए भी उठाए गए हैं।
पिछले वर्षों में अनेक हत्याएं भी हुई है जिसमें पुलिस ने मात्र मुकदमा दर्ज कर कर्तव्य पूरा कर लिया है। दो-तीन वर्ष पूर्व धूआटीकर के पास सड़क पर दो लोग मार दिए गए। लेकिन अपराधियों का पता नहीं चल सका, हत्या कर फेंकी गई अनेक लाशे मिली। लेकिन हत्यारों का पता नहीं चला,दुकानों एवं मकानों के ताले टूटे उसमें अनेक में मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ।
पूरे जनपद की हालत बिहार एवं बंगाल तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ आपराधिक क्षेत्रो जैसा बनता जा रहा है।
मेरा निश्चित मत है कि 70% पुलिसकर्मी वास्तविक ड्यूटी से इतर के कामों में लगे हुए हैं। जबकि 40% पुलिसकर्मी आपराधिक प्रवृति के हैं। उनका प्रत्यक्ष एवं परोक्ष संपर्क आपराधिक गिरोहों से बना हुआ है, थानों में तैनात पुलिसकर्मी एक एक गिरोह को जानते एवं पहचानते हैं।
यदि नेटवर्क तोड़ा नहीं गया तो बेखौफ अपराधी सुपारी लेकर राजनीतिक हत्याओं की तरफ अग्रसर हो सकते हैं ।


एम्स के इमरजेंसी वार्ड में लगी आग,हताहत नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में आग लगने की खबर आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में आग लगी है। आग लगने से अफरातफरी का माहौल है। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 6 गाड़ियां मौके पर पहुंची है। दमकल विभाग के कर्मचारी बचाव कार्य में जुटे है। लोगों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि आग दूसरी मंजिल पर लगी है। यहां मरीजों की भीड़ रहती है। अब तक कोई किसके के हताहत होने की खबर नहीं है। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दिल्ली एम्स में भर्ती है।


महिला हॉकी टीम ने जापान को दी शिकस्त

नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को ओलंपिक टेस्ट इवेंट का शानदार आगाज करते हुए पहले मैच में मेजबान जापान को शिकस्त दी। महिला हॉकी टीम ने जापान पर 2-1 से जीत दर्ज की। भारत ने पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ गुरजीत कौर की मदद से नौंवे ही मिनट में बढ़त बना ली थी, लेकिन मेजबान टीम ने 16वें मिनट में अकी मितसुहासी के मैदानी गोल से 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। हालांकि गुरजीत ने फिर 35वें मिनट में पेनल्टी कार्नर से गोल दाग कर अपनी टीम को 2-1 से आगे कर दिया जो निर्णायक रहा।  भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की और पहले 10 मिनट में ही उसे कुछ मौके मिल गए।


पुलिस को मिलेगा साप्ताहिक अवकाश

पुलिसकर्मियों को भी मिलेगा साप्ताहिक अवकाश


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों पर काम के बढ़ते दबाव और इस वजह से बढ़ रही अवसाद की स्थिति से राहत दिलाने के लिए उन्हें सप्ताह में एक दिन के अवकाश की योजना 20 अगस्त से शुरू होने जा रही है। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले कानपुर नगर व बाराबंकी में शुरू किया जाएगा।


इन दो जिलों का चयन राजधानी से सटे होने के कारण किया गया है। इससे इन पर पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग से सीधी नजर रखना आसान होगा। जिले के साथ ही रेंज व जोन के अधिकारियों व अन्य राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को इसके लिए जरूरी निर्देश देने को कहा गया है। आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के आधार पर इस योजना की आगे की दिशा तय होगी। पुलिस कर्मियों को सप्ताहिक अवकाश दिए जाने को लेकर पिछले कुछ साल से चर्चा चल रही थी। वहीं, ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट (बीपीआरडी) ने कई हजार पुलिसकर्मियों पर रिसर्च कराया था। इसमें केरल में आठ घंटे की शिफ्ट की नौकरी के प्रयोग से बेहतर नतीजे सामने आए थे।


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