शनिवार, 12 मार्च 2022
7,700 से अधिक बार शेयर, पायलट का वीडियो
भाजपा ने चुनाव जीतने के बाद ब्याज में कटौती की
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर 8.1 फीसदी की
ब्याज दर में कटौती का फैसला गुवाहाटी में ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की दो दिवसीय बैठक में लिया गया है। ईपीएफओ के फैसले से करीब 7 करोड़ ईपीएफ अंशधारकों को नुकसान उठाना पड़ेगा। मौजूदा बाजार की स्थिति और रूस-यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए यह माना जा रहा था कि इंट्रेस्ट रेट में कटौती की जा सकती है, पर इतनी बड़ी कटौती की उम्मीद नहीं थी। बता दें कि पिछले दो सालों से ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में इसें 40 बेसिस प्वाइंट्स से घटा दिया गया है।
39 वर्षीय शख्स को रेप-ट्रिपल मर्डर केस में उम्रकैद
कांग्रेसी नेता अधीर ने सीएम ममता को पागल बताया
अभिनेत्री श्वेता ने मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की
अभिनेत्री श्वेता ने मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की
कविता गर्ग
मुंबई। टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस श्वेता तिवारी हमेशा की तरह इस बार भी फैन्स का दिल जीतती नजर आईं। जबसे एक्ट्रेस ने वेट लूज किया है। सोशल मीडिया पर इनकी केवल तारीफ ही हो रही है। टोन्ड बॉडी और फिटनेस के जरिए श्वेता तिवारी हर किसी को अपने लुक्स से 'घायल' कर रही हैं। एक बार फिर श्वेता तिवारी ने लोगों को अपना दीवाना बना लिया है। दरअसल, श्वेता तिवारी ने खुद की एक फोटो शेयर की है। जिसमें वह ब्लैक लेदर स्कर्ट, फिटेड हॉल्टर टॉप और हाई हील्स पहने दिखीं।
इस फोटो में इनकी फिटनेस काबिले-तारीफ नजर आई। इस फोटो को देखकर फैन्स इनके एक बार फिर दीवाने हो गए हैं। बेटी पलक तिवारी को भी इनका अंदाज काफी पसंद आया है। मां को 'क्वीन' बताकर पलक ने कॉमेंट किया है। ऐश्ली रेबेलो ने क्लिक की हुई है। न्यूड मेकअप, ब्लू आई शैडो के साथ चंकी नेक एक्सेसरीज पहनी हुई है। हाथ में ब्रेस्लेट और एक हाथ में गोल्ड की रिंग पहनी है। थाई हाई स्लिट में श्वेता वाकई में बेहद खूबसूरत और फिट नजर आ रही हैं। कानों में हूप्स पहने हैं और बालों को खुला रखा है। होटल की लॉबी में श्वेता तिवारी पोज देती नजर आ रही हैं। फैन्स श्वेता तिवारी की फोटो पर लगातार कॉमेंट्स कर रहे हैं। एक फैन ने लिखा, "फिटनेस हो तो ऐसी। वहीं, एक और फैन ने लिखा, "आप एक रॉकस्टार हो। हमेशा ऐसी ही रहना।
सोशल मीडिया पर 'पिंक टी' का वीडियो वायरल हुआ
सोशल मीडिया पर 'पिंक टी' का वीडियो वायरल हुआ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में चाय पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक भारत में बनाने के तरीके और टेस्ट भी भले ही कुछ अंतर आ जाता हो, लेकिन चाय पूरे देश में खूब शौक से पी जाती है, लेकिन हाल ही सोशल मीडिया पर 'पिंक टी' का वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इस वीडियो को 1 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
दरअसल पिंक टी के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक स्ट्रीट वेंडर पिंक कलर की खास चाय बनाता है। लोग इस पिंक टी को पीने के लिए बेताब हो रहे हैं। पिंक टी के इस वीडियो को अब तक 11 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं और 4 लाख से ज्यादा लोग इसे लाइक कर चुके हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि दुकानदार सबसे पहले एक कप में फैन तोड़कर डालता है। बाद में घर का बना सफेद मक्खन का एक टुकड़ा डालें।
विश्वविद्यालयों में 'पीएचडी' की डिग्री अनिवार्य नहीं
विश्वविद्यालयों में 'पीएचडी' की डिग्री अनिवार्य नहीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का ख्वाब देख रहे युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) ने पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने का फैसला किया है। यूजीसी के इस फैसले से संबंधित विषय के विशेषज्ञ यूनिवर्सिटी में पढ़ा सकेंगे। स्टूडेंट्स को भी इसका फायदा मिलेगा।
एमपी: लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसलीं एयर फ्लाइट
एआईसीसी कार्यालय में होगी 'सीडब्ल्यूसी' की बैठक
ब्राह्मणों को एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी
ब्राह्मणों को एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी
संदीप मिश्र
शाहजहांपुर। विधानसभा चुनाव में इस बार सर्वाधिक केंद्र बिंदु में ब्राह्मण ही रहे। चुनाव के दौरान यह भी खूब प्रचारित किया गया कि ब्राह्मण भाजपा से नाराज हैं। हालांकि मुख्यमंत्री समेत तमाम वरिष्ठ नेता इस बात को नकारते ही रहे, इसके बावजूद ब्राह्मणों को साधने की कवायद भी चलती रही। इसी कवायद के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद को बतौर ब्राह्मण चेहरा भाजपा में शामिल किया गया और उन्हें ब्राह्मणों को समझाने और एकजुट करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।
इस जिम्मेदारी को जितिन प्रसाद बहुत ही खामोशी से निभाकर एक तरफ हट गए। शहर सीट से भाजपा के दिग्गज नेता सुरेश कुमार खन्ना की नौवीं जीत काफी हद तक जितिन प्रसाद की ही देन है। यदि ब्राह्मण वोट नहीं साधा गया होता, तो इस बार खन्ना की हवाइयां उड़ चुकी होतीं। वैसे भी जीत के बाद से ही रोजा मंडी मतगणना स्थल पर सभी भाजपाई एक ही बात कहते घूम रहे थे कि इस बार गोली कनपटी से निकल गई। वहीं, भाजपा से निकाले जाने के बाद सपा का दामन थामने वाले जितिन के चचेरे भाई जयेश प्रसाद ने भी विप्रों को साधने के लिए कई मीटिंगें की, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी।
जितिन प्रसाद वाला कमाल जलालाबाद में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायक शरदवीर सिंह ने किया, जिस कारण इस विधानसभा में भाजपा खाता खोलने में कामयाब हो सकी। वैसे देखा जाए तो राजनीति का खेल बाकई बहुत घिनौना है। अब देखिए कि अंतिम नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा से जयेश प्रसाद की पत्नी नीलिमा प्रसाद चुनाव मैदान में थीं और सपा से पार्टी जिलाध्यक्ष और तत्कालीन निवर्तमान चेयरमैन तनवीर खां की वालिदा जहांआरा उम्मीदवार थीं।
इस चुनाव में जयेश प्रसाद समेत पूरा भाजपाई अमला तनवीर खां का बर्चस्व तोड़ने में लगा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली और जीत जहांआरा की ही हुई, इससे पहले तनवीर खां ही चेयरमैन बनते आए थे। विधानसभा चुनाव में वही जयेश प्रसाद तनवीर के पक्ष में ब्राह्मणों यानि विप्रवरों को एकजुट करने में जुटे थे। अगर जयेश प्रसाद के प्रयास सफल हो जाते तो भी सुरेश खन्ना की पराजय पक्की थी और अपने वर्ग के सहारे खन्ना को घेरने वाले तनवीर खां के मंसूबे पूरे हो जाते, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
वहीं, जितिन प्रसाद इस मामले में बाजी मार ले गए और पूरे अंक बटोर कर चुपचाप किनारे हट गए। विप्र समाज जितिन के पीछे-पीछे ही था। लोगों की माने तो खन्ना की जीत में जितिन प्रसाद का बड़ा हाथ है। वहीं, चुनाव में खन्ना ने जिस तरह से ककरांकला को विकास का केंद्र बनाया और उसे तब न्यू सिटी घोषित किया, जब ककराकलां की हालत ऐसी थी कि वहां लोग जाना तक पसंद नहीं करते थे।
क्षेत्र में जबरदस्त विकास कराने के बाद खन्ना इस मुगालते में आ गए कि इस बार वहां के लोग उन्हें जरूर वोट देंगे, लेकिन बताया जाता है कि ककराकलां से खन्ना को जो वोट मिले वह दहाई के आंकड़े वाले भी नहीं थे। कमोवेश यही हाल मोहल्ला किला का भी रहा। यहां खन्ना की मीटिंगें कराकर उन्हें न सिर्फ सम्मानित किया गया, बल्कि भरोसा भी दिया गया कि इस बार वोट उन्हें ही दिया जाएगा, लेकिन यहां भी इसका उल्टा ही हुआ।
इसी तरह विधानसभा जलालाबाद में भाजपा जिलाध्यक्ष हरि प्रकाश वर्मा की जीत में सपा विधायक शरदवीर सिंह का बड़ा हाथ रहा, जो चुनाव से ठीक पहले टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और उन्होंने भाजपा को जिताने तथा सपा प्रत्याशी नीरज कुशवाहा को हराने का संकल्प ले लिया था। इसके बाद वह हरि प्रकाश वर्मा के साथ क्षेत्र के ठाकुरों और ब्राह्मणों को एकजुट करने में कामयाब रहे। मतगणना में नीरज कुशवाहा और हरि प्रकाश वर्मा में कांटे की टक्कर दिखाई दी। अंत में भले ही जीत हरि प्रकाश वर्मा के हिस्से आई हो, लेकिन इस जीत में शरदवीर सिंह का भी योगदान है।
यूके-बिहार: गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार
यूके-बिहार: गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार
पंकज कपूर
पटना/देहरादून। बिहार और उत्तराखंड राज्यों में गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है और अब जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) में कमी आने के साथ यहां इसका पानी नहाने योग्य है। इससे स्पष्ट है कि नदी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है। बीओडी पानी की गुणवत्ता तय करने का अहम मानक है।
इसका अभिप्राय जैविक जंतुओं द्वारा ऑक्सीजन के उपभोग से है। निम्न मूल्य होने का अभिप्राय पानी की बेहतर गुणवत्ता से है। आंकड़ों के मुताबिक गंगा का पानी नहाने के मानक के अनुकूल मिला जो अन्य तथ्यों के साथ प्रति लीटर पानी में तीन मिलीग्राम बीओडी की मांग होने पर होता है। ‘पीटीआई-भाषा’ से साझा किए गए आंकड़ों में गंगाजल की वर्ष 2015 और 2021 की तुलना की गई है। जिसके मुताबिक उत्तराखंड (हरिद्वार से सुल्तानपुर तक) और बिहार (बक्सर से भागलपुर तक)के हिस्से में गंगाजल में बीओडी का स्तर तीन मिलीग्राम प्रति लीटर रहा जो अप्रदूषित की श्रेणी में आता है। स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय मिशन (एनएमाीजी) के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने बताया कि गंगा नदी के दो अन्य मार्गों जो उत्तर प्रदेश के कन्नौज से वाराणसी के बीच और पश्चिम बंगाल में त्रिवेणी से डायमंड हार्बर के बीच प्रदूषण का स्तर श्रेणी पांच में रहा जो न्यूनतम है। इस श्रेणी में बीओडी का स्तर प्रति लीटर तीन से छह मिलीग्राम होता है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 के मुकाबले 2021 में जल गुणवत्ता में सुधार आया है क्योंकि बिहार में बीओडी का स्तर 7.8 से 27 मिलीग्राम प्रति लीटर (दूसरी श्रेणी) था जबकि उत्तर प्रदेश में यह तीसरी श्रेणी यानी 3.8 से 16.9 मिलीग्राम प्रति लीटर बीओडी थी। हालांकि, वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल से गुजरने वाली गंगा के हिस्से के बीओडी में बहुत सुधार नहीं हुआ और मामूली सुधार के साथ त्रिवेणी से डायमंड हार्बर तक यह पांचवी श्रेणी में बनी रही। यह 3.1 से 5.8 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 1.3 से 4.3 मिलीग्राम प्रति लीटर पर आ गई। उल्लेखनीय है कि बीओडी छह मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक होने पर पानी को प्रदूषित माना जाता है और उपचारात्मक कार्रवाई की जरूरत होती है।
सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं
सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं संदीप मिश्र गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शनिवार सुबह गोरखनाथ...
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