अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने आज एक आदेश जारी कर धारा 144 की अवधि को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। आदेश के अनुसार गणेश चतुर्थी और मोहर्रम के अवसर पर किसी प्रकार के सार्वजनिक आयोजन या जुलूस आदि की अनुमति भी नहीं होगी।
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पिछले कई महीनों से गाज़ियाबाद में धारा 144 लगी हुई है। इसके अलावा जिले को सैनिटाइज़ करने के उद्देश्य से हर सप्ताहांत पर 55 घंटों का मिनी लॉकडाउन भी लगाया जाता है। मिनी लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेकों को छोड़ कर सभी बाज़ार बंद रहते हैं।
मिनी लॉकडाउन से बढ़ा व्यापारियों में रोष
हर शनिवार रात 10 बजे से लगने वाले इस मिनी लॉकडाउन से व्यापारियों और दैनिक वेतन भोगी मजदूरों में काफी रोष फैला हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि गाज़ियाबाद में ज़्यादातर वेतनभोगी परिवार रहते हैं। शनिवार और रविवार व्यापार के प्रमुख दिन होते हैं। ऐसे में दो दिन की साप्ताहिक बंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है। व्यापारियों के प्रतिनिधि मण्डल ने इस बारे में कई बार जिलाधिकारी से भेंट की है लेकिन वे किसी की बात को सुनने के लिए राजी नहीं है।
अभी हाल ही में एसोसिएशन ऑफ फूड ऑपरेटर्स के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को पत्र लिख हलवाइयों, बेकरी शॉप्स और रेस्टोरेंट्स को इस साप्ताहिक बंदी से छूट देने की मांग की थी लेकिन अन्य शिकायतों की तरह शायद उनकी शिकायत भी किसी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
बढ़ रहा है पुलिस शोषण
गाज़ियाबाद के खुदरा किराना व्यापारियों का कहना है कि पुलिसवाले सप्ताहांत में वाले उन पर दुकानें बंद करने का दबाव बनाते हैं। हालांकि आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत आने वाली वस्तुएँ जैसे दूध, अंडा और ब्रेड आदि बेचने की अनुमति है लेकिन पुलिसकर्मी इनकी दुकानें भी बंद करा देते हैं। बहुत से व्यापारियों ने दबी जुबान में बताया कि सुविधा शुल्क या मुफ्त राशन देने पर आधा शटर डाल कर दुकान खोलने कि अनुमति मिल जाती है लेकिन मंदी के आलम में मुफ्त राशन या सुविधा शुल्क देना गली मोहल्ले में दुकान लगाने वाले छोटे-मोटे दुकानदारों के बस से बाहर की बात है।