सत्येंद्र पंवार
मेरठ/नई दिल्ली। पंजाब के मोगा में भारतीय वायु सेना का मिग-21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में मेरठ के गंगानगर निवासी फायटर पायलट स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी की मौत हो गई। वह मूल रूप से बागपत के पुसार गांव के रहने वाले थे। परिवार लंबे समय से मेरठ में ही रह रहा था। उनकी मौत की खबर आते ही परिवार पर दुख का कहर टूट पड़ा। परिवार और अभिनव को जानने वाले घटना पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। 25 दिसंबर 2019 को ही अभिनव की शादी धूमधाम से मेरठ में ही हुई थी। वायु सेना में स्कॉर्डन लीडर और किसान के पुत्र अभिनव लगन में 1 रुपये में लेकर सगाई संपन्न कर दहेज लोभियों को करारा तमाचा जड़ा था। युवा पायलट ने दहेज लेने से इनकार कर अपने जीवन की महत्वपूर्ण पारी डेढ़ साल पहले ही शुरू की थी। एक से बढ़कर एक रिश्ते ठुकरा कर अभिनव के परिवार ने पूरे समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया था। परिवार ने रस्म में लड़की पक्ष से भेंट किए गए नकद धनराशि भी ससम्मान वापस लौटा दी थी।
मूल रूप से बागपत के बड़ौत-बुढ़ना रोड स्थित पुसार गांव निवासी किसान सतेंद्र चौधरी सी-91 गंगासागर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। उनका बेटा स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी वायु सेना में मिग-21 का फायटर पायलट थे। वह पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। अभिनव का रिश्ता एक प्रधानाध्यापक की बेटी सोनिका उज्जवल से हुआ था। सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी। अभिनव के पिता सतेंद्र चौधरी ने शादी की रस्म के तहत केवल एक रुपया स्वीकार किया था। सतेंद्र का कहना था कि शादी में दहेज की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। दो परिवारों को जोड़ने के लिए दहेज का लेन-देन जरूरी नहीं है। दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए।
मूल रूप से बागपत के बड़ौत-बुढ़ना रोड स्थित पुसार गांव निवासी किसान सतेंद्र चौधरी सी-91 गंगासागर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। उनका बेटा स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी वायु सेना में मिग-21 का फायटर पायलट थे। वह पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। अभिनव का रिश्ता एक प्रधानाध्यापक की बेटी सोनिका उज्जवल से हुआ था। सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी। अभिनव के पिता सतेंद्र चौधरी ने शादी की रस्म के तहत केवल एक रुपया स्वीकार किया था। सतेंद्र का कहना था कि शादी में दहेज की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। दो परिवारों को जोड़ने के लिए दहेज का लेन-देन जरूरी नहीं है। दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए।