सीएम ने योग आयोग गठित करने की घोषणा की
मनोज सिंह ठाकुर
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में योग आयोग गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रदेश की शालाओं में योग प्रशिक्षण भी प्रारंभ किया जाएगा। चौहान आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री निवास में राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मानवता के लिए योग’ की थीम पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को कर्नाटक के मैसूर पैलेस से संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए योग शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी। लोग घर पर सरल योग का अभ्यास निरंतर कर सकें इसके लिए भी आवश्यक व्यवस्था स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग संस्थान, पतंजलि योग संस्थान, ईशा योग फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्थाओं से योग साधकों का सहयोग लिया जाएगा।
चौहान ने सभी प्रदेशवासियों से प्रतिदिन योग करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि योग स्वस्थ रहने का सबसे सशक्त माध्यम है। जिसमें शारीरिक क्षमता नहीं है, वह आत्मा-परमात्मा कुछ प्राप्त नहीं कर सकता। योग से कार्य-क्षमता और कर्मठता की प्रवृत्ति में वृद्धि होती है। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, बाबा रामदेव और सद्गुरू जग्गी वासुदेव इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। वे प्रतिदिन योग करते हैं और मानव-कल्याण के लिए निरंतर सक्रिय रहते हैं। उन्हाेंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 1998 में हुई दुर्घटना में उन्हें आठ फ्रेक्चर हो गए थे।
योग और प्राणायाम के अभ्यास से स्वास्थ्य लाभ हुआ और आज भी वे निरंतर 18 घंटे बिना किसी समस्या और थकान के कार्य करने में सक्षम हैं। यह प्रतिदिन योग का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी शारीरिक परिस्थिति और आवश्यकता के अनुरूप योग आसनों की सूची बनाकर प्रतिदिन 40 से 45 मिनिट योग अवश्य करना चाहिए। निरंतर योग और प्राणायाम के परिणामस्वरूप ही कोरोना उन्हें अधिक प्रभावित नहीं कर पाया। वे प्रतिदिन योग, प्राणायाम, ध्यान, गाय को रोटी देने के साथ तीन पेड़ अवश्य लगाते हैं। यह क्रम उन्हें ऊर्जा, आनंद और सकारात्मकता प्रदान करता है। उन्होंने सभी को पौधरोपण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण से ही हम धरती को जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचा पाएंगे।
चौहान ने योग के आठ नियमों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों से नियमित दिनचर्या, स्वास्थ्यवर्धक आहार और अच्छा आचरण तथा व्यवहार रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हमें संतुलित आहार, भूख से थोड़ा कम भोजन लेने, ऋतु के अनुसार भोजन ग्रहण करने और शरीर के लिए हितकारी संतुलित तथा सात्विक आहार लेने की आदत को अपनाना होगा। यह सुखी और स्वस्थ जीवन का आधार है।
उन्होंने कहा कि अपने कार्यों के लिए सक्षम बनें और लक्ष्य अर्जित करने में सफल हों, यह क्षमता प्राप्त करने के उद्देश्य से ही हम भोजन ग्रहण करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग शरीर, मन, बुद्धि और आस्था का समुच्चय है। योग आत्मा से परमात्मा को जोड़ता है। प्राणायाम श्वास-प्रश्वास की प्रक्रिया है, जिससे हम सांस पर नियंत्रण कर सांस को शरीर के लिए अधिक उपयोगी बना सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में शुरू किया गया योग से निरोग कार्यक्रम कोरोना प्रभावितों के उपचार में सहायक सिद्ध हुआ है। श्री चौहान ने कहा कि प्रतिदिन योग करने के लिए अनुशासन और दृढ़-निश्चय आवश्यक है।
प्राय: मन आलसी होता है और हम योग की निरंतरता को बनाए नहीं रख पाते। हमें इस ओर सजग रहकर अपने योग, प्राणायाम के क्रम को जारी रखना होगा। इससे स्वस्थ शरीर, प्रखर बुद्धि, सकारात्मकता और ऊर्जा प्राप्त होगी और हम आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में अपना योगदान दे सकेंगे।
चौहान के नेतृत्व में लघु फिल्म में प्रदर्शित क्रम के अनुसार विद्यार्थियों ने विभिन्न योग क्रियाएँ की, जिसमें चालन क्रिया, स्कंध संचालन, स्कंध चक्र, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्द्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, उष्टासन, शशांकासन, उत्तांनमंडूकासन, वक्रासन, मक्रासन, भुजंगासन, शलवासन, सेतुबंधासन, उत्तानपादआसन, अर्द्ध हलासन, पवन मुक्तासन, शवासन, कपाल भाति, अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी और ध्यान की क्रियाएँ की गई।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भोपाल के स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ भारतीय योग संगठन से जुड़ी संस्थाओं जैसे पतंजलि योग संस्थान, ईशा योग फाउंडेशन, ऑर्ट ऑफ लिविंग, बिहार स्कूल ऑफ योग, ब्रम्हकुमारी आदि के योग साधक भी शामिल हुए।