रविवार, 5 जुलाई 2020

10 हजार बेड वाले सेंटर का उद्घाटन

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रविवार को दक्षिण दिल्ली में छत्तरपुर के राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में 10,000 बेड की क्षमता वाले सरदार पटेल कोविड-19 सेंटर का उद्घाटन किया। यह सुविधा लगभग 20 फुटबॉल मैदानों के आकार के क्षेत्र में फैली हुई है और प्रत्येक में 50 बेड के साथ 200 प्रांगण हैं।


भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) इस सुविधा को संचालित करने वाली नोडल एजेंसी है। आईटीबीपी के महानिदेशक सुरजीत सिंह देसवाल सेंटर के उद्घाटन के समय उपस्थित थे। सेंटर में हल्के लक्षणों वाले और जिन में कोरोना के लक्षण नहीं है उन मरीजों का इलाज होगा, बिना लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित जो मरीज किसी कारणवश घर पर आइसोलेशन में नहीं रह सकते, उनका भी इलाज होगा। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के स्वयंसेवक आईटीबीपी और दिल्ली सरकार को इस तरह की सुविधा के संचालन में मदद करेंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने शनिवार को केंद्र का दौरा किया था। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (दक्षिण) अरुण गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “मरीजों का पहला समूह रविवार को केंद्र में आएगा।”

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर एक सभा को संबोधित किया और सुविधा स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। बैजल ने कहा, “आईटीबीपी, दिल्ली प्रशासन, डेरा के अनुयायियों और अन्य अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों के कारण ही इस बड़ी सुविधा की स्थापना संभव हो सकी है। यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के समर्पित अस्पतालों में मरीजों की भीड़ को कम करने में मदद करेगी।”


हाल ही में, एनजीओ ‘एक प्रयास’ ने सुविधा के मरीजों के लिए सैनिटाइजेशन किट दान किए। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (दक्षिण) ने रिलायंस जियो से अनुरोध किया कि वह केंद्र में डेटा कनेक्टिविटी को बढ़ाकर इस प्रयास का समर्थन करे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार दिग्गज ने अनुरोध का सकारात्मक जवाब दिया है और कंपनी की एक टीम ने स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र का दौरा किया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों में कहा गया कि दिल्ली में 2,505 नए मामलों के साथ कोरोना के कुल मामले 97,200 हो चुके हैं। इनमें से 25,940 सक्रिय मामले हैं और 3,004 लोगों की मौत हो चुकी है।             


कुत्ते-घोड़ो की प्रजाति पर शोध करें

नितिन शर्मा


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों से कुत्तों और घोड़ों की स्वदेशी प्रजातियों पर अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया है। मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा (आईसीएआर) की प्रगति की समीक्षा के दौरान मवेशियों, भेड़ और बकरियों की नई प्रजातियों के विकास की समीक्षा भी की और कुत्तों एवं घोड़ों की स्वदेशी प्रजाति पर अनुसंधान पर जोर दिया।


उन्होंने पशुओं के पैरों और मुंह से संबंधित बीमारियों के लिए टीकाकरण पर एक केन्द्रित अभियान पर भी जोर दिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान एवं विस्तार विभाग में सचिव डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने प्राथमिकताओं, प्रदर्शन और विभिन्न चुनौतियों से निपटने की तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। प्रधानमंत्री ने पोषण मूल्य को समझने के लिए घास और स्थानीय चारा फसलों पर अध्ययन की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने पौष्टिक औषधीय पदार्थों के व्यावसायिक प्रयोग की संभावनाओं को खंगालने के अलावा मृदा स्वास्थ्य पर समुद्री खरपतवार नाशक के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है। मोदी ने कृषि उपकरणों की पहुंच आसान बनाने पर जोर देते हुए कहा कि खेत से बाजार तक के लिए ढुलाई सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस संबंध में कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने ‘किसानरथ’ ऐप पेश किया है। प्रधानंमत्री ने क्लस्टर आधारित रणनीति पर जैविक और प्राकृतिक कृषि प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में नवाचार और तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप्स और कृषि उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों की मांग पर सूचना उपलब्ध कराने में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने चिह्नित समस्या के समाधान और टूल्स तथा उपकरणों की डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष में दो बार हैकॉथन का आयोजन किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे कृषि कामगारों में महिलाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए खेती में काम के बोझ को कम किया जा सकता है।


उन्होंने सेहतमंद खुराक सुनिश्चित करने के लिए ज्वार, बाजरा, रागी और कई अन्य अनाज को शामिल करने के संबंध में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर दिया। गरम हवाओं, सूखा, ठंडी हवाओं, भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे जलवायु संबंधी संकट की वजह से भारी नुकसान होता है और कृषि आजीविका के लिए ये बड़ी चुनौती साबित होते हैं। ऐसे नुकसान से किसानों को बचाने के लिए एकीकृत कृषि प्रणालियां विकसित की गई हैं। किसानों द्वारा पीढ़ियों से पैदा की जा रही पारंपरिक किस्मों की सहनशीलता और अन्य गुणों की जांच की जा रही है। पानी के इस्तेमाल में दक्षता बढ़ाने के क्रम में प्रधानमंत्री ने जागरूकता और विस्तार कार्यक्रम कराए जाने की इच्छा प्रकट की।   


राज भवन में राष्ट्रपति से की मुलाकात

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि मोदी ने राष्ट्रपति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के हालिया मसलों से अवगत कराया।


लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोदी ने लेह का दौरा किया था। समझा जाता है कि मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच जारी तनावपूर्ण स्थिति पर भी राष्ट्रपति से चर्चा की। 


नहीं मिला इंसाफ तो हो जाएगा सफाया

अनिल मिश्रा


नई दिल्ली। किसी समुदाय को जब अपना अस्तित्व बचाना होता है तो वह उसके लिए शांत रहने का समय नहीं होता। कुछ इसी कारण से आज बुद्ध के अहिंसा-शांति के उपदेशों के रास्ते को छोड़कर आक्रमण की नीति अपनाने को मजबूर हो रहा बौद्ध समुदाय। मोक्ष की साधना आखिर शांतिमय वातावरण चाहती है। किंतु अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति और समुदाय को बचाने के कई बार अन्य रास्ते भी तलाश करने पड़ते हैं। शायद इसी कारण लद्दाख के बौद्ध उग्र हो रहे हैं। उन्होंने चिंता जाहिर की है कि अब यदि इंसाफ नहीं मिला तो देश से बौद्धों का सफाया हो जाएगा और लद्दाख मुस्लिम देश हो जाएगा। 


दरअसल लद्दाख में बौद्ध लड़कियां लव जिहाद का शिकार बनाई जा रही हैं, ताकि लद्दाख को भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र बनाया जा सके। एलबीए यानी लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि मुस्लिम नौजवान खुद को बौद्ध बताकर लड़कियों से जान पहचान बढ़ाते हैं और शादी कर लेते हैं। बाद में पता चलता है कि वह बौद्ध नहीं, बल्कि मुस्लिम है। लद्दाख में लेह और कारगिल दो जिले हैं और यहां की कुल आबादी 2,74,000 है। यहां मुस्लिमों की आबादी 49 फीसद है, जबकि बौद्धों की आबादी 51 फीसद है। एलबीए की आपत्ति इस बात पर है कि प्रशासन कथित तौर पर बौद्ध लड़की के धर्म परिवर्तन के मामले की अनदेखी कर रहा है।


वर्ष 1989 में यहां बौद्धों और मुस्लिमों के बीच हिंसा हुई थी। इसके बाद एलबीए ने मुस्लिमों का सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार किया, जो 1992 में हटा लिया गया था। दरअसल जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के फैसले के ठीक बाद लद्दाख के बौद्ध, राज्य में शेख अब्दुल्ला और कश्मीर के प्रभुत्व का विरोध करने लगे। वर्ष 1947 के बाद कश्मीर के पहले बजट में लद्दाख के लिए कोई फंड निर्धारित नहीं किया गया।


वर्ष 1961 तक इस क्षेत्र के लिए अलग से कोई योजना नहीं बनाई गई थी। मई 1949 में एलबीए के अध्यक्ष चेवांग रिग्जिन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से कहा था कि लद्दाख का प्रशासन सीधे भारत सरकार के हाथों में हो या जम्मू के हिंदू बहुल इलाकों के साथ मिलाकर इसे अलग राज्य बना दिया जाना चाहिए। इस बीच लद्दाख पर पाकिस्तान की भी नजरें गड़ी रहीं और ये लव जिहाद पाकिस्तान की ही एक नीति का हिस्सा है, क्योंकि पाकिस्तान चाहता है कि लद्दाख में मुस्लिम आबादी में वृद्धि हो या किसी तरह से वहां के लोग मुस्लिम धर्म अपनाते जाएं, ताकि मुस्लिम धर्मावलंबियों का अधिक संख्या में होना उसके पक्ष में माहौल बनाने के काम आए।


वर्ष 2003 से अब तक यहां पर सौ से ज्यादा लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया और हमेशा की तरह दावा यही किया गया कि उन्होंने ऐसा अपनी इच्छा से किया है। जब केरल, बंगाल और उत्तर प्रदेश से लव जिहाद की खबरें आ रही हैं कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लोग हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बना रहे हैं, तब सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद यहां के एक खास मामले की जांच एनआइए को सौंपे जाने के बाद उसने अपनी जांच में इन आरोपों को सही पाया।


हालांकि इन घटनाओं पर पूर्व की भांति राजनीति होगी। शायद अल्पसंख्यक कौन होते हैं, कैसे होते हैं, यह बात इराक का यजीदी समुदाय और पाकिस्तान के हिंदू समुदाय से बेहतर कौन जान सकता है। लेकिन प्रकृति पूजक, बौद्ध तंत्र तथा बौद्ध मत को मानने वाला यह समुदाय है, जो न तो घृणा फैलाने में विश्वास रखते हैं और न ही हिंसा के समर्थक हैं, लेकिन कब तक मौन रहकर हिंसा और अत्याचार को ङोलते रह सकते हैं?              


असम में बाढ़ से 61 लोगों की मौत

मनोज सिंह ठाकुर


गुवाहाटी। असम में बाढ़ से शनिवार को दो और लोगों की मौत हो गई। बाढ़ से अब तक 18 जिलों में 10.75 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपने नियमित बुलेटिन में बताया कि मोरीगांव में बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हुई और एक अन्य व्यक्ति की मौत तिनसुकिया जिले में हुई है। दो और मौत के बाद राज्य में मृतकों की संख्या 61 हो गई है, जिनमें से 37 लोगों की मौत बाढ़ के कारण और 24 लोगों की मौत लगातार हुई बारिश के कारण हुए भूस्खलन से हुई है।
लखीमपुर और बोंगाईगांव में शनिवार को बाढ़ का पानी कम हुआ है. धेमाजी, बिश्वनाथ, चिरांग, दारंग, नलबाड़ी, बारपेटा, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोलपाड़ा, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरीगांव, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
बारपेटा बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है जहां 6.33 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इसके बाद दक्षिण सालमारा में लगभग 1.95 लाख लोग प्रभावित हैं। गोलपाड़ा में 83,300 से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटे में तीन जिलों में एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने 1,046 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। जिला प्रशासन ने आठ जिलों में 171 राहत शिविर और वितरण केन्द्र स्थापित किए हैं, जहां इस समय 6,531 लोग शरण लिए हुए हैं।


रेपिस्ट से रिश्वत लेने का आरोप लगा

रेप के आरोपी से 35 लाख की रिश्वत लेने का आरोप,


महिला SI गिरफ्तार


अहमदाबाद। बलात्कार के आरोपी से 35 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एक महिला पुलिस सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है,महिला सब- इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उसको तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया,आरोपी महिला सब-इंस्पेक्टर श्वेता जड़ेजा अहमदाबाद की महिला पुलिस स्टेशन की इंचार्ज थी।
श्वेता जड़ेजा पर बलात्कार के आरोपी से 35 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है, एफआईआर के मुताबिक अहमदाबाद की एक निजी कंपनी की दो महिला कर्मचारियों ने कंपनी के प्रबंध निदेशक केनल शाह के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी,इसी मामले में कंपनी के सुरक्षा अधिकारी ने भी अहमदाबाद के सैटेलाइट थाने में शिकायत दी थी,इस पर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है।
इन मामले की जांच के दौरान महिला पुलिस थाने की इंचार्ज श्वेता जड़ेजा ने आरोपी से 35 लाख रुपये रिश्वत की मांग यह कहते हु‌ए की कि अगर उसको पैसा नहीं दिया गया,तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्वेता जड़ेजा ने केनल शाह के भाई भावेश को बुलाकर रिश्वत की मांग की और 20 लाख रुपये में दोनों पक्ष राजी हुए,रिश्वत की रकम बाद में आंगड़िया के जरिए जमजोधपुर में पुलिस सब-इंस्पक्टर श्वेता जड़ेजा के किसी पहचान वाले को पहुंचाई गई,आरोपी केनल शाह के खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ,जिसके बाद पुलिस अधिकारी श्वेता जड़ेजा ने आरोपी के भाई से फिर 20 लाख रुपये की मांग की और 15 लाख रुपये में मामला तय किया गया। यह रकम भी पुनः जमजोधपुर भेजी गई।


शिकायत के अनुसार इसी दौरान आरोपी के भाई भावेश ने एक शिकायत पुलिस को दे दी थी,जिसकी जांच पीआई आरएस सुवेरा कर रहे थे,जिन्होंने आवश्यक प्रमाण एकत्रित किए और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई,क्राइम ब्रांच की टीम ने पूरे मामले की बारीकी से जांच कर श्वेता जड़ेजा के खिलाफ शिकायत दर्ज की। क्राइम ब्रांच के जॉइंट पुलिस कमिश्नर अजय तोमर का कहना है कि जब पूरे मामले की जांच की गई, तो उसमें कुछ सच्चाई सामने आई,जिसके बाद श्वेता जड़ेजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई,इस पूरे मामले की जांच अब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के एसीपी बीसी सोलंकी को सौंपी गई है,आरोपी पुलिस अधिकारी का बयान दर्ज कर लिया गया है।           


दंपत्ति की संदिग्ध हत्या या आत्महत्या

नवविवाहित जोड़े ने संदिग्ध हालात में मौत को गले लगाया




अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कविनगर थाना प्रभारी विशाल प्रजापति और निशा पहले से एक दूसरे को जानते थे और अलग-अलग जाति से संबंध रखने के बावजूद दोनों परिवार वालों की सहमति से 29 जून को इनकी शादी हुई थी। शादी के बाद विशाल के घर में दो तीन दिन तो जश्न का माहौल रहा, लेकिन दो जुलाई की दोपहर घर से कोचिंग के लिए निकला विशाल जब देर रात तक वापस नहीं आया तो घर वालों को चिंता हुई। पूरी रात उसे तलाश किया गया, लेकिन कोई खबर नहीं मिली। आखिरकार तीन जुलाई को रेलवे ट्रैक पर विशाल का शव पड़ा मिला। इधर निशा के परिवार वाले विशाल का अंतिम संस्कार होने के बाद तीन जुलाई की ही शाम को उसे मायके ले आए, लेकिन चार जुलाई की सुबह निशा भी अपने कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली।


थाना प्रभारी ने बताया कि अभी तक इतनी बड़ी घटना की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। दोनों परिवारों से एक साथ और अलग-अलग भी पूछताछ हो चुकी है, लेकिन कोई भी व्यक्ति कुछ भी बताने में असमर्थ है। फिलहाल पुलिस दोनों के मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर इसकी जांच कर रही है। दोनों के कॉल डिटेल से लेकर चैट तक खंगाले जा रहे हैं।




पुलिस ने दी थी दबिश की सूचनाः नौकर

दुबे का नौकर, बोला- पुलिस ने ही दी थी दबिश की सूचना







संदीप मिश्रा


कानपुर। चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में शुक्रवार रात हुई मुठभेड़  में शामिल कुख्यात विकास दुबे  का नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री को पुलिस ने कल्याणपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में दयाशंकर के पैर में गोली लगी है। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। गिरफ्तार दयाशंकर ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि पुलिस की तरफ से ही दबिश की जानकारी विकास दुबे को दी गई थी। जिसके बाद उसने अपने सभी असलहाधारी गुर्गों को फोनकर बुलाया था। जिसके बाद हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।


जिला अस्पताल में एडमिट दयाशंकर अग्निहोत्री ने बातचीत में बताया कि दबिश की सूचना पुलिस की तरफ से ही मिली थी। उसने बाते कि थाने से एक फोन आया था। जिसके बाद विकास दुबे ने अपने साथियों को असलहे के साथ बुलाया था। दयाशंकर ने बताया कि उस वक्त घर में एक ही असलहा था जो उसके नाम पर हैं। विकास दुबे ने उसी असलहे से गोली चलाई थी। गौरतलब है कि विकास दुबे के साथ फरार जिन 18 लोगों पर इनाम घोषित किया गया है, उसमें दयाशंकर का नाम पांचवें नंबर पर है। उस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। दयाशंकर ने बताया कि उसने गोली नहीं चलाई. उसे कमरे में बंद कर दिया गया था। हालांकि वह नहीं बता सका कि कितने लोग इस गोलीबारी में शामिल थे।


पुलिस वाले ही मुखबिर


विकरू काण्ड के बाद से जारी तफ्तीश में अब तक एक बात तो साफ है कि मुखबिरी पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से ही दी गई। इससे पहले यह बात सामने आई थी कि दबिश से पहले गांव की बिजली भी काटी गई थी। इसके लिए भी चौबेपुर थाने से ही फोन आया था। इस मामले में भी जांच चल रही है। हालांकि संदेह के घेरे में आए एसओ विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।







25 दिन क्वॉरेंटाइन, आत्महत्या की धमकी

25 दिन से क्वॉरेंटाइन युवक ने वीडियो जारी कर दी धमकी, कर लूंगा आत्महत्या







कुंडा। कोरोना वायरस का कहर चौतरफा बरपा हुआ है। देश से लेकर प्रदेश में भी इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच प्रवासी मजदूरों के अलावा बाहर से गांव या शहर में पहुंचने वाले लोगों को अलग-अलग जगह क्वॉरेंटाइन किया गया है। कुंडा के हाई स्कूल में एक युवक पिछले 25 दिनों से क्वॉरेंटाइन में है, जिन्होंने अपना एक वीडियो जारी कर कहा है कि वह इससे पहले भी 20 दिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह चुका हैं, उसके बाद 2 दिन घर में रुकने के बाद उन्हें फिर से क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है, जहां जांच में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उसके बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।


यदि आज रात तक उसे छुट्टी नहीं दी जाती तो युवक का कहना है कि वह आत्महत्या कर लेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। यह कोई पहला मामला नहीं है, जहां इतने दिनों तक किसी को क्वॉरेंटाइन में रखा गया हो इससे पहले भी कई लोगों को समय अवधि बीत जाने के बाद भी एहतियातन क्वॉरेंटाइन में रखा गया था। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर अपना क्या रुख रखता है।


कलेक्टर ने भेजी टीम


जिला कलेक्टर रमेश शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार को कुंडा क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने का निर्देश दिया है और युवक से संबंधित रिपोर्ट देखने और उसके अवकाश संबंधी विषयों पर गंभीरता से लेने की बात कही है।


 मामला संज्ञान में आया है, जानकारी मिलते ही इस मामले को लेकर टीम भेजा जा गया है, युवक का क्वारंटाइन पूरा होने के बाद वहां पॉजिटिव मामला आने के कारण दोबारा क्वॉरेंटाइन किया गया,जिसके चलते उसे इतना दिन क्वॉरेंटाइन में रखा गया है, बाकी रिपोर्ट आने के बाद ही बता पाऊंगा।







बारिश ने स्मार्ट सिटी का चेहरा बदला

धर्मशाला। बारिश-तूफान के बीच स्मार्ट सिटी धर्मशाला का चेहरा ही बदल गया। शनिवार-रविवार मध्य रात को बिजली की तारें व पेड़ सड़क पर आ गिरे। ये सब उस वक्त हुआ जब रात को लोग सोए हुए थे तो तेज तूफान के बीच हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के आसपास वाले क्षेत्र में खासा नुकसान हुआ है। शहीद स्मारक के सामने सैनिक रेस्ट हाउस के बाहरी तरफ भी पेड़ गिरकर सड़क को बाधित कर गया। इसी तरह बिजली की तारें भी सड़क पर आ गिरी।शिक्षा बोर्ड के निचली तरफ मोड़ पर भी खासा नुकसान हुआ है। इससे कुछ देर के लिए यातायात भी बाधित रहा।


दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, 13 घंटे का सफर

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 1261 किलोमीटर की लंबाई का बनना है, इस पर करीब एक लाख करोड़ रुपये की लागत आनी है। इस एक्सप्रेस वे के 497 किलोमीटर के टुकड़े पर काम तेजी से चल रहा है, वहीं 162 किलोमीटर के दूसरे टुकड़े पर जल्द ही काम शुरु होने वाला है। जबकि बाकी बचे हुए 569 किलोमीटर के हिस्से के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है।


जानकारों की माने तो दिल्ली से मुंबई के बीच 1261 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे के बनने से 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी वहीं यात्रा के समय में 11 घंटे की कटौती होगी। फिलहाल दिल्ली से मुंबई तक जाने में 24 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद महज 13 घंटे ही लगेंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे आठ लेन का बन रहा है, इस एक्सप्रेसवे का निर्माण इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन (EPC) रूट के जरिये किया जा रहा है। इसके लिए स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) के जरिए 50,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। पिछले दिनों इस योजना को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इस साल जुलाई के आखिर तक इस मॉडल के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस काम के लिए एक मर्चेट बैंकर नियुक्त किया जाएगा।


बता दें कि दिल्‍ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत हो रहा है। 3 साल पहले यानी 2017 से इस योजना पर काम शुरू हुआ था और इसे वर्ष 2022 तक पूरा करना था। यह अलग बात है कि 2 साल पीछे होने के चलते एक्सप्रेसवे 2023-24 तक बनकर तैयार हो सकता है।


घर खरीदना सभी के लिए हुआ आसान

कविता गर्ग


नई दिल्ली। अपने सपनों का घर खरीदना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, इसलिए लोन का सहारा लेना पड़ता है। इसी बीच अब देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक SBI ने अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। SBI ने होम लोन पर इंट्रेस्ट रेट घटा दिए हैं। इससे घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। होम लोन की ब्याज दर में कटौती के बाद अब SBI के होम लोन की रेट 6.95 फीसदी सालाना से शुरू होगी। एसबीआई के मुताबिक, ब्याज की नई दर 1 जुलाई 2020 से लागू हो गई है। SBI में महिलाओं को होम लोन 6.95 फीसदी सालाना की शुरुआती दर से मिलेगा, जबकि अन्य लोगों के लिए 7 फीसदी सालाना से शुरू होगा।


घर खरीदना होगा अब आसान
एसबीआई से होम लोन लेकर घर खरीदना अब और आसान हो गया है। बता दें कि बैंक ने होम लोन की ब्याज दर में कटौती की है। इसके बाद अब होम लोन की शुरुआती दर अब 6.95 फीसदी हो गई है। SBI बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार SBI में फ्लोटिंग होम लोन इंट्रेस्ट रेट महिलाओं के लिए 6.95 फीसदी से शुरू है, जबकि अन्य के लिए यह दर 7 फीसदी से शुरू हो रही है।


महिलाओं के लिए सस्ता होम लोन
भारतीय स्टेट बैंक ने ब्याज में कटौती के साथ ही महिलाओं के लिए होम लोन को सस्ता कर दिया है। अब महिलाओं के लिए ब्याज दर 7 फीसदी से कम हो गई है। एसबीआई महिलाओं को होम लोन के ब्याज दर पर 0.05 फीसदी की छूट देता है। एसबीआई में महिलाओं के लिए टर्म लोन 6.95 फीसदी से 7.30 फीसदी सालाना और मैक्सगेन लोन की ब्याज दर 7.30 फीसदी से 7.65 फीसदी सालाना हो गई है।


बता दें कि नॉन-सैलरीड क्लास को बैंक से लोन लेने वाले ब्याज दर पर 0.15 फीसदी ज्यादा का भुगतान करना पड़ता है। इससे पहले जून के दूसरे हफ्ते में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड रेट को 7.05 फीसदी से घटाकर 6.65 फीसदी करने की घोषणा की थी।


SBI REALTY LOAN
एसबीआई रियल्टी लोन में भी महिलाओं को 0.05 फीसदी की छूट मिल रही है। SBI REALTY LOAN की प्रभावी ब्याज दर पहले 5 सालों के लिए 7.70 से 7.90 फीसदी सालाना तक है, जबकि महिलाओं के लिए यह दर 7.65 फीसदी से 7.85 फीसदी सालाना तक होगी। वहीं जिन लोगों का SBI में सैलरी अकाउंट नहीं है, उन्हें रियल्टी लोन के मामले में तय रेट से 0.05 फीसदी अधिक चुकाना होगा।


मोबाइल से पर्सनल लोन की सुविधा
बता दें कि SBI अपने ग्राहकों को घर बैठे पर्सनल लोन की सुविधा उपलब्ध कराता है। यानी की आप घर बैठे पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको एसबीआई का ग्राहक होना जरूरी है। इसके बाद आप घर बैठे ऑनलाइन प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ले सकते हैं। इसके लिए आपको एसबीआई के मोबाइल ऐप से आवेदन करना होगा।


SMS से पता करें लोन की योग्यता
SBI ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि लोन के लिए अपनी योग्यता को SMS के जरिए जान सकते हैं। इसके लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से PAPL को 567676 पर एसएमएस करना होगा। इसके बाद बैंक आपको कुछ मापदंडों के आधार पर लोन की जानकारी देगा।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...