शनिवार, 17 अप्रैल 2021

अभिनेत्री कंगना ने जौहर पर जमकर साधा निशाना

मनोज सिंह ठाकुर           
मुंबई। कार्तिक आर्यन के 'दोस्ताना 2 ' से बाहर होने के बाद बॉलीवुड की गलियारों में एक बार फिर से नेपोटिज्म को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। वहीं इन सब के बीच अपने बेबाक बयानों के कारण चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत कार्तिक आर्यन के सपोर्ट में खुलकर आगे आई हैं और इसके साथ ही उन्होंने फिल्म के निर्माता करण जौहर पर एक बार फिर से जमकर निशाना साधा है। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किये हैं। अपने पहले ट्वीट में कंगना ने फिल्म समीक्षक तरण आदर्श के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए  लिखा-''कार्तिक ने इतना लंबा सफर अपने दम पर पूरा किया है और अपने दम पर ही वह इसे आगे भी जारी रखेगा। पापा जो और नेपो गैंग से मेरी विनती है कि उसे प्लीज अकेला छोड़ दो, सुशांत की तरह इसके पीछे मत पड़ जाओ ताकि उसको भी फांसी पर लटकाना पड़े।

भारत: 24 घंटों में कोरोना से 1341 लोगों की मौत

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा दो लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के दो लाख 34 हजार 692 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक कोरोना के कुल 1,45,26,609 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना से 1341 लोगों की मौत हुई। इसके साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,75,649 तक पहुंच गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 16,79,740 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, राहत की बात यह है कि कोरोना से अबतक 1,26,71,220 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि, देश का रिकवरी रेट 87.22 प्रतिशत हो गया है।
देश में पिछले 24 घंटों में 14 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक, 16 अप्रैल को 14,95,397 टेस्ट किए गए। अब तक देश में कुल 26,49,72,022 टेस्ट किए जा चुके हैं।

ममता के ऑडियो क्लिप पर मचा घमासान, मांग की

कोलकाता। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से अनुरोध किया कि वो उस कथित ऑडियो क्लिप पर संज्ञान लें। ममता के ऑडियो क्लिप पर घमासान मचा और भाजपा ने जांच की मांग की।
जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूच बिहार गोलीबारी के पीड़ितों के शवों के साथ रैली का प्रस्ताव देते सुनी जा रही हैं। क्योंकि राज्य में जारी चुनावों के बीच ऐसे किसी कदम से तनाव और बढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वपन दासगुप्ता ने यहां सीईओ कार्यालय पहुंचे पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। दासगुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने आफताब को उस बातचीत से अवगत कराया जो संभवत: ममता बनर्जी और सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच हुई और बताया कि इसकी वजह से विधानसभा चुनाव के अगले तीन चरणों में अप्रिय स्थिति बन सकती है।

बीपीएफ: कांग्रेस ने भाजपा को दिया करारा जवाब

रायपुर। असम के बोडो पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ में रखे जाने पर भाजपा ने सवाल उठाया था। अब इस पर भाजपा को कांग्रेस ने करारा जवाब दिया। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन ने कहा कि भ्रष्टाचार के पैसे से खरीद-फरोख्त करने वाली भाजपा को तकलीफ क्यों हो रही है। भाजपा ने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में जो किया था वो क्या था?, भाजपा डरी हुई है। क्योंकि असम से सत्ता जा रही है  त्रिवेदी ने कहा कि असम चुनाव के ठीक पहले भाजपा के अनेक सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। इसका प्रमुख कारण पांच के साल शासनकाल में भाजपा की जन विरोधी नीतियां रही है। नीतियों से नाराज सारे राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ आ गए अब इन्हें बीजेपी से बचाने यहां सुरक्षित रखा जा रहा है। राजनीति में जिस प्रकार से इन्होंने खरीद फरोख्त की है, वो किसी से छिपा नहीं है। भाजपा अब इसमें आपत्ति जता रही है। उन्हें भ्रष्टाचार के पैसे से जनप्रतिनिधियों को खरीदने का मौका नहीं मिल रहा है  इसलिए उन्हें तकलीफ हो रही है।
भाजपा ये बताए कि कोरोना के ठीक पहले मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को बेगलूरू में रखा था या नहीं रखा था असम के विधानसभा उम्मीदवार छत्तीसगढ़ आए तो पेट में क्यों दर्द हो रहा है?
बता दें कि असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी बोडो पीपुल्स के उम्मीदवार छत्तीसगढ़ के बस्तर लाए गए हैं। इस पर बीजेपी नेता एवं पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर सवाल उठाया था। कहा था कि कोरोना काल में मंत्री, सांसद, विधायक सेवा में लगे हुए हैं। जबकि पूरे बस्तर में धारा 144 लगी हुई है। लॉकडाऊन लग रहा है, फिर दूसरे प्रदेश के लोग बस्तर में ओ भी रेस्ट हाउस में किसके निर्देश पर रुके हुए हैं ? मेरा सरकार से आग्रह है जल्द उन्हें निकाल बाहर करें एवम बस्तर की चरमराती चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करे।

हरिद्वार महाकुंभ: 54 संत पाएं गए कोरोना पॉजिटिव

पंकज कपूर     
हरिद्वार। महाकुंभ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम तक उत्तराखंड में 2402 कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए। जिसमें देहरादून में 1051 और हरिद्वार में 539 मामले शामिल हैं। कुल मामलों की संख्या 1,18,646 है। हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एसके झा ने मीडिया से बातचीत में ये जानकारी दी है कि आज कुंभ मेले में भाग लेने वाले 24 संतों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।अब तक 54 संतों को पॉजिटिव पाया गया है। इसी बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की है। शनिवार को अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी  उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।

विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान शुरू

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान शुरू हो गया है। आज उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के छह जिलों की 45 सीटों पर मतदान किया जा रहा है। पोलिंग बूथ पर लंबी-लंबी कतारे लगी है। अधिकतर बूथ पर वोटर्स कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करते नजर आए कोरोना का कहर पश्चिम बंगाल में भी दिख रहा है। इसके बावजूद मतदान केंद्रों पर कोरोना से बचाव की गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा है। मतदाता एक-दूसरे के एकदम करीब खड़े होकर वोट डालने का इंतजार कर रहे पांचवें चरण में राज्य में जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग दार्जिलिंग, नदिया, उत्तर 24 परगना और पुर्बा बर्धमान जिलों की 45 सीटों पर मतदान हो रहा है पांचवें चरण में उत्तर बंगाल की 13 सीटें भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती हैं। वहीं इसके विपरीत दक्षिण बंगाल में तृणमूल की स्थिति अच्छी है। हालांकि दक्षिण बंगाल से अपना दबदबा खो चुका वामदल भी यहां कुछ सीटों पर आश्चर्यचकित कर सकता है।

बिटकॉइन के बाद ऊंचे स्तर पर पहुंची एनएफटी

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। सबसे लोवेस्ट चलने वाली कंपनी बिटकॉइन आज सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंच गई है। बिटकॉइन के निवेशक रातों-रात अरबपति बन गए। लेकिन अब बिटकॉइन का क्रेज खत्म होता जा रहा है। निवेशकों का मन एक बार फिर बदल रहा है। इस बार एनएफटी का चलन बढ़ रहा है। आइए जानते हैं एनएफटी क्या होता है। एनएफटी एक नॉन-फंजिबल टोकन है। इसे एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन कहा जा सकता है। कोई ऐसी तकनीकी आर्ट जिसके बारे में अगर यह दावा किया जाता है कि वो यूनिक है। साथ ही यह स्थापित किया जाता है कि उसका मालिकाना हक किसी खास व्यक्ति के पास है तो उसे एनएफटी यानी नॉन-फंजिबल टोकन कहा जाता है।
आज कल निवेशक इस तरह की चीजों पर खासा ध्यान दे रहे हैं, जो केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं। साथ ही यूनिक भी है। पिछले कुछ दिनों से एनएफटी को लेकर खबरें सामने आ रही हैं और लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल भी हैं। इसके बारे में लोगों का ध्यान तब आकर्षित हुआ। जब कुछ ही दिन पहले एक 10 सेकंड की वीडियो क्लिप करीब 66 लाख डॉलर यानी करीब 48.44 करोड़ रुपए में बिकी। इसे मियामी के एक आर्ट कलेक्टर पाब्लो रोड्रिगूज फ्रेले ने खरीदा है। इन्होंने वर्ष 2020 में भी 10 सेकंड के आर्टवर्क पर 67 हजार डॉलर यानी करीब 49.17 लाख रुपए खर्च किए थे। यह एक कंप्यूटर जनरेटेड वीडियो है।

खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती है ममता

आसनसोल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने केंद्रीय बलों और सेना तक को ‘‘बदनाम’’ किया और राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाए। यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें भूतपूर्व मुख्यमंत्री का प्रमाणपत्र देने वाली है। 
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण सहित अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठकों में ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि ‘‘दीदी’’ अपने अहंकार में इतनी बड़ी हो गई है की हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई है लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आती हैं। कोरोना वायरस को लेकर बुलाई गई पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आई।

टीकाकरण के लिए आयुसीमा को 25 साल किया जाएं

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि टीकाकरण के लिए आयुसीमा को घटाकर 25 साल किया जाए तथा अस्थमा, मधुमेह और कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से निपटने के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों और दवाओं को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए तथा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने पर गरीबों को प्रति माह छह हजार रुपये की मदद देनी चाहिए।सोनिया ने बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में आने और रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत होने पर दुख जताते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में अपना कर्तव्य निभा रहे स्वास्थ्यकर्मियों एवं दूसरे कर्मचारियों को कांग्रेस सलाम करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि कई जगहों पर टीकों, ऑक्सीजन और वेंटिलेंटर की कमी हो रही है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार को टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए और आयुसीमा को घटाकर 25 साल करना चाहिए। अस्थमा, मधुमेह, किडनी और लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित सभी युवाओं को टीका लगाया जाना चाहिए।’’उल्लेखनीय है कि टीकाकरण के लिए अभी न्यूतम आयुसीमा 45 साल निर्धारित है।

दुमका कोषागार मामलें से लालू को मिलीं जमानत

मनोज सिंह ठाकुर     
रांची। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। लालू यादव को दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में जमानत मिल गई है।
चारा घोटाला मामले से संबंधित अन्य मामलों में लालू यादव को पहले से जमानत मिली हुई है। चईबासा और देवघर कोषागार मामले में लालू को पहले से ही जमानत मिली हुई है। दोरांडा कोषागार के मामले में अब भी ट्रायल जारी है। अब लालू यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।

महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकें, अपील की

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ”प्रतीकात्मक” रखने की अपील की। ताकि, इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उन्होंने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से इस सिलसिले में फोन पर बात की और साथ ही संतों का कुशल-क्षेम भी पूछा। उन्होंने कहा, ”मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।” एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी अवधेशानंद से बात कर उन्होंने सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने कहा, ”सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।
कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान—महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रूपेण संस्थिता: नवरात्रि

कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। परम्परागत रूप से देवी दुर्गा की तरह वे लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को उनकी पूजा की जाती है। उस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं। 'कात्यायनी' अमरकोश में पार्वती के लिए दूसरा नाम है। संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है में भी प्रचलित हैं।यजुर्वेद के तैत्तिरीय अणवय में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं। जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है। जिसका उल्लेख पाणिनी पर महाभाष्य में किया गया है। जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है। उनका वर्णन देवीभागवत पुराण और मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य में किया गया है। जिसे 400 से 500 ईसा में लिपिबद्ध किया गया था। बौद्ध और जैैैन ग्रंथों और कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कालिका पुराण (10 वीं शताब्दी) में उनका उल्लेख है। जिसमें उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ का स्थान बताया गया है।

कथा

माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है। कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली।

कुछ समय पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया। तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं। ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है। माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।

उपासना

नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में छठे दिन इसका जाप करना चाहिए।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। इसके अतिरिक्त जिन कन्याओ के विवाह मे विलम्ब हो रहा हो। उन्हे इस दिन माँ कात्यायनी की उपासना अवश्य करनी चाहिए। जिससे उन्हे मनोवान्छित वर की प्राप्ति होती है।

महिमा

माँ को जो सच्चे मन से याद करता है। उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। जन्म-जन्मांतर के पापों को विनष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना के लिए तत्पर होना चाहिए।

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति पुतिन ने 'परमाणु नीति' पर हस्ताक्षर किए  अखिलेश पांडेय  मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक अहम फैसले के अंतर...