मंगलवार, 18 मई 2021
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जेल कांड: सीबीआई या एनआईए से कराने की मांग
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में हाल में हुई हत्याओं की जांच सीबीआई या एनआईए से कराने की मांग करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याचिका में इन हत्याओं की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई है।
वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने दायर याचिका में चित्रकूट जेल में हुई तीन विचाराधीन कैदियों की हत्याओं और यूपी में 18 मार्च 2017 के बाद हुए सभी एनकाउंटर की जांच सीबीआई या एनआईए से जांच कराने की मांग की है। याचिका में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एनकाउंटर को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यूपी के मुख्यमंत्री के यूपी विधानसभा में की गई उस घोषणा का उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया था कि अपराधियों को ठोक दिया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि ये संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है।
याचिका में बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी और पिछले साल विकास दुबे की मुठभेड़ का हवाला देते हुए कहा गया है कि जेल में हत्याएं और मुठभेड़ की वर्तमान घटना कोई छिटपुट घटना नहीं है। ये घटनाएं न केवल चिंताजनक है बल्कि परेशान करनेवाला है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकारी एजेंसी किसी भी नागरिक की जान कभी भी ले सकती है।
एयरटेल को चौथी तिमाही में 759 करोड़ का लाभ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल को वित्त वर्ष 2020-21 चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 759 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी को 5,237 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
कंपनी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि आखिरी तिमाही में उसका एकीकृत राजस्व 11.9 फीसदी बढ़कर 25,747 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 23,019 करोड़ रुपये था। लेकिन, वित्त वर्ष 2020-21 में भारती एयरटेल को 15,084 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 32,183 करोड़ रुपये था। इसके अलावा बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारती एयरटेल का वार्षिक राजस्व एक लाख करोड़ रुपये (1,00,616 करोड़ रुपये) के पार चला गया। हालांकि, वित्त वर्ष 2019-20 में यह 84,676 करोड़ रुपये था। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में कंपनी के वैश्विक स्तर पर ग्राहकों की संख्या लगभग 47 करोड़ थी।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) के दौरान भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या में 1.41 करोड़ का इजाफा हुआ। इससे भारत में कंपनी के ग्राहकों की संख्या 35 करोड़ पर पहुंच गई है। बीएसई पर आज कंपनी के एक शेयर का दाम 549.55 रुपये पर रहा, जबकि एनएसई पर 547.80 रुपये पर रहा।
बढ़ती मौतों का आंकड़ा चिंता का विषय: वायरस
भारत के लिए समस्या जटिल, वैक्सीनेशन को बढ़ाये
वैसे, भारत में लगाये जा रहे दोनों कोरोना वैक्सीनों की तारीफ करते हुए डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि दोनों ही टीके कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ काफी प्रभावशाली है। वैसे कुछ मामलों में दोनों डोज लेनेवाले लोग भी संक्रमित हुए हैं, लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं है। अच्छी बात ये है कि वैक्सीन की दो डोज लेने वालों की रिकवरी ज्यादा जल्दी और आसान रही है।
स्पर्म ही महिला को प्रेग्नेंसी के लिए देता हैं संकेत
मदन प्रजापति
नई दिल्ली/सिडनी। किसी भी महिला के लिए गर्भवती होना कोई बहुत आसान प्रक्रिया नहीं होती है। इसमें एक साथ कई सारी चीजें घटित होती हैं। जाहिर सी बात है कि कोई भी महिला पुरुष के स्पर्म शुक्राणुओं के बिना प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है। हालांकि नई स्टडी से पता चला है कि प्रेग्नेंसी में सीधी भूमिका के अलावा भी स्पर्म एक और बहुत अहम काम करता है। ये स्टडी ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है।
वैक्सीनेशन के बाद गंभीर लक्षणो की रिपोर्ट करें
कविता गर्ग
नई दिल्ली। ब्रिटेन और कई अन्य देशों की तरह अब भारत में भी कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद रक्त स्राव और खून के थक्के जमने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थकेयर वर्कर्स और वैक्सीन लेने वालों के लिए वैक्सीन के साइड-इफेक्ट को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में लोगों से अपील की गई है कि वे टीका लेने के 20 दिन के भीतर ब्लड क्लॉट्स यानी खून के थक्के जमने के लक्षणों की पहचान करें और अगर कोई गंभीर लक्षण दिखता है तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट करें।
एडवाइजरी के मुताबिक, कोई भी वैक्सीन (खासकर कोविशील्ड) लेने के बाद अगर आपको शरीर में सूजन, छाती में दर्द, बिना उल्टी के पेट दर्द, तेज सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखें, तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट जरूर करें।एडवाइजरी के मुताबिक, अगर आपको इंजेक्शन लगने वाली जगह के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। ये ब्लड क्लॉट्स के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको माइग्रेन की समस्या नहीं है, लेकिन उसके बावजूद तेज सिर दर्द हो रहा है, तो टीकाकरण केंद्र पर इसकी रिपोर्ट भी करनी जरूरी है।
कोरोना वैक्सीन लगने के बाद अगर आपको कमजोरी हो रही है, बिना किसी कारण के लगातार उल्टी हो रही है, आंखों में दर्द है या धुंधला दिख रहा है, शरीर के किसी अंग ने काम करना बंद कर दिया है, तो ये समस्याएं बेहद ही गंभीर हैं। इसलिए टीकाकरण केंद्र पर मौजूद हेल्थकेयर वर्कर्स को इस लक्षणों के बारे में जानकारी दें।वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि देश में ब्लड क्लॉट के बहुत कम मामले कोविशील्ड वैक्सीन से जुड़े हो सकते हैं। समिति के मुताबिक, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की प्रति 10 लाख खुराक पर खून के थक्के जमने के सिर्फ 0.61 फीसदी मामले ही देखने को मिले हैं।
एडवाइजरी के मुताबिक, वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने का खतरा यूरोपीय मूल के व्यक्तियों की तुलना में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई मूल के व्यक्तियों में लगभग 70 फीसदी कम होता है। राष्ट्रीय एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना) समिति का कहना है कि कोवैक्सीन टीका लगाने के बाद खून के थक्के जमने का एक भी मामला अभी तक दर्ज नहीं किया गया है।
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इस समय 1005 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेन :- कोरोना संक्रमण को रोकने और यात्रियों की संख्या में आई कमी को देखते हुए रेलवे इस समय 1005 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेन यात्री ट्रेनों का संचालन कर रही है। उपनगरीय सेवाओं में भी कमी आई है और इनकी संख्या इस समय 3893 है। इसके अलावा सवारी गाड़ियों की संख्या भी कम होकर 517 रह गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक 4.32 लाख कर्मचारियों का टीकाकरण हो चुका है।
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गाजा पर बनी सुरंगें हमास के लिए अहम हथियार
विकास कुमार
नई दिल्ली। गाजा पर बनाई गई सुरंगें (टनल) हमास के लिए बेहद अहम हथियार हैं। 2014 में इजरायल के साथ जंग के बाद से लड़ाके इन्हें हथियार लाने-ले जाने, दुश्मन देश में दाखिल होकर सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। गाजा का ऐसा ही टनल नेटवर्क मिस्र की ओर भी था। 2009 में यहां से आवाजाही रोकने के लिए अंडरग्राउंड बैरियर लगाए गए। हालांकि, 2011 में मिस्त्र ने पाबंदियों पर ढील देते हुए आवाजाही की छूट दे दी। इसके बाद फलस्तीनियों को बार्डर पार करने की आजादी मिल गई, लेकिन फिर 2013-2014 में मिस्त्र की सेना ने करीब 1,200 सुरंगे नष्ट कर दी थीं।
वर्ष 2007 में बनी थी पहल टनल
गाजा पट्टी और मिस्र के बीच पहली टनल 2007 में बनाई गई थी और इसका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जाता था। इससे पहले भी इस तरह के ढांचों से काम लिया जाता था। बाद में इन्हें इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने लगा।
जमीन के ऊपर से पता करना मुश्किल
इन सुरंगों का जमीन के ऊपर से पता लगाना मुश्किल है। इनकी छत कंक्रीट से बनी हैं। इन्हें बनाने में तीन से नौ करोड़ डॉलर की लागत आई है। इसका इस्तेमाल हमास के अलावा फलस्तीन में इस्लामिक जिहाद मूवमेंट भी करता है।
इजरायली सैनिक का किया था अपहरण
इन्हीं टनल का प्रयोग करके हमास ने 2006 में इजरायली सैनिक जिलाद शालित का अपहरण किया था और पांच साल तक बंदी बनाकर रखा था। इजरायल इन्हें खत्म करने की कोशिश लंबे वक्त से करता रहा, लेकिन पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली है।
यह रहा है इतिहास
- वर्ष 2014 में हुए युद्ध के दौरान इजरायल ने 30 सुरंगों को नष्ट कर दिया था।
- वर्ष 2007 के बाद से हमास ने 1300 टनल बनाई हैं। इन पर करीब सवा अरब डालर का खर्च आया है।
- वर्ष 2014 में गाजा युद्ध के दौरान हमास ने सुरंग में चलते सैनिकों का वीडियो जारी किया था।
- एक दौर में करीब 22 हजार फलस्तीनी 2500 टनल के जरिये दोनों देशों के बीच अपना काम करते थे।
तेल भी किया जाता था आयात
इन टनल्स से तेल का आयात भी होता है। गाजा के अकेले पावर प्लांट को चलाने के लिए आयात कर लाए गए तेल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। 2013 में जब मिस्त्र ने सैकड़ों की संख्या में टनल खत्म कर दीं तो तेल की कमी के चलते गाजा का ये अकेला पावर प्लांट भी बंद हो गया था।
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