अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/ ढाका। पाचं दिवसीय दौरे पर ढाका पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भारत की ओर से बांग्लादेशी सेना को कोविड-19 की एक लाख डोज वैक्सीन उपहार में दी है। जनरल नरवणे ने बांग्लादेश के तीनों सेनाध्यक्षों से मुलाकात करके दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की है। जनरल नरवणे ने अपनी यात्रा के पहले दिन 08 अप्रैल को बांग्लादेश के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल एम शाहीन इकबाल से मुलाकात करके आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बांग्लादेशी वायुसेना के एयर वाइस मार्शल एम अबुल बशर के साथ भी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। नरवणे और बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल अजीज अहमद के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की गई। जनरल अजीज ने उम्मीद जताई कि रोहिंग्या संकट के समाधान में भारत बांग्लादेश का समर्थन करेगा।
बैठक के दौरान दोनों जनरलों ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अच्छे संबंधों और भविष्य में आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा सीमा सड़क संगठन के कार्यान्वयन, सेना के पायलटों के प्रशिक्षण, रक्षा विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों के आदान-प्रदान, आपसी रक्षा सहयोग पर चर्चा की गई। जनरल नरवणे ने बांग्लादेश के संग्रहालयों के लिए उपहार में टी-55 टैंक की प्रतिकृति और 75/24 मिमी हॉवित्जर की तस्वीर भेंट की। इन टैंक और हॉवित्जर ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यात्रा के दूसरे दिन जनरल नरवणे ने पत्नी वीना नरवणे के साथ बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान मेमोरियल संग्रहालय’ का दौरा किया। यह संग्रहालय बंगबंधु के जीवन और संघर्ष को दर्शाता है, जिन्होंने अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। भारत की ओर से बांग्लादेश सेना को कोविड-19 की एक लाख डोज वैक्सीन जनरल नरवणे ने उपहार में दी। बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल अजीज अहमद ने महामारी से निपटने में भारत के सराहनीय सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इससे पहले दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच मौजूदा करीबी संबंधों को और मजबूत करने के लिए पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचने के बाद नरवणे ने बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वर्ष 2021 भारत-बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों, पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ औ शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी का प्रतीक है।