रविवार, 26 जुलाई 2020

अयोध्याः कौशाम्बी से मिट्टी-जल मंगाया

अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर की आधारशिला रखते समय कौशाम्बी की पवित्र मिट्टी और जल मंगाए जाने से कौशाम्बी का पुण्य फिर से हुआ जागृत


रामलला के भव्य मंदिर की नींव में प्रयोग होगा कड़ा धाम की माटी तथा पवित्र कुंड का जल


कौशांबी। जिले के 51 शक्तिपीठों में शामिल प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां शीतला धाम कड़ा की मिट्टी और जल मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्म भूमि अयोध्या में आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के समय शीतला धाम की मिट्टी और जल शामिल किए जाने की याद त्रेता युग को तरोताजा कराएगी जब प्रभु श्री राम बनवास चित्रकूट जाते समय कौशाम्बी की पवित्र धरती से गुजरे थे।कौशाम्बी क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। जिसमें राम वन गमन मार्ग युगों युगों तक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के यश कीर्ति का गुणगान करता रहेगा अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर की आधारशिला रखते समय कौशाम्बी की पवित्र मिट्टी और जल मंगाए जाने से कौशाम्बी का पुण्य फिर से जागृत हुआ है तथा मंदिर निर्माण में लगे संत महात्माओं के इस निर्णय से जिले के लोग अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।


अयोध्या में प्रस्तावित रामलला मंदिर निर्माण की नींव में इक्यावन शक्तिपीठ माता शीतला कड़ा धाम की मिट्टी तथा मंदिर में स्थित पवित्र कुण्ड के जल का प्रयोग किया जाएगा, मालूम हो कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में भगवान श्री राम के मन्दिर का शिलान्यास करेंगे, जिसमे पूरे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी एवं  नदियों के जल नींव में प्रयोग किया जाएगा, इसी के  क्रम में करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र बिंदु प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल कड़ा धाम जहाँ पूरे भारत से लाखों तीर्थ यात्री सालभर तीर्थटन के लिए आते रहते हैं,के तीर्थ पुरोहितों ने एक कलश में पवित्र जल तथा दूसरे कलश में मिट्टी भरकर अयोध्या के लिए तीर्थ पुरोहितों का एक जत्था रवाना किया गया, जहाँ वे "रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय को मिट्टी एवं जल सौंपेगे,मालूम हो कि रामजन्म भूमि को लेकर कई दशकों तक विववाद चलता रहा है, जिसमे उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है,इस आंदोलन में यहाँ के कई बुजुर्ग अपने युवास्था में इस आंदोलन से गहराई से जुड़े थे, शिलान्यास की तारीख की घोषणा के बाद इन बुजुर्गों में नई उत्साह का संचार हुआ है,इस अवसर पर तीर्थ पुरोहितों के साथ धाम वासियों में विशेष उत्साह दिखाई दिया,जिससे पूरा माहौल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा इस अवसर पर राधेश्याम पण्डा, जगत प्रसाद पण्डा, पण्डा समाज अध्यक्ष भुक्कड़ पण्डा, रामायणी प्रसाद, ऊदल,मोनू पुरोहित अनिल प्रकाश पण्डा जगत प्रसाद पण्डा कुन्ना पण्डा, कड़ेकान्त रजत पण्डा आदि लोग उपस्थित रहे।


राम मन्दिर आंदोलन से जुड़े भक्त हुए भावुक


राम मंदिर आंदोलन को याद करते हुए आंदोलन से जुड़े सैकड़ो लोग भावुक होते हुए कहते हैं, होने वाला राम मन्दिर निर्माण दशकों के संघर्ष का परिणाम है,राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है। युवावस्था में अपने सैकड़ो साथियों के साथ केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर शासन प्रशासन की बन्दिशों को धता बताते हुए, पैदल ही कारसेवा के लिए लोग निकल पड़े रास्ते में हाथ जोड़कर वाहन चालकों से लिफ्ट लिया सैकड़ो किमी पैदल चले दो दिन भूखे रहे और जब अयोध्या पहुंचे तो पुलिस की लाठियाँ खायीं लेकिन संकल्प नही डगमगाया लाख दुश्वारियों के बाद भी हौसला आसमान को छू रहा था,जब भगवान श्री राम का मंदिर बन रहा है तो मन को संतोष है।


सुशील केशरवानी


यूपी में पत्रकार पर हमले की पुनरावृत्ति

गाजियाबाद/ कानपुर। गाजियाबाद पत्रकार की हत्या का मामला खत्म ही नहीं हुआ था कि कानपुर में एक्शन सागर न्यूज़ के पत्रकार नासिर अली पर हमला कर दिया गया।


कानपुर नगर के चमन गंज थाना क्षेत्र में रहने वाले हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज का प्रबंधक मोहम्मद सैम द्वारा अपने घर के बाहर से निकल रहे हैं। नासिर अली पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया नासिर अली का कहना है कि वह हसीब जो सैम का मामू है के घर के सामने से अपने कार्यालय जा रहा था तभी सैम ने उस पर हमला कर दिया और और हसीब के घर से डंडा निकाल कर डंडों से पीटा जिसके कारण पूरे शरीर और मुंह के जबड़े को तोड़ने की कोशिश करी अपने बचाव में हाथ से जहां जहां रोका वहां पर लाठियों के चोट के निशान है। नासिर अली का कहना है कि अब्दुल हसीब मुझसे इसलिए रंजिश मानता है कि मैं उसकी पैरोकारी न करके अब्दुल हसीब के विरोध में जो काम करता है। उसका साथ देता हूं और उसके गलत कामों का इनकार करता हूं। नासिर ने बताया इससे पहले भी दो बार मुझ पर हमला हुआ था लेकिन मैं बच गया था लेकिन आज यह लग रहा था यह जैसे मुझे जान से मार देगा यह बहुत बड़ी विडंबना की बात है। एक तरफ देश और प्रदेश के मुखिया कह रहे हैं कि पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा वही रोज कहीं उन्नाव कही गाजियाबाद और कहीं कानपुर में पत्रकारों पर जानलेवा हमला हो रहा है यहां तक की जान ले ली जा रही है अब देखना यह है नासिर पर हुए हमले पर कानपुर की पुलिस और प्रदेश सरकार कितना संज्ञान लेती है।


नासिर अली


10 फ़ीसदी लोगों को मिल रहा है राशन

लहना में आए प्रवासी मज़दूरों को नही मिला राशन


राशन किट बाटने वाले ज़िम्मेदारों ने ही लूट घसोट कर लिया या फिर सरकार दे रही है झूंठे आश्वासन


कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के लहना गांव में 10% लोगों को राशन देकर जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे जैसा कि योगी सरकार ने प्रवासी मज़दूरों को राशन किट देने के लिए आदेश दिया था वही दूसरी ओर उनके अधिकारी कर्मचारी अपना पेट भरने से नही आते है। बाज 25 मार्च को खालीं हाँथ लौटे मज़दूरों को 14 दिन स्कूलों में कोरन्टीन किया गया था योगी सरकार के राशन किट बाटने के फैसले से चेहरे प्रवासियों के खिले हुए थे वही ज़िम्मेदारों ने कोरन्टीन रहे सरोज कुमार पुत्र राम स्वरूप, ब्रजेश कुमार उर्फ गोलू पुत्र राम स्वरूप, सोहंलाल पुत्र बच्चू लाल राम, करण पुत्र सोर्गी मौजी लाल, संतलाल पुत्र कल्लू सुखराम, रिंकु पुत्र राम आसरे, मिश्री लाल पुत्र बुधई राजेन्द्र, पुत्र स्वर्गीय बचाऊ लाल, शिव फूल पुत्र बचउ लाल शिवचन्द पुत्र मुन्नी लाल को सरकारी स्कूल में एहतियात के लिए रखा था इनको कोई राशन किट नही मिली।


योगी सरकार के बनाए हुए हेल्फ़ लाइन नम्बर से कई बार काल आई पूछा गया। राशन किट के विषय मे तो प्रवासियों ने जवाब दिया कि नही मिला क्या राशन किट बाटने वाले  ज़िम्मेदारों ने ही लूट घसोट कर लिया या सरकार झूंठे आश्वासन दे रही थी। 


ज़ैगम अब्बास


संजय रामलीला कमेटी के अध्यक्ष बनें

रामलीला कमेटी करारी के अध्यक्ष बने संजय जयसवाल


कौशाम्बी। करारी के ऐतिहासिक रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा की गई बैठक में  फैसला लिया गया।
ट्रस्टी रमेश चंद्र शर्मा, संरक्षक बच्चा कुशवाहा व संरक्षक राकेश जायसवाल  की अगुवई में पदाधिकारियोंं का गठन किया।
भाजपा जिला महामंत्री संजय जायसवाल को अध्यक्ष बनाया गया। ज्ञान शर्मा को प्रबंधक, रमेश केसरवानी कोषाध्यक्ष तथा कल्लू राम चौरसिया को ग्राम मंंच प्रबंधक बनाया।


जैगम अब्बास


बेहद दुर्लभ और जोखिम भरा ऑपरेशन

कोलकाता।  चिकित्सा क्षेत्र में कोलकाता ने एक और मिसाल कायम की है। कोरोना जैसे गंभीर संकट के समय महानगर में एक बेहद दुर्लभ व जोखिम भरे ऑपरेशन को शनिवार को अंजाम दिया गया। एक मरीज की जान बचाने के लिए उसकी खोपड़ी के एक हिस्से को काटकर उसके पेट में रख दिया गया है। मस्तिष्क से बोझ कम करने के लिए यह कदम उठाया गया। खोपड़ी अगले 90 दिनों तक मरीज के पेट की चमड़ी के नीचे रहेगी और उसके बाद उसे फिर से उसकी जगह पर लगा दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर इलाके की रहने वाली 42 साल की अपाला मित्रा लंबे समय से सिरदर्द से परेशान थी। कोरोना के डर से उसका सिरदर्द दुगना हो गया था। अपाला इसे आम तरह का सिरदर्द समझकर दवा ले रही थी। उससे कुछ समय के लिए राहत मिलती थी लेकिन बाद में फिर सिरदर्द शुरू हो जाता था। गत एक मई को वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी थी। 15 मई को उसे  कोलकाता के पार्क सर्कस स्थित इंस्टीच्यूट आफ न्यूरोसाइंसेज में ले जाया गया। वहां सिर की एंजियोग्राफी कराई गई तो पता चला कि मस्तिष्क की जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होता है, वह फट गई है। इसके साथ ही ‘सर्वाकनायेड हैमरेज’ और ‘इंट्रेसेरेब्रल हैमरेज’ का भी पता चला।



  • डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मामलों में बचने की उम्मीद एक फीसद से भी कम रहती है। अपाला के मस्तिष्क के ब्लड वेसेल्स के फट जाने से सर्वाकनायेड हैमरेज हुआ था, जिसके कारण वह कोमा में चली गई थी। अपाला 10 दिनों तक बेजान वस्तु की तरह बिस्तर पर पड़ी हुई थी। दूसरी तरफ उनके पति लॉकडाउन के कारण हैदराबाद में फंसे हुए थे। वे मोबाइल से वीडियो कॉल कर पत्नी की हालत का जायजा ले रहे थे। शल्य चिकित्सक डॉक्टर अमित कुमार घोष ने परिवार की सहमति से इस दुर्लभ ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। इस ऑपरेशन को चिकित्सकीय भाषा में “डिक्सप्रेसिव क्रोनियेकटमी एंड इवैकुएशन ऑफ हेपाटोमा एंड क्लिपिंग ऑफ एनुरिजम” कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो खोपड़ी के एक हिस्से को काटकर पेट की चमड़ी के नीचे रखना। डॉक्टर घोष ने बताया कि यह बेहद दुर्लभ ऑपरेशन है। कोरोना के समय इस तरह का ऑपरेशन करना और भी जोखिमपूर्ण था लेकिन मरीज की जान बचाने के लिए दूसरा कोई रास्ता नहीं था। मस्तिष्क की धमनियां फट जाने से मरीज कोमा में चली गई थी। मस्तिष्क के दबाव को कम करने के लिए खोपड़ी के 12 सेंटीमीटर हिस्से को काटकर पेट की चमड़ी के नीचे रखा गया है। 90 दिनों बाद उसे फिर से उसकी जगह पर लगा दिया जाएगा। सिर के अंदर की धमनियों के फूल जाने को ‘एनुरिजम’ कहा जाता है। इस मामले में धमनियां फट गई थीं इसलिए मरीज कोमा में चली गई थी। धमनियां और न फटे इसलिए क्लिप से उसे जोड़ा गया है। इसे ‘क्लिप ऑफ एनुरिजम’ कहा जाता है। अपाला के पति जुलाई के अंत में कोलकाता लौटेंगे।           


अब परमाणु हथियारों के निशाने पर चीन

नई दिल्ली। एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच खबर है कि भारत ने अपने परमाणु हथियारों का रुख पाकिस्तान की बजाए चीन की तरफ कर दिया है। इंटरनेशनल जर्नल, ‘बुलेटिन फॉर एटोमिक साईंटिस्ट’ के मुताबिक, चीन की राजधानी बीजिंग भी अब भारत की न्युक्लिर मिसाइल की जद में है। जर्नल ने ‘इंडियन न्युक्लिर फोर्सेज़-2020’ नाम से छपे लेख में खुलासा किया है कि भारत की न्युक्लिर-स्ट्रटेजी का जोर अब पाकिस्तान की बजाए चीन की तरफ है। लेख में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारत अपने तीन पुराने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम एयरक्राफ्ट, जमीन से मार करने वाले प्लेटफार्म और समंदर से मार करने वाले सिस्टम्स को बदल रहा है। हालांकि, जर्नल के लेख में इस बात का खुलासा नहीं किया है कि ये तीन कौन से प्लेटफार्म हैं लेकिन एबीपी न्यूज के पास इसकी पुख्ता जानकारी है।


आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में इस महीने की 29 जुलाई को फ्रांस से लिए पांच राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने वाले हैं। ये रफाल विमान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। अभी तक वायुसेना के पास मिराज-2000 और सुखोई विमान थे, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थे। लेकिन अब भारत रफाल विमानों पर ज्यादा निर्भर होना चाहता है। इसी तरह भारत का सरकारी रक्षा संस्थान DRDO यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन पिछले कुछ समय से अग्नि-6 मिसाइल पर काम कर रहा है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और जिसकी रेंज दस हजार किलोमीटर से ज्यादा है. अग्नि-5, जिसकी रेंज करीब पांच हजार किलोमीटर है वो चीन की राजधानी बीजिंग तक दागी जा सकती है। दिल्ली से बीजिंग की दूरी करीब 4,000 किलोमीटर है। इसी मिसाइल का जिक्र, बुलेटिन ऑफ एटोमिक साईंटिस्ट जर्नल में किया गया है. ये जर्नल, द्वितीय विश्वयुद्ध के तुरंत बाद नागासाकी और हिरोशिमा में परमाणु बम के हमलों के बाद शुरू किया गया था और तब से दुनियाभर की वैज्ञानिक रिसर्च और वैश्विक-सुरक्षा पर नजर रखती है।


यहां पर ये भी जानना जरूरी है कि भारतीय नौसेना की परमाणु पनडुब्बी, आईएनएस अरिहंत भी अब समुद्री जंगी बेड़ा का हिस्सा बन चुकी है और समंदर में तैनात रहती है. इससे पहले जो परमाणु पनडुब्बी, आईएनएस चक्र नौसेना के पास थी, वो रूस से 2012 में लीज़ पर ली गई थी। लेकिन चक्र पनडुब्बी परमाणु-उर्जा से तो चलती थी लेकिन परमाणु हथियार दागने में सक्षम नहीं थी जबकि अरिहंत न्युक्लिर-एनर्जी पर भी आधारित है और परमाणु-मिसाइल भी लांच कर सकती है। इसके भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत का जल, थल और आकाश, तीनों में ‘ट्राईड’ पूरा हो चुका है।


हाल ही में ग्लोबल थिंकटैंक, ‘सिपरी’ ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने एटमी हथियारों का जखीरा बढ़ा रहे हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस एंड रिसर्च सेंटर यानि सिपरी ने जून के महीने में ‘साल 2020 रिपोर्ट’ जारी कर खुलासा किया था कि चीन के पास इस समय करीब 320 परमाणु हथियार हैं जो पिछले साल के मुकाबले बढ़ गए है। साल 2019 में चीन के पास 290 एटमी हथियार थे। खास बात ये हैं कि रिपोर्ट के मुताबिक, चीन काफी तेजी से अपनी एटमी जखीरे का आधुनिकिकरण कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन, जल और थल यानि जमीन और समंदर से मार करने वाली नई परमाणु मिसाइलें तैयार कर रहा है। इसके अलावा परमाणु-मिसाइल से लैस लड़ाकू विमानों को भी बनाने में जुटा है, जिससे उसका ‘न्युक्लिर-ट्राईड’ पूरा हो सके। दुनियाभर में हथियारों की खरीद-फरोख्त, सेनाओं के रक्षा बजट और एटमी हथियारों पर पैनी नजर रखने वाले थिंकटैंक, सिपरी के मुताबिक पाकिस्तान के पास इस समय 150-160 एटमी हथियार हैं। इसका मतलब है कि चीन और पाकिस्तान के कुल मिलाकर करीब 480 परमाणु हथियार हैं. इन एटमी हथियारों में बम, मिसाइल और उनकों दागने वाले लड़ाकू विमानों को शामिल किया जाता है।


रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के परमाणु हथियारों में भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल जहां भारत के पास कुल 130-140 एटमी हथियार थे। इस साल ये नंबर बढ़कर 150 हो गया है लेकिन ये संख्या चीन और पाकिस्तान के एटमी जखीरे से कम है। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपनी न्युक्लिर-फोर्सेज़ का साइज तो बढ़ा ही रहे हैं साथ ही अलग-अलग तरह के एटमी हथियारों को अपने जखीरे में शामिल भी कर रहे हैं।आपको बता दें कि ये दोनों रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी सेनाएं (भारत और चीन की) पिछले ढाई महीने से सीमा पर एक दूसरे के सामने टकराव की स्थिति में हैं। पाकिस्तान के साथ भी भारत की एलओसी पर तनातनी चल रही है।   


 शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


चीनी दूतावास पर अमेरिका का कब्जा

वाशिंगटन डीसी/ बिजिंग। अमेरिका और चीन के बीच तल्खी बेहद बढ़ गई है। दोनों देशों के बीच अघोषित युद्ध जैसे हालात के बीच अमेरिका ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद करने के बाद अमेरिका के संघीय एजेंट और एजेंसियों के अधिकारियों ने चीनी दूतावास पर कब्जा कर लिया है। अमेरिका ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है। गौरतलब है कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने इस सप्ताह दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाते हुए चीन को ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास को आर्थिक जासूसी का आरोप लगाते हुए बंद करने का आदेश दिया था।


चीनी वाणिज्य दूतावास पिछले चालीस सालों से  ह्यूस्टन के पाश मॉन्टरॉस बॉउलवार्ड इलाके मेंं स्थित है। अचानक ट्रंप प्रशासन ने इसे शुक्रवार शाम को बंद कर दिया। शुक्रवार को इमारत से चीन का झंडा और राजकीय चिह्न हटा दिया गया और तड़के वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को इमारत से अपना सामान बाहर निकालते हुए देखा गया। चीनी राजनयिकों के इमारत खाली करते ही अमेरिकी अधिकारियों ने दलबल के साथ पहुंचकर इस पर कब्जा कर लिया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने वाणिज्य दूतावास में अमेरिकी अधिकारियों के बलपूर्वक प्रवेश के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है।                   


'मन की बात' कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 बजे ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को संबोधित किया।कारगिल विजय दिवस,कोरोना महामारी, वोकल फॉर लोकल, हैंडलूम और बाढ़ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।


21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था। कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था वो भारत कभी नहीं भूल सकता है। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे को पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था,भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था। कारगिल युद्ध के समय मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला था। वो दिन मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। देश के नौजवानों से आग्रह है कि आज दिनभर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियां,वीर- माताओं के त्याग के बारे में,एक-दूसरे को बताएं और शेयर करें।


कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था वो आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है। अटल जी ने तब देश को गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलाई थी। अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने हमें एक दूसरा मंत्र दिया है। ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।


अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है,मैं इन दिनों देख रहा हूं कि कई लोग और संस्थाएं इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहीं हैं,कई लोग इसे वोकल फॉर लोकल से भी जोड़ रहे हैं और ये बात भी सही है। इस समय बारिश का मौसम है, पिछली बार भी मैंने आप से कहा था कि बरसात में गंदगी और उनसे होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है इसीलिए आप साफ-सफाई पर बहुत ज्यादा ध्यान दें। कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं,कभी-कभी जिज्ञासा वश फॉरवर्ड करते रहते हैं,पता है गलत है ये फिर भी करते रहते हैं। हमारा आचार- व्यवहार,हमारी वाणी,हमारे बयान,हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य कसौटी में जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं,कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े। आज हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है,साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्युदर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है,पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है। उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का उपयोग करना,दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं। भारत का हैंडलूम और हैंडक्राफ्ट कितना रिच है, इसमें कितनी विविधता है। ये दुनिया जितना ज्यादा जानेगी उतना ही हमारे लोकल कारीगरों और बुनकरों को लाभ होगा। हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि न सिर्फ भारतीय हैंडलूम और हैंडक्राफ्ट का ज्यादा-से-ज्यादा उपयोग करें बल्कि इसके बारे में ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को बताएं।           


शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की

देहरादून। कारगिल विजय दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी पार्क में बने कारगिल शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज प्रदेशभर में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कोरोना वायरस को देखते हुए इस दौरान कई जगह सूक्ष्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।


वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो संदेश जारी कर शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस के 21 साल पूरे हो गए हैं। उत्तराखंड का इतिहास रहा है कि जब भी देश को सैनिकों की जरूरत पड़ी तो यहां के सैनिकों ने सबसे पहले कदम आगे बढ़ाए हैं। उन वीरों का पराक्रम अदुभत था। ऐसी लड़ाई न पहले लड़ी गई थी और न भविष्य में लड़ी जा सकती है। उन्होंने कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं और बच्चों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सरकार उनके साथ है। वहीं, कारगिल विजय दिवस पर तीर्थनगरी और आसपास क्षेत्र में रहने वाले शहीदों का भावपूर्ण स्मरण किया गया। अमित ग्राम निवासी कैप्टन अमित सेमवाल की स्मृति में बनाए गए स्मारक पर स्थानीय नागरिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की। उनके पिता तारा दत्त सेमवाल सहित स्वजनों को स्थानीय नागरिकों ने माल्यार्पण कर सम्मानित किया। ऋषिकेश स्थित कारगिल शहीद मनीष थापा के स्मारक पर भी उनके स्वजनों ने स्थानीय नागरिकों सहित श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शहीद विकास गुरुंग के निवास क्षेत्र रुषा फार्म में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने उनके स्मारक पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ,उप प्रधान राजेश व्यास, महावीर उपाध्याय, मानवेंद्र कंडारी, विनोद, राजू थापा आदि ने वीर शहीदों को याद किया। वहीं डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि शहीदों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इनकी शहादत की कहानी आने वाले भविष्य के लिए प्रेरणा का काम करेगी। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में जनपद का काफी योगदान रहा है।   


चपेट में आने से वृद्ध महिला की मौत

कोरबा। सुबह सौच के लिए निकली ग्रामीण महिला मालगाड़ी की चपेट में गई महिला को गंभीर चोट लगने से मौके पर ही दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार उरगा थाना अंतर्गत ग्राम सरगबुंदिया निवासी 75 वर्षिय बुधवारा बाई बंजारे पति नत्थू राम बंजारे सुबह सौच के लिए सरगबुंदिया के रेलवे लाइन पटरी की ओर गयी हुई थी,अचानक माल गाड़ी के आने से वृद्ध महिला उसके चपटे में आगई,जिसके बाद महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।             


रिकॉर्डः यूपी में 2712 नए संक्रमित मिलें

यूपी में रिकार्ड 2712 नये मामले आये, 50 मौतें भी हुई, लखनऊ में 297, गाज़ियाबाद में 122, नॉएडा में 93 पॉजिटिव मिले


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम कवायद के बावजूद कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी जारी है। पिछले 24 घंटे में जहां रिकार्ड 2712 मामले सामने आये वहीं अब तक की सबसे ज्यादा 50 मौतें भी इस दौरान हुई। पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना के 2712 नये मामले प्रकाश में आये है जबकि पहले से भर्ती 1909 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये गये। इस अवधि मे 50 मरीजों की मृत्यु हुयी जो एक दिन में हुयी मौतों में सर्वाधिक है। इसके बावजूद अब अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 21 हजार 711 हो गयी है। सूबे में कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर आज शाम तीन बजे तक 1348 संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी थी हालांकि 37 हजार 712 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी किये गये हैं।


 लखनऊ में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 297 नये मामले सामने आये जबकि पहले से भर्ती सात मरीजों की मौत हुयी। जिले में फिलहाल 3389 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इस दौरान कानपुर में 189, झांसी में 148,वाराणसी में 147,प्रयागराज में 124,गाजियाबाद में 122,जौनपुर में 121,बलिया में 135 और नोएडा में 93 नये मरीज अस्पतालों में भर्ती किये गये। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि गुरूवार को कोरोना के 50 हजार 697 नमूनों की जांच की गई है जिसे मिलाकर अब तक 17 लाख पांच हजार 348 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। कल 5-5 सैंपल के 2879 पूल और 10-10 सैंपल के 268 पूल लगाए गए। 5-5 सैंपल के 2879 पूल में से 481 में पॉजिटिविटी देखी गई जबकि 10-10 सैंपल के 323 पूल में से 30 संक्रमित निकले।उन्होने बताया कि अब तक 33995 इलाकों में1,33,06,810 घरों का सर्विलांस किया गया है, जिसमें छह करोड़ 77 लाख 18 हजार 224 लोग रहते हैं। प्रदेश में अब कोविड हेल्प डेस्क की संख्या बढ़कर 56164 की गई है। इन कोविड हेल्प डेस्क के माध्यम से 69633 लोगों की पहचान की गई है जिनमें कोई न कोई लक्षण मिले हैं।


मथुरा में शुक्रवार को 14 और कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 689 हो गयी है। डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय ने कहा कि अब बिना किसी प्रयोजन के घूमनेवालेां एंव कोविद-19 के नियमों का पालन न करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि युवकों का अनायास घूमना रोका जाएगा। जिला स्वास्थ्य सूचना एवं शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि आज आई रिपोर्ट में 21 संक्रमित स्वस्थ हो चुके है। जिससे संक्रमण से स्वस्थ होनेवालों की संख्या बढ़कर अब तक 489 हो गई है। एक पाॅजिटिव केस दुबारा जुड़ गया था जिसको हटा देने से संक्रमित मामलों की संख्या 689 हो गई है। जहां नौ लोग 40 वर्ष से कम आयु के हैं वहीं महिलाओं की संख्या दो है और 40 वर्ष से अधिक आयु के पांच लोग हैं।आज की रिपोर्ट यह बताती है कि युवा वर्ग अब भी लापरवाही कर रहा है जिसके कारण ही वे अधिक संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लिये गए 16383 जांच के नमूनों में 14644 नमूने निगेटिव पाए गए है। 832 नमूनो की रिपोर्ट लम्बित है। कुल ऐक्टिव मामले 171 हैं , जब कि अब तक की मृतक संख्या 28 है।           


बैंगलुरूः 3 हजार संक्रमित हुए गायब

बेंगलुरु। कर्नाटक में कोरोना वायरस से कोहराम मचा है।पिछले करीब 3 हफ्तों से यहां मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इज़ाफा हुआ है। राज्य में मरीजों की संख्या 90 हज़ार को पार कर गई है। इस बीच खबर है कि राजधानी बेंगलुरु में कोरोना के 3338 मरीज़ गायब हो गए हैं। आखिर वे कहां गए इनका कोई अता पता नहीं है। फिलहाल प्रशासन इनकी तलाश में जुटा है।


अगर हिसाब लगाया जाए तो ये शहर में कुल कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या का 7 प्रतिशत हिस्सा है।अधिकारियों का कहना है कि उनके पास मरीजों को ट्रैक करने का कोई साधन नहीं है। क्या रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन सबने खुद को क्वॉरंटीन किया है, इस बारे में भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा, ’हम पुलिस की मदद से कुछ कोरोना पॉजिटिव मरीजों का पता लगा सकते हैं, लेकिन 3338 अभी भी अनट्रेसेबल हैं। कई मरीजों ने गलत मोबाइल नंबर और पते दिए हैं, जैसे ही इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई ये गायब हो गए।
अब मरीजों का सैंपल लेने से पहले सरकार इन सबका पहचान पत्र देख रही है। इसके अलावा इनके मोबाइल नंबर को भी वेरिफाई किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री डॉ.अश्वत नारायण ने कहा, ’हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सारे संक्रमित लोगों का पता लगाया जाए और उन्हें क्वारंटीन किया जाए. हमने इसे प्राथमिकता दी है ताकि उनका पता लगाया जा सके और उन्हें अलग किया जा सके। कर्नाटक में राजधानी बेंगलुरु कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। पिछले दो हफ्ते में यहां कोरोना के केस 16 हज़ार से बढ़कर 27 हजार तक पहुंच गए हैं। कर्नाटक में पिछले 24 घंटे में 5,072 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक 90,942 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 1,796 लोग की मौत हुई है।       


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