शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

जम्मू-कश्मीर: दसवीं की परीक्षाओं को रद्द किया

श्रीनगर। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर शिक्षा बोर्ड की चल रही दसवीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया। साथ ही बारहवीं की परीक्षाओं को स्थगित करने के साथ सभी निजी टयूशन सेंटरों व स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद करने के आदेश जारी कर दिया है। 
गुरुवार को उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्विट करके दसवीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द किए जाने की पुष्टि की है। ट्विट के जरिये कहा गया है कि दसवीं कक्षा की बाकी बची परीक्षाओं को रद्द किया जा रहा है। बच्चों को ग्यारहवीं कक्षा में प्रोमोशन करने का फैसला बाद में लिया जाएगा। यह फैसला उनकी अब तक हुई परीक्षा व इंटरनल असेसमेंट के आधार पर लिया जाएगा। इसके अलावा प्रशासन ने बारहवीं की बाकी बची परीक्षाओं को भी फिलहाल टाल दिया है। अब बाकी पेपरों की परीक्षा कब होगी, इसको लेकर एक महीने बाद बोर्ड कोई फैसला लेगा। 
 
उल्लेखनीय है कि दसवीं कक्षा के अभी भी हिंदी, उर्दू, मैथेमेटिक्स, म्यूजिक, पेंटिंग आर्ट्स एंड ड्राइंग और साइंस के पेपर होना बाकी थे लेकिन प्रशासन ने शेष परीक्षाओं को न कराने का फैसला लिया गया है। दसवीं की परीक्षाएं 24 अप्रैल को संपन्न होनी थी। इसी तरह बाहरवीं कक्षा के 17 अप्रैल कोे आइटी एंड आइटीइएस, 22 अप्रैल को कैमिस्ट्री, 26 अप्रैल को मैथेमेटिक्स, एप्लाइड मैथेमेटिक्स और 29 अप्रैल को बायो, बॉटनी, जूलाजी और स्टेटिस्टिक्र अकाउंटेंसी आदि की होने वाल पेपर अब स्थगित कर दिये गये हैं। स्थगित बारहवीं की परीक्षाओं के लिए बोर्ड एक महीने बाद फिर से समीक्षा करेगा और अगर कोरोना के मामले कम हुए तो बोर्ड बारहवीं के पेपरों की अलग से डेटशीट जारी करेगा।
गुरुवार को आपदा प्रबंधन के सदस्य सचिव सिमरनदीप सिंह ने स्कूलों और टयूशन सेंटरों को 30 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया। पहली से लेकर बारहवीं तक के स्कूल चार अप्रैल से 18 अप्रैल तक पहले ही बंद थे लेकिन अब स्कूलों के साथ टयूशन सेंटरों को भी 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। इसी बीच शिक्षा निदेशक जम्मू रवि शंकर शर्मा ने भी अपने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई टयूशन सेंटर खुला पाया जाता है तो उस सेंटर को आपदा प्रबंधन आदेश की अवहेलना का दोषी पाते हुए स्थायी रूप से बंद करवा दिया जाए।

यूजर्स के लिए रोलआउट कर दिया जाएगा व्हाट्सएप

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप के दुनियाभर में करोड़ों यूजर्स हैं, ये ऐप इसलिए भी पॉपुलर है। क्योंकि ये यूजर्स को मैसेजिंग के अलावा भी ज्यादा से ज्याद सुविधा देता है। ऐप में यूजर्स को एक खास फीचर का लंबे समय से इंतजार था। वहीं अब ये इंतजार खत्म होने जा रहा है। खबरें हैं कि व्हाट्सऐप जल्द ही ग्रुप के लिए डिसअपीयरिंग फीचर लेकर आने वाला है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये फिचर यूजर्स के लिए रोल आउट कर दिया जाएगा व्हाट्सएप। अब जल्द ही व्हाट्सऐप के ग्रुप के मेंबर्स को भी डिसअपीयरिंग मैसेज का कंट्रोल मिलेगा। पिछले साल ये फीचर सिंगल चैट के लिए पेश किया गया था। वहीं अब ये ग्रुप चैट्स के लिए अवेलेबल होगा। फीचर के आनें के बाद वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन के साथ ग्रुप के मेंबर्स भी डिसअपीयरिंग मैसेज फीचर का यूज कर सकेंगे। फिलहाल ये सर्विस केवल ग्रुप एडिमन तक ही सीमित है। मतलब किसी ग्रुप का एडमिन इस नए फीचर के तहत किसी ग्रुप के मेंबर के लिए इस फीचर को इनेबल कर सकते हैं।
इस फीचर में एडमिन के पास दो ऑप्शंस होंगे  पहला और दूसरा 'एडमिन को इन दोनों ऑप्शंस में से किसी एक को सलेक्ट करना होगा। अभी ये फीचर टेस्टिंग फेज में है, जो कि लेटेस्ट बीटा वर्जन एंड्रॉयड 2.21.8.7 में की जा रही है। 

नागरिकता देने से इनकार करने का आरोप लगाया

तेहट्टा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दलित मतुआ व नामशूद्र समुदाय के लोगों को नागरिकता देने से इनकार करने का आरोप लगाया। क्योंकि उनके “वोटबैंक को यह पसंद नहीं आता”। कई सीटों पर विधानसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले इन दोनों समुदायों को साधने के प्रयास के तहत शाह ने कहा कि राज्य में अगर भाजपा सत्ता में आई तो इन दोनों समुदायों के कल्याण के लिये 100 करोड़ रुपये का एक कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘‘पर्यटक नेता’’ करार दिया। उन्होंने नादिया जिले के तेहट्टा में एक चुनावी रैली के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “यह मतुआ और नामशूद्र परिवार यहां 50-70 सालों से रह रहे हैं, तीन पीढ़ियों से। लेकिन दीदी कहती हैं कि उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी, क्यों? क्योंकि उनके वोट बैंक को यह पसंद नहीं आएगा।” राज्य में बुधवार को पहली दो चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शाह ने उन्हें “पर्यटक नेता” बताया।

अनुमानित इस्तेमाल के कारण हालात की समीक्षा की

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देश में ऑक्सीजन आपूर्ति की मौजूदा स्थिति के साथ ही, कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित 12 राज्यों में आगामी 15 दिनों में इसके अनुमानित इस्तेमाल के कारण पैदा होने वाले हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक , मोदी ने देश में चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी विस्तार से समीक्षा की।पीएमओ के मुताबिक, इस समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, इस्पात, सड़क परिवहन व अन्य मंत्रालयों की ओर से संबंधित जानकारियां प्रधानमंत्री से साझा की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय और राज्य सरकारों के साथ सहयोग सुनिश्चित करने को कहा। बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आक्सीजन आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और कोरोना महामारी से अत्यधिक प्रभावित 12 राज्यों में आगामी 15 दिनों में इसके अनुमानित इस्तेमाल की स्थिति की समीक्षा की।इन 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति की जिलावार स्थिति के बारे में एक विवरण प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों ने देश में चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन आयात करने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार कोरोना के लक्षण

वाशिंगटन डीसी। पूरी दुनिया में कोरोना ने हाहाकार मचा कर रखा है। महामारी की दूसरी लहर ने भारत में पिछले साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। डॉक्टरों की मानें तो पेट में दर्द, उल्टी-दस्त, डायरिया और बदन दर्द की शिकायत लेकर आने वाले करीब 40 प्रतिशत मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। ज्यादातर लोगों को अब तक यही लगता है कि सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार ही कोरोना के लक्षण हैं। इसलिए अगर उन्हें पेट दर्द, सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या होती है तो वे डॉक्टर के पास जाने की बजाए घर पर ही घरेलू नुस्खों से इलाज करते हैं, लेकिन जब काफी समय तक बीमारी ठीक नहीं होती तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं और तब तक वायरस शरीर को काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है। 
कोरोना के नए लक्षण : थकान, कमजोरी, सुस्ती, बदन दर्द, डायरिया, उल्टी, पेट दर्द भी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि सर्दी और बुखार जैसे लक्षण 10-15 फीसदी मामलों में नहीं नजर आ रहे हैं। साथ ही फेफड़ों में संक्रमण नहीं आने की एक वजह यह भी है कि युवाओं का इम्युन सिस्टम ज्यादा मजबूत होता है।

प्रदूषण को 30 फीसदी कम कर देता है तुलसी पौधा

कोरोना काल में लोगों का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। ऐसे में आप अपने शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के उपाय करने चाहिए। शरीर को अपनी दैनिक क्रियाओं को सही प्रकार से करने के लिए 90-100 फीसदी ऑक्सीजन की जरूरत होती है।लेकिन अगर प्रदूषण की वजह से ऑक्सीजन का स्तर 90 फीसदी से नीचे चला जाता है तो इससे थकान, स्किन एलर्जी, आंखों में जलन, सर्दी-जुकाम जैसी प्रॉब्लम्स फील होने लगती हैं।
प्रदूषण की समस्या से पार पाने के लिए स्वच्छ वातावरण में रहना बहुत जरूरी है। इस लिहाज से घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत लाभकारी है। तुलसी का पौधा लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आसपास के वातावरण के प्रदूषण के स्तर को 30 फीसदी तक कम कर देता है। जिससे आपको मिलने वाली वायु स्वच्छ और निर्मल हो जाती है। यदि तुलसी से बने काढ़े का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इससे प्रदूषण के असर को प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी के 10 पत्तों, जरा सी अदरक, गुड़ और दो कालीमिर्च डालकर एक गिलास पानी के साथ उबाल लें। जब यह पानी उबल कर एक चौथाई रह जाए तो इसे छान लें और पी लें।

यूपी में हर रविवार को रहेंगा लॉकडाउन, घोषणा की

हरिओम उपाध्याय      
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की, कि पूरे प्रदेश में अब हर रविवार को लॉकडाउन रहेगा और मास्‍क नहीं पहनने पर पहली बार में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। राज्‍य सरकार ने सभी ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और दफ्तर बंद रहेंगे। केवल स्वच्छता संबंधी और आपातकालीन सेवाएं ही संचालित होंगी।एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने एक बैठक के दौरान लोगों को मास्‍क पहनने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि अगर किसी को पहली बार बिना मास्क पहने पकड़ा जाए तो उस पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाए। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम से संबंधित कार्यों में पिछले वर्ष विधायक निधि बहुत उपयोगी सिद्ध हुई थी और इस वर्ष भी कोविड केयर फंड की नियमावली के अनुरूप विधायकों की अनुशंसा पर उनकी निधि का उपयोग कोविड प्रबंधन में किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों का पहला चरण अत्‍यंत शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और जिन क्षेत्रों में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई, उन क्षेत्रों में ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि अन्य चरण के चुनावों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके।

महामारी से निपटने की रणनीति फैल, साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी से निपटने की रणनीति को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार की कोविड रणनीति- पहला चरण- तुग़लक़ी लॉकडाउन लगाओ। दूसरा चरण- घंटी बजाओ। तीसरा चरण- प्रभु के गुण गाओ।’’कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने लोगों से अपील की, ‘‘प्यारे देशवासियों, ये हम सबके लिए बहुत संकट का समय है। हम सबके प्रियजन, परिवारजन, आस-पास के लोग कोरोना महामारी की चपेट में आ रहे हैं।’’उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘आप सब से निवेदन है कि मास्क लगाएं एवं कोविड सुरक्षा संबंधी सभी निर्देशों का पालन करें। सावधानी और संवेदना के साथ हमें मिलकर इस जंग को जीतना होगा।गौरतलब है कि देश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,17,353 नए मामले सामने आने के बाद अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,42,91,917 हो गई। इसके साथ ही, 1,185 और लोगों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या भी बढ़कर 1,74,308 हो गई। 

कोरोना: सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत का निधन

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा (68) का शुक्रवार सुबह यहां निधन हो गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई है। अधिकारियों के अनुसार बृहस्पतिवार रात को सिन्हा के कोरोना वायरस संक्रमित होने का पता चला था। बिहार कैडर के 1974 बैच के अधिकारी सिन्हा ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) एवं रेलवे सुरक्षा बल का नेतृत्व किया था और 2012 में सीबीआई प्रमुख बनने से पहले उन्होंने पटना एवं दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो में वरिष्ठ पदों पर जिम्मेदारी निभाई।

भारत: 24 घंटों में कोरोना के 2.17 लाख नए मामलें

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और पिछले 24 घंटों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में रिकाॅर्ड 2.17 लाख नये मामले दर्ज किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2,17,353 नये मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 42 लाख 91 हजार 917 हो गयी है। वहीं इस दाैरान रिकाॅर्ड 1,18,302 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। जिसे मिलाकर अब तक 1,25,47,866 मरीज कोरोना मुक्त भी हो चुके हैं। देश में कोरोना के सक्रिय मामले 15 लाख को पार कर 15,69,743 हो गये हैं। इसी अवधि में 1185 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,74,308 हो गयी है।

या देवी सर्वभू‍तेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता: नवरात्रि

नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

कथा

भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।

स्वरूप

स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है।

महत्व

नवरात्रि-पूजन के पाँचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है। इस चक्र में अवस्थित मन वाले साधक की समस्त बाह्य क्रियाओं एवं चित्तवृत्तियों का लोप हो जाता है। वह विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा होता है। साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासना माँ स्कंदमाता के स्वरूप में पूर्णतः तल्लीन होता है। इस समय साधक को पूर्ण सावधानी के साथ उपासना की ओर अग्रसर होना चाहिए। उसे अपनी समस्त ध्यान-वृत्तियों को एकाग्र रखते हुए साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।

माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस मृत्युलोक में ही उसे परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है। उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना भी स्वमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है। एक अलौकिक प्रभामंडल अदृश्य भाव से सदैव उसके चतुर्दिक्‌ परिव्याप्त रहता है। यह प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता रहता है। हमें एकाग्रभाव से मन को पवित्र रखकर माँ की शरण में आने का प्रयत्न करना चाहिए। इस घोर भवसागर के दुःखों से मुक्ति पाकर मोक्ष का मार्ग सुलभ बनाने का इससे उत्तम उपाय दूसरा नहीं है।

उपासना

प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में पाँचवें दिन इसका जाप करना चाहिए।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और स्कंदमाता के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। इस दिन साधक का मन 'विशुद्ध' चक्र में अवस्थित होता है। इनके विग्रह में भगवान स्कंदजी बालरूप में इनकी गोद में बैठे होते हैं।

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