रविवार, 21 जून 2020

140 देशों में फैला ब्रह्मकुमारीज राजयोग


140 देशों में फैला है ब्रह्माकुमारीज का राजयोग


 बृज बिहारी दुबे

नई दिल्ली। 6वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पुन: पूरे विश्व में योग लोग करेंगे। योग तन और मन की बीमारी ठीक करने की अचूक औषधि है। लेकिन मन में बढ़ते तनाव, डिप्रेसन और सकारात्मक चिंतन के लिए खास राजयोग है जो राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान से दिया जा रहा है। इसकी स्थापना 1937 में सिंध प्रांत में हुई थी। परन्तु 1950 में इस राजयोग का प्रशिक्षण और अध्ययन राजस्थान के माउण्ट आबू से प्रारम्भ हुआ।



विश्व का पहला राजयोग केन्द्र: यह पूरे विश्व का पहला स्थान है जहॉं राजयोग सिखाया जाता है। शास्त्रों तथा भारतीय दर्शन में राजयोग को कुंडली से जोडक़र देखा जाता है। लेकिन यहॉं का राजयोग मन को साधने और परमात्मा में लगाने के आंतरिक क्रिया पर निर्भर करता है। इस राजयोग के अभ्यास से आंतरिक रुप में चमत्कारिक परिवर्तन आता है। खान पान रहन-सहन से लेकर व्यवहार में तेजी से बदलाव होता है।


स्वयं परमात्मा शिव से जोडऩे का मार्ग राजयोग: आज तक शारीरिक योग अधिकतर स्थानों और योग संस्थानों में दी जाती है। लेकिन यह राजयोग फिजिकल के बजाए आंतरिक, वैचारिक, मानसिक और धरातल पर शुद्धिकरण तथा सकारात्मकता पैदा करने के लिए कार्य करता है। इससे मन के विकार दूर होते है। यह आत्मा और परमात्मा की असली अनुभूति पर आधारित होता है। ऐसा मानना है कि जब हम अपने भौतिक शरीर में सूक्ष्म आत्मा को देखकर परमात्मा से जुडऩे का प्रयास करते है तो इससे आत्मा की शक्तियां विकसित हो जाती है। इस योग को स्वयं परमात्मा शिव ने ही सिखाया है। तभी इससे परमात्म अनुभूति होती है और ईश्वरीय शक्ति से चमत्कारिक परिवर्तन आता है। वैसे तो इस राजयोग और ब्रह्माकुमारीज संस्थान की स्थापना स्वयं परमात्मा शिव का है लेकिन साकारा माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा है। राजयोग को सिखाने के लिए दुनिया भर में 9 हजार सेवाकेन्द्र: पिछले 84 वर्षों से राजयोग के प्रशिक्षण और उसकी साधना का कार्य विश्व के 140 देशों में 9 हजार केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें आने वाले लोगों को सात दिन का साप्ताहिक कोर्स तथा फिर उसके बाद दैनिक राजयोगाभ्यास के बारे में गहनता से अभ्यास कराया जाता है। इसको सीखने के बाद व्यक्ति दूसरों को भी सीखा देता है। इसलिए हर कोई सिखने वाला एक तरह से मार्गदर्शक की भूमिका में होता है।


अध्यात्म और मन के साधना का अदभुत समन्वय: यह राजयोग अपने आप में अनोखा और चमत्कारिक है। इसको सीखने वाले व्यक्ति को सात दिन के कोर्स में आत्मा के वजूद से लेकर परमात्मा के रंग, रुप, गुण, धर्म और उसे सम्बन्ध के बारे में विस्तृत रुप से बताया जाता है। फिर राजयेाग की प्रक्रिया सिखायी जाती है। मन पर नियंत्रण इसका सबसे सफल और उपलब्धि के रुप में जाना जाता है। इससे ही व्यक्ति अपने विकारों पर नियंत्रण पाता है।


दुनिया का पहला राजयोग केन्द्र जहॉं सिर्फ महिलाये सिखाती है: यह विश्व का पहला राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पूरे विश्व में जहॉं इस संस्थान में आजीवन समर्पित युवा बहनों का विशाल समूह है जो पूरी दुनिया में फैले केन्द्रों का संचालन भी करती और राजयोग का प्रशिक्षण भी देती है। इनकी संख्या 46 हजार है जो ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित होकर पूर्ण रुप से राजयोग सिखाकर लोगों के अध्यात्म और राजयोग द्वारा जीवन बदलने का कार्य करती है।


सभी वर्गों के लोगों के लिए लाभप्रद है राजयेाग: यह राजयोग केवल विशेष उम्र के लोगों के लिए नहीं बल्कि सभी वर्ग, उम्र के लोगों के लिए है। क्योंकि मन के विकार की कोई उम्र नहीं होती है। इसलिए इसके अभ्यास से चाहे बच्चा हो या बूढ़ा, अमीर हो या गरीब, स्त्री हो या पुरुष सबके लिए लाभप्रद है। इसका सबसे ज्यादा फायदा व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, पढऩे, लिखने वाले बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। इससे महिलाओं में शक्ति स्वरुप की भावना का भी विकास होता है।


कभी भी कर सकते है राजयोग: राजयोग ध्यान केवल एक निर्धारित समय के लिए नहीं बल्कि हर वक्त कर सकते है। क्योंकि यह चिंतन और मानसिक होने के नाते हर वक्त करने से मन में बाहरी दूषित वातावरण का असर नहीं होता है। इससे मन में किसी भी प्रकार का विकार उत्पन्न नहंी होता है।


20 लाख लोग करते है प्रतिदिन अभ्यास: इस राजयोग के अभ्यासी प्रतिदिन बीस लाख लोग करते है। इन 20 लाख लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव सहज ही देखने को मिल जायेंगे। 87 वर्षीय राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी इस ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका है। संस्थान का अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माउण्ट आबू में है।



टेस्टिंग के दौरान दिखी किया सोनेट कार


टेस्टिंग के दौरान दिखी Kia Sonet, क्या होगा खास, जानें इस छोटी SUV की 5 बड़ी बातें


नई दिल्ली। किआ मोटर्स (Kia Motors) की बहुप्रतीक्षित सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी सॉनेट (Kia Sonet) को हाल में टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। टेस्ट किया जा रहा मॉडल Sonet SUV का फाइनल प्रॉडक्शन मॉडल (बाजार में उतारा जाने वाला) है।



किआ की यह छोटी एसयूवी (Kia Sonet) मार्केट में मारुति ब्रेजा, ह्यूंदै वेन्यू, टाटा नेक्सॉन और महिंद्रा एक्सयूवी300 जैसी एसयूवी को टक्कर देगी। सॉनेट कई शानदार फीचर्स से लैस होगी। यहां हम आपको इस नई एसयूवी के बारे में 5 खास बातें बता रहे हैं।


सबसे बड़ा इन्फोटेनमेंट सिस्टम


किआ सॉनेट (Kia Sonet) में 10.25-इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम मिलेगा। यह इस सेगमेंट (4-मीटर से छोटी SUV) की किसी भी एसयूवी में सबसे बड़ा इन्फोटनमेंट सिस्टम होगा। किआ सेल्टॉस से लिया गया यह इन्फोटेनमेंट सिस्टम ऐपल कारप्ले और ऐंड्रॉयड ऑटो सपॉर्ट के साथ आता है।


प्रीमियम फीचर्सः प्रीमियम फील देने के लिए किआ मोटर्स अपनी इस एसयूवी में Bose साउंड सिस्टम देगी। इसके अलावा सॉनेट में किआ की UVO कनेक्टेड कार टेक्नॉलजी, इलेक्ट्रिक सनरूफ, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस चार्जर, मल्टी-इन्फर्मेशन डिस्प्ले और पुश बटन स्टार्ट-स्टॉप समेत कई और शानदार फीचर मिलेंगे।


डीजल-ऑटोमैटिऑटोमैटिकःकएसयूवी तीन इंजन ऑप्शन में आएगी, जिनमें 1.2-लीटर पेट्रोल, 1.5-लीटर डीजल और 1.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन शामिल हैं। ये तीनों इंजन ह्यूंदै की सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी वेन्यू से लिए गए हैं। हालांकि, इसमें डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन भी मिलेगा। वहीं, टर्बो-पेट्रोल इंजन ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस होगा।


​IMT (इंटेलिजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन)


किआ सॉनेट के 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ IMT (इंटेलिजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन) मिलेगा, जो ऑटो रेव-मैचिंग फंक्शन के साथ आता है। इस फंक्शन के होने से क्लच पेडल की अनुपस्थिति में गियर बदला जा सकता है।


किआ की सबसे सस्ती एसयूवीःसॉनेट, किआ मोटर्स की सबसे सस्ती एसयूवी होगी। इसकी कीमत 7-11 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है। किआ सॉनेट अगस्त-अक्टूबर के बीच भारतीय बाजार में लॉन्च की जाएगी।



कनिका की राह पर चलें पंकज, एक्शन


कनिका कपूर की राह चल पड़े थे IPS सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, CM योगी ने लिया बड़ा ऐक्शन


नई दिल्ली/लखनऊ। प्रयागराज के एसएसपी रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध ने वही गलती कर दी, जो सिंगर कनिका कपूर ने की थी। आईपीएस सत्यार्थ ने पहले कोरोना पॉजिटिव अपने दोस्त को घर में रखा और उसके संक्रमण की बात छुपाई, फिर खुद भी संक्रमित होते हुए ड्यूटी करते रहे और अपने ड्राइवर एवं गनर को भी संक्रमित कर दिया।



आईपीएस सत्यार्थ ने अपने 90 वर्षीय बुजुर्ग पिता की सेहत का भी ख्याल नहीं रखा, उनकी गलती की वजह से उनके पिता भी संक्रमण के शिकार हो गए। जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कोरोना के मामले में की गई इतनी बड़ी गलती और लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने सत्यार्थ का तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया। सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज के पूर्व एसएसपी रहे अनिरुद्ध सत्यार्थ (Satyarth Anirudh Pankaj) का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का सहपाठी रहा विश्व दीपक त्रिपाठी उनसे मिलने 8 जून को प्रयागराज आया था। 10 जून को कोरोना के लक्षण दिखने पर उसकी जांच कराई गई, 12 जून को आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव निकला। शुल्क पर डॉक्टर ने आईपीएस सत्यार्थ को सलाह देते हुए विश्व दीपक त्रिपाठी को अस्पताल में भर्ती कराने को कहा, जिस पर सत्यार्थ ने अपने मित्र को अस्पताल में भर्ती कराने से मना करते हुए अपने घर में रखा और डॉक्टर को अपने पद की धमकी देते हुए किसी से भी इस बारे में जिक्र न करने को कहा।


12 को ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे सत्यार्थ

12 जून को प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध में कोरोना लक्षण दिखे, जिसके बाद ट्रूनेट मशीन से उनकी जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के कहा गया, लेकिन उन्होंने भर्ती होने से मना कर दिया। इसके बाद फिर उनका सैम्पल लेकर जांच के लिए मोतीलाल नेहरू (एमएलएन) मेडिकल कॉलेज प्रयागराज भेजा गया। जिसमें वह पॉजिटिव निकले, इस पर डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने को कहा पर वह नहीं माने और ड्यूटी करते रहे।


वरिष्ठ अधिकारियों ने जब उन पर दबाव डाला तो उसी तारीख की शाम में फिर से उनका सैम्पल लिया गया। पहले सैम्पल की रिपोर्ट 15 जून को आई जिसमें वह पॉजिटिव निकले। वहीं दूसरे सैम्पल की रिपोर्ट 16 जून को आई, जो पॉजिटिव थी। इसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हुए।


योगी सरकार ने लिया ऐक्शन

आईपीएस सत्यार्थ की गलती और लापरवाही की वजह से पुलिस फोर्स में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस बात की जानकारी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हुई तो उन्होंने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आईपीएस सत्यार्थ का 15 जून को तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया।


योगी सरकार पर हमलावर हो रहा था विपक्ष


बता दें कि 69000 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में प्रयागराज में आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध ने भंडाफोड़ किया। तबादले की सूची में पंकज का नाम आने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार सीएम योगी से सवाल पूछ रही थी। यहां तक कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी ट्वीट कर लिखा था, ‘प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध का ट्वीट देख कर आश्चर्य हुआ। जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच का नुकसान न हो।’ अब इस नए खुलासे के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि सीएम योगी के ऐक्शन के पीछे असल वजह सत्यार्थ की घोर लापरवाही ही थी।  



सलमान,करण व अन्य के खिलाफ मामला


सुशांत सिंह राजपूत मामले में सलमान खान, करण जौहर व अन्य के खिलाफ दर्ज हुआ केस


नई दिल्ली। बॉलिवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्मह’त्या के मामले में बढ़ते बवाल के बीच फिल्म इंडस्ट्री कुछ बड़े लोगों के खिलाफ बिहार कोर्ट में केस दर्ज किया गया है।




रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉलिवुड सिलेब्स में सलमान खान, करण जौहर, संजय लीला भंसाली और एकता कपूर जैसे लोगों के नाम शामिल हैं। ऐडवोकेट सुधीर कुमार ओझा ने बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट में आईपीसी की धारा 306, 109, 504 और 506 के तहत केस दर्ज कराया है।


क्या लगाए गए आरोप?

इस बारे में मीडिया से बात करते हुए सुधीर कुमार ओझा ने कहा, ‘मेरी शिकायत में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को लगभग 7 फिल्मों से बाहर किया गया और उनकी कुछ फिल्में रिलीज भी नहीं हुईं। ऐसी परिस्थितियां तैयार की गईं कि उन्हें ऐसा खतरनाक कदम उठाना पड़ा।’


कई लोगों ने उठाए सवाल

बता दें कि कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी दावा किया था कि सुशांत को 7 फिल्मों से निकाल दिया गया था। उनका दावा है कि पिछले केवल 6 महीनों में ही उनसे ये 7 फिल्में छिन ली गई थीं। संजय के अलावा बिहार के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, बीजेपी एमएलए और सुशांत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू ने भी सुशांत की आत्मह’त्या में साजिश का शक जताते हुए इसकी जांच की मांग की थी।


मुंबई पुलिस कर रही है जांच


महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के निर्देश के बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच सुशांत सिंह राजपूत की आत्मह’त्या की जांच कर रही है कि कहीं सुशांत पर कुछ लोगों के द्वारा इतना दबाव तो नहीं बनाया गया कि उन्होंने आत्मह’त्या कर ली। बता दें कि सुशांत ने साल 2013 में ‘काई पो चे’ से बॉलिवुड में डेब्यू किया था इसके बाद उन्होंने शुद्ध देसी रोमांस, पीके, एमएस धोन: द अनटोल्ड स्टोरी, केदारनाथ और छिछोरे जैसी सफल बॉलिवुड फिल्मों में काम किया था।



सुशांत के जाने से एमएस धोनी दुखी

:फिल्मी पर्दे पर टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का किरदार निभाने वाले बॉलिवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की सुइसाइड की खबर से हर कोई सन्न रह गया।

मुंबई। सुशांत ने 14 जून को मुंबई में अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। भले ही धोनी (MS Dhoni) की तरफ से इस खबर पर कोई बयान नहीं आया लेकिन उनके बिजनेस मैनेजर अरुण पांडे ने बताया कि आईपीएल टीम चेन्नै सुपरकिंग्स के कप्तान भी इससे बहुत उदास हैं।


धोनी के अच्छे दोस्त अरुण पांडे ने एक निजी चैनल से कहा, ‘जो कुछ भी हुआ, उस पर हमें विश्वास ही नहीं हो पा रहा है। मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि अपना दुख व्यक्त कर सकूं। माही (महेंद्र सिंह धोनी) भी बहुत उदास हैं। यह काफी दुखद है।’


अरुण ने कहा, ‘ इसमें कोई शक नहीं कि शानदार करियर सुशांत का इंतजार कर रहा था। महज 34 साल की उम्र थी। सबकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं।’ साल 2016 में धोनी की जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी’ में सुशांत ने ही लीड रोल निभाया था। इसके लिए पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे ने उन्हें खास ट्रेनिंग भी दी थी। अरुण ने कहा, ‘मुझे आज भी याद है कि सुशांत को प्रैक्टिस के दौरान काफी दिक्कतें आई थीं। उनकी दो उंगली भी टूट गई थी, साइड स्ट्रेन हो गया था, पीठ की हड्डी में भी क्रैक आ गया था, लेकिन वह बेहद आत्मविश्वास से भरे थे। रिहैब में भी उन्होंने काफी मेहनत की। एक हफ्ते में ही वह फिट हो गए।’

बॉलिवुड इंडस्ट्री में बहुत कम समय में खास मुकाम हासिल करने वाले ऐक्टर सुशांत ने रविवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। कहा जा रहा है कि उनका 6 महीने से डिप्रेशन का इलाज चल रहा था।


मणिपुर भाजपा सरकार पर छाया संकट


मणिपुर में BJP की बीरेन सरकार पर संकट, डेप्युटी CM समेत 4 NPP मंत्रियों ने सौंपा इस्तीफा


अकाशुं उपाध्याय

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए मणिपुर से बुरी खबर है। मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार (BJP-led Government in Manipur) से उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के चार मंत्रियों भी ने त्यागपत्र दे दिया है। जानकारी के मुताबिक, डेप्युटी सीएम वाई जॉय कुमार सिंह के अलावा जिन तीन अन्य मंत्रियों ने अपने त्यागपत्र दिए, उनमें आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र के विकास मंत्री एन कायिसी, युवा मामले और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह शामिल हैं। मणिपुर सरकार में वाई जॉय कुमार सिंह ने वित्त विभाग भी संभाला रखा था।



मुख्यमंत्री को सौंपा इस्तीफा

सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सौंपे अलग-अलग पत्रों में जॉयकुमार, हाओकिप और कायिसी की ओर से कहा गया है कि मैं यह बताने के लिए तैयार हूं कि मैंने मणिपुर की बीजेपी नीत गठबंधन सरकार के कैबिनेट मंत्री से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस बीच पत्रकारों से बात करते हुए जॉयकुमार सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को अपना आधिकारिक इस्तीफा पत्र सौंप दिया है।



योगी ने कसी कमर, डेली 20 हजार जांच


कोरोना को मात देने के लिए CM योगी ने कसी कमर, बोले- डेढ़ लाख बेड और रोजाना 20 हजार जांच हो


सचिन गौतम

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जून के अंत तक COVID-19 अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर डेढ़ लाख किए जाने के निर्देश दिए। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि 20 जून, 2020 तक जांच क्षमता को बढ़ाकर 20 हजार जांच प्रतिदिन किए जाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की नहीं बल्कि सावधान रहने की आवश्यकता है इसलिए अनलॉक के दौरान सभी गतिविधियों में अनुशासन का पालन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।



उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना मास्क कोई बाहर न निकले, सामाजिक दूरी का नियम हर हालत में लागू किया जाए, सघन एवं नियमित गश्त के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए, निषिद्ध जोन में पूरी सख्ती बरती जाए किन्तु यह भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए कि इन क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक सामग्री की उपलब्धता में कोई असुविधा नहीं हो।सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से जनता को जागरूक करने के कार्य को जारी रखने के निर्देश देते हुए योगी ने कहा कि इस कार्य में पीआरवी, 112 नंबर तथा प्रशासनिक मजिस्ट्रेटों के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। साथ ही प्रमुख स्थलों तथा चौराहों आदि पर भी इस प्रणाली का उपयोग कर जागरूकता फैलाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों के कोविड एवं गैर-कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं की सीधी जानकारी प्राप्त करने के लिए शासन स्तर पर विशेष सचिव स्तर का एक अधिकारी नामित किया जाए। इसके अलावा, जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इन अस्पतालों का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं का प्रभावी अनुश्रवण किया जाए।


उन्होंने चिकित्सालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के निर्देश देते हुए कहा कि इसके माध्यम से COVID-19 से बचाव तथा इसके उपचार सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जाए।


साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को वृद्धाश्रमों, बाल गृहों तथा महिला संरक्षण गृहों में रहने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य परीक्षण के द्वारा चिन्हित किया जाए कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है। योगी ने COVID-19 के संक्रमण के प्रसार की सटीक जानकारी के लिए रैंडम जांच पर बल दिया और कहा कि प्रदेश में सामुदायिक निगरानी व्यवस्था सुचारु रूप से कार्य कर रही है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में 70 हजार निगरानी समितियों द्वारा निगरानी का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निगरानी समितियों के सदस्यों से संवाद कायम रखते हुए फीडबैक प्राप्त करते रहने के निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जून से प्रारम्भ हो रहे खाद्यान्न वितरण अभियान के आगामी चरण की सभी व्यवस्थाएं समय से पूरी कर ली जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्यान्न वितरण में घटतौली या अन्य कोई भी अनियमितता न होने पाए। उन्होंने सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जनपद के गौ-आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण गौ-आश्रय स्थलों में चारा आदि के प्रबन्ध तथा गौवंश के स्वास्थ्य परीक्षण की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।



दूतावास स्टाफ को बंधक बना,घंटो पीटा


पाकिस्‍तान में भारतीय दूतावास के स्‍टाफ को हाथ-पैर बांध कर घंटों पीटा गया, गंदा पानी पिलाया


सचिन गौतम

नई दिल्ली। पाकिस्‍तान में भारतीय दूतावास के दो कर्मचारियों (Indian Embassy Staff) को बंधक बनाकर उन्‍हें टॉर्चर किया गया था। सोमवार सुबह किडनैप हुए दोनों कर्मचारी रात होते-होते छोड़ दिए गए मगर उनकी हालत बेहद खराब थी।



करीब 12 घंटे तक हिरासत में उन्‍हें इन्‍फॉर्मेशन के लिए जमकर पीटा गया। जब इन दोनों ने पानी मांगा तो हमलावरों ने उन्‍हें बेहद गंदा पानी दिया। हिंदुस्‍तान टाइम्‍स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दोनों से उनकी भूमिका और हाई कमिशन के सभी कर्मचारियों (Indian Embassy Staff) के काम की जानकारी ली गई।

पूरा प्‍लान बनाकर किया गया था अगवा

सोमवार सुबह 8.30 बजे के करीब, दोनों स्टाफ को दूतावास के पास स्थित एक पेट्रोल पंप से उठाया गया था। छह गाड़‍ियों में हथियारों से लैस 15-16 लोग आए थे। कर्मचारियों के हाथ बांध दिए गए और आंखों पर पट्टी डाली गई। करीब 10 मिनट की दूरी पर स्थित किसी जगह ले जाकर उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान उन्‍हें बार-बार लाठी-डंडों से पीटा गया और गंदा पानी पीने को दिया गया। दोनों चल तो पा रहे थे मगर गर्दन, चेहरे और जांघ पर चोट के निशान हैं। मेडिकल एग्‍जामिनेशन में किसी जानलेवा चोट का पता नहीं चला है।


झूठी FIR तक हो गई दर्ज

इस्‍लामाबाद पुलिस ने दोनों भारतीय स्‍टाफ को फंसाने का पूरा इंतजाम कर रखा था। एचटी ने एक एफआईआर देखी है जिसमें दावा किया गया कि इन दोनों की कार से 10,000 पाकिस्‍तानी रुपये मूल्‍य वाली फर्जी करंसी मिली है।


पाकिस्‍तानी मीडिया में दावा किया गया कि भारतीय कर्मचारियों को इसलिए अरेस्‍ट किया गया है क्‍योंकि उनकी कार एक राहगीर से टकरा गई थी। इसी नैरेटिव को पुश करने के लिए किडनैपर्स ने दबाव डालकर दोनों कर्मचारियों से वीडियो पर यह बुलवाया कि उनसे एक्‍सीडेंट हुआ है।


बदला लेने के लिए पाक ने रचा ड्रामा?

दोनों कर्मचारियों को धमकाया गया कि आगे से हाई कमिशन के लोगों का यही हाल होगा। उन्‍हें रात करीब 9 बजे भारतीय दूतावास को वापस सौंपा गया। यह हरकत जवाबी कार्रवाई के रूप में देखी जा रही है। भारत ने 31 मई को पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग के दो कर्मचारियों को जासूसी करते रंगेहाथ पकड़ा था। इसके बाद उन्‍हें 24 घंटों के भीतर पाकिस्‍तान वापस भेज दिया गया था।



हिंद सागर में पैर पसार रही चीनी नौसेना


हिंद महासागर में तेजी से पैर पसार रही चीनी नौसेना, भारत को लद्दाख से भी बड़ा खतरा


सचिन गोतम


नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव अपने चरम पर है। दोनों ही देशों के हजारों सैनिक आमने-सामने हैं। भारत और चीन के वार्ताकारों के बीच वार्ता से इसमें थोड़ा नरमी जरूर आई है लेकिन विवाद का जल्‍द हल होता नहीं दिख रहा है।




इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीनी ड्रैगन बहुत तेजी से हिंद महासागर (chinese military in indian ocean) में अपने पैर पसार रहा है और आने वाले समय में भारत को लद्दाख से भी बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है।


थिंक टैंक ऑब्‍जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख में नियंत्रण रेखा ही भारत के लिए चिंता का सबब नहीं है। चीन (chinese military in indian ocean) हिंद महासागर में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस साल मई महीने में ली गई सैटलाइट तस्‍वीरों से पता चलता है कि अफ्रीका के जिबूती स्थित चीनी नेवल बेस को आधुनिक बनाया गया है। पहले लॉजिस्टिक सपोर्ट के बनाए इस ठिकाने को अब नेवल बेस में तब्‍दील कर द‍िया गया है। इस अड्डे पर चीन का विमानवाहक पोत भी खड़ा हो सकता है।


चीन मालदीव में भी एक कृत्रिम द्वीप को विकसित करने में लगा हुआ है। कई लोगों का दावा है कि चीन हिंद महासागर में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए इस द्वीप को विकसित कर रहा है। चीन के पाकिस्‍तान स्थित ग्‍वादर पोर्ट पर नेवल बेस बनाने की भी खबरें हैं। चीन बांग्‍लादेश के कॉक्‍स बाजार में भी एक नौसैनिक ठिकाना विकसित करने में मदद कर रहा है। जिबूती स्थित चीन का नेवल बेस हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्‍वाकांक्षा को दर्शाता है। यह नौसैनिक अड्डा करीब 25000 वर्ग फुट के इलाके में पसरा है। यह अड्डा अपने आप में एक चीनी किले की तरह से है। इसमें करीब 10 हजार चीनी सैनिक रह सकते हैं। विश्‍लेषकों का मानना है कि इस अड्डे के जरिए चीन इलाके में खुफ‍िया निगरानी करता है। चारों तरफ निगरानी के लिए वॉच टॉवर बनाए गए हैं और सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। करीब एक दशक पहले चीनी नौसेना ने समुद्री लुटेरों से बचाव के नाम पर हिंद महासागर में कदम रखा था। भारतीय विश्‍लेषकों का मानना है कि पहले ऐसा विचार था कि चीन अपने हितों और व्‍यापार की सुरक्षा के लिए ऐसा कर रहा है लेकिन राय बदल रही है।


कई विश्‍लेषकों का मानना है कि चीन अब खुद को हिंद महासागर की एक बड़ी शक्ति के रूप में प्रॉजेक्‍ट करने में लगा हुआ है। चीन लगातार हिंद महासागर में पनडुब्‍बी और युद्धपोत भेज रहा है। पिछले साल सितंबर महीने में एक चीनी जहाज भारतीय समुद्री इलाके में घुस आया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को पश्चिमी प्रशांत महासागर में अपनी पहुंच बढ़ानी चाहिए जहां पर चीन का दबदबा है। इससे ड्रैगन को अपने कदम खींचने के लिए मजबूर होना पडे़गा।



प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 22, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-314 (साल-01)
2. सोमवार, जूूून 22, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- दूज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


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शनिवार, 20 जून 2020

गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुभारंभ

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। गरीब कल्याण योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों का कार्य मिलेगा। इसे देश के राज्यों के उन जिलों में संचालित किया जाएगा, जिनमें प्रवासी कामगारों संख्या 25 हजार से अधिक है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान को फिलहाल छह राज्यों के 116 जिलों में लागू किया जाएगा। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं। अभियान में रोजगार एवं अवस्थापना सृजन के तहत 25 प्रकार के काम कराए जाएंगे। इस योजना पर 50 हजार करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी।


दुनिया को अस्थिर करने में लगा चीन

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जारी तनाव को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि चीन दुनिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीनी हमले में भारतीय सैनिकों की शहादत पर हमें दुख है, हम भारत के साथ खड़े हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने भी कल कहा था कि भारतीय सीमा समेत कई मोर्चों पर चीन द्वारा की जा रही हरकतों से ऐसा लगता है कि वो फायदा उठाने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि बीजिंग का यह मानना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विश्व का ध्यान भटका है और वह उसका फायदा उठा सकता है। वहीं पूर्वी एशियाई एंव प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का प्रशासन भारत-चीन की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। स्टिलवेल ने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए पत्रकारों से कहा कि चीन की भारत में हालिया कार्यवाही उसकी डोकलाम सहित भारतीय सीमा पर पहले की गई गतिविधियों की तरह ही है। बीजिंग को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है। स्टिलवेल ने कहा कि कई मोर्चों पर चीन द्वारा ऐसा करने के पीछे वजह यह हो सकती है कि बीजिंग को ऐसा लगता है कि अभी दुनिया का ध्यान भटका हुआ है और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से उबर रही दुनिया का पूरा ध्यान लोगों की जान बचाने पर है, इस मौके को उसने फायदा उठाने के एक अवसर के तौर पर देखा होगा। चीन के भारत सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रामक रवैया अपनाने पर किए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं इस पर सरकार का आधिकारिक रुख स्पष्ट नहीं कर रहा हूं लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसके द्वारा ऐसा करने के कई स्पष्टीकरण मौजूद हैं। स्टिलवेल ने कहा कि हम जाहिर तौर पर भारत-चीन सीमा विवाद पर करीबी नजर रख रहे हैं।


हेल्थ को इम्प्रूव कर सकता हैं 'नारियल' का पानी

हेल्थ को इम्प्रूव कर सकता हैं 'नारियल' का पानी  सरस्वती उपाध्याय  औषधीय गुणों से भरपूर नारियल का पानी आपकी ओवरऑल हेल्थ को काफी हद तक...