बुधवार, 13 अप्रैल 2022

10वीं-12वीं के 'टर्म 2' परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड

10वीं-12वीं के 'टर्म 2' परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड  

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई (CBSE) की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं के टर्म 2 परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। सीबीएसई कक्षा 10 और 12 के प्रवेश पत्र स्कूलों द्वारा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in से ऑनलाइन डाउनलोड किए जा सकते हैं।
बता दें कि 10वीं की टर्म 2 परीक्षाएं 26 अप्रैल से 24 मई तक आयोजित की जाएंगी, जबकि सीबीएसई 12वीं की टर्म 2 परीक्षाएं 26 अप्रैल से 15 जून तक जारी रहेंगी। परीक्षाएं 2 घंटे की अवधि के लिए आयोजित की जाएंगी।
आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाएं।
स्होमपेज पर, ‘एडमिट कार्ड/सेंटर मटीरियल फॉर एग्जामिनेशन 2021-2022’ लिंक पर क्ल्कि करें।
लॉगिन करने के लिए अपना यूजर आईडी, पासवर्ड और सिक्‍योरिटी पिन दर्ज करें।
आपका सीबीएसई टर्म 2 एडमिट कार्ड स्क्रीन पर आ जाएगा। एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और इसका प्रिंट आउट ले लें।

बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री का बयान

बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री का बयान   

दुष्यंत टीकम            
बिलासपुर। बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिजली दरों में राज्य नियामक आयोग द्वारा की गई बढ़ोत्तरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे है। इसके अलावा भारत सरकार कोयला दे नहीं रही है। स्वभाविक है कि मंहगाई बढ़ेगी तो बिजली की दरों में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार दोषी है।
कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आने वाले समय प्रदेश में केमिकल फर्टिलाइजर का संकट होने की बात कही है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़ी है‌।
इस वजह से धान का रकबा बढ़ा है। बीजेपी के समय मे 52 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जाता था, जबकि कांग्रेस के शासन में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। ये बाते इशारा करती है कि खेती का रकबा बढ़ने से केमिकल फर्टिलाइजर की जरूरत होगी। ऐसे में आनेवाले समय मे केमिकल फर्टिलाइजर का संकट पैदा होगा।रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जब हम विकास करेंगे तभी प्रदेश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि बिलासपुर और सरगुजा संभाग के किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने के मकसद से कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर संभाग की सभी जमीनें फर्टिलाइजड जमीनें हैं। मुंगेली जिले में काली मिट्टी है, जो खेती के लिहाज से सबसे उत्पादक धरती है, वैसी उत्पादक धरती प्रदेश में कही नहीं है।

ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं गठबंधन सरकार

ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं गठबंधन सरकार 

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) गठबंधन सरकार गहराए बिजली संकट में ग्रामीण इलाकों में बिजली नहीं दें रहीं है। भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही यह संकट देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से तापमान में आए उछाल के चलते बिजली की खपत बढ़ी है। लेकिन सरकार बिजली का उत्पादन बढ़ाने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने आज यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण हिसार स्थित खेदड़ थर्मल प्लांट, पानीपत थर्मल प्लांट और झाड़ली के पावर प्लांट की तीन यूनिटें बंद पड़ी हैं।
इस समय प्रदेश में बिजली की मांग 7600 मेगावाट से भी अधिक पहुंच गई है जिसके मुकाबले आपूर्ति सिर्फ छह हजार मेगावाट ही हो रही है। गांवों में 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल हो रही है, जिससे ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। शहरों में दो से चार घंटे तक के बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई के बाद धान और नरमा-कपास की बिजाई के लिए बिजली की मांग बढ़ेगी। किसानों को फसल की बुआई के समय सरकार को बिजली का पहले से ही प्रबंध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय से पहले भीषण गर्मी पड़ने की वजह से अबकी बार प्रति एकड़ पांच क्विंटल गेहूं की पैदावार कम हुई है।
जिस कारण किसान को लगभग 10 हजार रुपए प्रति एकड़ का नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना सुनिश्चित करे। इसके अलावा खेतों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों के कारण शॉर्ट सर्किट होने से फसल में लगी आग से हुए नुकसान का सरकार मुआवजा दे। किसानों के जितने भी ट्यूबवैल के कनेक्शन लंबित पड़े हैं उनको तुरंत जारी करे और मोटर खरीदने की शर्तों को वापस ले, ताकि किसान अपनी मर्जी से मोटर खरीद सके।

अगस्त-सितंबर तक होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

अगस्त-सितंबर तक होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव   

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के तेवर बदल रहे हैं। संगठनात्मक चुनाव के लिए नई तकनीक का सहारा लिया। पार्टी सदस्यता अभियान के पारंपरिक तरीके को अब ऐप के माध्यम से ई-सदस्यता में बदल दिया गया है। अब उसी माध्यम से सदस्यों के बीच एक ऑनलाइन चुनाव आयोजित करने की योजना भी बनाई जा रही है। अगस्त-सितंबर तक अगले कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। उससे पहले चुनावी कॉलेजियम का गठन किया जाना है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ई-वोटिंग का सहारा लेने पर विचार कर रही है। इस कॉलेजियम में एआईसीसी और पीसीसी के मेंबर शामिल होंगे।
50 से अधिक सदस्य एआईसीसी सदस्य और पीसीसी प्रतिनिधि बनने के लिए चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। लगभग आठ से नौ हजार पार्टी पदाधिकारियों के द्वारा तीन लाख से अधिक नामांकनकर्ताओं के इस पात्रता मानदंड को पूरा करने की उम्मीद है।
यूपी को छोड़कर बाकी जगहों पर सदस्यता अभियान 15 अप्रैल को समाप्त होगा। कांग्रेस को इस बात की उम्मीद है कि छह करोड़ से अधिक पार्टी मेंबर हो जाएंगे।
इस अभियान की निगरानी मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व वाली केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण कर रहा है। प्रवीण चक्रवर्ती के नेतृत्व वाले एआईसीसी डेटा एनालिटिकल विभाग के समन्वय में प्रदेश रिटर्निंग ऑफिसर (पीआरओ) और पार्टी नामांकनकर्ताओं के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा है। यह भी पता चला है कि ई-सदस्यता के साथ-साथ पेपर प्रारूप में एकत्र की गई सदस्यता को हाल ही में डिजिटल स्वरूपों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है।
राहुल गांधी ने आंतरिक रूप से इस ई-ड्राइव को कांग्रेस संगठन का एक्स-रे के रूप में वर्णित किया है। आयोजकों का कहना है कि सत्यापित डिजिटल सदस्यता से फर्जी सदस्यता से छुटकारा मिलेगा। कांग्रेस सदस्यता अभियान और आगामी संगठनात्मक चुनाव इस बार पार्टी के परिवर्तन चाहने वालों की पार्टी अध्यक्ष पद और सीडब्ल्यूसी सहित निष्पक्ष संगठनात्मक चुनावों की मांग के कारण विशेष रुचि जगाते हैं।
आयोजकों का कहना है कि एक नए एंड्रॉइड “कांग्रेस सदस्यता ऐप” के माध्यम से यह ड्राइव, केवल स्वीकृत कांग्रेस पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। केवल स्वीकृत नामांकनकर्ता ही सदस्यता के लिए घर-घर जाते हैं। एक फुलप्रूफ, सत्यापित और सख्त डिजिटल सदस्यता कार्यक्रम “मिस्ड कॉल” पद्धति के माध्यम से सदस्यता स्वीकार नहीं करता है।

पिछले वर्षों की तुलना, गर्मियों की शुरुआत अधिक हुईं

पिछले वर्षों की तुलना, गर्मियों की शुरुआत अधिक हुईं    

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। इस साल शुरुआती और लंबे समय तक लू चलने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्षों की तुलना में गर्मियों की शुरुआत अधिक हुई है। अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से ऊपर बना हुआ है और दिल्ली में 29 मार्च से ही लू की स्थिति बनने लगी थी। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल महीने के शुरुआती 11 दिनों में से पांच दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी में हीट वेव चलती रही। इसकी तुलना में अप्रैल 2021 और 2020 में ऐसा कोई दिन नहीं था, जब इतनी गर्मी महसूस की गई हो। अप्रैल 2019 और 2018 में केवल एक ऐसा दिन दर्ज किया गया, जब हीट वेव का असर था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल अप्रैल की पहली छमाही में दर्ज किया गया उच्चतम अधिकतम तापमान पिछले 72 वर्षों में 1 से 15 अप्रैल का उच्चतम अधिकतम तापमान है। इस साल अब तक, सफदरजंग मौसम वेधशाला में 11 अप्रैल को सबसे अधिक अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री दर्ज किया गया था। यह 1951 से 2021 तक 1 से 15 अप्रैल के उच्चतम अधिकतम तापमान के पहले के रिकॉर्ड को पार कर गया। अप्रैल 2010 में 12 और 13 तारीख को 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि शहर में लगभग 50 दिनों में बारिश नहीं हुई है। सफदरजंग में मार्च के महीने में सामान्य वर्षा 15.9 मिमी होती है। इस बार मार्च में दिल्ली में बारिश नहीं हुई। अप्रैल के लिए सामान्य वर्षा 19.7 मिमी है और दिल्ली में इस महीने अभी तक बारिश नहीं हुई है। शहर में पिछली बार 25 फरवरी को बारिश हुई थी। उन्होंने बताया कि इस तरह एक लंबा सूखा स्पेल गर्मी की लहर का एक असामान्य पैटर्न है। यह एक लंबा समय था जो 8 से 11 अप्रैल तक चरम पर था।

आईएमडी वैज्ञानिक के साथी देवी ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के लिए वर्ष के इस समय वर्षा लाने वाला मुख्य मौसम सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ है। पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में वर्षा लाते हैं। देवी ने बताया कि अगर आपके पास बारिश देने वाली कोई सिस्टम नहीं है, आकाश साफ है तो निर्बाध सौर विकिरण तापमान को उच्च रखता है और हम हीट वेव महसूस करते हैं। मौसम विज्ञानी देवी के मुताबिक, पिछले साल एक के बाद एक कई पश्चिमी विक्षोभ आए, लेकिन इस साल पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि दुर्लभ और कमजोर है। अगर है भी, तो यह उत्तर की ओर बढ़ रहा है और उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित नहीं कर रहा है। जेनामनी ने बताया कि मार्च में ऐसे पांच सिस्टम थे, लेकिन वे हवाओं, नमी या बादलों के मामले में उत्तर पश्चिमी क्षेत्र को प्रभावित किए बिना हिमालय के उत्तर में चले गए और यह प्रवृत्ति जारी रही है।

एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए तैयार है और 13 और 14 अप्रैल को इस क्षेत्र में अलग-अलग वर्षा ला सकता है। पंजाब, उत्तर पश्चिमी राजस्थान और उत्तरी हरियाणा में भी अलग-अलग वर्षा होने की संभावना है, लेकिन दिल्ली के लिए बारिश का अनुमान नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पश्चिमी विक्षोभ भी कमजोर है, लेकिन बादल अस्थायी रूप से तापमान को नीचे लाने में मदद कर सकते हैं। दिल्ली में 13 से 15 अप्रैल को आसमान में बादल छाए रहने से हल्की राहत का मतलब है कि अधिकतम तापमान 39 डिग्री के आसपास गिर सकता है जबकि 16 अप्रैल से फिर तापमान बढ़ेगा।

निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि निर्धन का कल्याण, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और कोरोना महामारी के दौरान भी यह सरकार का संकल्प रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार हर मुसीबत में उनके साथ खड़ी है। 
प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट किया, “ गरीबों का कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कोरोना महामारी के दौर में भी हम इसे लेकर प्रतिबद्ध रहे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार हर मुसीबत में उनके साथ खड़ी है।

तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत जारी की

तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत जारी की   

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल की कीमत जारी कर दी है। सरकारी तेल कंपनियों ने लोगों को राहत दी है। तेल कंपनियों की तरफ से बुधवार को सातवे दिन भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है‌। अप्रैल महीने में ये सातवा दिन है, जब पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है‌। ऐसे में वाहन ईंधन  पेट्रोल-डीजल पर महंगाई की मार से परेशान लोगों को अब कीमतें स्थिर रहने से कुछ राहत मिली है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 118.07 रुपये जबकि डीजल 101.09 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं, इंदौर में पेट्रोल 118.26 रुपये और डीजल 101.29 रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा बालाघाट में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल बिक रहा है। बालाघाट में एक लीटर डीजल 103.32 रुपये और पेट्रोल 120.48 रुपये प्रति लीटर है। भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 120.51 रुपये लीटर और डीजल 104.77 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। मुंबई के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल का भाव 120 रुपये प्रति लीटर के पार है।
पेट्रोलियम विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) ने हर रोज की तरह आज (बुधवार), 13 अप्रैल 2022 की सुबह 6 बजे अपडेट लेटेस्ट रेट के मुताबिक पेट्रोल पेट्रोल और डीजल  के दाम स्थिर हैं‌। बता दें कि अप्रैल महीने में लगातार सातवें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे पहले पिछले बुधवार (6 अप्रैल) को पेट्रोल-डीजल दोनों ही ईंधन के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया था। हालांकि, 22 मार्च से अभी तक पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जा चुकी है।
पेट्रोल-डीजल  के भाव रोजाना बदलते हैं और सुबह 6 बजे अपडेट हो जाते हैं। पेट्रोल-डीजल का रोज़ का रेट आप SMS के जरिए भी जान सकते हैं। 9224992249 नंबर पर और बीपीसीएल (BPCL) के ग्राहक RSP लिख कर 9223112222 नंबर पर भेज जानकारी हासिल कर सकते हैं। वहीं, एचपीसीएल (HPCL) के ग्राहक HPPrice लिख कर 9222201122 नंबर पर भेजकर भाव पता कर सकते हैं।

सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश 

अकांशु उपाध्याय/ पंकज कपूर     

नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के हरिद्वार में हेट स्पीच मामलें में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 अप्रैल तक का समय दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले में चार केस दर्ज किए जा चुके हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस एएस ओका की बेंच को बताया कि 17 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह का कार्यक्रम होना है। सिब्बल ने कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। उधर, शीर्ष अदालत ने कहा कि आवेदक राज्य में संबंधित अधिकारियों को घटना के बारे में सूचना देने के लिए स्वतंत्र है। सिब्बल ने अदालत को बताया था कि अलीगढ़ में एक धर्म संसद होनी है। अदालत ने इस पर कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की घटनाओं के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया था। याचिका में हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित दो कार्यक्रमों के दौरान कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
पत्रकार कुरबान अली, पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज और वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर एसआईटी को स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच का निर्देश देने की मांग की थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान उत्तराखंड की ओर से पेश वकील ने मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा, ‘आज वापसी की तारीख है। हम राज्य के लिए हैं। हम जवाबी दाखिल करने के लिए कुछ समय मांग रहे हैं।’ उन्होंने अदालत को बताया, ‘हमने मामले में चार एफआईआर दर्ज की है, जिनें से तीन मामलों में चार्जशीट फाइल कर दी है। इस मामले में जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उत्तराखंड के वकील को 22 अप्रैल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है कि हरिद्वार में बीते साल दिसंबर धर्म संसद का आयोजन हुआ था। इसमें हेट स्पीच के वीडियो काफी वायरल हुए थे। हरिद्वार पुलिस ने इस मामले में कुछ आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।

विधानसभा सचिव सलमान ने पार्टी से इस्तीफा दिया

विधानसभा सचिव सलमान ने पार्टी से इस्तीफा दिया   

हरिओम उपाध्याय          
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के लम्भुआ सुल्तानपुर विधानसभा सचिव सलमान जावेद राईन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैै। उन्होंने आजम खान के समर्थन में यह इस्तीफा दिया है। सलमान जावेद राईन ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर मुसलमानों के हक में न बोलने का आरोप लगाया हैै। उन्होंने कहा कि सपा नेताओं पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश यादव चुप है। आजम खान, नाहिद हसन और शहजील इस्लाम पर कार्रवाई हो रही है। इसके बाद भी सपा चुप है।सलमान जावेद ने यह इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है। इस्तीफे में अखिलेश यादव पर कई आरोप लगाए गए हैं। जावेद राईन ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मुसलमानों के साथ लगातार जुल्म हो रहे हैंं।
 इसके खिलाफ प्रदेश से लेकर जिले तक सता की मलाई खाने वाले समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी और नेता आवाज नहीं उठा रहे। आजम खां के पूरे परिवार को जेल में डाल दिया गया और नाहिद हसन को भी जेल भेजा गया। यहां तक शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिरवा दिया गया, लेकिन अखिलेश यादव खामोश रहें. जो कायर नेता अपने विधायकों को लिए आवाज नहीं उठा सकता वह कार्यकर्ताओं के लिए क्या आवाज उठाएगा। इस इस्तीफे के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद कई अन्य इस्तीफे भी सामने आ सकते हैंं। कुछ जानकार इसे बगावत की शुरूआत भी बता रहे हैं‌। उनका कहना है कि बीते दिनों जिस तरह से मुस्लिम नेताओं की सपा से नाराजगी सामने आई उसके बाद कई बड़े नेता भी पार्टी से किनारा कर सकते हैंं।

फर्जी शिक्षक को 5 साल का सश्रम कारावास, जुर्माना

फर्जी शिक्षक को 5 साल का सश्रम कारावास, जुर्माना


दुष्यंत टीकम        

धमतरी। धमतरी जिले में एक फर्जी शिक्षाकर्मी की काली करतूत सामने आई है। खेल व अनुभव प्रमाण पत्र में गड़बड़ी के दोषी शिक्षक चंद्रकांत साहू को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पांच साल का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा।

वर्ष 2007 में धमतरी जिले के जनपद पंचायत मगरलोड में शिक्षाकर्मियों की भर्ती हुई थी। जनपद से जारी चयन सूची में ग्राम किरवई, थाना राजिम, जिला रायपुर निवासी चंद्रकांत साहू की नियुक्ति शासकीय प्राथमिक शाला परसट्टी में हुई। उन्होंने भर्ती के समय जो खेल व अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। वह फर्जी था। थाना मगरलोड में इसकी शिकायत कृष्ण कुमार साहू ने की थी। शिकायत पर जांच के बादआरोपित शिक्षक चंद्रकांत साहू के खिलाफ मगरलोड थाना में मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी केएल चरयाणी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद शिक्षक साहू को दोषी मानते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

पीएचडी: मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने आवेदन आमंत्रित कियें

पीएचडी: मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने आवेदन आमंत्रित कियें 

संदीप मिश्र       
अलीगढ़।‌‌ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा सत्र 2021-22 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये है। बिना बिलम्ब शुल्क के आवेदन करने की आखिरी तिथि 07 मई 2022 है। वहीं 300/- बिलम्ब शुल्क सहित आवेदन करने की आखिरी तिथि 14 मई 2022 राखी गयी है। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है की ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एएमयू की आधिकारिक वेबसाइट http://www.amucontrollerexams.com पर जा कर पीएचडी एडमिशन सम्बंधि अधिक जानकारी प्राप्त करें।
बिना बिलम्ब शुल्क के अभ्यर्थी 13 अप्रैल से 07 मई 2022 तक आवेदन कर सकते है। वहीं विलम्ब शुल्क 300/- रु के साथ अभ्यर्थी 8 मई से 14 मई तक आवेदन कर सकते है।
एएमयू पीएचडी प्रवेश 2022 के लिए आवेदन करने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से अनुसंधान के प्रस्तावित क्षेत्र में मास्टर डिग्री या समकक्ष आवश्यक है। उपरोक्त योग्यता कम से कम 55% कुल अंकों (आरक्षित श्रेणियों के लिए 50%) के साथ उत्तीर्ण होनी चाहिए।
पीएचडी में उम्मीदवारों का चयन कार्यक्रम एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बनाया जाएगा जिसमें (1) एक लिखित परीक्षा और (2) एक प्रस्तुति-सह-साक्षात्कार (उन लोगों के लिए जो लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं और प्रस्तुति-सह-साक्षात्कार के लिए शॉर्ट-लिस्टेड हैं।
यूजीसी / सीएसआईआर / डीबीटी / आईसीएमआर / आईसीएआर / आईआईटी द्वारा आयोजित परीक्षा या किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसी द्वारा पिछले तीन वर्षों के भीतर आयोजित किसी अन्य परीक्षा के माध्यम से नेट / जेआरएफ या गेट (केवल विज्ञान स्ट्रीम के लिए) उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को माना जाएग। लिखित परीक्षा में उपस्थित हुए बिना आवश्यक न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हैं। हालांकि, ऐसे उम्मीदवारों के पास सुधार करने के लिए लिखित परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा, ऐसे में लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों में से अधिक अंक या लिखित परीक्षा में शामिल हुए बिना न्यूनतम 50% अंकों की गणना की जाएगी।

अप्रैल में मारुति की 3 कारों पर बंपर डिस्काउंट

अप्रैल में मारुति की 3 कारों पर बंपर डिस्काउंट    

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की 3 कारों पर अप्रैल में बंपर डिस्काउंट मिल रहा है। इसमें Ignis, Ciaz और S-Cross शामिल हैं। जानें किस कार पर आप कितने रुपये बचा सकते हैं।
Ignis पर बचेंगे 33,000 तक।
मारुति सुजुकी की नेक्सा डीलरशिप पर मिलने वाली गाड़ियों पर अप्रैल में भारी डिस्काउंट मिल रहा है। इसमें Maruti Ignis पर ग्राहक 33,000 रुपये तक बचा सकते हैं। मैनुअल ट्रांसमिशन वाले मॉडल पर 20,000 रुपये का कैश डिस्काउंट मिलेगा। इसके अलावा Ignis के सभी मॉडल पर 10,000 रुपये का एक्सचेंज बोनस और 3,000 रुपये का कॉरपोरेट डिस्काउंट मिल रहा है।
Maruti Ignis के ऑटोमेटिक वर्जन पर कंपनी की ओर से कोई कैश डिस्काउंट नहीं मिल रहा है। ऐसे में एक्सचेंज बोनस और कॉरपोरेट डिस्काउंट के तौर पर इस गाड़ी को खरीदने पर अप्रैल में 13,000 रुपये की बचत होगी।
मारुति की सेडान गाड़ी Maruti Ciaz पर कैश डिस्काउंट तो नहीं है, लेकिन कंपनी इस पर 25,000 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस दे रही है। वहीं 5,000 रुपये का कॉरपोरेट डिस्काउंट भी मिल रहा है।
कंपनी Maruti S-Cross के Zeta ट्रिम पर भी अप्रैल में भारी डिस्काउंट दे रही है। इस पर 17,000 रुपये तक का कैश डिस्काउंट मिल रहा है। जबकि 25,000 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस और 5,000 रुपये का कॉरपोरेट डिस्काउंट भी इस पर मिल रहा है।
S-Cross के Zeta ट्रिम के अलावा बाकी मॉडल पर अप्रैल में 12,000 रुपये तक का कैश डिस्काउंट मिलेगा। साथ ही एक्सचेंज बोनस और कॉरपोरेट डिस्काउंट भी मिल रहा है।

सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं

सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं  संदीप मिश्र  गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शनिवार सुबह गोरखनाथ...