विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी प्रारंभ
संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर चुकी भारतीय जनता पार्टी अब दोनों डिप्टी सीएम को भी चुनाव मैदान में उतारने के लिए जा रही है। पार्टी के भीतर बन रही सहमति के बाद दोनों डिप्टी सीएम के लिए सीटों का निर्धारण भी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ एक बार फिर से उतरने के लिए जा रही भारतीय जनता पार्टी की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब राज्य के भीतर दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को भी विधानसभा चुनाव में उतारने पर सहमति बनती दिख रही है। बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी जनपद की सिराथू विधानसभा सीट से टिकट देते हुए मैदान में उतारा जा सकता है। यह उनकी पारंपरिक सीट भी रही है। केशव प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी के भीतर बड़े पिछड़ा वर्ग के नेताओं के तौर पर जाने जाते हैं। उधर कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य एवं धर्म सिंह सैनी समेत कई अन्य ओबीसी नेताओं के भाजपा छोड़कर चले जाने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की अहमियत भाजपा के भीतर और भी अधिक बढ़ गई है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव मैदान में उतारकर भारतीय जनता पार्टी ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिशों में जुट गई है। उल्लेखनीय है कि सिराथू विधानसभा सीट पर पांचवें चरण के अंतर्गत चुनाव होना है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा दूसरे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को लखनऊ की 3 में से किसी एक विधानसभा सीट से उतारने की भाजपा की ओर से तैयारियां की जा रही है। मिल रही जानकारी के मुताबिक एक तरफ भाजपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या सीट से उतारकर हिंदुत्व के एजेंडे को धार देना चाहती है। इसके अलावा दिनेश शर्मा को ब्राह्मण चेहरे एवं केशव प्रसाद मौर्य को ओबीसी चेहरे के तौर पर चुनाव मैदान में प्रस्तुत करने की तैयारी है। पूरी आक्रामकता के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एवं दिनेश शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
'भाजपा' रटाने वाला अध्यापक लगा लें: अखिलेश
संदीप मिश्र
लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आप कोई रटने वाला अध्यापक लगा लो, जो आपको रटाये। क्योंकि साढे़ चार में आप बिजली के कारखाने का नाम नहीं रट पाये। उन्होंने कहा कि यह गरीबों की जेब काटकर के अमीरों की तिजोरी भरने का जो काम कर रहा है वह भाजपा के लोग हैं। उन्होंने कहा, कि यह सेमीफाइनल चुनाव नहीं है, यह फाइनल चुनाव है। इस बार बीजेपी वाले तो ऐसा हिट विकेट हुए कि हमारे तमाम नेताओं की स्ट्रेटजी नहीं समझ पाये। उन्होंने कहा कि अब साईकिल का हैंडल भी ठीक है और दोनों पहिएं भी ठीक हैं।
अखिलेश यादव ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जो खबर को देख रहे होंगे कि लगातार उधर विकेट गिर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे बाबा मुख्यमंत्री क्रिकेट खेलना नहीं जानते। अगर वह क्रिकेट भी खेलना जानते होंगे तो अब तो उनसे कैच छूट गया। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि जिधर वह चले जाते हैं सरकार उनकी आ जाती है। उन्होंने कहा कि वह अकेले नहीं चले हैं वह पहले की तरह काफी संख्या में आये हैं। वह लोग गिनते गिन रहे थे कि 80 कभी 20, कहते थे कि तीन-चौथाई सीटें जीतकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने कुछ दिन पहले कहा था कि मुख्यमंत्री आप कोई रटने वाला अध्यापक लगा लो, जो आपको रटाये क्योंकि साढे़ चार में आप बिजली के कारखाने का नाम नहीं रट पाये। उन्होंने कहा कि अब मुझे लगता है कि रटने के साथ-साथ उन्हें गणित का भी अध्यापक रखना पडेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह जो 80 और 20 की बात कर रहे हैं, 80 लोग प्रतिशत समाजवादी पार्टी यानि गठबंधन के साथ खडे हो गये थे। उन्होंने कहा कि जिसने मंच को देखा होगा और स्वामी प्रसाद मौर्या जी बात सुनी होगी तो वह 20 प्रतिशत भी उनके खिलाफ हो गये होंगे। उन्होंने कहा कि अब भाजपा का सफाया होना तय है। अब कोई रोक नहीं सकता और जो लोग तीन-चौथाई की बात कर रहे थे। सच्चाई यह है कि तीन या चार सीट की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज बहुत ही शुभ दिन है नये साल के बाद यह त्यौहार ऐसा है बडे ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है और हमें लगता है कि सरकर के लोगों को पहले ही पता चल गया था कि स्वामी प्रसाद मौर्या, धर्म सिंह सैनी के साथ भारी संख्या में लोग आ रहे होंगे। पहले ही हमारे मुख्यमंत्री गोरखपुर चले गये हालांकि पहले ही उनकी टिकट बुक कर रखी है। वो 11 तारीख की टिकट थी लेकिन वह आप लोगों के आ जाने से आज ही वह गोरखपुर चले गये और जरूरी है इन्हें वापस भेजना। इसलिये जरूरी है इन्हें वापस भेजना कि अगर पीछे मुडकर देखें तो उन्होंने यूपी का बर्बाद कर दिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज भाजपा के पास कोई ठोस उपलब्धि नहीं है यह वही भाजपा के लोग है कि जिन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया था कि सरकार आ जायेगी तो किसानों की आय दोगुना हो जायेगी और किसी फसल को सरकार ने खरीदा नहीं, जिस समय किसान को खाद्य की जरूरत थी तो सरकार उन्हें खाद्य नहीं दे पाई। अगर हमारे किसान को खाद्य मिल भी गई तो उसमे जब उन्होंने देखा होगा तो उसमें से 5 किलो खाद्य चोरी हो गई।
अखिलेश यादव ने कहा कि कहा कि यह भाजपा के वो लोग है, जिन्होंने पेट्रोल और डीजल महंगा कर दिया। आज पेट्रोल सौ के पार हैं और जिस कम्पनी का पेट्रोल-डीजल है, इनके गलत फैसलों की वजह से कम्पनी 600 प्रतिशत मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गरीबों की जेब काटकर के अमीरों की तिजोरी भरने का जो काम कर रहा है वह भाजपा के लोग हैं। उन्होंने कहा कि जहां कई मौके हम लोगों ने देखें हैं बहुत-सी बातें अभी कही जा चुकी है लेकिन यह हम कह सकते हैं जो गिनती हम लोगों बताई थी। मंच पर बैठें हुए लोग और यहां पर आये हुए हमारे साथी, जो लोग समाजवादी रास्ते और अंबेडकरवादी लोग हैं। यह दोनों लोग मिलकर के आक्रोश का साथ ले लेंगे तो हो सकता है कि 400 सीटें भी गठबंधन जीत जाये। उन्होंने कहा कि जनता बदलाव के लिये बैठी हुई है, जनता परिवर्तन चाहती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि नौजवान यहां पर अपना हक और सम्मान मांगने आये थे लेकिन उन्हें लाठी मारकर अपमानित किया गया और जाने कितने लोगों को डराया गया। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जी हमारे साथ आये तो पता चला कि पता नहीं किस जमाने का वारंट इशु कर दिया और दूसरे हमारे गठबंधन के अपना दल का जब से उनका साथ मिला है लगातार उनकी जांच कर उन्हें परेशान किया जा रहा है और कौंन भूल जायेगा डिजिटल इंडिया की गडबडी। छापा मारना था कहीं और छापा मार लिया आपने यहां। उन्होंने कहा कि चुनाव आ गया है, इसी दिन का हम लोग चुनाव का इंतेजार कर रहे थे। अब साईकिल का हैंडल भी ठीक है और दोनों पहिए भी ठीक है और इसको पैदल चलाने के लिये कितने नौजवान साथी दिखाई दे रहे हैं। अब कोई नहीं रोक सकता, इस रफ्तार को। जब समाजवादी और अंबेडकरवादी साथ आ गये।
अखिलेश यादव ने कहा कि कई मौका पर गुमराह किया गया, कई मौकों पर नफरत फैलाई गई। उन्होंने कि यह सेमीफाइनल चुनाव नहीं है यह फाइनल चुनाव है। अगर बच्चा कमजोर हो पढ़ाई में तो पूरे परिवार के लोग लग जाते हैं उसे पढ़ाने और रटाने में और कभी-कभी परिवार के लोग परीक्षा में भी सहयोग के लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के जो बाबा मुख्यमंत्री हैं वह फैल हो चुके हैं, कितने भी दिल्ली वाले आये। अब यह पास होने वाले नहीं हैं क्योंकि जनता ने मन बना लिया है कि इनका सूपडा साफ होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार बीजेपी वाले तो ऐसा हिट विकेट हुए कि हमारे तमाम नेताओं की स्ट्रेटजी नहीं समझ पाये। अगर स्ट्रेटजी समझ जाते तो पता नहीं किस डैमेज कंट्रोल में लग जाते। उन्होंने कहा कि हमें खुशी इस बात की है कि इस बार पत्रकार साथियों को भी नहीं पता चला लेकिन यह पत्रकार साथी हमारे साथ आ चुके हैं। अब कोई खिलाफ नहीं है अब सब अपने साथ हैं और ना हम लोग हटाना चाहते हैं यह लोग भी हटाना चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि यह लोग जब अपने गांव व घर जायेंगे तो साईकिल को नहीं भूलेंगे और साईकिल को बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा नहीं था कि चुनाव ऐसा भी होगा, जो वर्चुअल नाम आ गया। डिजिटल प्लेटफॉर्म से हम अपनी बात कहेंगे। यह सही है कि वर्चुअल और डिजिटल में भी जानते हैं लेकिन जो ताकत हमारे कार्यकर्ताओं में फिजिकल है, उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह वर्चुअल और डिजिटल चलेंगे तो हम समाजवादी लोग वर्चुअल और डिजिटल के साथ-साथ फिजिकल भी चलेंगे और घर-घर गांव-गांव जायेंगे। मकर राशि में सूर्य का प्रवेश, 'संक्रांति' पर्व मनाया
पंकज कपूर हरिद्वार। उत्तराखंड मकर संक्रांति पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर शुुुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है। इसी के साथ शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे। इस दिन गंगा में स्नान और दान पुण्य करना उत्तम माना जाता है। मकर संक्रांति पर इस बार रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है। इस वजह से यह मकर संक्रांति खास होगी। मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में पवित्र डुबकी लगाने वाले भक्तों पर लगा प्रतिबंध
वहीं, मकर संक्रांति पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले पवित्र स्नान पर रोक लगने के कारण हर की पौड़ी क्षेत्र को सील कर दिया गया है। इसलिए इस बार मकर संक्रांति स्नान पर्व पर यहां सन्नाटा छाया हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दी है। हर की पौड़ी क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पूरे हर की पौड़ी क्षेत्र को सील कर दिया गया है। एक भी श्रद्धालु हर की पौड़ी क्षेत्र पर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा नजारा आपने भी पहले कभी नहीं देखा होगा।
उत्तराखंड के टिकट को लेकर मंथन, घोषणा जारी
पंकज कपूर हल्द्वानी। हल्द्वानी में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के टिकट के बंटवारे और आपसी गुटबाजी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और उत्तराखंड के टिकट को लेकर मंथन चल रहा है। जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी।
वहीं, गुटबाजी को लेकर धामी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार की गुटबाजी नहीं है। पार्टी से जो नाराज होता है, वह खुद ही वापस आ जाता है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, वह केवल बातें बनाना जानते हैं और लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा एक बार फिर राज्य में अपनी सरकार बनाएगी। क्योंकि भाजपा के कार्यों को जनता भली-भांति जानती है।
'मकर संक्रांति' पर मांं उग्रतारा को 56 व्यंजनों का भोग
अविनाश श्रीवास्तव महिषी। सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने के दिन मनाया जाने वाला पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर मां उग्रतारा को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। मां के दरबार में यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। मान्यता है कि भगवती को 56 भोग लगाने से क्षेत्र में सुख-समृद्धि आती है। मंदिर में श्रद्धा अर्पण वाले पुजारी और ग्रामीणों के सहयोग से 56 भोग की तैयारी बड़े पैमाने पर की जाती है। अतिप्राचीन परंपरा पर इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के की संख्या कम रहने की संभावना है।
माता के 56 भोग श्रद्धालुओं के सहयोग से प्राप्त अन्न और सब्जियों से तैयार व्यंजन के अतिरिक्त बाजार से मिठाई और फल खरीदकर के की जाती है। गाजर, मूली, गोभी और आंवले से बने स्वादिष्ट पकवान से सजी माता की थाली के बीच माता के अन्नपूर्णा स्वरूप से मंगलकामना की आस लिए पटना, खगड़िया, नवगछिया, मधेपुरा, सुपौल सहित अन्य स्थलों से तंत्र साधक और श्रद्धालु आते हैं। हालांकि इस वर्ष इसपर कोरोना का असर दिखना तय है।
क्या है मान्यता: मिथिला में नव्य अन्न की परंपरा नवान के दिन से ही मानी जाती है। लेकिन महिषी के लोगों का नव्यअन्न मकर संक्रांति को माता को भोग लगाने के बाद शुरू होता है। इस सबंध में पंडित जवाहर पाठक का कहना है कि धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य पुराण के अनुसार तारा सूर्य की आदि शक्ति है। मकर संक्रांति के बाद सूर्य का ताप बढ़ने लगता है। सूर्य के ताप को नियंत्रित करने की कामना से माता तारा को अन्न का भोग लगाया जाता है। इस संबंध में मंदिर के पुजारी ताराकांत झा, सुंदरकांत झा, प्रेमकांत झा का कहना है कि मां उग्रतारा की तंत्र पूजन विधि से माता का भोग जनकल्याण की कामना के लिए लगाया जाता है।
कोरोना को लेकर सुप्रीमों का बयान, शिरकत की
अविनाश श्रीवास्तव सहरसा। सहरसा पहुंचे पूर्व सांसद व जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, जहां उन्होंने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कोरोना को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया। सहरसा के कई कार्यक्रम में शिरकत की है। इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कोरोना को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया। साथ ही साथ डब्ल्यूएचओ पर भी कई गंभीर आरोप लगाए पूर्व सांसद ने डब्ल्यूएचओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डब्ल्यूएचओ ड्रग्स माफियाओं का दलाल बन चुका है और डब्ल्यूएचओ मेडिसिन माफियाओं के चंगुल में है। इस दौरान पूर्व सांसद पप्पू यादव ने साफ तौर पर कोरोना को मानने से इनकार कर दिया।
बिहार: कोरोना के मामलों को लेकर रेलवे सतर्क
अविनाश श्रीवास्तव डेहरी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर रेलवे भी सतर्क हो गया है। कोरोना संक्रमण को लेकर अब प्रतिदिन विभिन्न स्टेशनों पर आरपीएफ से जुड़े रेल पुलिसकर्मी जागरूकता अभियान चला रहे हैं। यही नहीं बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने निर्देश जारी कर कहा है, कि स्टेशन परिसर में बिना मास्क पहने लोगों को इंट्री नहीं दी जाएगाी। एक सप्ताह से कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए रेलवे प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। अब जंक्शन पर बिना मास्क पहनकर आने वाले यात्रियों की इंट्री नहीं मिलेगी। टिकट वाले रेल यात्रियों के अलावे स्टेशन परिसर में किसी की भी इंट्री नहीं हो रही है। रेलवे ने शाम ढलने के बाद प्लेटफार्म टिकट की बिक्री भी बंद कर दी है। प्लेटफार्म और स्टेशन परिसर में बिना मास्क के पकड़े जाने पर जुर्माना देना होगा। इसके लिए रेल प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। अब जुर्माने के एवज में 500 रुपया भरना होगा। दरअसल, बीच में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने के बाद स्टेशन पर मास्क की जांच नहीं हो रही थी। इधर, अब जब कोरोना वायरस का मामला बढ़ गया तो रेल पुलिस ने मास्क जांच अभियान शुरू कर रही है। रेल प्रशासन की माने तो स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को मास्क लगाकर होगा। रविवार से मास्क चेकिंग अभियान स्टेशन पर शुरू कर दी गई है । साथ ही बिना मास्क पहने यात्रियों को इंट्री नहीं दी जा रही है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर रामविलास राम के नेतृत्व में रेल पुलिसकर्मी स्टेशन पर यात्रियों को जागरूक करने का अभियान चला रहे है। रेल अधिकारियों व कर्मियीं ने यात्रियों से मास्क और शारीरिक दूरी बनाकर ही से सफर करने की अपील की है। उन्होंने कोरोना को लेकर लगातार उद्घोषणा करने का भी निर्देश दिया है। स्टेशन पर कार्यरत रेलवे कर्मचारियों और फूड स्टॉल विक्रेताओं को भी स्टेशन परिसर में मास्क लगाना अनिवार्य है। रेलवे द्वारा सभी ट्रेनों में जाने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रतिदिन की जाती है। इधर, ट्रेनों में आने वाले यात्रियों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को फिलहाल कोई गाइडलाइन नहीं आया है, लेकिन सतर्कता बरतने की दृष्टिकोण से इन सभी यात्रियों की जांच को लेकर रणनीति बनायी जा रही है। ट्रेन पर चढ़ने वाले यात्रियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को मास्क व सेनिटाइजर के साथ यात्रा करने का आदेश दिया जाता है। साथ ही एंड्राइड मोबाइल में आरोग्य सेतू एप की भी जांच की जाती है। ‘ट्रेनों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से कराया जा रहा है। बिना मास्क व सेनिटाइज के यात्रियों की इंट्री नहीं दी जा रही है। ट्रेनों में भी इसका ख्याल रखा जा रहा है। आरपीएफ इंस्पेक्टर रामविलास राम ने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ में जहरखुरानी व अन्य समस्याओं से निपटने के लिए लोगों को रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 का उपयोग करने के लिए भी कहा जा रहा है।
प्रदेश के नगर सरकार के अंदर अब मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता करेगी। इतना ही नहीं मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को भी सीधे जनता चुनेगा। नगर निकायों में इन सर्वोच्च पदों के लिए अब वार्ड प्रतिनिधि वोटर नहीं होंगे। बल्कि जनता सीधे अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुन पाएगी। नीतीश सरकार ने इस पर फैसला ले लिया था और अब बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 का गजट प्रकाशन कर दिया गया है। राज्य के डिप्टी सीएम और नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 पर राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया गया है। अब जनता सीधे नगर सरकार को चुन पाएगी विकास योजनाओं के चयन के साथ साथ नगर सरकारों में जो अंदरूनी खींचतान वाली सियासत होती रही है उस पर भी नकेल लग पाएगी।
सीजी: हवाई यात्रियों की आवाजाही 24 फीसद घटीं
दुष्यंत टीकम रायपुर। कोरोना की वजह से रायपुर विमानतल से आने-जाने वाले हवाई यात्रियों की संख्या में कमी आई है। इस हफ्ते यात्रियों की आवाजाही 24 फीसद घट गई है। इसकी वजह से दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता आदि क्षेत्रों की उड़ानें रद हो रही है।
कल इंडिगो एयरलाइंस, विस्तारा एयरलाइंस, एयर इंडिया और एलायंस एयर की कुल आठ उड़ानें रद रही। बुधवार को भी इन कंपनियों की 21 उड़ानें रद रही। इस प्रकार दो दिनों में कुल 29 उड़ानें रद रही। विमानन अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इंडिगो एयरलाइंस द्वारा 18 फ्लाइटें संचालित होती है,इसमें से छह फ्लाइटें रद रही।
किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं: शिवसेना
कविता गर्ग मुबंई। महाराष्ट्र में भले ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आमने सामने हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवसेना भी अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का ही साथ देती दिखाई पड़ रही है। हर चुनाव की तरह इस बार भी शिवसेना उत्तर प्रदेश में दमखम दिखाने को तैयार है। लेकिन, शिवसेना ने ऐलान कर दिया है कि वह किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, बल्कि अकेले ही यूपी चुनाव लड़ेगी।शिवसेना नेता संजय राउत ने तो सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की है और कहा है कि वह इतने ताकतवर नेता हैं कि वह कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे, जीतेंगे ही। संजय राउत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ बड़े नेता हैं और हम उनका आदर करते हैं। शिवसेना ने एकबार भी कांग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( एनसीपी) का नाम नहीं लिया।
कांग्रेस का तो प्रदेश की बड़ी पार्टियों में शुमार किया जाता है। महाराष्ट्र में तो कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से ही शिवसेना सरकार चला रही है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय राजनीतिक गतिविधियों में बहुत तेजी आई है। भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी के रूप में समाजवादी पार्टी (सपा ) उभरती दिख रही है। भाजपा के कुछ नेता भी सपा का दामन थाम रहे हैं तो सपा, बसपा और कांग्रेस के कितने ही नेता भाजपा का पटका धारण कर चुके हैं । इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप ) ने भी यूपी के चुनाव में जोरदार इंट्री मारी है। अभी कुछ दिन पहले ही तीन चार छोटे छोटे दलों ने विलय करके आप की ताकत बढाई है। संजय राउत ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के साथ तालमेल की जो बात कही है, उससे भाजपा के विरोध में खड़े दलों का किसान पक्ष कमजोर हो सकता है। किसान शिवसेना के साथ जुडेंगे तो भाजपा के विरोधी कमजोर होंगे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर किसानों का गुस्सा पहले ही शांत कर दिया है। हर बार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवसेना दमखम दिखाने को तैयार है। शिवसेना ने ऐलान कर दिया है कि वह किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, बल्कि अकेले ही यूपी चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही शिवसेना नेता संजय राउत ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है और कहा है कि वह इतने ताकतवर नेता हैं कि वह कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे, जीतेंगे ही। संजय राउत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ बड़े नेता हैं और हम उनका आदर करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम यूपी में राकेश टिकैत से मिलूंगा। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि चुनाव हम भी लड़ेंगे। हम मथुरा से भी लड़ेंगे, हर जगह से लड़ेंगे। किसी के खिलाफ नहीं लड़ेंगे। हम उनके खिलाफ नहीं लड़ेंगे, पर हम चुनाव लड़ेंगे। हम देखना चाहते हैं कि जनता कितना हमारे साथ है और हमें कितना समर्थन है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के अति निकट आते ही मंत्री-विधायकों के इस्तीफे को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है। यूपी चुनाव की कमान अब खुद अमित शाह ने संभाल ली है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोर कमेटी ने गत 12 जनवरी को नई दिल्ली में एक और मैराथन बैठक की, जिसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीजेपी मुख्यालय में यह बैठक हुई। यूपी चुनाव को लेकर मंथन का दौर 14 घंटे तक चलता रहा और अगले दिन 1.35 बजे समाप्त हुआ। इससे पहले 11जनवरी को भी कोर कमेटी की पहली बैठक हुई थी, जो 10 घंटे तक चली। बैठक में मौजूद नेताओं ने 172 सीटों के लिए उम्मीदवारों को भी अंतिम रूप दिया, जहां यूपी चुनाव के पहले तीन चरणों में मतदान होगा। इन नामों पर 13 जनवरी को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में चर्चा की जानी थी, उससे पहले ही भाजपा में भी इस्तीफों का दौरसशुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद सहयोगियों को सीट बंटवारे की भी घोषणा की जाएगी। इस मामले से अवगत पार्टी पदाधिकारियों ने कहा था कि 12 जनवरी की बैठक में जिन निर्वाचन क्षेत्रों पर चर्चा की गई, उनमें अयोध्या है, जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रस्तावित किया गया है। इससे पहले योगी को मथुरा से चुनाव लडवाने की चर्चा थी। फिलहाल इतना तो निश्चित है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। एक ओर इसके कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों को टिकट देने का भी दवाब है, जिनके परिवार से पहले ही कोई सांसद है या मंत्री है। स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चैहान के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है। उदाहरण के लिए भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे के लिए टिकट की मांग रखकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है।
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि मेरा बेटा लखनऊ कैंट विधानसभा सीट में 2009 से लगातार काम कर रहा है। वह टिकट की दावेदारी कर रहा है और पार्टी को तय करना है कि उसे टिकट देना है या नहीं। बता दें कि 2017 में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने परचम लहराया था। हालांकि, रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने पर रिक्त हुई सीट पर 2019 में उपचुनाव हुआ। इसमें भी भाजपा ने जीत दर्ज की और सुरेश चंद्र तिवारी चैथी बार विधायक बने।अपने परिवार के सदस्य के लिए टिकट मांगने वालों की फेहरिस्त में कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह भी हैं। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह ने अपनी पत्नी के लिए बीजेपी से टिकट की मांग की है। राजवीर सिंह खुद भाजपा से लोकसभा सांसद हैं और उनके बेटे विधायक हैं और योगी सरकार में राज्यमंत्री भी हैं। ऐसे में भाजपा के सामने चुनौती है कि वह इन दो बड़े नेताओं की मांग से कैसे निपटती है।ध्यान देने वाली बात होगी कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के पीछे भी टिकट का ही मसला बताया गया था। सूत्रों की मानें तो स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे के लिए भी टिकट चाहते थे। स्वामी भाजपा के टिकट पर बेटे को ऊंचाहार सीट से लड़वा चुके हैं, मगर उसमें उनके बेटे को हार मिली थी. स्वामी फिर से इसी सीट से बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, मगर भाजपा टिकट देने के मूड में नहीं थी। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा। उत्तर प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा। वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।
मकर संक्रांति व पोंगल पर्व की शुभकामनाएं दीं
दुष्यंत टीकम रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और पोंगल पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहां जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि भारत में सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होकर मकर रेखा की ओर जाने का स्वागत उमंग और उत्साह से किया जाता है।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे मकर संक्रांति और पोंगल पर्व के नाम से मनाते है। मकर संक्रांति का यह त्यौहार ऋतु परिवर्तन का संदेश लेकर आता है। बघेल ने कहा है कि यह पर्व देश, प्रदेश सहित सभी लोगों के जीवन में भी सुखद परिवर्तन लेकर आए।
13.56 प्रतिशत पर महंगाई का आकड़ा, राहत
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। महंगाई की मार झेल रही देश की आम जनता को इस बार थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2021 में घट गई है। यह कम होकर 13.56 प्रतिशत पर आ गई है। जो इससे पिछले महीने नवंबर 2021 में 14.23 प्रतिशत उच्च स्तर पर थी। गौरतलब है कि यह थोक महंगाई का नवंबर का उच्च स्तर बीते 12 साल में सबसे अधिक था। सरकार की ओर से शुक्रवार को थोक महंगाई के आंकड़े पेश किए गए है। थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति दर में दिसंबर 2021 में लगातार चार महीने की तेजी पर ब्रेक लग गया। मुख्य रूप से ईंधन, बिजली और विनिर्माण वस्तुओं में नरमी के कारण यह घटकर 13.56 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। भले ही खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी है।
गौरतलब है कि अप्रैल से शुरू होकर थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा लगातार नौवें महीने दहाई अंकों में बना हुआ है। नवंबर में महंगाई दर 14.23 फीसदी थी, जबकि दिसंबर 2020 में यह महज 1.95 फीसदी थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दिसंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों, कपड़ा और कागज और कागज उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में कम होकर 10.62 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 11.92 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली की कीमतों में वृद्धि की दर दिसंबर में 32.30 प्रतिशत रही, जबकि नवंबर में यह 39.81 प्रतिशत थी। हालांकि, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में महीने-दर-महीने आधार पर 9.56 प्रतिशत बढ़ी, जो नवंबर में 4.88 प्रतिशत पर थी। सब्जियों की कीमतों में वृद्धि दर बढ़कर 31.56 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने 3.91 प्रतिशत थी। बता दें कि देश के आम लोगों को हाल में तगड़ा झटका तब लगा था जब दिसंबर के खुदरा महंगाई के आंकड़े पेश किए गए थे। गौरतलब है कि खुदरा मुद्रास्फीति दर नवंबर महीने में 4.91 फीसदी की तुलना में बढ़कर 5.59 फीसदी हो गई है। खुदरा महंगाई का ये आंकड़ा पांच माह का उच्च स्तर है। खाने के तेल, महंगी साग-सब्जियों और महंगे पेट्रोल, डीजल के अलावा बिजली के बढ़ती कीमतों के कारण दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।