बुधवार, 23 जून 2021
यूके: 7 एसआई इंस्पेक्टर के पद पर पदोनन्नत कियें
सरकार के स्वास्थ्य सचिव को कड़ी फटकार: एचसी
परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी: सरकार
पंकज कपूर
देहरादून। सरकार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी करने की तैयारी कर रही है। मगर इसमें तमात दिक्कतें आ रही है। उत्तराखंड बोर्ड की ओर से रिजल्ट का जो मसौदा तैयार किया गया है। उसके अनुसार 10वीं और 12वीं में हुए आंतरिक परीक्षा के अंक भी जोडे़ जाने हैं। मगर प्रदेश में कई विद्यालय ऐसे हैं। जिन्होंने 10वीं व 12वीं की कक्षाओं में मासिक परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन कराया ही नहीं। ऐसे में इन विद्यालयों के छात्रों का परिणाम कैसे तैयार होगा, इसे लेकर अधिकारी पशोपेश में हैं। अब इस लेकर बरती गई लापरवाही प्रधानाचार्यों और शिक्षाधिकारियों को भारी पड़ेगी।
बोर्ड रिजल्ट तैयार करने में यह चूक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को सख्त नागवार गुजरी है। ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ ही संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों और मुख्य शिक्षाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने बीते शैक्षिक सत्र 2020-21 में 10वीं व 12वीं की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी थी। बीते नवंबर से मार्च माह यानी पांच महीनों के दौरान सरकारी, अनुदानप्राप्त अशासकीय और उत्तराखंड बोर्ड से मान्यताप्राप्त निजी माध्यमिक विद्यालयों को बोर्ड परीक्षार्थियों की पढ़ाई के लिए खोला गया था। शासन काफी पहले ही मासिक परीक्षा लेने के आदेश जारी कर चुका था। इसके बावजूद विद्यालयों के स्तर पर छात्र-छात्राओं के लिए मासिक परीक्षा समेत अन्य आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं की गई।
सीबीएसई समेत अन्य राज्यों में प्री-बोर्ड एवं अन्य तरीके से हुए आंतरिक मूल्यांकन को 10वीं व 12वीं के रिजल्ट के लिए ज्यादा तवज्जो दी गई है। उत्तराखंड में विद्यालयों के स्तर पर बरती गई लापरवाही के चलते आंतरिक मूल्यांकन के अंकों को रिजल्ट में ज्यादा महत्व नहीं देने के लिए कदम उठाने की नौबत आई। मंगलवार को विभागीय समीक्षा के दौरान सामने आने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय खफा हो गए। उन्होंने इस लापरवाही को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।
सीसीआई के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार किया
अपरहण: 'निर्णायक सबूत' के बारे में जानकारी नहीं
कोरोना के मामलों ने 3 करोड़ का आंकड़ा पार किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में 50 दिनों में कोरोना वायरस के एक करोड़ मामले आने के साथ ही महामारी के मामलों की संख्या अब तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गयी है। एक दिन में 50,848 नए मरीज आने से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 3,00,28,709 पर पहुंच गयी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 1,358 लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,90,660 हो गयी है। भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। जिसके बाद उसे चार मई को दो करोड़ का आंकड़ा पार करने में करीब 136 दिन लगे।
सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 6,43,194 पर पहुंच गयी है। जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.14 प्रतिशत है। जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की राष्ट्रीय दर 96.56 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। पिछले 24 घंटों में 19,327 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
मंगलवार, 22 जून 2021
व्याख्या: उत्तर कोरिया ने अमेरिका को खबरदार किया
सियोल/ वाशिंगटन डीसी। उत्तर कोरिया के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका को खबरदार किया है। उन्होंने कहा उत्तर कोरिया के संकेतों की गलत व्याख्या नहीं करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तर कोरिया के संकेतों को अमेरिका गलत व्याख्या कर रहा है। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह वार्ता का सपना देख रहा है तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी। उत्तर कोरिया की ओर से यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है। जब एक अमेरिकी दूत ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में किम जोंग उन के साथ वार्ता पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन की बहन ने अमेरिका के साथ वार्ता की संभावनाओं को सिरे से नकार दिया है। किम जोंग की बहन किम यो जोंग सत्ता में शक्तिशाली भूमिका में हैं। किम यो जोंग ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान के बयान पर भड़कते हुए कहा है कि वह किम जोंग के बयान के अपने तरीके से अर्थ निकालकर वार्ता के सपने देख रहे हैं।
24 को अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया
रिटायर्ड: सरकार द्वारा नया सचिव नियुक्त किया गया
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 8 नए मामलें सामने आएं
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां तेजी से कम हो रहा है। वही ब्लैक फंगस के मामलों में भी धीरे धीरे धीरे कमी आ रही है। राज्य में आज ब्लैक फंगस के 8 नए मामले तथा 1 मरीज की मौत हुई। मंगलवार की शाम 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 465 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 82 मरीजों की मौत हो चुकी है। वही 65 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 302 मामले सामने आए जिनमें 54 की मौत हो चुकी है 29 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में 23, मैक्स हॉस्पिटल में 15, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 30, जौलीग्रांट में 45, आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो, कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन, सुशीला तिवारी अस्पताल में 33, सिटी अस्पताल में, तिवारी नर्सिंग होम में एक, जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक, ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक, सिनर्जी हॉस्पिटल में 2, उत्तरकाशी डिस्टिक हॉस्पिटल में 2, मिलट्री हॉस्पिटल रुड़की में दो तथा मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में एक मामले सामने आए है।
अनियंत्रित व्यवस्था, सरकार पर पलायन का आरोप
फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज
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