शुक्रवार, 22 जनवरी 2021
हापुड़ः पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने दखल देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की
हापुड़ः आरटीओ ने आवेदकों से शपथ ग्रहण कराई
रवाना: आंदोलन में भाग लेंगे, छत्तीसगढ़ के किसान
रायपुर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर कल छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर कॉर्पोरेटपरस्त कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल की सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने की मांग की जाएगी। ज्ञापन सौंपने के बाद सैकड़ों किसान और ग्रामीण जन दिल्ली में आयोजित किसान गणतंत्र परेड में शामिल होने के लिए रवाना होंगे। छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने आज यहां जारी एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी किसान गणतंत्र परेड आयोजित किये जा रहे हैं। सभी स्थानों पर ये परेड सरकारी कार्यक्रमों के बाद आयोजित किये जायेंगे। केंद्र सरकार द्वारा इन कानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगाने की बात को धोखाधड़ीपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि इन कानूनों में पोल ही पोल है, लेकिन इसके बावजूद यह सरकार इनको लागू करने पर तुली हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार की घोषणा को ठुकराए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा है कि जिंदगी और मौत की लड़ाई में बीच का रास्ता नहीं होता और किसान विरोधी इन कानूनों की वापसी ही एकमात्र विकल्प है। इस आंदोलन में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत दी है और ये शहादतें व्यर्थ नहीं जाएंगी और अंतिम सांस तक खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले इन कॉर्पोरेटपरस्त कानूनों के खिलाफ देश के किसान और अवाम मिलकर संघर्ष करेंगे।किसान सभा नेताओं ने कहा कि एक ओर सरकार समर्थन मूल्य की प्रणाली जारी रहने की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर संघी गिरोह और गोदी मीडिया इसके उपयोगी न रहने का दुष्प्रचार कर रहा है। वास्तविकता यह है कि निजी मंडियों के अस्तित्व में आने के बाद और खाद्यान्न व्यापार को विश्व बाजार की कीमतों के साथ जोड़ने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की पूरी व्यवस्था ही ध्वस्त जो जाएगी। इसलिए यदि मोदी सरकार अपने कहे के प्रति भी गंभीर है, तो आश्वासन से ऊपर उठकर उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाना चाहिए, ताकि किसान समुदाय को इस सरकार की कथनी पर विश्वास हो सके। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं। उनका संघर्ष उस समूची अर्थव्यवस्था के कारपोरेटीकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा। इसलिए किसान सभा नेताओं ने आम जनता से अपील की है कि देश और अवाम को बचाने की इस लड़ाई में वे किसान आंदोलन को अपना समर्थन व सहयोग दें।
उत्तराखंड: राज्य के पहले बालमित्र थाने का उद्घाटन
कर्नाटक: हादसे में 15 लोगों की मौत, जताया दुख
बेंगलुरु। कर्नाटक का शिवमोगा जिला में गुरुवार रात हुए भीषण धमाके की गूंज से दहल उठा। ट्रक में भरकर ले जाए जा रहे विस्फोटक में धमाके में अब तक 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। आशंका है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। धमाका इतना भीषण था कि आसपास के घरों के शीशे टूट गए। इतना ही नहीं 50 किलोमीटर के दायरे में तेज झटके महसूस किए गए। लोगों को पहले तो लगा कि यह तेज भूकंप के झटके हैं। वहीँ हादसे में लोगों के मारे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘शिवमोगा में जानमाल के नुकसान से आहत। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। प्रार्थना है कि घायल जल्द ठीक हो जाएं। राज्य सरकार प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। हादसे में लोगों के मारे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है।
यूपीएससी परीक्षाओं में दूसरा मौका नहीं मिलेगा
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा, ”हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए…कल (बृहस्पतिवार) रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं।” पीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी थे।
पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के ऐसे अभ्यर्थियों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। देश में कोविड-19 महामारी और कई हिस्सों में बाढ़ के कारण परीक्षा को टालने का अनुरोध किया गया था। यह परीक्षा चार अक्ट न्यायालय ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग से उम्र सीमा के कारण अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने पर विचार करने को कहा था। तब पीठ की जानकारी दी गई थी कि इस संबंध में औपचारिक फैसला केवल डीओपीटी ही ले सकता है।
महिला सुरक्षा को लेकर राहुल का बीजेपी पर हमला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बहुचर्चित प्यारे मिया मामले में 17 वर्षीय रेप पीड़िता की हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई थी। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस शव को लेकर सीधे श्मशान घाट पहुंची, जहां परिजनों के सामने उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। वहीं मां घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रही थी। लेकिन पुलिस हाथरस की तरह सीधे श्मशान घाट शव लेकर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि रेप पीड़िता की मौत नींद की अत्याधिक मात्रा में गोली लेने की वजह से हुई है। पुलिस की कार्यशैली बिल्कुल हाथरस कांड जैसी रही है। वहां भी पुलिस रेप पीड़िता को सीधे श्मशान घाट लेकर पहुंची थी।वहीँ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है उन्होंने ट्वीट कर कहा- हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी बार दोहरायी जाएगी? भाजपा सरकार महिला सुरक्षा में तो फ़ेल है ही, पीड़िताओं और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है। मिली जानकारी के मुताबिक पत्रकार प्यारे मियां के हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट की 4 पीड़िताओं को भी सरकारी शेल्टर होम में रखा गया है। मृतक भी वहीं रहती थी। दरअसल, सोमवार को वह नींद की गोली खा ली थी। उसके बाद जेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जेपी से उसे हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया था, जहां बुधवार की रात उसका निधन हो गया है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 66 वर्षीय गोगोई को देश भर में उनकी यात्रा के दौरान केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सशस्त्र कमांडो सुरक्षा प्रदान करेंगे।राज्यसभा सदस्य गोगोई को पहले दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी। गोगोई नवंबर, 2019 में प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए और बाद में सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा ईकाई है और गोगोई 63वें व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के 8 से 12 कमांडो का सशस्त्र सचल दस्ता यात्रा के दौरान पूर्व प्रधान न्यायाधीश की सुरक्षा करेगा।
यूपी दिवस की तैयारियों में जुटी योगी सरकार
जावेद अहमद
लखनऊ। यूपी दिवस की भव्य तैयारियों में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार... यूपी दिवस के मौके पर राजधानी को 5 नई सौगात मिल सकती है। हुसैनाबाद के म्यूजिकल फाउंटेन संग वाटर स्क्रीन का लोकापर्ण होगा। तीनों झीलों के पुनर्विंकास और राष्ट्र प्रेरणा स्थल का शिलान्यास भी प्रस्तावित हुआ। सीएम योगी करेंगे प्रोजेक्ट का लोकार्पण व शिलान्यास... 24 जनवरी को योगी सरकार चौथी बार आयोजन करने जा रही है। समारोह में खादी के 1000 सोलर चरखे महिलाओं को मिलेंगे। माटी कला बोर्ड की ओर से 1660 कुम्हारी चाक किए जाएंगे वितरित..ऑटोमेटिक दोना पत्तल मशीनें भज की जाएंगी वितरित।
छापेमारी: 1400 करोड़ का अघोषित लेन-देन
मृत व्यक्ति के स्पर्म पर पत्नी का अधिकार: एचसी
कोलकाता। अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी भी मृत व्यक्ति के स्पर्म पर केवल उसकी पत्नी का ही अधिकार हो सकता है। मृतक के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मृतक के जिस स्पर्म को दिल्ली के स्पर्म बैंक में स्टोर करके रखा गया है। उस पर सिर्फ और सिर्फ मृतक की विधवा पत्नी का ही हक है। मृतक के पिता ने पिछले साल मार्च में याचिका दायर करते हुए अपने पक्ष में फैसला सुनाने की गुहार लगाई थी। जानकारी के मुताबिक, मृत व्यक्ति के पिता ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके बेटे का स्पर्म दिल्ली के स्पर्म बैंक में संरक्षित किया गया है। उन्हें बेटे का स्पर्म बैंक से निकलवाने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो अग्रीमेंट की एक तय अवधि के बाद स्पर्म बेकार हो जाएगा। अदालत ने पिता की दलीलों को सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि स्पर्म पर अधिकार सिर्फ पत्नी का हो सकता है।
नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित
नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित सरस्वती उपाध्याय स्कंदमाता महादेवी के नवदुर्गा रूपों में से पांचवां रूप है। उनक...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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चौकी में रिश्वतखोरी का नंगा नाच, अदम्य साहस धर्मवीर उपाध्याय गाजियाबाद। गाजियाबाद की तहसील लोनी का एक अद्भुत प्रकरण संज्ञान में आया है। हो ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...