गुरुवार, 2 जुलाई 2020

यूजीसी जारी कर सकता है गाइडलाइन

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अंतिम वर्ष की परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में जल्द ही जारी कर सकता हैं संशोधित दिशा-निर्देश। समाचार एजेंसी पीटीआई ने 24 जून को बताया था कि उच्च शिक्षा नियामक द्वारा एक सप्ताह के अंदर ही संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की जा सकती है।

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अंतिम वर्ष की परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में जल्द ही संशोधित दिशानिर्देशों को जारी कर सकता है। दरअसल, समाचार एजेंसी पीटीआई ने 24 जून को बताया था कि उच्च शिक्षा नियामक द्वारा एक सप्ताह के अंदर ही संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की जा सकती है। रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा जो जुलाई में आयोजित की जानी थी, उन्हें COVID-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए रद्द करने और नए सत्र को अक्टूबर तक टालने की संभावना है।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अप्रैल में जारी की गई यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम और अकेडमिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों को संशोधित करने के लिए कहा था। मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा था, "मैंने UGC को इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के लिए पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन्स को फिर से जारी करने की सलाह दी है।

संशोधित गाइडलाइन्स की नींव छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी। वहीं, इस बीच महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने सभी विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। इन राज्यों में छात्रों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा। अधिकारी ने ये भी जानकारी दी थी कि पिछले प्रदर्शन के आधार पर मिले अंकों से जो छात्र संतुष्ट नहीं होंगे, तो उन्हें बाद में स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षा में बैठकर अपने स्कोर को बेहतर करने का मौका दिया जाएगा। अधिकारी ने मिली जानकारी के मुताबिक, "इसी तरह नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत, जो पहले से रजिस्टर स्टूडेंट्स के लिए अगस्त में और फ्रेशर्स के लिए सितंबर के महीने में होने वाली थी, उसके अब अक्टूबर तक स्थगित होने की संभावना है। इस मामले पर विचार-विमर्श जारी है और अंतिम दिशा-निर्देश जल्द ही घोषित किए जाएंगे. हालांकि, दिशानिर्देश को कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के आधार पर जारी किया जाएगा। "बता दें कि देशभर में कोरोनावायरस महामारी के चलते सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान मार्च के महीने से ही बंद हैं। वहीं, हाल ही में गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुई अनलॉक 2 की गाइडलाइन्स में सभी स्कूल, क़ॉलेज और संस्थान को 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

434 लोगों की मौत, 19,148 संक्रमित

 नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस महामारी का संकट भारत में हर दिन बढ़ता जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के 19,148 नये मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,04,641 हो गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान इस संक्रमण से 434 लोगों की मौत हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 17,834 हो गई है। इसी अवधि में 11,881 रोगी संक्रमणमुक्त हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 3,59,860 मरीज रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 2,26,947 सक्रिय मामले हैं।


गूगल का सर्वर डाउन, हुई दिक्कत

नई दिल्ली। गूगल का सर्वर डाउन होने से भारत के करोड़ों यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यूजर्स ने इसके लिए बकायदा हैशटैग चलाकर अपनी दिक्कत साझा की।



भारत में Google की कई सर्विसेज के सर्वर डाउन होने से भारतीय यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। Google सर्वर डाउन होने के बाद यूजर्स ने #Gmaildown हैशटैग चलाकर अपनी दिक्कत पोस्ट की। गूगल यूजर्स का ये हैशटैग देखते ही देखते सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर टाप ट्रेंड करने लगा। यूजर्स के मुताबिक गूगल की कई सर्विसेज जैसे जीमेल, प्ले स्टोर और गूगल क्लाउड को एक्सेस करने में यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।



यूजर्स के मुताबिक जो भी लोग एयरटेल ब्राडबैंड इस्तेमाल कर रहे थे उनको गूगल सर्वर ने खूब रुलाया। जानकारी के मुताबिक भारत के साथ साथ कई अन्य देशों में भी गूगल सर्वर डाउन रहा। इसके चलते कई देशों के यूजर्स घंटो परेशान रहे। हालांकि, गूगल की तरफ से अभी तक सर्वर डाउन होने की वजह को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है।


सैनिकों की मौत छिपाई, चीन में गुस्सा

खतरे में जिनपिंग सरकार? सैनिकों की मौत छिपाने से चीन में गुस्सा, सेना में बगावत मुमकिन



लद्दाख। गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ उलझना चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बहुत भारी पड़ रहा है। जिनपिंग सरकार ने गलवान में 40 से ज्यादा सैनिकों की मौत को छिपाया जिससे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पूर्व दिग्गजों और मौजूदा जवानों के बीच इस कदर नाराजगी बढ़ती जा रही है कि वो कभी भी सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह कर सकते हैं। वाशिंगटन पोस्ट के ओपिनियन में चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के एक पूर्व नेता के पुत्र और चीन के लिए सिटीजन पावर इनिशिएटिव के अध्यक्ष जियानली यांग ने इसका खुलासा किया। जियानली ने लिखा कि लंबे समय से पीएलए चीन की सत्ता का मुख्य हिस्सा रहा है। अगर देश की सेवा में कार्यरत पीएलए कैडर की भावनाएं आहत होती हैं तो ये रिटायर सैनिकों के साथ मिलकर देश की सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगा।


वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि बीजिंग को डर है कि अगर वह यह मान लेता है कि भारत से ज्यादा उसके अपने सैनिक मारे गए थे तो देश में अशांति फैल सकती है और सीसीपी की सत्ता भी दांव पर लग सकती है। यांग ने लिखा है, ‘सीसीपी की सरकार के लिए पीएलए ने अब तक एक मजबूत स्तंभ की तरह काम किया है। अगर पीएलए के मौजूदा सैनिकों की भावनाएं आहत होती हैं और वे लाखों दिग्गजों (इनमें पीएलए के वो सदस्य शामिल हैं जो शी से नाराज हैं..जिनमें पीएलए को व्यवसायिक गतिविधियों से अलग करने की शी की मुहिम के विरोधी हैं) के साथ आ जाते हैं तो शी के नेतृत्व को मजबूती के साथ चुनौती दे सकते हैं।’


उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान से जब पूछा गया कि इस झड़प में कितने सैनिक मारे गए तो उन्होंने साफ कह दिया कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी ही नहीं ही। अगले दिन जब उनसे भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला दिया, जिसमें चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात थी तो उन्होंने इसे गलत सूचना करार दे दिया।


फारुख खान



सड़क जैसी सुविधा से वंचित लोग

हमीरपुर। वर्तमान समय में भी ऐसे क्षेत्र हैं जो अब भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इनमें से एक ऐसी ही बस्ती है पुखरू। जो कि रक्कड़ तहसील की ग्राम पंचायत कुड़ना-सलेटी के अंतर्गत आती है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो उनकी बस्ती को आज तक सड़क सुविधा नसीब नहीं हो पाई है।
गौरतलब है कि सड़क मार्ग बनने से पुखरू बस्ती मुख्य सड़क सुविधा से जुड़ जायेगी और इससे सभी स्थानीय निवासी लाभान्वित होंगे। वहीं जानकारी के मुताबिक उक्त बस्ती के लिए जहां से सड़क का निर्माण किया जाना है, वहां वन विभाग की भूमि भी है। हालांकि ग्रामीणों की मानें तो ग्रामसभा में सड़क निर्माण सम्बंधी प्रस्ताव भी डाला गया और माननीय प्रदेश उद्योगमंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर को भी उक्त समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन उक्त सड़क का निर्माण कार्य कागजों में ही सिमट कर रह गया। हालात यह हैं कि स्थानीय निवासियों को आज भी पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई बीमार होता है या फिर मकान इत्यादि बनाने का सामान लाना पड़ता है। बहरहाल, स्थानीय निवासियों में विनोद कुमार, मुकेश राणा, जुल्फी राम, सुखदेव सिंह, नरेश कुमार, रणजीत सिंह, बलदेव सिंह, कमलेश कुमारी, रसालो देवी, माया देवी, सुनीता व प्रियंका आदि ने प्रशासन व प्रदेश सरकार से उनके गांव को सड़क सुविधा उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है।


क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि-
इस बारे कुड़ना-सलेटी पंचायत के प्रधान पूर्ण चन्द ने बताया कि उक्त बस्ती के लिए सड़क निर्माण सम्बंधी ग्रामसभा में प्रस्ताव डाला गया था, लेकिन अभी तक मार्ग को स्वीकृति नहीं मिल पाई है, वहीं उन्होंने कहा कि पुखरू बस्ती के लिए सड़क का निर्माण किया जाना आवश्यक है, क्योंकि सड़क सुविधा न होने से स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


मनोज सिंह ठाकुर


अगस्त में देश को समर्पित होगी सुरंग

मंडी। हिमाचल प्रदेश के सीएम जय रामठाकुर आज अपने गृह जिला मंड़ी में पहुंचे हुए है। इस दौराना उन्होंने विपाशा सदन मंडी में जिले के अधिकारियों से बैठक कर विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके बाद उनके अन्य कार्यक्रम भी हैं। सीएम दोपहर बाद मनाली का दौरा करेंगे।मनाली में बीआरओ अधिकारियों के साथ महत्‍वपूर्ण बैठक भी करेंगे, इसमें रोहतांग सुरंग के कार्य को लेकर चर्चा की जाएगी। अगस्त में सुरंग देश को समर्पित करने की तैयारी है।


75 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म

नाहन। संगड़ाह उपमंडल के नौहराधार इलाके में 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म (Rape) का मामला सामने आया है। मामला 30 जून की रात का है। इस मामले में पीड़िता की बहू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पीड़िता की बहू (Daughter-in-law) के अनुसार रात उसे करीब 12 बजे सास के चीखने की आवाज सुनाई दी। उसने अपने पति को जगाया और बाहर आए तो देखा कि सास के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था और आरोपी मौके से फरार हो चुका था। जब उन्होंने दरवाजा खोलकर अंदर जाकर देखा तो बुजुर्ग महिला डरी हुई थी और उसके कपड़े फटे हुए थे। वह कुछ बोल नहीं पा रही थे।.वारदात से सहमी पीड़िता ने सिर्फ इतना बताया कि मनीष ने उसके साथ गलत काम किया है। इसके बाद महिला का मेडिकल कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट जांच के लिए भेजी जा रही है। संगड़ाह पुलिस थाना प्रभारी जीतराम भारद्वाज ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है।


राकेश शर्मा


दलालों के सामने शासन-प्रशासन लाचार

 गाजीपुर। जनपद लखीमपुर-खीरी में तीन ठग अपनी दलाली की दुकान चलाने के लिए एक महिला पत्रकार का मनोबल तोड़ने के लिए अपनी नामर्दी का सुबूत दे रहे हैं। जिसमें एक व्यक्ति अपने नाम के आगे डाक्टर लिखता है। खोजी पत्रकार लिखता है जो डाक्टर के नाम का दुरूपयोग कर घर पर झोला छाप डाक्टरी कर एक दो मरीज भी देख लेता है। दोषी को फौरन सजा दी जाए गिरफ्तार कर जेल तत्काल भेजा जाय। सच में उस दरिन्दा को महिलाओं के व्यक्तिगत जिंदगी में घुसकर उनकी जान जोखिम में डालने के लिए समाज में उन्हें कहीं का ना, रखने के लिए पोस्टर वायरल कराता है। घटिया काम करने वाला अपने नाम के आगे वरिष्ठ पत्रकार लिखता है। नाम है अखलाक अहमद खां,जो न वरिष्ठ है न खोजी हैं न डॉक्टर हैं न ही पत्रकार हैं सूचना विभाग में कोई जानता तक नहीं इनको जो भड़काने में लगे हैं। इनके चेले सियाराम गौड़ जो राइटर लिखते हैं। जिन्हें दूसरो की बहन बेटी की व्यक्तिगत जिंदगी पर गंदी गंदी बातें लिखना अपमानित करना महिलाओं को झुकाना समाज में कहीं का ना रखना इतना गंदा लिखना कि कोई इनकी ओछी मानसिकता से पता लगा सकता है कि ये लोग बहन बेटीयो का सौदा करने वाले हैं इतना गंदा लिखने के बाद इन्हें शर्म नहीं आती है। अपने नाम के आगे राइटर लिखते हैं। उल्टा सीधा लिखना दाम पैदा करना और इनके बारे में अगर कोई सच लिखें तो बौखला जाते है। तीसरे महाश्य हैं। सुनील पांडे वह हर खबर को झूठी पोस्ट वायरल करना, फोन वार्ता पर पत्रकार को अनपढ़ निर्दोष लोगों को फंसाना, आप चाहे तो तीनों फर्जी पत्रकार से पत्रकारिता का सबूत मांगे, अगर नहीं हैं तो सोशल मीडिया पर न्यूज़ ग्रुपों में अपनी व्यक्तिगत भड़ास निकालने के लिए किसी महिला पत्रकार के चरित्र पर उंगली उठा कर ग्रुप में अभद्र चीजे वायरल करना ग्रुप में व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए इस तरह का कुकृत्य करना ग्रुप एडमिनओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए। फिर वही कहना पड़ता है अगर यह मर्द होते तो किसी मर्द पर इस तरह से लगातार अपमान करते तो, वह मिनट में इनको गिरा गिरा कर पीट पीटकर कुत्ता बना देता, क्योंकि नारी कमजोर होती है जिसका फायदा उठाकर यह तथाकथित पत्रकार के नाम पर दलाली करने वाले सिर्फ विरोधियों से मिलते हैं इनका बस चले तो यह अपनी बेटी का सौदा करते, दाम के खातिर जबकि इनके विरुद्ध आईटी एक्ट में मुकदमा 0705/2020 धारा 506,67 दिनांक 19.06.2020 दर्ज है। उसके बाद ग्रुप में खबर वायरल करना इनकी हिम्मत की दाद देनी होगी लोग कहते हैं इंसान से लड़ सकते हो नीच से नहीं। इन लोगों ने नीचता की सारी हदें पार कर ली है। जो एक नारी के व्यक्तिगत जीवन पर कटाक्ष कर उसके जीवन को अंधेरे में ढकेले उससे बड़ा कोई गंदा काम नहीं है। लगातार महिला से अभद्रता प्रकरण पर खबरें प्रकाशित हो रही हैं। सरेआम पत्रकार का  अपमान होता है। सूत्र बताते है पर सूबे की योगी सरकार व जिला प्रशासन महिला पत्रकार पर हो रहे जुर्म को देख और जानकर अनजान बना हुआ है। जिससे साफ जाहिर होता है कि इन तीनो दलालो के आगे सरकार क्यो बेबस नजर आ रही है। जिससे अखलाक अहमद खां, सियाराम गौड़, सुनील पांडे के हौसले बुलंद है। जब एक महिला पत्रकार इस जिले में भ्रष्टाचार की आवाज़ उठाएं तो उसके स्वर दबाने के लिए यह तीन दलाल लगा दिए जाते हैं। तो अन्य पीड़ितों का क्या होगा जो पत्रकारों के पास न्याय मांगने आते हैं।


3 महीने से नहीं मिला वेतन, हलकान

मार्च से जून तक का वेतन नहीं मिलने से निगम-कर्मचारी हलकान

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हालात और बदतर हो गए हैं। कर्मचारियों का चार महीने का वेतन नहीं मिल पाने की वजह से कर्मियों में आंदोलन का मूड जोर पकड़ता जा रहा है। शिक्षकों और पेंशनर्स के मामले में कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद भी निगम अधिकारियों ने कोई प्रयास शुरू नहीं किये हैं। अब हालात यह हैं कि डॉक्टर्स की सेलरी नहीं मिलने की वजह से नगर निगम के आला अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सी एवं डी श्रेणी के कर्मचारियों और डॉक्टर्स को मार्च तक का ही वेतन दिया गया है। इसके चलते निगम के डॉक्टर्स की तीन महीने की सेलरी बकाया है। जबकि बाकी ए व बी श्रेणी के अधिकारियों को पिछले 4 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। खास बात है कि सेलरी मिलने में हो रही देरी हर महीने और ज्यादा बढ़ती जा रही है। वेतन मिलने में हो रही लगातार देरी की वजह से निगमकर्मी आंदोलन के मूड में आ गए हैं। कर्मचारियों की अलग अलग एसोसिएशनें विरोध-प्रदर्शन की भूमिका बनाने में जुट गई हैं। बुधवार को निगम कर्मियों के कुछ संगठनों से जुड़े कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर महापौर जय प्रकाश से मुलाकात की। हालांकि जय प्रकाश ने भरोसा दिलाया है कि जल्दी ही समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। कानूनी कार्रवाई की तैयारी में एमसीडीए
 सेलरी न मिलने से परेशान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टर्स की एसोसिएशन भी आक्रामक मुद्रा में आ गई है। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) ने मामले के कानूनी पहलुओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। इसमें डॉक्टर्स को लेकर कुछ विशेष दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। इनमें सबसे बड़ी बात डॉक्टर्स को समय पर सेलरी देने की है। एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि जल्दी ही हम इस मामले में कानूनी कदम उठाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों की अवहेलना पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। ऐसे में यदि सेलरी का मामला ज्यादा लंबा खिंचता है तो निगम का स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले अतिरिक्त आयुक्त भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
कोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार
कोर्ट ने नगर निगम के टीचर्स और पेंशनर्स को लेकर पहले ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम को लताड़ लगाई है। निगम की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने कहा था कि कोरोना की ड्यूटी पर लगे 5 हजार टीचर्स को सेलरी दे दी गई है। तब कोर्ट ने कहा था कि बाकी के टीचर्स ने क्या गुनाह किया है कि उन्हें सेलरी नहीं दी गई? बता दें के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करीब 9 हजार टीचर्स और करीब 24 हजार पेंशनर्स की सेलरी का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था।
फिलहाल अतिरिक्त आयुक्त का कार्यभार रश्मि सिंह के पास है।


सीएमओ को गुलदस्ता देकर किया सम्मान

डॉक्टर दिवस पर स्वच्छ भारत मिशन की जिला कोर्डिनेटर जसलीन कौर ने चिकित्साधिकारी डॉ बीएस सोढी को गुलदस्ता देकर किया सम्मान...

चिकित्सकों ने कोरोना पीड़ितो को दिया जीवनदान-जसलीन कौर...

सहारनपुर। नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर बुधवार को चिकित्साधिकारी डॉ बीएस सोढ़ी को स्वच्छ भारत मिशन की जिला कोर्डिनेटर जसलीन कौर ने गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। चिकित्सकों के प्रति आभार जताते हुए जसलीन कौर ने कहा कि अपने सुख-चैन का त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करने वाले चिकित्सकों के जज्बे को सलाम है। वर्तमान में ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि चिकित्सकों का हमारे जीवन में काफी महत्व है। कि हमें स्वस्थ रखने में डॉक्टरों की बड़ी भूमिका होती है। अपने सुख-चैन को त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं। आज कोरोना संकट में हमारे लिए अपनी जान की परवाह किये बिना जिस तरह वो अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, वो समाज के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

जसलीन कौर ने आमजन को सन्देश देते हुए कहा कि डॉक्टरों का सम्मान करें ओर आपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखे गन्दगी को ना फैलने दे।

 

रिपोर्ट: ज़िक्रिया खान/औरंगजेब खान/अरशद अंसारी

पुलिस ने चलाया सघन चेकिंग अभियान

तीतरो पुलिस ने चलाया चेकिंग अभियान,उलंघन करने वाले बिना मास्क,लाइसेंस, हेलमेट,ट्रीपल सवारी करने वाले लोगों पर हुई कार्रवाई...

सहारनपुर। एसएसपी डॉ एस चन्नपा व एसपी देहात अशोक कुमार मीणा व गंगोह क्षेत्राधिकारी के आदेशानुसार 

थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय ने एसआई  मुकेश दिनकर व एसआई बलवान सिंह के साथ  बुधवार की शाम को तीतरो सालियर चौक पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया।

चेकिंग अभियान से लोगो मे मचा रहा हड़कम्प। चेकिंग अभियान में टू व्हीलर,फ़ॉर व्हीलर पर बिना मास्क,हेलमेट,लाइंसेंस वाले लोगों का चालान किया गया है। कुछ को सख्त हिदायत देकर छोड़ा गया।

थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय* ने बताया कि ये लोग बिना मास्क लगाए सड़क पर बिना मास्क,ट्रिपल सवारी व संदिग्ध व्यक्तियो का चैकिंग अभियान चलाया जा रहा। ओर लोगो से मास्क व सोशेल डिस्टेंसीग का भी पालन कराया जा रहा है।

 

रिपोर्ट: ज़िक्रिया खान/औरंगजेब खान/अरशद अंसारी

पत्रकार संघ की बैठक, लिए कई निर्णय

छग श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई की बैठक में प्रदेश पदाधिकारी हुए शामिल, पत्रकार हित में लिए गए निर्णय

कोरबा(कटघोरा)। छग श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई द्वारा बीते 28 जून को कसनिया स्थित काके भोजनालय में आवश्यक बैठक आहूत किया गया।जिसमें संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष देवदत्त तिवारी, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष आर डी गुप्ता, संभागीय उपाध्यक्ष संदीप गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार बिलासपुर तपन गोस्वामी एवं उमाकांत मिश्रा मुख्य रूप से शामिल हुए। बैठक में ब्लाक पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा अपनी-अपनी समस्याएं सामने रखी गई।जिसका प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा सर्वसम्मति एवं शांतिपूर्ण तरीके से निराकरण किया गया।साथ ही पत्रकार हित में निर्णय लेते हुए एकजुटता एवं आपसी सहमति बनाए रखने के साथ सदस्यता बढ़ाने के विषय पर चर्चा किया गया।

इस दौरान उपस्थित पूर्व प्रदेशाध्यक्ष देवदत्त तिवारी द्वारा उपस्थित पत्रकारों से संबोधन में कहा गया कि संघ की ताकत एक से नही एकता से है।अतः संघ में एकजुटता हमेशा बनाए रखें ताकि पत्रकार पर आए किसी भी संकट या समस्या का सामना एकजुट होकर किया जा सके।क्योंकि जिस प्रकार एक लकड़ी को कोई भी आसानी से तोड़ मरोड़ सकता है।लेकिन यदि चार लकड़ी एक साथ मिला दिया जाए तो उसे तोड़ पाना काफी मुश्किल होता है।संघ की ताकत कुछ ऐसी ही है।वहीँ आर डी गुप्ता द्वारा कहा गया कि आज ग्रामीण पत्रकारों को सहयोग की अधिक आवश्यकता है।क्योंकि वहीँ ग्रामीण पत्रकार कहें या प्रेस प्रतिनिधि अपने आसपास के साथ अपने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं, ज्वलंत मुद्दों को खबर के रूप में सामने लाकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराता है।लेकिन इस दौरान कई बार वे पत्रकार किसी भी प्रकार के संकट से घिर जाते है और उन्हें मदद की नितांत आवश्यकता होती है।ऐसे ग्रामीण पत्रकारों को संघ से जोड़कर एकजुटता का परिचय देते हुए उनके कार्यक्षेत्र में हौसला बढ़ाने की जरूरत है।ताकि वे अपने अधिकारों का निष्पक्ष प्रयोग कर सके।इस प्रकार बैठक में पत्रकार हित को लेकर एकजुटता एवं आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करने की बातें कही गई।बैठक में मुख्य रूप से कटघोरा-पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक इकाई के संरक्षक प्रदीप जायसवाल, राजेश श्रीवास, फिरत दास अध्यक्ष महेश कुरे, उपाध्यक्ष भोला गोस्वामी, सचिव प्रमोद दीवान, सह सचिव राजेश जायसवाल, सदस्य उपेश्वर नायक, गौरव सिंह, विजय कुमार, यशपाल राज, हीरादास, रितेश कुमार, तखत राम, नरेश चौहान, प्रवीण रात्रे, बृजकिशोर गुप्ता, देवेंद्र नेटी, प्रकाश महंत, प्रियेश महंत के अलावा पाली ब्लाक अध्यक्ष कमल महंत, उपाध्यक्ष गणेश महंत, सहसचिव ओम जायसवाल, सदस्य आशीष (बजरंग) जायसवाल उपस्थित रहे

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...