गुरुवार, 16 जुलाई 2020

गाजियाबाद में नकली दवाइयों का जखीरा

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। गोविंदपुरम स्थित मून फार्मा पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने छापामारी कर नकली दवा के 243 डिब्बे बरामद किए हैं। पकड़े गए माल की कीमत बाज़ार में पौने पांच लाख रुपए बताई जा रही है। इस छापेमारी की सूचना से दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।


औषधि निरीक्षक अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय से सूचना मिली थी कि गोविंदपुरम स्थित मून फार्मा में नकली दवा का कारोबार हो रहा है। सूचना मिलने के बाद सहायक आयुक्त औषधि मेरठ मण्डल वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम ने जब छापा मारा तो उन्हें मौके पर नकली दवा के 243 डिब्बे बरामद हुए। टीम के मुताबिक नकली दवा अमोकसी मून सीवी 625 ग्राम के 243 डिब्बे थे, जिसकी बाजार में कीमत करीब पौने पांच लाख रुपए बताई जा रही है।


औषधि निरीक्षक टीम ने बताया कि हमें अमोकसी मून नाम की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई थी। शिकायत मिलने दवाई का नमूना राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। जांच में दवा नकली पाई गई, जिसके बाद शासन से छापेमारी के आदेश किए गए। स्थानीय औषधि निरीक्षक अनिरुद्ध कुमार व बागपत औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर संयुक्त रुप से उक्त मेडिकल फर्म पर छापेमारी के दौरान शामिल थे। उन्होंने बताया कि अमोकसी मून सीवी 625 ग्राम यूरिन व दूसरे इंफेक्शन में यूज की जाती है। एक डिब्बे में करीब 100 गोलियां हैं। जबकि एक पत्ते की कीमत करीब 196 रुपए अंकित है। इस मामले में मून फार्मा के संचालक विपिन कुमार अग्रवाल के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।               


लापता विक्रम त्यागी की सूचना पर इनाम

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। 26 जून से लापता चल रहे बिल्डर विक्रम त्यागी की सूचना देने वाले व्यक्ति को गाज़ियाबाद पुलिस की ओर से 50 हजार रुपए का इनाम मिलेगा। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि सूचना देने वाले का नाम और पहचान भी गुप्त रखी जाएगी।  राज नगर एक्सटेंशन की केडीपी ग्रांड सवाना सोसायटी में रहने वाले विक्रम त्यागी अंतिम बार 25 जून को पटेल नगर में देखे गए थे। उनकी खून से सनी कार मुजफ्फरनगर में मिली थी लेकिन विक्रम के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।


वहीं विक्रम त्यागी की बरामदगी को लेकर पुलिस की नाकामी पर लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को विक्रम त्यागी की बरामदगी की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और क्रोधित लोगों को जहां समझा-बुझाकर शांत किया था। उस समय एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने मौके पर लोगों को आश्वस्त करते हुए बताया था कि मामले की जांच एसटीएफ को भी सौंप दी गई है। इसके अलावा 10 अन्य टीमें इसके लिए कार्यरत हैं।               


जानिए 'उधम रजिस्ट्रेशन' और उठाएं लाभ

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई में बदलाव कर इसमें उद्यमियों को रजिस्टर करने के लिए 1 जुलाई से एक अलग पोर्टल शुरू गया है जिसका नाम हैं ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’। इस पोर्टल के माध्यम से नए और पुराने दोनों प्रकार के उद्यम पंजीकृत कराए जा सकते हैं। इस पोर्टल की विशेषता यह हैं कि इसमें केवल आधार नंबर और सेल्फ डिक्लेरेशन के साथ पंजीकरण कर सकते हैं, इसके अलावा इसमें अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए यह पेपरलेस सुविधा के रूप में उभर सकता हैं। अतः यदि आप एक नए उद्यम हैं तो एमएसएमई के इस नए सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।  


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम आकार के उद्योगों (MSME Industries) के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए पोर्टल www.udyamregistration.gov.in पर की जा रही है। यह पोर्टल कदम-कदम पर इंडस्ट्रीज को गाइड भी करेगा.


उद्यम रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल क्या है


हम सभी जानते हैं कि एमएसएमई मंत्रालय ने 1 जून 2020 को निवेश एवं टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए मापदंड निर्धारित किये हैं। उसके बाद 26 जून, 2020 को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा इसकी विस्तार से अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना में पंजीकरण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया था। अब उद्यम रजिस्ट्रेशन नाम से एक अलग पोर्टल बनाया गया हैं. यह पोर्टल एवं इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया 1 जुलाई, 2020 से शुरू गई है।  इस पोर्टल में नए एवं पुराने सभी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।


उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया


30 जून 2020 से पहले से पंजीकृत उद्यम 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए मान्य रहेंगे। इसके बाद के उद्यमों के लिए कोई सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं एक उद्यम केवल एक व्यवसाय के लिए रजिस्टर कर सकता है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है –



  • सर्वप्रथम आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन के अधिकारिक पोर्टल की लिंक पर क्लिक करना होगा।

  • इस वेबसाइट पर पहुँचते ही आपको होम पेज में ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’ सेक्शन में ‘वेलकम टू रजिस्टर हियर’ का विकल्प मिलेगा, जोकि नए उद्यमियों के लिए हैं और दूसरा ‘यू कैन रि – रजिस्टर हियर’ होगा। जोकि पुराने उद्यमियों के लिए होगा।

  • आप अपने अनुसार विकल्प का चयन करें। इसके बाद आप अगले पेज में पहुंचेंगे जहां आपके सामने रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ जानकारी भरने के लिए कहा जायेगा। उसे भर कर आप सबमिट कर दें। आपका इसमें रजिस्ट्रेशन हो जायेगा।

  • इस अधिकारिक पोर्टल में आपको संपर्क करने के लिए फोन नंबर एवं ईमेल आईडी भी दी गई है। जिसके माध्यम से जो भी जानकारी आपको प्राप्त करना हो आप कर सकते हैं।


उद्यमियों के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं


एमएसएमई मंत्रालय ने जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में एमएसएमई के लिए एक मजबूत सुविधा तंत्र स्थापित किया है। इस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उन उद्यमियों की मदद की जाएगी, जोकि किसी कारण से उद्यम पंजीकरण में दर्ज होने में सक्षम नहीं हैं। यानि कि जिनके पास वैध आधार संख्या नहीं हैं, वे सिंगल विंडो सिस्टम से सम्पर्क कर सकते हैं। ऐसे लोगों को अपने आधार नामांकन रिक्वेस्ट या पहचान, बैंक फोटो पासबुक, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस अपने साथ ले जाना होगा। इसके बाद ही सिंगल विंडो सिस्टम उन्हें आधार नंबर प्राप्त करने के बाद उद्यम के रूप में पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करेगा।


जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका


जिला स्तर पर उद्यमियों की सुविधा के लिए जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) को जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह एमएसएमई मंत्रालय ने हाल ही में और बाद में भी देश भर में ‘चैंपियन कण्ट्रोल रूम्स’ को उद्यमियों को पंजीकरण में सुविधा प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार बनाया है। यदि किसी उद्यम के पास पहले से उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर है, तो उसे अपनी जानकारी को उद्यम पंजीकरण पोर्टल में ऑनलाइन अपडेट करना होगा। इसमें उन्हें पिछले वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर और जीएसटी रिटर्न का विवरण और स्वयं के आधार पर आवश्यक अन्य अतिरिक्त जानकारी देनी हो सकती हैं।


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यमियों एमएसएमई की नई परिभाषा


आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी सेक्टर के लिए कई फैसले लिए उन्हीं में से एक था एमएसएमई की नई परिभाषा। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देशों बनाने के बाद इसे जून माह से लागू किया जाना था, किन्तु अब इसे 1 जुलाई, 2020 से लागू किया गया है।  एमएसएमई की नई परिभाषा को निम्न श्रेणी के आधार पर समझाया गया है –



  • सूक्ष्म उद्यम  इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता हैं, और सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता है।

  • लघु उद्यम इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 10 करोड़ रुपये तक होता हैं और सालाना टर्नओवर अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक होता है।

  • मध्यम उद्यम इस अंतिम श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 50 करोड़ रुपये और सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये तक का होता है।


निवेश की गणना किस तरह से की जाती है


प्लांट, मशीनरी या उपकरण में निवेश की गणना आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, दायर की गई पिछले वर्ष की आयकर रिटर्न पर आधारित होती है। इसके अलावा आपको बता दें कि प्लांट और मशीनरी में भूमि, भवन, फर्नीचर और फिटिंग के अतिरिक्त सभी संपत्ति शामिल की जाती है। गुड्स और सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन संख्या वाली वे सभी यूनिट्स जोकि एक ही स्थायी खाता संख्या के विरुद्ध लिस्टेड है, उसे सामूहिक रूप से एक उद्यम माना जाता है। इन यूनिट्स का उपयोग सूक्ष्म, लघु या माध्यम उद्यम के रूप में श्रेणी तय करने के लिए, टर्नओवर और निवेश की गणना के लिए किया जाता है।


एमएसएमई में शिकायत निवारण मैकेनिज्म


किसी भी तरह की विसंगति या शिकायत के मामले में, संबंधित जिले के जिला उद्योग केंद्र में महाप्रबंधक उद्यम द्वारा प्रस्तुत उद्यम पंजीकरण की जानकारी के सत्यापन के लिए एक जाँच करेंगे। इसके बाद अधिकारी राज्य सरकार से संबंधित निदेशक या आयुक्त या उद्योग सचिव को आवश्यक रिमार्क के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए कहेंगे। और फिर अधिकारी उद्यमों को एक नोटिस जारी करेंगे, उन्हें अपने केस को पेश करने का अवसर भी दिया जायेगा। वे निष्कर्षों के आधार पर जानकारी को संशोधित भी कर सकते हैं। साथ ही वे अपने उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय को सिफारिश भी कर सकते हैं।


एमएसएमई के वर्गीकरण, पंजीकरण और सुविधा का यह नया सिस्टम बेहद सरल और अभी तक की सबसे फ़ास्ट – ट्रैक, सहज और विश्वव्यापी बेंचमार्क प्रक्रिया साबित हो सकता है, और यह ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है।         


साइबर ठगों के निशाने पर गाजियाबाद

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। तमाम नसीहतों और पुलिस की सतर्कता के बावजूद भी आम जनता साइबर ठगों का शिकार हो ही जाती है। ऐसा नहीं है कि साइबर ठग आपसे ज्यादा समझदार हैं। लेकिन सभी ठग हमारी लालची मानसिकता का लाभ उठाना अच्छी तरह से जानते हैं। ठग, मानव स्वभाव के उस लालची पक्ष को उकसाते हैं जिसमें वह रातों रात अमीर बनने के सपने देखता है या फिर मुफ्त के माल के पीछे भागता है।  


ऐसा ही कुछ हुआ वसुंधरा सेक्टर 4 ए में रहने वाले कौशल किशोर के साथ। चार दिन पहले उन्हें एक फोन आया और कॉल करने वाले ने उन्हें एक बहुत ही लुभावना ऑफर दिया।  ऑफर में भोजन की एक थाली 200 रुपए की बताई गई। ऑफर के अनुसार उन्हें 10 रुपए ऑनलाइन पे करने के बाद बाकी कीमत डिलवरी बॉय को चुकानी थी।  थाली में बताए गए व्यंजनों के हिसाब से थाली की कीमत काफी कम थी और बस फिर क्या था कौशल ने सस्ते के लालच में आकर तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 10 रुपए का भुगतान कर दिया।      


थोड़ी ही देर में उनके पास एक के बाद एक कर 7 मैसेज आए जिन्हें देखकर उनके होश उड़ गए।  साइबर ठगों ने कौशल किशोर को सस्ती थाली काल लालच देकर उनके खाते से 70 हजार रुपए निकाल लिए। बहरहाल उन्होंने क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करा कर थाने में रिपोर्ट लिखा दी है।  थाना एसएचओ संजीव शर्मा का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।               


गाजियाबाद एनसीआर का एपिक सेंटर

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कुल 3,700 कोरोना संक्रमितों के साथ अब गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश और एनसीआर का एक नया एपीक सेंटर बन गया है। बुधवार को गाज़ियाबाद जिले में 144 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। इस अवधि में 30 मरीजों को कोरोना मुक्त होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में जिले में 1407 सक्रिय मरीज हैं।  पिछले 24 घंटों के दौरान गाज़ियाबाद में 2 अलग-अलग अस्पतालों में दो संक्रमितों की मौत हो गई जिनकी पुष्टि करने से स्वास्थ्य विभाग ने इनकार कर दिया है।


क्वारंटाइन सेंटरों का है बुरा हाल


गाज़ियाबाद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे क्वारंटाइन सेंटरों का हाल काफी बुरा है।  यहाँ भर्ती मरीज सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दुख दुनिया को बता रहे हैं।  अधिकतर सेंटरों में सफाई की व्यवस्था नहीं के बराबर है। भर्ती मरीजों द्वारा शेयर की जा रही वीडियो से पता चलता है कि टायलट में पानी उपलब्ध नहीं है जबकि नालियाँ चोक हो चुकी हैं और उनका गंदा पानी वार्डों में फैला हुआ है। हज हाउस में बने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती एक मरीज ने बताया कि यहाँ पैकेट बंद खाना दिन में सिर्फ दो बार मिलता है और वह भी ठंडा होता है।  टायलेट में पानी की व्यवस्था नहीं है, पीने और नहाने आदि के लिए नगर निगम ने एक टैंकर लाकर खड़ा किया हुआ है जिस से दिन भर पानी टपकता रहता है।


अत्यंत दबाव में काम कर रहा है सरकारी तंत्र  


चाहे वह क्वारंटाइन सेंटर हों या फिर कोविड स्पेशल अस्पताल, सभी जगह मरीजों का भारी दबाव है।  विदित तथ्य है कि गाज़ियाबाद जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का पहले से ही बुरा हाल था। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और सपोर्ट स्टाफ की संख्या बहुत कम है। ऐसे में हर दिन बढ़ते कोरोना संक्रमितों के कारण सरकारी स्वास्थ्य तंत्र बेहद दबाव में काम कर रहा है


मिले होम क्वारंटाइन की सुविधा   


ज़्यादातर कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों की मांग है कि गाज़ियाबाद में भी दिल्ली की तरह ही होम क्वारंटाइन की सुविधा मिले।  अर्बन जिला होने के कारण जिले के अधिकतर लोग कोरोना और उससे बचाव के तरीके जानते हैं और मरीज को एक अलग कमरे में रखकर उसकी देखभाल करने में सक्षम हैं। जो परिवार मरीज की देखभाल नहीं कर सकते हैं, उनके लिए सरकारी और निजी अस्पताल मौजूद हैं।


क्वारंटाइन सेंटरों के डर से नहीं करा रहे हैं टेस्ट


जिले में बहुत से व्यक्ति ऐसे भी है जिनमें कोरोना के लक्षण स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्हें डर है कि यदि उनका रिजल्ट पॉज़िटिव आता है तो प्रशासन उन्हें सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों में भेज देगा जहां की हालत बहुत अच्छी नहीं है।  ऐसे में यदि प्रशासन होम क्वारंटाइन की अनुमति दे देता है तो संभव है कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वेच्छा से कोरोना टेस्ट कराने के लिए सामने आएंगे।


दिल्लीः झुग्गी बस्ती में आग 70 झुग्गी राख

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। राजधानी के शाहबाद डेयरी इलाके में बुधवार देर रात भीषण आग लग गई। इस आग की चपेट में आकर 70 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। हालांकि, इस दुर्घटना में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।


गौरतलब है कि बुधवार देर रात करीब 11.26 बजे दमकल विभाग को एक सूचना मिली कि शाहाबाद में भयानक आग लग गई है, आग तेजी से फैल रही है और झुग्गियों को अपने हाथ में ले लिया है। जिसके बाद 26 वाहनों के साथ दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू किया। करीब ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाहाबाद में लगी आग पर दोपहर करीब 2 बजे काबू पाया गया।


फिलहाल कूलिंग ऑपरेशन चल रहा है। बताया जा रहा है कि आग की वजह से 70 झुग्गियां पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। हालांकि, यह राहत की बात है कि इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। वहीं, आग लगने का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आग कैसे लगी?              


बिना वेतन लंबी छुट्टी करेगा एयर इंडिया

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा एअर लाइंस कंपनियों पर पड़ी है। आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनियां खर्च कम करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं। अब एअर इंडिया ने कर्मचारियों की संख्या कम करने का प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत कर्मचारी बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं। इसे लीव विदाउट पे कहा गया है। यह छुट्टी 6 महीने से लेकर 5 साल तक हो सकती है।


मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बंसल को अधिकार दिया गया है कि वह कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से बिना वेतन के 6 महीने से लेकर 5 साल तक की छुट्टी पर भेज सकते हैं। कर्मचारियों को उनकी दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारियों का स्वास्थ्य आदि के आधार पर चयन किया जाएगा कि किन्हें छुट्टी पर भेजा जाए।


एअर इंडिया के इस प्लान को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 102वीं बैठक में मंजूरी दी गई। ऑर्डर के मुताबिक, हेडक्वार्टर और रीजनल हेड को कहा गया है कि वे इस प्लान के मुताबिक कर्मचारियों के नाम मुख्यालय को भेजें।


लखीमपुर में टिड्डी दल ने डाला डेरा

रिपोर्ट-फारूख हुसैन 

लखीमपुर खीरी। जिले में कल टिड्डी दल ने बहराइच के रास्ते प्रवेश किया है। जिसके चलते किसानों में दहशत दिखाई देने लगी है किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए लगातार प्रयास करते दिखाई देने लगे हैं। आपको बता दें ये टिड्डियों का दल लगभग 5 किलोमीटर लंबा बताया जा रहा है इस  दल ने पहले धौरहरा के नरसिंगपुर गांव में एक धान के खेत मे टिड्डी दल ने हमला भी किया है जिससे किसान की धान की फसल पूरी तरह से बेकार हो गयी जिले की 3 तहसीलों में टिड्डी दल पहुँचा है धौरहरा, निघासन,पलिया जिसके बाद से शासन प्रशासन अलर्ट मोड पे आ चुका है किसान भी काफी टिड्डियों को लेकर जागरूक हैं फिलहाल बाइकों की आवाजें, थाली और बाजो के सहारे टिड्डियों को भगा रहे हैं जिलाधिकारी ने टिड्डियों को लेकर  क्रषि विभाग की कई टीमें भी लगाई है वो टीमें रात को भी निगरानी रख रह है टिड्डी दल के आने से किसानों की चिंता बढ़ा दी है ।

 लेकिन उधर किसानों का कहना है हम लोग रात रात जगते है टिड्डियो से अपनी फसल बचाते हैं उनको थाली और बाजे के माद्यम से भगाते है कोई क्रषि विभाग की टीम भी मेरे यहाँ नही पहुँची है।

हालात अधिक कष्ट दायक और दुर्गम होंगे

नई दिल्ली। गांव और शहरों के बेरोजगारों हो या विदेश से अपने देश में वापस रोजगार छूटने के कारण लौटे लोगों की व्यथा हो, यह एक गंभीर और जटिल समस्या बनने वाली है। कई देशों में पहले से ही बेरोजगारी व्यापक पैमाने पर फैली हुई है। गांव के युवा रोजगार की तलाश में शहरों में अपने लिए अवसर की तलाश कर ही रहे थे, ऐसे में अगर विदेशों से आए बेरोजगार युवा भी इस भीड़ में शामिल हो गए, तो हालात विकट हो जाएंगे।इन सबको रोजगार मिलना इसलिए कठिन होगा कि आने वाले दिन इस लिहाज से और भी संकटपूर्ण दिख रहे हैं। शहरों में स्थिति जहां बेहद मुश्किल होने वाली है, वहीं हालात के मारे गांव लौटे लोग अब गांव में ही किसी तरह अपना गुजारा करना चाह रहे हैं, लेकिन वहां भी काम बहुत कम और लोग बहुत ज्यादा हो चुके हैं। इसके बावजूद लोग अब शहर की ओर वापस जाने से कतरा रहे है।
व अपने ही गांव में या आसपास के इलाकों में रोजगार की तलाश करने लगे हैं। दूसरी और पलायन से उद्योगों में मजदूरों कमी से एक विकराल समस्या सामने आ खड़ी हुई है। सवाल है कि कोरोना की वजह से जो हालात पैदा हुए हैं, व कब तक काबू में आ सकेंगे और अगर यह लंबा खिंचा तो देश और समाज की दशा क्या होगी!


98 छात्रों को गेहूं चावल का वितरण

ललिता कश्यप


मुजफ्फरनगर। गुरुवार की प्रात कन्या जूनियर हाईस्कूल बुढ़ाना में 98 छात्राओं को राशन सामग्री में गेंहू और चावल बांटा गया। इस दौरान यहां पर छात्राओं के अभिभावकों की भी मौजूदगी रही। जानकारी के मुताबिक कन्या जूनियर हाईस्कूल बुढ़ाना में मिड डे मील खाद्यान्न वितरण आज भी जारी रहा। अब तक कुल 188 छात्र-छात्राओं को खाद्यान्न वितरित किया गया। बीते दिनों 90 और आज 98 छात्र व छात्राओं को गेहूं और चावल निशुल्क वितरित किया गया। अब तक कुल 11 कुंटल 4 किलोग्राम खाद्यान्न वितरित किया गया। इस दौरान स्कूल की पूर्व प्रधानाध्यापिका संतोष कुमारी, सुशील सैनी, मनोज सहरावत, सीमा, सुकेश, पूनम, संगीता जैन, रश्मि गोयल, अरुण कुमार और शिक्षा समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार सहित काफी संख्या में अभिभावक रहे।               


10 हजार लीटर कच्ची शराब की नष्ट



जसवीर सिंह हंस


पांवटा साहिब। एसएचओ माजरा की अगुवाई में पुलिस टीम ने मेहतावाला हरिपुर खोल जंगल में की छापामारी। इस दोरान मौके पर 02 कच्ची शराब की भट्टिया पाईँ गई। उनके साथ ड्रमों व एक गढ्डे में करीब 10,000 लीटर लाहण मौजूद पाया गया तथा उनके पास कोई भी व्यक्ति मौजूद न पाया गया।


पुलिस टीम ने  मौका पर दोनो भट्टियों , ड्रमों व गढ्डे में लाहण को नष्ट कर दिया। मामले की पुष्टि करते हुए डी एस पी पावटा साहिब वीर बहादुर ने बताया की सिरमौर के पुलिस अधीक्षक अजय कृष्ण शर्मा के आदेशो के बाद पुलिस ने अवैध शराब  तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया हुआ है तथा तथा पिछले एक महीने में शराब तस्करों के खिलाफ कड़ी कारेवाही की गयी है।




रेपिस्ट प्यारे मियां श्रीनगर से गिरफ्तार

श्रीनगर/भोपाल। नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण के आरोपित प्यारे मियां को श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया है, पुलिस उसे भोपाल ला रही है। भोपाल साउथ पुलिस अधीक्षक साई थोटा ने प्यारे मियां के कश्मीर से गिरफ्तार होने की पुष्टि की है।

रविवार को नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद से ही वो फरार था। पुलिस ने प्यारे मियां के ऊपर 30 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। इस सूचना के आधार पर भोपाल पुलिस ने श्रीनगर पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया। दरअसल बता दे कि पुलिस को 12 जुलाई रविवार को 5 नाबालिग लड़कियां संदिग्ध हालत में घूमते मिली थीं, पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो पता चला कि प्यारे मियां ने पार्टी करने के लिए बुलाया और शराब पिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया।             

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...