गुरुवार, 23 जुलाई 2020

चार राज्यों में भारी बारिश का पूर्वानुमान

नई दिल्ली। मौसम विभाग ने आज के लिए असम और मेघालय में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही पश्चिम बंगाल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश का अनुमान है। इसके अलावा पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड, ओड़िसा, अरुणाचल, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, तेलांगना, तमिलनाडु, कर्नाटक के कई स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। बिहार झारखंड में कई इलाकों में गरज के साथ बिजली भी गिर सकती है।


असम में अबतक 90 मौतें
असम में बुधवार को नये इलाकों में पानी घुसने से बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। बाढ़ के कारण राज्य में दो और लोगों की मौत हो गई और 26 लाख से अधिक व्यक्ति इससे प्रभावित हुए हैं। जबकि उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में वर्षाजनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है।


असम में 26 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित


बाढ़ के कारण मंगलवार तक 24 जिलों में 24.19 लाख लोग प्रभावित हुए थे। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बुधवार बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। असम में इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में राज्य भर में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है जिनमें 89 की मौत बाढ़ से और 26 की मौत भूस्खलन से हुई है। ग्वालपाड़ा बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां 4.68 लाख लोग पीड़ित हैं जबकि बारपेटा में 3.82 लाख लोग और मोरीगांव में 3.08 लाख लोग प्रभावित हैं।


बिहार में लगातार बारिश से नदियां उफान पर
लगातार बारिश से नदियों उफान पर हैं। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात किया गया है। बिहार के 11 जिलों- पश्चिम चंपारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गोपालगंज, कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी तथा सारण जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।


बिहार में 10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित


बिहार के दस जिलों में 4.6 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 13 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। बाढ़ के कारण राज्य में कहीं भी किसी के मरने की खबर नहीं है।


कोसी, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और लाल बकेया जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब उनका जल स्तर नीचे आ रहा है या स्थिर है।


उत्तर बिहार में विकराल हुई बाढ़: लाखों लोग हुए बेघर


नेपाल के कई इलाकों में भारी बारिश व वाल्मीकिनगर बराज से सवा तीन लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़े जाने के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। बुधवार को डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में चार लोगों की मौत हो गई। दो के शव की तलाश जारी है. वहीं मुजफ्फरपुर के गायघाट में चार लोगों की मौत डूबने से हो गई।


दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब


दूसरी तरफ दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब होती जा रही है। बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार बांध व एनएच पर शरण लिये हुए हैं। मोतिहारी में बंजरिया में तिलावे नदी का बांध व सुगौली में रिंग बांध टूटने से अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है। पिछले दो दिनों की बारिश व बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर की पांचों प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गंडक नदी जहां पारू व साहेबगंज में तबाही मचाने लगी है, वहीं बागमती व लखनदेई व मनुषमारा औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचाने लगी है। पांचों प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और बड़ी संख्या में निचले इलाके के लोगों को बांध व एनएच पर शरण लेनी पड़ी है। बूढ़ी गंडक में उफान से मुजफ्फरपुर शहर के तटवर्ती हिस्सों में कई मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे हैं।


दरभंगा में कमला जीवछ का पानी शहरी क्षेत्र पर दबाव बनाने लगा है. इसके अलावा 26 पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गईं हैं। यहां बागमती का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। सीतामढ़ी में बाजपट्टी एनएच 104 व एनएच 57 पर भी बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। यहां भी सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मधुबनी में शहर पर तो दबाव नहीं बढ़ा है, हालांकि ग्रामीण इलाकों मेंची पानी के कारण फसलों का बहुत नुकसान हुआ है।


उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी
उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग ने आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश से कई सड़कें, कई जगह भू-स्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग और SDRF अलर्ट पर है।


24 घंटे में 45 हजार नए संक्रमित मिलें

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है। पिछले 24 घंटे में पहली बार 45 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही सबसे अधिक एक हजार से ज्यादा मौत भी हुई हैं। देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या सवा 12 लाख के पार पहुंच गई है, वहीं करीब 30 हजार मौतें भी हुई हैं।


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल संक्रमितों की संख्या 12 लाख 38 हजार 635 हो गई है। इनमें चार लाख 26 हजार 167 एक्टिव केस हैं तो वहीं सात लाख 82 लोग ठीक हो चुके हैं। अबतक 29 हजार 861 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।


कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है। लेकिन अगर प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (4,100,875), ब्राजील (2,231,871) में हैं। देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में दूसरे/तीसरे नंबर पर बनी हुई है।


एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य
आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वक्त चार लाख से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और पांचवे नंबर पर दिल्ली है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है। यानी कि भारत ऐसा चौथा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।


कोर्ट पहुंचा राजस्थान का सियासी संकट

नई दिल्‍ली। राजस्थान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यहां पर दोनों तरफ के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीले रखी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से ने इनकार कर दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अगली सुनवाई होगी, जबकि स्पीकर की अर्जी पर कल ही राजस्थान हाईकोर्ट फैसला सुनाने वाला है।


सुप्रीम कोर्ट में अशोक गहलोत सरकार की तरफ से कपिल सिब्‍बल पेश हुए। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अनुरोध किया, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, “राजस्थान उच्च न्यायालय राजस्थान अध्यक्ष से अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की याचिका पर आदेश पारित कर सकता है।”मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में असंतोष की आवाज को बंद नहीं किया जा सकता है। बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और उनके वफादार 18 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के राज्य उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी और संविधान का तर्क दिया था कि अदालत अध्यक्ष के आदेश पर उल्लंघन नहीं कर सकती है।


वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान के अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से पेश होकर कहा कि अदालत अध्यक्ष को निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।


सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई अपडेट:


कोर्ट ने पायलट कैंप के वकील से मांगा जवाब- कोर्ट ने सचिन पायलट कैंप की ओर से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी से जवाब मांगा। सिब्बल ने कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का किया आग्रह- कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का आग्रह किया। यदि आप इसकी जांच कर रहे हैं, तो आपको निलंबित करना होगा कि हाईकोर्ट में क्या हो रहा है।


आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें: सिब्बल- शीर्ष अदालत ने कहा, “आपको केवल (राजस्थान) हाईकोर्ट द्वारा 24 जुलाई तक इंतजार करने का अनुरोध किया गया था, जिस पर सिब्बल ने जवाब दिया, “आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें। अदालत ऐसा नहीं कर सकती।”


तो समस्या केवल शब्द के साथ है? हर जगह आदेश को ‘अनुरोध’ कहा जाता है, कोर्ट ने पूछा।


लोकतंत्र में आवाज को दबाया नहीं जा सकता: न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा – “क्या जनता द्वारा चुने गए व्यक्ति असंतोष की बात को व्‍यक्‍त नहीं कर सकते? न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कपिल सिब्बल से पूछा, लोकतंत्र में असहमति की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।” किस आधार पर विधायकों को अयोग्य ठहराया गया? – शीर्ष अदालत ने कपिल सिब्बल से पूछा कि विधायकों को अयोग्य किस आधार पर ठहराया गया? जिस पर उन्होंने जवाब दिया, “विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए, वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। वे हरियाणा के एक होटल इनकम्युनिकाडो में हैं और अपनी ही पार्टी के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं।”सिब्बल का कहना है कि कोर्ट स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता: कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि अदालत ‘स्पीकर’ को निर्देशित नहीं कर सकती है और स्पीकर को एक निर्देश जारी करने में राजस्थान उच्च न्यायालय गलत था। यह इस बिंदु पर तय कानून के खिलाफ है।             


इस प्रकार की पुनरावृति दोबारा ना हो

गगन शर्मा 


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या और विकास दुबे समेत आरोपियों की मुठभेड़ों में मौत पर कहा कि यूपी सरकार इस बात का ध्यान रखे कि ऐसी मुठभेड़ दोबारा न हो। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन मौतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन के यूपी सरकार के मसौदे को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. बलबीर सिंह चौहान की अध्यक्षता में समिति गठित की है।


मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि इस जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर अपना काम शुरू कर देना चाहिए और दो महीने के अंदर इसे पूरा कर लेना चाहिए। न्यायमूर्ति चौहान की अध्यक्षता वाली इस जांच समिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता शामिल हैं। पीठ ने समिति को सचिवालय सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि यह सहयोग एनआईए या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह जांच समिति अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत के साथ ही राज्य सरकार को भी सौंपेगा। इससे पहले, राज्य सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. चौहान कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की जांच के लिए गठित समिति का हिस्सा बनने पर सहमत हैं। पीठ ने कहा कि यह समिति कानपुर के चौबेपुर थानांतर्गत बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने और इसके बाद हुई मुठभेड़ की घटनाओं की भी जांच करेगी।


उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि जांच समिति उन परिस्थितियों की भी जांच करेगी, जिसमें 65 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विकास दुबे को जमानत पर रिहा किया गया था। मेहता ने इस जांच समिति की कार्य-शर्तों को पढ़कर पीठ को सुनाया। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि हम जांच समिति के हाथ नहीं बांधना चाहते। जांच समिति के लिए कार्य-शर्तें रखना उचित नहीं है। जांच समिति की जांच का दायरा व्यापक होना चाहिए। शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दुबे और उसके पांच कथित साथियों की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का आग्रह किया गया था।            



मां-बेटियों ने प्रेमियों से पतियों की हत्या कराई

बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में मां-बेटी ने अपने अवैध संबंधों में बाधक बनने पर पूरे फिल्मी अंदाज में अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पति का कत्ल करवा डाला। आरोपियों ने पहले बलवीर को डंडों से पीटा, फिर गोली मारकर कर दी। हालांकि पुलिस ने 13 दिन में ही हत्याकांड का खुलासा कर मृतक की पत्नी व पुत्री को उनके प्रेमियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल को बरामद करने का दावा किया है।


बुलंदशहर के पहासू के गांव जटोला में रहने वाले 40 साल के किसान बलवीर सिंह की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी ही पत्नी व बेटी ने अपने आशिकों के साथ मिलकर करवा डाली। दरअसल, उसकी बेटी और पत्‍नी रानी के हेमंत और गोलू से अवैध संबंध थे, जिसकी भनक जब बलवीर सिंह को लगी तो उसने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था मां-बेटी ने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर रच डाली बलवीर सिंह के कत्ल की साजिश।


साजिश के तहत 9 जुलाई को जब बलवीर सिंह एक मोबाइल खरीद कर अपने घर पहुंचा, तो उसे फोन कर किसी ने बुलाया और उसके बाद वह घर नहीं लौटा। 11 जुलाई को उसका शव मिला। हत्यारों ने शव की पहचान मिटाने के लिए उसके चेहरे पर तेजाब भी डाल दिया था, लेकिन जब मृतक की शिनाख्त बलवीर के रूप में हुई। पुलिस ने शक के आधार पर जैसे ही उसकी पत्नी रानी और बेटी को हिरासत में ले सख्‍ती से पूछताछ की तो मां-बेटी ने कर दिया रिश्तों के कत्ल का खुलासा।


पुलिस ने मृतक की पत्नी-पुत्री उनके दोनों प्रेमियों व एक अन्य साथी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और पांचों को जेल भेज रही है।               


सैनिक के पिता की हत्या, पत्नी की घायल

अमेठी। उत्तर प्रदेश में लॉ एंड आर्डर कितना अपटूडेट है इसकी बानगी रोज ब रोज देखने को मिल रही है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के राज में अपराध दर अपराध होते ही चले जा रहे हैं। कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, अमेठी से लगाकर पूरे उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों का जलवा चरम पर है। एक के बाद एक अपराध होते चले जा रहे, पुलिस शायद कोरोना ढूंढ रही है।


ताजा मामला आज अमेठी में देखने को मिल रहा है। यहां राष्ट्रीय राइफल डोगरा रेजिमेंट में तैनात सूर्यप्रकाश मिश्र के पिता राजेन्द्र मिश्र की तेजधार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गयी। साथ ही उनकी गर्भवती पत्नी को पीटकर अधमरा कर दिया गया। अमेठी निवासी फौजी उत्तर प्रदेश शासन के खिलाफ परिवार सहित धरने पर बैठ गया है। न्याय न मिलने की उम्मीद के बाद आर्मी जवान ने आत्मदाह कर लेने की भी बात कही है।
22 जुलाई दोपहर वायरल हुआ यह वीडियो अमेठी का है, स्ट्रेचर पर पिता की लाश है और जो जमीन पर लोट-लोट कर बिलख रहा है वो पुंछ में तैनात जवान सूर्य प्रकाश मिश्र हैं। सूर्यप्रकाश के घर मे पड़ोस के कुछ दबंगों ने घर में घुसकर उनके पिता की हत्या कर दी। इसके अलावादबंगों ने उनकी गर्भवती पत्नी को भी पीट-पीटकर बेदम कर दिया। जवान सूर्यप्रकाश ने अपने पड़ोस में रहने वाले 6 लोगों पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमारा उनसे विवाद चल रहा था। जिसकी सूचना उन्होंने नजदीकी थाने में कई बार दी। बावजूद इसके उनकी सुनवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा जो सैनिक सरहद पर देश की रक्षा करता है वो अपने घर में ही अपने पिता को नहीं बचा सका।            


सुनहरे उल्लू के साथ 10 तस्कर गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश में उज्जैन में एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में वन्य जीवों की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए इसके छह पुरुष और चार महिला सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 5.25 करोड़ रुपये की कीमत के दो दुर्लभ वन्य जीव भी बरामद किए हैं।


उज्जैन एसटीएफ एसपी नितेश गर्ग ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ लोग उज्जैन के नानाखेड़ा इलाके में वन्यजीवों को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और दो कारों में सवार कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में चार महिलाएं थी। सभी आरोपी इंदौर और आसपास के इलाकों मे रहने वाले हैं। एसपी के मुताबिक, कार सवार लोगों के कब्जे से एक सुनहरा उल्लू और दो मुंहा सांप (Red Sand Boa) बरामद किया गया है। पकड़े गए दोनों जीव बेहद दुर्लभ हैं। सुनहरे उल्लू को स्मगलर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बेचते हैं जिसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये है। वहीं दो मुंह वाले सांप का इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए किया जाता है और इसकी कीमत करीब 2.25 करोड़ रुपये है। पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि तस्करों ने उल्लू व सांप को खंडवा के जंगलों से पकड़ा है। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों जीवों को जंगल में ही छोड़ा जाएगा।              


 


बैंक कर्मियों की सैलरी में 15 फ़ीसदी इजाफा

नई दिल्ली। देश के लाखों बैंक कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। इनको सैलरी अब पंद्रह फीसदी ज्यादा मिलेगी। इसकी मांग बैंक कर्मचारी लंबे अरसे से कर रहे थे। बैंक कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। बैंकिंग सेक्टर में वेतन वृद्धि को लेकर लंबे अरसे से संघर्ष कर रहे बैंक कर्मचारियों के वेतन में 15 फीसदी की वृद्धि का फैसला लिया गया है। बुधवार को इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बीच चल रही बातचीत के बाद दोनों संगठन इस बात पर राजी हो गए कि बैंक कर्मचारियों के वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए।

आईबीए और यूएफबीयू के बीच मुंबई के एसबीआई मुख्यालय में आयोजित इस मैराथन बैठक में ये फैसला किया गया। बैंक यूनियन और आईबीए के बीच हुए समझौते के अनुसार ये वेतन वृद्धि नवंबर 2017 से प्रभाव में आएगी। दरअसल, सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों समेत 37 बैंकों ने अपने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के बारे में निर्णय लेने के लिए आईबीए को अधिकार दिया है। इस समझौते के लागू होने से बैंकों पर लगभग आठ हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ेगा।

पत्नी के 14 बॉयफ्रेंड को भेजा नोटिस

पत्नी के थे 14 ब्वॉयफ्रेंड, पति ने सबको नोटिस भेजकर मांगे 100 करोड़


सुरेश उपाध्याय


कोलकाता। एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जहां एक पति ने अपनी पत्नी के अवैध संबधों का पता लगाने के लिए लगातार जासूसी की। इसके बाद उसके सामने जो सच्चाई सामने आई वह बहुत चौंकाने वाली थी। उसे पता चला कि उसकी पत्नी के एक नहीं बल्कि 14 ब्वॉयफ्रेंड हैं। इसके बाद उसने जो किया उससे हर कोई हैरान रह गया।
बांग्ला इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पत्नी के 14 पुरुषों के साथ अवैध संबंधों की बात सामने आने के बाद पति ने सभी को कानूनी नोटिस भेजा है। पति ने 14 पुरुषों से 100 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में मांगे हैं। उनका कहना है कि 14 लोगों के साथ पत्नी के अवैध संबंध होने के कारण उनका वैवाहिक जीवन बिखर गया है।


महिला का पति कोलकाता का एक बिजनेसमैन है। उसका आरोप है कि इन पुरुषों की वजह से उनका वैवाहिक जीवन बर्बाद हो गया है। समाज में भी उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो गई है। इसलिए उसने अपने कार ड्राइवर को जासूस बना कर सभी के खिलाफ सुबूत जुटा लिए हैं।
पति ने 14 लोगों को अलग- अलग नोटिस भेजा है। उस नोटिस में लिखा है कि नोटिस मिलने के 2 हफ्तों के अंदर अगर मानहानि की क्षति पूर्ति  नहीं की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में पति ने बकायदा लिखा है कि, ‘मुझे पता चला है कि आप लोगों के मेरी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध हैं और गोपनीय तरीके से मेरी पत्नी के संपर्क में रहते हैं।
आगे उसने लिखा, ‘आप सभी को पता है कि वह विवाहित है। साथ ही आप ये भी जानते है कि मैं उसका पति हूं। आप लोगों के अवैध संबंधों से मेरा वैवाहिक जीवन बिखर गया है। मैं तकलीफ में जी रहा हूं। मेरी सामाजिक छवि धूमिल हो गई। आप सब लोगों को मानहानि के तौर पर 2 हफ्तों के अंदर 100 करोड़ रूपये देने होंगे। ऐसा नहीं करने पर आप लोगों के खिलाफ कानूनी तरीके से कदम उठाया जाएगा।’                


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 24, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-346 (साल-01)
2. शुक्रवार, जुलाई-24, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्थी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:27,सूर्यास्त 07:23।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-37+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 22 जुलाई 2020

दलित-पिछड़ों के साथ मनाया जन्मदिन

समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव मो०शारिक़ का जगहा जगहा मनाया गया जन्मदिन


दलितों पिछड़ो के साथ शहर भर में हर्षोउल्लास से केक काट कर मना जन्म दिवस


लॉकडाउन में ज़रुरतमन्दों की जातपात के बन्धन से मुक्त हो कर सेवा भाव से मदद करने वाले युवा नेता मो०शारिक़ के दिर्घायु की कि गई कामना


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव व मदर टेरेसा फाउण्डेशन के राष्ट्रीय महासचिव मो०शारिक़ जन्मदिन पर शहर के विभिन्न इलाक़ो में हर्षोउल्लास के साथ समर्थकों ने केक काटा और उनके दिर्घायु की कामना की।सर्वप्रथम शारिक़ के नैनी स्थित आवास पर विशाल केक काटा गया।वहीं दलितों और पिछड़ो की बस्ती में भी जन्मोत्सव के कार्यक्रम हुए।मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै०मो०अस्करी के द्वारा हाईकोर्ट स्थित औन ज़ैदी के कार्यालय पर सपा प्रवक्ता दान बहादुर मधुर,आबिद अली,औन ज़ैदी,अबरार हुसैन,अख्तर हुसैन की उपस्थिति में केक काट कर जश्न मनाया गया।वहीं मदर टेरेसा आयुष विंग के महानगर चेयरमैन मुन्तज़िर रिज़वी के क्लिनिक पर बच्चों संग केक काटा गया ।अल्पसंख्यक सभा के निर्वतमान महानगर अध्यक्ष शाहिद प्रधान के अतरसुईया स्थित कार्यालय पर केक काटा गया।मदर टेरेसा फाउण्डेशन छात्र विंग के चेयरमैन व सीएमपी पीजी कालेज के अध्यक्ष मो०राशिद ने तेलियरगंज में छात्रों संग केक काटा और मो०शारिक़ के दिर्घायु की कामना की।करैली में मदर टेरेसा फाउण्डेशन के प्रदेश अध्यक्ष सैफ फरीदी ने साथियों संग केक काट कर जश्न मनाया।बैरहना में युवा नेता विजय महतो ने केक काटा और मो०शारिक़ के दिर्घायु की कामना की।जश्न मनाने वालों में सै०मो०अस्करी,आक़िब जावेद,बृजेश केसरवानी,राज तिवारी, विजय महतो,मृदुल घोष,अमित कपूर,बन्टी दादा,सुमित कुमार,डब्बू यादव,प्रिन्स कुमार,सौरभ शर्मा आदि मौजूद रहे।नैनी के जमुनापार इकाई के सपाईयों ने मो०अनस रज़ा,शिव यादव,मो०अज़हर के नेत्रित्व में केक काटा और पार्कों मे वृक्षारोपड़ कर समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव मो०शारिक़ के जन्मदिन को यादगार बनाया।


डॉ कफिल पर रासुका लगना दुरूपयोग

आधिवक्ता मंच ने डॉक्टर कफ़ील पर रासुका लगाने को बताया अन्यायजनक


प्रयागराज। आज मानवतावादी डॉक्टर कफ़ील खान को बिना शर्त रिहा किये जाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट के सामने बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष अधिवक्ता मंच इलाहाबाद की ओर से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान डॉक्टर कफ़ील खान से रासुका हटाओ, डॉक्टर खान को बिना शर्त रिहा करो, राजनैतिक बन्दियों को बिना शर्त रिहा करो, उत्तर प्रदेश में कानून का शासन लागू करो, विरोधियों पर लगाये गए फर्जी मुक़दमे वापस लो, डॉक्टर कफ़ील को परेशान करना बन्द करो आदि नारे लगाए गए। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए आधिवक्ता कुंवर नौशाद खान ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसा कानून डॉक्टर कफ़ील पर लागू करना इस कानून का दुरुपयोग है। सभा को सम्बोधित करते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आज़मी ने कहा कि डॉक्टर कफ़ील खान ने गोरखपुर में बच्चों की जान बचाने के लिए निजी स्तर पर हर संभव प्रयास किया था और बिहार में आये चमकी बुखार के समय खुद जोखिम लेकर गांव गांव घूमकर मानवता की सेवा की थी ऐसे डॉक्टर को देश के लिए खतरा बताना शासन की सनक है। लोकतंत्र में कानून का शासन होता है, न कि व्यक्ति की सनक किन्तु उत्तर प्रदेश में निजी सनक को थोपा जा रहा है। आधिवक्ता सतवेंद्र आज़ाद ने कहा कि डॉक्टर कफ़ील को जेल में रखना अन्यायजनक है। सभा को संबोधित्व करते हुए एम. पी पाल ने कहा कि कानून के शासन की अवधारणा उत्तर प्रदेश में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।मोहम्मद सरताज़ अहमद सिद्दकी ने सभी राजनैतिक कार्यकर्ताओं को रिहा किये जाने की मांग की। वरिष्ठ आधिवक्ता राम कुमार गौतम ने सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में रासुका, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के दुरुपयोग करने और राजनैतिक विरोधियों को फर्जी मुकदमो में फसाने की निंदा की। सभा के बाद प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन के मेल के माध्यम से भेजा गया जिसमें डॉक्टर कफ़ील से रासुका हटाने और बिना शर्त तुरंत रिहा किये जाने की मांग की गई। सभा का संचालन राजवेन्द्र सिंह ने किया।इस दौरान वरिष्ठ आधिवक्ता के.के.राय, राजीव कुमार, शमशुल इस्लाम, मोहम्मद उस्मान, मो.आकिब, एम.सईद,घनश्याम मौर्य, अनन्त कुमार गुप्त, मो0 सरताज़ अहमद, अहमद बिलाल, रेहान ज़ैदी, आकिब अख्तर खान, शान मोहम्मद, मो0अरीब, विनोद कुमार, सुनील मौर्य, एन. के. यादव, काशान सिद्दीकी, आदि उपस्थित रहे।            


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