शनिवार, 18 जून 2022

आरोप: योजना के पीछे सरकार की नियत कुछ और है

आरोप: योजना के पीछे सरकार की नियत कुछ और है 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना पर सरकार को लगातार घेरा जा रहा है। विपक्ष लगातार इस योजना को वापस लेने की मांग भी कर रहा है। कांग्रेस ने शनिवार को सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना के पीछे सरकार की नियत कुछ और है। सरकार संघ की मानसिकता को सेना में डालना चाहती है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “सरकार की नई योजना को लेकर देश का माहौल देख ही रहे हैं। सरकार इस योजना को लाने का कारण आर्थिक बता रही है, कई विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने के बाद यह पता लगा है कि यह योजना दिखाने के लिए आर्थिक है। लेकिन असल में सरकार की नियत कुछ और है। सरकार संघ की मानसिकता को सेना में लाना चाहती है।
“नोटबंदी के दौरान 50 दिन में 60 बार परिवर्तन किया गया, जीएसटी के अंदर 10 महीने में 376 बार परिवर्तन हुआ और काले कानून में 1 साल जिद पर अड़े रहने के बाद फिर पीछे हटना पड़ा। सीएए ढाई साल पहले लेकर आए आप कानून नहीं बना पा रहे हो और अब अग्नीपथ योजना में भी पिछले 3 दिनों में 3 बार परिवर्तन हो चुके हैं। सरकार से हम गुजारिश करेंगे कि इस योजना को तुरंत वापस ले।
उन्होंने आगे कहा, “क्या कारण है कि 4 में से एक को सेना में रखेंगे बाकी तीन को आप वापस भेज देंगे। सरकार समाज का सेनाकरण कर रही है इसलिए यह बहुत चिंता का विषय है। हम आए दिन देखते हैं कि अमेरिका में स्कूल में गोलियां चल रही हैं। सरकार 4 में से 3 नौजवानों को समाज में छोड़ देंगे। समाज में क्या स्थिति होगी। सरकार क्या चाहती है कि हमारे नौजवान गैंग चलाएं। जो हाल डीमोनेटाइजेशन ने अर्थव्यवस्था का किया, यह वही डिमानेटाइजेशन सेना का हाल करेगी।”
इसके बाद कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “वन रैंक वन पेंशन का सरकार का वायदा था और संकल्प था, लेकिन आज वास्तविक स्थिति क्या है। यदि अग्निपथ योजना लागू हो गई तो वन रैंक वन पेंशन का वायदा हो जाएगा, ‘नो रैंक, नो पेंशन, सिर्फ टेंशन, विदआउट डायरेक्श।
“4 साल बाद इस योजना के तहत एक युवा भूतपूर्व सैनिक हो जाएगा, जबकि 71 साल का बुजुर्ग यह कह रहा है कि मैं देश की सेवा करूंगा। इसलिए नौजवान को बचा लीजिए जब नौजवान ही नहीं रहेगा तो देश नहीं रहेगा। क्या वित्तीय बचत के लिए हम नौजवानों को शहीद कर दें।
उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में युवाओं पर लाठियां चार्ज हो रही हैं, किसानों के आंदोलन में 700 किसानों की मृत्यु हुई थी, उसके बाद आपने कानून वापस लिए थे अब कितने युवाओं के बलिदानो के बाद इसे वापस लेंगे।
कांग्रेस नेता कन्हया कुमार ने भी कहा, “सरकार के एक-एक मंत्री जिस तरह से अग्निपथ योजना के फायदे गिना रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वह कुछ बेच रहें हैं। इस भाषा की मानसिकता को पहचानने की कोशिश कीजिये। मंत्रियों को पहले यह बताना होगा कि इस योजना की जरूरत क्या है? 15 लाख रुपए मिलने वाले थे उसी खाते में यह 20 लाख रुपये भी जाएंगे।
दरअसल इस योजना के खिलाफ सड़कों पर तमाम प्रदर्शन किया जा रहा है, जहां कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी देखा जा रहा है। बिहार, यूपी, राजस्थान आदि राज्यों में लगातार यह प्रदर्शन किया जा रहा है।

संगीतकार डंगवाल का सड़क हादसे में निधन हुआ

संगीतकार डंगवाल का सड़क हादसे में निधन हुआ 

पंकज कपूर/राणा ओबरॉय/अमित शर्मा   
देहरादून/चंडीगढ़। उत्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का सड़क हादसे में निधन हो गया है। उत्तराखंड संगीत इंडस्ट्री के उभरते हुए युवा संगीतकार एवं रिद्म की स्टाइल को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए पहचाने जाने वाले संगीतकार गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ के पास सड़क दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया है। वह देहरादून से चंडीगढ़ अपने दोस्त के पास जा रहे थे।
समाचार के मुताबिक यह हादसा तड़के चार से पांच बजे के बीच हुआ। वह रात के समय चंडीगढ़ के लिए देहरादून के बंजारावाला स्थित टिहरी विस्थापित कॉलोनी के अपने घर से रवाना हुए थे, जिस दोस्त के पास उन्हें जाना था। उसने गुंजन के समय पर न पहुंचने पर गुंजन के मोबाइल में बीस से पच्चीस कॉल किए। इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। बताया जा रहा है कि वह अपनी स्विफ्ट कार में सवार थे और दुर्घटना के वक्त अकेले ही थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही उनके माता-पिता देहरादून से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। देर शाम तक उनके वापस दून पहुंचने की संभावना है। उनके साथ काम कर चुके एक अन्य संगीतकार रिद्मिस्ट ए प्लस स्टुडिया के रणजीत सिंह ने बताया कि गुंजन बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार थे। कुछ साल पूर्व लगभग इन्ही दिनों बेहद लोकप्रिय युवा गायक पप्पू कार्की की भी सड़क दुर्घटना में दुखद मौत के बाद उत्तराखंडी गीत संगीत के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुंजन डंगवाल के निधन पर गहरी शोक संवेदना की है। सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड के युवा लोक गायक एवं संगीत निर्देशक गुंजन डंगवाल  के सड़क हादसे में निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ, उनका निधन उत्तराखंड संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।

काबुल: गुरुद्वारे के पास व्यस्त सड़क पर 2 धमाके हुए

काबुल: गुरुद्वारे के पास व्यस्त सड़क पर 2 धमाके हुए

अखिलेश पांडेय

काबुल। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह अफगानिस्तान की राजधानी में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद काबुल में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के हवाले से एक बयान में कहा गया है, हम काबुल से शहर के एक पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों से बेहद चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और सामने आने वाले घटनाक्रम पर और विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
शनिवार की सुबह काबुल के कार्त-ए-परवान इलाके में गुरुद्वारे के पास एक व्यस्त सड़क पर दो धमाके हुए।
सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी है।
विस्फोट के बाद आसमान में घने धुएं का एक गुबार छा गया और राजधानी शहर के निवासियों की बीच दहशत फैल गई। काबुल में एक गुरुद्वारे में शनिवार को हुए तीन विस्फोटों में कम से कम दो नागरिक मारे गए और तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। कई स्रोतों के अनुसार यह जानकारी दी गई है। गृह मंत्रालय ने विस्फोटों की पुष्टि की है और कहा है कि सशस्त्र विद्रोहियों के एक समूह ने कार्त-ए-परवान इलाके में गुरुद्वारे में प्रवेश किया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "प्रवेश करने से पहले, दुश्मन ने एक ग्रेनेड से गार्ड पर हमला किया, जिससे आग लग गई और हमारे दो हिंदू देशवासी जो हमले में घायल हो गए थे उन्हें निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।"
बयान के अनुसार, अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही विद्रोहियों ने एक कार बम विस्फोट भी किया था।
"सौभाग्य से, वे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचे और लक्ष्य तक पहुंचने से पहले एक कार बम विस्फोट कर दिया।"
इस बीच, एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया, "हमने सुबह करीब छह बजे गुरुद्वारे के गेट पर एक बड़ा धमाका सुना। इसके बाद गुरुद्वारे के अंदर दो और विस्फोट हुए।"
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने एहतियाती उपायों के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी है और चेतावनी के लिए गोलियां भी चलाई गई हैं। एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि पहले विस्फोट के दौरान दो लोगों की मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर वीडियो में विस्फोट की दीवारों से घिरे दो मंजिला गुरुद्वारे से धुआं निकलता दिख रहा है।
मीडियाकर्मियों और आम जनता को साइट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और किसी को नहीं पता कि परिसर के अंदर वास्तव में क्या चल रहा है। इससे पहले दिन में, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के हवाले से एक बयान में कहा गया है कि हम काबुल से उस शहर के एक पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों से बेहद चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, "हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और सामने आने वाले घटनाक्रम पर और विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।" मार्च 2020 में, काबुल शहर में एक गुरुद्वारे पर हुए हमले में दो दर्जन उपासक मारे गए थे। हाल के महीनों में, तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार का विरोध करने वाले इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी समूह द्वारा कथित तौर पर किए गए आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला से युद्धग्रस्त देश प्रभावित हुआ है। शुक्रवार को उत्तरी प्रांत कुंदुज में एक मस्जिद में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए थे।

असम: बाढ़ से मरने वालों की संख्या-54 हुईं

असम: बाढ़ से मरने वालों की संख्या-54 हुईं 

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। असम में सभी बड़ी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आयी हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य के 28 जिलों के 2930 गांवों के 19 लाख लोग प्रभावित हुए है। 
इसके अलावा राज्य के विभिन्न इलाकों से भूस्खलन की घटनाओं की रिपोर्ट मिल रही है। जहां भारी बारिश हो रही है, जिससे गुवाहाटी में प्रमुख सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा हो गया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार कम से कम अगले दो दिनों तक बारिश के थमने का कोई आसार नहीं है। असम और मेघालय दोनों राज्यों में आज तक रेड अलर्ट जारी है।

राजमार्ग पर ट्रक ने 2 कारों को मारी टक्कर, हादसा

राजमार्ग पर ट्रक ने 2 कारों को मारी टक्कर, हादसा

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जनपद के थाना सिखेड़ा क्षेत्र के पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर एक ट्रक ने 2 कारों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगने की वजह से कई लोगों ने मौके पर दम तोड़ दिया, तो कई घायलों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए उन्हें पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार थाना सिखेड़ा इलाके में पड़ने वाले पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर देर रात दर्दनाक हादसा हुआ है। 
बताया जा रहा है कि मीरापुर के रहने वाले हकीमुद्दीन पुत्र मोहम्मद अपने परिवार के साथ मीरापुर कहीं से वापस आ रहे थे। हाईवे पर स्थित नंगला कबीर पेट्रोल पम्प के निकट गांड़ी पहुंचकर अचानक तकनीकी खराबी की वजह से बंद हो गई। 
कार खराब होने की वजह से गाडी के अंदर से सभी बाहर आ गये और मीरापुर पहुंचने एक अन्य गाड़ी को फोन कर बुलाया गया। ट्रक ने दोनों गाड़ियों में जोरदार टक्कर मार दी। भीषण टक्कर लगने से कार में सवार में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हकीमुद्दीन पुत्र पीर मोहम्मद व आरिफ पुत्र जमील ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को उपचार के लिये स्थानीय हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

मॉरेचिनानू के 140वें जन्मदिन पर याद किया: गूगल

मॉरेचिनानू के 140वें जन्मदिन पर याद किया: गूगल

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। गूगल द्वारा श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू के 140वें जन्मदिन पर उन्हें गूगल डूडल के जरिए, याद किया जा रहा है।
लेकिन, क्या आप जानते है कि श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू कौन थी ? 
जिनको गूगल ने इतने सालों बाद भी श्रद्धांजलि दी, तो चलिए आज हम आपको बताते है। बता दें, श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू उन महिलाओं में से एक हैं। जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान हासिल की। आज उनका 140वां जन्मदिन है। 
दरअसल, श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू रेडियोधर्मिता की खोज और अनुसंधान में अग्रणी महिलाओं में से एक थी। केमिस्ट्री और भूतिकी की महान वैज्ञानिक थी। आपको बता दें, यह कोई आम महिला नहीं थी। भूकंप और बरसात के बीच की कड़ी का इन्होंने ही गहन अध्ययन किया था। उस दौरान यह पहली बार नोटिस किया गया कि भूकंप के लिए उपरिकेंद्र पर रेडियोधर्मिता में अक्सर उल्लेखनीय वृद्धि होती है। 
गौरतलब है कि श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू का जन्म 18 जून 1882 को बुखारेस्ट हुआ था। उन्होंने, 1907 में  बुखारेस्ट विश्वविद्यालय में दाखिला के बाद 1910 में भौतिक और रासायनिक विज्ञान में उन्होंने डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने बुखारेस्ट, प्लोएस्टी, इयासी और कैम्पुलुंग के उच्च विद्यालयों में पढ़ाया भी। 1919 में उन्होंने मैरी क्यूरी के साथ सोरबोन में मॉरेचिनानू ने रेडियोएक्टिविटी पर एक कोर्स किया। इनके सफर की शुरुआत यही से शुरू हुई। उसके बाद 1926 तक रेडियम संस्थान में  मैरी क्यूरी के साथ उन्होंने शोध किया।  श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू ने पोलोनियम के आधे जीवन पर भी शोध किया। 
बता दें, 1936 श्तेफ़ानिया मॉरेचिनानू  के काम को में रोमानिया की विज्ञान अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त हुआ था। जहां, उन्हें अनुसंधान निदेशक के रूप में सेवा देने के लिए चुना गया था।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-253, (वर्ष-05)
2. रविवार, जून 19, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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शुक्रवार, 17 जून 2022

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी, जानिए

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
घर में बना मक्खन ज्यादा पौष्टिक और स्वाद में अच्छा होता है। इसमें कोई प्रिजर्वेटिव नहीं होता।ये आसानी से बन जाता है और एक से दो हफ्तों तक इसे फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं। जानिए, सफेद मक्खन बनाने का आसान तरीका।

सामग्री...
3 कप मलाई
1 टेबल स्पून दही
1 कप आइस कोल्ड वाटर
4 से 5 आइस क्यूब्स

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी...

सफेद मक्खन बनाने के लिए आप रोजाना दूध से मलाई की लेयर को निकालकर रख सकते हैं। इसे एक कंटेनर में स्टोर करें।
जब आपके पास पर्याप्त मात्रा में मलाई इकट्ठा हो जाए, तब इसे मक्खन में कंवर्ट कर सकते हैं।
मलाई को जमा करते समय फ्रिज में एक बाउल में रखें। जब ये अच्छी मात्रा में इकट्ठा हो जाए, तो बाउल को फ्रिज से बाहर निकाल लें और इसे कमरे के तापमान पर आने दें।
इसमें 2 टेबल स्पून दही मिलाएं और 6 घंटों तक रेस्ट के लिए रख दें।
अब इस मिश्रण को एक बड़े बाउल में निकालें। इसमें 1 कप आइस कोल्ड वाटर और 4 से 5 आइस क्यूब्स मिलाएं।
इससे बटर को अच्छे तरीके से निकालने में मदद मिलेगी।
एक इलेक्ट्रिक हैंड ब्लेंडर लें और मिश्रण को ब्लेंड करें।
इसे थोड़ा रुक कर, तब तक ब्लेंड करते रहें, जब तक मिश्रण से छोटे-छोटे चंक न निकलने लगें।
धीरे-धीरे बटर की लेयर ऊपर आ जाएगी। बटर को बॉल की शेप दें। एक बॉउल में ठंडा पानी लें और इस बॉल को उसमें डाल दें।
इससे न सिर्फ बटर को एक सही शेप मिलेगी, बल्कि अगर कोई स्मेल भी होगी, तो वो चली जाएगी।
तैयार बटर को एयरटाइट कंटेनर में रखकर इसे फ्रिज में रखें। आपका ये होममेड बटर एक से दो हफ्तों तक चलेगा।

आयुर्वेद: चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए

आयुर्वेद: चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए

सरस्वती उपाध्याय  
आज के समय में स्वस्थ रहना हर किसी का मंत्र बन गया है। फिट रहने के लिए लोग जिम से लेकर डांस क्लासेस तक ज्वॉइन कर रहे हैं। साथ में अपनी डाइट का भी खूब ख्याल रख रहे हैं। पिछले कुछ समय में फिटनेस फ्रीक लोगों में चीनी की जगह गुड़ और शहद जैसे स्वस्थ विकल्पों को अपनाते देखा गया है। अब लोग अपने दिन की शुरुआत गुड़ वाली चाय से करना पसंद करते हैं।
खासतौर से सर्दी के दिनों में चाय में शक्कर की बजाय गुड़ डालना बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन आयुर्वेद की मानें, तो यह एक दोषपूर्ण संयोजन है। चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए।

चाय में शक्कर की बजाय गुड़ डालना क्‍यों है गलत ?

पाचन हो सकता है खराब...
प्राचीन चिकित्सा पद्धति कहती है कि खराब फूड कॉम्बिनेशन खराब अग्रि या खराब पाचन का कारण बन सकता है। कहने को गुड़ खाने के कई फायदे हैं। यह विटामिन, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन दूध के साथ मिलकर इसका कॉम्बिनेशन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। 
​गलत कॉम्‍बिनेशन बन सकता है अमा का कारण
आयुर्वेद के अनुसार, खाद्य पदार्थों का गलत संयोजन अमा का कारण बन सकता है। बता दें कि आयुर्वेद में हर भोजन का अपना खास गुण, शक्ति , स्वाद होता है। डॉ. राधामणि कहती हैं कि दूध गर्म और गुड़ ठंडा होता है। जब आप किसी गर्म भोजन को ठंडे के साथ मिलाते हैं, तो वीर्य के अंतर के कारण इसे असंगत कहा जाता है। 
​चाय में चीनी की जगह मिलाएं मिश्री
जो लोग अपनी चाय को मीठा करने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर की तलाश में हैं, उनके लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ मिश्री या रॉक शुगर का सेवन करने की सलाह देती हैं। क्योंकि मिश्री दूध की तरह ही ठंडी होती है, इससे वीर्य में कोई अंतर नहीं आता।
​बचें खराब फूड कॉम्बिनेशन से
अन्य फूड कॉम्बिनेशन , जो आयुर्वेद के अनुसार, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं वे हैं केला और दूध, मछली और दूध, दही और पनीर, घी और शहद। गलत फूड कॉम्बिनेशन ब्‍लोटिंग, त्वचा विकारों से लेकर ऑटोइम्यून बीमारियों तक कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

खाद्य मंत्री का बिगड़ा स्वास्थ्य, अस्पताल में भर्ती

खाद्य मंत्री का बिगड़ा स्वास्थ्य, अस्पताल में भर्ती 

दुष्यंत टीकम 
अबिंकापुर। खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां डॉक्टरों की सतत निगरानी में उपचार जारी है। गौरतलब है कि मंत्री श्री भगत गुरूवार शाम से ही अस्वस्थ्य महसूस कर रहे थे। रात को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसके बाद उपचार के लिए देर रात उन्हें मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी उनका उपचार चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री भगत सरगुजा जिले के दौरे पर हैं, यहाँ उन्होंने 16 जून को शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बच्चों का स्वागत कर उन्हें गणवेश वितरित भी किया था। कार्यक्रम से लौटने के बाद उन्हें कमज़ोरी और थकान महसूस हो रही थी।

14 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं, भारतीय जमा पूंजी

14 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं, भारतीय जमा पूंजी

सुनील श्रीवास्तव  
नई दिल्ली/बर्न। स्विटजरलैंड देश के बाहर पैसा जमा करने के लिए हमेशा से दुनिया के कुबेरों के लिए पसंदीदा रहे स्विट्जरलैंड के बैंकों में एक बार फिर भारतीय पैसों की बारिश हो रही है। स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक में भारतीय जमा पूंजी 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक ने सालाना रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि साल 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों का डिपॉजिट बढ़कर 3.83 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी 30,500 करोड़ रुपए से भी ज्यादा हो गया। एक साल पहले 2020 के अंत में महज 2.55 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी करीब 20,700 करोड़ रुपए था।इस तरह से पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा करीब 50 फीसदी बढ़ गया।
आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों के सेविंग और डिपॉजिट अकाउंट में जमा राशि करीब 4,800 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। यह सात साल का सबसे उच्च स्तर है। लगातार दो साल इसमें गिरावट आने के बाद 2021 में तेजी देखने को मिली है। भारतीय लोग और कंपनियां कई माध्यमों से स्विस बैंकों में पैसे जमा करते हैं, इनमें कस्टमर डिपॉजिट, बैंक, ट्रस्ट, सिक्योरिटी जैसे माध्यम प्रमुख हैं।

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...