लगता है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का विभूतिखंड थाना सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर हो गया है!!!
संजय आजाद की कलम से
जहां का उप निरीक्षक अपने पद का खुलेआम दुरूपयोग करने लगे उसके खिलाफ कौन सी धारा में मुकदमा दर्ज होगा डीजीपी साहब???
दलाल आतंकी सरीखे करोड़ों-अरबों के सरकारी घोटालों और घोटालेबाजों की पैरवी करने वाले को बचाने के चक्कर में खाकी को बदनाम करने पर आमादा होता बेलगाम उपनिरीक्षक!!!
जी हां, इस थाने में तैनात उपनिरीक्षक शिवेंद्र कुमार द्वारा दलाल सरीखों से मिलकर जमीनी समाजसेवियों पत्रकारों ,आरटीआई कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमोंं में फंसाने की साजिश रची जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ जान से मार डालने और शरीर के 75 टुकड़े करके गर्दन काट लेने की धमकी देने वाले आतंकी सरीखे व्यक्ति की पैरोकारी में उक्त उपनिरीक्षक जी-जान से जुटा!!!
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में फैले भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की पोल बराबर खोली जा रही है जिससे उक्त लोगों की कारगुजारियों का राजफाश होना लगभग तय है और इसी के चलते इन देशद्रोही सरीखे लोगों को संजय आजाद जैसे पत्रकारों सहित आरटीआई कार्यकर्ताओं समाजसेवियों की कलम व कैमरे का फोकस इनके आंड़े हाथों आता दिखाई पड़ रहा है।
विदित कराना है कि पीड़ितों की पीड़ा को उजागर करने में उपनिरीक्षक शिवेंद्र कुमार बाधक बन रहे हैं और सूचना मांगने वालों को खाकी के बल पर फर्जी के मुकदमों में जेल में ठूसने के वास्ते तैयारी में जुटे हुए हैं। ये महाशय दिन-प्रतिदिन पद का बेजा इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। हालात देखकर ऐसा लगता है कि नगर निगम ,बिजली जैसे मलाईदार विभागों इत्यादि की विधि-विरूद्ध पैरवी करने वाले एक दलाल आतंकी सरीखे का गठजोड़ उपनिरीक्षक से हो चुका है जिसके हमराही की भूमिका में शिवेंद्र कुमार जैसे वर्दीधारी कभी भी देखे जा सकते हैं। जानकारी में आया है कि करोड़ों-अरबों के घोटालों और उनके घोटालेबाजों को बचाने के लिए महज सरकार का ध्यान भटकाने के नजरिये से फर्जी की मनगढंत रिपोर्ट नाटकीय ढंग से भ्रष्टाचारियों को बचाते हुए अपने उच्चाधिकारियों की सेवा में उपनिरीक्षक शिवेंद्र कुमार आये दिन प्रेषित करने में लगे हुए हैं।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शिवेंद्र कुमार की सत्ता के गलियारे में अच्छी पकड़ है, जिसके चलते इस शख्स की पुलिस - प्रशासन में तूती बोलती है यानि " सईयां भय कोतवाल तो डर काहे का " वाली कहावत चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों के हवाले से एक अहम जानकारी दी गई है कि शिवेन्द्र कुमार और एक काले कोटधारी द्वारा हमारी जानमाल को कभी भी क्षति पहुंचाई जा सकती है , ऐसी साजिश शिवेन्द्र कुमार जैसे साजिशकर्ता मिलकर रच रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में अपीलार्थियों - शिकायतकर्ताओं को खाकी का भय दिखाकर लोगों में आयोग की चौखट पर सोंच समझकर पांव रखने का संदेश भी दिया जा रहा है।आतंक का साम्राज्य स्थापित करवाने में ऐसे संदिग्ध उपनिरीक्षक के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही किये जाने की मांग यहां के तमाम जागरूक वरिष्ठ समाजसेवियों व आरटीआई कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रहित में उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से की है।
लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां तैनात उपनिरीक्षक शिवेंद्र कुमार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचा रहा है और खाकी का रौब दिखाकर नाजायज परेशान करता रहता है। वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार गोयल , हरपाल सिंह, तनवीर अहमद सिद्दीकी, आनन्द प्रसाद, परवेज आलम, वी०एन० यादव इत्यादि का मानना है कि हो न हो करोड़ों-अरबों के घोटालेबाजों को छुपाने के वास्ते ही उपनिरीक्षक शिवेंद्र कुमार की पोस्टिंग एक कालेकोटधारी ने सत्ता में अपनी अच्छी पकड़ के चलते करवाई है। इन लोगों ने इनकी संदिग्ध भूमिका की जांच राष्ट्रहित में किसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से कराने की मांग को दोहराया है।
श्री गोयल ने आरोप लगाया है कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66ए खत्म कर दिए जाने के बावजूद एक दलाल सरीखे वकील से सांठगांठ करके थाना विभूतिखंड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की जानबूझकर अवहेलना की है। उन्होंने डीजीपी से दोषी जनों के खिलाफ संगीन धाराओं में मामले को दर्ज किये जाने की भी मांग की है!