गुरुवार, 6 अगस्त 2020

चीन की घेराबंदी, हम मंदिर बना रहे हैं

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन के साथ हाल ही में हुए विवाद के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा है। हालांकि युद्ध जैसी स्थिति बनने के बाद अब मामले में थोड़ी सी नरमी देखी गई है और कुछ दिनों से शांति की खबर आ रही है मगर पड़ोसी देश की अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रहा है। तमाम सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण करने के बाद चीन हिमाचल से जुड़े सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर रहा है/ इस बात का दावा करते हुए कॉलमकार सौमित्र रॉय लिखते हैं-अरुणाचल, सिक्किम, लद्दाख के बाद अब चीन हिमाचल प्रदेश से लगी सीमा में भी सड़क बना रहा है। हिमाचल की चीन के साथ 240 किमी की सरहद है। किन्नौर के 36 और लाहुल-स्पिति के 12 गांव सरहद पर हैं। किन्नौर का खूबसूरत कस्बा पूह उनमें से एक है।


चीन की गुस्ताखी के बाद राज्य की बीजेपी सरकार को अब ऊंचे पहाड़ों में सड़क बनाने की याद आई है। राज्य के डीजीपी ने रक्षा मंत्रालय और NSA के सामने प्रेजेंटेशन दिया है। बिलासपुर-लेह के बीच 465 किलोमीटर की रेल परियोजना का काम अभी नक्शे तक सीमित है। सड़क से यह लगभग 2 दिन का रास्ता है। चीन ने 1100 किमी का चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग बना लिया है। हिमाचल की आधी सड़कें हर साल बारिश में बह जाती हैं। भारत को बुलेट ट्रेन की नहीं, रेल संपर्क की ज़रूरत है। चीन यह याद दिला रहा है। बहरहाल, चीन इस बार दूरगामी सोच के साथ काम कर रहा है। हम मंदिर बना रहे हैं।               


संविधान व लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा

लखनऊ। जब राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने एक फैसला दे दिया तो उस से सहमत/असहमत होते हुए भी लोकतान्त्रिक नागरिक समाज ने इच्छा व्यक्त की थी कि चलिए एक विवाद हल हुआ और अब सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा फिलहाल धर्म और राजनीति को मिलाने की कोशिश न करके लोगों के सवालों के समाधान के लिए राजनीति होगी और लोगों की धार्मिक भावनाओं का उपयोग निजी दल और राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होगा।


दुर्भाग्यवश 5 अगस्त, 2020 के दिन को देश को यह सन्देश देने के लिए चुना गया कि भारतीय जनता पार्टी आरएसएस की नीति और दर्शन के अनुसार संविधान की धारा 370 को हटाने और अयोध्या में राम मंदिर बनाने में सफल हुयी है और यह संघ के दर्शन और नीति की जीत है। उसके लिए 5 अगस्त एक ऐतिहासिक दिन है। जबकि सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर की समस्या और भी जटिल हो गयी है और पूरा कश्मीर धीरे-धीरे एक जेलखाने में तब्दील होता जा रहा है। न वहां विकास हुआ है और न ही शांति या स्थिरता आयी। जम्मू-कश्मीर के बारे में मोदी सरकार की जो दुस्साहसिक नीति थी उसने पाकिस्तान में भी यह साहस पैदा कर दिया है कि वह जूनागढ़ से लेकर जम्मू-कश्मीर तक को अपने नए राजनीतिक नक़्शे में पाकिस्तान का हिस्सा कहने का अनर्गल प्रलाप कर रहा है जबकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और गहरा हो गया है। अमेरिका कोई भारत के पक्ष में खड़ा होता दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि भारत और चीन के बीच मध्यस्तता की बात करता दिखाई दे रहा है।


देश गहरे आर्थिक संकट, बेरोज़गारी और भुखमरी के दौर से गुज़र रहा है और अंधी गली में फंस गया है। उत्तर प्रदेश में पुलिस राज चल रहा है और माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों तक का अनुपालन नहीं हो रहा है। कोविड के मरीज़ गहरे संकट का सामना कर रहे हैं। मोदी सरकार ने संविधान और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। अब तो देश की संप्रभुता तक खतरे में है।


मुंबईः भारी बारिश के कारण समस्याएँ बढ़ी

मुंबई। मुंबई में मूसलाधारा बारिश और तेज हवाओं ने मुंबई की रफ्तार रोक, मायानगरी वालों को पूरी तरह से परेशान कर दिया है। बुधवार को 12 घंटे की बारिश से मुंबई के सबी इलाके जलमग्न हो गए , पेड़ गिर गए, रेल सेवा ठप हो गई, हाईवे बंद हो गए, सड़कें डूब गईं और घरों में पानी घुस गया। मुंबई की इस बारिश ने लोगों का एक बार फिर से जीना मुहाल कर दिया है। मुंबई में आज भी बारिश की चेतावनी दी गई है और रेड अलर्ट जारी किया गया है।


मुंबई में बुधवार को लगातार हुई बारिश के कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दक्षिण मुंबई के कोलाबा मौसम स्टेशन ने महज 12 घंटे में (सुबह 8.30 से रात 8.30 बजे तक) 293.8 मिमी बारिश दर्ज की है। दक्षिण मुंबई के लोगों ने 46 साल बाद अगस्त के महीने में ऐसी बारिश देखी है। साल 1974 के बाद (जब से मौसम विभाग ने रिकॉर्ड रखना शुरू किया) अगस्त महीने में 24 घंटे में यह अब तक की सबसे भीषण बारिश है। यह जानकारी मौसम विभाग ने दी है। इससे पहले 1998 में 10 अगस्त को 24 घंटे में सबसे अधिक 261.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, कोलाबा क्षेत्र में हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटे से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी, मगर शाम में करीब पांच से साढ़े पांच बजे यह रफ्तार 107 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। यहां ध्यान देने वाली बात है कि हवा की यह स्पीड साइक्लोन से भी अधिक थी क्योंकि निसर्ग साइक्लोन के वक्त हवा की रफ्तार 92 किलोमीटर प्रति घंटे दर्द की गई थी।


मुंबई में बारिश के दिनों में हवा की सामान्य रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे होती है। वहीं तेज बारिश के दौरान इसकी स्पीड 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाती है। शहर में अब तक 1 जून से 5 अगस्त (8.30 बजे) के बीच 2066 मिमी के मौसमी औसत के मुकाबले 2,366 मिमी बारिश हुई है। सांताक्रूज़ मौसम केंद्र ने अपने मौसमी औसत 2260.4 मिमी की तुलना में इसी अवधि के दौरान 2,356.9 मिमी बारिश दर्ज की है। बुधवार को शाम 8.30 बजे तक पिछले 59 घंटों में शहर में 456 मिमी बारिश हुई है। मुंबई बारिश में जहां-तहां लोग फंस गए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है। दो लोकल ट्रेन में फंसे करीब 290 यात्रियों को एनडीआरएफ की टीम ने कल सुरक्षित निकाला। इसके अलावा, मुंबई, ठाणे और पालघर के इलाकों में आज भी तेज बारिश की आशंका जताई गई है।      मनोज सिंह ठाकुर


इलाज में कितना नियम अनुपालनः एचसी

नैनीताल। हाईकोर्ट ने बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली व्यवस्था पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि कोविड मरीजो के इलाज में डब्ल्यू. एच .ओ . द्वारा जारी मानकों का कितना अनुपालन किया जा रहा है। सरकार उसकी विस्तृत रिपोर्ट 17 सितंबर तक कोर्ट में शपथपत्र के माध्यम से पेश करे।
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली की जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है। लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है। जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड उपलब्ध है। पूर्व में हाईकोर्ट ने सरकार और स्वास्थ्य सचिव को जवाब पेश करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर क्वारंटाइन सेंटरों की कमियों को 14 दिन के अंदर दूर कर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था।           


जनपद अलीगढ़ में कोरोना का कहर जारी

अलीगढ। जिले में कोरोना का कहर जारी है। पीएसी के 15 जवान सहित 79 लोग इसकी चपेट में आए हैं। चंदनिया के 12, जवाहरनगर के 7 और नगला तिकोना के 6 लोग संक्रमितों में शामिल हैं। संक्रमित 79 मरीजों में 24 महिला एवं 55 पुरुष हैं। जनपद में अब तक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1780 तक पहुंच गई है। जेएन मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट लैब एवं एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट में बुधवार को 79 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पीएसी 38 वीं वाहिनी में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। आज भी 15 जवान चपेट में आए हैं। चंदनिया के 15 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 5 एक ही परिवार के हैं। जवाहरनगर के 7, नगला तिकोना के 6, रामबाग कॉलोनी और धनीपुर के 5-5 लोग संक्रमित हुए हैं। इसके अतिरिक्त शक्तिनगर के 3, बेगमबाग और डोरी नगर के 2-2 लोग संक्रमितों में शामिल हैं। सराय हकीम, मंगलसिंह, भमोला, कावेरी वाटिका, जलाली शेखा, अवंतिका फेज-1, रॉयल होम्स तालानगरी, इगलास, नौरंगाबाद, रेलवे कॉलोनी, इंदिरा नगर, क्वार्सी, बैंक कॉलोनी, बेना टप्पल, नीलकंठ कॉलोनी, सर सैयद नगर, रामनगर के एक-एक लोग चपेट में आए हैं। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि संक्रमित लोगों को कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराने एवं उनके परिजनों क्वारंटीन किया जा रहा है। घरों के आसपास के एरिया को सील कर सैनिटाइज किया जाएगा।         


राष्ट्रपति पीएम को भेजी गोबर की राखी

पालूराम


नई दिल्ली। देश की अवाम की छाती पर बैठकर घोटाले हो रहे हैं, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि निज़ाम बेरहम है।


क्रोनोलॉजी को समझिये-


24 मार्च 2020 को मोदी सरकार देश में वेन्टीलेटर्स के निर्यात पर पाबंदी लगाती है।


31 मार्च 2020 को सरकार दो कंपनियों को 40 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आर्डर देती है। एक कंपनी को बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ और इंफोसिस की सुधा मूर्ती का सपोर्ट है। 23 जून 2020 को PM केयर्स से 50 हजार वेन्टीलेटर्स के लिए 2000 करोड़ जारी होते हैं। इसमें से 40 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आर्डर पुराना है। लेकिन बिक चुकी गोदी मीडिया मोदी की दरियादिली के आगे बिछ जाती है।


यानी मोदी ने सिर्फ 10 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आदेश दिया? पत्रकार और एक्टिविस्ट साकेत गोखले कहते हैं कि सरकार ने 1.5-2 लाख प्रति वेन्टीलेटर्स के हिसाब से खरीदी का आदेश दिया था।लेकिन जून में मोदी ने अपने फण्ड (अभी तक यही सही है) से 4 लाख प्रति वेंटीलेटर के हिसाब से आर्डर दिया। 23 जून 2020 को ही पीएम केयर्स कहती है कि 2923 वेंटीलेटर बने लेकिन राज्यों को मिले 1340 ही। हालांकि एक कंपनी 16 जून को दावा करती है कि उसने 4000 वेन्टीलेटर्स तो 15 जून को ही बना लिए थे। 24 जून को इंडियन एक्सप्रेस कहता है कि सिर्फ 6% वेन्टीलेटर्स ही बने हैं। और फिर 1 अगस्त 2020 को मोदी सरकार वेन्टीलेटर्स के निर्यात की अनुमति देती है। सरकार और PM केयर्स से जितने वेन्टीलेटर्स का आर्डर दिया गया वे ट्यूब के बिना ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर सकते और यह जोखिम भरा है। शायद सरकार इन्हीं खतरनाक वेन्टीलेटर्स का निर्यात करेगी। जिसे कमाना था, वह करोड़ों कमा चुका है। यही इस देश की खोखली आत्मनिर्भरता है। दुनिया हम पर हंस रही है।


राम मंदिर का शिलान्यास होगा। अखबारों और मीडिया को प्रचार के लिए करोड़ों रुपये दिए गए हैं। मोदी सरकार के लिए मंदिर ज़रूरी है, मरते लोगों के लिए ऑक्सीजन नहीं।हमारा आत्मगौरव अगर मंदिर बनाने से बढ़ता है तो इसे आपदा में अवसर मानने में कोई हर्ज भी नहीं। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए मसौदा बनाया है। क्या नया होगा? इसी तरह वे कंपनियां हथियार बनाएंगी, जिसने दीवाली के पटाखे भी नहीं बनाए। इस बार चीन को मात देने के लिए गोबर की राखियां बनाकर पीएम और राष्ट्रपति को भेजी गई हैं। पता नहीं उन्होंने पहना या नहीं। पहनना चाहिए। आत्मनिर्भरता का अहसास होगा।देश भर में शिक्षा, तकनीकी शोध और नवाचार का दिवाला निकल चुका है। गाय-गोबर से आगे देश सोच नहीं पा रहा है। जहां झूठ ही चल रहा हो, वहां ओरिजिनल की उम्मीद बेकार है। क्योंकि हम सकारात्मक होना पसंद करते हैं। हम छिपाना पसंद करते हैं। हम कोरोना से स्वस्थ लोगों को देखकर खुश होते हैं। भारत रोजाने के सक्रिय कोरोना मामलों में शीर्ष पर है। यानी दुनिया को कोरोना बांटने में नंबर 1, लेकिन हमें शर्म नहीं आएगी। तभी तो सरकार कहती है कि लोग मर नहीं रहे, इसलिए वेन्टीलेटर्स का निर्यात करो। ग़लती निज़ाम की नहीं, हमारी मूर्खता और झूठे आत्मगौरव की है।         


पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मिलें पॉजिटिव

शाहजहांपुर। कोराना संक्रमण ने शहर से लेकर गांव तक अपने पैर पसार दिए है। कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आम आदमी से लेकर बड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। गुरुवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं?। सिंधौली सीएचसी पर एक एएनएम सहित तीन लोग पाॅजिटिव निकले है।


बुधवार सुबह को भाजपा के वरिष्ठ नेता की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। भाजपा नेता से लेकर कार्यकर्ता सकते में है। क्योकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का इस दौरान पार्टी कार्यकार्ताओं से मिलना जुलना बना रहा। बुधवार को ही शहर के एक कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे। वहीं, उनके परिवार के सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जो राहत देने वाली खबर है। सिंधौली सीएचसी पर एक एएनएम की रिपोर्ट पाॅजिटिव निकली है। महानंदपुर के एक व्यक्ति की रिपोर्ट भी पाजिटिव आई है। निगोही के कटैया उसमानपुर का 50 वर्षीय मजदूर कोरोना संक्रमित मिला है। बताया जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति कुछ दिन पहले बाहर से मजदूरी कर घर आया था।           


रायपुर अनलॉक, जिला प्रशासन की बैठक

रायपुर। राजधानी रायपुर शुक्रवार से अनलॉक हो रहा है। रायपुर जिला प्रशासन ने व्यापारियों के साथ बैठक की। इसके बाद दुकानों व होटल-रेस्टोरेंट को खोलने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। जारी हुई नई नियम में सप्ताह से सिर्फ 6 दिन ही दुकानें अब खुलेगी। रविवार को सभी तरह की दुकानें बंद रहेगी।


व्यापारी संगठनों ने इस बाबत अपनी सहमति दे दी है। आज कलेक्टर एस भारतीदासन और एसएसपी अजय यादव के साथ व्यापारी संगठनों की एक घंटे की बैठक हुई। जिला प्रशासन की तरफ से 5 अलग-अलग पालियों में दुकान संचालन का निर्णय लिया है। सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक किराना दुकानें खोली जाएगी। किराना स्टोर्स और प्रोविजन स्टोर्स भी खुलेंगे। वहीं सुबह 6 बजे से 12 बजे तक फल, सब्जी और दूध की दुकानों को खोलने की इजाजत दी जाएगी। होटल और रेस्टोरेंट भी खोले जाएगे। कलेक्टर एस भारतीदासन के मुताबिक सुबह 10 बजे से शाम से 9 बजे तक होटल व रेस्टोरेंट खोले जाएगे। रात 10 बजे तक इन होटलों से होम डिलेवरी की सुविधा लोगों को रहेगी। वहीं सुबह 11 बजे से अन्य दुकानें संचालित की जाएगी। कपड़ा, जूता चप्पल, कपड़ा, हार्डवेयर, बर्तन सहित अन्य दुकानें खोली जाएगी। ये दुकानें शाम 7 बजे तक खोली जाएगी। वहीं ठेले पर खाद्य सामिग्री बेचने वालों को दो पाली में दुकान लगाने की इजाजत होगी। सुबह 6 बजे से 9 बजे तक ठेले लगाए जाएगे, वहीं शाम में 5 बजे से 8 बजे तक ठेले पर खाद्य सामिग्री बेचने की इजाजत दी जाएगी।        



अयोध्या राम-मंदिर 'विचार'

 इस मौके पर पहले यह बताना ज़रूरी है कि अब तक इस मामले में पहले क्या कुछ महत्वपूर्ण हुआ जिसके परिणाम स्वरूप अब राम मंदिर बन रहा है। राम मंदिर निर्माण की पहली नींव सन् 1949 में रखी गई जब पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और पंडित गोविंद वल्लभ पंत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब 22-23 दिसंबर 1949 में प्रतिमा को गर्भ गृह में पंहुचाया गया था। इसके बाद सन् 1986 आता है जब डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फैजाबाद ने मंदिर का ताला खोलने की अनुमति दी, तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और वीरबहादुर सिंह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे….. उसी दिन कोर्ट के आदेश के बाद महज 40 मिनिट में यह ताला खुला था। फिर 1989 आता है , तब भी राजीव गांधी ही प्रधानमंत्री थे। उस समय पहली बार यहां शिलान्यास हुआ था …… तब राज्य के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी हुआ करते थे ….. जो लोग तब की राजनीति के बारें में जानते हैं उन्हे यह अच्छे से मालूम है कि मंदिर का ताला खुलवाने से लेकर शिलान्यास करवाने तक राजीव गांधी ने व्यक्तिगत् दिलचस्पी लेकर काम करवाया था। ….. और तो और राजीव गांधी ने 1989 में अपने चुनावी कार्यक्रम की शुरूआत ही अयोध्या (तब फैजाबाद जिला) से की थी , और यहीं उन्होंने राम राज्य का नारा दिया था। हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी इस कार्यक्रम के पक्ष में नहीं थे। तब राजीव गांधी ने तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह को उत्तरप्रदेश भेजा ताकि वह इस पर आम राय बना सकें। फिर सबने संतो के साथ मिलकर 9 नवम्बर का महूर्त निकाला ….. जिसमें भूमि पूजन स्वंय स्वामि बामदेव ने किया था , वास्तुपूजा पंडित महादेव भट्ट और अयोध्या प्रसाद ने करवाई थी और खुदाई की शुरूआत स्वंय महंत अवैध्यनाथ ने की थी और पहली शिला एक दलित युवा कामेश्वर चौपाल के हाथों से रखवाई गई थी ताकि समाज में समरस्ता का संदेश प्रसारित हो। बाद में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति ने इसका विरोध किया , मार्च निकाला और गिरफ्तारियां दी। गांधी परिवार के कट्टर आलोचक रहे बीजेपी नेता सुब्रमण्यम् स्वामि भी कहतें हैं कि राजीव गांधी यदि दोबारा प्रधानमंत्री बनते तो राम मंदिर बन चुका होता। लेकिन ऐसा हुआ नहीं कांग्रेस चुनाव हार गई फिर 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई और राम मंदिर निर्माण अधूरा रह गया।
          अयोध्या में शिलान्यास कार्यक्रम के पश्चात् विश्व हिंदु परिषद् और बीजेपी, इस मामले पर ज़बरदस्त तरीके से सक्रिय हुई और मामले को राजनैतिक रंग दे दिया, राम के नाम पर वोट मांगे गए और उत्तरप्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई गई। फिर 1996, 1998, 1999 में बीजेपी नीत NDA की सरकारें बनीं। इस दौरान लालकृष्ण आडवाणी , मुरलीमनोहर जोशी , उमा भारती , विनय कटियार आदि राममंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता हुआ करते थे। लेकिन मामला कोर्ट में जाने के कारण किसी निष्कर्ष पर नहीं पंहुचा। साल दर साल बीतते गए और अंतः अब कहीं जाकर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।
          इस ऐतिहासिक घटनाक्रम को बताने का उद्देश्य केवल इतना ही था कि आप जान सकें कि मंदिर निर्माण के लिए यदि किन्ही राजनेताओं का नाम लिया जाए तो वह कौन कौन थे और 1949 से लेकर 2020 तक मोदी जी का इस पूरे घटनाक्रम में कोई रोल नहीं था …… इतिहास बताता है कि मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले पहले नायक जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने मूर्ति रखवाई , दूसरे राजीव गांधी जिन्होंने ताले खुलवाए और शिलान्यास करवाया और तीसरे लालकृष्ण आडवाणी और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े वह नेता जिन्होंने इस मामले को जिंदा रखा।
           हर घटना और हर परिस्थिति की अपनी गति अपना Momentum होता है , और वह स्वंय में परिवर्तनशील होती है , घटना की गतिशीलता और परिवर्तनशीलता का सिद्धांत कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भाग्वत् गीता में विस्तार से समझाया है और व्यक्ति को निमित्त मात्र परिभाषित किया है। यह पूरा मामला भी अपनी गति से चला और परिवर्तनशीलता से सिद्धांत पर कोर्ट के द्वारा निष्कर्ष पर पंहुचा है। इस मामले में नरेंद्र मोदी तो केवल और केवल उद्धाटनकर्ता हैं। क्योंकि पूरे घटनाक्रम में तो उनका कोई योगदान था नहीं इसलिए केवल और केवल हल्ला मचाकर इस पूरे काम का श्रेय वह अपने सर लेना चाहते हैं और उनका पालतू मीडिया इस मामले में उनका सहयोग कर रहा है। हालत यह है कि देश का नेशनल नेटवर्क 4 और 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले पूरे कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण करेगा। सवाल यह है कि यदि कोर्ट का फैंसला मस्जिद के पक्ष में आता तो भी क्या आज इतना ही बड़ा आयोजन हो रहा होता और प्रधानमंत्री उस कार्यक्रम में हिस्सा लेते तथा देश का नेशनल टेलीवीजन नेटवर्क उसका सीधा प्रसारण कर रहा होता ? जवाब हम सभी जानतें हैं।
         इस पूरे आयोजन को देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि मोदी जी प्रभु श्री राम का उपयोग अपना व्यक्तिगत् कद बढ़ाने के लिए कर रहें हैं। आयोजन का प्रचार पूरी तरह मोदी केंद्रित हैं टीवी पर प्रभु श्रीराम का जिक्र नहीं हैं लेकिन मोदी जी का नाम धर्म एवं राष्ट्र रक्षक के रूप में प्रचारित हो रहा है, मानों लंका जाकर रावण वध उन्होंने ही किया हो। नरेंद्र मोदी के पोस्टर प्रभु श्रीराम से बड़े लग रहें हैं और प्रभु श्रीराम तो कहीं नेपथ्य में जा चुके हैं। प्रचार को देखकर तो ऐसा लगता है कि मानो राम मंदिर नहीं “मोदी” मंदिर बन रहा है। मोदी जी के व्यक्तिवादी रवैये की पराकाष्ठा यह है कि मंदिर निर्माण के वास्तविक नायकों को श्रेय देना तो दूर  आज उनकी कोई पूछपरख भी नहीं की जा रही है, नेहरू जी और राजीव जी तो जीवित नहीं हैं लेकिन आडवाणी जी और राम मंदिर आंदोलन के बाकी सदस्य तो जीवित है आज उन्हें क्यों नहीं पूछा जा रहा है। क्या वह लोग केवल विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में कोर्ट केस भुगतने के लिए हैं और इस सागर मंथन से निकले अमृत को पीने का अधिकार केवल मोदी जी का है।    हरिओम उपाध्याय       


कश्मीर के राज्यपाल ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी से धारा 370 हटने के एक साल पूरे होने के मौके पर कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लगभग नौ महीने तक राज्य के उप राज्यपाल का पद संभाला। मुर्मू का इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूर कर लिया है। जानकारी के मुताबिक वह अब भारत के नए नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) होंगे।

उधर, पुख्ता सूत्रों के मुताबिक अब जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल राजीव महर्षि हो सकते हैं। महर्षि केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक, सामाजिक तथा सुरक्षा संबंधी हालात की बेहतर जानकारी है। इस वजह से उन्हें इस पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा है। बुधवार को महर्षि ने राष्ट्रपति से भी मुलाकात की है। वे प्रधानमंत्री के बेहद करीबी बताए जाते हैं।              

चीन से जुड़े 25,00 यूट्यूब चैनल डिलीट

नई दिल्ली। गूगल ने चीन से जुुड़े करीब 2,500 से ज्यादा यूट्यूब चैनल डिलीट कर दिए हैं। टेक दिग्गज का कहना है कि इन चैनल्स को भ्रामक जानकारी फैलाने के चलते विडिय शेयरिंग प्लैटफॉर्म से हटाया गया है। एल्फाबेट के मालिकाना हक वाली कंपनी गूगल ने बताया कि यूट्यूब चैनल को अप्रैल और जून के बीच यूट्यूब से हटाया गया। ऐसा चीन से जुड़े इन्फ्लुएंस ऑपरेशंस के लिए चल रही हमारी जांच के तहत किया गया।        


बीच रास्ते पति-पत्नी का विवाद, आत्महत्या

आदर्श श्रीवास्तव


शाहजहांपुर(निगोही)। पत्नी को साथ लेकर ससुराल से वापस लौट रहे युवक ने रास्ते में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सूचना पर पहुंची निगोही पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।


तिलहर थाना क्षेत्र के ग्राम बिहारीपुर मुड़िया निवासी नीरज(22) पुत्र जगन्नाथ की शादी इसी वर्ष 9 जून को बिलसंडा थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर अमृत निवासी सीमा देवी से हुई थी। 3 अगस्त को नीरज अपनी पत्नी के साथ रक्षाबंधन मनाने अपनी ससुराल गया था। बुद्धवार को दोनो पति पत्नी बाइक से वापस लौट रहे थे। बताते हैं कि रास्ते में सीमा और नीरज के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी बात से नाराज नीरज ने निगोही क्षेत्र के गांव धीरट के पास एक आम के बाग में बाइक को रोक दिया।


उसने बाइक से दिग्गी से अपनी पत्नी की साड़ी निकाली और उसे लेकर पेड़ पर चढ़ गया। उसने उसी साड़ी का फंदा अपने गले डालकर पेड़ स्व झूल गया। उसकी पत्नी नीचे खड़ी चीख पुकार करती रही। इसी बीच गांव के लोग आ गए। ग्रामीणों ने जब तक उसे नीचे उतारा उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों की घटना की जानकारी पुलिस को दो। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पीएम को भेज दिया।        


पहली बारिश में ही टपकने लगी 'राम मंदिर' की छत

पहली बारिश में ही टपकने लगी 'राम मंदिर' की छत संदीप मिश्र  अयोध्या। श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के 6 महीने में ही छत टपकने लगी है। मानस...