शुक्रवार, 19 जून 2020

वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बिना एंट्री नहीं

राणा ओबराय
चण्डीगढ़ प्रशासक ने डीजीपी को दिए कड़े निर्देश,वेबसाइट पर बिना रजिस्ट्रेशन के चंडीगढ़ में नहीं होगी एंट्री
चंडीगढ़। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने बुधवार को वार रूम मेंं प्रशासक के सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जिसमें पंचकूला और मोहाली के डीसी भी शामिल थे। इस मौके पर जीएमसीएच के डायरेक्टर प्रिंसिपल व पीजीआई के निदेशक डॉ. जगतराम सहित अन्य चिकित्सक भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्सम से उपस्थित थे। प्रशासक ने एडवाइजर को निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासन की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बगैर शहर में बाहर से आने वाले लोगों को एंट्री न दी जाए। ऐसा न करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


डीजीपी को दिए सख्त आदेश
प्रशासक ने डीजीपी को शहर की सभी सीमओं पर हर आने जाने वाले की सख्ति से जांच करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने लोगों को ही एंट्री दी जाए। साथ ही उन्होंने डीजीपी को यह भी आदेश दिए कि बार्डर पर एंट्री करने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए और लोगों को आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करवाई जाए।


सेल्फ होम क्वारेंटाइन के प्रापोजल पर करें विचार
उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य सचिव को आदेश देते हुए कहा कि सेल्फ क्वारेंटाइन के बजाए सेल्फ होम क्वारेंटाइन के विषय पर विचार करने को कहा जिस से बाहरी लोग शहर में खुलेआम न घूम सकें। उन्होंने एडवाइजर मनोन परिदा को भी निर्देश दिए कि यदि कोई व्यक्ति सेल्फ क्वारेंटाइन के नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उसे प्रशासन द्वारा बनाए इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाए।


प्रापर्टी टेक्स जमा करने फैसले को किया स्थगित


प्रशासक ने 13 गांवों के कमर्शिलयल प्रापर्टी मालिकों को प्रापर्टी टेक्ट के भुगतान में फिल्हाल छूट देते हुए फैसले को स्थगित कर दिया है। वहीं नगर निगम कमिश्रर को आने वाले मानसून से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध करने भी आदेश दिए। वित्त सचिव एके सिन्हा ने प्रशासक को बताया कि जल्द ही एक श्रमिक ट्रेन चलाई जाने की तैयारी की जा रही है ताकि शहर में उत्तरप्रदेश व बिहार के प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा सके। इसके अलावा प्रशासक ने सेक्रेट्री इंजीनियरिंग को शहर के सभी लंबित प्रोजेक्टस जैसे साइलकिल ट्रैक व अन्य को जल्द से जल्द पूरा करने के आदेश दिए। वहीं पीजीआई के निदेशक ने बताया कि अब तक 475 लोगों के सैंपल लिए गए हैं जिनमें 7 करोना पॉजिटिव पाया गए हैं। वहीं जीएससीएच के डायरेक्टर ने बताया कि कुल 124 सैंपलों में 5 पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मौके पर डीसी मोहाली ने बताया कि जिले में 63 पॉजिटव केस हैं जबकि पंचकूला के डीसी ने बताया कि 43 पॉजिविट केस सामने आए हैं। प्रशासक ने बढ़ते करोना के केसों पर चिंता जताई और कहा कि शहर में अधिकतर वही लोग पॉजिटिव हैं जो बाहर से आ रहे हैं।


दिगंबर जैन मुनि पर रेप का आरोप लगाया

जैन धर्म की महिला ने दिगम्बर जैन मुनि पर लगाये दुष्कर्म पर आरोप,


जयपुर व करौली की एफएसएल टीम ने घटना स्थल से जुटाए साक्ष्य।


जयपुर/हिंडौन सिटी ।  मोहन नगर के जैन उपाश्रय में 2 दिन से रोके एक दिगंबर जैन मुनि पर जैन धर्म की ही एक महिला से दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा है । इस मामले को लेकर जैन उपाश्रय में दिनभर बखेड़ा हुआ। शाम को लोग नई मंडी थाने के बाहर एकत्र हो गए और वहां भी लोगों ने आपस में जमकर तकरार हुई। फिलहाल नई मंडी थाना पुलिस ने पीड़िता के परिजन से रिपोर्ट लेकर जांच शुरू की है। घटना की जानकारी के बाद डीआईजी लक्ष्मण गौड़, जिला पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल, उप पुलिस अधीक्षक श्योराज मल मीना मौके पहुंचे। उसके बाद एफएसएल टीम ने घटना स्थल पर जाकर साक्ष्य जुटाए।


जिला पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल ने बताया कि मोहन नगर हिंडौन के निवासी एक जने ने रिपोर्ट पेश किया कि उसकी मां पत्नी और भाभी  दोपहर मोहन नगर के जैन उपाश्रय में ठहरे दिगंबर जैन मुनि के दर्शन करने गई थी।
रिपोर्ट में आरोप है कि जैन मुनि ने भाभी को अभिमंत्रित नारियल देने के बहाने जैन उपाश्रय की दूसरी मंजिल स्थित कमरे में बुलाया और कमरे की अंदर से कुंडी लगाकर नारियल देने के दौरान उसके शरीर से अश्लील छेड़छाड़ की। जैन मुनि की हरकत  नीयत भाभी को ठीक नहीं लगी तो में कमरे से शीघ्र बहार आ गई ।
रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि भाभी के बाहर आने के बाद उसकी पत्नी अभिमंत्रित नारियल एवं आशीर्वाद लेने जैन मुनि के पास पहुंची तो दूसरी मंजिल के कमरे में जैन मुनि ने डरा धमकाकर तथा अनिष्ट करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया।  रिपोर्ट में लिखा है कि मां और भाभी ने कुछ समय के बाद कमरे का दरवाजा खुलवाया उसकी पत्नी बदहाल हालत में मिली और उन दोनों से लिपट कर बुरी तरह रोने लगी । पीड़िता ने बताया कि जैन मुनि ने परिवार का अनिष्ट करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया है।  इस घटना के बाद तीनों महिलाएं भी हालत में जैन उपाश्रय से घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी । जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जैन मुनि को हिरासत में ले लिया है इसके साथ पीड़ितों से परीक्षण कराया है।


संवाददाता
चरण सिंह डागुर


एनएसयूआई इकाई ने किया विरोध प्रदर्शन

गौरव जैन


रामपुर। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने विभिन्न मांगो को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखते हुए विरोध जताया।एनएसयूआई के जिला सचिव आदिल पाशा के नेतृत्व में दर्जनों छात्र अजीतपुर स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए और धरना भी दिया। बैठक को सम्बोधित करते जिला सचिव आदिल पाशा ने कहा कि चीन हमारे देश को आंखें दिख रहा है,हमारे बीस जवानों को चीन ने मौत के घाट उतार दिया। हिंदुस्तान अब अपने जवानों की शहादत को नही सहेगा। एनएसयूआई भारत सरकार से चीन पर एयर स्ट्राइक करने की मांग करती है तथा लॉक डाउन के कारण जनमानस की आर्थिक स्तिथि खराब है और 3 महीने से स्कूल लगातार बन्द हैं।छात्रों की 3 महीने की फीस माफ की जानी चाहिए।


एनएसयूआई ने बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामो पर भी चिंता जताते हुए तत्काल इनके दाम कम किये जाने की मांग की और स्नातक और परास्नातक के छात्रों को प्रमोट किये जाने की मांग की है। बैठक के पश्चात सभी छात्रों ने सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सेंटपॉल एनएसयूआई इकाई के अध्यक्ष अनस तुर्की, आकिब पाशा, तौसीफ पाशा, नावेद सैफी, रेहान पाशा, जैनुल शहादत, शोभित कुमार, अंकुश चौहान, फ़राज़ रज़ा, अयान रज़ा, खलील अंसारी, आतिफ खान, फ़ैज़ी तुर्क, बिलाल शरीफ सहित तमाम छात्र रहे।


जौहर विश्वविद्यालय में डेवलपमेंट कार्यक्रम

गौरव जैन


रामपुर। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में चौथा अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमे पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में कार्यरत प्रो. सुरेश कुमार चड्डा ने टीमवर्क तथा कोलोब्रेशन शीर्षक सम्बंधित व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का आरम्भ को-कन्वीनर प्रो. राजेश यादव के द्वारा कार्येक्रम के उद्देशय की ओर प्रकाश डालते हुए हुआ।


इसके पश्चात् विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुल्तान मुहम्मद खान ने टीमवर्क की आवश्यकता और उसके परिणाम के सन्दर्भ में अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया। तत्पश्चात नामे अली ने कार्येक्रम का संचालन किया। तदोपरांत पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के प्रो. सुरेश कुमार चड्डा को स्वागत ज्ञापन करते हुए व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया।  प्रो. चड्डा ने अपने व्याख्यान से टीम वर्क और कोलेब्रेशन पर अपनी बात राखी। उन्होंने बताया कि टीम वर्क किस प्रकार किया जाता है तथा शिष्यों को किस प्रकार टीम वर्क के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने इसकी जानकारी प्रदान करना तथा उनके बीच किस प्रकार सेतु के रूप में कार्य कर के काम को अच्छे से किया जा सकता है।


मुख्य वक्ता प्रो. सुरेश कुमार चड्डा के व्याख्यान के पश्चात् अमित सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्येक्रम के अंत में प्रो. अनुराग अग्रवाल ने सभी लोगो का आभार व्यक्त किया तथा शुक्रवार को होने वाले कार्यक्रम के संदर्भ में अवगत कराया। इस मोके पर सेशन कोर्डिनेटर नामे अली, अमित सिंह, अब्दुल अहद, डॉ. पुलकित अग्रवाल, इंतेखाब खान , शुमायला नईम उपस्थित रहे ।


परम विश्वासघाती 'संपादकीय'

मौत के सौदागर बेइमान धोखेबाज बेधर्मी भूमाफिया सामंतवादी चीन की घिनौनी खूनी करतूत पर विशेष-  सम्पादकीय

    दुनिया को कोरोना वायरस फैला कर मौत के मुंह में ढकेलने वाला मौत का सौदागर चीन आजादी के बाद से ही भारत की सरजमीं को हड़पने की जुगत में जुटा है और हमारी काफी जमीन उसके कब्जे में है।वह शुरू से ही हमारे साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करके हमें नुकसान पहुंचाने का असफल प्रयास कर रहा है।उसकी कार्यशैली शुरू से ही विश्वासघाती मक्कारी वाली रही और वह हमेशा हमारे साथ धोखेबाजी करता रहा है। आजादी मिलने के जब हमारे देश ने उसके कुत्सिक प्रयासों का विरोध करना शुरू किया तो आजादी मिलने के डेढ़ दशक बाद ही उसने हमें कमजोर मानकर अपनी ताकत दिखाते हुए 1962 में हमला कर दिया था।उस समय हमारे देश बाल्यकाल के दौर से गुजर रहा था और उसके सामने हमारी सैन्य ताकत बहुत कम थी लेकिन हमारी सेना का आत्मबल कमजोर नहीं था।हमारे देश को मजबूरी में न चाहते हुए भी भारतमाता की अखंडता के लिए उससे युद्ध करना पड़ा था।सैन्य शक्ति कम होने के कारण हमें युद्ध में हार का मुंह जरूर देखने पड़ा लेकिन हमारे सैनिकों ने ठिगने चीनियों को छठीं का दुध याद दिलाते हुए एक नया इतिहास लिख दिया था जिसे गुरिल्ला युद्ध के रूप में दुनिया आज भी याद करती है।चीन शुरू से ही हमारे भू-भाग पर अपना अधिपत्य जमाने की कोशिशों में लगा है और समय समय पर अपनी ताकत का अहसास कराकर हमें डराने में लगा है।1962 के बाद युद्ध तो नहीं हुआ लेकिन सीमावर्ती इलाकों पर कब्जा करना की कोशिशें जारी रही और समय समय पर समझौते होते रहे।सिकिम्म तिब्बत अरूणाचल लद्दाख को लेकर विवाद का क्रम चलता रहा है।समझौते के तहत गोलाबारी तो नहीं लेकिन इधर काफी  समय से दोनों सेनाओं के बीच हाथापाई गुत्थम गुत्था लगातार चल रहा है लेकिन हमारे बहादुर जाबांज सैनिक समझौते का पालन करते हुए उसे मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।चीन शुरू से ही हमारे देश को अपना पिछलग्गू बनाकर मुरीद बनाने की फिराक में लगा है लेकिन हमारा उनके झांसे में नहीं आ रहा है बल्कि वह पहले सोवियत रूस तथा अब अमेरिका से दोस्ती कर रहा है।यह बात चीन को अच्छी नहीं लग रही है और वह अपने को सुपर बनाने के लिए तरह तरह की साजिशें कर हमारे दुश्मनों को पनाह देकर हमारे खिलाफ उकसा   रहा है और हमारे सीमावर्ती पड़ोसी देशों पाकिस्तान एवं नैपाल को भड़का कर हमदर्दी के नाम अपना उल्लू सीधा कर रहा है।वह अमेरिका के बराबर सुपर देश बनने का दिवास्वप्न देख रहा है लेकिन सुपर पावर देश अमेरिका उसे मिटाने पर तुला हुआ है।वह अपनी ऐटमी ताकत के बल पर दुनिया को अपनी जूती के नीचे लाने के लिए तरह तरह के घृणित प्रयास कर मानवता के लिए खतरा पैदा करने में जुटा है।इधर सुपर पावर देश अमेरिका चीनी वायरस से हो रही भारी तबाही से तिलमिला कर खुलकर उसका विरोध करने लगा है।अमेरिका से हमारी दोस्ती उसे रास नहीं आ रही है और वह खिसियाई बिल्ली की अमेरिका की जगह भारत को सबक सिखाने का षड़यंत्र कर रहा है।जबसे हमारे देश ने सीमा पर अपनी सरजमीं पर सड़क का निर्माण शुरू किया है तबसे वह तिलमिला उठा है और लगातार घिनौनी हरकतें कर रहा है।हद तो तब हो गई जब सेना के साथ हुये समझौते के बावजूद अपनी करतूतों से बाज नहीं आया और मौका देखने गई सेना की एक छोटी टुकड़ी पर भारी फौजी ताकत के साथ हमला करके खूनखराबा करना शुरू कर दिया।वसूलों सिद्धांतों पर चलने वाली हमारी सेना को स्वप्न में भी ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं थी और अचानक हमले से वह सकते में आ गई।जब तक हमारी सेना संभलती तब तक हमारे कई जवान हताहत हो गये।इसके बाद हमारी सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके दोगुना सैनिकों को मुल्के अदम पहुंचा दिया।इस घटना के बाद हमारे देश में जहाँ उबाल आ गया वहीं कोरोना वायरस से भारी तबाही मचाने से बौखलाई दुनिया उसकी मक्कारी धोखेबाजी हरामीपन को देखकर सकते में आ गई है।

हमारी सरकार इस घटना के बाद सक्रिय हो गई है और सीमा पर फौजी ताकत को बढ़ाकर ड्रैगन को सबक सिखाने की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है।प्रधानमंत्री रक्षामंत्री विदेशमंत्री सेना के तीनों सेनापतियों के साथ बैठक कर चुके हैं तथा विपक्षी दलों की बैठक आज बुलाई गई है।इस नाजुक हालत में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस के आका राहुल गांधी चीन को सबक सिखाने में सहयोग देने की जगह सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने लगें हैं।अमेरिका ने भी अपने तीन जंगी जहाज महासागर में उतारकर बेइमान हरामखोर चीन की घेराबंदी कर सबक सिखाने की तैयारी शुरू कर दी है तो रूस जैसे तमाम देश भी चीन के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं।लगता है कि चीन की विश्वासघाती सेना द्वारा निहत्थे भारतीय सैनिकों पर हमला विश्वयुद्ध का कारण बन जायेगा क्योंकि चीन गलती न मानकर अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। वह हमारी सरजमीं से हटकर युद्ध टालने की जगह वह गलवान घाटी में बांध बनाकर उसका पानी रोककर और अपनी सैनिक शक्ति बढ़ाने में जुट गया है। 

भोलानाथ मिश्र

 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 20, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-312 (साल-01)
2. शनिवार, जूूून 20, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-43+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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गुरुवार, 18 जून 2020

एनसीआर में बढ़ता संक्रमण, केंद्र चिंतित

अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं दिल्ली से लगे हुए क्षेत्र में कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी का प्रकोप तेजी से फल-फूल रहा है। वायरस का संक्रमण दिन प्रतिदिन दोगुना और रात चौगुना हो रहा है। जिस को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। केंद्र सरकार ने संक्रमण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए एनसीआर के सभी जिला अधिकारियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक समीक्षा बैठक की। जिसमें जनपद गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय भी शरीक रहे। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी दिशानिर्देश का अनुपालन किया जाएगा। जिससे वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। गृहमंत्री,भारत सरकार अमित शाह ने एनसीआर क्षेत्र के जिलाधिकारियों,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव के संबंध में वीडियो कांफ्रेंस की एवम् सभी को एक साथ एक जुट होकर इस महामारी से निपटने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए
निर्देश दिए।


भारत में चीन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और मुलायम सिंह…


नई दिल्ली। भारत और चीन के संबंधों में एक बार फिर खटास आ गई है,क्योंकि सोमवार को दोनों देशों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई,इसे लेकर भारत में चीन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। भारत के लिए चीन खतरा नया नहीं बल्कि दशकों पुराना है।पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस चीन को भारत का दुश्मन नंबर वन मानते थे और मुलायम सिंह यादव ने तो चीन को पाकिस्तान से भी बड़ा दुश्मन करार दिया था,इस तरह से देश के दोनों पूर्व रक्षामंत्री चीन को लेकर लेकर समय-समय पर आगाह करते रहे।


बता दें कि दो दशक पहले 1998 में तत्कालीन एनडीए सरकार के रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने सामरिक दृष्टि से चीन को भारत का दुश्मन नंबर एक करार दिया था।जॉर्ज फर्नांडिस ने रक्षामंत्री रहते हुए एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘हमारे देशवासी सच्चाई का सामना करने से कतराते हैं और चीन के इरादों पर कोई सवाल नहीं उठाते।चीन जिस तरह से पाकिस्तान को मिसाइलें और आर्थिक मदद दे रहा है,म्यांमार के सैनिक शासन को सैनिक मदद दे रहा है और भारत को जमीन और समुद्र के जरिए घेरने की कोशिश कर रहा है।इससे तो यही लगता है कि चीन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन नंबर वन है।
जॉर्ज फर्नांडिस का यह बयान उस समय कई लोगों को रास नहीं आया था।जॉर्ज के कई साथी मंत्रियों ने उनके इस बयान का खुले तौर पर विरोध किया था,इतना ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस और वामपंथी दलों को भी जॉर्ज का यह बयान नहीं सुहाया था।हालांकि, मौजूदा दौर में चीन की इस घटना के बाद देश में कई लोग जॉर्ज की तरह ही चीन को दुश्मन नंबर वन मान रहे हैं।इसीलिए चीन को सबक सिखाने के लिए कई संगठन चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं।


मुलायम सिंह कहते थे- पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन


जॉर्ज फर्नांडिस की तरह पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव भी चीन को भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन बता चुके हैं।साल 2017 में डोकलाम विवाद के बाद लोकसभा में चर्चा के दौरान मुलायम सिंह ने दो टूक कहा था कि भारत का सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है। मुलायम सिंह पूर्व सरकार की आलोचना करते हुए ये भी कहा था कि तिब्बत को सौंपना भारत की बड़ी भूल थी।
मुलायम सिंह यादव चीन को लेकर इससे पहले भी कई बार सख्त टिप्पणी करने के साथ-साथ भारत को आगाह कर चुके हैं। 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मुलायम सिंह ने आरोप लगाया था चीन के घुसपैठ करने पर मनमोहन सिंह सरकार कुछ नहीं कर रही है।चीन को लेकर मुलायम सिंह द्वारा दिए गए बयान को समाजावदी पार्टी के नेता सहित कई लोग सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं।


बीजेपी सांसद ने चीन को दुश्मन नंबर वन कहा था


राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा भी चीन को भारत का दुश्मन नंबर वन मानते हैं।जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद चीन की ओर से आई प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए चीन को ‘भारत का दुश्मन नंबर वन’ बताया था। साथ ही कहा था कि चीन विस्तारवादी देश है,वो भारत का अच्छा दोस्त कभी नहीं हो सकता।राकेश सिन्हा ने कहा था कि चीन अरुणाचल पर भी दावा कर रहा है, सिक्किम पर भी दावा कर रहा है।अगर चीन के विस्तारवाद को हम मानेंगे तो भारत के कई हिस्सों को सुपुर्द कर देना पड़ेगा।


सैनिकों की 'शहादत' को किया सलाम

नई दिल्ली। भारत- चीन सीमा के गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में बिहार के छह जवान भी शहीद हो गए हैं। जवानों की शहादत की खबर से एक तरफ दुख और गम का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ चीन को लेकर काफी आक्रोश है। पूरे बिहार में अपने छह जवानों की शहादत की खबर मिलने के बाद भारत माता की जय की गूंज सुनाई दे रही है तो वहीं चीन से बदला लेने की ललकार सड़कों पर दिखाई दे रही है।

मई में होनेवाली थी बेटे की शादी, टूट गया मां के सपने

लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की झड़प में भोजपुर के दो जवानों ने अपनी शहादत दी है। सरहद की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के जवान चंदन कुमार व कुंदन ओझा शहीद हो गए। जिले में दोनों की शहादत से गम का माहौल है।

बेटे की शहादत की खबर सुन मां की सूनी आंखें बेटे को तलाश रही हैं। शादी का सेहरा पहनने से पहले ही चंदन कुमार चीन के सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए। मां का बहू लाने का सपना टूट गया। जगदीशपुर के कौरा पंचायत अन्तर्गत ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह के छोटे पुत्र चंदन की शादी इसी वर्ष जगदीशपुर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में राजमहल सिंह की पुत्री के साथ होने वाली थी।

 

पहले 29 अप्रैल को तिलक व शादी की तारीख 1 मई तय हो गई थी। लेकिन, कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख को दोनों परिवारों की सहमति से आगे बढ़ा दी गई थी।

वीरांगना पत्नी ने पति को दी सलामी, कहा-बेटों को सेना में ही भेजूंगी

बिहटा प्रखंड के सिकरिया पंचायत के तारानगर गांव निवासी 36 वर्षीय हवलदार सुनील कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही मां -बाप बेसुध हो गए। गुरुवार की सुबह शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद को पत्नी और उनकी बेटी ने आखिरी सलामी दी और वीरांगना पत्नी ने कहा कि आज मैंने पति को खोया है लेकिन मैं अपने दोनों बेटों को भी सेना में ही भेजूंगी और वे एक के बदले दस चीनी सैनिकों को मारकर अपने पिता का बदला लेंगे। सुनील के दो पुत्र आयुष (11) विराट (4) एवं एक पुत्र सोनाली (13) हैं। सभी आर्मी स्कूल दानापुर में पढ़ते हैं।

एक साल पहले हुई थी शहीद अमन की शादी, पत्नी से कहा था-जल्द वापस आऊंगा

भारत और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में समस्तीपुर ने भी अपना एक लाल खो दिया। जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सुल्तानपुर निवासी सुधीर कुमार सिंह के 24 वर्षीय पुत्र अमन कुमार सिंह (बिहार रेजीमेंट) चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही माता रेणु देवी, पत्नी मीनू देवी सहित पूरा परिवार चीत्कार उठा। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। एक वर्ष पहले 27 फरवरी 2019 को अमन से शादी हुई थी। ड्यूटी पर जाते समय उन्होंने जल्द लौटने की बात कही थी। किंतु, होनी को कुछ और ही मंजूर था।

22 साल का बेटा हुआ शहीद, पिता ने कहा-गर्व है अपने बेटे पर

लद्दाख की गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में वैशाली जिले के निवासी बिहार रेजिमेंट की 12 वीं बटालियन के जवान जयकिशोर सिंह ने देश की रक्षा में अपनी शहादत दी है।

22 वर्षीय जय किशोर के शहीद होने की खबर मिलते ही ग्रामीण, सगे-संबंधी एवं आसपास के लोग सांत्वना देने उनके घर पहुंचे। शहीद के पिता राजकपूर सिंह किसान हैं, जबकि बड़े भाई नंदकिशोर सिंह भारतीय थल सेना में सिक्किम में पदस्थापित हैं। शहीद सैनिक चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े पुत्र द्वारा छोटे बेटे के शहीद होने सूचना मिलने पर एक तरफ जहां घर में कोहराम मच गया वहीं पिता ने कहा-गर्व है कि मैं एक शहीद का पिता हूं।

गम के आंसुओं के बीच कुंदन छोड़ गया अपनी चमक

लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत में सहरसा के कुंदन का नाम दर्ज होने से जहां आरण गांव को गर्व है, वहीं चीन की तरफ से धोखे से हमला किए जाने के खिलाफ गुस्सा भी है। मंगलवार की रात कुंदन के शहीद होने की खबर उनकी पत्नी को मिली ।

बूढ़ी मां और पिता बेटे की शहादत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए। कुंदन की पत्नी की क्रंदन व चीत्कार से पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्हें मां के रोने का कारण समझ में नहीं आ रहा था वो बस भीड़ को निहार रहे थे। वर्ष 2013 में इनकी शादी घेलाढ़ थाना के इनरवा गांव में हुई। पत्नी बेबी देवी ने बताया कि 27 दिसंबर, 2019 को वो अपने गांव आए थे। करीब दो माह रहने के बाद फरवरी में ड्यूटी के लिए विदा हुए। जाते वक्त उन्होंने कहा था कि जल्द ही वापस आऊंगा। जाते वक्त यह भी कहते थे कि अगर मैं लौट के नहीं आ सका तो अपने बच्चों का ख्याल रखना। 

भारत 8 वीं बार संयुक्त परिषद का सदस्य

भारत दो साल के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का अस्‍थायी सदस्‍य चुन लिया गया है। 193 सदस्‍यों वाली संयुक्‍त राष्ट्र महासभा में भारत को 184 मत मिले।


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी कल रात सुरक्षा परिषद का चुनाव जीते हैं। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2021-22 के लिए अस्‍थायी सदस्‍यता का उम्‍मीदवार था। उसकी जीत इसलिए भी तय थी क्‍योंकि वह इस क्षेत्र से एकमात्र उम्‍मीदवार था। 55 सदस्‍यों वाले एशिया-प्रशांत समूह के सदस्‍यों ने पिछले साल जून में ही भारत की उम्‍मीदवारी को सर्वसम्‍मति से स्‍वीकृति प्रदान कर दी थी।


भारत का दो साल का कार्यकाल अगले साल पहली जनवरी से प्रारंभ होगा। संयुक्‍त राष्‍ट्र के इतिहास में भारत आठवीं बार प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के लिए निर्वाचित हुआ है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा है कि भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में सदस्‍य देशों का भरपूर समर्थन मिला और वह इस बहुराष्‍ट्रीय संगठन में सुधार और उसे नयी दिशा देने में नेतृत्‍व नेतृत्‍व प्रदान करता रहेगा। उन्‍होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के लिए भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और, खास तौर पर, कोविड-19 आपदा के दौर में उनके प्रेरणास्पद वैश्विक नेतृत्‍व का प्रमाण है।


शांति प्रबंधन के लिए बदली गई नीतियां

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में 15-16 जून की दरमियानी रात को हुई हिंसक झड़प के दो दिनों बाद तक चीन दो तरह की बातें करता रहा। एक तरफ जहां वो शांति की बात कर रहा है वहीं दूसरी तरफ गलवां घाटी पर दावा ठोक दिया। अपने 20 जवानों के शहीद होने पर भारत ने फैसला लिया है कि यदि चीन चालबाजी से अपने कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। यह बात एक उच्च अधिकारी ने कही।


अधिकारी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सीमा प्रबंधन के लिए शांति बनाए रखने की नीति बदल गई है। वहीं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए जब चाहे चले आने का विकल्प खत्म हो गया है। भारतीय सेना इस समय 3,488 किमी की एलएलसी और पूर्वी क्षेत्र पर अब तक की सबसे ज्यादा मुस्तैद पोजिशन पर तैनात है।


चीन ने भी एलएसी पर अपनी सेना बढ़ाई है खासतौर से गलवां, बेग ओल्डी, देपसान्ग, चुशुल और पूर्वी लद्दाख के दूसरे इलाकों में। मगर ऐसा लग रहा है कि भारतीय सेना युद्ध के लिए पूरी तरह से अलर्ट पर है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी पर सेना किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए मुस्तैद है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 15 हजार सैनिक फॉरवर्ड इलाकों में हैं और इससे भी ज्यादा उनके पीछे खड़े हैं।


कांग्रेस, सैनिकों और सरकार के साथ

नई दिल्ली। चीन की सीमा पर शहीद हुए सैनिकों की शहादत पर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा- मेरे प्यारे भाईयों और बहनों, नमस्कार!


चीन की सीमा पर हमारे 20 वीर सैनिकों की शहादत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सभी बहादुर शहीदों को श्रद्धा के साथ नमन करते हुए दिल की गहराई से श्रद्धांजलि देती हूँ, साथ ही प्रार्थना करती हूँ कि उनके परिवारों को यह दुःख सहने की शक्ति दे। आप सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ महीने से चीन की सेना ने लद्दाख में, भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। आज जब देश में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है, तो प्रधानमंत्री जी को सामने आकर देश को सच्चाई बतानी चाहिए कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया और 20 सैनिकों की शहादत क्यों हुई?


मौके पर आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे सैन्य अधिकारी या सैनिक अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैन्य अधिकारी और सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहाँ-कहाँ कब्जा कर रखा है, इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की सोच, नीति और हल क्या है?


बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक  सरस्वती उपाध्याय  आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की ...