बठिडा। देश का 74वां स्वतंत्रता दिवस समागम जिले में इस बार कोरोना महामारी के चलते सादे ढंग से मनाया गया। यह समागम हर साल मल्टीपर्पज खेल स्टेडियम में आयोजित किया जाता था। इस बार भीड़ कम करने के मकसद से सरकारी राजिदरा कॉलेज के हॉकी स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित किया गया। वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राष्ट्रीय झंडा लहराने की रस्म अदा की। इसके बाद पंजाब पुलिस की टुकड़ी से सलामी लेकर लोगों को आजादी दिवस की बधाई दी। इस दौरान डीसी बी श्रीनिवासन, इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस जसकरन सिंह व एसएसपी भूपिदरजीत सिंह विर्क भी मौजूद रहे। वहीं उनके द्वारा एडवांस लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
दूसरी तरफ स्वतंत्रता दिवस के समागम में स्वतंत्रता सेनानियों को न बुलाए जाने से वह नाराज हो गए तो एक दिव्यांग व्यक्ति को आवेदन लेने के बाद भी ट्राइसाइकिल नहीं दिया गया। इसके तहत नथाना से बठिडा पहुंचे काला सिंह ने बताया कि वह ट्राइसाइकिल लेने के लिए बठिडा आए थे। मगर उनको यहां पर समागम में ही नहीं जाने दिया गया। वहीं इस संबंध में रेडक्रॉस के सचिव दर्शन कुमार ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। इतना जरूर कहा कि कोरोना के कारण समागम नहीं किया गया। 15 अगस्त के समागम में नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन केके अग्रवाल, मार्केट कमेटी के चेयरमैन मोहन लाल झुंबा, अरुण वधावन, खुशबाज सिंह जटाना, पवन मानी, अनिल भोला, एडीसी राजदीप सिंह बराड़, सहायक कमिश्नर जनरल मनिदरजीत कौर, तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ आदि उपस्थित थे। स्वतंत्रता सेनानियों ने किया विरोध जिला प्रशासन की ओर से 15 अगस्त के समागम को सादे ढंग से तो मनाया गया। मगर उनके इस फैसले से स्वतंत्रता सैनानी काफी नाराज हैं। वह पंजाब की विभिन्न स्थानों से बठिडा में पहुंचे। यहां पर पहुंच कर उनको पता लगा कि यह समागम स्टेडियम में नहीं मनाया गया। इसके बाद स्वतंत्रता सेनानियों ने आर्य समाज चौक में शहीद भगत सिंह की मूर्ति पर फूल अर्पित किए। इस दौरान आरोप लगाया कि समागम के लिए न तो उनको आमंत्रण पत्र दिया गया, न ही कोई सम्मान दिया गया। जगदीप सिंह ने बताया कि वह अपने शहीद हुए बेटों का स्टेज से नाम सुनकर ही खुश हो जाते थे। मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। इसके अलावा पंजाब की कैप्टन सरकार ने भी उनकी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया। जबकि उनके साथ 300 यूनिट बिजली माफ करने व बस किराया माफ करने सहित कई मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था।