शनिवार, 22 मई 2021

सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार के नए निर्देश

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने मंचों से उस सामग्री को हटाएं जिसमें कोरोना वायरस के कथित भारतीय स्वरूप का उल्लेख किया गया है या संदर्भ दिया गया है। सरकार ने यह निर्देश कोविड-19 महमारी से जुड़ी गलत जानकारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से दिया है।
डिजिटल मंचों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें नवीनतम परामर्श मिला है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी सोशल मीडिया मंचों को लिखे पत्र में जोर देकर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के बी.1.617 स्वरूप के साथ अपनी किसी रिपोर्ट में भारतीय स्वरूप का उल्लेख नहीं किया है।मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि फर्जी बयान ऑनलाइन प्रसारित हो रहा है जिसमें कहा गया है कि विभिन्न देशों में कोरोना वायरस का भारतीय स्वरूप फैल रहा है। आईटी मंत्रालय ने कहा कि 12 मई 2021 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रेस विज्ञप्ति के जरिये स्थिति स्पष्ट कर चुका है।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया से कहा कि वे उस सभी सामग्री को अपने मंच से तुरंत हटाए जिसमें कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप का संदर्भ दिया गया है। इससे पहले इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों पर कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबर, भ्रामक सूचना को रोकने के लिए परामर्श जारी किया था।

गौरतलब है कि भारत गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसे डिजिटल मंचों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 53 करोड़ व्हाट्सऐप उपयोगकर्ता, 44.8 करोड़ यूट्यूब उपयोगकर्ता, 41 करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ता, 21 करोड़ इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता और 1.75 करोड़ ट्विटर उपयोगकर्ता हैं।

रविवार से युवाओं को नहीं लगेगी वैक्सीन: दिल्ली

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में टीके खत्म होने के कारण 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों को बंद किया जा रहा है तथा उन्होंने केंद्र से और टीके उपलब्ध कराने की अपील की।उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रविवार से दिल्ली में युवाओं के लिए सभी टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया जाएगा क्योंकि टीकों का भंडार खत्म हो गया है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को अपने युवाओं को टीका लगाने के लिए एक महीने में 80 लाख टीकों की जरूरत है लेकिन उसे मई में केवल 16 लाख टीके मिले। दिल्ली का कोटा और कम करते हुए केंद्र जून में आठ लाख टीके ही मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को सभी वयस्कों को टीके लगाने के लिए 2.5 करोड़ टीकों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र से दिल्ली का कोटा बढ़ाने और टीकों की आपूर्ति करने का अनुरोध किया।केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में करीब 2,200 मामले सामने आए और संक्रमण दर 3.5 प्रतिशत रही। मुख्यमंत्री ने देश में टीकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र को चार सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 24 घंटे के भीतर देश में सभी सक्षम कंपनियों को कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू करने का निर्देश देना चाहिए

क्योंकि भारत बायोटेक इसका फार्मूला साझा करने पर सहमत हो गई है। केजरीवाल ने कहा कि विदेशों में बने टीकों का भारत में इस्तेमाल किया जाना चाहिए और केंद्र को राज्यों की तरफ से टीके खरीदने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों को भारत में टीकों के उत्पादन की अनुमति दी जानी चाहिए और केंद्र को ऐसे देशों से टीके लेने की कोशिश करनी चाहिए जिनके पास जरूरत से ज्यादा खुराक हैं।

सुरक्षा इंतजाम के लिए करोड़ों का बजट पास किया

पंकज कपूर   

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण से ग्रामीण इलाकों में बेहतर इंतजाम बात करने के लिए पंचायतों को करोड़ों रुपए का बजट जारी कर दिया है । सरकार ने कोरोना संक्रमण से ग्रामीणों को बचाने एवं विकास कार्यों के लिए पंचायतों को 85 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी गई है। विभागीय सचिव हरि चंद्र सेमवाल के मुताबिक सीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायतों को 63 करोड़, क्षेत्र पंचायतों को आठ एवं जिला पंचायतों के लिए 12 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की गई है।

विभागीय सचिव ने कहा कि बिना देरी के यह धनराशि पंचायतों तक पहुंच सके इसके लिए इसे डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित किया गया है। इससे विकास कार्यों के साथ ही कोरोना वायरस महामारी से ग्रामीणों को बचाने के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकें। बाहर से आने वाले लोगों की क्वारंटीन व्यवस्था के लिए सामुदायिक भवनों, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल एवं अन्य राजकीय भवन आदि की साफ सफाई, बिजली की व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, मरम्मत, सैनिटाइजेशन आदि कार्यों को पूरा करने में सहायता मिल सकेगी।

खतरे का आकलन, उपलब्ध कराई वाई प्लस सुरक्षा

 मीनाक्षी लोधी   

कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के सांसद पिता और भाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर कुमार अधिकारी और भाई दिब्येंदु अधिकारी को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार की खतरे के आकलन की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

शिशिर कुमार अधिकारी कांठी लोकसभा सीट से सांसद हैं जबकि दिब्येंदु अधिकारी राज्य में तमलुक से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद हैं। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में दोनों नेताओं पर शारीरिक सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश की गई। सूत्रों ने बताया कि उन्हें पश्चिम बंगाल राज्य में वाई प्लस केंद्रीय सुरक्षा मुहैया करायी गई है और केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।उन्होंने बताया कि राज्य में जब भी उनमें से कोई कहीं जाएगा तो करीब चार से पांच सशस्त्र कमांडो उनके साथ होंगे। सीआरपीएफ शुभेंदु अधिकारी को जेड श्रेणी की सुरक्षा भी देती है। शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।

शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने नंदीग्राम सीट से मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

माधुरी फिर करेगी फिल्मकार भंसाली के साथ काम

कविता गर्ग   

मुंबई। बॉलीवुड की धकधक गर्ल माधुरी दीक्षित एक बार फिर फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ काम करती नजर आ सकती हैं। माधुरी दीक्षित ने संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म 'देवदास' में काम किया था। माधुरी एक बार फिर से संजय लीला भंसाली की फिल्म में काम करती नजर आ सकती हैं। बॉलीवुड में चर्चा हैमाधुरी एक बार फिर से संजय लीला भंसाली की फिल्म में काम करती नजर आ सकती हैं। बॉलीवुड में चर्चा हैकि संजय लीला भंसाली की अपकमिंग फिल्म 'हीरा मंडी' में माधुरी काम करती नजर आ सकती हैं।इस फिल्म के लिए सोनाक्षी सिन्हा और हुमा कुरैशी को पहले ही अहम किरदार के लिए कास्ट किया जा चुका है।

कहा जा रहा है कि माधुरी फिल्म 'हीरामंडी' में मुजरा करती नजर आ सकती है। बताया जा रहा है कि माधुरी ने भी गाने में रुचि दिखाई है और भंसाली को भी लगता है कि इस गाने को उनसे अच्छे तरीके से कोई और नहीं कर सकता। यदि सबकुछ सही रहा तो माधुरी फिल्म हीरामंडी में काम करती नजर आ सकती है।

ग्राम प्रधान शपथ ग्रहण नहीं कर सकेंगे: पंचायत

बृजेश केसरवानी   

प्रयागराज। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जी जान लगाकर चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल कर ग्राम प्रधान बने सभी लोग शपथ ग्रहण नहीं कर सकेंगे। जिससे बाकी बचे प्रधानों की आशाओं पर कुछ दिनों के लिए पानी फिर गया है। जिसके चलते प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अब यह ग्राम प्रधान शपथ ग्रहण कर सकेंगे।

दरअसल प्रयागराज जनपद में 1540 ग्राम पंचायतें हैं। हाल ही में पिछले दिनों संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत बीती 15 अप्रैल को वोट डाले गए थे। दो मई को हुई मतगणना के बाद चुनाव में जी जान लगाकर जीत हासिल करने वाले प्रत्याशियों की वजह से सभी पद भर गए हैं। लेकिन चुनाव संपन्न होने और ग्रामप्रधानों के निर्वाचन के बाद भी ग्राम पंचायत सदस्य के 19000 से अधिक पदों में से लगभग 10000 पद अभी रिक्त रह गए हैं। ग्राम प्रधान की शपथ ग्रहण करने के लिए 19 जून तक का समय तय है। ऐसे हालातों के बीच शपथ ग्रहण तो हो जाएगी। लेकिन जहां जा अभी कोरम पूरा नहीं हुआ है वहां के ग्राम प्रधान शपथ ग्रहण नहीं कर सकेंगे। लगभग सभी ब्लॉकों में कुछ न कुछ ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण लेने में पेंच जरूर फंसेगा। बहादुरपुर ब्लॉक में 1 दर्जन से अधिक ग्राम प्रधान ऐसे हैं जिनकी शपथ ग्रहण फिलहाल संभव नहीं है। एक से दूसरे चुनाव के बीच चुनाव कराने का निर्वाचन आयोग की ओर से समय दिया जाता है। ऐसे हालातों में यह यदि 15 अप्रैल को चुनाव हुआ है तो अगला चुनाव अक्टूबर तक कराया जा सकता है। इस बीच में सभी पदों पर चुनाव कराते हुए शपथ ग्रहण कराया जाएगा।

कमलनाथ पहुंचे उज्जैन, बाबा की पूजा-अर्चना की

सुनील चौबे   
उज्जैन। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज सुबह उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के मंदिर पहुंचकर बाहर से ही शिखर दर्शन करते हुए पूजा अर्चना की। उसके बाद वह दिवंगत प्रदेश सचिव के घर परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उज्जैन पहुंचने के बाद सबसे पहले बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने बाहर से ही शिखर दर्शन किए और पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली को लेकर बाबा से प्रार्थना करते हुए कोरोना संक्रमण को समाप्त करने की कामना की। पंडित राजेश त्रिवेदी ने पूजा अर्चना पूरी कराई। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत हुए प्रदेश कांग्रेस सचिव सुल्तान शाह लाला के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवार को सांत्वना दी।उनके साथ प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला उज्जैन आए थे। कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान से भी मिलने पहुंचे और उनके द्वारा कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मदद और अव्यवस्थाओं को लेकर उठाई गई आवाज के साथ उन्हें जेल भेजने के मामले में चर्चा की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के साथ विधायक महेश परमार, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी, जिलाध्यक्ष कमल पटेल, बटुकशंकर जोशी, माया त्रिवेदी, अशोक भाटी, मुकेश भाटी, रवि राय, कमल चौहान उपस्थित थे। उन्होंने महाकाल मंदिर के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बाबा से प्रदेश की जनता के लिए कोरोना से लडऩे की ताकत और खुशहाली की कामना की है। दोपहर में वह स्थानीय कार्यकर्ताओं और मीडिया के साथ मिलकर कोरोना संक्रमण के हालातों की जानकारी भी लेंगे।

नियंत्रण में संक्रमण, 1 जून से मिलेगी राहत: सीएम

सुनील चौबे   

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ गयी हैं, लेकिन साथ में उन्होंने चेताते हुए कहा कि इसके बावजूद जरा सी लापरवाही से फिर स्थितियां काबू से बाहर जा सकती हैं। शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए कि यदि स्थितियां इसी तरह नियंत्रण में रहीं, तो एक जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कफ्यू में राहत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देकर निर्णय लिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण बैठक के जरिए राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित किया। श्री चौहान ने कोरोना टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में सभी 52 जिलों को 31 मई तक कोराेनामुक्त करने के प्रयास किए जाएं। हालाकि कुछेक मामले आ सकते हैं, लेकिन जिस तरह से हमने अब तक दिनरात प्रयास कर कोरोना पर काबू पाया है, उसी प्रकार कार्य करके 31 मई तक जिलों को कोरोनामुक्त किया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस बहुरूपिया की तरह है। अर्थात उसकी प्रकृति का अनुमान लगाना कठिन है। इसके मामले कम होते होते फिर से अचानक बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, बेहतर गुणवत्ता के मॉस्क लगाएं और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना रोकने के लिए उपयुक्त व्यवहार) का पालन करें, तो कोरोना को बढ़ने से आसानी से राेका जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी नागरिक को जरा सी सर्दी, खांसी या इस तरह के लक्षण हों तो वे तुरंत सामने आएं और अपनी कोरोना संबंधी जांच कराएं। वहीं अन्य नागरिक और प्रशासन भी ऐसे लोगों पर नजर रख तुरंत उनके इलाज की व्यवस्था करें। ऐसा करके कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यदि हम यह सब करने में सफल रहे तो तीसरे लहर को भी आने से रोका जा सकता है।

सीटी स्कैन के लिए 2500 से ज्यादा नहीं ले सकते

संदीप मिश्र   

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच राज्य की योगी सरकार ने सीटी स्कैन के रेट तय कर दिए हैं। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी किये गए एक आदेश के मुताबिक अब सीटी स्कैन के लिए हॉस्पिटल 2500 से ज्यादा रुपए नहीं ले सकेंगे।

बता दें कि बढ़ते कोरोना के बीच इसकी पहचान के लिए सीटी स्कैन का रास्ता अपनाया जा रहा है। हाल ही में देखा जा रहा था कि कोरोना का पता लगाने के लिए किये जाने वाले सीटी स्कैन के लिए कई हॉस्पिटल मनमाने दाम वसूल रहे थे, जिसके बाद अब यूपी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए यह कदम उठाया है। सरकार की तरफ से जारी किये गए आदेश के मुताबिक मरीज को 16 स्लाइस तक के सीटी स्कैन के लिए अब सिर्फ दो हजार रुपए ही देने होंगे। इसके अलावा 16 से 24 स्लाइस तक के सीटी स्कैन के लिए हॉस्पिटल अब 2500 से ज्यादा रुपए नहीं वसूल सकते हैं। ऐसे में आदेश में साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इस आदेश का पालन नहीं करता है उस पर पेंडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

तीसरी लहर के लिए यूपी सरकार की तैयारी कोरोना के दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की संभावना और उसका सामने करने की योजना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम तीसरी लहर के लिए अभी से अपनी तैयारी में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई है तो पीडियाट्रिक बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। हम पर बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक्टिव केस कम हुए हैं। दुनिया के लोग दावा कर रहे थे कि यूपी कोरोना का हॉटस्पॉट बनेगा लेकिन केस पर नियंत्रण करने में कामयाब रहे।

अलग: ऑनलाइन कोर्स की परीक्षा आफलाइन होगी

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में पढ़ाई को लेकर शैक्षणिक संस्थानों के सामने जिस तरह की चुनौती खड़ी हुई है। उसे देखते हुए आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। फिलहाल जो अहम बदलाव होने जा रहा है। उनमें उच्च शिक्षण संस्थानों में अब प्रत्येक कोर्स की पढ़ाई आनलाइन और आफलाइन दोनों में मिलीजुली होगी। जो प्रस्ताव है उसके तहत 40 फीसद या उससे ज्यादा का कोर्स आनलाइन पढ़ाया जाएगा। जबकि 60 फीसद कोर्स आफलाइन ही पढ़ाया जाएगा। यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने फिलहाल इसकी सिफारिश की है। जिसे सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को रायशुमारी के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की राय आने के बाद इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस ड्राफ्ट में पढ़ाई के साथ परीक्षा भी इसी पैटर्न पर कराने का प्रस्ताव है। यानी परीक्षा भी कोर्स के 40 फीसद हिस्से की आनलाइन होगी, जबकि बाकी कोर्स की परीक्षा आफलाइन होगी। आनलाइन परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीकों का प्रस्ताव किया गया है, इनमें वाया वाइस (आवाज), ओपन बुक एक्जाम, आनलाइन असेसमेंट आदि जैसे उपाय सुझाए गए हैं।

कोरोना संकटकाल में यूजीसी ने पिछले साल ही जारी की गई गाइडलाइन में सभी विश्वविद्यालयों से 30 फीसद कोर्स को आनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया था। हालांकि ज्यादातर विश्वविद्यालयों के पास आनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी इंतजाम न हो पाने से इस पर आगे काम नहीं हो पाया था। इस बीच ड्राफ्ट में कमेटी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से आनलाइन की जरूरी सुविधाएं जुटाने को कहा है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, सभी शिक्षकों को आनलाइन पढ़ाने का प्रशिक्षण, आनलाइन पाठ्य सामग्री का विकास आदि शामिल है। वैसे भी जिस तरह की स्थिति है। उनमें आनलाइन पढ़ाई और परीक्षा दोनों ही अहम हो गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकार ने आनलाइन शिक्षा को तेजी से आगे बढ़ाने की पहल की है। साथ ही मौजूदा कोर्सों के विषषय वस्तु को आनलाइन और आफलाइन के लिए चिह्नित करना होगा।

ब्लैक फंगस से निपटने के लिए पर्याप्त साधन नहीं

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से इस महामारी के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था कर पीड़ितो को तत्काल राहत देने की मांग की है।

सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को ब्लैक फंगस महामारी घोषित करने को कहा है लेकिन इससे निपटने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार महामारी के इलाज के लिए जरूरी दवा की बाजार में बहुत किल्लत है और ऐसे में बिना तैयारी के महामारी घोषित कर इससे नहीं निपटा जा सकता है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दवा की भारी किल्लत होने के साथ ही इस महामारी को अब तक आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं से नहीं जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाते हुए लोगों को राहत देनी चाहिए।

गाइडलाइन पर विचार नहीं, टीकाकरण की इजाजत

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कोरोना से जंग में वैक्सीन की कमी के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सनसनीखेज बयान दिया है। एसआईआई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने कहा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जाने बगैर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन पर विचार किए बिना कई आयु वर्गों के टीकाकरण को इजाजत दे दी। यानी एक तरह से जाधव ने कई राज्यों द्वारा की जा रही वैक्सीन की कमी की शिकायतों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है।
स्वास्थ्य से संबंधित ई-समिट में बोलते हुए सुरेश जाधव ने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और इसी के अनुसार टीकाकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की जरूरत थी, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही केंद्र सरकार ने 45 साल और फिर 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने की इजाजत दे दी।
पर्याप्त वैक्सीन नहीं थी उपलब्ध
एसआईआई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्ट ने कहा कि सरकार ने यह जानते हुए भी वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी कि इतनी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने आगे कहा हमने सबसे बड़ा सबक सीखा है कि उत्पाद की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और फिर उसका विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। गौरतलब है कि कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है। उनका कहना है कि स्टॉक कम होने की वजह से वह वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने में असमर्थ हैं।
कौन सी कोरोना वैक्सीन है प्रभावकारी?
सुरेश जाधव ने यह भी कहा कि टीकाकरण जरूरी है, लेकिन टीका लगने के बाद भी लोग संक्रमण की चपेट में हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहना चाहिए और कोरोना से बचाव नियमों का पालन करना चाहिए। जाधव ने आगे कहा कि जहां तक वैक्सीन के चयन का सवाल है, सीडीसी और एनआईएच डेटा के अनुसार, जो भी वैक्सीन उपलब्ध है, उसे लिया जा सकता है, बशर्ते उसे नियामक निकाय द्वारा लाइसेंस दिया गया हो और यह कहना जल्दबाजी होगा कि कौन सा टीका प्रभावकारी है और कौन सा नहीं।

सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं

सीएम ने लोगों से मुलाकात कर, समस्याएं सुनीं  संदीप मिश्र  गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शनिवार सुबह गोरखनाथ...