सोमवार, 14 जून 2021
उत्तराखंड में कोरोना के 296 नए मामलें सामने आएं
बंगाल: सरकार ने लॉकडाउन को 1 जुलाई तक बढ़ाया
महिलाएं भी मंदिर में पुजारी नियुक्त, ऐलान किया
भवन बनाये जाने के आदेश पर पाक एससी की रोक
विज्ञप्ति में मुशफिकुर-कैथरीन को विजेता घोषित किया
भगवान 'राम' के नाम पर धोखा करना अधर्म: राहुल
डीएम ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दियें
दिल्ली में सोमवार को 131 नए मामलें सामने आएं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार को 22 फरवरी के बाद से कोविड-19 के सबसे कम 131 नए मामले सामने आए तथा 16 मरीजों की मौत हुई। यहां संक्रमण दर घटकर 0.22 फीसद रह गई है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। दिल्ली में 22 फरवरी को संक्रमण के 128 मामले सामने आए थे। संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे में मरने वालों की संख्या भी पांच अप्रैल के बाद सबसे कम है। तब कोविड-19 के कारण यहां 15 लोगों की मौत हुई थी।
बुलेटिन के अनुसार, फिलहाल महानगर में कोविड-19 के 3226 मरीज उपचाराधीन हैं। जिनमें 960 घरों में ही पृथकवास में हैं। अबतक यहां 14,31,270 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ गए जिनमें से 24,839 की जान चली गई। शहर में 14.03 लाख से अधिक मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। दिल्ली में रविवार को 255, शनिवार को 213, शुक्रवार को 238, बृहस्पतिवार को 305 तथा बुधवार को 337 नए मामले सामने आए थे।
14,179 ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों का फैसला होगा
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त 14,450 पदों के लिए गत 12 जून को हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती सोमवार को सुबह आठ बजे से आरंभ हो गयी है। प्रदेश के 73 जिलों में होने वाली मतगणना में छह जिला पंचायत सदस्य, 137 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 128 ग्राम प्रधान तथा 14179 ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों का फैसला होगा। पंचायतों के रिक्त पदों पर शनिवार को प्रदेश में 8321 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान में लगभग 64.74 प्रतिशत वोट डाले गए थे।चुनाव परिणाम दोपहर 12 बजे से आना प्रारंभ होंगे।मतगणना केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के कड़े उपाय किए गए हैं। आक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर से जांच के बाद ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश दिया गया है। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद जिन ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो सका था वहां प्रधानों की शपथ होगी और ग्राम पंचायतों की पहली बैठक भी होंगी।
जिला पंचायत सदस्यों के कुल रिक्त सात पदों में एक स्थान पर निर्विरोध निर्वाचन होने के कारण छह का चयन वोटों से होगा। इसी क्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्यों के कुल रिक्त 186 पदों में 44 निर्विरोध चुने जाने के बाद 137 पदों पर मतदान किया गया। ग्राम प्रधानों के रिक्त 156 पदों में से 26 आम सहमति से चुन लिए गए। ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त 227504 पदों में से 206941 पर नाम वापसी के बाद चुनाव की जरूरत नहीं पड़ी। प्रदेश में ललितपुर व कासगंज को छोड़कर शेष 73 जिलों में वोट डाले गए।
पंचायत चुनाव के बाद पंचायतों में रिक्त रहे पदों के लिए गत 31 मई को उपचुनावों की अधिसूचना जारी की गयी थी। रिक्त पदों में सात जिला पंचायत सदस्य, 186 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 156 ग्राम प्रधान तथा 2,27,504 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद शामिल थे। नामांकन व नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद 26 ग्राम प्रधान, एक जिला पंचायत सदस्य, 44 क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा 206941 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। शेष पदों के लिए शनिवार को चित्रकूट व कासगंज को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में 8321 पोलिंग बूथों पर वोट डाले गए।
होटलों ने कोल्ड ड्रिंक को मेन्यू कार्ड में शामिल किया
मऊ। फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स के बढ़ते प्रचलन के बावजूद लोगों के लिए 'दिव्य पेय' के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली 'सतुई लस्सी' गांवों की गली चौपाल से निकल कर आज पांच सितारा होटलों और नामी गिरामी रेस्टोरेंट की शान बन चुकी है। गाजीपुुर समेत पूरे पूर्वांचल और बिहार वासियों के लिए दशकों से सतुई लस्सी सबसे पसंदीदा पेय पदार्थों में शामिल है। लेकिन मुबंई,दिल्ली और बैंगलोर जैसे शहरों में औषधीय गुणों से युक्त इस पेय पदार्थ की बढ़ती मांग को देखते हुये नामी गिरामी रेस्तरां और पंच सितारा होटलों ने इसे अपने मेन्यू कार्ड में शामिल कर लिया है।
जो केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए भी रामबाण की तरह है। यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो पेट की कब्जियत से संबंधित अन्य बीमारियों को दूर करता है। वैसे तो सत्तू को लोग-बाग नमकीन, मीठा, तीखा, ठोस व तरल आहार के अलग-अलग रूपों में विविध स्वादों के साथ ग्राहण करते हैं। लेकिन गर्मी के दिनों में इसका तरल रूप विशेष आनन्द देता है। खास बात यह है कि यह केवल भूख ही नहीं मिटाता, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसमें इतने गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के रोग व अवसाद से भी दूर रखने का काम करते हैं।
पूर्वांचल के प्रख्यात होटल वैभव के मालिक जितेन्द्र सिंह ने बताते है कि अब अतिथियों व ग्राहकों द्वारा प्राय: सतुई लस्सी की मांग की जाती है। जिसके कारण होटल की रसोई में अब यह मेन्यू में भी शामिल हो गया है।बिहार और उत्तर प्रदेश का देशी व्यंजन सत्तू न सिर्फ खाने में लजीज होता है, बल्कि आपके कई रोगों को ठीक करने के लिए औषधि का काम भी करता है। देशी वैद्य भारतेन्दु की मानें तो सत्तू का सेवन करने से न सिर्फ मधुमेह, बल्कि अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। मोटापे से भी निजात मिलती है।
सत्तू भूने हुए जौ और चने को पीस कर बनाया जाता है। बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में इसे काफी पसंद किया जाता है। सामान्यतः सत्तू एक चूर्ण के रूप में रहता है, जिसे पानी में घोलकर पिया जाता है। जीरा, काला नमक, कच्चा आम, पुदीने की चटनी, बारीक कटी प्याज, लहसन, अदरक के साथ घोलकर इसे लस्सी के रूप में पीने वालों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। यह सतुई लस्सी धीरे-धीरे सामान्य रेस्टोरेंट्स से सितारा होटल व रेस्टोरेंट्स तक अपनी पहुंच बना चुका है। इसकी उपलब्धता का आलम यह है कि कोर्ट, कचहरी, रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार, बस स्टैंड, कार्यालयों इत्यादि के आस-पास ठेला खोमचा टीन सेट इत्यादि के दुकान में चमकीले व आकर्षक बोर्डों के साथ देखा जा सकता है।
यूपी: राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-58 का सफर महंगा
मुजफ्फरनगर। डीजल-पेट्रोल के साथ खाद्य तेल व अन्य वस्तुओं की महंगाई की मार झेल रहे लोगों पर एक और प्रहार होने जा रहा है। 1 जुलाई से दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 का सफर और अधिक महंगा हो जाएगा। हाईवे पर वाहन दौडाने के लिये अधिक टोल चुकाते हुए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।समूचा देश इस समय डीजल-पेट्रोल के साथ खाद्य तेलों की महंगाई की मार झेलते हुए बुरी तरह से कर्राह रहा है। इसी बीच आने वाली 1 जुलाई को लेकर भी लोग बुरी तरह से आशंकित हो चुके हैं। इसके चलते 1 जुलाई से दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-58 का सफर महंगा होने जा रहा है।
वह इसलिये कि हर साल एनएचएआई की स्वीकृति के बाद सिवाया टोल प्लाजा का शुल्क संशोधित किया जाता है। कोरोना संक्रमण की लहर की वजह से वर्ष 2020 में टोल प्लाजा के शुल्क में कोई संशोधन नहीं हुआ था। टोल प्लाजा की ओर से इस बार फिर से एनएचएआई मुख्यालय से टोल संशोधन की अनुमति मांगी गई है। एनएचएआई की हरी झंडी मिलते ही 1 जुलाई से टोल प्लाजा पर शुल्क की नई दरें लागू कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस वर्ष नियमानुसार टैक्स में वृद्धि की जाएगी। इसके लिए टोल कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है। सिवाया टोल प्लाजा पर प्रत्येक वर्ष एक जुलाई से नियमानुसार एनएचएआई द्वारा टोल टैक्स में वृद्धि की जाती है।
कोरोना के कारण वर्ष 2020 में एनएचएआई ने टोल टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की थी, लेकिन लॉकडाउन लगने और टोल प्लाजा पर वाहनों की संख्या में आई भारी कमी के चलते होने वाले नुकसान को देखते हुए माना जा रहा है कि इस वर्ष एनएचएआई टोल टैक्स में बढ़ोतरी करने जा रही है। टोल कंपनी तैयारियों में जुट गई हैं। जल्द ही प्रस्ताव बनाकर एनएचएआई को भेजा जाएगा। एनएचएआई द्वारा प्रस्ताव पर हरी झंडी मिलते ही टोल प्लाजा पर एक जुलाई से टोल टैक्स की दरों में वृद्धि कर संशोधित दरें लागू कर दी जाएंगी।
महिलाओं ने एससी का खटखटाया दरवाजा, न्याय
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा का शिकार हुई महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। अपने ऊपर अत्याचार होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिलाओं ने एसआईटी जांच की मांग की है। सोमवार को उजागर हुई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिलाओं में शामिल एक 60 वर्षीय महिला ने बताया है कि किस प्रकार विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान 4 मई की रात को टीएमसी के कार्यकर्ता उसके घर में जबरन घुस आए थे और पोते के सामने ही उसके साथ रेप किया था। महिला ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अपने घर में लूटपाट किए जाने का भी आरोप लगाया है।
यह मामला बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का है। रिपोर्ट के अनुसार महिला ने कहा है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से वोट ना देने पर बदले की कार्यवाही के रूप में रेप जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में महिला ने कहा है कि बंगाल में इन घटनाओं को पुलिस की निष्क्रियता के चलते भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे पहले 18 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की हत्याओं के आरोप में यह अर्जी न्यायालय में दाखिल की गई थी। अब अर्जी दाखिल करने वाली महिलाओं में से एक महिला ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में उसके पति ने भाजपा के लिए प्रचार किया था। चुनाव बाद उनकी पहचान की गई और टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने दिनदहाड़े उन्हें कुल्हाड़ी से काट कर मार दिया। महिला ने कहा है कि वह इस हिंसा को असहाय होकर देखती रही और अपने पति को टीएमसी कार्यकर्ताओं के हाथों मरता देखने को मजबूर हुई।
महिला का आरोप है कि हमलावरों ने बाद में उसके साथ रेप करने का प्रयास भी किया। इसके अलावा शीर्ष अदालत में 17 वर्षीय एक दलित लड़की ने बताया है कि 9 मई को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ रेप किया था और उसे जंगल में ही मरने के लिए छोड़ गए थे। लड़की का दावा है कि अगले दिन टीएमसी के नेता उसके घर आए और धमकी दी कि यदि इस मामले की शिकायत पुलिस में की तो घर को आग के हवाले करते हुए परिवार को जान से मार दिया जाएगा।
'सीएम' ने लोगों की समस्याओं को सुना, निर्देश
'सीएम' ने लोगों की समस्याओं को सुना, निर्देश संदीप मिश्र गोरखपुर। जनता दरबार में जन समस्याएं सुन रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
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चौकी में रिश्वतखोरी का नंगा नाच, अदम्य साहस धर्मवीर उपाध्याय गाजियाबाद। गाजियाबाद की तहसील लोनी का एक अद्भुत प्रकरण संज्ञान में आया है। हो ...
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