सोनिया ने कहा, ”अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।” उन्होंने यह भी कहा, ”हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।” सोनिया ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।
मंगलवार, 15 जून 2021
20 जवानों की शहादत से जुड़े हालात स्पष्ट नहीं
आईएएफ ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए ऑर्डर दिया
लॉकडाउन की पाबंदियों को 1 हफ्ते तक बढ़ाया गया
विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षाओं का मूल्यांकन शुरू
गुजरात: लव जिहाद एक्ट, धर्म परिवर्तन अपराध
महाराष्ट्र में पहली कक्षा से बारहवीं तक के स्कूल खुलें
3 आरोपियों को जमानत देने का आदेश दिया: एचसी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में यूएपीए के तहत जेल में बंद आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को नियमित जमानत दे दी है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अजय जयराम भांभानी की बेंच ने नियमित जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में 740 गवाह हैं। इन गवाहों में स्वतंत्र गवाहों के अलावा सुरक्षित गवाह, पुलिस गवाह इत्यादि शामिल हैं। ऐसे में इन आरोपितों को इन 740 गवाहों की गवाही खत्म होने तक जेल के अंदर नहीं रखा जा सकता है। कोरोना के वर्तमान समय में जब कोर्ट का प्रभावी काम बिल्कुल ठप हो गया है। कोर्ट क्या उस समय तक का इंतजार करे जब तक कि आरोपितों के मामले का जल्दी ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है।
कोर्ट ने तीनों आरोपितों को पचास-पचास हजार रुपये के निजी और दो स्थानीय जमानतियों के आधार पर जमानत देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि तीनों आरोपित वैसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे केस प्रभावित हो। आसिफ इकबाल तान्हा जामिया यूनिवर्सिटी का छात्र है। उसे मई 2020 में दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। नताशा नरवाल और देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य हैं। दोनों को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप है।
दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपित बनाया है। जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है उनमें ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। सफूरा जरगर को पहले ही मानवीय आधार पर जमानत मिल चुकी है।
अनियमितता के मामले की जांच कराये जाने की मांग
नरेश राघानी
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से अयोध्या में कथित राममंदिर जमीन खरीद में अनियमितता के मामले की जांच कराये जाने की मांग की हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए यह मांग करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को अविलंब इस मामले की जांच करानी चाहिए जिससे लोगों की आस्था एवं विश्वास बना रहे एवं देशवासियों की आस्था के साथ खिलवाड़ के दोषियों को सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता ने आस्था के साथ राम मंदिर निर्माण में देशभर में सर्वाधिक योगदान दिया था। लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत में ही चन्दे के गबन की खबरों से आमजन की आस्था डिग गई है। कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है कि मिनटों में कैसे जमीन का दाम दो करोड़ रुपये से 18 करोड़ रुपये हो गया।
संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी शुरू की
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। बच्चों के लिये खतरनाक मानी जा रही कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दवा किट के वाहनो को सभी 75 जिलों के लिये रवाना किया। दवा किट शून्य से एक साल, एक से पांच साल और छह से 12 साल के बच्चों के लिये अलग अलग है। जिसमें बुखार के लिये पैरासिटामाल सिरप अथवा गोलियां, मल्टीविटामिन सिरप अथवा गोली और ओआरएस वगैरह शामिल है। छह से 12 साल के बच्चों को संक्रमण की दशा में एविरवैक्टिम टैबलेट छह मिग्री की गोलियाें को दवा किट में शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में पैम्पलेट भी वितरित किये है। जिसमें संक्रमण के लक्षणों की पहचान के बारे में लिखा है। जैसे बच्चे का लगातार रोना, खाने पीने से मना करना, 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार आना, दस्त लगना आदि शामिल है। सरकार ने संक्रमण के संभावित खतरे से निपटने के लिये हर जिले में बच्चों के लिये अलग से वार्ड और आईसीयू की भी व्यवस्था की है। सरकार ने 75 जिलों में कुल 50 लाख किट भेजी जायेंगी। अभी 17 लाख किट जिलों को भेजी गई हैं जबकि बाद में 33 लाख दवाओं की किट और भेजी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखा कर दवा किट के वाहनो को रवाना किया। उन्होने कहा कि बेहतर टीम प्रबंधन की बदौलत सरकार कोरोना की पहली और दूसरी लहर से निपटने में सफल रही है। अब सरकार की तैयारी संभावित तीसरी लहर से लड़ने की है। इसके लिये हर मेडिकल कॉलेज तथा जिला अस्पतालों में बच्चों के आइसीयू (पीकू) वार्ड तेजी से स्थापित हो रहे हैं।
उन्होने आगाह किया कि दूसरी लहर का प्रकोप राज्य में कम हुआ है, मगर वायरस अभी गया नहीं है। इस लिये लोगों को सामाजिक दूरी बनाये रखने के साथ साथ मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य है और बार बार हाथ धोना चाहिये। उन्होने कहा कि संक्रमण की रोकथाम में निगरानी समितियाें का काम सराहनीय रहा है वहीं आंगनबाड़ी और आशाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैक्सीनेशन के लिये जागरूक करने की दिशा में अच्छा काम किया है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह के अलावा मुख्य सचिव आरके तिवारी तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद मौजूद थे।
शरणार्थियों को नागरिकता, याचिका पर सुनवाई टली
इंस्टाग्राम व फेसबुक को नोटिस जारी किया: याचिका
यूपी में शराब माफियाओं का आतंक छिपा नहीं: बसपा
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। प्रतापगढ़ मे हुई पत्रकार की मौत के मामले अब तमाम राजनैतिक दल निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को सरकार से मांग की कि प्रतापगढ़ जिले में कथित दुर्घटना में एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की अविलम्ब, निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच कराकर वह दोषियों को सख्त सजा दिलवाना सुनिश्चित करे। मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, यूपी में शराब माफियाओं आदि का आतंक किसी से भी छिपा हुआ नहीं है। जिनके काले कारनामों को उजागर करने पर ताजा घटना में प्रतापगढ़ जिले के टीवी पत्रकार की नृशंस हत्या अति-दुःखद है। सरकार घटना की अविलम्ब, निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग है।
गौरतलब हैं कि प्रतापगढ़ जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र में रविवार देर रात एक निजी समाचार चैनल के संवाददाता की मोटरसाइकिल के कथित रूप से खंभे से टकराने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। संवाददाता सुलभ श्रीवास्तव (42) ने शराब माफिया के विरुद्ध खबर चलाने के बाद गत 12 जून को प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जान-माल की सुरक्षा की मांग की थी।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके हैं।
'सीएम' ने लोगों की समस्याओं को सुना, निर्देश
'सीएम' ने लोगों की समस्याओं को सुना, निर्देश संदीप मिश्र गोरखपुर। जनता दरबार में जन समस्याएं सुन रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
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