शनिवार, 18 जुलाई 2020

महिला पार्षद ने आयुक्त पर चप्पल उठाई

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक पार्षद ने बीच बैठक में नगर आयुक्त को ही चप्पल मार दी। शुक्रवार को मथुरा नगर निगम की बैठक में किसी बात से खफा होकर भाजपा पार्षद दीपिका रानी सिंह ने नगर आयुक्त रविंद्र कुमार को चप्पल मारी। हालांकि चपप्ल नगर आयुक्त को ना लगकर उनके पीए को जाकर लगी। बैठक में मौजूद दूसरे नेताओं और कर्मचारियों ने किसी तरह बीच-बचाव किया।


मथुरा के मुकुंद पैलेस में शुक्रवार को मथुरा वृन्दावन नगर निगम की बजट बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। पार्षद अपने अपने वार्डों में प्रस्तावित और हुए विकास कार्यों को लेकर हंगामा करने लगे। इसी बीच वार्ड 24 की पार्षद दीपिका रानी सिंह मंच पर बैठे नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ के पास पहुंचीं। दीपिका रानी का कहना है कि, उन्होंने वार्ड में हुए कार्यां की सूची और कुछ अन्य समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त से बात की तो उन्होंने हाथ पकड़कर झटका और कहा कि चल बैठ जा।इस पर मुझे गुस्सा आ गया।


नगर आयुक्त ने पार्षद पर एफआईआर के लिए तहरीर दी है। नगर आयुक्त ने कहा कि बैठक शुरू होने से पहले ही पार्षद दीपिका रानी ने हंगामा शुरू कर दिया था। उन्होंने मुझसे और अन्य अधिकारियों से गाली गलौच भी की। जब पीए ने समझाया तो उसको चपल्लों से पीटा गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज करा कर वैधानिक कार्रवाई कराई जाएगी।               


राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए


  • मायावती ने कहा- राजस्थान के राज्यपाल को मसले को खुद नोटिस में लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए

  • मायावती इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर रहीं, बसपा विधायकाें को कांग्रेस में शामिल कराने पर विरोध जताया था


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान की सियासी उठापटक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है। मायावती ने राजस्थान की राजनीतिक अस्थिरता को लेकर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध और सियासी उठापटक काे राज्यपाल खुद नोटिस में लाएं। उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।


बसपा प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दलबदल कानून का खुला उल्लंघन किया। बसपा के साथ लगातार दूसरी बार धोखेबाजी की और हमारी पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया। अब जगजाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है।


कोटा में 105 बच्चों की मौत पर गहलोत को हटाने की मांग की थी
इससे पहले मायावती ने दिसंबर में कोटा के अस्पताल में लगातार बच्चों की मौतों पर सवाल उठाया था। उन्होंने कांग्रेस से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग की थी। मायावती ने ट्वीट कर लिखा था- 100 माताओं की कोख उजड़ने के मामले में कांग्रेस को केवल अपनी नाराजगी जताना ही काफी नहीं है। कांग्रेस को चाहिए कि वहां के मुख्यमंत्री को तुरंत हटाकर किसी सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाया जाए।


2018 में भी गहलोत से नाराजगी जताई थी
बसपा प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर पहले भी नाराजगी जता चुकी हैं। 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 200 सीटों में 100 पर जीत मिली थी। उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक जीता था। इससे राज्य में सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था। वहीं, बसपा के 6 विधायक चुनाव जीते थे। इन सभी विधायकों ने बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इससे मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर खासी नाराजगी जताई थी।


राजस्थान में इन विधायकों ने कांग्रेस जॉइन की थी
बसपा से चुनाव जीते राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी, झुंझुनूं), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई, भरतपुर), वाजिब अली (भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा, अलवर) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़बास, अलवर) ने सितंबर 2018 में पार्टी छोड़ दी थी।             


ओडीएफ के विरुद्ध शुरू घूंघट से बगावत

धर्मेन्द्र कुमार कन्नौजिया की रिपोर्ट


लखनऊ। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश राज्य का कुशीनगर जनपद ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित कर दिया गया लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावे से कोसों दूर है। शौचालय नहीं होने से जंगल जगदीशपुर टोला भरपटिया में लगभग डेढ़ दर्जन बहुएं ससुराल छोड़कर मायके चली गयीं हैं। दुल्हनों का कहना है कि शौचालय के बगैर उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी। दुल्हनों का कहना है कि जबतक ससुराल में शौचालय नहीं बन जाता है तबतक मायके में ही रहेगी. ‘घुंघट’ की इस बगावत ने स्वच्छ भारत मिशन की सारी पोल खोलकर रख दी है।


जानकारी के मुताबिक, जिले के साथ ही जंगल जगदीशपुर गांव भी ओडीएफ हुआ था लेकिन इस गांव के टोला भरपटिया के अधिकतर गरीबों के पास आज भी शौचालय नहीं है। गांव के ग्राम प्रधान और जिला पंचायतराज अधिकारी एमआईएस और सूची का हवाला दे रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि किन परिस्थितियों में इन गरीबों का नाम सूची में नहीं शामिल हुआ है इसका जबाब किसी के पास नहीं है।


स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुशीनगर जनपद में तकरीबन 4 लाख शौचालय बनने थे। कुशीनगर जनपद को 30 नवंबर 2018 को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। ओडीएफ मतलब सभी शौचालयों का निर्माण शत प्रतिशत करा दिया गया है। परंतु इस सरकारी दावे पर से पडरौना विकास खंड के जंगल जगदीशपुर टोला भरपटिया की लगभग डेढ़ दर्जन बहुओं ने पर्दा हटा दिया है। भरपटिया टोले की यह बहुएं ससुराल छोड़कर मायके इसलिए चली गईं है क्योंकि घर में शौचालय नहीं है और उन्हें नित्य जरूरत के लिये तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। शौचालय निर्माण का सच सामने लाने वाली इन बहुओं का कहना है कि गांव के एक तरफ नाला है तो दूसरी तरफ नहर। चारों तरफ पानी लगता है. जिससे बहुत दिक्कतें आती हैं। जबतक ससुराल में शौचालय नहीं बन जाता है तबतक मायके में ही रहेंगी। बता दें कि टोला भरपटिया की आबादी तकरीबन 1000 है और यहां गरीब तपके के लोग निवास करते हैं। गरीबों की बस्ती होने के बाद भी अधिकतर के पास शौचालय नहीं है।


जिला पंचायतराज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी और ग्राम प्रधान दोनों का कहना है जितने लोगों का एमआईएस हुआ था और जितने लोगों का नाम सूची में था, सबका शौचालय बन गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि एमआईएस कराने की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधान, ब्लॉक और डीपीआरओ के ही कंधों पर होती है। सूची भी इन्हीं की देखरख में बनी है।


मायके गई गांव की बहू रीना का कहना है कि हमारे ससुराल में शौचालय नहीं बना है जिसके कारण दिक्कत हो रही थी इसलिए मायके चले आएं हैं। शौचालय बन जायेगा तो ससुराल चले जायेंगे। वहीं, मायके गई बहू ज्योति का कहना है कि ससुराल में शौचालय न होने के कारण मायके आई हूं। शौचालय बनेगा तो वापस जाऊंगी नहीं बनेगा तो नहीं जाऊंगी। जिला पंचायत अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद गांव में पहुंचकर जांच की तो दो बहुएं नार्मल तरीके से मायके गई हैं। हां, कह सकते हैं कि उनके पास शौचालय नहीं था। कुछ गांववालों का लाइन सर्वे में नाम न होने के कारण उनका शौचालय नहीं बन पाया था।


यूपीबोर्डः 30 फ़ीसदी पाठ्यक्रम किया कम

नई दिल्ली/लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते बिजनेस से लेकर पढ़ाई तक सब प्रभावित हुई है। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। ऐसे में यूपी बोर्ड ने छात्रों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।


दरअसल, कोरोना महामारी के चलते देशभर में स्कूल अभी तक खुले नहीं हैं। यूपी बोर्ड के स्कूल भी अभी तक बंद हैं। इनके आने वाले दिनों में भी खुलने की उम्मीद नहीं के बराबर है। ऐसे में यूपी बोर्ड ने स्टूडेंट्स के सिर से पढ़ाई का बोझ कम करने का फैसला लिया है। इसके कारण यूपी बोर्ड ने नौवीं क्लास से बारहवीं क्लास तक के सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती कर दी है।


यूपी बोर्ड ने कोरोना के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने के चलते हालात की गंभीरता को देखते हुए 9वीं से 12वीं क्लास तक के सिलेबस 30 फीसदी कम कर दिए हैं। बाकी बचे 70 फीसदी सिलेबस को अब तीन भाग में पढ़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश बोर्ड की नियामक संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नियमित कक्षाएं न शुरू हो पाने की समस्या को देखते हुए सरकार से सिलेबस कम करने की अपील की थी और प्रस्ताव भेजा था। जिस प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है। अब छात्रों को तीस फीसदी कम सिलेबस पढ़ना होगा।             


सितंबर से आईपीएल शुरू होने की कवायद

नई दिल्ल। कोरोना वायरस की वजह से आईपीएल के आयोजन को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था, लेकिन इसके बाद आईपीएल के आयोजन को लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया, और ये कहा जाने लगा कि बीसीसीआई आईपीएल से होने वाले नुकसान को झेलने की स्थिति में नहीं है, और इस साल आईपीएल का आयोजन कराने की सोच रहा है। फिर चाहे वो दूसरे देश में ही क्यों न कराना पड़ा। और अब मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  बीसीसीआई ने आईपीएल के आयोजन का शेड्यूल बना लिया है, और इसका आयोजन इस बार भारत से बाहर होने वाला है, जो मीडिया रिपोर्ट्स आ रही है उसके मुताबिक आईपीएल यूएई में खेला जाएगा, भारत में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के कारण ये फैसला लेना पड़ा है।


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीसीसीआई इस बार आईपीएल का आयोजन यूएई में कराने जा रहा है, और वहां कराने के लिए बीसीसीआई अब मंजूरी लेने में लगा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई ने तो आईपीएल का पूरा शेड्यूल भी तैयार कर लिया है, टूर्नामेंट यूएई में 26 सितंबर को शुरू होगा, और 6 नवंबर को आईपीएल का फाइनल मैच खेला जाएगा। आईपीएल का पूरा शेड्य़ूल अगस्त के पहले हफ्ते में जारी किया जा सकता है। इससे पहले गुरुवार को ऐसी खबरें भी आईं थी कि आईपीएल में हिस्सा लेने वाले सभी भारतीय क्रिकेटर 5 हफ्ते की ट्रेनिंग के लिए यूएई जा सकते हैं। ट्रेनिंग कैंप खत्म होने के बाद आईपीएल फ्रेंचाइजियों को अपने ट्रेनिंग कैंप लगाने का मौका दिया जाएगा।


गौरतलब है कि अगर यूएई में आईपीएल का ये सीजन आयोजित किया जाता है, ऐसा दूसरी बार होगा, इससे पहले साल 2014 में आईपीएल का पहला राउंड खेला गया था, तब अबु धाबी, दुबई और शारजाह में मुकाबले हुए थे, और तब आम चुनाव की वजह से फैसला लिया गया था। लेकिन इस बार भारत में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस की वजह से ये फैसला लिया जा रहा है, यूएई में आईपीएल के आयोजन का स्थल चुनने की वजह ये माना जा रहा है कि दुबई पूरी दुनिया से जुड़ा हुआ है, वहां पूरी दुनिया की उड़ानें आती हैं, इसलिए विदेशी खिलाड़ियों को ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज से यूएई लाना आसान होगा। बहरहाल ये तो मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित खबर है, अब देखना ये है कि बीसीसीआई इसका औपचारिक ऐलान कब करता है।           


सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया

श्रीनगर। आतंकियों के खिलाफ जारी अभियान में सुरक्षाबलों को आज फिर कामयाबी मिली है। जम्मू-कश्मीर में शोपियां के अमशिपोरा इलाके में सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया है। 24 घंटे में जवानों ने कुल 6 आतंकियों को ढेर कर दिया। एनकाउंटर अभी जारी है।


दहशतगर्दों के छिपे होने के इनपुट पर आर्मी और पुलिस के जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस बीच आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 24 घंटे में सिक्योरिटी फोर्सेज ने 6 आतंकी ढेर कर दिए हैं। शुक्रवार को कुलगाम जिले के नागनाद शिमर इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकी मार गिराए थे, इनमें एक पाकिस्तानी था। सेना ने शुक्रवार को बताया कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन हमारे जवान उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।


ऐश्वर्या-आराध्या की तबीयत बिगड़ी, भर्ती

मुंबई। कोरोना वायरस के चलते ऐश्वर्या और आराध्या बच्चन को शुक्रवार देर रात मुंबई स्थित नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हाल ही में बच्चन परिवार के चार सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन को अस्पताल में एडमिट कराया गया। अभी तक ऐश्वर्या और आराध्या होम क्वारंटाइन थीं और कोरोना का इलाज कर रही थीं।


बता दें कि इससे पहले अभिषेक ने ट्वीट कर बताया था, ‘ऐश्वर्या और आराध्या बच्चन का भी कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। वह लोग घर पर ही सेल्फ क्वारंटाइन हैं। पूरी परिस्थिति की जानकारी दे दी गई है और वह सभी चीजों का ध्यान रख रहे हैं। बाकी परिवार में मां को मिलाकर सभी के टेस्ट नकारात्मक आए हैं। आप की चिंताओं और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद’।


एक्टर के चारों बंगले- जलसा, जनक, वत्सा और प्रतीक्षा, सभी को बीएमसी ने सील कर दिया है। बाहर कंटेनमेंट जोन का बोर्ड लगा दिया है। अमिताभ बच्चन के 26 स्टाफ मेंबर्स का स्वैब टेस्ट हुआ। बताया जा रहा है कि सभी की रिपोर्ट्स नेगेटिव आई हैं।                  


कांग्रेस विधायक भाजपा में हुई शामिल

भोपाल। नेपानगर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी सुमित्रा कासडेकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के 6 घंटे के अंदर भाजपा में शामिल हो गई हैं। पार्टी के प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने उन्हें पार्टी का दुपट्टा पहनाकर विधिवत पार्टी में शामिल किया।
इस मौके पर कासडेकर ने कहा कि कांग्रेस ने विकास के कामों में रुचि नहीं ली और हमेशा उनकी उपेक्षा की। क्षेत्र के विकास के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रही हैं।


विधायकों से मिलते नहीं थे कमलनाथ


भाजपा में शामिल होते ही सुमित्रा कासडेकर ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की 15 महीने की सरकार थी, तब विधायक होने के नाते क्षेत्र के विकास को लेकर मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने भोपाल जाती थी लेकिन मुख्यमंत्री को विधायकों से मिलने की फुरसत ही नहीं होती थी। क्षेत्र में विकास कार्य ठप्प थे। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती थी। कासडेकर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मेरे साथ उपेक्षा का व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए ही मैंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।


कांग्रेस डूबता हुआ सूरज


सदस्यता ग्रहण समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी विकास के मंत्र को लेकर चल रही है और अब हम सब मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जनप्रतिनिधियों का दम घुट रहा था, क्योंकि विकास कार्य ठप थे। जनता का कल्याण और क्षेत्र के विकास की तड़प उनके मन में रही है, कांग्रेस डूबता हुआ सूरज है। इसमें वर्षों से एक ही परिवार का नेतृत्व रहा है। एक नेता अध्यक्ष, सीएम और नेता प्रतिपक्ष सभी पदों पर कब्जा जमाते हैं। विकास और जनकल्याण भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्राथमिकता रही है और सुमित्रा देवी कासडेकर ने क्षेत्र के विकास को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दल न होकर परिवार है और सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर जिस भावना और संकल्प के साथ भाजपा की सदस्यता ली है, उस भावना का इस परिवार में सदैव सम्मान किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के 15 महीने के कुशासन से जनप्रतिनिधि त्रस्त थे। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश को गर्त में ले जाने का काम किया। जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के विकास के लिए जो कल्पना की थी, उसे कांग्रेस सरकार ने पूरा नहीं किया, जिससे जनप्रतिनिधियों का कांग्रेस से मोह भंग होता गया।              


गहलोत ने पायलट गुट को चौतरफा घेरा

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बागी विधायकों या सचिन पायलट को हाईकोर्ट से शुक्रवार को भले ही अंतरिम राहत मिली हो लेकिन प्रदेश के अशोक गहलोत सरकार ने उन्हें चौतरफा घेरना शुरू कर दिया है। सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने शुक्रवार को एसओजी (SOG) में एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में भी एफआईआर दर्ज करा दी है। इस बारे में एसओजी के डीजी आलोक त्रिपाठी की ओर कहा गया है कि ब्यूरों में जो एफआईआर दर्ज की गई है वो भ्रष्टाचार को लेकर हुई है। हॉर्स ट्रेडिंग मामले दोनों जांच एजेंसियों में पहले से ही जांच कर रही है और अब सरकार ऑडियो क्लिप्स मामले में भी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है।


ऑडियो क्लिप मामले में संजय जैन की गिरफ्तारी
राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल यानी एसओजी ने शुक्रवार को राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने के लिये विधायकों की खरीद फरोख्त वाले ओडियो टेप में कथित रूप से नाम आने पर संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड के अनुसार जैन को सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है।


2 दिन तक पूछताछ फिर गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार जैन को बृहस्पतिवार और शुक्रवार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। गहलोत सरकार को गिराने के कथित षडयंत्र वाले सोशल मीडिया पर वायरल हुए तीन ओडियो टेप में से एक टेप में कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, गजेन्द्र सिंह और संजय जैन के बीच कथित बातचीत के खिलाफ जांच की मांग को लेकर कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से देशद्रोह का मामला दर्ज करवाया गया था। एसओजी ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त और कथित ओडियो टेप रिकार्डिंग मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 120 बी (षड़यंत्र)के तहत शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज की।


पायलट गुट को हाईकोर्ट से 4 दिन की राहत
राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ बागी विधायकों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। इससे सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिसों पर विधानसभा अध्यक्ष की किसी कार्रवाई से शुक्रवार को चार दिनों के लिए राहत मिल गई। हालांकि, सोमवार को सुबह दस बजे स्पीकर की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी करेंगे और इसके बाद ही हाईकोर्ट कोई फैसला सुनाएगी।            


हत्यारोपी ने तिहाड़ जेल में की आत्महत्या

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्‍ली। तिहाड़ सेंट्रल जेल में एक कैदी आत्महत्या कर ली। वह तिहाड़ की जेल नंबर-4 में बंद था। इससे पहले भी वह 2019 में POCSO और रेप मामले में करीब नौ महीने तक जेल में बंद रहा था। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जेल नंबर 4 में हत्‍या का एक 38 वर्षीय आरोपी कैद था। शुक्रवार को उसके आत्‍महत्‍या करने का पता चला। तिहाड़ जेल के अडिश्नल आईजी राजकुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक का नाम रवि है। उसे उसकी सास की हत्या के आरोप में जेल में लाया गया था। इसके बारे में शनिवार सुबह पता लगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में अभी यही पता लगा है। आगे की तहकीकात करने के बाद ही पता लगेगा कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया।


इससे पहले भी जेल में कई कैदियों ने आत्महत्या की हैं। जबकि जेल प्रशासन दावा करता है कि वह यहां आने वाले विचाराधीन कैदियों की मनोस्थिति का भी आंकलन करता है। फिर उसके हिसाब से अगर कोई कैदी तनाव में होता है तो उसकी काउंसलिंग भी कराई जाती है। लेकिन बावजूद इसके समय-समय पर यहां कैदी स्यूसाइड कर रहे हैं।


दो दिन पहले ही हुआ था अरेस्‍ट
रवि दो दिन पहले ही अपनी सास की बर्बर हत्‍या के आरोप में पकड़ा गया था। मामला 16 जुलाई की रात का है। पुलिस के अनुसार, वारदात स्थल से कुछ दूरी पर बीट और पेट्रोलिंग स्टाफ मौजूद थे। उन्हें जैसे ही जानकारी मिली वह मौके पर पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि रवि ने अपनी सास पर बर्फ तोड़ने वाले सुए से कई वार किए हैं। पेट्रोलिंग टीम ने आरोपी रवि को दबोचा। रवि (38) ने अपनी पत्नी, बच्चे और ससुर को भी घायल किया था, इसलिए पुलिस ने घायलों को तुरंत पास के तारक अस्पताल में शिफ्ट करवाया।


सास को रास्‍ते से हटाना चाहता था
चिकित्सकों ने शशि बाला (62) को मृत घोषित कर दिया। अन्य तीन को इलाज के लिए डीडीयू अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी रवि नशे का आदी है और उस पर उगाही, हत्या के प्रयास और रेप केस पहले भी दर्ज हैं। वह कुछ समय के लिए जेल में भी रहा है। 2019 में पॉक्सो और रेप केस में वह 9 महीने जेल में रहा। 26 नवंबर 2019 को जेल से बाहर आकर उसे पता चला कि उसकी पत्नी और बेटी मायके में शिफ्ट हो गए हैं। उसे लगा कि उसकी सास ही इन सब के पीछे है। तभी से वह उन्हें रास्ते से हटाना चाहता था।


बचाने की किसी में नहीं हुई हिम्‍मत
चार दिन पहले उसने एक दुकान से बर्फ तोड़ने वाला सुआ खरीदा। 16 जुलाई को उसकी सास अपने एक रिश्तेदार को छोड़ने घर के बाहर आई और उसे हत्या करने का मौका मिल गया। वारदात के समय उसकी पत्नी और बेटा कुछ दूर खड़े थे। उसी दौरान उसे मौका मिल गया और उसने हमला कर दिया। सास के पेट, हाथ और सीने पर सुए से कई बार किए। गली में हुई इस वारदात में दामाद की दरिंदगी देख आसपास के लोगों की हिम्मत नहीं हुई कि वह आरोपी को रोक सकें।


सोनू पंजाबन ने भी की आत्‍महत्‍या की कोशिश!
देह व्‍यापार के आरोप में तिहाड़ में कैद सोनू पंजाबन ने भी आत्‍महत्‍या की कोशिश की है। उसने सिरदर्द की शिकायत की थी जिसके बाद डॉक्‍टर्स ने दवाइयां दीं। जेल सूत्रों के मुताबिक, उसने अधिक मात्रा में दवाइयां लेकर जान देने की कोशिश। हालांकि जेल अडिश्नल आईजी ने आत्‍महत्‍या की कोशिश से इनकार किया है। उनका कहना है कि ओवरडोज हो गई थी, और कोई बात नहीं है। सोनू को बाद में डीडीओ अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था जहां अब उसकी हालत स्थिर है।               


सीएम ऑफिस के सामने मां-बेटी ने लगाई आग

लखनऊ/अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की एक महिला और उसकी बेटी ने शुक्रवार शाम लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री कार्यालय के गेट नंबर 3 के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। दोनों को सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। महिलाओं का आरोप है कि एक महीने से पुलिस अधिकारियों का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है‌।


जानकारी के मुताबिक अमेठी के जमाई की रहने वाली पीड़ित महिला गुड़िया ने अपनी बेटी के साथ लोक भवन के बाहर अचानक अपने आप को आग लगा लिया। इस दौरान मां 80% जल गई जबकि उनसकी बेटी 40% जल गई। मां की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अमेठी के जामो क्षेत्र में नाली विवाद को लेकर दबंगों ने महिला की पिटाई कर दी। मामले को लेकर थाने में शिकायत भी की गयी। इसके बावजूद थाने के बाहर और बाद में जमकर पिटाई की, और यह भी धमकी दी कि एक्सीडेंट कर देंगे और उसमें नाम डलवा देंगे। सुनवाई न होने से नाराज मां-बेटी शुक्रवार को लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री से अपनी गुहार लगाना चाह रही थीं।


बताया जा रहा है कि मां-बेटी पिछले एक महीने से चक्कर लगा रही थीं. इस दौरान मंत्री से मुलाकात हुई। लेकिन दोनों ने शुक्रवार को लोक भवन के बाहर खुद को आग लगा लिया। इस घटना में मां 80 फीसदी जल गयी है, उसकी हालत गंभीर है। दोनों को अस्पताल में एडमिट करवाया गया है, जहां दोनों महिलाओं का इलाज चल रहा है। वहीं पुलिस पूरे मामले की जांच की जा रही है। ये घटना अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं। लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है।


इस पूरी घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्य की योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।


सांसों की दुर्गंध दूर करने का तरीका

मनोज सिंह ठाकुर


चेहरे की सुंदरता काफी हद तक हमारी स्माइल पर निर्भर करती है और हमारी स्माइल को सुंदर बनाते हैं हमारे दांत। अगर आपके दांत पीले या भद्दे होते हैं तो चेहरा कितना ही खूबसूरत क्यों ना हो आपका आकर्षण कम हो ही जाता है। साथ ही सांसों की दुर्गंध से मन खराब होता है। यहां जानें, दांतों का पीलापन और सांसों की दुर्गंध दूर करने के आसान और घरेलू तरीके…
काले कोयले से सफेद दांत
कोयले से मंजन करना, जानकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा कि आखिर काला कोयला दांत कैसे चमका सकता है? लेकिन सच्चाई यही है कि यह आपके दांत मोतियों की तरह चमका सकता है। पता कीजिए पहले गांवों में कोयले के चूर्ण से ही दांत साफ किए जाते थे। आप बाजार से लकड़ी का जला हुआ कोयला ला सकते हैं और इसका चूर्ण बनाकर दांतों को चमका सकते हैं।
सरसों का तेल और नकम
नमक में सरसों का तेल मिलाकर इस मिक्चर से सुबह के वक्त और रात को सोने से पहले मंजन करें। नमक और सरसों तेला का यह मिश्रण कुछ ही दिनों के इस्तेमाल से आपके दांतों चमक बढ़ा देगा।
नींबू का रस
नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जो सफेद चीजों की चमक बढ़ाने का काम करता है। साथ ही नींबू से सांसों की दुर्गंध दूर होती है। आप दांतों पर नींबू का छिलका हर रोज दिन में दो बार करीब 10-10 मिनट के लिए रगड़ेंगे तो आपको फायदा जरूर होगा। इस छिलके से दांत रगड़ते वक्त इस पर सरसों तेल और नमक का मिश्रण भी लगा सकते हैं।
बेकिंग सोडा और नमक
बेकिंग सोडा और नमक बराबर मात्रा में मिलाकर इससे मंजन करने से दांतों का पीलापन दूर होता है और मुंह में पायरिया की दिक्कत नहीं होती। इसके साथ ही सांसों में ताजगी रहती है।               


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